लेखक: Shaunit Nishant

  • प्रवासी मजदूरो का दर्दे दास्तान, कौन कर रहा है सौदा दर्द का

    प्रवासी मजदूरो का दर्दे दास्तान, कौन कर रहा है सौदा दर्द का

    मैले वस्त्र और बेतरतीब बिखरे बाल। माथे पर गट्ठर और पीठ पर बैग  लिए, नंगे पांव निकल पड़ा है, मिलो की सफर पर। कोई अपनी बूढ़ी मां को सहारा देने में लगा है तो किसी को अपने मासूम को धूप से बचाने की चिंता है। पांव में पड़े छाले हो या पेट में लगी भूख। हौसला ऐसा कि इन्हें रोक पाना मुश्किल है। यह नजारा है राष्ट्रीय राजमार्ग पर पैदल सफर करने वाले प्रवासी मजदूरो की। दरअसल, ये वहीं मजदूर है, जो इन दिनो अपने ही देश में प्रवासी होने का दंश झेल रहें है। यह कोरोना काल की सबसे बड़ी बिडम्बना है। देखिए, पूरी रिपोर्ट…

  • पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने जब छोड़ दिया था खाना

    पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने जब छोड़ दिया था खाना

    भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था। वे अपनी कुशल नेतृत्व क्षमता, क्रांतिकारी व्यक्तित्व और जन कल्याणी विचारों के लिए हमेशा याद किए जाते रहेंगे। कहतें है कि एक वक्त ऐसा आया जब उन्होंने देश को मुसीबत से बाहर निकालने के लिए लोगो से सप्ताह में एक रोज भोजन नहीं करने की अपील की थी और उनकी इस अपील पर लोगो ने एक रोज का उपवास भी शुरू कर दिया था। स्वयं शास्त्रीजी भी प्रधानमंत्री रहते हुए सप्ताह में एक रोज भोजन नहीं करके एक मिशाल कायम कर दिया था। इतना ही नहीं बल्कि, देश को आर्थिक संकट से निकालने के लिए उन्होंने वेतन लेने से भी मना कर दिया था।

    जानिए, भोजन नहीं करने का कारण

    दरअसल, चीन के साथ 1962 के युद्ध में भारत को बहुत नुकसान हुआ था। इसी का फायदा उठाने के लिए पाकिस्तान ने 1965 में भारत पर एक और युद्ध थोप दिया। लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नेतृत्व में भारतीय सेना ने पाक को मुंहतोड़ जवाब देकर उसे पराजित कर दिया। किंतु, युद्ध के बाद भारत में वित्तीय संकट गहराने लगा था। ऐसे में पूर्व प्रधानमंत्री ने रामलीला मैदान से लोगों से अपील की कि, सभी अपने फालतू के खर्चे छोड़ दें और हफ्ते में एक दिन का उपवास रखें। जिससे भारत को अमेरिका से गेंहू ज्यादा ना खरीदना पड़े और भारत को जल्दी वित्तीय संकट से उबरा जा सके। उन्होंने खुद भी एक दिन उपवास रखना शुरू कर दिया था।

    वेतन लेने से किया इनकार

    पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने भारत को इस वित्तीय संकट से निकालने के लिए अपना वेतन लेने से भी मना कर दिया था। यहां तक कि कहा जाता है कि एक बार शास्त्री जी की धोती फट गई थी तो उन्होंने नई धोती की जगह फटी धोती ही सिलने का आदेश दिया था। मौजूदा भारत के नेताओं के लिए आज यह नजीर है और देश के लोगो के लिए प्रेरणा का स्त्रोत भी है।

  • कश्मीर पर शाहिद अफरीदी के ट्वीट से भड़के हरभजन सिंह

    कश्मीर पर शाहिद अफरीदी के ट्वीट से भड़के हरभजन सिंह

    भारत के दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह ने कहा कि अब वो पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी के साथ कोई भी रिश्ता नहीं रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जब से शाहिद ने कश्मीर के बारे में ट्वीट किया है उसके बाद से उनसे कोई रिश्ता नहीं रह गया।

    हरभजन ने स्पोर्ट्स तक पर बात करते हुए कहा,

    जो शाहिद अफरीदी ने कहा है वो वाकई में बहुत ही ज्यादा निराशाजनक है। हमारे देश के बारे में प्रधानमंत्री को लेकर जो कुछ भी उन्होंने विचार जाहिर किए। यह किसी भी तरह से स्वीकार करने योग्य बात नहीं है।

    हरभजन और पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह का नाम चर्चा का विषय बना हुआ था जबसे उन्होंने पूर्व पाकिस्तानी कप्तान अफरीदी के फाउंडेशन को कोरोना से लड़ने के लिए मदद करने की बात कही थी। उन्होने ने आगे कहा

    ईमानदारी से कहूं तो अफरीदी ने हमें कहा था कि चैरिटी के लिए हम अपील करें। हमने उनके भरोसे पर, मानवता के लिए यह किया और उनके लिए जो लोग भी इस कोरोना की वजह से तकलीफ झेल रहे हैं।

    “यहां तक कि हमारे प्रधानमंत्री ने भी यह कहा है कि कोरोना वायरस के खिलाफ एक जंग है जो सीमाओं के पार भी जाती है जो धर्म और जात से परे है। तो हम इसको लेकर बहुत ही ज्यादा पक्के थे जो भी चीज को हम प्रमोट कर रहे थे, इसमें सिर्फ और सिर्फ उन लोगों की मदद की जा रही थी जो मुश्किल में हैं।

    लेकिन यह आदमी तो हमारे ही देश के बारे में बातें कर रहा है। मुझे तो बस इतना ही कहना है कि मेरा शाहिद अफरीदी से कोई लेना देना नहीं। हमारे देश की समस्या के बारे में उनको बोलने का कोई भी हक नहीं है और हमारी सीमा और देश से दूर रहना चाहिए।

