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  • बिहार में तेज आंधी और भारी बारिश का अलर्ट,14 से 19 अप्रैल तक रहेगा खराब मौसम

    बिहार में तेज आंधी और भारी बारिश का अलर्ट,14 से 19 अप्रैल तक रहेगा खराब मौसम

    KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार में मौसम ने अचानक करवट ले ली है। बीते एक सप्ताह से राज्य के कई हिस्सों में मूसलधार बारिश, गरज-चमक के साथ तेज आंधी और बिजली गिरने की घटनाएं सामने आई हैं। इस असामान्य मौसम के कारण कई जगहों पर जान-माल का नुकसान भी हुआ है।

    मौसम विज्ञान केंद्र, पटना के अनुसार यह मौसम अभी थमने वाला नहीं है। 14 अप्रैल से लेकर 19 अप्रैल तक बिहार के अधिकांश जिलों में मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहेगा। इस दौरान 27 जिलों में तेज आंधी, भारी वर्षा और ठनका गिरने की चेतावनी जारी की गई है।

    किस-किस जिले में है सबसे ज्यादा खतरा?

    मौसम विभाग ने 14 अप्रैल को जिन 27 जिलों को उच्च जोखिम क्षेत्र (High Risk Zone) में रखा है, उनमें शामिल हैं:

    • पटना

    • गया

    • भागलपुर

    • मुजफ्फरपुर

    • दरभंगा

    • समस्तीपुर

    • पूर्णिया

    • कटिहार

    • अररिया
      (अन्य जिलों की जानकारी मौसम विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है)

    इन जिलों में हवा की गति 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है, जिससे पेड़ गिरने, बिजली गुल होने और आवागमन में बाधा जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

    बिजली गिरने का खतरा और बचाव के उपाय

    बिहार में हर साल बड़ी संख्या में लोग बिजली गिरने से जान गंवाते हैं। मौसम विभाग ने लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी है।

    बचाव के उपाय:

    • आंधी-तूफान के समय घर से बाहर न निकलें

    • किसी भी ऊंचे पेड़ या बिजली के खंभे के नीचे खड़े न हों

    • मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें

    • पानी से भरे स्थानों से दूरी बनाए रखें

    • धातु की चीज़ों से दूर रहें

    क्यों बदला बिहार का मौसम इस तरह अचानक?

    मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, यह परिवर्तन पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance), बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी, और दिन-रात के तापमान में अचानक बदलाव के कारण हो रहा है। इन कारणों से कॉन्वेक्शनल वर्षा हो रही है, जिससे स्थानीय स्तर पर तेज बारिश और बिजली की घटनाएं हो रही हैं।

    डॉ. विनय कुमार, वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक, का कहना है:

    “यह बदलाव अप्रैल के मध्य में सामान्य नहीं माना जाता, लेकिन जलवायु में हो रहे बदलावों के कारण ऐसी घटनाएं अब अधिक सामान्य होती जा रही हैं।”

    किसानों पर पड़ा सीधा असर, रबी फसल को नुकसान

    इस असमय बारिश ने रबी फसलों, विशेष रूप से गेहूं और मक्का को भारी नुकसान पहुंचाया है। जिन इलाकों में कटाई हो चुकी थी, वहां खेतों में पानी भर गया है और अनाज गीला हो गया है

    कृषि विशेषज्ञों की सलाह:

    • कटे हुए अनाज को सुरक्षित स्थान पर रखें

    • प्लास्टिक तिरपाल या जाल की मदद से सुखाने की व्यवस्था करें

    • जरूरत पड़ने पर फफूंदनाशक का छिड़काव करें

    • कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) से संपर्क करें

    आपदा प्रबंधन विभाग की तैयारी और जनता से अपील

    बिहार आपदा प्रबंधन विभाग (BSDMA) और जिला प्रशासन ने सभी संवेदनशील क्षेत्रों में चेतावनी जारी कर दी है। लोगों को लगातार अपडेट देने के लिए SMS अलर्ट, स्थानीय रेडियो और पंचायत स्तर पर मुनादी कराई जा रही है।

    आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे:

    • राहत केंद्रों को तैयार रखें

    • जनसंपर्क माध्यमों से लोगों को जागरूक करें

    • तेज हवा और आंधी के दौरान बिजली आपूर्ति को नियंत्रित करें

    • त्वरित राहत टीमों को तैयार रखें

    तकनीकी मदद से समय पर अलर्ट

    मौसम विभाग अब डॉप्लर रडार, सैटेलाइट इमेजरी, और एआई आधारित पूर्वानुमान तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है, जिससे ग्रामीण इलाकों में भी रियल टाइम अलर्ट भेजे जा रहे हैं। इसके साथ ही भारत सरकार का “मौसम ऐप” भी आम लोगों को उनकी स्थानिक जानकारी के आधार पर मौसम की जानकारी दे रहा है।

    • बिहार के 27 जिलों में भारी वर्षा, तेज आंधी और बिजली गिरने की संभावना

    • 14 से 19 अप्रैल तक राज्य में अस्थिर मौसम बना रहेगा

    • प्रशासन पूरी तरह सतर्क, लेकिन आम लोगों को भी सावधानी बरतनी होगी

    • किसान, मजदूर, छात्र और यात्री विशेष रूप से सतर्क रहें

  • केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने सड़क दुर्घटना में घायलों की जान बचाई: एक मिसाल के तौर पर मानवता और जिम्मेदारी का प्रदर्शन

    केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने सड़क दुर्घटना में घायलों की जान बचाई: एक मिसाल के तौर पर मानवता और जिम्मेदारी का प्रदर्शन

    KKN  गुरुग्राम डेस्क | एक अद्वितीय उदाहरण पेश करते हुए, चिराग पासवान, जो लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री हैं, ने पटना और जहानाबाद जिले के सीमा पर सड़क दुर्घटना में घायल दो युवकों की मदद की। चिराग पासवान पटना से गया जा रहे थे, जब उनका काफिला मसौढ़ी के कोडिहरा गांव के पास पहुंचा और उन्होंने सड़क पर दो युवकों को दुर्घटना में घायल अवस्था में देखा।

    घटना: त्वरित निर्णय और मानवता की कार्रवाई

    जैसे ही काफिला दुर्घटना स्थल के पास पहुंचा, चिराग पासवान ने सड़क पर पड़े दोनों युवकों को देखा जो बेहोश पड़े थे। बिना किसी देरी के, उन्होंने अपना काफिला तुरंत रोकने का आदेश दिया। आजकल, सार्वजनिक व्यक्तित्वों से ऐसे त्वरित और मानवतावादी निर्णय कम ही देखने को मिलते हैं, लेकिन पासवान ने इस घटना में नागरिकों के कल्याण को सबसे पहले रखा।

