श्रेणी: Khabron Ki Khabar

  • अपराध और भ्रष्टाचार बना बिहार चुनाव 2025 का सबसे बड़ा मुद्दा, सर्वे रिपोर्ट से सियासी हलचल तेज

    अपराध और भ्रष्टाचार बना बिहार चुनाव 2025 का सबसे बड़ा मुद्दा, सर्वे रिपोर्ट से सियासी हलचल तेज

    बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राज्य की राजनीति में अपराध और भ्रष्टाचार सबसे बड़े मुद्दे बनकर उभर रहे हैं। हाल ही में आए इंडिया टूडे-सी वोटर सर्वे के नतीजों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, 60% मतदाता कानून-व्यवस्था को सबसे अहम चुनावी मुद्दा मान रहे हैं, जबकि 55% लोग भ्रष्टाचार से बेहद नाराज़ हैं।

    बढ़ते अपराध और बिगड़ती कानून-व्यवस्था

    बिहार में बीते कुछ महीनों में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। आए दिन हो रही हत्याएं, लूट, डकैती और पुलिस पर हमले इस बात को साबित कर रहे हैं कि अपराधियों का मनोबल बढ़ता जा रहा है।

    • बेतिया और पटना में करोड़ों की बरामदगी से भ्रष्टाचार पर बहस तेज हो गई है।
    • पुलिस अधिकारियों पर हो रहे हमले कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
    • आपराधिक घटनाओं की बढ़ती संख्या आम जनता की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा रही है।

    तेजस्वी यादव और विपक्ष का हमला

    राजद नेता तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इसे “सत्ता संरक्षित अपराध” करार देते हुए कहा कि बिहार में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। उनका दावा है कि जनता इस बार बदलाव के मूड में है और सरकार को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

    प्रशांत किशोर की नई रणनीति

    चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी बिहार में अपनी नई रणनीति के साथ सक्रिय हो गए हैं। उनका मानना है कि जनता अब सिर्फ वादों पर भरोसा नहीं करेगी, बल्कि सरकार से ठोस परिणामों की उम्मीद कर रही है।

    क्या सत्ता परिवर्तन संभव है?

    बिहार में भाजपा-जेडीयू गठबंधन (NDA) की सरकार है, लेकिन अपराध और भ्रष्टाचार के बढ़ते मामलों ने सरकार को बैकफुट पर ला दिया है। विपक्ष इसे बड़ा मुद्दा बनाकर चुनावी माहौल को अपने पक्ष में करने की कोशिश में जुटा है।

    अब सवाल यह उठता है कि क्या बिहार की जनता इस बार सत्ता परिवर्तन का मन बना चुकी है, या फिर NDA सरकार इसे संभालने में कामयाब होगी? यह तो आने वाले महीनों में साफ हो जाएगा।

    जनता की राय महत्वपूर्ण

    इस बार बिहार का चुनाव कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर लड़ा जाएगा। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि क्या जनता सरकार पर दोबारा भरोसा जताएगी या बदलाव की ओर कदम बढ़ाएगी?

  • बिहार चुनाव 2025: कौन मारेगा बाजी? सत्ता की चाभी किसके हाथ

    बिहार चुनाव 2025: कौन मारेगा बाजी? सत्ता की चाभी किसके हाथ

    बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 की हलचल तेज हो चुकी है! एनडीए, महागठबंधन और जन सुराज—कौन होगा भारी? क्या नीतीश कुमार की विश्वसनीयता घटी है? तेजस्वी यादव के बढ़ते ग्राफ का क्या असर पड़ेगा? और क्या प्रशांत किशोर की जन सुराजबिहार की राजनीति में नया खेला कर सकती है? आंकड़ों और रणनीतियों के गहरे विश्लेषण के साथ जानिए चुनावी गणित की पूरी हकीकत!

  • पाकिस्तान में आतंकियों का सफाया! क्या यह नई रणनीति का हिस्सा है?

    पाकिस्तान में आतंकियों का सफाया! क्या यह नई रणनीति का हिस्सा है?

    पाकिस्तान और कनाडा में बैठे भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों की रहस्यमयी हत्याएं क्यों हो रही हैं? क्या यह किसी रणनीति का हिस्सा है, या फिर पाकिस्तान खुद अपने जाल में फंस चुका है? बलूचिस्तान में बगावत और जाफर एक्सप्रेस पर हमले ने क्या इशारा दिया? इस खास रिपोर्ट में जानिए पाकिस्तान में बढ़ते असंतोष, आतंक के अंत और भारत पर लगते आरोपों की पूरी कहानी।

  • क्या औरंगजेब सच में था ‘महान’ या सिर्फ़ एक क्रूर तानाशाह? सच जानिए

    क्या औरंगजेब सच में था ‘महान’ या सिर्फ़ एक क्रूर तानाशाह? सच जानिए

    औरंगजेब को महान बताने वालों का असली मकसद क्या है? जानिए कैसे उसने सत्ता के लिए अपने पिता, भाइयों और बेटों तक को नहीं छोड़ा। इतिहास के पन्नों से निकालकर, हम लाए हैं सच्चाई की दास्तान। पढ़िए और समझिए, औरंगजेब की हकीकत और उसके शासनकाल की कड़वी सच्चाई!