    मैंने इस देश में जन्म लिया है और इसी देश मे मरूंगा। मैंने अपने देश के लिए 20 साल खेला और भारत के लिए काफी सारे मुकाबले जीते हैं। कोई भी यह नहीं कह सकता कि मैंने अपने देश के खिलाफ कुछ किया है। आज और कल अगर देश को कहीं भी मेरी जरूरत हुई, यहां तक की बॉर्डर पर भी तो देश के लिए बंदूक उठाने वाला मैं पहला इंसान होउंगा।”

     

  • लॉकडाउन 4 देश में 31 मई तक जारी रहेगा , गृह मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइंस

    लॉकडाउन 4 देश में 31 मई तक जारी रहेगा , गृह मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइंस

    कोरोना वायरस से निपटने के लिए लागू लॉकडाउन की अवधि 31 मई तक बढ़ा दी गई है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने रविवार (17 मई) शाम को यह जानकारी मीडिया को दी। एनडीएमए ने कहा कि कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाया गया है।

    राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की तरफ भारत सरकार/राज्य सरकार और राज्य अथॉरिटीज को लॉकडाउन बढ़ाने का निर्देश देते हुए कहा गया है कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन को बढ़ाने की जरूरत है।

    वहीं, गृह मंत्रालय ने भारत सरकार के मंत्रालयों/विभागों, राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों और राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों के अंतर्गत प्रशासन के लिए कोरोना वायरस के नियंत्रण के लिए उपायों पर दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत मंगलवार (12 मई) को राष्ट्र के नाम संबोधन में ही स्पष्ट कर दिया था कि देश में 18 तारीख से पूर्णबंदी का चौथा चरण शुरू हो जाएगा और यह पूरी तरह नए रंग रूप वाला होगा। हालांकि उन्होंने इस बारे में कुछ नहीं कहा था कि इस चरण में किसी चीज में और कितनी छूट दी जाएगी।

    कोरोना महामारी के खिलाफ चलाए जा रहे राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत देश भर में गत 25 मार्च से पूर्णबंदी लागू है और इसके तीन चरण पूरे हो चुके हैं। पहला चरण 25 मार्च से 14 अप्रैल, दूसरा 15 अप्रैल से 3 मई और तीसरा चरण 4 मई से 17 मई तक था।

  • जब तक माही टीम में थे तो मुझे पता था कि मैं नहीं खेल पाउंगा

    जब तक माही टीम में थे तो मुझे पता था कि मैं नहीं खेल पाउंगा

    भारतीय टेस्ट टीम के अनुभवी विकेटकीपर रिद्धिमान साहा ने कहा कि उन्होंने भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धाेनी से काफी कुछ सीखने को मिला है। साहा ने ये भी स्वीकार किया है कि वह जानते थे कि जब तक एमएस धौनी टीम में होंगे तब तक उन्हें टीम में शामिल नहीं किया जाएगा। इसके साथ-साथ ये भी खुलासा उन्होंने किया है कि उन्होंने और धाेनी ने एक साथ एक टेस्ट मैच में भाग भी लिया है।

    साहा साल 2014 से लगातार भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेल रहे हैं, क्योंकि उसी दौरान एमएस ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया था। धोनी के रहते वे टीम में जगह नहीं बना सके और न ही वे धौनी को कभी रिप्लेस कर सकते थे। स्पोर्ट्स तक को दिए इंटरव्यू में रिद्धिमान साहा ने कहा है, “मैं एमएस को रिप्लेस नहीं कर सकता था। मुझे उस समय मौका मिला, जब धाेनी टेस्ट क्रिकेट छोड़ चुके थे।”

    35 साल के रिद्धिमान साहा ने आगे कहा,

    एमएस धाेनी के विकेटकीपिंग की शैली या बल्लेबाजी की शैली…पल भर में उनकी स्टंपिंग…उनसे सीखने के लिए बहुत सारी चीजें हैं। वह मुझसे 2-4 साल बड़े थे, मुझे पता था कि अगर एमएस धाेनी खेल रहे हैं तो मुझे खेलने का मौका नहीं मिलेगा, किसी को भी टीम से बाहर बैठना पसंद नहीं होता है।”

  • ट्रंप प्रशासन में कई तो जिम्मेदारी उठाने का दिखावा भी नहीं करते : ओबामा

    ट्रंप प्रशासन में कई तो जिम्मेदारी उठाने का दिखावा भी नहीं करते : ओबामा

    अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कोराेना (Covid-19) महामारी से निपटने के ट्रंप प्रशासन के तरीकों की कड़ी आलोचना की है।मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ओबामा ने कहा कि, ‘देश के कई नेता तो जिम्मेदारी उठाने का दिखावा भी नहीं कर रहे हैं।’

    ऐतिहासिक अश्वेत कॉलेजों और यूनिवर्सिटी (HBCUs) में पढ़ने वाले स्नातक के छात्राेंं को एक ऑनलाइन समारोह में संबोधित करतेे हुए, ओबामा ट्रंप पर जमकर बरसे और इस तरह उन्होंने सार्वजिनक मंच पर राष्ट्रपति की आलोचना करने से बचने की परंपरा को तोड़ दिया।

    पूर्व राष्ट्रपति ओबामा ने कहा

    ‘सच कहूं तो इस तरह की बीमारी ने इस देश की असल असमानताओं को उजागर किया है जिसे यहां के अश्वेत समुदाय ऐतिहासिक रूप से जूझते रहे हैं। हमारे समुदाय में कोरोना का प्रतिकूल असर पड़ रहा है।’

