KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार में मौसम के मिजाज में बदलाव आने वाला है। मौसम विभाग ने आगामी दो दिनों के लिए (28 फरवरी और 1 मार्च) बारिश और आंधी के अनुमान का संकेत दिया है। शुक्रवार, 28 फरवरी और शनिवार, 1 मार्च को बिहार के 12 जिलों में भारी बारिश और आंधी आने की संभावना है। इस दौरान तेज़ हवाएं भी चल सकती हैं, जिससे सामान्य जीवन प्रभावित हो सकता है। मौसम विभाग ने इन जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।
बिहार में बारिश का अलर्ट: 12 जिलों पर येलो अलर्ट
मौसम विभाग के अनुसार, 28 फरवरी और 1 मार्च को बिहार के कई जिलों में आंधी और बारिश का प्रभाव देखने को मिल सकता है। जिन जिलों में बारिश की संभावना है, उनमें पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, कैमूर, औरंगाबाद, रोहतास, नवादा, जमुई, बांका और गया शामिल हैं। इन सभी जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विभाग का कहना है कि इन जिलों में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है, जिससे लोगों को थोड़ी असुविधा हो सकती है। आंधी और बारिश के कारण सड़क यातायात भी प्रभावित हो सकता है, इसलिए इन इलाकों के निवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
मार्च की शुरुआत बारिश के साथ
मौसम विभाग का कहना है कि मार्च के पहले दिन हल्की बारिश हो सकती है। दक्षिण बिहार के कुछ हिस्सों में भी बारिश की संभावना जताई गई है, हालांकि यह बारिश हल्की रहेगी। इसके साथ ही, अगले कुछ दिनों में तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ोतरी हो सकती है। बारिश और बढ़ते तापमान से बिहारवासियों को थोड़ी राहत मिल सकती है।
बिहार के तापमान में बदलाव
बिहार में पिछले कुछ दिनों से तापमान में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। 27 फरवरी को राज्य के कई इलाकों में तापमान में वृद्धि दर्ज की गई। पटना समेत अन्य शहरों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी हुई। खासकर, मधुबनी जिले का तापमान 30.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो उस दिन बिहार का सबसे गर्म जिला रहा। वहीं, पूर्वी चंपारण के मोतिहारी में तापमान 10.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो उस दिन सबसे ठंडा था।
बिहार में तापमान में अचानक बदलाव के कारण लोग थोड़े परेशान हो सकते हैं, क्योंकि दिन में गर्मी और रात में ठंड का अनुभव हो रहा है। इस प्रकार के बदलाव स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकते हैं, खासकर उन लोगों को जो मौसम के उतार-चढ़ाव के लिए तैयार नहीं होते हैं।
नवादा में मौसम की स्थिति
नवादा जिले में अगले दो-तीन दिनों तक मौसम ठंडा रहने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार, नवादा में बादल छाए रहेंगे, और न्यूनतम तापमान में थोड़ी गिरावट आ सकती है। 27 फरवरी को नवादा का न्यूनतम तापमान 11 से 13 डिग्री सेल्सियस के बीच रिकॉर्ड किया गया था, जो सामान्य से थोड़ा कम था। हालांकि, अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी देखी गई, और जिले के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा।
नवादा के अलावा, नालंदा जिले के सीमावर्ती इलाकों में तापमान 31 डिग्री सेल्सियस तक रिकॉर्ड किया गया, जो कि कुछ क्षेत्रों में तेज़ गर्मी का संकेत है। तापमान में यह तेज़ बदलाव नागरिकों के लिए थोड़ी परेशानी का कारण बन सकता है, क्योंकि गर्मी और ठंड के बीच तालमेल बैठाना मुश्किल हो जाता है।
येलो अलर्ट का मतलब और तैयारी