  • शोले: एक फिल्म जिसने हिंदी सिनेमा को दो हिस्सों में बांट दिया

    शोले: एक फिल्म जिसने हिंदी सिनेमा को दो हिस्सों में बांट दिया

    1975 में इमरजेंसी के दौरान रिलीज़ हुई शोलेने फिल्मी दुनिया में मीलस्टोन कायम किया। शुरूआती नाकामी के बावजूद, ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर छा गई। शोलेका जादू ऐसा चला कि समीक्षक आज भी सिनेमा को शोले से पहलेऔर शोले के बादके रूप में देखते हैं। जानें, कैसे इस फिल्म के डायलॉग, किरदार और शूटिंग लोकेशन से जुड़ी दिलचस्प कहानियां आज भी लोगों के ज़हन में ताज़ा हैं।

  • इतिहास का सबसे क्रूर शासक! चंगेज खान की बर्बरता के खौफनाक किस्से

    इतिहास का सबसे क्रूर शासक! चंगेज खान की बर्बरता के खौफनाक किस्से

    चंगेज खान – एक ऐसा नाम, जो इतिहास के पन्नों में क्रूरता और रक्तपात के लिए जाना जाता है। एक ऐसा शासक जिसने सत्ता की भूख में लाखों बेगुनाहों का नरसंहार किया, महिलाओं पर अत्याचार किए और कई सभ्यताओं को नष्ट कर दिया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि चंगेज खान का डीएनए आज भी लाखों लोगों में मौजूद है?  जानिए इस बर्बर शासक की पूरी कहानी, जिसने दुनिया की सबसे बड़ी सल्तनत बनाई और मौत का तांडव मचाया!

  • बिहार विधानसभा चुनाव 2025: दिल्ली चुनाव परिणाम का बिहार की राजनीति पर असर

    बिहार विधानसभा चुनाव 2025: दिल्ली चुनाव परिणाम का बिहार की राजनीति पर असर

    2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की बड़ी जीत के बाद, बिहार की राजनीति पर इसके प्रभाव को लेकर चर्चा तेज हो गई है। राजनीतिक विश्लेषक यह अनुमान लगा रहे हैं कि दिल्ली के नतीजों का असर बिहार की राजनीति पर किस हद तक पड़ेगा और यह आगामी चुनावों के लिए क्या नया मोड़ ला सकता है।

    BJP की बिहार के लिए रणनीति: विजय की ओर

    दिल्ली चुनाव में BJP की जीत ने बिहार में पार्टी की रणनीति को और आक्रामक बना दिया है। पार्टी की कोशिश है कि 2025 के चुनाव में वह बिहार के अधिक से अधिक सीटों पर कब्जा कर सके। वर्तमान में BJP बिहार की सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल है, लेकिन पार्टी का लक्ष्य राज्य में अपनी ताकत बढ़ाना है। इसके लिए BJP ने अपनी चुनावी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है।

    अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि बिहार में BJP और उसके गठबंधन साथी JD(U) के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर क्या सहमति बन पाएगी। JD(U) के नेता लगातार यह दावा करते रहे हैं कि वे बिहार में बड़े भाई हैं, और आगामी चुनाव में भी अधिक सीटों पर दावा करेंगे। वहीं BJP इस पर सहमति बनाने के लिए तैयार नहीं है।

    JD(U) और BJP के बीच सीट बंटवारे की चुनौती

    बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन NDA के भीतर JD(U) और BJP के बीच सीटों को लेकर असहमतियां बढ़ती जा रही हैं। JD(U) का कहना है कि बिहार में उनका प्रभुत्व है, इसलिए वे अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा कर सकते हैं। BJP को इससे आपत्ति है। हालांकि दोनों दलों ने एकता का दावा किया है, सीट बंटवारे को लेकर टकराव बढ़ने की संभावना है।

    राजनीतिक सूत्रों के अनुसार, JD(U) ने BJP से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बनाई है। अब यह देखना होगा कि क्या BJP इसके लिए तैयार हो पाएगी या नहीं।

    महागठबंधन का मार्ग: आरजेडी का दबदबा और कांग्रेस की स्थिति

    महागठबंधन, जिसमें प्रमुख रूप से आरजेडी और कांग्रेस शामिल हैं, भी अपने भीतर की असहमति और रणनीतिक मुद्दों से जूझ रहा है। बिहार में आरजेडी का सबसे मजबूत पकड़ है, लेकिन इसके बावजूद आगामी चुनाव में महागठबंधन के पास क्या विकल्प होंगे, यह अभी स्पष्ट नहीं है।