    उन्होंने कहा कि- ‘इस महामारी ने एक बात तो साफ कर दी है कि जिम्मेदार पदों पर बैठे बहुत से लोग ये जानते हैं कि वो क्या कर रहे हैं, उनमें बहुत से लोग तो जिम्मेदारी उठाने का दिखावा भी नहीं कर रहे हैं।’

    अश्वेत समुदायों के साथ होने वाले अन्याय के बारे में बात करते हुए उन्होंने हाल में हुई अहमद अरबेरी की हत्या के बारे में भी बात किया। 23 फरवरी को जॉर्जिया में एक गोरे पूर्व पुलिस अफसर ने जॉगिंग के दौरान 25 साल के अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

    ओबामा ने कहा, ‘हम इसे इस तरह देखते हैं जब एक अश्वेत आदमी जॉगिंग के लिए जाता है और कुछ लोगों को लगता है कि वे उसे रोक सकते हैं और सवाल कर सकते हैं और जवाब नहीं मिले तो वो उसे गोली मार सकते हैं।’

    छात्रों से बात करते हुए उन्होंने उन्हें बेहतर भविष्य के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होने आगे कहा ‘अगर दुनिया बेहतर होने जा रही है, तो यह आपके ऊपर निर्भर करता है।’

    इस लाइव वीडियो स्ट्रीमिंंग इवेंट में स्टीव हार्वे, एंथोनी हैमिल्टन, डग ई फ्रेश, वीकलफ जीन, कॉमन, केविन हार्ट, वेंडी रेकेल रॉबिन्सन और विविका ए फॉक्स भी शामिल थे। दो घंटे तक चले इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर किया गया था।

  • पूर्व क्रिकेटर ने कहा कोहली और धोनी पर योगराज सिंह ने लगाए थे बेबुनियाद आरोप

    पूर्व क्रिकेटर ने कहा कोहली और धोनी पर योगराज सिंह ने लगाए थे बेबुनियाद आरोप

    भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर मो0 कैफ को ये लगता है कि युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने कोहली और धोनी पर जो आरोप लगाए थे वो पूरी तरह से गलत और आधारहीन है। हाल ही में योगराज सिंह ने विराट और एम एस धोनी पर ये आरोप लगाए थे कि इन्होंने युवराज के मुश्किल वक्त में उसका साथ नहीं दिया। योगराज ने कहा था कि युवराज को अपना कौशल दिखाने के लिए पर्याप्त मौके नहीं मिले।

    कैफ ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से साल 2018 में संन्यास लिया था। उन्होंने कहा कि उजले गेंद के क्रिकेट में युवराज सिंह चैंपियन हैं। वहीं उन्होंने ये भी कहा कि अगर कोई अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा है तो टीम में उनकी जगह बनी रहे ऐसा मुश्किल होता है, उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में अच्छे खिलाड़ियों की कोई कमी नहीं है जो घरेलू पिच पर शानदार प्रदर्शन करके टीम इंडिया में जगह बनाने के लिए अपनी दावेदारी पेश करते रहते हैं।

    कैफ ने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि युवराज के पिता का आरोप सही है, लेकिन हाॅं युवराज सिमित ओवरों के क्रिकेट में चैंपियन थे और उन्हें और ज्यादा मौके मिलने चाहिए थे। भारतीय टीम में अपनी जगह बनाए रखना काफी मुश्किल होता है क्योंकि दूसरे कई प्रतिभावान खिलाड़ी टीम में आने के लिए इंतजार कर रहे होते हैं। अगर आपने अपना फॉर्म खो दिया तो टीम में जगह बनाए रखना मुश्किल हो जाता है।

    भारत के लिए 13 टेस्ट और 125 वनडे मैच खेल चुके है कैफ

    भारत के लिए 13 टेस्ट और 125 वनडे मैच खेलने वाले कैफ ने धौनी की सराहना कि और कहा कि बाद में उन्हें टीम चयन से संबंधित दूसरे विकल्प के लिए कुछ आजादी की जरूरत थी। कैफ ने साफ तौर पर कहा कि वो कभी भी पक्षपात जैसी रणनीति का सहारा नहीं लेते। धाेनी भारत के लिए सिमित प्रारूप में सबसे सफल कप्तान हैं। वो अपनी खुद की टीम का चयन करने के मामले में और फ्रीडम डीजर्व करते थे। अगर वह फेल होते तो आप उनपर सवाल उठा सकते थे, लेकिन उनका रिकॉर्ड बहुत शानदार है। उन्होंने भारत के लिए कई सारे खिताब जीते हैं।

    धाेनी साल 2007 में भारत के कप्तान बने थे और उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने साउथ अफ्रीका में उसी साल टी20 वर्ल्ड कप ट्रॉफी जीती थी। इसके बाद उनकी कप्तानी में टीम ने वनडे और टेस्ट में भी काफी अच्छा किया और उन्होंने सफलता का स्वाद जल्द ही चख लिया। उन्होंने न सिर्फ कप्तान के तौर पर बल्कि जिम्मेदारी पूर्वक रन भी बनाए। उन्होंने 2014 में टेस्ट से जबकि 2017 में वनडे और टी20 टीम की कप्तानी छोड़ दी थी।

