KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार में सड़क सुरक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है। राज्य सरकार ने एक नया नियम लागू किया है, जिसका उद्देश्य सड़कों की गुणवत्ता में सुधार और खराब सड़क हालात के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को कम करना है। इस नए आदेश के अनुसार, अगर किसी ठेकेदार ने सड़क पर गड्ढे छोड़ दिए तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश बिहार शहरी अवसंरचना विकास निगम (BUIDCo) के प्रबंध निदेशक अनिमेष कुमार पराशर ने जारी किया है।
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सड़कों पर गड्ढे बिहार में लंबे समय से एक बड़ी समस्या रहे हैं, जो जनता के लिए गंभीर परेशानी का कारण बने हुए हैं। कई नागरिक इन गड्ढों के कारण दुर्घटनाओं का शिकार हुए हैं, जिनमें से कुछ ने अपनी जान भी गंवाई है। इस नए नियम का उद्देश्य इस बढ़ती समस्या का समाधान करना है और यह सुनिश्चित करना है कि ठेकेदार निर्धारित मानकों और समयसीमा के अनुसार अपना कार्य पूरा करें।
यह निर्णय क्यों जरूरी था?
बिहार में सड़कों की हालत वर्षों से खराब रही है। खराब सड़कें न केवल लोगों को परेशानी में डालती हैं बल्कि दुर्घटनाओं का कारण भी बनती हैं। यह समस्या इसलिए बढ़ी क्योंकि ठेकेदार समय पर काम पूरा नहीं करते थे और सड़कों को अधूरा छोड़ देते थे। कई बार सड़कें जल्दबाजी में बनाई जाती थीं, जिससे सड़क की गुणवत्ता खराब हो जाती थी और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता था।
इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार ने BUIDCo के माध्यम से एक नया निर्देश जारी किया है, जिसमें ठेकेदारों को विशेष मानकों के अनुसार सड़क निर्माण और रख-रखाव का पालन करने के लिए कहा गया है। इसके तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सड़कें गड्ढों से मुक्त हों और काम समय पर पूरा हो।
जो ठेकेदार इन मानकों का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उन पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। बिहार सरकार का मानना है कि इस नए तरीके से ठेकेदारों को अपनी जिम्मेदारियों का सही तरीके से पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और राज्य की सड़कों की स्थिति में सुधार होगा।
नई एसओपी: ठेकेदारों के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश
सड़कों पर गड्ढों को लेकर नया नियम लागू होने के साथ-साथ BUIDCo ने एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) भी तैयार की है। इस नई SOP के तहत, ठेकेदारों को अपने काम को समय पर पूरा करने और सड़कों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नए दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उन पर जुर्माना लगाया जाएगा और कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
SOP में यह भी तय किया गया है कि अब नालों का निर्माण सही तरीके से किया जाएगा। नए नियमों के अनुसार, नाले बाहरी क्षेत्रों से शुरू होंगे और मोहल्लों और कॉलोनियों से जुड़ेंगे। पहले नाले बिना किसी योजना के कहीं से भी शुरू कर दिए जाते थे, जिससे शहर में जलजमाव और जलनिकासी की समस्या उत्पन्न होती थी।
नई नीतियों का उद्देश्य: सार्वजनिक सुरक्षा में सुधार
इन नई नीतियों का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। ठेकेदारों पर सख्त नियमों का पालन करने और सड़क निर्माण तथा नाली व्यवस्था में सुधार के माध्यम से, सरकार दुर्घटनाओं को कम करने और बिहार के बुनियादी ढांचे में सुधार करने की योजना बना रही है।
अनिमेष कुमार पराशर ने कहा कि इस पहल से न केवल सड़कों की सुरक्षा में वृद्धि होगी बल्कि शहरों में फैलने वाली बीमारियों को भी कम किया जा सकेगा। नई SOP के लागू होने से सड़कों और शहरों में सुरक्षा और स्वच्छता बढ़ेगी, जिससे लोगों की जिंदगी की गुणवत्ता में सुधार होगा।
ठेकेदारों की जिम्मेदारी और जवाबदेही
नई नीति के तहत ठेकेदारों की जिम्मेदारी बढ़ गई है। अब उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि सड़कें समय पर और उच्च गुणवत्ता के साथ बनाई जाएं। गड्ढे छोड़ने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी, ताकि ठेकेदारों को अपनी जिम्मेदारी समझ में आए और वे अपने काम को गंभीरता से करें।
BUIDCo ने कहा है कि नए नियमों को कड़ाई से लागू किया जाएगा और जो ठेकेदार इन नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस कदम से बिहार में सड़क निर्माण की गुणवत्ता में सुधार आने की उम्मीद जताई जा रही है।
नाली प्रणाली में सुधार और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर
नई नीति का एक और महत्वपूर्ण पहलू नाली प्रणालियों में सुधार है। बिहार सरकार ने पहचाना कि खराब नाली निर्माण शहरों में बाढ़ और स्वच्छता संबंधी समस्याओं का प्रमुख कारण है। इस समस्या को हल करने के लिए नए नियमों में ठेकेदारों को नालों का सही तरीके से निर्माण करने की जिम्मेदारी दी गई है।
बारिश के मौसम में जलजमाव और पानी जनित बीमारियों से बचने के लिए नालियों की बेहतर व्यवस्था की जाएगी। इस पहल से बिहार के शहरों में जलनिकासी प्रणाली में सुधार आएगा, जो बाढ़ और पानी की समस्याओं से निजात दिलाएगा।
इन नई नीतियों और नियमों का लागू होना बिहार में इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए एक बड़ा कदम साबित होगा। सड़क सुरक्षा, नाली प्रबंधन और ठेकेदारों की जवाबदेही पर जोर देकर, सरकार बिहार में सड़क यातायात और बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण बदलाव की उम्मीद कर रही है। इस से न केवल दुर्घटनाओं में कमी आएगी, बल्कि लोगों की जीवन गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
अनिमेष कुमार पराशर के आदेश के बाद ठेकेदारों पर कानूनी कार्रवाई करना बिहार में सड़क निर्माण के तरीके में बदलाव लाने वाला कदम साबित होगा। यदि इन नियमों को सही तरीके से लागू किया जाता है, तो बिहार की सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श बन सकती है, जिससे नागरिकों की सुरक्षा बढ़ेगी और सड़क से जुड़ी दुर्घटनाओं का खतरा कम होगा।
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