लेखक: नि‍खि‍ल

  • मन की बात: लॉकडाउन और कोरोना पर मन की बात कर रहे हैं पीएम मोदी

    मन की बात: लॉकडाउन और कोरोना पर मन की बात कर रहे हैं पीएम मोदी

    KKN न्यूज़ डेस्क। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन लागू होने के बाद, आज पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार सुबह 11 बजे अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। इस बार कार्यक्रम में  पीएम मोदी कोरोना वायरस की वजह से देश में उपजी परिस्थितियों को लेकर अपनी बात रख रहे हैं।

    भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 1000 पार कर चुकी है, इनमें से 25 की मौत हो चुकी है। हालांकि 86 लोग ठीक भी हो चुके हैं।

    ‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने देश की जनता से माफी मांगी, उन्होने कहा की मुझे बहुत कठोर कदम उठाने पड़े, जिससे लोगों को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। प्रधानमंत्री मोदी ने एक कोरोना संक्रमित श्री रामगंपा तेजा से बात की, जो अब ठीक हो चुके हैं। श्रीरामगंपा तेजा ने कोरोना के प्रति अपना अनुभव साझा किया। पीएम मोदी ने उन्हें, अपने अनुभव को रिकॉर्ड कर साेशल मीडिया पर साझा करने की सलाह दी। इसके बाद पीएम ने डॉक्टरों से बात की और उन्हें धन्यवाद दिया।

  • कोरोना: केरल में कोरोना से पहली मौत

    कोरोना: केरल में कोरोना से पहली मौत

    KKN न्यूज़ डेस्क। देश में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है, आज लॉकडाउन का चौथा दिन है। हालांकि देश में कोरोना का संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। भारत मे कोरोना का संक्रमण 900 के पार जा चुका है और 17 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में कोरोना के संक्रमण का  पहला मामला केरल में ही आया था। शुरुआत में यहां तीन मरीज कोरोना से ग्रसित पाए गए थे, जिन्हें इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। लेकिन हाल के दिनों में एक बार फिर केरल में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले बढ़ते ही जा रहे है। केरल में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामलों की संख्या शनिवार तक 170 के पार बताई जा रही है। केरल में एर्नाकुलम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना वायरस का इलाज करा रहे 69 वर्षीय व्यक्ति की शनिवार को मौत हो गई। राज्य में इस संक्रामक रोग से मौत का यह पहला मामला है। बयान में बताया गया है, कि जिस व्यक्ति की मौत हुई वह व्यक्ति हाल ही में 22 मार्च को दुबई से आया था। एर्नाकुलम के रहने वाले इस व्यक्ति को दुबई से लौटने के बाद 22 मार्च को ‘आइसोलेशन’ वार्ड में भर्ती कराया गया था। बताया गया कि उसे न्यूमोनिया के लक्षणों के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन बाद में वह कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया। बयान में बताया गया है, कि वह व्यक्ति दिल की बीमारी तथा उच्च रक्त चाप का मरीज़ था। बुजुर्ग ने सुबह आठ बजे अंतिम सांस ली। बयान के अनुसार, शव परिवार को सौंप दिया गया है।

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  • कोरोना: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी

    कोरोना: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी

    KKN न्यूज़ डेस्क। जहां भारत मे कोरोना वायरस से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित किया है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी को एक चिट्ठी लिखी है। उन्होने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।

     

    पत्र में सोनिया गांधी ने पीएम मोदी के 21 दिन के लॉकडाउन के फैसले का समर्थन किया है। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि, केंद्र को छ: महीनों के लिए सभी ईएमआई को टालने पर विचार करना चाहिए, इस अवधि के लिए बैंकों द्वारा लिया जाने वाला ब्याज भी माफ करना चाहिए। उन्होंने आपूर्ति श्रृंखला को आसान बनाने तथा डॉक्टरों की रक्षा करने के लिए कदम उठाने की मांग की।

    प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर सोनिया गांधी ने यह भी कहा, कि उनकी पार्टी कोरोना वायरस के इस संकट से निपटने के लिए पूरी तरह से सरकार के साथ खड़ी है।उन्होंने कहा, कोरोना वायरस की इस महामारी ने लाखों लोगों का जीवन खतरे में डाल दिया है तथा पूरे देश में खासकर समाज के सबसे कमजोर वर्ग के लोगों की आजीविका एवं रोजमर्रा के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। कोरोना महामारी को रोकने व हराने के संघर्ष में पूरा देश एकजुट होकर एक साथ खड़ा है।