    दुर्घटना का विवरण

    प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, दोनों युवक मोटरसाइकिल पर जहानाबाद जा रहे थे, जब किसी बड़ी गाड़ी ने उन्हें टक्कर मार दी। इस टक्कर के कारण दोनों युवक गंभीर रूप से घायल हो गए और सड़क किनारे पड़े थे। सड़क पर कई वाहन गुजर रहे थे, लेकिन कोई भी इन घायलों की मदद के लिए नहीं रुका।

    जब तक चिराग पासवान का काफिला घटनास्थल पर पहुंचा, वह स्थिति गंभीर हो चुकी थी। केंद्रीय मंत्री ने त्वरित निर्णय लिया और घायलों को सदर अस्पताल जहानाबाद भेजने के लिए अपनी गाड़ी का इस्तेमाल किया। इसके बाद उन्होंने कडौना थाना को घटना की सूचना भी दी।

    सार्वजनिक प्रतिक्रिया और संकट के समय नेताओं की भूमिका

    संकट के समय नेताओं की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है। उनके निर्णय दूसरों को मदद करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं या एक अदृश्यता की भावना को बढ़ावा दे सकते हैं। चिराग पासवान की यह कार्रवाई ने यह दिखाया कि संकट के समय एक नेता को किस तरह से सक्रिय रूप से कदम उठाना चाहिए।

    बिहार में सड़क सुरक्षा की चुनौतियां और सहानुभूतिपूर्ण नेतृत्व की आवश्यकता

    बिहार में सड़क सुरक्षा एक बड़ी समस्या है। सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी के कारण कई जानें चली जाती हैं। चिराग पासवान के इस कदम ने यह साबित किया कि किसी दुर्घटना के समय त्वरित कार्रवाई कितनी महत्वपूर्ण होती है।

    सड़क सुरक्षा उपायों की आवश्यकता

    इस घटना ने बिहार में सड़क सुरक्षा उपायों की आवश्यकता को भी उजागर किया। सरकारी प्रयासों से बेहतर यातायात नियम, सड़क निर्माण और सार्वजनिक जागरूकता अभियान सख्ती से लागू करने की जरूरत है।

    निष्कर्ष: बिहार के इतिहास में एक नेतृत्व का क्षण

    अंत में, चिराग पासवान की इस घटना ने यह सिद्ध कर दिया कि एक नेता का कार्य केवल राजनीति तक सीमित नहीं होता, बल्कि उन्हें हर संकट के समय नागरिकों की सहायता करनी चाहिए। उनका यह कार्य अन्य नेताओं के लिए एक उदाहरण बन गया है, जो दिखाता है कि वे भी लोगों की मदद में कितनी जल्दी कदम उठा सकते हैं।

    एक अद्वितीय उदाहरण पेश करते हुए, चिराग पासवान, जो लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री हैं, ने पटना और जहानाबाद जिले के सीमा पर सड़क दुर्घटना में घायल दो युवकों की मदद की। चिराग पासवान पटना से गया जा रहे थे, जब उनका काफिला मसौढ़ी के कोडिहरा गांव के पास पहुंचा और उन्होंने सड़क पर दो युवकों को दुर्घटना में घायल अवस्था में देखा।

    घटना: त्वरित निर्णय और मानवता की कार्रवाई

    जैसे ही काफिला दुर्घटना स्थल के पास पहुंचा, चिराग पासवान ने सड़क पर पड़े दोनों युवकों को देखा जो बेहोश पड़े थे। बिना किसी देरी के, उन्होंने अपना काफिला तुरंत रोकने का आदेश दिया। आजकल, सार्वजनिक व्यक्तित्वों से ऐसे त्वरित और मानवतावादी निर्णय कम ही देखने को मिलते हैं, लेकिन पासवान ने इस घटना में नागरिकों के कल्याण को सबसे पहले रखा।

    दुर्घटना का विवरण

    प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, दोनों युवक मोटरसाइकिल पर जहानाबाद जा रहे थे, जब किसी बड़ी गाड़ी ने उन्हें टक्कर मार दी। इस टक्कर के कारण दोनों युवक गंभीर रूप से घायल हो गए और सड़क किनारे पड़े थे। सड़क पर कई वाहन गुजर रहे थे, लेकिन कोई भी इन घायलों की मदद के लिए नहीं रुका।

    जब तक चिराग पासवान का काफिला घटनास्थल पर पहुंचा, वह स्थिति गंभीर हो चुकी थी। केंद्रीय मंत्री ने त्वरित निर्णय लिया और घायलों को सदर अस्पताल जहानाबाद भेजने के लिए अपनी गाड़ी का इस्तेमाल किया। इसके बाद उन्होंने कडौना थाना को घटना की सूचना भी दी।

    सार्वजनिक प्रतिक्रिया और संकट के समय नेताओं की भूमिका

    संकट के समय नेताओं की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है। उनके निर्णय दूसरों को मदद करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं या एक अदृश्यता की भावना को बढ़ावा दे सकते हैं। चिराग पासवान की यह कार्रवाई ने यह दिखाया कि संकट के समय एक नेता को किस तरह से सक्रिय रूप से कदम उठाना चाहिए।

    बिहार में सड़क सुरक्षा की चुनौतियां और सहानुभूतिपूर्ण नेतृत्व की आवश्यकता

    बिहार में सड़क सुरक्षा एक बड़ी समस्या है। सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी के कारण कई जानें चली जाती हैं। चिराग पासवान के इस कदम ने यह साबित किया कि किसी दुर्घटना के समय त्वरित कार्रवाई कितनी महत्वपूर्ण होती है।

    सड़क सुरक्षा उपायों की आवश्यकता

    इस घटना ने बिहार में सड़क सुरक्षा उपायों की आवश्यकता को भी उजागर किया। सरकारी प्रयासों से बेहतर यातायात नियम, सड़क निर्माण और सार्वजनिक जागरूकता अभियान सख्ती से लागू करने की जरूरत है।

    अंत में, चिराग पासवान की इस घटना ने यह सिद्ध कर दिया कि एक नेता का कार्य केवल राजनीति तक सीमित नहीं होता, बल्कि उन्हें हर संकट के समय नागरिकों की सहायता करनी चाहिए। उनका यह कार्य अन्य नेताओं के लिए एक उदाहरण बन गया है, जो दिखाता है कि वे भी लोगों की मदद में कितनी जल्दी कदम उठा सकते हैं।

  • बिहार मौसम अपडेट: अगले 48 घंटे में बारिश और वज्रपात की संभावना, कई जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी

    बिहार मौसम अपडेट: अगले 48 घंटे में बारिश और वज्रपात की संभावना, कई जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी

    KKN गुरुग्राम डेस्क |   बिहार में अगले 48 घंटे में मौसम बदलने वाला है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने राज्य के कई जिलों के लिए येलो अलर्ट (Yellow Alert) जारी किया है। इसकी वजह Western Disturbance है, जिसका असर दिल्ली-NCR में पहले ही दिख चुका है। अब यह बिहार के मौसम पर प्रभाव डालेगा, जिससे कई जिलों में बारिश (Rain), वज्रपात (Thunderstorm), और तेज़ हवाएं (Strong Winds) चलने की संभावना है।

    कौन-कौन से जिलों में येलो अलर्ट जारी?

