लेखक: नि‍खि‍ल

  • प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन से क्‍या बातें नि‍कल कर सामने आयी

    प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन से क्‍या बातें नि‍कल कर सामने आयी

    प्रधानमंत्री मोदी ने आज एक बार फिर देश को संबोधित किया है। 21 दिनों से चल रहे लॉकडाउन का आज आखिरी दिन था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है, साथ ही प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने का ऐलान किया है।

    पीएम मोदी ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का भारत को बहुत बड़ा लाभ मिला है। अगर सिर्फ आर्थिक दृष्टि से देखें तो बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। लेकिन, लोगों की जान की कीमत बाकी सब चीजों से बहुत ज़्यादा है। विश्वभर में हेल्थ एक्सपर्ट और सरकारों को और ज्यादा सतर्क कर दिया गया है। भारत में भी अब लड़ाई कैसे आगे बढ़ें और हम विजयी कैसे हो, हमारे यहां हो रहे नुकसान और लोगों की दिक्कतें कैसे कम हो। उन्होने कहा इसे लेकर सभी राज्यों के सरकारों और नागरिकों की मानें तो लॉकडाउन को बढ़ाने का सुझाव दिया गया है। इसी को ध्यान मे रखकर लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला लिया गया  है।

    पीएम मोदी ने देशवासियों को कहा कि अब कोरोना को हमें किसी भी कीमत पर नए क्षेत्रों में फैलने नहीं देना है। स्थानीय स्तर पर अब एक भी मरीज बढ़ता है, तो ये हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए। हमें हॉटस्पॉट को लेकर बहुत ज्यादा सतर्कता बरतनी होगी, जिन स्थानों के हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका है, उस पर भी हमें कड़ी नजर रखनी होगी। साथ ही उन्होने कहा नए हॉटस्पॉट का बनना, हमारे परिश्रम और तपस्या को और चुनौती देगा। पीएम मोदी ने कहा अगले एक सप्ताह में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कठोरता और ज्यादा बढ़ाई जाएगी। हर एक क्षेत्र को परखा जाएगा की वहाँ लॉकडाउन का पालन किया जा रहा है या नही और जो क्षेत्र इस अग्निपरीक्षा में सफल होंगे, जो हॉटस्पॉट में नहीं होंगे और जिनके हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका भी कम होगी, वहां पर 20 अप्रैल से कुछ जरूरी गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है ।

     

     

  • कोरोना काल में कुछ अच्छा भी हुआ है

    कोरोना काल में कुछ अच्छा भी हुआ है

    पूरे देश में लॉकडाउन लगा हुआ है। इस लॉकडाउन के कारण जहां एक तरफ अर्थव्यवस्था खतरे में है, वहीं दूसरी तरफ पर्यावरण में सुधार देखा जा रहा है। आसमान जहां धुएं और जहरीली धूल-कणों से भरा दिखता था, वहीं अब नीला और बिल्कुल साफ दिखता है। नदियों का पानी स्वच्छ हो गया है। जिस गंगा को करोड़ों रुपयों का अभियान स्वच्छ ना कर सका, उसे 21 दिन के लॉकडाउन ने स्वच्छ कर दिया।

    इस चकाचौंध के दौर में हम विकास तो कर रहे हैं, लेकिन साथ ही पर्यावरण का नुकसान भी कर रहे हैं।

    जब कोरोना जैसी कोई महामारी आती है, तो हम उसके विरुद्ध कठोर से कठोर तत्कालिक फैसला लेते हैं, लेकिन जहां वायु प्रदूषण से हर साल लगभग 12 लाख लोगों की जाने जाती हैं, तो उसके बारे में हम कुछ नहीं सोचते। कोरोना ने हमें सिखाया है,  कि हमें विकास के इस दौर में अपने पर्यावरण को नहीं भूलना होगा, ताकि पर्यावरण की स्वच्छता हमेशा बनी रहे।

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  • अर्थव्यवस्था पर कोरोना का प्रभाव, RBI की रिपोर्ट

    अर्थव्यवस्था पर कोरोना का प्रभाव, RBI की रिपोर्ट

    कोरोना वायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है। इसकी वजह से पूरी दुनिया दोहरी मार से जूंझ रही है। एक तरफ जहां संक्रमण फैलने से लोगों की मौत हो रही है, वहीं दूसरी तरफ इकोनॉमी पर इसका बुरा असर पड़ रहा है। इससे अब भारतीय अर्थव्यवस्था भी नहीं बच पायी है।

    रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया  ने अपनी मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू में लिखा है, कि कोरोना वायरस की महामारी की वजह से भारत की अर्थव्यवस्था की रिकवरी तेजी से खत्म हो रही है। RBI  की रिपोर्ट के मुताबिक साउथ एशिया के इंजन की ग्रोथ इस महामारी की वजह से कमजोर पड़ रही है।

