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  • बिहार में आंधी-तूफान और वज्रपात से हुई कई जानें हादसे का शिकार

    बिहार में आंधी-तूफान और वज्रपात से हुई कई जानें हादसे का शिकार

    KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार में मौसम में अचानक बदलाव आ गया है, जिसके कारण राज्य के कई जिलों में आंधी-तूफान और वज्रपात के साथ बारिश का सिलसिला जारी है। बुधवार को, भारी बारिश और तूफान के कारण मधुबनी और अन्य जिलों में भारी नुकसान हुआ। इस वज्रपात के कारण तीन लोगों की मौत हो गई, जिसमें एक पिता और पुत्री शामिल हैं। यह घटना मधुबनी जिले के रुद्रपुर थाना क्षेत्र के अलपुरा गांव में हुई। इस लेख में हम बिहार में मौसम के बदलाव और उससे जुड़ी वज्रपात की घटनाओं पर चर्चा करेंगे और जानेंगे कि इन घटनाओं के बाद सरकार और समुदाय ने क्या कदम उठाए हैं।

    मधुबनी जिले में वज्रपात से हुई मौतें

    बिहार के मधुबनी जिले के अलपुरा गांव में वज्रपात की चपेट में आकर 62 वर्षीय मो. जाकिर और उनकी 18 वर्षीय पुत्री आयशा की मौत हो गई। यह दुखद घटना उस समय हुई जब मो. जाकिर और उनकी बेटी गेहूं की फसल को ढकने के लिए नहर के पास खेतों में जा रहे थे। जैसे ही वे नहर के पास पहुंचे, अचानक एक तेज वज्रपात हुआ, और दोनों बुरी तरह से झुलस गए। घटना स्थल पर ही उनकी मौत हो गई।

    यह घटना परिवार के लिए एक बड़ी त्रासदी बन गई। मो. जाकिर और आयशा की मृत्यु ने उनके परिवार को शोक में डुबो दिया। इस हादसे के बाद गांव में मातम छा गया है और स्थानीय समुदाय इस घटना पर स्तब्ध है।

    झंझारपुर में भी हुआ वज्रपात का कहर

    दूसरी ओर, झंझारपुर प्रखंड के पिपरौलिया गांव में भी वज्रपात की चपेट में आने से 45 वर्षीय दुर्गा देवी की मौत हो गई। दुर्गा देवी, जो कि रमन कुमार महतो की पत्नी थीं, खेतों में काम कर रही थीं जब अचानक आकाशीय बिजली गिरी और वह इसकी चपेट में आ गईं। इस घटना के बाद, जिला परिषद सदस्य मोहम्मद रेजाउद्दीन ने मौके पर पहुंचकर मृतकों के परिवारों को हर संभव सरकारी सहायता देने का आश्वासन दिया।

    मौसम के बदलाव और इसके प्रभाव

    इस वर्ष के शुरुआत में बिहार में मौसम में बदलाव तेजी से देखने को मिला है। मार्च और अप्रैल माह के दौरान मौसम का यह बदलाव खासा प्रभावी रहा है। आंधी-तूफान और वज्रपात के साथ बारिश ने न केवल किसानों की फसल को नुकसान पहुँचाया है, बल्कि कई लोगों की जान भी ले ली है। वज्रपात का प्रकोप खासतौर पर उन क्षेत्रों में ज्यादा देखा जा रहा है जो खुले और कृषि कार्यों के लिए जाने जाते हैं।

    मौसम विभाग ने पहले ही चेतावनी दी थी कि बिहार में अगले कुछ दिनों तक मौसम में और बदलाव हो सकता है। आंधी-तूफान के साथ भारी बारिश की संभावना को लेकर लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई थी।

    सरकारी सहायता और सुरक्षा उपाय

    बिहार सरकार ने इस घटना के बाद मृतकों के परिवारों को वित्तीय सहायता देने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने भी शोक व्यक्त करते हुए सरकार द्वारा हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि आगामी मौसम में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे।

    बिहार में वज्रपात से सुरक्षा के उपाय के तहत सरकार ने कुछ सुरक्षा उपायों की सलाह दी है, जैसे:

    1. आसमान में आंधी-तूफान की चेतावनी के दौरान किसी भी खुले स्थान पर न जाना।

    2. बिजली गिरने के दौरान किसानों को खुले खेतों में काम करने से बचने की सलाह दी गई है।

    3. घर के अंदर ही रहना और खिड़कियां बंद रखना।

    4. वज्रपात से बचने के लिए सुरक्षित स्थानों पर शरण लेना और विद्युत उपकरणों से दूर रहना।

    बिहार में वज्रपात की घटनाएं और इसके प्रभाव

    वर्ष 2025 में बिहार में वज्रपात की घटनाओं में वृद्धि देखी जा रही है, जिसके कारण किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को विशेष रूप से खतरा है। अब तक के आंकड़ों के अनुसार, पिछले सालों में वज्रपात से होने वाली मौतों की संख्या में वृद्धि हुई है। मौसम विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग लगातार इस पर काम कर रहे हैं ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।

    मौसम विभाग की चेतावनी और भविष्य के उपाय

    भारतीय मौसम विभाग (IMD) द्वारा राज्य में आंधी-तूफान और वज्रपात की चेतावनी जारी की गई है। बिहार के कई जिलों में अगले कुछ दिनों तक इसी प्रकार का मौसम जारी रह सकता है। इस दौरान, मौसम विभाग ने बताया है कि लोगों को घरों में रहने की सलाह दी गई है और किसी भी प्रकार की खुले स्थानों पर कार्य करने से बचने के लिए कहा गया है। इसके अलावा, कृषि कार्यों में भी सुरक्षा मानकों का पालन करने की आवश्यकता है।

    बिहार में हाल ही में मौसम में बदलाव के कारण जो घटनाएं हुई हैं, उन्होंने यह साबित किया कि मौसम की चेतावनियों और सुरक्षा उपायों की जरूरत है। जहां एक ओर सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग ने मदद के लिए कदम उठाए हैं, वहीं दूसरी ओर लोगों को भी सतर्क रहने और मौसम में बदलाव से जुड़ी चेतावनियों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

    मौसम विभाग को आने वाले समय में और सख्त मौसम पूर्वानुमान और चेतावनी प्रणालियों को लागू करने की जरूरत है, ताकि ऐसी वज्रपात जैसी घटनाओं को और भी कम किया जा सके।

  • बिहार में सरकारी अस्पतालों में OPD सेवाएं तीन दिन के लिए बंद: डॉक्टरों का कार्य बहिष्कार, प्रशासनिक उत्पीड़न और कर्मचारियों की कमी को लेकर विरोध

    बिहार में सरकारी अस्पतालों में OPD सेवाएं तीन दिन के लिए बंद: डॉक्टरों का कार्य बहिष्कार, प्रशासनिक उत्पीड़न और कर्मचारियों की कमी को लेकर विरोध

    KKN गुरुग्राम डेस्क |  आज, 27 मार्च 2025 से बिहार के सभी सरकारी अस्पतालों में OPD (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) सेवाएं तीन दिनों तक बंद रहेंगी। इस कारण मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, इमरजेंसी सेवाएं जारी रहेंगी और मरीजों को आवश्यक प्राथमिक उपचार मिल सकेगा। यह कार्य बहिष्कार बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ द्वारा बायोमेट्रिक अटेंडेंसप्रशासनिक उत्पीड़न और कर्मचारियों की कमी को लेकर किया गया है। संघ ने घोषणा की है कि यह OPD बहिष्कार 29 मार्च 2025 तक जारी रहेगा।

    इस बीच डॉक्टरों ने आरोप लगाया है कि वे कई बार स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य विभाग से अपनी समस्याओं को दूर करने के लिए पत्र लिख चुके हैं, लेकिन सरकार का रवैया उपेक्षापूर्ण रहा है। इस लेख में हम जानेंगे कि क्यों बिहार के डॉक्टरों को यह विरोध करना पड़ा और यह कार्य बहिष्कार स्वास्थ्य सेवाओं पर कैसे असर डालेगा।

    कार्य बहिष्कार का कारण: बायोमेट्रिक अटेंडेंस और कर्मचारियों की कमी

    बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ ने बताया कि बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टमप्रशासनिक उत्पीड़न, और कर्मचारियों की कमी जैसी समस्याओं को लेकर यह विरोध शुरू किया गया है। सरकार के नमिनय नियमों और अटेंडेंस ट्रैकिंग सिस्टम ने डॉक्टरों को मानसिक और शारीरिक दबाव में डाला है। डॉक्टरों का कहना है कि उनकी समस्याओं को हल करने के बजाय उन्हें परेशान किया जा रहा है, और कई बार उनके साथ प्रशासनिक उत्पीड़न किया गया है।