    सोनिया ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया की, इस विकत परिस्थिति में किसानों के ऋण और बकाया राशि की वसूली को छः महीनों के लिए रोक दिया जाना चाहिए एवं उदार हृदय से किसानों की कर्जमुक्ति के बारे में निर्णय लिया जाना चाहिए। उन्होंने छोटे एवं मध्यम व्यवसायियों की परेशानियों का उल्लेख करते हुए कहा, केंद्र सरकार को हर क्षेत्र के लिए विशेष राहत पैकेजों की घोषणा करनी चाहिए तथा उन्हें आवश्यक टैक्स ब्रेक, ब्याज माफी एवं देनदारियों पर छूट अनिवार्य होना चाहिए।

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    कोरोना लॉकडाउन: लॉकडाउन के दौरान नियम तोड़ने पर होगी दो साल तक की जेल…

    KKN न्यूज़ डेस्क। कोरोना वायरस के कारण पूरे देश को तीन सप्ताह तक लॉकडाउन करने का आदेश दिया गया है । अगले 21 दिनों तक देश के लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने को कहा गया है। जबतक अत्यंत आवश्यक ना हो घर से बाहर न निकलें, क्योंकि अनावश्यक घरों से बाहर निकालना पर सकता है महंगा।

    लॉकडाउन को नही मानने वालों को होगी सजा, भरना पड़ेगा जुर्माना

    आपको बताते चले की लॉकडाउन के दौरान नियम तोड़ते पाए जाने पर सजा और जुर्माना दोनों का प्रावधान किया गया है। इसमें सजा को एक महीने से दो साल तक बढ़ाया जा सकता है। 21 दिनों के इस लॉकडाउन के दौरान नियमों को  नहीं माननेवाले पर आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 के तहत कार्रवाई होगी। इसमें सजा और जुर्माने दोनों की प्रावधान है। लॉकडाउन के नियमों को नहीं मानने वालों को 200 रुपये का जुर्माना और साथ ही एक महीने की जेल हो सकती है। अगर किसी की वजह से कानूनी व्यवस्था में बाधा आई या दंगे की स्थिति हुई, तो सजा छह महीने तक के लिए बढ़ जाएगी। आदेश में कहा गया है कि, अगर सुरक्षा बलों के आदेश न मानने से किसी की जान जाती है या खतरे की स्थिति बनती है, तो दोषी पाए जाने को जेल होगी। जिसे दो साल तक के लिए बढ़ाया भी जा सकता है।

    अफवाह फैलाने वाले भी नहीं  बक्शे जाएंगे

    मंगलवार रात आठ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन के बाद गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है, कि कोरोना वायरस से जुड़ी अफवाह फैलाने वाले व्यक्तियों को भी दंडित किया जाएगा। गृह मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि, अगर कोई कोरोना वायरस से संबंधित कुछ भी अफवाह फैलाता है, तो उसे एक साल तक की सजा हो सकती है, साथ ही जुर्माना भी लग सकता है।

    फंड में घोटाला करनेवालों के खिलाफ भी होगी कार्रवाई

    लोगों की सहायता के लिए दिए गए फंड में घोटाला करनेवालों के खिलाफ भी कार्रवाई की बात कही गई है। घोटाला करनेवालों को दो साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। सरकारी अफसर भी इसके दायरे में होंगे।

    21 दिन के लॉकडाउन पर तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव ने कड़ी चेतावनी दी है। चंद्रशेखर राव ने कहा है कि अगर लोग लॉकडाउन के दौरान घरों से बाहर निकले तो, उनको पास देखते ही गोली मारने का आदेश देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। इसलिए लोग इस नियम का पालन करें। पीएम मोदी ने मंगलवार को रात आठ बजे जनता को संबोधित कर बताया कि, पूरे देश को 21 दिन के लिए लॉकडाउन किया जा रहा है। इस खतरनाक वायरस के खिलाफ सबसे अहम हथियार सामाजिक दूरी को सख्त तरीके से लागू करने के लिए यह फैसला लिया गया है।