    आरबीआई का कहना है कि कोरोना महामारी का संक्रमण फैलने से पहले वित्त वर्ष 2020-21 की ग्रोथ को लेकर वे उत्साहित थे। लेकिन, अब उनका कहना है की इसकी ग्रोथ तेजी से घटती जा रही है। साथ ही उन्होने अपनी रिपोर्ट मे लिखा की ग्लोबल इकोनॉमी 2020 में स्लोडाउन में जा सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक इंडियन इकोनॉमी की ग्रोथ 2019 के आखिरी तीन महीनों में पिछले छह साल में सबसे कम रही। इसकी वजह से आरबीआई ने पूरे साल की ग्रोथ का अनुमान 5 फीसदी लगाया था, जो पिछले 10 साल में सबसे कम है।

    उन्होने कहा की ट्रेड में राहत की बात बस इतनी है, कि इंटरनेशनल क्रूड प्राइस में नरमी बनी हुई है। लेकिन, इससे भी इकोनॉमिक ग्रोथ की भरपाई नहीं की जा सकती क्योंकि लॉकडाउन की वजह से इसकी मांग कम है। RBI ने ये भी कहा है कि अभी अनिश्चितता बहुत ज्यादा है, इसलिए GDP को लेकर अभी कोई अनुमान जारी नहीं किया जाएगा। उन्होने कहा की अभी वे कोरोना के संक्रमण का आकलन कर रहे है।

    आरबीआई का कहना है, कि इस साल महंगाई के मोर्चे पर बड़ी राहत मिलेगी। बीते मार्च में खुदरा महंगाई की दर चार महीने के निचले स्तर 5.93 फीसदी पर आने का अनुमान है, जो फरवरी में 6.58 फीसदी रही थी। इस साल जून तिमाही में खुदरा महंगाई 4.8 फीसदी, सितंबर तिमाही में 4.4 फीसदी, दिसंबर तिमाही में 2.7 फीसदी और मार्च तिमाही में 2.4 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है।

     

  • दिल्ली और उत्तरप्रदेश में कोरोना हॉटस्पॉट के इलाके सील

    दिल्ली और उत्तरप्रदेश में कोरोना हॉटस्पॉट के इलाके सील

    पूरे भारत मे लॉकडाउन की अवधि समाप्त होने के कगार पर है, लेकिन कोरोना का कहर रुकने का नाम नही ले रहा है। इस महामारी को देखते हुए उत्तर प्रदेश और दिल्ली की सरकारों ने अपने-अपने राज्यों में कई हॉटस्पॉट इलाकों को सील कर दिया है।

    आखिर क्या है ये कोरोना हॉटस्पॉट?

    वैसा इलाका जहां कई कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हों और आगे भी उन इलाकों में संक्रमण फैलने की संभावना अधिक हो, वो वैसे इलाकों को हॉटस्पॉट कहा जाता है। ये इलाका किसी भी आकार हो सकता है, कुछ घरों से लेकर मोहल्ला, कॉलोनी या फिर पूरे सेक्टकर तक, यहां तक कि किसी अपार्टमेंट को भी एक हॉटस्पॉट माना जा सकता है, जहां से कोरोना पॉज़िटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही हो।

    जहां दिल्ली सरकार ने लगभग 20 हॉटस्पॉट सील कर दिए, तो वहीं उत्तर प्रदेश की सरकार ने राज्य के 15 जिलों के हॉटस्पॉट इलाकों को सील करने का फैसला लिया है।  इतना ही नही ऐसी संभावना जताई जा रही है कि देश के कई हिस्सों में आने वाले कुछ समय में ऐसे ही और भी कई हॉटस्पॉट इलाके सील किए जा सकते हैं।

  • दवा मिलने पर ट्रंप ने कहा, भारत की मदद को अमेरिका याद रखेगा

    दवा मिलने पर ट्रंप ने कहा, भारत की मदद को अमेरिका याद रखेगा

    कोरोना वायरस के संकट से जूझ रहे अमेरिका को भारत ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात को मंजूरी दे दी है। भारत से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात की मंजूरी मिलने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सुर बदल से गए और उन्होंने जमकर भारत और पीएम मोदी की तारीफ की। ट्रंप ने भारत की ओर से कोरोना के इलाज में उपयोग किए  जा रहे मलेरिया की दवाई हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात की मंजूरी दिए जाने के बाद कहा कि, अमेरिका इस मदद को कभी नहीं भुला पाएगा। उन्होंने भारत, भारत के लोगों और पीएम मोदी को इसके लिए धन्यवाद दिया।

    डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि,

    “मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करना चाहता हूं जिन्होंने हमारे अनुरोध को मंजूरी दी, हम इस मदद को हमेशा याद रखेंगे”

    उन्होंने आगे कहा कि, चुनौतीपूर्ण समय में दोस्तों के बीच करीबी सहयोग की जरूरत होती है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद देते  हुए कहा कि, आपके मजबूत नेतृत्व से न सिर्फ भारत को, बल्कि इस चुनौती से लड़ रही मानवता को मदद मिलेगी।

    दवा का निर्यात नहीं करने पर जवाबी कार्रवाई मे अमेरिका भी बंंद कर सकता था मेडि‍कल सामान का निर्यात  
    इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मीडिया को संबोधित कर कहा था कि अगर भारत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा सप्लाई करता है तो ठीक, वरना हम जवाबी कार्रवाई करेंगे। हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा मलेरिया के लिए होता है, जिसका भारत प्रमुख निर्यातक रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इस संबंध में मैंने रविवार की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की और उन्होंने कहा की वो  हमारी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के सप्लाई  के अनुरोध पर गंभीरता से सोचेंगे।