    कांग्रेस के लिए 2025 का चुनाव बेहद महत्वपूर्ण होगा, खासकर दिल्ली चुनाव में उसके खराब प्रदर्शन के बाद। इसके चलते यह संभावना जताई जा रही है कि कांग्रेस को बिहार में कम सीटें मिल सकती हैं। हालांकि, कांग्रेस अपने हिस्से की सीटों को लेकर समझौता करने के लिए तैयार नहीं होगी। पिछले चुनावों में कांग्रेस ने महागठबंधन में रहते हुए 70 सीटें लड़ी थीं, लेकिन इनमें से केवल 19 सीटों पर ही उसकी जीत हुई थी।

    प्रशांत किशोर का जन सुराज पार्टी: एक नई उम्मीद

    2025 के बिहार विधानसभा चुनावों में एक नई चुनौती जन सुराज पार्टी के रूप में सामने आ सकती है। यह पार्टी प्रशांत किशोर द्वारा स्थापित की गई है, जो राजनीतिक रणनीतिकार के रूप में प्रसिद्ध हैं। किशोर ने पिछले कुछ वर्षों में बिहार की राजनीति में अपनी पहचान बनाई है, और अब उनकी पार्टी अपनी रणनीति के साथ बिहार में एक नया विकल्प देने का प्रयास कर रही है।

    हालांकि, जन सुराज पार्टी की ओर से फिलहाल कोई बड़ा चुनावी प्रभाव नहीं देखा गया है, लेकिन किशोर का ध्यान विशेष रूप से बिहार के युवा वोटरों पर है। बिहार में युवा वर्ग में बढ़ती असंतोष और निराशा को देखते हुए जन सुराज पार्टी इस क्षेत्र में अपनी जमीन बनाने की कोशिश कर सकती है।

    कांग्रेस का महागठबंधन में स्थान

    कांग्रेस पार्टी के लिए बिहार में अपनी राजनीतिक स्थिति बनाए रखना एक बड़ी चुनौती होगी। पिछले कुछ चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन कमजोर रहा है, और दिल्ली चुनाव में उसकी हार के बाद बिहार में उसके प्रभाव में और कमी आ सकती है। फिर भी कांग्रेस महागठबंधन में एक मजबूत भूमिका निभाने की कोशिश करेगी, और सीटों के बंटवारे को लेकर अपनी बात रखेगी।

    राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस बिहार में 70 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा करेगी, हालांकि महागठबंधन में इस पर सहमति बनाना मुश्किल हो सकता है। बिहार में कांग्रेस की स्थिति अभी भी कमजोर मानी जा रही है, लेकिन राष्ट्रीय पार्टी होने के कारण वह चुनावी बातचीत में अपना वजन डालेगी।

    क्या बिहार में समय से पहले चुनाव हो सकते हैं?

    इस समय बिहार में विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2025 में होने हैं, लेकिन राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि बिहार में चुनाव समय से पहले हो सकते हैं। कई सूत्रों के मुताबिक, चुनाव जून-जुलाई तक हो सकते हैं। इसका कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यात्रा और उनके द्वारा की जा रही ताबड़-तोड़ घोषणाएं हैं, जिनसे संकेत मिलता है कि बिहार में जल्द चुनाव हो सकते हैं।

    मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सेहत को लेकर भी कई चर्चाएं हो रही हैं, जिनका असर चुनावों पर पड़ सकता है। हालांकि, इस समय तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन राज्य की राजनीतिक स्थिति को देखते हुए समय से पहले चुनाव की संभावना को नकारा नहीं जा सकता।

    बिहार की चुनावी तस्वीर: महत्वपूर्ण पहलू

    बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए चुनावी तस्वीर कुछ जटिल होती जा रही है। बीजेपी, महागठबंधन और अन्य छोटे दलों के बीच सीटों को लेकर खींचतान बढ़ने के कारण चुनावी रणनीतियां तेज हो गई हैं। इसके अलावा, प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी एक नई चुनौती के रूप में सामने आ सकती है।

    बिहार की राजनीति का भविष्य क्या होगा?