  • कोरोना काल में बहुत कुछ अच्छा भी हुआ है

    कोरोना काल में बहुत कुछ अच्छा भी हुआ है

    यह कोरोना काल है और इसमें बहुत कुछ अच्छा भी हो रहा है। खुली आंखों से हिमालय की पर्वत श्रृंखला दिख रही है। सात दशक पहले हमारे पूवर्ज इस तरह का नजारा रोज देखा करते थे। किंतु, हमने वातावरण को इतना दूषित कर दिया था कि दिन के उजाले में भी हम वो नहीं देख पा रहे थे, जो हमारे पूवर्ज देखा करते थे। बात यही खत्म नहीं होती है। बल्कि, आलम ये है कि आज नदियों का जल पारदर्शी होने लगा है। नदियों का मटमैला पानी, अब हरा कचनार दिख रहा है। गंगा तो हरिद्वार तक पीने लायक हो चुकी है। इसी प्रकार अंटार्कटिका से खबर आई है कि पृथ्वी के बाहरी वातावरण की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार ओजोन परत पर बना सबसे बड़ा सुराग ठीक हो गया है। यह सुराग करीब दस लाख वर्ग किलोमीटर की परिधि में बना हुआ था और इससे पृथ्वी पर पल रहे जीवन को खतरा उत्पन्न होने लगा था। फिलहाल, यह बंद हो गया है। यह सभी कुछ लॉकडाउन की वजह से हुआ है। कोरोनाकाल में और क्या अच्छा हुआ है और यह हमारे भविष्य का संकेत कैसे माना जा रहा है? देखिए, इस रिपोर्ट में …

  • हमने सोचा ट्रेन बंद है इसलिए ट्रैक पर नहीं आएगी कोई गाड़ी…

    हमने सोचा ट्रेन बंद है इसलिए ट्रैक पर नहीं आएगी कोई गाड़ी…

    एक टिफिन चटनी और 150 रोटियां लेकर चले थे 20 मजदूर, 16 के लिए सफर आखिरी सफर बन गया

    लॉक डाउन के चलते सारे कल कारखाने बंद है, रोज कमाने-खाने वाले मजदूरों के लिए दो वक्त की रोटी बमुश्किल हो गई है, काम बंद होने के कारण लोग जैसे-तैसे अपना गुजारा कर रहे हैं। मजदूरों के पास बस नाम के लिए जमा पूंजी बची है और और  इसी बीच खबर आई कि सरकार दूसरे राज्य के मजदूरों को घर भेजने के लिए औरंगाबाद या भुसावल से कोई ट्रेन चलाने वाली है, खबर मिलते ही मध्य प्रदेश के 20 मजदूर रेलवे ट्रैक से सफर पर निकल पड़े। पास कुछ था तो बस, 150 रोटियां और एक टिफिन चटनी। मजदूरों ने सोचा, अब आसानी से घर पहुंच जाएंगे, गुरुवार शाम  को ही सबने मिलकर  लगभग 150 रोटियां बनाईं। एक टिफिन  चटनी भी बनाया, ताकि सूखी रोटी खाना नहीं पड़े। कुछ देर बाद सब भुसावल के लिए निकल पड़े, सभी की उम्र 21 से 45 साल के बीच थी। कुछ शहडोल के थे तो कुछ कटनी के, औरंगाबाद जिले के करमाड तक पहुंचे तो रात गहरी हो चली थी…सोचा, खाना खाकर कुछ समय आराम कर लिया जाए। यह बातें मीडिया को बताई सज्जन सिंह ने सज्जन सिंह इसी जत्थे में शामिल थे। वो बच गए। सज्जन कहते हैं,

    भूख लगी थी साहब। ट्रैक पर ही बैठकर खाना खाने लगे। हमें यह साफ और सुरक्षित लगा। खाना खत्म हुआ। कुछ चाहते थे कि सफर फिर शुरू किया जाए। कुछ का दिल कर रहा था कि थोड़ा सुस्ता लेते है। सहमति आराम करने पर बनी। भूखे पेट को रोटी मिली थी। इसलिए, पटरी का सिरहाना और गिट्टियां भी नहीं अखरीं। सो गए। नींद खुली तो भयानक मंजर था। मेरे करीब इंटरलाल सो रहा था। उसने मुझे खींच लिया। इसी कारण मैं जिंदा हूं। 

    सज्जन आगे कहते हैं

    आंख खुली तो होश आया। देखा मेरा बैग ट्रेन में उलझकर जा रहा है। हमने सोचा था कि ट्रेनें तो बंद हैं। इसलिए, ट्रैक पर कोई गाड़ी नहीं आएगी। आसपास झाड़ियां थीं। लिहाजा, ट्रैक पर ही झपकी का ख्याल आया। ट्रेन जब रुकी तब तक तो सब खत्म हो चुका था। 16 साथियों के क्षत-विक्षत शव ट्रैक पर पड़े थे। किसी को पहचान पाना मुश्किल था। सज्जन के मुुताबिक, “ पहले तो लगा कि कोई बुरा सपना देखा है। पल भर में हकीकत पर यकीन हो गया। 20 में से चार जिंदा बचे। डर को थोड़ा दूर किया। ट्रैक से कुछ दूर बने एक घर पहुंचे। मदद मांगी। उन्होंने पानी पिलाया। फिर पुलिस को जानकारी दी।” आधे घंटे बाद पुलिस पहुंची। उसने अपना काम शुरू किया। रुंधे गले को संभालकर और भीगी आंखों  को पोंछकर वीरेंद्र शांत आसमान की तरफ देखते हैं। फिर कहते हैं, “जिन लोगों के साथ कुछ घंटे पहले बैठकर रोटी खाई थी। अब उनकी लाशें मेरे सामने हैं। कुछ तो मेरे बहुत करीबी दोस्त थे। अब, क्या कहूंगा उनके घरवालों से? कैसे सामना करूंगा उनका? मेरा फोन, बैग सब गायब हैं। पीठ में चोट है। ये जख्म भर जाएगा। लेकिन, दिल में जो नासूर पैदा हो गया है, वो तो लाईलाज रहेगा। ताउम्र।”