    भारत ने दिया था जवाब 
    कोरोना संकट से घिरे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा की आपूर्ति करने के अनुरोध पर भारत ने कहा था कि, एक जिम्मेदार देश होने के नाते हमसे जितना हो सकेगा, हम मदद करेंगे। भारत ने अमेरिका को स्पष्ट तौर पर बताया कि, हम अपने देश की जनता को कोरोना वायरस से सुरक्षित करने के बाद ही दूसरे देशों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन दवा की आपूर्ति करेंगे। इसी कारण विदेश व्यापार महानिदेशालय ने 25 मार्च को इस दवा के निर्यात पर रोक लगा दी थी।

  • झारखंड में मिला कोरोना का तीसरा मरीज

    झारखंड में मिला कोरोना का तीसरा मरीज

    झारखंड में कोरोना वायरस का एक और मरीज टेस्‍ट में संक्रमित पाया गया है। इसी के साथ झारखंड में अब कोरोना वायरस से संक्रमित  मरीजों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है। नई मरीज एक महिला है, जो बोकारो जिले के चंद्रपुरा प्रखंड की रहने वाली है।

    महिला की तबलीग़ी जमात से जुड़ी होने की आशंका जताई जा रही  है। महिला कुछ दिनों पहले ही बांग्लादेश से लौटी थी और बांग्लादेश में कुछ  दिनों पहले तबलीग़ी जमात का सम्मेलन भी हुआ था।

    आपको बता दें कि, चंद्रपुरा प्रखंड के तीन लोग बांग्लादेश के ढाका में हुए तबलीग़ी जमात में शामिल होकर 15 मार्च को चंद्रपुरा अपने-अपने घर लौटे थे। तीनों लोगों की स्क्रीनिंग कराई गई तथा उन्हें क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया। पिछले दिनों तीनों लोगों का सैंपल जांच के लिए भेजा गया, जिसमें एक व्यक्ति में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है।

    आपको बता दें की, अबतक झारखंड में दो लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई थी। रविवार को तीसरा मरीज मिलने के बाद राज्य में हड़़कंप मचा है।

  • अमेरिका ने भारत से की मदद की अपील

    अमेरिका ने भारत से की मदद की अपील

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद मांगी है, अभी तक अमेरिका में  कोरोना संक्रमण के 3 लाख से अधिक मामले और 8 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। अब तक पूरी दुनिया को कोरोना का कोई इलाज नहीं मिल पाया है।

    पिछले महीने भारत ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात पर रोक लगा दी थी। विदेश व्यापार महानिदेशालय ने 25 मार्च को इस दवा के निर्यात पर रोक लगा दी थी। हालांकि, डीजीएफटी ने कहा था कि, मानवता के आधार पर मामले-दर-मामले में इसके निर्यात की अनुमति दी जा सकती है।

    अमेरिका के राष्ट्रपति ने अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, की भारत बड़ी मात्रा में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन बनाते हैं। मैंने शनिवार सुबह प्रधानमंत्री मोदी से बात कर, अमेरिका के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के ऑर्डर की आपूर्ति करने का निवेदन किया।

     

    कुछ शुरुआती परिणामों के आधार पर अमेरिका कोरोना के इलाज के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का उपयोग करने पर जोर दे रहा है। हालांकि, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन दशकों से मलेरिया के उपचार के काम आती है। पिछले शनिवार को अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन से तुरंत मंजूरी के बाद, कुछ अन्य दवा के संयोजन के साथ मलेरिया की दवा का उपयोग करके न्यूयॉर्क में लगभग 1,500 कोरोना संक्रमितों का उपचार किया जा रहा है।

    ट्रंप के अनुसार दवा के सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि यदि यह सफल हो जाता है, तो यह “स्वर्ग से मिले किसी तोहफे के समान होगा”। अगले कई हफ्तों में, अमेरिका के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस के कारण एक लाख से दो लाख मौतों का अनुमान लगाया है।

    पूरी दुनिया के वैज्ञानिक दिन रात इस वायरस की वैक्सीन ढूंढने में लगे हुए हैं, ताकि लोगों की जान बचाई जा सके। इस महामारी के कारण दुनिया में अब तक 64 हजार से ज्यादा लोगों की जाने जा चुकी है।

  • जानिए पीएम मोदी की ‘दीया जलाओ’ अपील पर ममता ने क्या बोला

    जानिए पीएम मोदी की ‘दीया जलाओ’ अपील पर ममता ने क्या बोला

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता से 9 मिनट का समय मांगा है। उन्होने पूरे देशवासी से 5 अप्रैल को रात 9 बजे अपने घर की सभी लाइटों को बुझा कर और अपने दरवाजे या बालकनी मे जाकर “दीया या मोबाइल की फ्लैश लाइट” जलाने की अपील की है।

    आपको बताते चले की इससे पहले भी प्रधानमंत्री लोगों से “ताली या थाली” बजाने की अपील कर चुके है। हालांकि, एस अपील का कुछ लोगों ने कायदे मे रह कर पालन किया तो कुछ लोग सड़क पर थाली बजाने लगे। जबकि, लॉकडाउन के दौरान लोगों को अपने घर मे ही रहकर ऐसा करने को कहा गया था।