    इसके अलावा, डॉक्टरों का कहना है कि कर्मचारियों की कमी भी स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित कर रही है। इन मुद्दों पर समाधान न मिलने की स्थिति में संघ ने यह कदम उठाया है। डॉक्टरों का यह भी कहना है कि इस संबंध में कई बार स्वास्थ्य विभाग से संपर्क किया गया, लेकिन कोई सार्थक समाधान सामने नहीं आया।

    शिवहर, गोपालगंज और मधुबनी में कर्मचारियों के खिलाफ आरोप

    डॉ. विनय, जो बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ के एक प्रमुख सदस्य हैं, ने गोपालगंज, शिवहर और मधुबनी जैसे जिलों में डॉक्टरों के वेतन रोकने और उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि राज्य सरकार डॉक्टरों की सुरक्षा और उचित आवास की कोई गारंटी नहीं दे रही है, जिससे कार्यरत चिकित्सकों को अपनी सुरक्षा और कामकाजी स्थितियों पर लगातार चिंता हो रही है। इन जिलों में डॉक्टरों के साथ हुई दुर्व्यवहार की घटनाओं ने स्थिति को और बढ़ा दिया है।

    डॉक्टरों की यह भी मांग है कि उन्हें अपने गृह जिले में तैनाती दी जाए, ताकि उन्हें अन्य स्थानों पर नौकरी करने में कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। इसके अलावा, पर्याप्त मानव संसाधन और पर्याप्त संसाधनों की उपलब्धता की भी मांग की गई है।

    क्या है बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ की मांगें?

    बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ ने स्वास्थ्य विभाग से निम्नलिखित प्रमुख मांगें की हैं:

    1. बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम को सही तरीके से लागू किया जाए, जिससे कर्मचारियों के समय की सही रिकॉर्डिंग हो सके, लेकिन अत्यधिक दबाव न बनाया जाए।

    2. डॉक्टरों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, खासकर उन क्षेत्रों में जहां वे जोखिमपूर्ण परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं।

    3. कर्मचारियों की कमी को पूरा किया जाए और पर्याप्त मानव बल प्रदान किया जाए।

    4. डॉक्टरों के आवासन की स्थिति को बेहतर किया जाए, जिससे वे सुरक्षित और आरामदायक वातावरण में काम कर सकें।

    5. गृह जिले में तैनाती का विकल्प दिया जाए ताकि डॉक्टरों को परेशानी का सामना न करना पड़े।

    संघ ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि 29 मार्च तक सरकार ने इन मांगों पर विचार नहीं किया तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।

    शिवहर में जिलाधिकारी की बैठक में दुर्व्यवहार

    इसके अलावा, डॉक्टरों ने शिवहर जिले में एक बैठक में जिलाधिकारी द्वारा दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है। डॉक्टरों का कहना है कि जिलाधिकारी ने बैठक में उनका अपमान किया, जिससे उनकी मानसिक स्थिति पर प्रभाव पड़ा और उनके कार्य की गुणवत्ता पर भी असर पड़ा। इसके बाद, शिवहर के डॉक्टरों ने अनिश्चितकाल के लिए OPD का बहिष्कार करने का निर्णय लिया।

    यह घटना भी इस विरोध की वजह बनी है, और डॉक्टरों ने इस पर सरकार से तुरंत कार्रवाई करने की मांग की है। डॉक्टरों का कहना है कि 29 मार्च तक अगर समाधान नहीं निकला, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।

    स्वास्थ्य सेवाओं पर असर

    इस विरोध के चलते, 27 से 29 मार्च तक सरकारी अस्पतालों में OPD सेवाएं बंद रहेंगी, जिससे आम जनता को असुविधा हो सकती है। खासकर गैर-आपातकालीन मामलों में आने वाले मरीजों को इस स्थिति का सामना करना पड़ेगा। हालांकि, आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी, और आपातकालीन मरीजों को समय पर उपचार मिल सकेगा।

    यह बंदी स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित कर सकती है, क्योंकि सरकारी अस्पतालों में OPD सेवाएं आमतौर पर लाखों मरीजों की चिकित्सा जरूरतों को पूरा करती हैं। सरकारी अस्पतालों की सुविधाएं गरीब और मध्यम वर्ग के लिए महत्वपूर्ण होती हैं, और OPD सेवाओं का बंद होना उन्हें गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।

    क्या कदम उठाएंगे डॉक्टर?

    अगर उनके मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया गया और समाधान नहीं हुआ, तो बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ ने स्पष्ट किया है कि वे अगले कदम उठाएंगे। डॉक्टरों का कहना है कि तीन दिन का कार्य बहिष्कार महज एक शुरुआत है और अगर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो वे अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार या अधिक कठोर कदम उठा सकते हैं।

    आखिरकार क्या होगा?

    राज्य सरकार के लिए यह एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यदि सरकार जल्दी ही स्वास्थ्य सेवाओं को बहाल करने और डॉक्टरों की मांगों को पूरा करने के लिए कदम नहीं उठाती, तो स्थिति और बिगड़ सकती है। यह पूरे राज्य में स्वास्थ्य सेवा संकट का कारण बन सकता है। इस बीच, मरीजों और उनके परिवारों को असुविधा का सामना करना पड़ सकता है, और अगर संघर्ष बढ़ता है तो इससे सार्वजनिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।

    बिहार में डॉक्टरों का कार्य बहिष्कार और OPD सेवाओं का बंद होना एक गंभीर स्थिति है, जो राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को प्रभावित कर सकता है। डॉक्टरों की मांगें सुरक्षाकर्मचारियों की संख्या, और बेहतर कार्य स्थितियों को लेकर हैं। सरकार को इस पर तत्काल ध्यान देना होगा और सही समाधान के साथ स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रूप से चलाना होगा।

  • मधुबनी में दुखद घटना: होली के दिन चार लड़कियों की डूबकर मौत

    मधुबनी में दुखद घटना: होली के दिन चार लड़कियों की डूबकर मौत

    KKN गुरुग्राम डेस्क |  होली के दिन मधुबनी जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना हुई, जिसमें चार लड़कियों की डूबने से मौत हो गई। यह दर्दनाक घटना बेनीपट्टी प्रखंड के दहिला गांव में हुई। मृतक लड़कियों में दो सगी बहनें भी शामिल हैं। यह सभी लड़कियां होली खेलने के बाद रंग छुड़ाने के लिए नदी में नहाने गई थीं, लेकिन अफसोस की बात यह है कि सभी डूब गईं। इस घटना ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया है।

    घटना का विवरण: होली के दिन क्या हुआ?

    होली के दिन चार लड़कियों ने घर पर होली खेलने के बाद नदी में जाकर रंग छुड़ाने का फैसला किया। ये सभी लड़कियां दहिला गांव की रहने वाली थीं और आपस में काफी घनिष्ठ मित्र थीं। नदी में नहाने के दौरान, दो लड़कियां अचानक डूबने लगीं। जब उन्हें बचाने के लिए बाकी दो लड़कियां भी पानी में कूदीं, तो दुर्भाग्यवश सभी डूब गईं। यह घटना होली के दिन हुई और अब तक किसी के लिए भी विश्वास करना मुश्किल है कि इस प्रकार एक साथ चार युवतियों की जान चली जाएगी।

    मृतक लड़कियों की पहचान काजल कुमारी (18), चंदा देवी (20), अनु कुमारी (19) और लाखन कुमारी (18) के रूप में हुई है। इनमें काजल और चंदा सगी बहनें थीं। घटना के बाद से गांव में शोक का माहौल है और परिवारों के बीच गहरा दुख छाया हुआ है।

    दुखी परिवार और गांव में शोक

    इस दुखद घटना के बाद दहिला गांव में चार लड़कियों की मौत से मातम छा गया है। काजल और चंदा की मां की हालत बेहद खराब है, क्योंकि उन्होंने अपनी दोनों बेटियों को इस दुर्घटना में खो दिया। परिवारवाले इस त्रासदी से उबरने में असमर्थ हैं और उनका दिल टूट चुका है। लड़कियों के अन्य परिवारजनों और दोस्तों का भी बुरा हाल है।

    गांव के लोग भी इस घटना से स्तब्ध हैं और शोक में डूबे हुए हैं। चार युवतियों की एक साथ मौत ने पूरे गांव को चौंका दिया है। उनका परिवार और पूरे गांव इस कठिन समय में एकजुट होकर शोक व्यक्त कर रहा है, लेकिन इस दर्द को कम करना असंभव सा लगता है।

    पुलिस की प्रतिक्रिया और पोस्टमॉर्टम

    घटना के बाद, स्थानीय पुलिस को सूचित किया गया और वे तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने चारों लड़कियों के शवों को नदी से बाहर निकाला और पोस्टमॉर्टम के लिए मधुबनी सदर अस्पताल भेज दिया। पुलिस अब इस घटना की पूरी तरह से जांच कर रही है। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, यह दुर्घटना थी और किसी भी प्रकार का अपराध या बाहरी हस्तक्षेप नहीं था।

    पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई और पहलू नहीं छूटे। यह घटना एक हादसा प्रतीत हो रही है, लेकिन जांच के बाद स्पष्टता आ जाएगी।

    दो बहनों की दुखद मौत

    काजल और चंदा की मौत ने खासकर उनके परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। दोनों बहनों को एक साथ खोना उनके माता-पिता के लिए बेहद दर्दनाक है। उनका दिल टूट चुका है और वे इस कष्ट से उबरने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह दुख परिवार के लिए बहुत बड़ा है और समय के साथ यह चोट भरने में काफी समय लगेगा।

    पानी की सुरक्षा पर जोर देना

    यह हादसा यह दिखाता है कि जल सुरक्षा को लेकर जागरूकता की कितनी जरूरत है, खासकर त्योहारों और अवसरों पर जब लोग मस्ती में आकर अपनी सुरक्षा को नजरअंदाज कर देते हैं। इस घटना ने यह साफ किया कि पानी के निकट रहते हुए हमें सतर्क रहना चाहिए। जब भी लोग नदियों या तालाबों में नहाने जाते हैं, तो उन्हें यह समझने की जरूरत है कि पानी की गहराई और धाराओं का अंदाजा लगाना जरूरी है।

    इस घटना के बाद, यह जरूरी हो जाता है कि गांवों में और ग्रामीण क्षेत्रों में जल सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

    सुरक्षा उपायों की आवश्यकता

    इस दुखद घटना के बाद यह जरूरी हो जाता है कि स्थानीय अधिकारियों द्वारा जल स्रोतों के पास सुरक्षा उपायों को सख्त किया जाए। नदी, तालाबों और अन्य जलाशयों के पास चेतावनी संकेत, लाइफगार्ड्स की व्यवस्था और सुरक्षा नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इन उपायों से दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है और लोगों को सुरक्षित रखा जा सकता है।

    इसके साथ ही, बच्चों और युवाओं को पानी में सुरक्षित रहने के उपायों के बारे में शिक्षित करना भी बेहद आवश्यक है। स्कूलों और समुदायों को इस दिशा में काम करना चाहिए ताकि वे युवा पीढ़ी को पानी के जोखिम के बारे में जागरूक कर सकें।

    समुदाय का समर्थन

    इस त्रासदी के दौरान, दहिला गांव के लोग एकजुट होकर दुखी परिवारों का सहारा बनने की कोशिश कर रहे हैं। रिश्तेदारों, दोस्तों और पड़ोसियों ने मिलकर शोक व्यक्त किया है और परिवारों के साथ खड़े हैं। इस मुश्किल समय में समुदाय का समर्थन महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हालांकि, परिवार का दर्द कम नहीं हो सकता, लेकिन इस प्रकार का सहयोग उन्हें कुछ हद तक सहारा देता है।

    भविष्य में सुरक्षा और सावधानी बरतने की आवश्यकता

    इस घटना ने यह साफ किया कि हमें जल स्रोतों के पास सुरक्षा के उपायों को बेहतर बनाने की आवश्यकता है। स्थानीय अधिकारियों और समुदायों को मिलकर काम करना होगा ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाएं न हों। जल सुरक्षा पर जन जागरूकता अभियानों के माध्यम से बच्चों और युवाओं को पानी के खतरों के बारे में बताया जा सके। इससे न केवल बचाव होगा, बल्कि भविष्य में और भी लोगों की जान बचाई जा सकेगी।

    मधुबनी जिले के दहिला गांव में होली के दिन चार लड़कियों की डूबकर मौत ने पूरे गांव को गहरे सदमे में डाल दिया है। यह घटना न केवल उनके परिवारों के लिए एक अनमोल क्षति है, बल्कि पूरे समुदाय के लिए भी एक बड़ा दुख है। इस घटना ने यह फिर से साबित किया कि जल सुरक्षा के प्रति जागरूकता बेहद जरूरी है। यह घटना हमें यह सिखाती है कि हमें पानी के पास जाते वक्त पूरी सावधानी बरतनी चाहिए और किसी भी प्रकार के जोखिम से बचना चाहिए।

    इस घटना के बाद, अधिकारियों को जल सुरक्षा और स्थानीय जलाशयों के पास सुरक्षा उपायों को सख्त करने की आवश्यकता है। साथ ही, समुदायों को मिलकर जल सुरक्षा पर जागरूकता बढ़ानी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके और लोगों को सुरक्षित रखा जा सके।

  • Bihar Weather Update: 12 जिलों में बारिश और तेज़ हवाओं की संभावना, येलो अलर्ट जारी

    Bihar Weather Update: 12 जिलों में बारिश और तेज़ हवाओं की संभावना, येलो अलर्ट जारी

    KKN  गुरुग्राम डेस्क | बिहार में मौसम के मिजाज में बदलाव आने वाला है। मौसम विभाग ने आगामी दो दिनों के लिए (28 फरवरी और 1 मार्च) बारिश और आंधी के अनुमान का संकेत दिया है। शुक्रवार, 28 फरवरी और शनिवार, 1 मार्च को बिहार के 12 जिलों में भारी बारिश और आंधी आने की संभावना है। इस दौरान तेज़ हवाएं भी चल सकती हैं, जिससे सामान्य जीवन प्रभावित हो सकता है। मौसम विभाग ने इन जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।

    बिहार में बारिश का अलर्ट: 12 जिलों पर येलो अलर्ट

    मौसम विभाग के अनुसार, 28 फरवरी और 1 मार्च को बिहार के कई जिलों में आंधी और बारिश का प्रभाव देखने को मिल सकता है। जिन जिलों में बारिश की संभावना है, उनमें पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, कैमूर, औरंगाबाद, रोहतास, नवादा, जमुई, बांका और गया शामिल हैं। इन सभी जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।

    मौसम विभाग का कहना है कि इन जिलों में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है, जिससे लोगों को थोड़ी असुविधा हो सकती है। आंधी और बारिश के कारण सड़क यातायात भी प्रभावित हो सकता है, इसलिए इन इलाकों के निवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

    मार्च की शुरुआत बारिश के साथ

    मौसम विभाग का कहना है कि मार्च के पहले दिन हल्की बारिश हो सकती है। दक्षिण बिहार के कुछ हिस्सों में भी बारिश की संभावना जताई गई है, हालांकि यह बारिश हल्की रहेगी। इसके साथ ही, अगले कुछ दिनों में तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ोतरी हो सकती है। बारिश और बढ़ते तापमान से बिहारवासियों को थोड़ी राहत मिल सकती है।

    बिहार के तापमान में बदलाव

    बिहार में पिछले कुछ दिनों से तापमान में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। 27 फरवरी को राज्य के कई इलाकों में तापमान में वृद्धि दर्ज की गई। पटना समेत अन्य शहरों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी हुई। खासकर, मधुबनी जिले का तापमान 30.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो उस दिन बिहार का सबसे गर्म जिला रहा। वहीं, पूर्वी चंपारण के मोतिहारी में तापमान 10.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो उस दिन सबसे ठंडा था।

    बिहार में तापमान में अचानक बदलाव के कारण लोग थोड़े परेशान हो सकते हैं, क्योंकि दिन में गर्मी और रात में ठंड का अनुभव हो रहा है। इस प्रकार के बदलाव स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकते हैं, खासकर उन लोगों को जो मौसम के उतार-चढ़ाव के लिए तैयार नहीं होते हैं।

    नवादा में मौसम की स्थिति

    नवादा जिले में अगले दो-तीन दिनों तक मौसम ठंडा रहने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार, नवादा में बादल छाए रहेंगे, और न्यूनतम तापमान में थोड़ी गिरावट आ सकती है। 27 फरवरी को नवादा का न्यूनतम तापमान 11 से 13 डिग्री सेल्सियस के बीच रिकॉर्ड किया गया था, जो सामान्य से थोड़ा कम था। हालांकि, अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी देखी गई, और जिले के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा।

    नवादा के अलावा, नालंदा जिले के सीमावर्ती इलाकों में तापमान 31 डिग्री सेल्सियस तक रिकॉर्ड किया गया, जो कि कुछ क्षेत्रों में तेज़ गर्मी का संकेत है। तापमान में यह तेज़ बदलाव नागरिकों के लिए थोड़ी परेशानी का कारण बन सकता है, क्योंकि गर्मी और ठंड के बीच तालमेल बैठाना मुश्किल हो जाता है।

    येलो अलर्ट का मतलब और तैयारी

    मौसम विभाग द्वारा जारी येलो अलर्ट का मतलब है कि इन जिलों में मौसम अचानक खराब हो सकता है, और लोग असुरक्षित महसूस कर सकते हैं। येलो अलर्ट का मुख्य उद्देश्य स्थानीय लोगों को चेतावनी देना है ताकि वे आगामी मौसम से सतर्क रहें। इस दौरान, तेज़ हवाओं और भारी बारिश के कारण सामान्य जीवन प्रभावित हो सकता है, विशेषकर सड़क यातायात, कृषि गतिविधियों, और अन्य बाहरी कार्यों पर असर पड़ सकता है।