    घटना को लेकर प्रधानमंत्री मोदी और राहुल गांधी ने जताया शोक

    दुर्घटना पर दक्षिण मध्य रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी का कहना है कि यह हादसा औरंगाबाद के कर्माड के पास हुआ है। मालगाड़ी का एक खाली डिब्बा कुछ लोगों के ऊपर चढ़ गया। कोरोना वायरस की वजह से देशभर में जारी लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूर पैदल ही अपने घर जा रहे हैं।

    ट्रैक बिखरी मजदूरों की रोटियां
    ट्रैक बिखरी मजदूरों की रोटियां

    पिछले दिनों केंद्र सरकार की तरफ से मजदूरों को उनके राज्य वापस भेजने की इजाजत दी गई है। जिसके बाद राज्य सरकारें विशेष ट्रेनों, बसों की व्यवस्था करके उन्हें उनके गृह राज्य वापस भेज रही हैं, लेकिन कुछ मजदूर पैदल ही अपने गांवों की ओर चल दे रहे हैं, इससे पहले भी रास्ते में हुए हादसे में प्रवासी मजदूर अपनी जान गंवा चुके हैं।

  • जानिए इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन के अंतिम दिनो की कहानी

    जानिए इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन के अंतिम दिनो की कहानी

    तीन दशकों तक इराक पर शासन करने वाले सद्दाम को 69 वर्ष की आयु में फांसी पर चढ़ा दिया गया था। सुनवाई शुरू होने से पहले सद्दाम जब बगदाद में थे तब 551वीं मिलिट्री पुलिस कंपनी के अमेरिकी सैनिकों का समूह उनकी निगरानी में तैनात था। सैनिक अपने समूह को दी सुपर टवेल्व कहते थे। रिपोर्टस के मुताबिक सद्दाम की निजी सुरक्षा में तैनात इन 12 अमेरिकी सैनिकों के बीच पहले छह महीने एक जुड़ाव सा हो गया था। इनका सद्दाम से भी जुड़ाव हो गया जो उनके अंतिम समय तक बना रहा।

    दी प्रिजनर इन हिज पैलेस में सद्दाम के आखरी दिनो की कई रोचक बातें प्रकाशित की गई है। किताब के लेखक विल बाडेर्नवेरपेर स्वयं सद्दाम के सुरक्षा में तैनात एक अधिकारी रह चुकें हैं। किताब में बाडेर्नवेरपेर ने लिखा है कि सद्दाम एक कोने में धूल के छोटे से ढेर पर उग आई घास को पानी देना पसंद करते थे। वे उसकी देखभाल ऐसे करते थे जैसे कि वे खूबसूरत फूल हों। अपने भोजन को लेकर वे काफी संवेदनशील थे, नाश्ता कई हिस्सों में लेते थे। पहले आमलेट खाते थे, फिर मफिन और उसके बाद ताजे फल। आमलेट कटाफटा हो तो वे खाने से मना कर देते थे। उन्हें मिठाईयां बहुत पसंद थी।

    जब सद्दाम के बेटे ने एक दल पर गोलीबारी कर दी थी

    सुरक्षा कर्मियों के जीवन में सद्दाम की खासी दिलचस्पी थी। कई सुरक्षाकर्मियों के बच्चे भी उनके साथ रहते थे और सद्दाम पिता के तौर पर अपने अनुभवों की कहानियां उन्हें सुनाया करते थे। बच्चों में अनुशासन की उनकी एक कहानी तो याद रखने योग्य है। सद्दाम ने बताया कि उनके बेटे उदय ने एक बड़ी गंभीर गलती कर दी थी जिससे सद्दाम को बेहद गुस्सा आया था। उदय ने एक दल पर गोलीबारी कर दी थी जिसमें कई लोग मारे गए थे और कई घायल हो गए थे। किताब के मुताबिक सद्दाम ने बताया, मुझे बहुत गुस्सा आया और मैंने उसकी सभी कारें जला दी। उन कारों में रॉल्स रॉयस, फरारी और पॉर्श जैसी महंगी कारें भी थी।

  • देशभर में 17 मई तक बढ़ाया गया लॉकडाउन, लेकिन कुछ शर्तों के साथ मिलेगी छूट

    देशभर में 17 मई तक बढ़ाया गया लॉकडाउन, लेकिन कुछ शर्तों के साथ मिलेगी छूट

    केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन को 2 सप्ताह के लिए बढ़ा दिया है। देश में 40 दिनों का लॉकडाउन 3 मई को पूरा हो रहा है। इस बीच केंद्रीय गृहमंत्रालय ने लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा कर दी है। हालांकि, इस बार ग्रीन और ऑरेन्ज जोन में पहले से अधिक छूट दी जाएगी। लेकिन सोशल डिस्टेंशिंग के नियम पहले की तरह जारी रहेंगे।

    गृहमंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि लॉकडाउन से कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में देश को काफी लाभ हुआ है। लॉकडाउन को 4 मई से अगले 2 सप्ताह तक बढ़ाने की घोषणा की जाती है। रेड, ग्रीन और ऑरेन्ज जोन के लिए अलग-अलग गाइडलाइंस तैयार की गई है। ग्रीन और ऑरेन्ज जोन में काफी छूट भी दी गई है।

    देशभर में कोरोना का कहर अभी जारी है और बीते 24 घंटे में कोरोना के 1755 नए पॉजिटिव मामले सामने आए हैं और 77 मौतें हुई हैं। कोरोना वायरस के कारण देशभर में 1152 लोगों की मौत हो चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में कोविड-19 से अब भी 35,365 लोग संक्रमित हैं जबकि 9065 लोग स्वस्थ हो चुके है।

  • कोरोना काल के बाद क्या सच में बदल जायेगी दुनिया?

