KKN गुरुग्राम डेस्क | भारत एक ऐसा देश है जहाँ भौगोलिक और सांस्कृतिक विविधताएँ साफ़ तौर पर दिखाई देती हैं। यहाँ के हर हिस्से में मौसम की अलग-अलग परिस्थितियाँ देखने को मिलती हैं। एक तरफ जम्मू-कश्मीर में बारिश और लैंडस्लाइड ने तबाही मचाई है, वहीं दूसरी तरफ ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आगामी दिनों के लिए कुछ क्षेत्रों में और अधिक कठिन मौसम की भविष्यवाणी की है।
Article Contents
जम्मू-कश्मीर: भारी बारिश और लैंडस्लाइड से हुई तबाही
जम्मू के रामबन जिले में मूसलधार बारिश और बादल फटने से भारी तबाही हुई है। 14 किलोमीटर लंबी रामबन सड़क का अधिकांश हिस्सा मलबे में तब्दील हो गया है। जहाँ एक दिन पहले तक सामान्य जीवन चल रहा था, अब वहां पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है। मकान, दुकानें और सड़कें सब कुछ तबाह हो चुके हैं। प्रशासन और राहत कार्यकर्ता इन प्रभावित क्षेत्रों तक पहुँचने के लिए कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। कई गाँव जिला मुख्यालय से कट गए हैं। प्रशासन ने 21 अप्रैल 2025 को सभी स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने की घोषणा की है।
IMD ने पहले ही खराब मौसम की चेतावनी दी थी, लेकिन इस स्तर की तबाही की उम्मीद किसी को नहीं थी। हालाँकि, 21 अप्रैल को मौसम थोड़ा सामान्य हो सकता है और आंधी या भारी बारिश की संभावना नहीं है।
वर्षा और लैंडस्लाइड के बाद IMD की भविष्यवाणी का सत्य होना
IMD की भविष्यवाणी सही साबित हुई, और जम्मू में बारिश के कारण कई स्थानों पर बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ। राष्ट्रीय राजमार्ग अब नदियों की तरह बह रहे हैं और चारों ओर मलबा ही मलबा दिखाई दे रहा है। प्रशासन और राहत दल लगातार स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यह एक लंबी और कठिन प्रक्रिया हो सकती है।
ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भीषण गर्मी
वहीं दूसरी तरफ, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भीषण गर्मी से हालात खराब हो गए हैं। ओडिशा के पश्चिमी भाग में, जैसे कि झारसुगुड़ा में अधिकतम तापमान 43.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया। राज्य के कई स्थानों पर पारा 40 डिग्री के पार जा चुका है। बोलांगिर में 42.4 डिग्री, तितलीगढ़ में 42 डिग्री, और सुंदरगढ़ में 41.8 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया। इसके साथ ही, पश्चिम बंगाल में भीषण गर्मी के कारण स्कूलों में गर्मी की छुट्टियाँ पहले घोषित कर दी गई हैं। आमतौर पर यहाँ मई के दूसरे सप्ताह में समर वेकेशन शुरू होते हैं, लेकिन इस बार सरकार ने इसे 30 अप्रैल से शुरू करने का निर्णय लिया है।
दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार में गर्मी का असर
दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में तापमान तेजी से बढ़ने की संभावना है। हालाँकि पिछले कुछ दिनों में हल्की बारिश और आंधी-तूफान ने कुछ राहत दी थी, लेकिन अब फिर से गर्मी बढ़ने की उम्मीद है। IMD का अनुमान है कि दिल्ली का तापमान शुक्रवार तक 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच सकता है।
उत्तर प्रदेश, बिहार और हरियाणा जैसे राज्यों में भी गर्मी का असर देखा जा सकता है। यहाँ तापमान 40 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है। जबकि कुछ हिस्सों में हल्की बारिश और आंधी से राहत मिल सकती है, अन्य क्षेत्रों में तेज गर्मी बनी रहेगी। बिहार में भी दिन के समय तेज धूप और गर्म हवाओं के कारण लोग परेशान हैं, हालांकि तेज पुरबाई हवा कुछ राहत दे रही है।
गर्मी के कारण स्वास्थ्य पर प्रभाव
गर्मी की वजह से स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है। लोग डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक और अन्य गर्मी संबंधित बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे दिन के सबसे गर्म समय में बाहर जाने से बचें, पर्याप्त पानी पिएं और हल्के कपड़े पहनें।
किसानों को भी इस गर्मी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उनकी फसलें इस अप्रत्याशित तापमान से प्रभावित हो रही हैं। स्कूलों और कॉलेजों में बच्चों को गर्मी से बचाने के लिए समय सारणी में बदलाव किया जा सकता है।
गर्मी के कारण आम जीवन पर असर
गर्मी के बढ़ने से सामान्य जीवन भी प्रभावित हो रहा है। लोग गर्मी से बचने के लिए एसी या कूलर का सहारा ले रहे हैं, और सरकारी स्कूलों ने बच्चों की सुरक्षा के लिए छुट्टियाँ पहले घोषित की हैं। इसके अलावा, सरकार ने कुछ इलाकों में सार्वजनिक जगहों पर पानी के कूप भी लगवाए हैं ताकि लोग गर्मी से बच सकें।
क्लाइमेट चेंज और मौसम की अनिश्चितताएँ
भारत में मौसम के पैटर्न में हो रहे बदलाव यह दर्शाते हैं कि जलवायु परिवर्तन का प्रभाव अब साफ़ तौर पर दिखाई दे रहा है। जहां एक ओर जम्मू में भारी बारिश और लैंडस्लाइड हो रहे हैं, वहीं ओडिशा और पश्चिम बंगाल में गर्मी ने लोगों को मुश्किल में डाल दिया है। IMD और अन्य मौसम विशेषज्ञ इस पर लगातार निगरानी रखे हुए हैं, ताकि समय रहते लोगों को चेतावनी दी जा सके और राहत कार्य किए जा सकें।
भारत में मौसम की विविधता हर साल नई चुनौतियाँ पेश करती है। एक ओर जहाँ जम्मू में भारी बारिश से तबाही मच रही है, वहीं दूसरी ओर ओडिशा और पश्चिम बंगाल में तापमान चरम पर पहुँच चुका है। दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में भी गर्मी के तेवर बढ़ने की संभावना है।
IMD की भविष्यवाणी ने यह साबित किया है कि देश के विभिन्न हिस्सों में मौसम की स्थिति बहुत ही अप्रत्याशित हो सकती है, और इसके लिए अधिक सटीक और समयबद्ध चेतावनियों की आवश्यकता है। वहीं, जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम की स्थितियों में बदलाव आ रहा है, जिसके चलते हमे बेहतर योजना और तैयारी की जरूरत है।