    बिहार में बारिश और हवा के कारण कृषि पर प्रभाव

    बिहार में कृषि एक अहम उद्योग है, और मौसम का बदलाव किसानों पर बड़ा असर डाल सकता है। आगामी बारिश और तेज़ हवाएं विशेषकर उन किसानों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती हैं जिनकी फसलें तैयार हैं। बारिश और हवा के कारण फसलें खराब हो सकती हैं, खासकर उन क्षेत्रों में जहां मिट्टी के भंडारण की सुविधा कम है और जलनिकासी प्रणाली ठीक से काम नहीं करती।

    किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपने खेतों की स्थिति का आकलन करें और फसल सुरक्षा के उपायों पर ध्यान दें। इसके अलावा, फसलों के संरक्षण के लिए उचित उपाय जैसे कि मिट्टी की समुचित सिंचाई और जलनिकासी की व्यवस्था करना आवश्यक है।

    बिहार में मौसम के साथ तैयारी कैसे करें

    1. मौसम की जानकारी रखें: हमेशा मौसम विभाग से ताजा अपडेट प्राप्त करें ताकि आप किसी भी अप्रत्याशित मौसम परिवर्तन के लिए तैयार रहें।

    2. घर और संपत्ति को सुरक्षित करें: तेज़ हवाओं के दौरान अपनी खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें। बाहर रखी चीज़ों को सुरक्षित स्थान पर रखें, ताकि वे उड़ न जाएं।

    3. खेतों को सुरक्षित करें: किसान अपने खेतों में जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करें और फसलों को बर्बाद होने से बचाने के लिए सही कदम उठाएं।

    4. आपातकालीन आपूर्ति रखें: हर घर में आपातकालीन आपूर्ति जैसे पानी, खाद्य सामग्री, और बैटरी की व्यवस्था रखें। अगर बिजली चली जाती है तो इन चीज़ों का काम आएगा।

    5. सड़क पर सावधानी बरतें: बारिश और आंधी के समय बाहर जाने से बचें। सड़कें गीली और फिसलन भरी हो सकती हैं, जिससे हादसे हो सकते हैं।

    मौसम के प्रभाव से बचाव के उपाय

    अगर आप बिहार के उन क्षेत्रों में रहते हैं जहां बारिश और आंधी की संभावना है, तो आपको कुछ बुनियादी उपाय करने चाहिए। तेज़ हवाओं से बचने के लिए आप घर के अंदर रहें और खुले क्षेत्रों से बचें। यदि आप खेतों में काम करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपकी फसलें मजबूत हों और तूफान से पहले किसी भी प्रकार के हल्के क्षति से बचाव किया गया हो।

    मौसम की अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए बिहार सरकार द्वारा आपातकालीन प्रबंध किए गए हैं। स्थानीय अधिकारियों से संपर्क करके आप किसी भी प्रकार के बचाव कार्यों की जानकारी ले सकते हैं और मौसम के प्रभाव से बच सकते हैं।

    बिहार में 28 फरवरी और 1 मार्च को मौसम में बदलाव देखा जाएगा। इन दो दिनों में 12 जिलों में आंधी और बारिश का प्रभाव रहने की संभावना है। तेज़ हवाएं और बारिश किसानों, यात्री और आम नागरिकों के लिए चुनौती पेश कर सकती हैं। येलो अलर्ट जारी होने के बाद, सभी को तैयार रहने की सलाह दी जाती है ताकि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से बचा जा सके।

    मौसम के इस बदलाव से पहले, सभी को आवश्यक तैयारी करनी चाहिए ताकि वे किसी भी अप्रत्याशित परिस्थिति का सामना कर सकें।

  • बिहार मौसम अपडेट: अगले 48 घंटे में बारिश और वज्रपात की संभावना, कई जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी

    बिहार मौसम अपडेट: अगले 48 घंटे में बारिश और वज्रपात की संभावना, कई जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी

    KKN गुरुग्राम डेस्क |   बिहार में अगले 48 घंटे में मौसम बदलने वाला है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने राज्य के कई जिलों के लिए येलो अलर्ट (Yellow Alert) जारी किया है। इसकी वजह Western Disturbance है, जिसका असर दिल्ली-NCR में पहले ही दिख चुका है। अब यह बिहार के मौसम पर प्रभाव डालेगा, जिससे कई जिलों में बारिश (Rain), वज्रपात (Thunderstorm), और तेज़ हवाएं (Strong Winds) चलने की संभावना है।

    कौन-कौन से जिलों में येलो अलर्ट जारी?

    मौसम विज्ञान केंद्र, पटना (IMD Patna) के अनुसार, 21 फरवरी को पश्चिम चंपारण, जमुई और बांका जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। 22 और 23 फरवरी को 14 जिलों में यह अलर्ट जारी रहेगा, जिसमें शामिल हैं:

    • सुपौल
    • अररिया
    • किशनगंज
    • सहरसा
    • मधेपुरा
    • पूर्णिया
    • खगड़िया
    • कटिहार
    • मुंगेर
    • भागलपुर
    • जमुई
    • बांका
    • नवादा
    • गया

    इन जिलों में तेज़ बारिश (Heavy Rain), बादलों की गर्जना (Thunderstorm), और बिजली गिरने (Lightning Strike) की संभावना बनी हुई है।

    बिहार के अलग-अलग इलाकों में तापमान में बदलाव

    बिहार के कई जिलों में तापमान में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। कुछ जगहों पर तापमान बढ़ा, तो कुछ जगहों पर तापमान में गिरावट आई

    इन जिलों में तापमान बढ़ा (Temperature Increased in These Districts)

    जिन इलाकों में गर्मी बढ़ी, उनमें शामिल हैं:

    • गोपालगंज
    • मोतिहारी
    • सीतामढ़ी
    • सिवान
    • छपरा
    • वैशाली
    • बक्सर
    • भोजपुर
    • पटना
    • अरवल
    • रोहतास
    • गया
    • जमुई
    • बांका
    • भागलपुर
    • कटिहार
    • पूर्णिया
    • किशनगंज
    • अररिया

    इन जिलों में दिन का तापमान अधिक बना हुआ है, जिससे लोगों को गर्म हवाओं (Warm Winds) का सामना करना पड़ रहा है।

    इन जिलों में तापमान गिरा (Temperature Decreased in These Districts)

    कई जगहों पर बादल छाए रहने और बारिश की संभावना के कारण तापमान में गिरावट दर्ज की गई है:

    • वाल्मीकि नगर
    • मुजफ्फरपुर
    • मधुबनी
    • दरभंगा
    • सुपौल
    • मधेपुरा
    • पूसा
    • अगवानपुर
    • बेगूसराय
    • खगड़िया
    • नालंदा
    • शेखपुरा
    • मुंगेर
    • सासाराम
    • औरंगाबाद

    इन इलाकों में Cloudy Weather और ठंडी हवाएं चल रही हैं, जिससे तापमान में कमी आई है।

    बिहार में Western Disturbance का असर

    उत्तर भारत में Western Disturbance का असर पहले ही दिख चुका है। दिल्ली-NCR में बारिश हो चुकी है, और अब यह सिस्टम बिहार की ओर बढ़ रहा है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इसके कारण बादल, नमी और गरज-चमक (Cloudy Weather, Humidity, and Thunderstorm) बढ़ सकते हैं।

    फरवरी के मौसम अपडेट (Weather Update in February) के मुताबिक, बिहार में अगले 2-3 दिन तक मौसम अस्थिर (Unstable Weather) रहेगा। किसानों और स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है, क्योंकि Thunderstorm और Vajrapat (Lightning Strike) खतरनाक हो सकते हैं।

    कैसे बदलेगा बिहार का मौसम?