    प्रधानमंत्री के “दीया या मोबाइल की फ्लैश लाइट” जलाने की अपील पर नए सिरे से राजनीति शुरू हो गई है। इस मामले पर अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों की तरफ से प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। इस कड़ी में अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हो गयी हैं।

    ममता बनर्जी ने इस मामले पर कहा, कि वो प्रधानमंत्री मोदी के मामलों में नहीं पड़ना चाहती हैं।

    उन्होंने कहा,

    “अभी मैं राजनीति करूं या फिर कोरोना वायरस महामारी को रोकूं, क्यों आप एक राजनीतिक जंग की शुरुआत करवाना चाहते हैं? जिसे भी प्रधानमंत्री मोदी की बात सही लगती है वो उनकी बात मानें,अगर मुझे सोना होगा तो मैं सोउंगी यह मामला पूरी तरह से निजी है”

    दरअसल शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच अप्रैल की रात को नौ बजे लोगों से घर की लाइटें बंद कर घर के दरवाजे या बालकनी में नौ मिनट के लिए एक दीया जलाने की अपील की थी। ऐसे में अब इसे लेकर पक्ष और विपक्ष के नेताओं की तरफ से बयान आने लगे हैं। इससे पहले पीएम मोदी की अपील पर जनता कर्फ्यू के दिन शाम को पांच बजे लोगों ने पांच मिनट तक थाली या घंटी बजाई थी। उस समय भी प्रधानमंत्री की इस अपील पर लोगों और नेताओं ने अपनी राय रखी थी।

    बता दें कि भारत में अब तक कोरोना वायरस महामारी से 68 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, इस वायरस से देश भर में 2,902 लोग संक्रमित हैं। ऐसे में कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार की तरफ से देशभर में 21 दिनों का लॉकडाउन किया गया है। जनता कर्फ्यू के बाद यह प्रधानमंत्री की देश के लोगों से इस तरह की दूसरी अपील है।

  • मजदूरों पर केमिकल की बौछार के मामले में दो फायरमैन निलंबित

    मजदूरों पर केमिकल की बौछार के मामले में दो फायरमैन निलंबित

    पिछले कुछ दिनों पहले दिल्ली से अपने घर लौटे मजदूरों को सैनिटाइज करने के नाम पर उत्तरप्रदेश के बरेली में लोगों को बैठाकर दमकल कर्मियों ने केमिकल का छिड़काव कर दिया था। इस घटना पर विपक्ष पार्टी ने उत्तरप्रदेश की सरकार तथा शासन व्यवस्था पर निशाना साधा था।

    आपको बताते चलें की बरेली में सैनिटाइजेशन कर रही फायर ब्रिगेड की टीम ने बसों का इंतजार कर रहे मजदूरों, महिलाओं व बच्चों को बैठाकर उनके ऊपर केमिकल छिड़काव कर दिया था। इससे लोगों की त्वचा झुलस गई और आंखों में भी काफी तकलीफ हुई थी। इस घटना पर स्थानीय डीएम ने बताया था की, ये घटना कर्मचारियों के अतिसक्रियता के कारण हुआ है। उन्होने सम्बंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए थे।

    जांच के बाद एसएसपी शैलेश पांडेय ने लीडिंग फायरमैन महेश और स्प्रे पाइप हाथ में पकड़ने वाले फायरमैन आसिम को निलंबित कर दिया। एसएसपी ने इसकी पुष्टि की।

    फायर सर्विस के डीजी आरके विश्वकर्मा ने बताया कि, सैनिटाइजेशन के दौरान फायरकर्मी ध्यान रखें कि किसी मानव या जानवरों के ऊपर इसका छिड़काव न हो। घरों व बिल्डिंगों के अंदर छिड़काव न करें, क्योंकि वहां ज्वलनशील वस्तुएं होती हैं। मीडिया को मौके पर बुलाने से बचें, उन्हें खुद ही फोटो उपलब्ध कराएं तथा अनावश्यक भीड़ एकत्र न करें।

  • चीन वेंटिलेटर के लिए भारत की मदद करने को तैयार

    चीन वेंटिलेटर के लिए भारत की मदद करने को तैयार

    चीन ने कहा कि, वो कोरोना वायरस के इस संकट में वेंटिलेटर की ज़रूरतों को पूरा करने में, भारत की मदद करने को तैयार है। हालांकि, चीन ने यह भी कहा कि, उसके यहां वेंटिलेटर बनानेवाली कंपनियों को आयातित पुर्ज़ों के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना वायरस के इस संकट से लड़ने के लिए, इस समय अमेरीका और भारत समेत कई देश वेंटिलेटर की ज़रूरतों को पूरा करने की कोशिश में लगे हुये हैं। चीन के वेंटिलेटर निर्माता कंपनियों ने कहा है, कि आयातित पुर्ज़ों के बिना वेंटिलेटर का उत्पादन मुश्किल है।