    मौसम विज्ञान केंद्र, पटना (IMD Patna) के अनुसार, 21 फरवरी को पश्चिम चंपारण, जमुई और बांका जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। 22 और 23 फरवरी को 14 जिलों में यह अलर्ट जारी रहेगा, जिसमें शामिल हैं:

    • सुपौल
    • अररिया
    • किशनगंज
    • सहरसा
    • मधेपुरा
    • पूर्णिया
    • खगड़िया
    • कटिहार
    • मुंगेर
    • भागलपुर
    • जमुई
    • बांका
    • नवादा
    • गया

    इन जिलों में तेज़ बारिश (Heavy Rain), बादलों की गर्जना (Thunderstorm), और बिजली गिरने (Lightning Strike) की संभावना बनी हुई है।

    बिहार के अलग-अलग इलाकों में तापमान में बदलाव

    बिहार के कई जिलों में तापमान में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। कुछ जगहों पर तापमान बढ़ा, तो कुछ जगहों पर तापमान में गिरावट आई

    इन जिलों में तापमान बढ़ा (Temperature Increased in These Districts)

    जिन इलाकों में गर्मी बढ़ी, उनमें शामिल हैं:

    • गोपालगंज
    • मोतिहारी
    • सीतामढ़ी
    • सिवान
    • छपरा
    • वैशाली
    • बक्सर
    • भोजपुर
    • पटना
    • अरवल
    • रोहतास
    • गया
    • जमुई
    • बांका
    • भागलपुर
    • कटिहार
    • पूर्णिया
    • किशनगंज
    • अररिया

    इन जिलों में दिन का तापमान अधिक बना हुआ है, जिससे लोगों को गर्म हवाओं (Warm Winds) का सामना करना पड़ रहा है।

    इन जिलों में तापमान गिरा (Temperature Decreased in These Districts)

    कई जगहों पर बादल छाए रहने और बारिश की संभावना के कारण तापमान में गिरावट दर्ज की गई है:

    • वाल्मीकि नगर
    • मुजफ्फरपुर
    • मधुबनी
    • दरभंगा
    • सुपौल
    • मधेपुरा
    • पूसा
    • अगवानपुर
    • बेगूसराय
    • खगड़िया
    • नालंदा
    • शेखपुरा
    • मुंगेर
    • सासाराम
    • औरंगाबाद

    इन इलाकों में Cloudy Weather और ठंडी हवाएं चल रही हैं, जिससे तापमान में कमी आई है।

    बिहार में Western Disturbance का असर

    उत्तर भारत में Western Disturbance का असर पहले ही दिख चुका है। दिल्ली-NCR में बारिश हो चुकी है, और अब यह सिस्टम बिहार की ओर बढ़ रहा है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इसके कारण बादल, नमी और गरज-चमक (Cloudy Weather, Humidity, and Thunderstorm) बढ़ सकते हैं।

    फरवरी के मौसम अपडेट (Weather Update in February) के मुताबिक, बिहार में अगले 2-3 दिन तक मौसम अस्थिर (Unstable Weather) रहेगा। किसानों और स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है, क्योंकि Thunderstorm और Vajrapat (Lightning Strike) खतरनाक हो सकते हैं।

    कैसे बदलेगा बिहार का मौसम?

    IMD के पूर्वानुमान के अनुसार, बिहार में अगले कुछ दिनों में:

    • कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश (Moderate Rainfall in Multiple Districts) होगी।
    • तेज़ आंधी और गरज-चमक (Thunderstorm and Strong Winds) हो सकते हैं।
    • नमी (Humidity) बढ़ेगी, जिससे गर्मी और उमस महसूस हो सकती है।
    • तेज़ बारिश और बिजली गिरने से दैनिक गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं।

    इसलिए, लोगों को सलाह दी जाती है कि वे बाहर जाने से पहले Weather Forecast चेक करें और बिजली गिरने के समय खुले स्थानों से दूर रहें

    लोगों को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

    मौसम विशेषज्ञों ने कुछ ज़रूरी Safety Tips दिए हैं, जिन्हें अपनाकर आप खराब मौसम से बच सकते हैं:

    • Thunderstorm के दौरान खुले में खड़े न हों और बिजली के खंभों से दूर रहें
    • Mobile और Electronic Devices को अनप्लग कर दें, ताकि शॉर्ट सर्किट न हो।
    • Farmers को सलाह दी जाती है कि वे अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाएं।
    • बारिश के समय घर के अंदर रहें और यात्रा को टालें।
    • IMD Weather Update को समय-समय पर चेक करें, ताकि सही जानकारी मिलती रहे।

    सरकार ने भी जिलों के प्रशासन को सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है

    बिहार में अगले 48 घंटे में मौसम बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। कई जिलों में बारिश (Rain), वज्रपात (Lightning), और तेज़ हवाएं (Strong Winds) चल सकती हैं। IMD ने येलो अलर्ट जारी किया है, जिससे यह साफ है कि लोगों को सावधानी बरतनी होगी।

    बिहार में मौसम से जुड़ी ताजा खबरें (Latest Weather News), IMD Updates, और बिहार समाचार पढ़ते रहें KKNLIVE.com पर!

  • वार्षिक कार्यक्रम के दौरान गया में मंच गिरा, आरजेडी सांसद अभय कुशवाहा बाल-बाल बचे

    वार्षिक कार्यक्रम के दौरान गया में मंच गिरा, आरजेडी सांसद अभय कुशवाहा बाल-बाल बचे

    KKN गुरुग्राम डेस्क |  गया जिले के इमामगंज प्रखंड मुख्यालय स्थित एक निजी स्कूल में आयोजित वार्षिक उत्सव कार्यक्रम के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया। इस कार्यक्रम में आरजेडी सांसद अभय कुशवाहा, जो औरंगाबाद से सांसद हैं, मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। कार्यक्रम के दौरान मंच पर भारी भीड़ के कारण अचानक मंच गिर गया, जिससे अफरा-तफरी मच गई।

    हालांकि, इस हादसे में किसी को गंभीर चोट नहीं आई और सांसद अभय कुशवाहा बाल-बाल बच गए। यह घटना कार्यक्रम आयोजकों की लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी की ओर इशारा करती है।

    कैसे हुआ हादसा?