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    कोरोना पर आज रात 8 बजे फिर देश को संबोधित करेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, देखे वीडिओ।

  • PM मोदी आज रात 8 बजे देश को फिर करेंगे संबोधित

    PM मोदी आज रात 8 बजे देश को फिर करेंगे संबोधित

    KKN न्यूज़ डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर रात 8 बजे देश को संबोधित करेंगे। उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। पीएम मोदी ने लिखा कि “वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण बातें देशवासियों के साथ साझा करूंगा। आज, 24 मार्च रात 8 बजे देश को संबोधित करूंगा। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले 19 मार्च को भी देश को संबोधित किया था। इस दौरान पीएम मोदी ने कोरोना के प्रति सावधानी बरतने तथा इसके खिलाफ लड़ाई में जनता की भागीदारी की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि 22 मार्च को देशवासी जनता कर्फ्यू का पालन करें। देशभर में उनकी अपील का व्यापक असर भी नजर आया था।

     

    पीएम मोदी ने लॉकडाउन का पालन करने की अपील की थी 

    सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी से लॉक डाउन का पालन करने की अपील की थी। दोनों नेताओं ने कहा था कि लोग घरों में ही रहें और सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें। पीएम ने कहा था कि कोरोना वायरस से खुद और अपने परिवार की रक्षा करें। लॉकडाउन के समय सरकार की तरफ से जारी किए निर्देशों का गंभीरता से पालन करें। प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य सरकारों से भी अपील करते हुए कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था को बनाए रखा जाए।

    लोग कर रहे है लापरवाही

    23 मार्च को कई राज्यों और शहरों में लॉकडाउन घोषित किया गया था। बावजूद इसके अधिकतर जगहों पर लोग बेपरवाह दिखे। वाहनों की आवाजाही सामान्य दिखी और लोग मनमर्ज़ी से आते-जाते रहे। लॉकडाउन का कहीं कोई असर नहीं दिखा। इसे देखते हुए पीएम मोदी को भी अपील करनी पड़ी की कई लोग इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं और राज्य सरकारों को कानून का सख्ती से पालन करवाना चाहिए।

    अब भी लोगो मे है गंभीरता की कमी 

    अभी तक 30 राज्यों में लॉकडाउन घोषित किया गया है, तमाम राज्यों ने इसे लेकर सतर्कता बरतना शुरू कर दिया। दिल्ली और महाराष्ट्र सहित चार राज्यों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है, लेकिन आज भी 24 मार्च को यूपी, बंगाल, महाराष्ट्र जैसी जगहों पर लोग सब्जी मार्केट व दूसरी जगहों पर धड़ल्ले से समूह में खरीदारी करते दिखे।

    शायद मौजूदा हालात को देखकर ही पीएम मोदी को दोबारा देश को संबोधित करने के लिए सामने आना पड़ रहा है। पिछली बार उन्होंने जनता कर्फ्यू का मंत्र दिया था।

     

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  • कोरोना लॉकडाउन को समझें आसान भाषा में

    कोरोना लॉकडाउन को समझें आसान भाषा में

    कोरोना वायरस को देशभर में फैलने से रोकने के लिए अब कई राज्यों में लॉकडाउन का ऐलान किया गया है। रविवार 22 मार्च को देशभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद जनता कर्फ्यू लगा था, जो काफी हद तक सफल भी रहा। इसके बाद रविवार को दिल्ली, तेलंगाना, पंजाब समेत कई राज्यों के कई जिलों में 31 मार्च तक लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया है।देश में अब तक कोरोनावायरस के 400 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 8 लोगों की मौत हो चुकी है। रविवार 22 मार्च को 3 लोगों की मौत हुई। लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए ट्रेन, मेट्रो जैसी कई सेवाएं बंद कर दी गई हैं।

    लॉकडाउन को देखते हुए सवाल उठता है कि क्या पूरा राज्य बंद रहेगा? चलिये जानते है…

    जिन राज्यों ने लॉकडाउन का ऐलान किया है, उन्होंने साफ किया है कि जरूरी सुविधाओं और सेवाओं को रोका नहीं जाएगा, तो सवाल उठता है कि ये जरूरी सेवाएं क्या हैं? जो लॉकडाउन के दौरान भी खुली रहेगी।

