गांव में बढ़ा संक्रमण का खतरा

KKN न्यूज ब्यूरो। बिहार के गांवो में प्रवासी मजदूरो के आने का सिलसिला, थमने का नाम नहीं ले रहा है। लॉकडाउन के बीच ही जैसे-तैसे महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, बंगाल, राजस्थान और यूपी आदि राज्यो से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर बिहार के गांवो में लौट रहें है। लिहाजा, शहर के साथ ही अब ग्रामीण क्षेत्रो में संक्रमण फैलने का खतरा मंडराने लगा है। हांलाकि, इसमें कोई दो राय नहीं है कि सोशल डिस्टेंश को मेंटेन करके कोरोना को हराया जा सकता है।
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बड़ी तैयारी में है सरकार
इस बीच सरकार ने खतरे को भांप लिया है और दूसरे राज्य से आ रहे लोगो का पूरा डेटा तैयार करने का प्रशासन को आदेश दिया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम भी घूम- घूम कर बाहर से आये लोगो का डेटा इखट्ठा कर रही है। तैयारी के नाम पर सरकार ने सरकारी स्कूलो में आइसोलेशन वार्ड बनाने का आदेश जारी किया है। पुलिस के लोग लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराने में लगे रहे। लगातार सोशल डिस्टेंश मेंटेन करने को कहा जा रहा है। यानी सरकार बड़ी तैयारी में जुट गई है।
हेल्पलेश हो चुका है सिस्टम

यह सच है खुद को अलग करके कोरोना को हराया जा सकता है। पर, यह भी सच है कि प्रशासन के पास इससे निपटने के लिए अभी तक कोई ठोस रणनीति नहीं है। बजार में सैनेटाइजर और मास्क की जबरदस्त किल्लत है। अस्पताल में प्रयाप्त आइसोलेशन वार्ड नहीं है। वेंटिलेटर का घोर अभाव है। जिला मुख्यालय में कोरोना वासरस के जांच की सुविधा नही है। हेल्प लाइन नंबर तो है। पर, वह हेल्पलेश हो चुका है। ऐसे में अचानक स्थिति बेकाबू हो गई, तो क्या होगा? यह बड़ा सवाल है।
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