    कार्यक्रम के दौरान सांसद अभय कुशवाहा मंच पर अन्य अतिथियों के साथ बैठे थे। इसी दौरान, उनके साथ पार्टी कार्यकर्ता और स्कूल के कर्मचारी भारी संख्या में मंच पर चढ़ गए। मंच की क्षमता से अधिक वजन होने के कारण अचानक मंच ढह गया।

    मंच गिरते ही सांसद अभय कुशवाहा और अन्य अतिथि नीचे गिर गए। इस घटना से कुछ लोगों को हल्की चोटें आईं। हालांकि, सांसद कुशवाहा ने स्थिति को संभालते हुए खुद को सुरक्षित बचा लिया।

    सांसद अभय कुशवाहा की सतर्कता

    प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सांसद अभय कुशवाहा को पहले ही मंच के कमजोर होने का अंदेशा हो गया था। जब मंच गिरने लगा, तो उन्होंने तुरंत कुर्सी पकड़कर खुद को संतुलित किया और गिरने से बच गए। घटना के बाद उन्होंने माइक संभालकर कार्यक्रम में उपस्थित लोगों से शांत रहने की अपील की। उनकी इस सूझबूझ और त्वरित कार्रवाई से स्थिति और बिगड़ने से बच गई।

    मंच गिरने का कारण

    घटना के बाद यह सामने आया कि मंच की संरचना कमजोर थी और इसे सही तरीके से नहीं बनाया गया था। इसके अलावा, मंच पर अधिक लोगों का चढ़ना भी इस हादसे का बड़ा कारण बना। यह घटना आयोजकों द्वारा सुरक्षा मानकों की अनदेखी को उजागर करती है।

    कार्यक्रम में मची अफरातफरी

    मंच गिरते ही कार्यक्रम स्थल पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। लोग डर और घबराहट में इधर-उधर भागने लगे। हालांकि, सांसद अभय कुशवाहा ने अपनी सूझबूझ से माहौल को शांत किया। उन्होंने माइक से सभी से अपील की कि वे शांत रहें और घबराएं नहीं

    इस अपील के बाद माहौल थोड़ा सामान्य हुआ और कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया।

    सार्वजनिक कार्यक्रमों में सुरक्षा का महत्व

    यह घटना सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान सुरक्षा उपायों की अनदेखी को उजागर करती है। खासकर ऐसे कार्यक्रमों में जहां VIP और बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं, वहां सुरक्षा को प्राथमिकता देना बेहद जरूरी है।

    1. मंच निर्माण में गुणवत्ता:
      मंच या अन्य अस्थायी संरचनाओं का निर्माण मानकों के अनुरूप होना चाहिए। कमजोर सामग्री और लापरवाही से बनी संरचनाएं हादसे का कारण बन सकती हैं।
    2. भीड़ प्रबंधन:
      आयोजकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मंच पर केवल सीमित और आवश्यक लोग ही रहें। मंच पर अधिक संख्या में लोगों के चढ़ने से दुर्घटनाएं हो सकती हैं।
    3. आपातकालीन योजना:
      किसी भी कार्यक्रम के दौरान आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए एक ठोस योजना होनी चाहिए।

    सांसद अभय कुशवाहा की नेतृत्व क्षमता

    इस हादसे के दौरान सांसद अभय कुशवाहा ने जिस तरह से स्थिति को संभाला, वह उनकी नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है। मंच गिरने के बाद उन्होंने न केवल खुद को सुरक्षित रखा बल्कि स्थिति को भी नियंत्रित किया। उनकी अपील के बाद कार्यक्रम स्थल पर मौजूद लोग शांत हो गए।

    यह घटना दर्शाती है कि विपरीत परिस्थितियों में एक नेता की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण होती है।

    स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

    घटना के बाद स्थानीय लोगों ने स्कूल प्रशासन और कार्यक्रम आयोजकों की तीखी आलोचना की। उनका कहना है कि कार्यक्रम के लिए उचित व्यवस्थाएं नहीं की गई थीं और सुरक्षा मानकों की पूरी तरह अनदेखी की गई।

    लोगों ने मंच निर्माण की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए हैं। उनका मानना है कि अगर मंच को बेहतर तरीके से बनाया गया होता, तो यह हादसा टाला जा सकता था।

    इस घटना से सीखने योग्य बातें

    गया में हुए इस हादसे ने सार्वजनिक कार्यक्रमों में सुरक्षा की अनिवार्यता को फिर से रेखांकित किया है।

    • सुरक्षा प्राथमिकता:
      हर सार्वजनिक कार्यक्रम में सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। मंच निर्माण से लेकर भीड़ प्रबंधन तक हर पहलू पर ध्यान देना जरूरी है।
    • मंच की क्षमता:
      मंच की क्षमता और उस पर चढ़ने वाले लोगों की संख्या का ध्यान रखना जरूरी है।
    • घटना प्रबंधन:
      आयोजकों को ऐसी स्थिति में त्वरित निर्णय लेने और स्थिति को संभालने के लिए प्रशिक्षित होना चाहिए।

    कार्यक्रम के मुख्य बिंदु

    1. सांसद अभय कुशवाहा और अन्य अतिथि मंच गिरने के दौरान सुरक्षित बच गए।
    2. मंच पर अधिक वजन होने के कारण यह हादसा हुआ।
    3. घटना के बाद सांसद ने माइक संभालकर लोगों को शांत रहने की अपील की।
    4. मंच निर्माण की खराब गुणवत्ता और भीड़ प्रबंधन की कमी इस हादसे का मुख्य कारण रही।

    गया के इमामगंज प्रखंड में स्कूल के वार्षिक उत्सव के दौरान हुआ यह हादसा सार्वजनिक कार्यक्रमों की सुरक्षा और योजना की कमजोरियों को उजागर करता है। हालांकि, सांसद अभय कुशवाहा की सूझबूझ और नेतृत्व क्षमता ने स्थिति को संभालने में बड़ी भूमिका निभाई।

    आयोजकों के लिए यह घटना एक सबक है कि सुरक्षा मानकों को प्राथमिकता दी जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए बेहतर योजना बनाई जाए।

    KKN Live पर बने रहें, गया और बिहार से जुड़ी हर बड़ी खबर और विश्लेषण के लिए।

  • बोधगया में भंतेजी के कारनामो का हुआ खुलाशा, बाल भिक्षुओ से कराते थे गलत काम

    बोधगया में भंतेजी के कारनामो का हुआ खुलाशा, बाल भिक्षुओ से कराते थे गलत काम

    बोधगया में भंतेजी के कारनामो का हुआ खुलाशा, बाल भिक्षुओ से कराते थे गलत काम

    बिहार के बोधगया से एक भंतेजी के कारनामो की हकीकत अब सामने आने लगी है। इससे पहले बता दूं कि आरोपित बौद्ध भिक्षु संघ प्रिया उर्फ भंते सुजॉय को कोर्ट में पेशी के बाद पुलिस ने पिछले दिनो उन्हें जेल भेज दिया है। मामला बिहार के बोधगया के मस्तीपुर स्थित प्रजना सोशल वेलफेयर संस्था से जुड़ी है।