    मुख्य रूप से सेवाएं जो राज्यों में लॉकडाउन की स्थिति में जारी रहेंगी वो इस प्रकार है :-

    • जनता को राशन से जुड़ी समस्याएं न हों, इसके लिए राशन की दुकानों को बंद नहीं किया जाएगा!
    • इनके साथ ही दूध-सब्जी जैसी बुनियादी जरूरतों की दुकाने भी खुली रहेंगी.
    • अस्पताल, क्लीनिक, नर्सिंग होम और फार्मेसी भी इस दौरान खुले रहेंगे, ताकि लोगों को स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का सामना न करना पड़े.
    • इनके अलावा पेट्रोल पंप, बैंक, एटीएम, टेलीकॉम सर्विस, एलपीजी सिलेंडर की सप्लाई आदि सेवाएँ भी जारी रहेगी. हालांकि राज्यों के अनुसार कुछ सेवाएँ जोड़ी भी जा सकती है।

    चलिये अब जानते है ऐसी सेवाओं के बारे मे जिनपर पाबंदी लगाए गए है :-

    जैसा की हम जानते हैं की रेलवे ने पहले से ही 31 मार्च तक सभी ट्रेनें बंद करने का फैसला किया है, इस दौरान सिर्फ मालगाड़ियाँ ही चलेंगी।दिल्ली, कोलकाता, लखनऊ समेत कुछ शहरों में मेट्रो ट्रेनों की सेवाएं भी रोक दी गई हैं। लॉकडाउन वाले राज्यों ने अपनी सार्वजनिक परिवहन पर भी रोक लगा दी है, साथ ही दूसरे राज्यों से आने वाली गाड़ियों को भी प्रवेश नहीं दिया जाएगा। दिल्ली में धारा 144 लागू की गई है, जिसके कारण एक जगह में 5 से ज्यादा लोग नहीं जमा हो सकते। इसके कारण राज्य में किसी तरह का प्रदर्शन, सामाजिक, धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित नहीं किए जा सकेंगे।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा भी कि जिनको जरूरी सामान और सेवाओं के लिए घर से बाहर निकलना पड़ेगा, उनसे किसी तरह का पहचान पत्र नहीं मांगा जाएगा।

    इसके बावजूद सभी राज्यों में प्रशासन ने साफ किया है कि बेहद जरूरी होने पर ही लोग घरों से बाहर निकलें, ताकि वायरस को फैलने से रोका जा सके। हालांकि, लॉकडाउन के दौरान गैर जरूरी कारण से बाहर निकलने वाले लोगों के खिलाफ प्रशासन कार्रवाई भी कर सकती है।

    हमारी भी आपसे यही अपील है की कृपया घर से बाहर जरूरत पर ही निकले, स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताए गए निर्देशों का पालन करे…

     

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    बिहार आज अपनी 108वीं वर्षगांठ मना रहा है। भले ही कोरोना के कारण इस बार का बिहार दिवस थोड़ा फीका पर गया है लेकिन चलिये जानते है इसके बारे मे…बिहार दिवस को 22 मार्च के दिन मनाने का प्रमुख कारण है कि इसी दिन बिहार राज्य की स्थापना हुई थी। असल में अंग्रेजों ने सन 1912 में इसी दिन बिहार को बंगाल प्रेसीडेंसी से अलग कर नए राज्य के रूप में मान्यता दी थी। इसके बाद से ही बिहार दिवस को पारंपरिक रूप से मनाया जाने लगा। बिहार शब्द संस्कृत और पाली शब्द “विहार मठ” से बना है। बिहार बौद्ध संस्कृति का जन्म स्थान है, जिस वजह से इस राज्य का नाम पहले विहार और उससे बिहार बना। बिहार को पहले मगध के नाम से जाना जाता था। बिहार की राजधानी पटना का नाम पहले पाटलिपुत्र हुआ करता था भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद बिहार से ही थे। हिंदु पुराणों के अनुसार माता सीता का जन्म भी बिहार में हुआ। इसी राज्य में भगवान राम और माता सीता का मिलन भी हुआ। बिहार से ही बुद्ध और जैन धर्म की उत्पत्ति हुई. बिहार में ही दुनिया के सबसे पुराना विश्वविद्यालय नालंदा विश्वविद्यालय है। बिहार में ही एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला लगता है।

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