    वहीं, रिपोर्ट के अनुसार भारत, चीन समेत उन कई देशों की कंपनियों के संपर्क में हैं जो वेंटिलेटर और अन्य चिकित्सा उपकरणों की ज़रूरतें पूरी कर सकती हैं। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता, हुआ चुनयिंग ने बुधवार को मीडिया से कहा, “जैसा की हम जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय महामारी को मात दे रहे हैं। हम अपने अनुभव साझा करने और पूरी मदद देने के लिए तैयार हैं।”

    दरअसल, दुनियाभर में कोरोना के कारण वेंटिलेटर की मांगे बहुत बढ़ गयी है। लेकिन, एक वेंटिलेटर बनाने में लगभग 1000 से ज़्यादा पुर्ज़ें इस्तेमाल होते हैं, जो दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से आते हैं।

     

     

  • झारखंड मे कोरोना का पहला मामला

    झारखंड मे कोरोना का पहला मामला

    झारखंड की राजधानी रांची में कोरोना का पहला मरीज मिला है। आपको बताते चले की जहां भारत के लगभग सभी राज्यों में कोरोना का मामला सामने आ चुका है। वहीं, झारखंड अभी तक कोरोना के संक्रमण से बचा हुआ था। राज्य में कोरोना के इस पहले मामले से सनसनी फैल गई। हर कोई कोरोना वायरस की महामारी को लेकर दहशत में आ गया। इस बीच रांची के हिंदपीढ़ी इलाके को सील कर, कर्फ्यू लगा दिया गया है। लोगों को इस इलाके से दूर रखा जा रहा है।

    रांची में मंगलवार को कोरोना वायरस से संक्रमित पायी गई मलेशिया की धर्म प्रचारक एक युवती है। जिसने 16 मार्च को नई दिल्ली से रांची आने वाली राजधानी एक्स्प्रेस के B-1 बोगी में सफर किया था। इसे ध्यान मे रखते हुए, रांची उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी ने रांची वासियों से अपील की है की जो भी व्यक्ति 16 मार्च 2020 को दिल्ली से राजधानी एक्सप्रेस के B-1 बोगी में सफर करके रांची पहुंचे हैं, वे लोग इसकी सूचना जिला प्रशासन को दें और आवश्यक रूप से अपनी जांच कराएं। इस बोगी में यात्रा करने वाले सभी यात्रियों को प्रशासन से संपर्क करने तथा अपनी जांच कराने का निर्देश दिया गया है।

    कोरोना संक्रमित मलेशियन महिला जिस घर मे रुकी थी, उस घर को सील कर दिया गया है। उस घर और पड़ोस के लोगों को क्वारंटाइन के लिए RIMS भेज दिया गया है। इस इलाके में डोर टू डोर कोरोना की स्क्रीनिंग की जा रही है, ताकि संक्रमित लोगों का पता चल पाए और उन्हें क्वारंटाइन किया जाए।

    जिन-जिन घरों में मलेशियन रुके थे, वैसे घरों को प्रशासन की टीम चिन्हित कर रही है, ताकि घरों मे रहने वाले लोगों का कोरोना की जांच किया जा सके।

  • क्या बेडशीट का मास्क और रेनकोट बचाएगा डॉक्टरों को कोरोना से?

    क्या बेडशीट का मास्क और रेनकोट बचाएगा डॉक्टरों को कोरोना से?

    कोरोना का संक्रमण प्रतिदिन बढ़ रहा है। लॉकडाउन के दौरान भी संक्रमितों की संख्या मे लगातार इजाफा हो रहा है, सभी लोगों को घर मे रहने को कहा जा रहा है। परंतु, कुछ ऐसे भी लोग है जो दिन-रात इसी प्रयास में लगे हुये है की जितनी जल्दी हो हम इस संकट से पार पा लें। इस विकत परिस्थिति में एक अहम भूमिका हमारे देश के डॉक्टरों की है, जो कोरोना संक्रमित लोगों का इलाज कर रहे हैं। इसलिए सबसे पहले उनकी सुरक्षा जरूरी है, जो हमारी सुरक्षा के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। परंतु, क्या ऐसा हो रहा है?

    क्या डॉक्टर सुरक्षित हैं?

    बात करते है बंगाल के सिलीगुड़ी स्थित नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज की, जहां के डॉक्टरों की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं। तस्वीरों में डॉक्टर्स PPE (Personal Protective Equipments), लेबोरेटरी ग्लास और सर्जिकल N95 मास्क की जगह बेडशीट से बने मास्क, सनग्लास और रेनकोट इस्तेमाल कर रहे हैं। यहां के डॉक्टरों ने दावा किया है की उन्हें कोरोना वायरस के मरीजों को देखने के लिए Personal Protective Equipments नहीं मिले हैं। बल्कि उनसे बेडशीट के मास्क, सनग्लास और रेनकोट इस्तेमाल करने को कहा गया है।

    इस मामले में मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स MSVP (मेडिकल सुपरिंटेंडेंट कम वाइस प्रिंसिपल) से मिले, तब उन्होंने डॉक्टरों को बताया कि PPE की कोई आपूर्ति नहीं है और इसके लिए एक अनुरोध भेजा गया है। ऐसे में जब डॉक्टरों ने उन पर दबाव बनाया, तो उन्होंने डॉक्टरों को ड्यूटी पर न आने को कह दिया।