    कोरोना काल के बाद क्या सच में बदल जायेगी दुनिया?

    संक्रमण चाहे किसी भी प्रकार का क्यों न हो। इससे बचने के लिए सोशल डिस्टेंश सबसे पुराना और कारगर तरीका रहा है। भारत के लोग सदियों से इसका प्रयोग करके खुद को संक्रमण से बचाते रहे है। वर्तमान में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंश के साथ- साथ लॉकडाउन करना पड़ रहा है। लॉकडाउन इसलिए कि हम सोशल डिस्टेंश का कड़ाई से पालन कर सके। इस बीच लॉकडाउन की वजह से देश का ग्रोथरेट थम सा गया है और आने वाले दिनो में हमे वित्तिय संकट का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में एक देश है, आस्ट्रेलिया। जिसने एक नजीर पेश की है। आस्ट्रेलिया ने ऐसा क्या किया है? एक बात और क्या प्रत्येक 100 साल के बाद महामारी फैलता है? कोरोना काल के बाद दुनिया में क्या कुछ बदल जायेगा? इन तमाम सवालो का जवाब तलाशती हमारी ये रिपोर्ट…

  • जाने-माने अभिनेता इरफान खान का निधन

    जाने-माने अभिनेता इरफान खान का निधन

    बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता इरफान खान का 54 साल की उम्र में आज यानी बुधवार को निधन हो गया। इरफान खान की अचानक तबीयत खराब होने के कारण उन्हें बीते दिन मंगलवार को मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था, उन्हें कोलन संक्रमण था। 2018 से वह न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर से पीड़ित थे।

    https://twitter.com/ShoojitSircar/status/1255377784773410818

     

    फिल्मकार शूजीत सरकार और राकेश रौशन ने इरफान खान के निधन पर ट्विटर पर  शोक व्यक्त किया। ट्विटर पर अभी तक इरफान खान के नाम से दो लाख से अधिक ट्वीट किये जा चुके है । शूजीत सरकार और राकेश रौशन के अलावा और भी कई बॉलीवुड सेलेब्स ने ट्विटर पर इरफान खान को श्रद्धांजलि दी।

  • शंकराचार्य और रामानुजाचार्य की जयंती पर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने किया ट्वीट

    शंकराचार्य और रामानुजाचार्य की जयंती पर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने किया ट्वीट

    भारत के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मंगलवार को भारतीय दर्शन में अध्यात्म परंपरा के महान दार्शनिक शंकराचार्य और रामानुजाचार्य की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये उनके दर्शन को सार्वभौमिक रूप से प्रासंगिक बताया। उपराष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा कि भारत की महान आध्यात्मिक परम्परा के मूर्धन्य प्रतिनिधि, ब्रह्म और आत्मा के अद्वैत दर्शन के प्रणेता जगतगुरू आदि शंकराचार्य और विशिष्टाद्वैत दर्शन के प्रणेता, स्वामी रामानुजाचार्य की जयंती पर उनकी पुण्य स्मृति को कोटिशः नमन करता हूं।

    उन्होंने और भी कई ट्वीट किये

    आदि शंकराचार्य के कुछ अनमोल विचार…

    • मंदिर वही पहुंचता है जो धन्यवाद देने जाता हैं, मांगने नहीं।
    • आनंद उन्हें मिलता है जो आनंद कि तलाश नहीं कर रहे होते हैं।
    • मोह से भरा हुआ इंसान एक सपने की तरह है, यह तब तक ही सच लगता है जब तक आप अज्ञान की नींद में सो रहे होते हैं। जब नींद खुलती है तो इसकी कोई सत्ता नही रह जाती है।
    • जिस तरह एक प्रज्वलित दीपक के चमकने के लिए दूसरे दीपक की जरुरत नहीं होती है। उसी तरह आत्मा जो खुद ज्ञान स्वरूप है उसे और किसी ज्ञान कि आवश्यकता नही होती है, अपने खुद के ज्ञान के लिए।
    • तीर्थ करने के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं है। सबसे अच्छा और बड़ा तीर्थ आपका अपना मन है, जिसे विशेष रूप से शुद्ध किया गया हो।
    • जब मन में सच जानने की जिज्ञासा पैदा हो जाए तो दुनिया की चीजे अर्थहीन लगती हैं।
    • धर्म की किताबे पढ़ने का उस वक़्त तक कोई मतलब नहीं, जब तक आप सच का पता न लगा पाए। उसी तरह से अगर आप सच जानते है तो धर्मग्रंथ पढ़ने कि कोइ जरूरत नहीं है। सत्य की राह पर चले।
    • हर व्यक्ति को यह समझना चाहिए कि आत्मा एक राजा के समान है जो शरीर, इंद्रियों, मन, बुद्धि से बिल्कुल अलग है। आत्मा इन सबका साक्षी स्वरुप है।
    • अज्ञान के कारण आत्मा सीमित लगती है, लेकिन जब अज्ञान का अंधेरा मिट जाता है, तब आत्मा के वास्तविक स्वरुप का ज्ञान हो जाता है, जैसे बादलों के हट जाने पर सूर्य दिखाई देने लगता है।
    • एक सच यह भी है की लोग आपको उसी वक्त तक याद करते हैं जब तक सांसें चलती हैं। सांसों के रुकते ही सबसे करीबी रिश्तेदार, दोस्त, यहां तक की पत्नी भी दूर चली जाती है।
    • आत्मसंयम क्या है? आंखो को दुनिया की चीजों कि ओर आकर्षित न होने देना और बाहरी ताकतों को खुद से दूर रखना।
    • सत्य की कोई भाषा नहीं है। भाषा सिर्फ मनुष्य का निर्माण है, लेकिन सत्य मनुष्य का निर्माण नहीं आविष्कार है। सत्य को बनाना या प्रमाणित नहीं करना पड़ता, सिर्फ उघाड़ना पड़ता है।
  • PM नरेन्‍द्र मोदी का ऐलान- भारत में 3 मई तक जारी रहेगा लॉकडाउन, और सख्त होंगे नियम