    खुलाशा चौकाने वाला है

    इस बीच पुलिस जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जांच के दौरान पुलिस ने पाया है कि मेडिटेशन सेंटर में बाल भिक्षुओं को कथित तौर पर सेक्स वर्कर बना कर रखा जाता था और उन्हें जबरन न्यूड डांस कराया जाता था। शोषण का शिकार होने वाले इन बच्चों को इसके लिए खास किस्म की ट्रेनिंग के लिए देश के उत्तर पूर्वी राज्यों से भेजा जाता था। यहां रहने वाले अधिकतर बच्चे त्रिपुरा और असम से होते थे। जांच से पता चला है कि यहां के कुछ बाल भिक्षुओं को कोलकाता और अन्य जगहों पर क्लाइंट्स के पास भी भेजा जाता था। बहरहाल, बोधगया थाने में असम के अरुण विकास चकमा के बयान पर पोक्सो एक्ट सहित अन्य धारोओं में भंते के खिलाफ पहले ही एफआईआर दर्ज हो चुकी है।

    एफएसएल की टीम ने शुरू की जांच

    खुलासे के बाद पटना से एफएसएल की टीम बोधगया पहुंच चुकी है और विभिन्न बिंदुओं पर जांच शुरू कर दी गई है। जांच टीम बाल बौद्ध भिक्षुओं से अप्राकृतिक यौनाचार का साक्ष्य जुटाने की कोशिश कर रही है। इस दौरान संस्था के छात्रावास में रहने वाले 32 बाल भिक्षुओं की गया के जेपीएन अस्पताल में मेडिकल जांच करायी गई। इन बच्चों का कोर्ट में 164 का बयान दर्ज कराने की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। जांच टीम चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के समक्ष भी इसे पेश करने की तैयारी कर चुकीं है।

    इंटरनेशनल बुद्धिष्ट काउंसिल सख्त

    बोधगया के मस्तीपुर स्थित बुद्धिष्ट मेडिटेशन सेंटर में बाल यौनाचार उत्पीड़न का मामले सामने आने के बाद इंटरनेशनल बुद्धिष्ट काउंसिल ने इसे गंभीरता से लिया है। बीटीएमसी में काउंसिल के सदस्यों ने आपात बैठक करके बाल लामाओं के साथ हुए यौनाचार उत्पीड़न की कड़ी निंदा की है। काउंसिल के सचिव प्रज्ञादीप ने कहा कि यौनाचार उत्पीड़न के मामले के आरोपित बौद्ध भिक्षु संघ प्रिया को इंटरनेशनल बुद्धिस्ट काउंसिल से कोई लेना देना नहीं है। वह काउंसिल का सदस्य नहीं है और वह अपना स्वतंत्र संस्था चलाता था।

  • मंदिर बनाने में मदद को आए मुस्लिम समुदाय के लोग

    मंदिर बनाने में मदद को आए मुस्लिम समुदाय के लोग

    जमीन के साथ आर्थिक मदद भी दी
    गया। बिहार के गया में हिन्दू और मुसलमानो ने मिल कर अपनी चट्टानी एकता की बेजोड़ मिशाल पेश कर दी है। दरअसल, घटेरा पंचायत के बुद्धपुर गांव में दो समुदायों की यह मोहब्बत सुकून देने वाली है।

    यहां मुस्लिम समुदाय ने गांव के जर्जर हो चुके देवी मंदिर के निर्माण के लिए न केवल जमीन दी, बल्कि 3.5 लाख रुपये की सहयोग राशि भी दी है। बतातें चलें कि गांव के बीच में देवी मां का 50 साल पुराना मंदिर था। यह काफी जर्जर हालत में था। गांववालों की बैठक में मुस्लिम समुदाय ने इसमें बढ़-चढ़कर भूमिका निभाई। गांव के मो. मंसूर अंसारी ने अपनी जमीन दी। वहीं उनके चचेरे भाई मोहम्मद मोख्तार ने 3.5 लाख रुपये की सहयोग राशि दी। मंदिर निर्माण के उपलक्ष्य में आयोजित पांच दिवसीय महायज्ञ में भी मुस्लिम समुदाय ने सहयोग किया।
    मुस्लिम बाहुल गांव है
    बतातें चलें कि 60 घर वाले बुद्धपुर गांव में 50 से अधिक घर मुस्लिमों के हैं। फिर भी उन्होंने दूसरे मजहब को दिल से सम्मान देकर नफरत फैलाने वालों के मुंह पर जबरदस्त चमाटा जड़ दिया है। अब इस इलाके में ही नही बल्कि, पूरे सूबे में मुस्लिम समुदाय के इस कार्य की सराहना होने लगी है।

  • पिता को पेंड से बांध कर मां और बेटी से किया गैंग रेप

    पिता को पेंड से बांध कर मां और बेटी से किया गैंग रेप

    देश, दुनिया और अपने समीप की घटनाओं से अपडेट रहने के लिए प्लेस्टोर से KKN Live का एप डाउनलोड कर लें।

    गया। बिहार के गंया से हैवानियत की हदें पर करने वाली एक खबर आई है। बदमाशो ने पति को पेंड़ से बांध कर उसके सामने ही उसकी पत्नी और बेटी से एक दर्जन बदमाशो ने सामुहिक दुष्कर्म किया।

    घटना, गया जिले के सोनडीहा गांव के पास की है। निजी क्लीनिक चलाने वाले डॉक्टर अपनी पत्नी व बेटी के साथ बिती रात घर जा रहे थे। सोनडीहा गांव पार करने पर कनौसी रोड में छिनतई की घटना को अंजाम देने की फिराक में घात लगा कर बैठे करीब एक दर्जन अपराधियों ने डॉक्टर की बाइक रुकवाई। इसके बाद हथियार के बल पर तीनों को सड़क से थोड़ी दूर ले जाकर डॉक्टर को पेड़ से बांध दिया। और उसके आंखों के सामने ही सभी एक दर्जन अपराधिओं ने मां-बेटी के साथ दुष्कर्म किया। इस दौरान मां और बेटी चिखती रही और बदमाशो से रहम की भीख भी मांगती रही। बावजूद इसके हवस की आग में अंधे हो चुके बदमाशो पर इसका कोई असर नही पड़ा और डॉक्टर के सामने ही उसकी पत्नी और बेटी की आबरू लूट गई।
    घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने सोनडीहा में छापेमारी कर कई युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। जानकारी के मुताबिक इनमें दो युवकों की पहचान पीड़िता ने पहचान कर ली है। पुलिस अब इन्हीं दोनो से उसके अन्य साथियों की पहचान कराने में जुटी है। बहरहाल, पुलिस ने इस घटना की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है। शक के आधार पर सोनडीहा गांव से 20 युवकों को हिरासत में लिया गया।