  • कोरोना: भारतीय क्रिकेटर रोहित शर्मा ने की कोरोना से जंग में आर्थिक मदद

    कोरोना: भारतीय क्रिकेटर रोहित शर्मा ने की कोरोना से जंग में आर्थिक मदद

    पूरे देश में कोरोना के खिलाफ जंग जारी है। हमारे देश के डॉक्टर्स, सुरक्षा कर्मी, मीडिया सभी दिन रात कम कर रहे है, ताकि हम अपने घर पर सुरक्षित रह सके। कुछ इस महामारी से लड़ने में शारीरिक मदद कर रहे हैं, तो कुछ आर्थिक। इसी बीच भारतीय क्रिकेट टीम के  बल्लेबाज रोहित शर्मा ने मंगलवार को कोरोना के खिलाफ इस जंग में 80 लाख रुपये की आर्थिक मदद की।

    रोहित शर्मा ने इसमें से पीएम केयर्स फंड को 45 लाख रुपये और महाराष्ट्र सीएम राहत कोष को 25 लाख रुपये दिए। इन्होने फीडिंग इंडिया और वेलफेयर ऑफ स्ट्रे डॉग्स दोनों को 5-5 लाख रुपये दिये। इस बात की जानकारी भारतीय बल्लेबाज रोहित शर्मा ने खुद अपने ट्विटर पर दी।

    उन्होंने लिखा, “हमें अपने देश को वापस अपने स्थान पर लाने की जरूरत है और हमे खुद पर भरोसा है, मैंने अपने हिस्से का दान किया। आप भी सहयोग करें”

  • अब एटीएम के जरिये भी कर सकते है रिलायंस जियो का रीचार्ज

    अब एटीएम के जरिये भी कर सकते है रिलायंस जियो का रीचार्ज

    कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन घोषित है। ऐसे में सिर्फ आवश्यक चीजों की दुकानें ही खोलने का आदेश दिया गया है। हालांकि टेलिकॉम सर्विसेस को जरूरी चीजों की श्रेणी में रखा गया है, लेकिन ऑफलाइन रिचार्ज की दुकानें भी बंद हैं। ऐसे में रिलायंस जियो ने एटीएम के जरिए जियो नंबर रिचार्ज करने की सुविधा का ऐलान किया है।

    ऑनलाइन रिचार्ज के इस दौर में अभी भी बड़ी संख्या में ऐसे यूजर्स हैं, जो दुकानों पर जाकर मोबाइल रिचार्ज करवाते हैं। ऐसे में रिलायंस जियो एटीएम के जरिए रिचार्ज करने की यह सुविधा लेकर आई है। हालांकि फिलहाल रिलयांस जियो का रिचार्ज कुछ ही बैंकों के एटीएम के जरिए कर सकेंगे। बैंकों के एटीएम की लिस्ट कुछ इस प्रकार है-

    स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईडीबीआई बैंक, सिटी बैंक, डीसीबी बैंक, एयूएफ बैंक और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक

    चलिये जानते है रीचार्ज करने के स्टेप्स के बारे में, जिसे फॉलो कर आप एटीएम से जियो का रीचार्ज कर सकते है।

    1. एटीएम में अपना कार्ड डालें, एटीएम की स्क्रीन पर आपको रिचार्ज का ऑप्शन दिखेगा, उसे सेलेक्ट करें।
    2. अब आपको अपना जियो का मोबाइल नंबर डालना है, जिसपे आप रीचार्ज करना चाहते है।
    3. अब अपना एटीएम पिन पिन डालें।
    4. अब आपको जितने रुपए का रिचार्ज करना है वह अमाउंट डालें। ध्यान रखें वहां आपको प्लान नहीं दिखाया जाएगा, एटीएम की स्क्रीन में आपको सिर्फ अमाउंट डालना होगा। इसलिए आप पहले से ही रीचार्ज प्लान की कीमत पता करके रखें।
    5. अमाउंट डालने के बाद रिचार्ज कंफर्म करने के लिए एंटर बटन दबाएं। इसके बाद आपका जियो नंबर रिचार्ज हो जाएगा और एसएमएस के द्वारा आपके फोन पर रीचार्ज की जानकारी मिल जाएगी।
  • नोएडा के डीएम को पद से हटाया गया

    नोएडा के डीएम को पद से हटाया गया

    कोरोना का कहर देश में दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। उत्तरप्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसी समस्या पर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को नोएडा पहुंचे और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की। कोरोना के सबसे ज्यादा मामले जिले में सामने आने को लेकर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी बीएन सिंह ने सफाई देनी चाही तो मुख्यमंत्री नाराज हो गए और कहा कि अपनी बकवास बंद करिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिली फटकार के बाद गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी बीएन सिंह ने तीन महीने की छुट्टी की अर्जी दे डाली। उन्होंने एक पत्र लिखकर कहा कि मैं नोएडा में काम नहीं करना चाहता।

    https://twitter.com/dmgbnagar/status/1244702457915006976

    उत्तरप्रदेश के नोएडा में बीएन सिंह की ओर से छुट्टी अर्जी देने पर राज्य सरकार ने नोएडा के डीएम बीएन सिंह को पद से हटा दिया। उनकी जगह सुहास एल वाई को नोएडा का नया डीएम बनाया गया है। बीएन सिंह को राजस्व विभाग में अटैच कर दिया गया है।