    PM नरेन्‍द्र मोदी का ऐलान- भारत में 3 मई तक जारी रहेगा लॉकडाउन, और सख्त होंगे नियम

    कोरोनावायरस के खिलाफ जारी जंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया है। लॉकडाउन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर राष्ट्र को संबोधित किया।

    पीएम मोदी ने कहा,

    ”साथियों, सारे सुझावों को ध्यान में रखते हुए ये तय किया गया है कि भारत में लॉकडाउन को अब 3 मई तक और बढ़ाना होगा। यानि 3 मई तक हम सभी को लॉकडाउन में ही रहना होगा, इस दौरान हमें अनुशासन का उसी तरह पालन करना है, जैसे हम करते आ रहे हैं, मेरी सभी देशवासियों से ये प्रार्थना है कि अब कोरोना को हमें किसी भी कीमत पर नए क्षेत्रों में नहीं फैलने देना है। स्थानीय स्तर पर अब अगर एक भी मरीज बढ़ता है तो यह हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए.”

    हम धैर्य बनाकर अगर रखेंगे, नियमों का पालन करेंगे तो कोरोना जैसी महामारी को भी परास्त कर पाएंगे, इसी विश्वास के साथ अंत में, मैं आज 7 बातों में आपका साथ मांग रहा :
    • पहली बात
      अपने घर के बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें, विशेषकर ऐसे व्यक्ति जिन्हें पुरानी बीमारी हो, उनकी हमें केयर करनी है, उन्हें कोरोना से बहुत बचाकर रखना है।
    • दूसरी बात-
      लॉकडाउन और Social Distancing की लक्ष्मण रेखा का पूरी तरह पालन करें, घर में बने फेसकवर या मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें।
    • तीसरी बात-
      अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए, आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें, गर्म पानी, काढ़ा का निरंतर सेवन करें।
    • चौथी बात-
      कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने में मदद करने के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल App जरूर डाउनलोड करें। दूसरों को भी इस App को डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करें
    • पांचवी बात-
      जितना हो सके उतने गरीब परिवार की देखरेख करें, उनके भोजन की आवश्यकता पूरी करें।
    • छठी बात-
      आप अपने व्यवसाय, अपने उद्योग में अपने साथ काम करे लोगों के प्रति संवेदना रखें, किसी को नौकरी से न निकालें।
    • सातवीं बात-
      देश के कोरोना योद्धाओं, हमारे डॉक्टर, नर्सेस, सफाई कर्मी, पुलिसकर्मी का पूरा सम्मान करें।

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  • दिल्ली-NCR में फि‍र महसूस किए गए भूकंप के झटके, 2.7 मापी गई तीव्रता

    दिल्ली-NCR में फि‍र महसूस किए गए भूकंप के झटके, 2.7 मापी गई तीव्रता

    दिल्ली में सोमवार को हल्के तीव्रता की भूकंप के झटके फि‍र महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 2.7 आंकी गई है। 24 घंटे के भीतर दिल्ली में दूसरी बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसमें किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है।

  • महाशक्ति बनने की ओर चीन के बढ़े कदम

    महाशक्ति बनने की ओर चीन के बढ़े कदम

    इस वक्त हम कोरोना काल में है और इस महामारी ने पूरी दुनिया में मौत का खौफ पैदा कर दिया है। वायरस की कहर से बचने के लिए दुनिया के अधिकांश लोग अपने ही घरो में कैद है और न जाने कब तक इसी प्रकार दुबक कर रहना होगा। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि कोविड-19 नाम का यह वायरस, नेचुरल है या फिर इसे किसी लैब में बनाया गया है। रह रह कर ये बात उठने लगी है कि कही यह इंसान की कारस्तानी तो नहीं है। क्यों चीन इसको लेकर लगातार दुनिया को गुमराह करता रहा? ऐसे और भी कई सवाल है, जो कोविड-19 को एक वायो-लॉजिकल वेपॅन होने की ओर इशारा करती है।

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  • Corona से जंग में PM Modi की अपील…देखे अनकट वीड‍ियो