  • शराब पीते हुए सांसद पुत्र गिरफ्तार

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    बिहार। बिहार के गया जिले में भारतीय जनता पार्टी के सांसद हरि मांझी के पुत्र राहुल कुमार मांझी को शराब पीने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस सांसद पुत्र को बोधगया के नामा गांव के पास से उसे उसके अन्य साथियों के साथ गरफ्तार किया है।

    इससे पहले भी 14 दिसंबर 2016 को भी राहुल को पुलिस ने नशे की हालत में हंगामा करते हुए गिरफ्तार किया था और वह 11 जनवरी 2017 को जमानत पर बाहर निकला था। बतातें चलें कि बोधगया पुलिस किसी फरार वारंटी को पकड़ने के लिए छापेमारी करने नामा गांव गई थी। छापेमारी के दौरान पुलिस ने सांसद के बेटे राहुल और उसके साथ नशे की हालत में मुनारिक चौधरी को गिरफ्तार कर लिया है।

  • तलाकशुदा अधेड़ की विस्तर पर बिछने से बची किशोरी

    पूजा श्रीवास्तव
    गया। सहेलियों की सूझबूझ से एक किशोरी की जिन्दगी तबाह होने से बच गयी। दरअसल, उसके गरीब माता पिता ने किशोरी का विवाह एक तलाकशुदा अधेड़ के साथ करने पर सहमत हो गई थे। किंतु, सहेलियो ने इस विवाह की सूचना पुलिस को दे दी। बतातें चलें कि यह विवाह 18 फरवरी को होना था।

    कहतें है कि बिहार में अब बाल विवाह के खिलाफ माहौल बनने लगा है। मामला गया जिले से जुड़ा है। नौवीं क्लास की छात्रा पिंकी ने नाबलिग उम्र में शादी से इंकार करके बाल विवाह के प्रति बन रहे माहौल को प्रमाणित कर दिया है। उसने अपने स्कूल की सहेलियों के जरिए पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद बाराचट्टी थानाध्यक्ष ने तेतरिया स्थित पिंकी के घर पहुंचकर मामले की छानबीन की और माता पिता को समझाबूझा कर इस विवाह को टाल दिया है।
    पिंकी की सहेली नेहा कुमारी ने बताया कि हमलोग को पता चला कि पिंकी के पिता उसकी शादी तलाकशुदा लड़के से करवा रहे हैं। पिंकी नौवीं में पढ़ती है और अभी उसकी शादी करने की उम्र भी नहीं है। पिंकी शादी नहीं करना चाहती थी तो स्कूल की लड़कियो ने मिलकर इसकी शिकायत थाने में कर दी। बहरहाल, शादी रुकने के बाद पिंकी और उसके स्कूल की सहेलियां काफी खुश हैं। गौरतलब है कि पिंकी की शादी की सारी तैयारी पूरी कर ली गयी थी और कार्ड भी छप चुका था।

  • गया के एक स्कूल में फिर मिला बम

    गया के एक स्कूल में फिर मिला बम

    पूजा श्रीवास्तव
    गया। गया में एक बार फिर बम मिलने से अफरा तफरी मच गयी है। बुधवार को परैया प्रखंड के मंझार गांव स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय के मुख्य द्वार पर यह बम लावारिस अवस्था में पड़ा मिला है। हालांकि मौके पर पहुंचकर पुलिस एवं एसएसबी के जवानों ने बम को डिफ्यूज करके बड़ी घटना होने से बचा लिया।

    स्कूल के प्राचार्य ने पुलिस को बताया कि स्कूल में पढ़ने आए बच्चों ने मुख्य द्वार पर बोरे में कुछ रखा हुआ देखा। जिसके बाद इसकी सूचना पुलिस को दी गई। बच्चों द्वारा सूचना दिए जाने के बाद पुलिस एवं एसएसबी के जवानों ने आकर बम को डिफ्यूज कर दिया है।
    एसएसबी के उप कमांडेंट राजीव सिंघब ने बताया कि डॉग स्क्वायड द्वारा उक्त बोरे की जांच की गई। जिसमें विस्फोटक होने की पुष्टि हो हुई। जिसके बाद बम को मोरहर नदी में ले जाकर विस्फोट कर डिफ्यूज कर दिया गया। उक्त बम का वजन लगभग एक किलो के आसपास था। बताया जा रहा है कि यदि यह बम विस्फोट होता तो काफी क्षति हो सकती थी।

  • बेटी जनने पर पत्नी को एसिड से जलाया

    पूजा श्रीवास्तव
    गया। गया जिले के कोंच प्रखंड के उतरेन गांव में एक महिला को बेटी जनने की ऐसी खौफनाक सजा मिली कि मानवता सहम जाए। घटना को अंजाम देने वाला कोई और नही बल्कि, महिला के पति ही है। कहतें हैं कि पहले तो उसने अपनी पत्नी के चेहरे पर एसिड फेंका और जब इससे भी मन नहीं भरा तो अस्पताल में जाकर पत्नी के शरीर पर लगे पट्टियों को भी खरोच डाला।

    बतातें चलें कि पीड़िता को पहले से दहेज के लिए ससुराल वाले प्रताड़ित कर रहे थे। इसी बीच महिला ने एक बच्ची को जन्म दे दिया। बच्ची के जन्म के बाद पीड़िता का पति पूरी तरह हैवान बन गया। जानकारी के मुताबिक 23 दिसम्बर 2017 को पीड़िता अपनी दुधमुंही बच्ची के साथ सोयी थी तभी पति ने तेजाब उडे़ल दिया। जिससे वह पूरी तरह झुलस गयी। साथ में सो रही दुधमुंही बच्ची भी झुलस गयी।
    पीड़िता को मगध मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। इसके बाद भी पति का जी न भरा तो वह अस्पताल में पहुंच कर महिला के शरीर पर लगाए गए पट्टी को नोंच डाला। पीड़िता के पिता ने पुलिस को बताया की उसके दामाद का औरंगाबाद में कोई परिजन राजनितिक रसूख वाला है।

  • गया में बस पलटी, एक की मौत एक दर्जन विदेशी यात्री जख्मी

    गया में बस पलटी, एक की मौत एक दर्जन विदेशी यात्री जख्मी

    गया। बिहार में गया जिले के अतरी थाना क्षेत्र के तपोवन गांव के निकट आज सुबह पर्यटक से भरी एक बस पलट गयी। इसमें एक युवक की मौत हो गयी है। वही करीब एक दर्जन अन्य पर्यटक जख्मी बताये जा रहें हैं।

