KKN गुरुग्राम डेस्क | मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल चौहान और उनकी पत्नी रिद्धि की शादी 15 फरवरी 2025 को भोपाल में धूमधाम से हुई। इस शादी में पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ-साथ कुछ विशेष पहलू भी देखने को मिले, जो इसे और भी यादगार बना गए। खास बात यह रही कि शिवराज सिंह चौहान ने बेटे और बहू को सात फेरे लेने के बाद एक और वचन दिलवाया, जो शादी की परंपराओं से अलग था।
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शादी में सात फेरे और आठवां वचन
जैसा कि हम जानते हैं, भारतीय शादी में सात फेरे यानी ‘सप्तपदी’ लेना एक अनिवार्य रिवाज है। इन सात फेरों के दौरान दूल्हा और दुल्हन एक-दूसरे से जीवनभर साथ रहने, प्रेम और सम्मान की प्रतिज्ञा करते हैं। लेकिन इस शादी में शिवराज सिंह चौहान ने एक और खास वचन जोड़ा। यह वचन न केवल बेटे और बहू के रिश्ते की मजबूती का प्रतीक था, बल्कि यह समाज और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का भी संदेश था।
शिवराज सिंह चौहान ने बेटे कुणाल और बहू रिद्धि से कहा, “अपने जीवन में प्रकृति की सेवा करने का प्रण लो।” यह एक नया वचन था, जिसे शादी के पारंपरिक सात फेरों के बाद शामिल किया गया। इस वचन के तहत कुणाल और रिद्धि ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारी स्वीकार की और भविष्य में हर कदम पर इस दिशा में काम करने का संकल्प लिया।
आठवां वचन: प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी
शिवराज सिंह चौहान का यह कदम एक सामाजिक संदेश देने के लिए था, जो पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति की सेवा को प्राथमिकता देने की बात करता है। मुख्यमंत्री ने न केवल अपने बेटे और बहू को व्यक्तिगत जीवन में जिम्मेदार नागरिक बनने की सलाह दी, बल्कि यह भी बताया कि यह एक जिम्मेदारी है जो केवल पारिवारिक नहीं, बल्कि वैश्विक भी है।
कुणाल और रिद्धि ने इस आठवें वचन का पालन करते हुए शादी के बाद एक पौधारोपण कार्यक्रम में भाग लिया। इस मौके पर दोनों ने एक-एक पेड़ लगाए, जो उनकी जीवन यात्रा की शुरुआत को पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनके समर्पण का प्रतीक बने। यह वचन और पौधारोपण समारोह एक महत्वपूर्ण कदम था, जो शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में पर्यावरणीय चेतना को बढ़ावा देने की कोशिशों को दर्शाता है।
परिवार और समाज के लिए संदेश
इस शादी के साथ-साथ शिवराज सिंह चौहान ने यह संदेश भी दिया कि पारिवारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए जरूरी नहीं कि केवल व्यक्तिगत वादे किए जाएं। बल्कि, समाज और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी को भी शादी के जश्न का हिस्सा बनाया जा सकता है। यह कदम न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक प्रेरणा बन गया है कि हम किस तरह से अपने व्यक्तिगत जीवन के फैसलों को पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक भलाई से जोड़ सकते हैं।
शिवराज सिंह चौहान ने इस अवसर पर यह भी कहा कि पारंपरिक शादी के दौरान दिए गए सात वचनों के अलावा, हमें समाज और प्रकृति के लिए अपनी जिम्मेदारी को भी समझना चाहिए। उनका मानना है कि हर व्यक्ति को अपनी जीवन यात्रा में ऐसे कदम उठाने चाहिए जो समाज और पर्यावरण के लिए लाभकारी हो।
कुणाल और रिद्धि का नया जीवन: पर्यावरण के प्रति समर्पण