    IMD के पूर्वानुमान के अनुसार, बिहार में अगले कुछ दिनों में:

    • कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश (Moderate Rainfall in Multiple Districts) होगी।
    • तेज़ आंधी और गरज-चमक (Thunderstorm and Strong Winds) हो सकते हैं।
    • नमी (Humidity) बढ़ेगी, जिससे गर्मी और उमस महसूस हो सकती है।
    • तेज़ बारिश और बिजली गिरने से दैनिक गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं।

    इसलिए, लोगों को सलाह दी जाती है कि वे बाहर जाने से पहले Weather Forecast चेक करें और बिजली गिरने के समय खुले स्थानों से दूर रहें

    लोगों को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

    मौसम विशेषज्ञों ने कुछ ज़रूरी Safety Tips दिए हैं, जिन्हें अपनाकर आप खराब मौसम से बच सकते हैं:

    • Thunderstorm के दौरान खुले में खड़े न हों और बिजली के खंभों से दूर रहें
    • Mobile और Electronic Devices को अनप्लग कर दें, ताकि शॉर्ट सर्किट न हो।
    • Farmers को सलाह दी जाती है कि वे अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाएं।
    • बारिश के समय घर के अंदर रहें और यात्रा को टालें।
    • IMD Weather Update को समय-समय पर चेक करें, ताकि सही जानकारी मिलती रहे।

    सरकार ने भी जिलों के प्रशासन को सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है

    बिहार में अगले 48 घंटे में मौसम बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। कई जिलों में बारिश (Rain), वज्रपात (Lightning), और तेज़ हवाएं (Strong Winds) चल सकती हैं। IMD ने येलो अलर्ट जारी किया है, जिससे यह साफ है कि लोगों को सावधानी बरतनी होगी।

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  • बिहार में घना कोहरा और कड़ाके की ठंड जारी, 12 जिलों में येलो अलर्ट, स्कूलों के समय में बदलाव

    बिहार में घना कोहरा और कड़ाके की ठंड जारी, 12 जिलों में येलो अलर्ट, स्कूलों के समय में बदलाव

    KKN गुरुग्राम डेस्क |  बिहार में कोहरे और ठंड का कहर लगातार जारी है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने शनिवार को राज्य के 12 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। घने कोहरे के कारण यातायात बाधित हो रहा है, ट्रेनें और फ्लाइट्स लेट हो रही हैं, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है।

    इन 12 जिलों में घने कोहरे का अलर्ट जारी

    📍 IMD ने बिहार के इन जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है:
    ✅ मधुबनी
    ✅ सुपौल
    ✅ किशनगंज
    ✅ अररिया
    ✅ मधेपुरा
    ✅ कटिहार
    ✅ पूर्णिया
    ✅ पूर्वी चंपारण
    ✅ सहरसा
    ✅ शिवहर
    ✅ पश्चिमी चंपारण

    इन जिलों में सुबह और रात के समय कोहरा घना रहेगा, जिससे सड़क और रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित होगा

    पश्चिमी विक्षोभ से बदलेगा मौसम, 6 फरवरी से बढ़ेगी ठंड

    मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, बिहार के मौसम पर दो पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) का प्रभाव पड़ने वाला है:

    🔹 1 फरवरी से 3 फरवरी – इस दौरान हल्का पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय रहेगा, लेकिन यह ज्यादा प्रभावी नहीं होगा।
    🔹 3 फरवरी से – एक मजबूत पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, जिससे पहाड़ों पर बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश होने की संभावना है।
    🔹 6 फरवरी से ठंड बढ़ेगी – न्यूनतम तापमान में गिरावट के कारण शीतलहर की स्थिति बन सकती है

    🌨 संभावित बदलाव:
    ✔️ पहाड़ी इलाकों में भारी बर्फबारी (जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड)
    ✔️ मैदानी इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश (बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा)
    ✔️ बिहार में तापमान में गिरावट और सर्दी के बढ़ने की संभावना

    मौसम विभाग ने किसानों और यात्रियों को सतर्क रहने की सलाह दी है, क्योंकि यह बदलाव फसलों और दैनिक जीवन पर प्रभाव डाल सकता है।

    पटना में स्कूलों के समय में बदलाव, 1 फरवरी से नया शेड्यूल लागू

    बिहार में कड़ाके की ठंड और घने कोहरे को देखते हुए पटना जिला प्रशासन ने स्कूलों के समय में बदलाव किया है।

    📌 पटना में नए स्कूल समय:
    📅 1 फरवरी से 8 फरवरी तक
    ⏰ सुबह 8:30 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक

    पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह के आदेश के अनुसार, इस नए समय का पालन सभी स्कूलों को करना होगा। छात्रों और अभिभावकों को सलाह दी गई है कि वे स्कूल जाने से पहले अपडेटेड टाइमिंग को चेक करें।

    कोहरे के कारण यातायात प्रभावित, यात्री सतर्क रहें

    बिहार में घने कोहरे और ठंड के कारण यातायात बुरी तरह प्रभावित हो रहा है

    🚗 सड़क यातायात पर असर:

    🔸 दृश्यता बेहद कम हो गई है, जिससे वाहन धीमी गति से चल रहे हैं।
    🔸 हाईवे पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी हुई है, खासकर पटना-गया, पटना-मुजफ्फरपुर और भागलपुर-कटिहार हाइवे पर।
    🔸 यात्रियों को सलाह: फॉग लाइट का इस्तेमाल करें, धीमी गति से चलें और अनावश्यक यात्रा से बचें।

    🚆 ट्रेनों की लेट-लतीफी:

    🔹 घने कोहरे के कारण कई ट्रेनें 2 से 6 घंटे तक लेट चल रही हैं।
    🔹 पटना-दिल्ली, पटना-कोलकाता और पटना-मुंबई रूट की ट्रेनें प्रभावित हो रही हैं।
    🔹 रेलवे ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे अपनी यात्रा से पहले ट्रेन की स्थिति चेक करें।

    ✈️ पटना एयरपोर्ट पर फ्लाइट्स प्रभावित:

    🔸 जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कम दृश्यता के कारण फ्लाइट्स लेट हो रही हैं।
    🔸 यात्रियों को सलाह: एयरपोर्ट पहुंचने से पहले फ्लाइट स्टेटस जरूर चेक करें।

    बिहार में अगले कुछ दिनों का मौसम पूर्वानुमान

    🌡 2-3 फरवरी:
    ✅ सुबह घना कोहरा, दिन में हल्की धूप
    ✅ मौसम ठंडा बना रहेगा

    🌡 4-6 फरवरी:
    ✅ तापमान में गिरावट
    ✅ सुबह और रात को अधिक ठंड

    🌡 7-10 फरवरी:
    ✅ पश्चिमी विक्षोभ के कारण हल्की बारिश की संभावना
    ✅ तेज सर्दी और शीतलहर की स्थिति बन सकती है

    📢 मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे कोहरे और ठंड से बचने के लिए आवश्यक एहतियात बरतें।

    सर्दी और कोहरे से बचाव के लिए ज़रूरी उपाय

    ✔️ सुबह और रात में यात्रा करने से बचें – कोहरे के कारण दृश्यता कम होती है।
    ✔️ गाड़ी चलाते समय फॉग लाइट का उपयोग करें – दुर्घटनाओं से बचने के लिए।
    ✔️ गर्म कपड़े पहनें – अचानक तापमान गिरने से बचाव के लिए।
    ✔️ घर के अंदर हीटर का सुरक्षित उपयोग करें – हवा में नमी बनाए रखें।
    ✔️ फ्लाइट और ट्रेन शेड्यूल चेक करें – अनावश्यक परेशानी से बचने के लिए।

    बिहार में घने कोहरे और कड़ाके की ठंड के कारण जनजीवन प्रभावित हो रहा है। 12 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है, जबकि स्कूलों के समय में भी बदलाव किया गया है

    🚆 ट्रेनों और फ्लाइट्स में देरी हो रही है, जिससे यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण अगले कुछ दिनों में बारिश और बर्फबारी की संभावना है, जिससे ठंड और बढ़ सकती है।

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  • बिहार के 11 जिलों में कोल्ड डे का अलर्ट, गणतंत्र दिवस पर ऐसा रहेगा मौसम

    बिहार के 11 जिलों में कोल्ड डे का अलर्ट, गणतंत्र दिवस पर ऐसा रहेगा मौसम

    KKN गुरुग्राम डेस्क | भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने गणतंत्र दिवस के मौके पर बिहार के मौसम का पूर्वानुमान जारी किया है। रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के 11 जिलों में कोल्ड डे की स्थिति बनी रहेगी और घने कोहरे का प्रकोप रहेगा। इन इलाकों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है, जिसमें ठंड और खराब मौसम के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

    किन जिलों में येलो अलर्ट जारी हुआ है?

    बिहार के जिन 11 जिलों में कोल्ड डे और घने कोहरे की संभावना जताई गई है, उनमें मुख्य रूप से उत्तरी और पूर्वी इलाके शामिल हैं। ये जिले हैं:

    • पूर्वी चंपारण
    • पश्चिम चंपारण
    • सीतामढ़ी
    • शिवहर
    • मधुबनी
    • मुजफ्फरपुर
    • गोपालगंज
    • सिवान
    • सारण
    • सुपौल
    • अररिया

    इन जिलों में तापमान में तेज गिरावट होने की संभावना है। घने कोहरे और ठंड के कारण लोगों को दिनभर कड़ाके की ठंड महसूस हो सकती है।

    जिन जिलों में अलर्ट नहीं है

    बिहार के कुछ जिले जैसे वैशाली, बक्सर, भोजपुर, पटना, नालंदा, अरवल, जहानाबाद, शेखपुरा, औरंगाबाद, रोहतास और कैमूर को इस येलो अलर्ट में शामिल नहीं किया गया है। हालांकि, इन जिलों में भी ठंड का असर बना रहेगा। नागरिकों को ठंड से बचाव के लिए सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

    घने कोहरे का प्रभाव

    मौसम विभाग के अनुसार, घना कोहरा कोल्ड डे की स्थिति को और गंभीर बना सकता है। कोहरे के कारण दृश्यता (विजिबिलिटी) में भारी कमी आएगी, खासकर सुबह के समय। यह स्थिति सड़क, रेल और हवाई यातायात में बाधा डाल सकती है। वाहन चालकों और यात्रियों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।

    गणतंत्र दिवस के दिन कैसा रहेगा मौसम?

