KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार सरकार ने विमान चालक सह उत्तरदायी प्रबंधक, वायुयान संगठन के पद पर तैनात कैप्टन विवेक परिमल को उनकी ड्यूटी में लापरवाही और अनुशासनहीनता के गंभीर आरोपों के तहत निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के दौरान उनके कर्तव्यों का पालन न करने और लगातार अनुपस्थित रहने के कारण की गई।
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लापरवाही और अनुशासनहीनता के गंभीर आरोप
कैप्टन विवेक परिमल पर यह आरोप है कि उन्होंने मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के दौरान अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से नहीं लिया। सरकार द्वारा जारी आदेश में उनके खिलाफ निम्नलिखित प्रमुख आरोप लगाए गए हैं:
- हेलिपैड की एनओसी उपलब्ध नहीं कराना:
- प्रगति यात्रा के दौरान जिलों में हेलिपैड की अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) प्रदान करना उनकी जिम्मेदारी थी, लेकिन उन्होंने यह कार्य नहीं किया।
- लॉजिस्टिक्स का समन्वय न करना:
- हेलिकॉप्टर संचालन के लिए आवश्यक फोटो, वीडियो और समन्वय की जिम्मेदारी उन्होंने नहीं निभाई।
- ड्यूटी से अनुपस्थित रहना:
- कैप्टन परिमल 3 जनवरी 2025 से ड्यूटी से लगातार अनुपस्थित हैं और उनके दोनों मोबाइल फोन भी बंद पाए गए, जिससे उनके संपर्क में आना असंभव हो गया।
- प्रमाणपत्र और करेंसी न प्राप्त करना:
- वायुयान संगठन निदेशालय में विमान चालक के रूप में कार्यरत रहते हुए उन्होंने राजकीय विमान किंग एयर सी-90 ए/बी वीटी-ईबीजी के परिचालन के लिए आवश्यक करेंसी भी प्राप्त नहीं की। यह विमान राज्यपाल, मुख्यमंत्री और अन्य विशिष्ट व्यक्तियों की उड़ानों के लिए उपयोग होता है।
कैबिनेट सचिवालय का निलंबन आदेश
राज्य सरकार ने इस लापरवाही को कर्तव्य के प्रति गंभीर उपेक्षा और अनुशासनहीनता माना है। कैबिनेट सचिवालय ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कैप्टन परिमल का निलंबन आदेश जारी कर दिया है। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि राज्य की महत्वपूर्ण योजनाओं और कार्यक्रमों के संचालन में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो।
मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा पर असर
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा बिहार के विकास कार्यों की जमीनी समीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इस यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री विभिन्न जिलों का दौरा करते हैं और चल रहे परियोजनाओं का मूल्यांकन करते हैं। हेलिकॉप्टर संचालन इस यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि यह मुख्यमंत्री को समय पर दुर्गम क्षेत्रों में पहुंचने में मदद करता है।
कैप्टन परिमल की गैरमौजूदगी और जिम्मेदारियों का निर्वहन न करने के कारण यात्रा की व्यवस्थाओं में अव्यवस्था उत्पन्न हुई। हालांकि, सरकार ने इस स्थिति को संभालते हुए यात्रा को बाधित नहीं होने दिया।
प्रमुख जिम्मेदारियां जिन्हें किया गया अनदेखा
कैप्टन विवेक परिमल, वायुयान संगठन निदेशालय में विमान चालक और उत्तरदायी प्रबंधक के रूप में, राज्य के विशिष्ट व्यक्तियों की उड़ानों और हेलिकॉप्टर संचालन के लिए निम्नलिखित जिम्मेदारियां निभाने के लिए उत्तरदायी थे:
- हेलिपैड के लिए एनओसी की व्यवस्था करना।
- फोटो और वीडियो जैसे तकनीकी आवश्यकताओं को हेलिकॉप्टर ऑपरेटर को प्रदान करना।
- विभिन्न टीमों के बीच समन्वय स्थापित करना।
- राजकीय विमान के परिचालन के लिए आवश्यक प्रमाणपत्र और करेंसी सुनिश्चित करना।
इन सभी जिम्मेदारियों को अनदेखा करना उनकी कर्तव्यहीनता और अनुशासनहीनता को दर्शाता है।
सरकार का सख्त रुख
राज्य सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और यह सुनिश्चित किया है कि प्रशासनिक कार्यों में अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कैप्टन परिमल का निलंबन सरकारी अधिकारियों के लिए एक कड़ा संदेश है कि किसी भी स्तर पर लापरवाही के गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
यह कार्रवाई राज्य की महत्वाकांक्षी योजनाओं को सुचारू रूप से लागू करने और नागरिकों की समस्याओं को हल करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
लापरवाही के सबक और सुधार
इस घटना ने सरकारी प्रशासन में कुछ महत्वपूर्ण सबक दिए हैं, जो भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचने के लिए जरूरी हैं:
- सख्त निगरानी और जवाबदेही:
- सरकारी अधिकारियों की जिम्मेदारियों का नियमित आकलन और निगरानी सुनिश्चित करनी होगी।
- संचार व्यवस्था में सुधार:
- ऐसे अधिकारियों के लिए एक प्रभावी संचार प्रणाली लागू की जानी चाहिए ताकि आपातकालीन स्थितियों में संपर्क स्थापित किया जा सके।
- प्रशिक्षण और प्रमाणन:
- विमान चालकों और प्रबंधकों के लिए नियमित प्रशिक्षण और प्रमाणन अनिवार्य किया जाना चाहिए।
कैप्टन विवेक परिमल का निलंबन बिहार सरकार की कड़ी अनुशासन नीति और जिम्मेदारी के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के दौरान उनकी अनुपस्थिति ने संचालन में व्यवधान पैदा किया, लेकिन सरकार ने इस स्थिति को प्रभावी ढंग से संभाला।
यह घटना सरकारी अधिकारियों को यह याद दिलाती है कि प्रशासनिक जिम्मेदारियों का पालन सर्वोपरि है और लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बिहार सरकार की यह कार्रवाई यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है कि राज्य की योजनाएं और कार्यक्रम प्रभावी ढंग से लागू हों और जनता को इसका लाभ मिले।
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