लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल में लगी भीषण आग, मरीजों को निकाला गया सुरक्षित

Fire in Lokbandhu Hospital: Emergency Evacuation and Patient Safety Measures

KKN गुरुग्राम डेस्क | लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल में 14 अप्रैल 2025 की रात को एक भयंकर आग लग गई, जिससे अस्पताल के मरीजों और स्टाफ में अफरा-तफरी मच गई। आग के कारण अस्पताल के करीब 500 मरीजों को तुरंत बाहर निकाला गया। इस घटना में एक मरीज की जान चली गई, और दो अन्य मरीजों की हालत गंभीर हो गई। यह घटना शहर के लिए एक बड़े हादसे के रूप में सामने आई और इसने अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।

आग की शुरुआत और तात्कालिक प्रतिक्रिया

लोकबंधु अस्पताल के मेडिसिन विभाग की फीमेल वार्ड और ICU में करीब रात 9:30 बजे आग लगी। आग की सूचना मिलते ही अस्पताल में मौजूद स्टाफ ने बिना किसी देरी के मरीजों को बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी। खासकर जिन मरीजों की स्थिति गंभीर थी, उन्हें सिविल अस्पताल और बलरामपुर अस्पताल भेजा गया। साथ ही, बाकी मरीजों को दूसरे वार्डों में शिफ्ट किया गया।

इस घटना के दौरान ICU में धुआं भरने से दो मरीजों की हालत बिगड़ गई और उन्हें तात्कालिक चिकित्सा सहायता की आवश्यकता पड़ी। हालांकि, अस्पताल के कर्मचारियों और सुरक्षा कर्मियों की तत्परता के कारण मरीजों का सुरक्षित रूप से इलाज जारी रखा गया और बड़े नुकसान से बचाव किया गया।

आग का कारण: जांच जारी

हालांकि आग का वास्तविक कारण अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है, लेकिन अस्पताल प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों ने इसकी जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक, यह आग इलेक्ट्रिकल शॉर्ट सर्किट या अस्पताल के हीटिंग सिस्टम में किसी प्रकार की तकनीकी गड़बड़ी के कारण लग सकती है, लेकिन जांच में और अधिक जानकारी सामने आ सकती है।

इस घटना ने अस्पतालों में आग सुरक्षा उपायों की आवश्यकता को एक बार फिर से उजागर कर दिया है। खासकर उन अस्पतालों में, जहां बड़ी संख्या में मरीज भर्ती होते हैं, वहां सुरक्षा प्रोटोकॉल और तकनीकी उपकरणों की जांच आवश्यक होनी चाहिए।

मरीजों और उनके परिवारों का डर और तनाव

आग की खबर फैलते ही मरीजों के परिवार के लोग अस्पताल पहुंचे। कई परिवारों ने बताया कि उन्हें आग के बारे में सही जानकारी नहीं मिली, जिससे उन्हें अपने प्रियजनों की सुरक्षा को लेकर चिंता हुई। अस्पताल में फंसे मरीजों की सुरक्षित निकासी के दौरान खींची गई तस्वीरें इस घटना की भयावहता को दिखाती हैं। इनमें मरीजों को व्हीलचेयर पर या स्ट्रेचर पर ले जाते हुए देखा गया, जबकि कुछ लोग धुएं से बचने के लिए इमरजेंसी एग्जिट की ओर भागते हुए दिखे।

आग के दौरान मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अस्पताल प्रशासन ने तुरंत कदम उठाए और कुछ मरीजों को जल्दी-जल्दी दूसरे अस्पतालों में भेजा गया। इन तस्वीरों ने इस घटना की गंभीरता को और अधिक उजागर किया।

प्रतिक्रिया: प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों का त्वरित कदम

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी घटना की जानकारी मिलने के बाद अस्पताल पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों और दमकल विभाग के कर्मचारियों की टीम के साथ मिलकर आग पर काबू पाया और मरीजों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित की। घटना के बाद उपमुख्यमंत्री ने अस्पताल के प्रशासन को आग की जांच और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया।

लखनऊ दमकल विभाग ने घटना की गंभीरता को देखते हुए बड़ी संख्या में फायर ट्रकों और कर्मियों को भेजा। विभाग ने आग पर काबू पाया और अस्पताल के अन्य हिस्सों में आग फैलने से रोका। घटना के तुरंत बाद, आसपास के अस्पतालों से मेडिकल टीमों को बुलाकर गंभीर मरीजों को तत्काल उपचार दिया गया।

घटना का असर और सुरक्षा उपायों पर सवाल

इस घटना ने लोकबंधु अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। अस्पताल में आग सुरक्षा उपायों की कमी या फिर इनकी अनुपस्थिति के कारण ऐसी बड़ी घटना घटी। इसने यह भी स्पष्ट किया कि सभी सरकारी अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा प्रोटोकॉल की सख्त समीक्षा और अद्यतन करने की आवश्यकता है।

आग की घटना के बाद, शहरवासियों ने सोशल मीडिया पर अपनी चिंता व्यक्त की है और अस्पतालों में सुरक्षा उपायों को कड़ा करने की मांग की है। अब यह जरूरी हो गया है कि अस्पताल प्रशासन अग्नि सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए अपनी संपूर्ण सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाए। साथ ही, अस्पतालों में मरीजों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित किया जाए।

मरीजों के लिए उपचार और सहायता

आग के बाद, जो मरीज लोकबंधु अस्पताल में उपचार ले रहे थे, उन्हें त्वरित उपचार और पुनः भर्ती करने के लिए अन्य सरकारी और निजी अस्पतालों में भेजा गया। इन अस्पतालों में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए खास इंतजाम किए गए। इस पूरे घटनाक्रम में स्थानीय अस्पतालों ने मरीजों को त्वरित और सुरक्षित इलाज प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

क्या सीखा जाए इस घटना से?

  1. अग्नि सुरक्षा उपायों का सुधार: अस्पतालों में नियमित रूप से अग्नि सुरक्षा ड्रिल और सुरक्षा निरीक्षण किए जाने चाहिए। इसके साथ ही अस्पतालों में अग्निशामक यंत्रों और तकनीकी उपकरणों की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए।

  2. मरीजों की सुरक्षित निकासी के लिए कदम: अस्पतालों में मरीजों की सुरक्षित निकासी के लिए स्पष्ट मार्गदर्शन और योजनाएं बनाई जानी चाहिए। इसके लिए इमरजेंसी रूट और वायरलेस सिस्टम का उपयोग किया जा सकता है ताकि इमरजेंसी स्थितियों में सब कुछ सुचारू रूप से चल सके।

  3. स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता: अस्पतालों में इस तरह की घटनाओं के दौरान स्वास्थ्य विभाग को सक्रिय रूप से काम करने की आवश्यकता है ताकि समय पर उपचार दिया जा सके और मरीजों को किसी भी प्रकार की चोट या नुकसान से बचाया जा सके।

लोकबंधु अस्पताल में लगी आग ने यह स्पष्ट कर दिया कि अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा और आपातकालीन निकासी के उपायों में सुधार की जरूरत है। इस घटना ने अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा की हैं, जिससे उत्तर प्रदेश सरकार और अस्पताल प्रशासन को आगामी समय में इन सुधारों को प्राथमिकता देनी चाहिए।

यह घटना सभी अस्पतालों के लिए एक चेतावनी है कि वे अपनी सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करें और सुनिश्चित करें कि मरीजों की सुरक्षा सर्वोपरि हो।

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