    यह बस बोधगया से राजगीर जा रही थी। बताया जा रहा है कि यह यात्री बस जैसे ही तपोवन के पास पहुंची अचानक एक युवक बस के सामने आ गया और युवक को बचाने के क्रम में बस चालक ने अपना नियंत्रण खो दिया और बस सड़क किनारे एक गड्ढे में पलट गयी। जख्मी होने वालो में सभी थाईलैंड के यात्री है।
    वही, मृतक की पहचान गया जिले के मोहड़ा प्रखंड के तपस्वी नगर गांव निवासी 25 वर्षीय जोगी पासवान के रूप में हो गयी है। घायलों को अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना से आक्रोशित लोगों ने तपोवन-राजगीर मुख्य सड़क मार्ग को जाम कर दिया। हालांकि, बाद में वरीय अधिकारियों ने लोगों को समझा-बुझाकर जाम समाप्त करा दिया है।

  • महाबोधि मंदिर को उड़ाने की साजिश नाकाम

    महाबोधि मंदिर को उड़ाने की साजिश नाकाम

    बोधगया। बोधगया को फिर से दहलाने की साजिश को सुरक्षा कर्मियों ने नाकाम कर दिया है। बतातें चलें कि आतंकियों ने महाबोधि मंदिर परिसर के आसपात तीन जगहों पर विस्फोटक छुपा रखे थे। कालचक्र मैदान के गेट नम्बर चार और उसके समीप से कई विस्फोटक बरामद हयें हैं।

    पुलिस के शुरू की जांच के दौरान सीसीटीवी में तीन संदिग्धों की पहचान की गई है। शाम साढ़े चार बजे ये तीनों संदिग्ध मंदिर में प्रवेश करते देखे गए। इन तीनों में दो भारतीय और एक नेपाली मूल का हैं।
    बताया जाता है कि कालचक्र मैदान के गेट नम्बर चार के जेनरेटर के पास थरमस फटने की घटना हुई। इसकी आवाज सुनकर सुरक्षा में तैनात पुलिसवाले वहां पहुंचे। आसपास के इलाके को पुलिस ने अपने घेरे में लेकर तलाशी शुरू कर दी। इसी दौरान लावारिस हालत में वहां एक बैग मिला। संदिग्ध वस्तु दिखने के बाद तत्काल बम निरोधक दस्ता को बुलाया गया। स्कैन करने पर केन में विस्फोटक की बात सामने आई। इसके बाद तलाशी का दायरा बढ़ा दिया गया। पुलिस के मुताबिक श्रीलंका मॉनिस्ट्री के पास चौराहे के करीब एक पेड़ के चबूतरे के नीचे बैग में रखा दूसरा विस्फोटक मिला। साथ ही महाबोधि मंदिर के बाहर लाल चबूतरा के पास भी ऐसा ही एक थैला दिखा। जांच में इसमें भी विस्फोटक होने की बात सामने आई। बताया जाता है कि उसमें अमोनियम नाइट्रेट समेत दूसरे विस्फोटक और तार लगे हैं।
    बतातें चलें कि बोधगया में इस समय आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा का कालचक्र मैदान में प्रवचन चल रहा है। उन्हें महाबोधि मंदिर के पास स्थित तिब्बती बौद्ध मंदिर में ठहराया गया है। शुक्रवार को ही राज्यपाल सत्यपाल मलिक भी बोधगया के दौरे पर थे। इतनी सुरक्षा के बावजूद कालचक्र मैदान के गेट के पास विस्फोटक मिलना सुरक्षा पर बड़ा सवालियान निशान खड़ा कर रहा है। विस्फोटक मिलने के बाद दलाई लामा के ठहरने के स्थान के आसपास सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है।
    स्मरण रहें कि इससे पहले 7 जुलाई 2013 को महाबोधि मंदिर समेत बोधगया के कई हिस्सों में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे। इस सीरियल धमाकों को इंडियन मुजाहिद्दीन ने अंजाम दिया था। पटना के गांधी मैदान में अक्टूबर 2014 में हुए धमाकों के बाद इंडियन मुजाहिद्दीन के कई आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था। इसमें आईएम का संस्थापक सदस्य यासीन भटकल के अलावा आईएम का तहसीन अख्तर उर्फ मोनू, हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी समेत दर्जन भर से ज्यादा संदिग्ध आतंकी पकड़े गए थे।

  • दहेज मुक्त परिणय सूत्र में बंधे 51 जोड़ा

    दहेज मुक्त परिणय सूत्र में बंधे 51 जोड़ा

    गया। दहेज एक समाजिक कुरीति है और अब इसके बिरुद्ध युवाओं में रूझान बढ़ने लगा है। गया शहर के नूतन नगर में एक समाजिक संस्था ने दहेज की विदाई समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया। इस मौके पर 51 नवविवाहित जोड़ों ने बिना दहेज के परिणय सूत्र में बंध कर दहेज को विदाई दी है।
    कन्या विवाह एंड विकास सोसाइटी के सचिव विकास कुमार ने कहा कि संस्था की 7वीं वर्षगांठ के मौके पर 51 नवविवाहित जोड़ों के बीच शादी के बाद विदाई सामग्री बांटी गई। दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराई से लोगों को जागरूक करने के मकसद से इस तरह का आयोजन किया गया।
    बताया गया कि संस्था के द्वारा प्रतिवर्ष कई जोड़ों की शादी संस्था के खर्चे पर कराई जाती है। ये ऐसे लोग होते हैं, जो आर्थिक रुप से काफी कमजोर होते हैं, और शादी विवाह का खर्च खुद वहन नहीं कर सकते। ऐसे लोगों को संस्था के द्वारा सामूहिक विवाह कराया जाता है। इस संस्था में अब तक हजारों जोड़े परिणय सूत्र में बंध चुके हैं।

    संस्था के द्वारा सिर्फ गया जिला ही नहीं बल्कि औरंगाबाद, नवादा, जहानाबाद, पटना यहां तक की झारखंड के भी गरीब जोड़ों की शादी कराई जाती है। साथ ही विदाई सामग्री का भी वितरण किया जाता हैं। बता दें कि इस दौरान संस्था के कार्यकर्ताओं द्वारा लोगों को दहेज नहीं लेने और बाल विवाह रोकने की भी जानकारी दी जाती हैं। ताकि सामाजिक कुरीतियों को खत्म किया जा सके।

  • हल्दिया गैस पाइप लाइन के बेस कैम्प पर नक्सली हमला

    बिहार। गया के आमस थाना क्षेत्र के महुअवां गांव के पास देर रात नक्सलियों ने हल्दिया गैस पाइप लाइन के बेस कैम्प पर धावा बोलकर 3 ट्रक, 3 डीजी मशीन और 1 जरनेटर में आग लगा दी। वहीं 1 पोपलेंन, 1 बूम मशीन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। नक्सलियों ने पर्चे भी छोड़ लेवी की मांग की है। बेस कैम्प पर तैनात नाइट गार्ड राजकुमार पासवान ने बताया कि नक्सलियों की संख्श 20 थी। सभी नक्सली एक साथ धावा बोल कर पहले कैम्प को कब्जे में लिया और फिर वारदात को अंजाम दिया। घटना के बाद पहुंची पुकिस नक्सली पर्चा अपने साथ ले गई। घटना के बाद कैम्प कर्मियों में दहशत है।

