पहलगांव आतंकी हमला: देश गुस्से में, क्या अब होगा आतंक के आकाओं पर मिलिट्री एक्शन?

पहलगांव से दर्दनाक खबर: आतंकियों ने फिर दिखाई कायरता

KKN न्यूज़ ब्यूरो। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगांव इलाके में मंगलवार रात हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में सुरक्षाबलों पर घात लगाकर हमला किया गया, जिसमें निर्दोश सैलानियों को मौत के घाट उतार दिया गया। कई अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। शुरुआती जांच में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी मॉड्यूल का हाथ बताया जा रहा है।

आतंक के आकाओं पर कब होगा एक्शन?

इस हमले के बाद सबसे बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है — क्या सरकार अब सिर्फ चंद आतंकियों को मार गिराकर इतिश्री करेगी, या फिर आतंक के असली सरगनाओं के खिलाफ सीधा मिलिट्री एक्शन होगी? सूत्रों की मानें तो NSA अजीत डोभाल खुद हालात पर नजर बनाए हुए हैं और PMO से लगातार संपर्क में हैं।

देशभर में गुस्सा, सोशल मीडिया पर उबाल

हमले के बाद देशभर में गुस्से की लहर दौड़ गई है। ट्विटर पर #PahalgamAttack #StrikeBackNow ट्रेंड कर रहा है। लोग सरकार से “सर्जिकल स्ट्राइक 3.0” की मांग कर रहे हैं। वीर शहीदों के परिजनों ने कहा है, “अब सिर्फ निंदा नहीं, ठोस एक्शन चाहिए।”

सिर्फ चंद आतंकियों को मारने से नहीं होगा काम

विशेषज्ञों का मानना है कि सिर्फ इस घटना में शामिल आतंकियों को मारने से कोई बड़ा फर्क नहीं पड़ेगा। जब तक आतंक के नेटवर्क की रीढ़ नहीं तोड़ी जाएगी, ऐसे हमले रुकने वाले नहीं हैं। भारत के पास तकनीकी और सामरिक क्षमता है कि वो सीमा पार बैठे सरगनाओं को टारगेट कर सके।

क्या कहती है खुफिया रिपोर्ट?

खुफिया एजेंसियों ने पहले ही अलर्ट किया था कि गर्मी के मौसम में आतंकी संगठन घाटी में हिंसा को बढ़ा सकते हैं। LoC पार से लगातार ड्रोन और घुसपैठ की गतिविधियां भी बढ़ी हैं। हालिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में 3 बड़े लॉन्चपैड सक्रिय हैं।

सरकार का रुख क्या होगा?

गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि इस बार जवाब ‘अनुपात से ज्यादा’ होगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है, “हमारे जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। जो इस हमले के पीछे हैं, उन्हें सजा जरूर मिलेगी।” अब देखना है कि सरकार कूटनीतिक स्तर पर दबाव बनाती है या सीधा सैन्य कार्रवाई करती है।

जनता की मांग: सिर्फ निंदा नहीं, निर्णायक कदम चाहिए

पहलगांव हमले ने एक बार फिर जनता को याद दिलाया है कि आतंक की जड़ें सिर्फ सीमाओं के भीतर नहीं, बाहर भी फैली हुई हैं। देश की मांग है — अब की बार, आर-पार…।

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