मौसम विभाग द्वारा जारी येलो अलर्ट का मतलब है कि इन जिलों में मौसम अचानक खराब हो सकता है, और लोग असुरक्षित महसूस कर सकते हैं। येलो अलर्ट का मुख्य उद्देश्य स्थानीय लोगों को चेतावनी देना है ताकि वे आगामी मौसम से सतर्क रहें। इस दौरान, तेज़ हवाओं और भारी बारिश के कारण सामान्य जीवन प्रभावित हो सकता है, विशेषकर सड़क यातायात, कृषि गतिविधियों, और अन्य बाहरी कार्यों पर असर पड़ सकता है।
बिहार में बारिश और हवा के कारण कृषि पर प्रभाव
बिहार में कृषि एक अहम उद्योग है, और मौसम का बदलाव किसानों पर बड़ा असर डाल सकता है। आगामी बारिश और तेज़ हवाएं विशेषकर उन किसानों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती हैं जिनकी फसलें तैयार हैं। बारिश और हवा के कारण फसलें खराब हो सकती हैं, खासकर उन क्षेत्रों में जहां मिट्टी के भंडारण की सुविधा कम है और जलनिकासी प्रणाली ठीक से काम नहीं करती।
किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपने खेतों की स्थिति का आकलन करें और फसल सुरक्षा के उपायों पर ध्यान दें। इसके अलावा, फसलों के संरक्षण के लिए उचित उपाय जैसे कि मिट्टी की समुचित सिंचाई और जलनिकासी की व्यवस्था करना आवश्यक है।
बिहार में मौसम के साथ तैयारी कैसे करें
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मौसम की जानकारी रखें: हमेशा मौसम विभाग से ताजा अपडेट प्राप्त करें ताकि आप किसी भी अप्रत्याशित मौसम परिवर्तन के लिए तैयार रहें।
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घर और संपत्ति को सुरक्षित करें: तेज़ हवाओं के दौरान अपनी खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें। बाहर रखी चीज़ों को सुरक्षित स्थान पर रखें, ताकि वे उड़ न जाएं।
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खेतों को सुरक्षित करें: किसान अपने खेतों में जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करें और फसलों को बर्बाद होने से बचाने के लिए सही कदम उठाएं।
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आपातकालीन आपूर्ति रखें: हर घर में आपातकालीन आपूर्ति जैसे पानी, खाद्य सामग्री, और बैटरी की व्यवस्था रखें। अगर बिजली चली जाती है तो इन चीज़ों का काम आएगा।
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सड़क पर सावधानी बरतें: बारिश और आंधी के समय बाहर जाने से बचें। सड़कें गीली और फिसलन भरी हो सकती हैं, जिससे हादसे हो सकते हैं।
मौसम के प्रभाव से बचाव के उपाय
अगर आप बिहार के उन क्षेत्रों में रहते हैं जहां बारिश और आंधी की संभावना है, तो आपको कुछ बुनियादी उपाय करने चाहिए। तेज़ हवाओं से बचने के लिए आप घर के अंदर रहें और खुले क्षेत्रों से बचें। यदि आप खेतों में काम करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपकी फसलें मजबूत हों और तूफान से पहले किसी भी प्रकार के हल्के क्षति से बचाव किया गया हो।
मौसम की अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए बिहार सरकार द्वारा आपातकालीन प्रबंध किए गए हैं। स्थानीय अधिकारियों से संपर्क करके आप किसी भी प्रकार के बचाव कार्यों की जानकारी ले सकते हैं और मौसम के प्रभाव से बच सकते हैं।
बिहार में 28 फरवरी और 1 मार्च को मौसम में बदलाव देखा जाएगा। इन दो दिनों में 12 जिलों में आंधी और बारिश का प्रभाव रहने की संभावना है। तेज़ हवाएं और बारिश किसानों, यात्री और आम नागरिकों के लिए चुनौती पेश कर सकती हैं। येलो अलर्ट जारी होने के बाद, सभी को तैयार रहने की सलाह दी जाती है ताकि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से बचा जा सके।
मौसम के इस बदलाव से पहले, सभी को आवश्यक तैयारी करनी चाहिए ताकि वे किसी भी अप्रत्याशित परिस्थिति का सामना कर सकें।