  • बिहार से बोधगया का पर्यटन पर्व के लिए हुआ चयन

    बिहार से बोधगया का पर्यटन पर्व के लिए हुआ चयन

    गया। बिहार से बोधगया का चयान पर्यटन पर्व के लिए किया गया है। केंद्र सरकार ने 05 से 25 अक्टूबर के बीच ‘पर्यटन पर्व’ मनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए देश के सभी राज्यों से एक-एक पर्यटन स्थलों का चयन किया जा रहा है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पूरे देश में होने वाले आयोजनों के लिए बिहार से बोधगया का चयन होना राज्य के लिए गौरव की बात है। बताया गया है कि 06 अक्टूबर को यहां संस्कृति मंत्रालय द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। केंद्र सरकार ने आयोजन से संबंधित सूचना राज्य सरकार को भेज दी है।

  • लेवी के लिए नक्सलियों ने सोलर प्लांट उड़ाया

    लेवी के लिए नक्सलियों ने सोलर प्लांट उड़ाया

    गया। आमस के सावकला मारवाडीह गांव स्थित 120 एकड़ में लगे सोलर प्लांट को नक्सलियों ने बिस्फोटक लगा कर उड़ा दिया है। दर्जनों हथियारबंद नक्सलियों ने बीती रात घटना को अंजाम दिया है। इस सोलर प्लांट से 25 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता था। नक्सली 20 से 25 की संख्या में थे। आते ही उन्होंने 120 एकड़ में फैले सोलर प्लांट के कंट्रोल रूम को अपने कब्जे में लिया। सुरक्षा में लगे कर्मियों से मारपीट भी की।
    प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक नक्सलियों ने कंट्रोल रूम में आईईडी लगाई और 100 मीटर दूर तार ले जाकर ब्लास्ट करा दिया। नक्सलियों ने चेतावनी में कहा है कि डेढ़ साल से प्लांट चल रहा है और लेवी नहीं दी गई है। हथियारबंद नक्सली काली वर्दी में थे। यहां से कई गांव बिजली से रौशन होते हैं। कर्मियों के मुताबिक इसमें लाखों का नुकसान हुआ है। सोलर प्लांट की शुरुआत अप्रैल 2016 में हुई थी।

  • गया में रहता था अहमदाबाद ब्लास्ट का आरोपी

    पहचान छिपाने के लिए स्कूलों में पढ़ा रहा था साइंस

    गया। अमदाबाद ब्लास्ट का मास्टरमाइंड तौसीफ खां ने सिर्फ अपना नाम नहीं बदला, बल्कि पहचान छुपाने को उसने शिक्षक की नौकरी कर ली, ताकि उसे कोई पहचान नही सके। अतीक के नाम से उसने गया के एक निजी स्कूल में गणित पढ़ाने का का काम भी शुरू कर दिया। तौसीफ गया के करमौनी गांव में लोगों के बीच अतीक के नाम से जाना जाता था। इधर, अहमदाबाद ब्लास्ट के बाद से सुरक्षा एजेंसियां उसकी तलाश में लगातार जुटी हुई थीं।
    बतातें चलें कि तौसीफ अहमदाबाद में 2008 में हुए बम ब्लास्ट के बाद से छुपकर गया में रह रहा था। उसके जानने वाले सना खां ने मुमताज पब्लिक हाई स्कूल में उसे शिक्षक की नौकरी दिलाई। तीन साल तक वहां शिक्षक रहा। इसके बाद ट्यूशन पढ़ाने लगा। तौसीफ ने अपना नाम बदल कर अतीक रख लिया था। उसके साथ सना खां और निजी स्कूल के संचालक सरवर सलाही को भी गिरफ्तार किया गया है।
    तौसीफ खां उर्फ अतीक ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्यूनिकेशन से इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी की है। महाराष्ट्र के नंदूरबाग स्थित डीएन पाटिल इंजीनियरिंग कॉलेज से उसने वर्ष 2001-05 के बीच बी.टेक किया। गिरफ्तार किए गए अहमदाबाद ब्लास्ट के अभियुक्त मो. अतीक उर्फ तौसीफ से गुरुवार को दिनभर तीन जांच एजेंसियों ने पूछताछ की। इनमें बिहार एटीएस, गुजरात एटीएस और एनआईए की टीम शामिल है।

  • रॉकी यादव समेत तीन को उम्रकैद

    गया रोडरेज केस

    बिहार। गया के चर्चित रोडरेज मामले में अदालत ने रॉकी यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। हत्या के आरोपी टेनी और एमएलसी मनोरमा देवी के बॉडीगार्ड राजेश को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वही रॉकी के पिता बिंदी यादव को 5 साल की सजा मिली है।
    अदालत ने इस मामले में प्रसिद्ध व्यवसायी श्याम सुंदर सचदेव के बेटे आदित्य सचदेव की हत्या मामले में दोषी राकेश रंजन यादव उर्फ रॉकी यादव, उसके चचेरा भाई राजीव कुमार उर्फ टेनी यादव और उसकी मां मनोरमा देवी का सरकारी बॉडीगार्ड राजेश कुमार को 31 अगस्त को दोषी करार दिया था।

  • रॉकी यादव ने ही की थी आदित्य की हत्या

    गया रोडरेज में कोर्ट ने चार लोगो को दोषी करार दिया

    गया। बिहार के चर्चित रोडरेज केस में गया की अदालत ने मुख्य आरोपी रॉकी यादव सहित चार आरोपियों को दोषी करार दिया है। अदालत इन चारों आरोपियों की सजा पर फैसला छह सितंबर को सुनायेगी। मुख्य अभियुक्त रॉकी यादव एमएलसी मनोरमा देवी का बेटा है। रॉकी के साथ पिता बिंदी यादव व चचेरे भाई टेनी यादव और बॉडीगार्ड को भी दोषी करार दिया गया है।
    रॉकी पर आरोप है कि वह 12वीं के छात्र आदित्य सचदेवा की गोली मारकर हत्या सिर्फ इसलिए कर दी, क्योंकि उसने रॉकी की कार को ओवरटेक किया था। घटना पिछले साल 7 मई की है। आदित्य के मां-पिता ने कहा कि उन्हें अदालत पर पूरा भरोसा है। दरअसल, 7 मई 2016 को आदित्य अपने दोस्तों के साथ कार से बोधगया से गया लौट रहा था। सफर में रॉकी यादव से साइड देने को लेकर झगड़ा हुआ और रॉकी ने उसे गोली मार दी। इस मामले ने बिहार की राजनीति को गर्मा दिया था। आदित्य को अस्पताल ले जाते जाते ही उसकी रास्ते में ही मौत हो गई थी।