प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता से 9 मिनट का समय मांगा है। उन्होने पूरे देशवासी से 5 अप्रैल को रात 9 बजे अपने घर की सभी लाइटों को बुझा कर और अपने दरवाजे या बालकनी मे जाकर “दीया या मोबाइल की फ्लैश लाइट” जलाने की अपील की है।
आपको बताते चले की इससे पहले भी प्रधानमंत्री लोगों से “ताली या थाली” बजाने की अपील कर चुके है। हालांकि, एस अपील का कुछ लोगों ने कायदे मे रह कर पालन किया तो कुछ लोग सड़क पर थाली बजाने लगे। जबकि, लॉकडाउन के दौरान लोगों को अपने घर मे ही रहकर ऐसा करने को कहा गया था।
प्रधानमंत्री के “दीया या मोबाइल की फ्लैश लाइट” जलाने की अपील पर नए सिरे से राजनीति शुरू हो गई है। इस मामले पर अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों की तरफ से प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। इस कड़ी में अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हो गयी हैं।
ममता बनर्जी ने इस मामले पर कहा, कि वो प्रधानमंत्री मोदी के मामलों में नहीं पड़ना चाहती हैं।
उन्होंने कहा,
“अभी मैं राजनीति करूं या फिर कोरोना वायरस महामारी को रोकूं, क्यों आप एक राजनीतिक जंग की शुरुआत करवाना चाहते हैं? जिसे भी प्रधानमंत्री मोदी की बात सही लगती है वो उनकी बात मानें,अगर मुझे सोना होगा तो मैं सोउंगी यह मामला पूरी तरह से निजी है”
दरअसल शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच अप्रैल की रात को नौ बजे लोगों से घर की लाइटें बंद कर घर के दरवाजे या बालकनी में नौ मिनट के लिए एक दीया जलाने की अपील की थी। ऐसे में अब इसे लेकर पक्ष और विपक्ष के नेताओं की तरफ से बयान आने लगे हैं। इससे पहले पीएम मोदी की अपील पर जनता कर्फ्यू के दिन शाम को पांच बजे लोगों ने पांच मिनट तक थाली या घंटी बजाई थी। उस समय भी प्रधानमंत्री की इस अपील पर लोगों और नेताओं ने अपनी राय रखी थी।
बता दें कि भारत में अब तक कोरोना वायरस महामारी से 68 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, इस वायरस से देश भर में 2,902 लोग संक्रमित हैं। ऐसे में कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार की तरफ से देशभर में 21 दिनों का लॉकडाउन किया गया है। जनता कर्फ्यू के बाद यह प्रधानमंत्री की देश के लोगों से इस तरह की दूसरी अपील है।
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