    जैसे-जैसे 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस करीब आ रहा है, ठंड और कोहरे का असर गणतंत्र दिवस समारोह पर भी पड़ सकता है। सुबह के समय होने वाले परेड और अन्य कार्यक्रमों के लिए आयोजकों को मौसम को ध्यान में रखते हुए खास तैयारियां करनी चाहिए। स्कूली बच्चों और प्रतिभागियों को गर्म कपड़े पहनने और ठंड से बचाव के लिए जरूरी इंतजाम करने की सलाह दी गई है।

    कोल्ड डे क्या होता है?

    कोल्ड डे उस स्थिति को कहते हैं जब किसी इलाके का अधिकतम तापमान सामान्य से काफी नीचे चला जाता है, और साथ ही घने कोहरे के कारण सूरज की गर्मी जमीन तक नहीं पहुंच पाती। इस स्थिति में ठंड ज्यादा महसूस होती है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के लिए यह स्थिति खतरनाक साबित हो सकती है।

    ठंड से बचाव के लिए जरूरी उपाय

    कोल्ड डे और घने कोहरे के दौरान स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतें:

    1. गर्म कपड़े पहनें: ऊनी कपड़े, थर्मल और मफलर का इस्तेमाल करें ताकि शरीर गर्म रहे।
    2. बाहर जाने से बचें: सुबह और शाम के समय ठंड सबसे ज्यादा होती है। ऐसे में बाहर जाने से बचें।
    3. हीटर का सही इस्तेमाल करें: अगर घर में हीटर का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो कमरे में उचित वेंटिलेशन का ध्यान रखें।
    4. सावधानी से वाहन चलाएं: कोहरे के कारण विजिबिलिटी कम होगी। ऐसे में गाड़ी चलाते समय फॉग लाइट का इस्तेमाल करें और धीमी गति से चलें।
    5. पानी पीते रहें: ठंड में पानी पीने की आदत कम हो जाती है, लेकिन शरीर को हाइड्रेट रखना जरूरी है।
    6. मौसम अपडेट देखते रहें: IMD के ताजा अपडेट और स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी सलाह का पालन करें।

    कृषि पर प्रभाव

    बिहार के किसानों के लिए यह ठंड और कोहरा चिंता का विषय बन सकता है। गेहूं, आलू और सब्जियों जैसी फसलों पर ठंड का नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। लंबे समय तक कम तापमान से फसलों को नुकसान हो सकता है, जिससे किसानों की आमदनी प्रभावित हो सकती है। सरकार और कृषि विभाग को किसानों की मदद के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए।

    यात्रा के लिए सावधानियां

    जिन जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है, वहां यात्रा करने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। कोहरे के कारण ट्रेन, फ्लाइट और बस सेवाएं देरी से चल सकती हैं। सड़क यात्रा करने वालों को गाड़ी में फॉग लाइट लगवाने और धीमी गति से वाहन चलाने की सलाह दी गई है।

    बिहार में ठंड का प्रकोप इस समय अपने चरम पर है, और 11 जिलों में जारी कोल्ड डे अलर्ट लोगों के लिए सावधानी का संकेत है। गणतंत्र दिवस के जश्न में मौसम की बाधा जरूर पड़ सकती है, लेकिन सही तैयारी और सतर्कता के साथ इसे प्रबंधित किया जा सकता है।

    ताजा मौसम अपडेट और खबरों के लिए जुड़े रहें KKNLive.com के साथ। हम आपको सटीक और समय पर जानकारी उपलब्ध कराते रहेंगे।

  • बिहार में कोहरे का कहर: 30 जिलों में येलो अलर्ट जारी, तापमान गिरने से बढ़ी ठंड

    बिहार में कोहरे का कहर: 30 जिलों में येलो अलर्ट जारी, तापमान गिरने से बढ़ी ठंड

    KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार में मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है, जिससे लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। दिन में धूप और रात में कड़ाके की ठंड के बीच बुधवार सुबह घने कोहरे ने राज्य के कई जिलों को अपनी चपेट में ले लिया। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अ गले दो दिनों तक कोहरे के बने रहने की संभावना जताई है और राज्य के 30 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है।

    बिहार में घना कोहरा छाया

    मौसम विभाग के अनुसार, हिमालय की तराई से सटे क्षेत्रों में अति घना कोहरा और राज्य के अन्य हिस्सों में घना कोहरा छाए रहने की संभावना है। पटना, नालंदा, भागलपुर, बेगूसराय, लखीसराय और मुंगेर जैसे जिलों में कोहरे का व्यापक प्रभाव देखा जा सकता है।

    घने कोहरे के कारण सुबह और रात में विजिबिलिटी कम हो रही है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है। इसके साथ ही न्यूनतम तापमान में गिरावट के चलते ठंडक और बढ़ गई है। राजधानी पटना समेत कई इलाकों में लोग “कनकनी” महसूस कर रहे हैं।

    30 जिलों में येलो अलर्ट जारी

    मौसम विभाग ने बिहार के 30 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में घने से अति घने कोहरे की संभावना है। प्रमुख जिलों में शामिल हैं:

    • कटिहार
    • किशनगंज
    • अररिया
    • सुपौल
    • मधुबनी
    • पटना
    • सीवान
    • सारण
    • मोतिहारी

    इन जिलों में कोहरा विशेष रूप से सुबह के समय अधिक घना रहेगा, जिससे यातायात और जनजीवन प्रभावित होने की आशंका है।

    यातायात और जनजीवन पर प्रभाव

    बिहार में घने कोहरे का सबसे ज्यादा असर यातायात पर देखने को मिल रहा है। कम विजिबिलिटी के कारण सड़क यातायात धीमा हो गया है, जिससे गाड़ियों की आवाजाही में दिक्कतें आ रही हैं। ट्रेनों की आवाजाही पर भी कोहरे का असर पड़ने की संभावना है, जिससे रेलगाड़ियों के समय में देरी हो सकती है।

    हवाई यातायात भी कोहरे के कारण प्रभावित हो सकता है, जिससे विमानों के आगमन और प्रस्थान में बाधाएं आ सकती हैं। सुबह जल्दी यात्रा करने वाले लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। कोहरे के कारण सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है, जिससे सावधानीपूर्वक यात्रा करना अनिवार्य हो गया है।

    तापमान में गिरावट से बढ़ी ठंड

    कोहरे के साथ-साथ बिहार के कई जिलों में न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। पटना समेत नौ जिलों में तापमान गिरने से ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। लोग भारी कपड़ों और हीटर जैसे साधनों का सहारा ले रहे हैं।

    राजधानी पटना और आसपास के इलाकों में रात के समय तापमान में भारी गिरावट हो रही है, जिससे लोगों को ठंड से बचने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतनी पड़ रही है।

    कोहरे में सुरक्षित रहने के टिप्स

    मौसम विभाग की चेतावनी के बाद, नागरिकों को सतर्क रहने और कोहरे के दौरान सुरक्षित रहने के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं:

    1. सुरक्षित यात्रा करें:
      • वाहन चलाते समय फॉग लाइट का उपयोग करें।
      • धीमी गति से गाड़ी चलाएं और बेवजह यात्रा करने से बचें।
      • सुबह और रात के समय यात्रा से बचने का प्रयास करें।
    2. स्वस्थ रहें:
      • ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनें।
      • घर के अंदर हीटर का इस्तेमाल करते समय उचित वेंटिलेशन सुनिश्चित करें।
      • बच्चों और बुजुर्गों को ठंड से बचाने के लिए विशेष ध्यान दें।
    3. मौसम अपडेट पर नजर रखें:
      • स्थानीय मौसम विभाग और समाचार माध्यमों से मौसम की जानकारी प्राप्त करें।
      • प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
    4. आउटडोर गतिविधियों को सीमित करें:
      • कोहरे और ठंड के दौरान बाहर की गतिविधियों को सीमित करें।
      • सुबह की सैर या व्यायाम करने से बचें, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए।

    अगले दो दिनों का पूर्वानुमान

    मौसम विभाग के अनुसार, बिहार में अगले दो दिनों तक कोहरे का प्रभाव बना रहेगा। हिमालय के पास स्थित क्षेत्रों जैसे अररिया, सुपौल और किशनगंज में घना कोहरा छाने की संभावना है। इन इलाकों में सुबह और रात के समय विजिबिलिटी लगभग शून्य हो सकती है, जिससे यात्रा और अन्य गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं।

