क्या है मामला?
मुकेश चौधरी ने अपनी शिकायत में कहा कि राहुल गांधी के बयान ने उन्हें गहरे सदमे में डाल दिया। वह पांच लीटर दूध, जिसकी कीमत ₹50 प्रति लीटर थी, लेकर जा रहे थे। उन्होंने कहा:
“मैं उनके बयान से इतना विचलित हो गया कि मेरे हाथ से दूध की बाल्टी गिर गई। राहुल गांधी देश की संप्रभुता को खतरा पहुंचाने की बात कर रहे थे।”
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राहुल गांधी ने नई दिल्ली में कांग्रेस के नए मुख्यालय के उद्घाटन के दौरान कहा था:
“बीजेपी और आरएसएस ने देश की हर संस्था पर कब्जा कर लिया है। हम अब बीजेपी, आरएसएस और भारतीय राज्य के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं।”
कानूनी कार्रवाई
मुकेश चौधरी ने राहुल गांधी के खिलाफ देशद्रोह कानून (धारा 152) सहित कई धाराओं के तहत मामला दर्ज कराया है। उनका कहना है कि राहुल गांधी का बयान देश की एकता और अखंडता के खिलाफ है।
इससे पहले गुवाहाटी के पान बाजार पुलिस स्टेशन में भी राहुल गांधी के खिलाफ इसी बयान को लेकर एफआईआर दर्ज की गई थी।
स्वतंत्रता और जवाबदेही पर बहस
यह मामला स्वतंत्रता और सार्वजनिक जवाबदेही पर बहस को फिर से बढ़ावा देता है।
- स्वतंत्रता का समर्थन: कुछ लोगों का मानना है कि राहुल गांधी का बयान अभिव्यक्ति की आजादी के दायरे में आता है।
- जवाबदेही की मांग: वहीं, अन्य लोगों का कहना है कि राजनीतिक नेताओं को अपने शब्दों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
दूध गिरने पर दर्ज हुआ यह केस भले ही अजीब लगे, लेकिन यह राजनीतिक भाषणों के प्रभाव और नेताओं की जिम्मेदारी पर एक गंभीर चर्चा छेड़ता है।