KKN गुरुग्राम डेस्क | दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आयोजित गणतंत्र दिवस परेड 2025 ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता और सैन्य ताकत का भव्य प्रदर्शन किया। परेड में 31 रंगीन झांकियां, सैन्य बलों की समन्वित मार्चिंग टुकड़ियां और प्रभावशाली हवाई प्रदर्शन ने इस आयोजन को यादगार बना दिया। यह परेड भारत की एकता में विविधता और उसकी प्रगति और उपलब्धियों का प्रतीक थी।
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गणतंत्र दिवस परेड की मुख्य झलकियां
गणतंत्र दिवस परेड में विभिन्न राज्यों और मंत्रालयों की 31 रंगीन झांकियां प्रस्तुत की गईं। ये झांकियां भारत के विभिन्न राज्यों की अनूठी परंपराओं, सांस्कृतिक धरोहर और उपलब्धियों को दर्शा रही थीं। इसके साथ ही, भारतीय सशस्त्र बलों की मार्चिंग टुकड़ियों ने अपने अनुशासन और ताकत का प्रदर्शन किया, जो भारत की सैन्य शक्ति और तत्परता का प्रमाण था।
इसके अलावा, परेड का मुख्य आकर्षण भारतीय वायु सेना का हवाई प्रदर्शन था, जिसमें लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टरों ने मनमोहक हवाई करतब दिखाए। इस अद्भुत प्रदर्शन ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत कर दिया।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित
इस वर्ष की गणतंत्र दिवस परेड में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। यह भारत और इंडोनेशिया के मजबूत कूटनीतिक संबंधों को दर्शाता है। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के पारंपरिक ‘बग्घी’ में आगमन से हुई। इस भव्य आगमन के दौरान राष्ट्रपति के अंगरक्षक उनकी सुरक्षा में मौजूद थे, जिसने पूरे आयोजन को एक राजसी और गरिमामय रूप दिया।
जन भागीदारी: एक समावेशी पहल
इस वर्ष की परेड में सरकार ने ‘जन भागीदारी’ (सार्वजनिक भागीदारी) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लगभग 10,000 विशेष अतिथियों को आमंत्रित किया। इनमें विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले और सरकारी योजनाओं का सर्वोत्तम उपयोग करने वाले लोग शामिल थे। इस पहल ने यह संदेश दिया कि गणतंत्र दिवस का उत्सव केवल एक सरकारी आयोजन नहीं है, बल्कि यह हर नागरिक का पर्व है।
राष्ट्र के शहीदों को श्रद्धांजलि
गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने से हुई। प्रधानमंत्री ने स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित किया, जो देश के प्रति अपनी जान न्योछावर करने वाले वीर जवानों के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक था। यह पल पूरे राष्ट्र के लिए गर्व और संवेदनशीलता का क्षण था।
राष्ट्रीय ध्वजारोहण और 21 तोपों की सलामी
परेड की शुरुआत राष्ट्रीय ध्वज फहराने और राष्ट्रगान के साथ हुई। इसके बाद 21 तोपों की सलामी दी गई, जो इस बार 105 मिमी लाइट फील्ड गन के माध्यम से दी गई। यह स्वदेशी हथियार प्रणाली आत्मनिर्भर भारत की दिशा में देश की प्रगति का प्रतीक है। तोपों की गर्जना ने दर्शकों के दिलों में गर्व और उत्साह की भावना भर दी।
परेड की प्रमुख झलकियां
- Mi-17 हेलीकॉप्टरों द्वारा पुष्प वर्षा:
परेड की शुरुआत Mi-17 1V हेलीकॉप्टरों द्वारा ध्वज गठन (Dhwaj Formation) में पुष्प वर्षा से हुई। इस प्रदर्शन का नेतृत्व ग्रुप कैप्टन आलोक अहलावत ने किया। यह दृश्य दर्शकों के लिए बेहद रोमांचक था। - वीरता पुरस्कार विजेताओं का सम्मान:
परेड में उन बहादुर सैनिकों को शामिल किया गया जिन्होंने देश के लिए अद्वितीय साहस का प्रदर्शन किया। इनमें परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) योगेंद्र सिंह यादव (सेवानिवृत्त) और सूबेदार मेजर संजय कुमार (सेवानिवृत्त) शामिल थे। साथ ही, अशोक चक्र विजेता लेफ्टिनेंट कर्नल जस राम सिंह (सेवानिवृत्त) ने भी परेड में हिस्सा लिया। इन वीरों की उपस्थिति ने पूरे माहौल को गर्वमय बना दिया। - परेड कमांडर और नेतृत्व:
परेड का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार ने किया, जबकि मेजर जनरल सुमित मेहता ने परेड के दूसरे-इन-कमांड के रूप में भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व ने परेड को शानदार ढंग से संपन्न किया। - राज्य और मंत्रालयों की झांकियां:
परेड में राज्यों और केंद्र सरकार के मंत्रालयों की झांकियों ने भारत की सांस्कृतिक विविधता, तकनीकी प्रगति और सामाजिक विकास को प्रभावी ढंग से प्रदर्शित किया।
हवाई प्रदर्शन: परेड का शानदार समापन
परेड का समापन भारतीय वायु सेना के अद्भुत हवाई प्रदर्शन के साथ हुआ। लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों ने विभिन्न हवाई संरचनाओं का प्रदर्शन किया, जो भारतीय वायु सेना की ताकत और तैयारियों का प्रतीक था। यह प्रदर्शन न केवल तकनीकी कौशल का प्रदर्शन था, बल्कि भारत की सैन्य शक्ति और संकल्प को भी दर्शाता था।
2025 के गणतंत्र दिवस का महत्व
गणतंत्र दिवस परेड भारत की एकता में विविधता, आत्मनिर्भरता, और वैश्विक महत्वाकांक्षाओं का प्रतीक है। इस वर्ष की परेड ने न केवल भारत की सांस्कृतिक विरासत और सैन्य शक्ति को प्रदर्शित किया, बल्कि यह भी दिखाया कि देश किस तरह अपने नागरिकों को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित है।
स्वदेशी उपकरणों, जैसे कि 105 मिमी लाइट फील्ड गन, का उपयोग आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक और कदम था। यह परेड भारत की प्रगति और आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
सार्वजनिक भागीदारी और राष्ट्रीय गौरव
इस वर्ष की परेड में सार्वजनिक भागीदारी पर जोर दिया गया, जिसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों और पृष्ठभूमियों से आमंत्रित अतिथियों ने हिस्सा लिया। इस पहल ने यह सुनिश्चित किया कि गणतंत्र दिवस केवल एक औपचारिक आयोजन न होकर, हर नागरिक की भागीदारी का प्रतीक बने।
गणतंत्र दिवस परेड 2025 कर्तव्य पथ पर भारत की सांस्कृतिक धरोहर, सैन्य शक्ति, और राष्ट्रीय एकता का भव्य उत्सव था। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति की मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थिति ने भारत के बढ़ते अंतरराष्ट्रीय संबंधों और उसकी वैश्विक छवि को और मजबूत किया।
झांकियों की रंगीन प्रस्तुति, वीरता पुरस्कार विजेताओं की उपस्थिति, और हवाई प्रदर्शन ने इस परेड को एक यादगार आयोजन बना दिया। यह आयोजन न केवल भारत की उपलब्धियों को रेखांकित करता है, बल्कि हर भारतीय को उनके योगदान और जिम्मेदारी का एहसास दिलाता है।
भारत की बढ़ती वैश्विक स्थिति और आत्मनिर्भरता की दिशा में इसकी प्रगति गणतंत्र दिवस परेड 2025 के माध्यम से पूरे देश के सामने प्रस्तुत की गई। यह परेड हर भारतीय के लिए गर्व का प्रतीक है और देश की उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।