    Corona से जंग में PM Modi की अपील…देखे अनकट वीड‍ियो

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी शुक्रवार सुबह 9 बजे देशवासियों को वीडियो संदेश में कहा कि रविवार को रात नौ बजे 9 मिनट तक घर की लाइट बंद कर दीप जलाने की अपील की। अपने वीडियो संदेश में पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के बाद लॉकडाउन के आज नौ दिन पूरे हुए हैं। इस दौरान आप सभी ने अनुशासन और सेवा भाव का परिचय दिया है, वह अभूतपूर्व है। शासन-प्रशासन और जनता जनार्दन ने मिलकर स्थिति को संभालना का भरपूर प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि आपने जिस तरह से 22 मार्च को कोरोना के खिलाफ लड़ने वाले हर व्यक्ति को धन्यवाद किया। पीएम मोदी ने कहा कि ये लॉकडाउन का समय जरूर है, हम अपने अपने घरों  में जरूर हैं, लेकिन हम में से कोई अकेला नहीं है। 130 करोड़ देशवासियों की सामूहिक शक्ति हर व्यक्ति के साथ है, हर व्यक्ति का संबल है। हमारे यहां माना जाता है कि जनता जनार्दन, ईश्वर का ही रूप होते हैं। इसलिए जब देश इतनी बड़ी लड़ाई लड़ रहा हो, तो ऐसी लड़ाई में बार-बार जनता रूपी महाशक्ति का साक्षात्कार करते रहना चाहिए। देशवासियों के लिए जारी वीडियो संदेश में पीएम मोदी ने कहा ‘इस रविवार यानी 5 अप्रैल को हम सबको मिलकर कोरोना के संकट के अंधकार को चुनौती देनी है। उसे प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है। इस पांच अप्रैल को हमें 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है। 130 करोड़ लोगों के महासंकल्प को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। 5 अप्रैल को रात नौ बजे आप सबके नौ मिनट चाहता हूं। पांच अप्रैल को रविवार को रात नौ बजे, घर की सभी लाइटें बंद करके, घर के दरवाजे या बालकनी में खड़े रहकर नौ मिनट तक मोमबत्ती, दीया या टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं। उन्होंने आगे कहा कि और उस समय यदि घर की सभी लाइटें बंद करेंगे तो चारो तरफ जब हर व्यक्ति एक-एक दीया जलाएगा तब प्रकाश की उस महाशक्ति का ऐहसास होगा, जिसमें एक ही मकसद से हम सब लड़ रहे हैं, ये उजागर होगा। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे यहां माना जाता है कि जनता जनार्दन ईश्वर का ही रूप होते हैं। इसलिए जब देश इतनी बड़ी लड़ाई लड़ रहा हो तो ऐसी लड़ाई में बार-बार जनता रूपी महाशक्ति का साक्षात्कार करते रहना चाहिए। ये साक्षात्कार, हमें मनोबल देता है, लक्ष्य देता है, उसकी प्राप्ति के लिए ऊर्जा देता है, हमारा मार्ग और स्पष्ट करता है। कोरोना महामारी से फैले अंधकार के बीच, हमें निरंतर प्रकाश की ओर जाना है। पीएम मोदी ने कहा कि इस कोरोना संकट से जो अंधकार और अनिश्चितता पैदा हुई है, उसे समाप्त करके हमें उजाले और निश्चितता की तरफ बढ़ना है। इस अंधकारमय कोरोना संकट को पराजित करने के लिए हमें प्रकाश के तेज को चारो दिशाओं में फैलाना है। इसलिए इस रविवार 5 अप्रैल को हम सबको मिलकर कोरोना के संकट के अंधकार को चुनौती देनी है उसे प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है। इस 5 अप्रैल को हमें 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है।

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  • इंदौर में स्वास्थ्य कर्मियों पर पत्थर और डंडों से हमला, दो महिला डॉक्टर घायल

    इंदौर में स्वास्थ्य कर्मियों पर पत्थर और डंडों से हमला, दो महिला डॉक्टर घायल

    मध्यप्रदेश के इंदौर में स्वास्थ्यकर्मियों से मारपीट और पथराव का मामला एक बार फिर सामने आया है, स्वास्थ्य महकमे की टीम कोविड 19 स्क्रीनिंग के लिये पहुंची थी, इसी बात पर स्थानीय लोग भड़क गये और और स्वास्थ्यकर्मियों पर पथराव कर दिया।

    इस पर कई लोगों ने ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया दी :

     

    दरअसल, बुधवार को इंदौर के टाटपट्टी बाखल इलाके में कोरोना वायरस से संदिग्ध एक बुजुर्ग महिला का मेडिकल चेकअप करने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों की टीम, जिसमें डॉक्टर, नर्स और आशा कार्यकर्ता शामिल थे, लाने आई थी, जिसका वहां के लोगों ने विरोध किया और लोगों ने पथराव कर दिया। उन्होंने लाठी-डंडों से उनका पीछा किया और फिर किसी तरह स्वास्थ्यकर्मियों की टीम जान बचाते भागी। बता दें कि यह घटना ऐसे वक्त में हुई है जहां पूरा देश डॉक्टरों के लिए तालियां बजा रहा है और उनके योगदान को सराह रहा है, मगर वहीं कुछ लोग इन्हें गालियां भी दे रहे हैं और पत्थर भी मार रहे हैं।

    यह पहला मामला नहीं है, जिसमें कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में अगली कतार में खड़े स्वास्थ्य कर्मियों के साथ बदसलूकी की घटना हुई है। इससे पहले दिल्ली के मरकज में तबलीगी जमाती के लोगों ने भी स्वास्थ्य कर्मियों पर थूका। दक्षिण-पूर्वी दिल्ली में रेलवे के पृथक केंद्रों में रखे गए तबलीगी जमात के कार्यक्रम से जुड़े करीब 160 लोगों ने उनकी जांच कर रहे डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया और यहां तक कि उनपर थूक फेका गया।

  • KKN लाइव..सफर तीन साल का, एक नजर में

    KKN लाइव..सफर तीन साल का, एक नजर में

    KKN लाइव ने आज अपना शानदार तीन वर्ष पूरा कर लिया है। आज ही के दिन यानी 2 अप्रैल 2017 को KKN लाइव वेब पोर्टल लॉच हुआ था। दोस्तो, इन तीन वर्षो में एक लाख 20 हजार से अधिक लोगो का साथ मिला और यह संख्या निरंतर बढ़ रही है। ये वो लोग है, जिनकी मदद से 75 लाख लोगो तक KKN लाइव ने दस्तक दे दी है। इसमें बड़ी संख्या में भारत के लोग है। भारत के सभी राज्य और प्रमुख शहरो तक KKN लाइव ने अपनी पहुंच बना लिया है। आपको बतातें हुए बहुत खुशी हो रही है कि KKN लाइव को भारत के बाहर, यानी दुसरे देशो में भी पसंद किया जाता है। इस वक्त करीब 55 देशो में KKN लाइव के दर्शक और पाठक मौजूद है। देखिए, इसकी एक झलक…