    पटना, भागलपुर और नालंदा जैसे जिलों में भी कोहरा दिन चढ़ने के बाद ही छंटने की संभावना है। हालांकि, दोपहर के समय थोड़ी धूप निकल सकती है, लेकिन रात होते ही ठंडक और कोहरे का प्रकोप फिर से बढ़ने की उम्मीद है।

    पड़ोसी राज्यों में भी कोहरे का प्रभाव

    बिहार के पड़ोसी राज्यों में भी कोहरे और ठंड का प्रभाव देखने को मिल रहा है। उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में भी घने कोहरे की स्थिति बनी हुई है। इन क्षेत्रों में भी सड़क और रेल यातायात प्रभावित हो सकता है।

    कोहरे के निर्माण का मुख्य कारण ठंडी उत्तर-पश्चिमी हवाएं और वातावरण में नमी का बढ़ा हुआ स्तर है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक मौसम में कोई बड़ा बदलाव, जैसे बारिश या तापमान में वृद्धि नहीं होती, कोहरे का प्रभाव जारी रहेगा।

    बिहार में घने कोहरे और गिरते तापमान ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। मौसम विभाग द्वारा जारी येलो अलर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य के 30 जिलों में अगले कुछ दिनों तक चुनौतीपूर्ण मौसम बना रहेगा। ऐसे में लोगों को सतर्क रहने, मौसम की जानकारी पर नजर रखने और सुरक्षा उपाय अपनाने की आवश्यकता है।

  • Uchchaith में आज भी मौजूद है Kalidasa के होने का प्रमाण

    Uchchaith में आज भी मौजूद है Kalidasa के होने का प्रमाण

    बिहार की सांस्कृतिक राजधानी कहलाने वाली मधुबनी जिला के बेनीपट्टी में मां काली का एक सिद्धपीठ है। इसको Uchchaith भगवती या महाकाली के नाम से जाना जाता है। 17वें शक्तिपीठ के रूप में इसका पौराणणिक महत्व है। प्रचलित कथाओं में यही वह स्थान है जहां महान कवि कालिदास को माता के वरदान से ज्ञान प्राप्त हुआ था। प्राचीन काल में उच्चैठ का यही स्थान राजा जनक की यज्ञ भूमि हुआ करता था। महर्षि कपिल, कणाद, गौतम, जेमिनी, विभाण्डक, पुण्डरीक, श्रृंग, लोमस, पिपलाद, याज्ञवल्क्व और सतानंद जैसे ऋषियों की यह तपोभूमि रही है। आदि शंकराचार्य भी उच्चैठ में साधना कर चुके है। आधुनिक काल में महाकवि विद्यापति और गोनू झा ने ज्ञान की प्रात्ति के लिए उच्चैठ में साधना की थी।

  • यूएन ने की ट्रेन में मधुबनी आर्ट बनाने की तारीफ

    यूएन ने की ट्रेन में मधुबनी आर्ट बनाने की तारीफ

    मधुबनी आर्ट यानी मिथिला आर्ट ने एक बार फिर से धूम मचा दिया है। चर्चा बिहार के मधुबनी से निकल कर यूएन तक पहुंच चुकी है। दरअसल, बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के कोचों पर मिथिला आर्ट की चित्रकारी के चर्चे देश और विदेशो में गूंज रही है। आलम यह है कि संयुक्त राष्ट्र ने इस बार मिथिला कला की सराहना करके इसे अन्तराष्ट्रीय पटल पर ला दिया है। यूएन ने इसके लिए भारतीय रेलवे और ट्रेनों में मधुबनी आर्ट बनाने वालों की जमकर तारीफ की है। बतातें चलें कि बिहार संपर्क क्रांति के नौ कोचों को सुंदर मधुबनी पेंट से रंगा गया है और इनकी सुंदरता देखते ही बनती है।

    यूएन ने मधुबनी के कलाकारो को दी बधाई

    यूएन ने ट्वीट करके कहा है कि मधुबनी के कलाकारो ने अपनी पेटिंग से भारतीय रेलगाड़ी की खुबसूरती बढ़ा दी है। स्मरण रहें कि मधुबनी की महिलाओं ने इन कोचों को पारंपरिक मिथिला आर्ट से रंगा है, जिसे मधुबनी आर्ट के नाम से भी जाना जाता है। कमाल की बात यह है कि इन कलाकारों ने अपनी अंगुलियों, माचिस की तीलियों, ब्रश, नेचुरल डाई और रंगों के सहारे रेल के कोच पर जबरदस्त कलाकृतियों को उकेर कर मिथिला आर्ट की झलक से दुनिया को चकाचौध कर दिया है।

    यूबसूरती को निहारने स्टेशन पर उमड़ी भीड़

    इससे पहले दरभंगा से नई दिल्ली जाने वाली बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के दिल्ली पहुंचते ही उसके डिब्बों पर मधुबनी पेंटिंग क रंग देखने के लिए लोगो की भीड़ उमड़ पड़ी थी। कहतें हैं कि बिहार की संस्कृति को समेटे दरभंगा से दिल्ली तक यह ट्रेन इन दिनो अपनी खूबसूरती के लिए चर्चा में है। भारतीय रेलवे का यह एक्सपेरिमेंट लोगों को काफी पसंद आया। सिर्फ बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस ही नहीं, बल्कि पटना राजधानी के 22 कोचों को भी मधुबनी पेंटिंग्स से सजाया जा रहा है। डिब्बों के अंदर और बाहर मधुबनी पेंटिंग्स के जरिए बेहतरीन साज-सज्जा की जा रही है।

    मधुबनी स्टेशन पर भी मिथिला आर्ट की धूम

    बिहार संपर्क क्रांति की बोगियों को सजाने से पहले मधुबनी की महिला कलाकारो ने इससे पहले भारतीय रेलवे द्वारा रेल स्वच्छ मिशन के तहत मधुबनी स्टेशन की दीवारों पर भी इसी तरह की पेंटिंग बनाई जा चुकी है। इस स्टेशन पर सफाई अभियान चलाया गया था, जिसमें कलाकारों ने वेतन की मांग न करते हुए 14 हजार वर्ग फीट की दीवार को परंपरागत मिथिला स्टाइल में पेंट किया था।

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  • गरीब जनक्रांति पार्टी बनेगी कमजोर लोगो की  आवाज : दीनबंधु

    गरीब जनक्रांति पार्टी बनेगी कमजोर लोगो की आवाज : दीनबंधु

    मधुबनी। गरीब जनक्रांति पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दीनबन्धु सिंह ने कहा कि गरीब जनक्रान्ति पार्टी भारत की सबसे युवा एवं सबसे क्रांतिकारी राजनीतिक दल है। मधुबनी के जलधारी चौक स्थित पार्टी कार्यालय में मौजूद लोगो को संबोधित करते हुए श्री सिंह ने कहा कि गरीब जनक्रान्ति पार्टी मधुबनी के मूलभूत समस्यायों को उठाएगी और युवा, मजदूर व किसानो की आवाज बनेगी।
    इससे पहले दीनबन्धु सिंह के नेतृत्व में बैठक के दौरान ही एक दर्जन से अधिक कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी ने जनाधिकार पार्टी छोर कर गरीब जनक्रान्ति पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
    https://youtu.be/z6IbXusYBqQ
    पार्टी ने अपने जिला कमिटि का विस्तार करते हुए नितिन मुकेश को जिला प्रभारी, संतोष कुमार यादव को जिलाध्यक्ष, प्रकाश कुमार को जिला सचिव, कुशेश्वर प्रसाद को जिला सचिव और मंटू उर्फ प्रशांत कुमार को छात्र संघ का जिलाध्यक्ष मनोनीत कर दिया गया है। इस मौके पर जिला प्रभारी नितिन मुकेश ने कहा कि गरीब जनक्रान्ति पार्टी मधुबनी के युवाओ की आवाज बनेगी और जिले के सभी पंचायत में समस्या निवारण केंद्र की स्थापना करेगी। नव मनोनित जिलाध्यक्ष संतोष कुमार यादव ने कहा कि गरीब जनक्रान्ति पार्टी की प्राथमिकता मधुबनी के लोगो की सेवा करना है और गरीब जनक्रान्ति पार्टी का एक एक कार्यकर्ता मधुबनी के लोगो के सेवा में दिन रात उपस्थित रहेगा और किसी की भी आवाज को दबने नही देगा।
    बैठक में नीतीश नारायण झा, कन्हैया कुमार, राहुल कुमार, राजीव रंजन, सुधीर कुमार, राहुल कुमार, मोहन कुमार, निरंजन कुमार, मोहित कुमार, प्रकाश कुमार, प्रवीण कुमार एवं अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।
  • मधुबनी में अंधाधुंध गोलीबारी, दो की मौत