शादी के इस खास मौके पर कुणाल और रिद्धि ने न केवल अपने रिश्ते को मजबूत करने के लिए सात वचन लिए, बल्कि पर्यावरण को बचाने के लिए भी एक मजबूत संदेश दिया। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि जीवन का असली उद्देश्य सिर्फ अपने परिवार के लिए नहीं, बल्कि प्रकृति के संरक्षण और समाज के भले के लिए भी कार्य करना है। कुणाल और रिद्धि का यह कदम समाज के लिए एक बड़ा उदाहरण बन गया है, क्योंकि इससे यह संदेश जाता है कि शादी के बाद हमें सिर्फ अपने रिश्ते को ही नहीं, बल्कि अपनी धरती की भी देखभाल करनी चाहिए।
शिवराज सिंह चौहान का पर्यावरण से जुड़ा संदेश
शिवराज सिंह चौहान हमेशा से ही पर्यावरण के प्रति अपने समर्पण के लिए जाने जाते रहे हैं। उन्होंने अपनी सरकार में कई ऐसे कदम उठाए हैं, जो पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण रहे हैं। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में कई वृक्षारोपण अभियान चलाए गए हैं और राज्य में हरियाली को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की गई है। इस शादी के माध्यम से उन्होंने फिर से यह संदेश दिया कि पर्यावरण से जुड़ी जिम्मेदारियां केवल सरकार की नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
उनकी यह पहल इस बात को साबित करती है कि राजनीति से ऊपर उठकर भी वे व्यक्तिगत रूप से पर्यावरण और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने में विश्वास रखते हैं। उनकी सोच यह है कि जब तक हम प्रकृति की देखभाल नहीं करेंगे, तब तक कोई भी आर्थिक, सामाजिक या राजनीतिक व्यवस्था पूरी तरह से सफल नहीं हो सकती।
शादी की पारंपरिक और सांस्कृतिक गतिविधियां
इस शादी के दौरान पारंपरिक रिवाजों का पालन बड़े श्रद्धा भाव से किया गया। विवाह समारोह में परिवार के सदस्य, रिश्तेदार और राजनीतिक नेता भी शामिल हुए। शिवराज सिंह चौहान ने अपने बेटे कुणाल और बहू रिद्धि को आशीर्वाद दिया और उन्हें जीवन में सफलता, सुख, और समृद्धि की कामना की। शादी की रस्मों के साथ-साथ एक शानदार भोज का आयोजन भी किया गया, जहां सभी मेहमानों ने एक साथ भोजन किया और दूल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद दिया।
इस शादी ने एक नया संदेश दिया है कि शादी केवल दो लोगों का मिलन नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी और समाज के प्रति योगदान का भी प्रतीक हो सकता है। शिवराज सिंह चौहान ने यह सिद्ध कर दिया कि समाज और प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना कि पारिवारिक रिश्तों को निभाना।
आगे का रास्ता: पर्यावरण और समाज के लिए जिम्मेदारी
इस शादी के साथ-साथ कुणाल और रिद्धि ने एक नया रास्ता अपनाया है। यह रास्ता न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए एक संदेश है। यह दर्शाता है कि हमारे जीवन में सिर्फ व्यक्तिगत खुशियों का ही महत्व नहीं है, बल्कि हमें अपने पर्यावरण और समाज की भलाई के लिए भी काम करना चाहिए।
शिवराज सिंह चौहान ने इस शादी के माध्यम से यह साबित किया कि अच्छे और सफल रिश्ते केवल एक-दूसरे का साथ देने से नहीं बनते, बल्कि यह हमारे समाज और प्रकृति के प्रति हमारे कर्तव्यों को निभाने से भी बनते हैं।
कुणाल और रिद्धि की शादी केवल एक पारंपरिक समारोह नहीं थी, बल्कि यह एक बड़े सामाजिक और पर्यावरणीय संदेश का हिस्सा थी। शिवराज सिंह चौहान ने बेटे और बहू को जो आठवां वचन दिलवाया, वह यह दर्शाता है कि आज के समय में हमें केवल अपने रिश्तों को ही नहीं, बल्कि अपनी पृथ्वी और समाज की भी देखभाल करनी चाहिए। यह शादी एक प्रेरणा बन गई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि शादी का मतलब केवल दो व्यक्तियों का मिलन नहीं, बल्कि यह समाज और पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी का भी प्रतीक है।