     

  • कोरोना: बरेली में मजदूरों पर सैनेटाइजर की बौछाड़

    कोरोना: बरेली में मजदूरों पर सैनेटाइजर की बौछाड़

    कोरोना वायरस से पूरी दुनिया परेशान है, पूरी दुनिया इससे बचने के लिए दिन-रात प्रयास कर रही है। भारत मे भी 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है। इसी बीच उत्तरप्रदेश के बरेली में मजदूरों को सैनेटाइजर से नहलाने की घटना सामने आयी है। कहा जा रहा है की मजदूरों पर सोडियम हाइड्रोक्साइड की बौछाड़ कर दी गयी। डॉक्टरों का कहना है, ऐसा करने पर मजदूरों की तबीयत बिगड़ सकती है। इस घटना को ”अमानवीय” करार देते हुए यूपी के पूर्व CM अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने योगी सरकार पर निशाना साधा है।

    वहीं इस घटना पर स्थानीय डीएम ने कहा कि, यह सब अधिकारियों की अति सक्रियता की वजह से हुआ है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, इस वीडियो की पड़ताल की गई, प्रभावित लोगों का सीएमओ के निर्देशन में उपचार किया जा रहा है। बरेली नगर निगम की टीम को बसों को सैनेटाइज़ करने के निर्देश थे, पर अति सक्रियता के चलते उन्होंने ऐसा कर दिया। सम्बंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

     

  • भारत-पाकिस्तान का सबसे बड़ा मैच आज के दिन ही खेला गया था

    भारत-पाकिस्तान का सबसे बड़ा मैच आज के दिन ही खेला गया था

    एमएस धोनी की कप्तानी में भारत ने 28 साल बाद 2011 में विश्व कप जीता था। उस विश्व कप का दूसरा सेमीफाइनल मोहाली में भारत और पाकिस्तान के बीच आज के दिन ही खेला गया था। जब सचिन तेंदुलकर के बिस्फोटक पारी के दम पर भारत ने पाकिस्तान को हरा कर फाइनल में जगह बनाई थी।

    भारतीय टीम ने 2011 विश्व कप में हराया था पाकिस्तान को

    सेमीफाइनल की जीत का जश्न मानते भारतीय टीम
    सेमीफाइनल मैच के जीत का जश्न मनााती भारतीय टीम

    मैच में भारतीय टीम के कप्तान एमएस धोनी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था, जिसके बाद भारतीय टीम ने अच्छी शुरुआत की लेकिन वीरेन्द्र सहवाग 38 रन बना कर आउट हो गये साथ ही गौतम गंभीर ने भी मात्र 27 रन ही बनाये। तत्कालीन कप्तान विराट कोहली ने भी उस मैच में मात्र 9 रन बनाये और युवराज सिंह ने तो अपना खाता भी नहीं खोला। रन न बनने के कारण भारतीय टीम मुश्किल में आ गयी थी, लेकिन उसके बाद भारतीय कप्तान एमएस धोनी और सचिन तेंदुलकर ने क्रमशः 25 और 85 रन बनाए। अंत में सुरेश रैना के नाबाद 36 रनों की मदद से भारत ने 261 रन बनाए। आपको बता दे की पाकिस्तानी टीम 261 रन के लक्ष्य का पीछा नहीं कर सकी और आज के दिन ही भारतीय टीम ने पाकिस्तान को 29 रनों से हराकर फ़ाइनल में अपनी जगह बनाई थी।

    भारतीय खिलाड़ियों ने रचा था इतिहास

    2011 का विश्व कप का फाइनल भारत और श्रीलंका के बीच खेला गया था। जिसमें भारत ने श्रीलंका को हराकर अपने 28 साल के सपने को पूरा किया था। जिसके बाद एमएस धोनी, कपिल देव के बाद विश्व कप जीतने वाले दूसरे भारतीय कप्तान बन गये थे।

     

  • कोरोना: क्या स्मार्ट बैंड कोरोना के संक्रमण को कम करेगा?

    कोरोना: क्या स्मार्ट बैंड कोरोना के संक्रमण को कम करेगा?

    KKN न्यूज़ डेस्क। कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया परेशान है। डॉक्टर्स बार-बार लोगों को आंख, नाक और मुँह छूने से मना कर रहे हैं। वास्तविकता यह है, कि हमें खुद ही इन छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान नहीं होता और जाने-अनजाने में एक दिन में अनेकों बार अपने आंख, नाक और मुँह छूते हैं।

    लेकिन ऐसा होता क्यों हैं और क्या ये छूट सकता है?

    मनोवैज्ञानिको की मानें तो हम ऐसा जानबूझकर नहीं करते हैं, बल्कि ये हमारे डीएनए का हिस्सा है और ये अपने आप होता है। इस आदत को अचानक से छोड़ना तो मुश्किल ही है, लेकिन इसे धीरे-धीरे छोड़ा जा सकता है। इन्हीं आदतों को छुड़वाने के लिए अनटच (UnTouch) नामक भारतीय कंपनी ने बाजार में एक अनोखा स्मार्ट बैंड लॉन्च किया है, जो खासकर आंख, नाक और मुँह को छूने की लत को खत्म करने के लिए लॉन्च किया गया है। इस बैंड का नाम अनटच बैंड (UnTouch Band) है, जो कि देखने में एक स्मार्ट बैंड की तरह ही है।

    यह स्मार्टबैंड काम कैसे करता है?