    मधुबनी में अंधाधुंध गोलीबारी, दो की मौत

    मधुबनी। मधुबनी के फुलपरास अनुमंडल के बेल्हा गांव में बाइक पर आए अपराधियो ने फायरिग कर एक कि हत्या कर दी। घटना में सात लोग घयल भी हो गए। घटना से गुस्साए लोगों ने पीट पीट कर अपराधियों की हत्या कर दी। गुस्साए लोग सड़क पर उतर पड़े और आगजनी भी की है। इस बीच सभी घायलो को फुलपरास रेफरल अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। जंहा डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार के बाद सभी को दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दीया है। घटना का कारण महज कटहल का पत्ता बकरी को खिलाने से हुआ बताया जा रहा है।

  • सीएम नीतीश कुमार ने की प्रद्युम्न की मां से बात

    बिहार के रहने वाले छात्र प्रद्युम्न की हत्या को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से सोमवार को टेलीफोन पर बातचीत की और उनसे प्रद्युम्न के परिवार से मिलने का अनुरोध किया। नीतीश ने कहा कि मुख्यमंत्री के पीड़ित परिवार से मिलने के बाद जहां परिजनों का मनोबल बढ़ेगा, वहीं जांच में निष्पक्षता एवं तेजी आएगी।
    बतातें चलें कि इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रद्युम्न की मां और चाचा से टेलीफोन पर बात की। प्रद्युम्न का पैतृक गांव बिहार के मधुबनी जिले के बड़ागांव में है और यहां भी हत्या को लेकर लोगों में उबाल है। लोग दोषियों का पता लगाने और जल्द कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
    इधर, मिथिलांचल में सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर कार्य करने वाली गैर-सरकारी संस्था मिथिलालोक फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ़ बीरबल झा ने कहा कि स्कूल के बंद करने और नहीं करने से समस्या का समाधान नहीं होने वाला। इस मामले में दोषियों को तत्काल दंड मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि फाउंडेशन के सदस्य सोमवार को पीड़ित परिवार से मिले और इंसाफ दिलाने में उनका साथ देने का आश्वासन दिया। फाउंडेशन ने प्रद्युम्न को इंसाफ दिलाने के लिए पीड़ित परिवार को हर कानूनी सहायता उपलब्ध कराने की भी घोषणा की है।

  • महिला से गैंगरेप करके गुप्तांग को सिगरेट से जलाया

    महिला से गैंगरेप करके गुप्तांग को सिगरेट से जलाया

    जमीनी विवाद में महादलित महिला के साथ की दरिंदगी

    मधुबनी। मधुबनी जिला स्थित हरलाखी थाना क्षेत्र के एक गांव की रहनेवाली महादलित महिला को पहले हरलाखी अंचलाधिकारी के आवास पर इंसाफ के लिए बुला कर तीन लोगों ने मिलकर बारी बारी सामूहिक दुष्कर्म किया और दुष्कर्मियों ने महिला के गुप्तांग को सिगरेट से जला कर उसे जख्मी भी कर दिया है।
    जानकारी के मुताबिक जमीनी विवाद से बात सामूहिक दुष्कर्म तक पहुंच गया। इस घटना में सरकार के नुमाइंदे भी शामिल हैं। सीओ, पूर्व मुखिया पति सहित कई अन्य लोगों पर एफआईआर दर्ज किया गया है। दुष्कर्म पीड़ित महिला इंसाफ के लिए आमरण अनशन पर बैठी हुई है और आरोपितो की गिरफ्तारी को लेकर प्रशासन से गुहार लगा रही है। इधर, उंची रसूख रखने वाले दबंग आरोपियो ने महिला को जान से मारने की धमकी भी दी। समाहरणालय के सामने पीड़िता का आमरण अनशन करने के बाद मामला तूल पकड़ लिया है। एसडीपीओ निर्मला कुमारी ने पुरे मामले की जांच शुरू कर दिया है।

  • गैस रिसाव से झुलसी महिला

    गैस रिसाव से झुलसी महिला

    मधुबनी के बाबूबरही की है घटना

    मधुबनी। मधुबनी में बाबूबरही प्रखंड के भूपट्टी गांव के वार्ड 4 में खाना बनाने के दौरान एलपीजी गैस सिलेंडर में रिसाव के कारण एक ही परिवार के चार लोग गंभीर रूप से झूलस का जख्मी हो गयें गए है। झूलसे लोगों में 62 वर्षीया पंची देवी, 64 वर्षीय मिश्री चौधरी, नौ वर्षीया पूजा और चार वर्ष का सूर्यदेव शामिल है। गांव के लोगों ने चारों को स्थानीय पीएचसी में भर्ती कराया। चिकित्सकों ने सभी की हालत नाजुक देख कर उन्हें मधुबनी रेफर कर दिया।

  • दो खिलाड़ीयो का चयन

    मधुवनी। जिले के दो खिलाड़ी कैलाश यादव व प्रवीण मिश्रा को बिहार क्रिकेट एशोसियशन सीनियर(रणजी) टीम के लिए चयनित किया गया है।इन्हे 25 अगस्त 2017 को मोईनल हक स्टेडियम पटना में शिरकत करना है।जिले के खिलाड़ी ने शुभकामनाएं दी है।

  • युवती के परिजनो ने युवक के मॉ की गला रेत कर दी हत्या

    मधुर संबंध बना मौत का कारण

    मधुबनी। रहिका थाने के रामनगर धनुषी गांव में युवक युवती के बीच मधुर संबंध का खामियाजा एक महिला को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। युवती के परिजनो ने युवक के मॉ का गला रेत कर निर्मम तरीके से हत्या कर दिया है। दरअसल, मृतिका सुनीता देवी के बेटे लाला मुखिया का पड़ोस की एक लड़की से मेलजोल था। लाला मुखिया इस मामले में एक बार जेल भी जा चुका है। बहरहाल, लाला के बयान पर पुलिस ने छह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।

  • मधुबनी के बाबूबरही में हटाए गए थाना प्रभारी

    अफवाह पर रोक लगाने के लिए इंटरनेट सेवा बंद

    मधुबनी। बिहार के मधुबनी जिले के बाबूबरही थाना क्षेत्र में जमीन की खुदाई के दौरान मिले शिवलिंग को लेकर उत्पन्न तनाव के बाद अब स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होने लगी है। हालांकि, पुलिस के आलाधिकारी ने बारबूबरही के थाना प्रभारी को हटा दिया गया है और क्षेत्र में एहतियातन इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है। मधुबनी के पुलिस अधीक्षक दीपक बर्णवाल के मुताबिक खोजपुर गांव में अब शांति है। गांव में प्रयाप्त संख्या में पुलिस बल तैनात है। बतातें चलें कि पांच अप्रैल को खोजपुर गांव में एक नहर निर्माण के दौरान जमीन के अंदर से शिवलिंग मिला था। जिसे लेकर खोजपुर और नवकी टोला गांव के बीच विवाद चल रहा है।

  • पुलिस फायरिंग में एक की मौत

    मधुबनी। बाबूबरही में शिव लिंग की स्थापना को लेकर दो पक्षो में तनाव हो गया है। मामले की  सुचना मिलते ही मौके पर पहूची पुलिस ने शांति  का प्रयास किया, बावजूद कुछ लोग नही मने और उग्र हो गए और पुलिस के बिरुद्ध प्रदर्शन करने लगे। बाद में  पुलिस की फायरिंग में एक की मौत हो गई। मौत के बाद पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है।

  • मधुबनी के कुख्यात डॉन का हुआ एनकाउंटर

    मधुबनी के कुख्यात डॉन का हुआ एनकाउंटर

    पुलिस के लिय सिरदर्द बन चुका था 50 हजार का इनामी डॉन

    मधुबनी। जयनगर पुलिस ने 50 हजार रुपये के इनामी रंजीत डॉन को मार गिराया है। जानकारी के मुताबिक जयनगर के गोबरही के एक ईट भठ्ठा के समीप आज सुवह हुए एनकाउंटर के दौरान पुलिस की गोली से रंजीत डॉन मारा गया। पहले से गिरफ्तार बाला मिश्रा से पुलिस को रंजीत का लोकेशन मिला था और इसी जानकारी आधार पर पुलिस ने त्वरित कारवाई करते हुए रजीत को ढ़ेर कर दिया। रंजीत के पास से पुलिस को दो कार्बाइन और गोलियां भी बरामद हुई है। रंजीत बीते छह महीने के भीतर जयनगर में हत्या, स्वर्ण व्यवसायी और पेट्रोल पंप पर लूट को अंजाम देकर पुलिस के लिए सिरदर्द बन चुका था। मालूम हो कि उसका एक साथी बाला मिश्रा मंगलवार को ही पुलिस की गिरफ्त में आ गया था।