महात्मा गांधी सेतु पर बड़ा हादसा, 10 घंटे से लगा है जाम

Massive Traffic Jam on Mahatma Gandhi Setu After Multi-Vehicle Collision

KKN गुरुग्राम डेस्क |  ठंड और घने कोहरे ने एक बार फिर से सड़क पर मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। रविवार देर रात महात्मा गांधी सेतु पर हाजीपुर की ओर पाया नंबर 7 के पास तीन बड़ी गाड़ियों के बीच टक्कर हो गई। इस हादसे के कारण सेतु पर यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया है और जाम अब 10 घंटे से भी अधिक समय से लगा हुआ है। इस घटना का असर आज भी यातायात पर देखा जा रहा है।

हादसे का विवरण और वर्तमान स्थिति

घने कोहरे के कारण दृश्यता बेहद कम हो गई थी, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ। महात्मा गांधी सेतु, जो भारत के सबसे लंबे नदी पुलों में से एक है और पटना को हाजीपुर से जोड़ता है, इस दुर्घटना के बाद से पूरी तरह से ठप हो गया है।

छोटी गाड़ियां धीरे-धीरे आगे बढ़ रही हैं, लेकिन बड़े वाहनों जैसे बस और ट्रक अब भी फंसे हुए हैं। इस जाम के कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि कई लोग अपनी गाड़ियों से उतरकर पैदल ही पुल पार करने को मजबूर हो गए हैं।

पुलिस की कार्रवाई और प्रयास

पटना ट्रैफिक पुलिस के इंस्पेक्टर मुकेश कुमार ने बताया कि यह हादसा रविवार देर रात हाजीपुर की ओर पाया नंबर 7 के पास हुआ। इस टक्कर के कारण हाजीपुर से आने और जाने वाली दोनों लेन पूरी तरह से बंद हो गई हैं।

“जाम की स्थिति इतनी गंभीर है कि जीरो माइल, बड़ी पहाड़ी, छोटी पहाड़ी और बैरिया बस स्टैंड तक यातायात ठप हो गया है। सड़क को साफ करने और यातायात बहाल करने में अभी कुछ और घंटे लग सकते हैं,” उन्होंने कहा।

यात्रियों की समस्याएं

इस जाम के कारण यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। बसों में सफर कर रहे यात्री घंटों तक फंसे हुए हैं। कई लोग समय पर अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए पैदल ही पुल पार कर रहे हैं। इस स्थिति ने न केवल यात्रियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, बल्कि यह भी दिखाया है कि लंबे समय तक जाम लगने से किस तरह की समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

ठंड और कोहरे के कारण बढ़ी दुर्घटनाएं

सर्दियों के मौसम में कोहरे के कारण सड़क दुर्घटनाएं बढ़ जाती हैं। महात्मा गांधी सेतु जैसे व्यस्त मार्गों पर दृश्यता की कमी और सड़क की स्थिति अक्सर इस तरह के हादसों का कारण बनती है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बेहतर प्रबंधन की आवश्यकता है। कोहरे के दौरान गति सीमा पर सख्ती, सड़क पर फॉग लाइट्स और संकेतक लगाना, और नियमित रखरखाव जैसे उपाय दुर्घटनाओं को कम कर सकते हैं।

समस्या का समाधान कैसे हो?

प्रशासन इस समय जाम को हटाने और यातायात को बहाल करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। हालांकि, इस तरह की घटनाएं प्रशासन की कोहरे से निपटने की तैयारियों पर सवाल खड़े करती हैं।

इस समस्या के समाधान के लिए कुछ त्वरित कदम उठाए जा सकते हैं:

  1. अतिरिक्त ट्रैफिक पुलिस की तैनाती: जाम को बेहतर तरीके से नियंत्रित करने और गाड़ियों को वैकल्पिक मार्ग पर ले जाने के लिए।
  2. फॉग लाइट्स और रिफ्लेक्टर का उपयोग: ड्राइवरों को कोहरे के दौरान फॉग लाइट्स का उपयोग करने और सड़कों पर रिफ्लेक्टिव मार्कर्स लगाने के लिए प्रोत्साहित करना।
  3. जागरूकता अभियान: ड्राइवरों को कोहरे के दौरान तेज गति से गाड़ी चलाने के खतरों के बारे में जागरूक करना।
  4. तकनीकी हस्तक्षेप: फॉग डिटेक्शन सिस्टम और रियल-टाइम ट्रैफिक मॉनिटरिंग सिस्टम का उपयोग करना।

महात्मा गांधी सेतु पर हुआ यह हादसा सर्दियों के मौसम में कोहरे के कारण होने वाली समस्याओं की गंभीरता को दर्शाता है। प्रशासन की कोशिशें जारी हैं, लेकिन इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सड़क सुरक्षा और यातायात प्रबंधन में सुधार की तत्काल आवश्यकता है।

यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे ट्रैफिक अपडेट्स पर नजर रखें और अपनी यात्रा की योजना उसी के अनुसार बनाएं। इसके साथ ही, वाहन चालकों को सतर्कता बरतनी चाहिए और कोहरे के दौरान सुरक्षा नियमों का पालन करना चाहिए।

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