    यह बैंड गेस्चर टेक्नोलॉजी पर काम करता है और बार-बार आंख, नाक और मुँह को छूने की आदत पर रोक लगाता है। उदाहरण के तौर पर  यदि आपको बार-बार नाक में ऊंगली डालने की आदत है या बार-बार दातों से नाखून काटने की आदत है, तो आप इस बैंड को नाक या मुँह के पास ले जाकर डाटा सेव कर सकते हैं। इसके बाद जब भी आप नाक या मुँह के  पास हाथ ले जाएंगे तो, बैंड आपको वाइब्रेशन के जरिए अलर्ट करेगा। बैंड सेटिंग के लिए आपको एक एप डाउनलोड करना होगा।

    इस वक्त पूरी दुनिया कोरोना वायरस के संक्रमण से परेशान है और डॉक्टर लोगों को आंख, मुँह, नाक बार-बार छूने से मना कर रहे हैं। ऐसे में यह बैंड लोगों को कोरोना के संक्रमण से बचाने में काफी मददगार साबित हो सकता है।

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  • कोरोना: कोरोना से जंग में BCCI ने की आर्थिक मदद

    कोरोना: कोरोना से जंग में BCCI ने की आर्थिक मदद

    KKN न्यूज़ डेस्क। भारतीय क्रिकेट बोर्ड यानी BCCI (Board of Control of Cricket in India) ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए 51 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता करने की घोषणा की है। बोर्ड ऑफ कंट्रोल ऑफ क्रिकेट इन इंडिया ने शनिवार को अपने  ट्विटर के माध्यम से इसकी जानकारी दी

    बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने भी ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी

    आपको बताते चले की बीसीसीआई दुनिया की सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है और कोरोना संकट मे आर्थिक मदद नहीं देने के कारण लोग सोशल मीडिया पर इसकी काफी आलोचना कर रहे थे। इससे पहले श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड भी कोरोना पीड़ितों के लिए आर्थिक मदद दे चुकी हैं ।

     

  • कोरोना: क्या चीन कोरोना से हुई मौत के आकड़ों को छुपा रहा है?

    कोरोना: क्या चीन कोरोना से हुई मौत के आकड़ों को छुपा रहा है?

    KKN न्यूज़ डेस्क। कोरोना वायरस के कारण दुनिया भर में 30 हजार से ज्यादा लोगों की जाने जा चुकी है, जबकि 6 लाख से ज़्यादा संक्रमित हैं। अभी भी इसके बढ़ने का सिलसिला थमा नही है। वहीं यह वायरस सबसे पहले चीन में फैला और इसने वहां 80 हजार से ज़्यादा लोगों को संक्रमित किया, जिसमें से 3 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। लेकिन, दुनिया को चीन द्वारा दिए आंकड़ों पर शक है। यह बात सच है कि, कोरोना संक्रमित मरीजों में से ज्यादातर ठीक हो जाते हैं। वायरस से ज्यादा खतरा उन्हें है, जो पहले से ही किसी बीमारी से ग्रसित है।

    क्या चीन कोरोना से हुई मौत के आकड़ों को छुपा रहा है?
    एक रिपोर्ट के अनुसार चीन में अस्थि कलश की मांगे बढ़ी है, जिसके आधार पर कोरोना से हुई मौत के आंकड़ों पर सवाल उठाए जा रहे हैं। रिपोर्ट मे कहा गया है, कि चीन में कोरोना के केंद्र वुहान के शवदाह गृह में पिछले दो दिनों में 5 हजार अस्थि कलश मंगवाए गए हैं। इससे यह सवाल उठता हैं, कि यदि 3 हजार के करीब लोगों की जानें गई है, तो 5 हजार अस्थि कलश क्यों मंगवाए गए है?

    बीते कुछ महीनों में, चीन में बंद हुए दो करोड़ से ज्यादा फोन
    चीन की मोबाइल कंपनियों के अनुसार पिछले दो-तीन महीनों में 2 करोड़ से ज्यादा उपभोक्ताओं के फोन डिएक्टिवेट हो गए हैं। ऐसा पहली बार हुआ है, जब इस तरह से टेलिफोन यूजर्स की संख्या घटी है। तो सवाल उठता है, कि चीन मे इतने फोन क्यों बंद हुए?  इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है, कि कोरोना वायरस के कारण जो प्रवासी मजदूर शहरों को छोड़कर गांव चले गए,  उन्होंने अपने शहर वाले नंबर्स का इस्तेमाल करना बंद कर दिया है। लेकिन चीन की कंपनियों में अब काम शुरू हो गया है। ऐसे में यदि इस तर्क के पीछे सच्चाई है, तो ये फोन दोबारा चालू हो जाएंगे। अगर ऐसा नहीं होता है, इस तर्क पर शक पैदा होना स्वाभाविक है।