KKN गुरुग्राम डेस्क | किशनगंज, अररिया, सुपौल, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण जिलों में आने वाले 24 घंटे के भीतर आंधी-पानी और वज्रपात की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने इन जिलों में आंधी, हल्की से भारी बारिश और वज्रपात के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। साथ ही, मौसम विशेषज्ञों ने इन जिलों में 40 से 50 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलने की चेतावनी दी है।
बिहार के इन जिलों में मौसम का हाल
बिहार राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने इन जिलों में अत्यधिक सतर्कता बरतने की अपील की है। मौसम विभाग ने बताया कि इस समय राज्य में एक कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है, जिसके कारण मौसम में अस्थिरता बनी हुई है। इसके प्रभाव से इन क्षेत्रों में वज्रपात और आंधी-बारिश की संभावना है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, इन जिलों में तेज हवाएं चल सकती हैं, जो कमजोर संरचनाओं, पेड़ों और बिजली के तारों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इस मौसम में विशेष रूप से वज्रपात का खतरा ज्यादा है, जिससे जनहानि की संभावना भी बनी रहती है। अत: अधिकारियों ने लोगों से आंधी के दौरान घरों में रहने और बाहर जाने से बचने की सलाह दी है।
प्रभावित जिलों में क्या होने की संभावना है
मौसम विभाग के अनुसार, इन प्रभावित जिलों में आंधी, भारी बारिश और वज्रपात के साथ तेज हवाएं चलने की संभावना है। ये क्षेत्र अगले 24 घंटे तक भारी बारिश और आंधी से प्रभावित हो सकते हैं।
-
हवाओं की रफ्तार: यहां हवा की गति 40 से 50 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है, जो स्थानीय स्तर पर नुकसान का कारण बन सकती है।
-
वज्रपात: वज्रपात का खतरा अधिक रहेगा, खासकर शाम के समय, जब तूफान तेज होने की संभावना है।
-
भारी बारिश: भारी बारिश से जलजमाव की स्थिति बन सकती है और यह रोजमर्रा की गतिविधियों को प्रभावित कर सकता है।
मौसम विज्ञानियों का विश्लेषण
मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि कम दबाव के क्षेत्र की स्थिति के कारण यह मौसम अस्थिर हो रहा है। यह स्थिति विशेष रूप से बिहार के पूर्वी और उत्तर-पूर्वी जिलों को प्रभावित करेगी। इसके कारण, इन क्षेत्रों में वज्रपात और आंधी-बारिश की संभावना बनी हुई है।
मौसम विभाग के मुताबिक, यह मौसम प्रणाली अगले 48 घंटों तक सक्रिय रह सकती है, लेकिन तूफान की तीव्रता में उतार-चढ़ाव हो सकता है। कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश हो सकती है, जबकि अन्य जगहों पर हल्की बौछारें भी पड़ सकती हैं।
तूफान और वज्रपात के दौरान सुरक्षा उपाय
तूफान और वज्रपात के दौरान सुरक्षा के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाना आवश्यक है:
-
घर के अंदर रहें: तूफान के दौरान बाहर जाने से बचें, क्योंकि वज्रपात और तेज हवाओं से जानमाल का नुकसान हो सकता है।
-
जलाशयों से दूर रहें: पानी के पास न रहें, क्योंकि वज्रपात पानी में भी हो सकता है।
-
बिजली उपकरणों का उपयोग न करें: बिजली के उपकरणों का इस्तेमाल करने से बचें, क्योंकि वज्रपात के कारण बिजली का करंट आ सकता है।
-
खुले स्थानों से दूर रहें: पेड़ों के नीचे या खुले मैदान में न खड़े रहें, क्योंकि वज्रपात का खतरा अधिक रहता है।
-
प्राकृतिक आपदा के लिए तैयार रहें: तेज हवाओं और वज्रपात से बचने के लिए अपनी सुरक्षा पहले से सुनिश्चित करें।
कृषि और बुनियादी ढांचे पर प्रभाव
आंधी-पानी और वज्रपात का प्रभाव कृषि क्षेत्र पर भी देखा जा सकता है। किशनगंज, सुपौल, मधुबनी, और अन्य प्रभावित जिलों में खड़े फसलों जैसे चावल, गेहूं, और सब्जियों को नुकसान हो सकता है। भारी बारिश से खेतों में जलजमाव हो सकता है, जिससे फसल की पैदावार प्रभावित हो सकती है।
साथ ही, तेज हवाओं और वज्रपात से बिजली की लाइनों और अन्य बुनियादी ढांचे को भी नुकसान पहुंच सकता है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां मजबूत संरचनाएं नहीं हैं। स्थानीय प्रशासन को ऐसे मौसम के दौरान तैयार रहने और आपातकालीन स्थिति में लोगों की सहायता करने की सलाह दी गई है।
पटना और अन्य जिलों में मौसम
हालांकि पटना, राज्य की राजधानी, में अत्यधिक तूफान की संभावना नहीं है, फिर भी यहां हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। पटना में मौसम में कुहासा और बादल छाए रह सकते हैं। यहां की बारिश का स्तर प्रभावित जिलों की तुलना में कम होगा, लेकिन पटना के नागरिकों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
मौसम अपडेट के लिए कहां जाएं
बिहार के निवासियों को मौसम विभाग और राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी किए गए मौसम चेतावनियों और अपडेट्स पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही, भविष्यवाणी और मौसम अपडेट के लिए आधिकारिक मौसम चैनलों, मोबाइल ऐप्स और सरकारी वेबसाइटों से जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।
ऑरेंज अलर्ट के तहत, यह महत्वपूर्ण है कि किशनगंज, अररिया, सुपौल, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी चंपारण, और पश्चिमी चंपारण जिलों के निवासी मौसम के बदलाव के प्रति पूरी तरह से सजग रहें। आंधी-पानी, वज्रपात और तेज हवाएं इन जिलों में गंभीर स्थिति उत्पन्न कर सकती हैं, इसलिए लोगों को सुरक्षा उपायों का पालन करना चाहिए।
स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार इस स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है, और नागरिकों से अपील की जाती है कि वे मौसम संबंधी चेतावनियों का पालन करें। समय रहते तैयारी और सतर्कता से हम सभी इस मौसम परिवर्तन को सुरक्षित रूप से पार कर सकते हैं।