    बिहार की राजनीति के भविष्य को लेकर कई अनिश्चितताएं हैं। अगले कुछ महीने महत्वपूर्ण होंगे क्योंकि राजनीतिक दल अपनी रणनीतियों और गठबंधनों पर काम करेंगे। बीजेपी की राष्ट्रीय जीत और JD(U) का राज्य में दबदबा, महागठबंधन की परफॉर्मेंस को प्रभावित कर सकते हैं।

    महागठबंधन में RJD का नेतृत्व और कांग्रेस की घटती भूमिका को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। इन तमाम बदलावों के बीच, बिहार के मतदाताओं के लिए यह चुनाव एक बड़ा निर्णय होगा।

    2025 का बिहार विधानसभा चुनाव राज्य की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। बीजेपी, महागठबंधन और अन्य नए दलों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है। राजनीतिक दलों के बीच गठबंधन की रणनीतियां और सीटों के बंटवारे को लेकर चल रही चर्चा, चुनाव के परिणामों को प्रभावित करेगी। बिहार की राजनीति में यह चुनाव निश्चित रूप से अहम बदलाव ला सकता है।

  • Patal Lok : पौराणिक कथा से लेकर मध्य अमेरिका के जंगलों तक की क्या है हकीकत

    Patal Lok : पौराणिक कथा से लेकर मध्य अमेरिका के जंगलों तक की क्या है हकीकत

    क्या रामायण में वर्णित पाताल लोक का अस्तित्व वास्तविक है? हनुमान जी के पुत्र मकरध्वज और मध्य अमेरिका के होंडुरास में खोजे गए प्राचीन शहर सियूदाद ब्लांका के बीच क्या संबंध है? क्या यह वही पाताल लोक है, जिसे पौराणिक ग्रंथों में 70 योजन गहराई पर बताया गया है? जानिए पौराणिक कथाओं और आधुनिक विज्ञान की रोमांचक पड़ताल।

  • हिमालय में गुम न्यूक्लियर डिवाइस ! क्या उत्तर भारत पर मंडरा रहा है रेडिएशन का खतरा

    हिमालय में गुम न्यूक्लियर डिवाइस ! क्या उत्तर भारत पर मंडरा रहा है रेडिएशन का खतरा

    क्या आपको पता है कि हिमालय की वादियों में एक खतरनाक न्यूक्लियर डिवाइस गुम हो चुका है? 1965 में अमेरिका और भारत के एक गुप्त मिशन के दौरान यह डिवाइस नंदा देवी पर्वत पर लगाया गया था, लेकिन फिर यह अचानक गायब हो गया। अगर यह रेडिएशन लीक करता है, तो पूरे उत्तर भारत पर बड़ा खतरा मंडरा सकता है! जानिए इस सीक्रेट मिशन की पूरी कहानी और इससे जुड़े चौंकाने वाले खुलासे।

  • संभाला: एक अदृश्य दिव्यलोक वैज्ञानिको के लिए क्यों बना कौतुहल

    संभाला: एक अदृश्य दिव्यलोक वैज्ञानिको के लिए क्यों बना कौतुहल

    क्या है वह रहस्यमयी दुनिया जिसे संभाला कहा जाता है? एक ऐसी दुनिया, जहाँ मौत भी मात खा जाती है और विज्ञान भी लाचार हो जाता है। क्या यह दुनिया मल्टी-डायमेंशन पर स्थित है? क्या यहाँ के निवासी टाइम ट्रैवल कर सकते हैं? क्या यह एलियंस से जुड़े रहस्य हैं? जानिए इस रिपोर्ट में उस अदृश्य दुनिया की खोज के बारे में, जिसमें हिटलर से लेकर सोवियत संघ और चीन तक ने कई अभियान चलाए। क्या यह दुनिया सचमुच अस्तित्व में है? इस रिपोर्ट में हम आपको दिखाएंगे कैलाश पर्वत से लेकर हिमालय की गहरी कन्दराओं तक के रहस्यों को। जानिए क्या है संभाला का सच और क्या यह एक मल्टी-डायमेंशनल गेटवे है।

  • महाकुंभ 2025: आस्था, विज्ञान और इतिहास का अलौकिक संगम

    महाकुंभ 2025: आस्था, विज्ञान और इतिहास का अलौकिक संगम

    क्या आप जानते हैं? महाकुंभ केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह खगोलीय और सांस्कृतिक चमत्कार है। 144 साल बाद अद्वितीय ग्रह-नक्षत्रों के संयोग ने इसे और खास बना दिया है। प्रयागराज के त्रिवेणी संगम का पौराणिक, वैज्ञानिक और ऐतिहासिक महत्व जानिए इस विस्तृत रिपोर्ट में। सरस्वती नदी का रहस्य, अमृत की कहानी, और महाकुंभ का स्वर्णिम इतिहास—सब कुछ यहां है। जानिए क्यों यह आयोजन आस्था और आधुनिकता का संगम कहलाता है।

  • तालिबान का कहर शुरू: टूट सकता है पाकिस्तान

    तालिबान का कहर शुरू: टूट सकता है पाकिस्तान

    क्या पाकिस्तान अपने ही पालित तालिबान के निशाने पर है? डूरंड लाइन पर बढ़ते तनाव और अफगानिस्तान के तालिबानी लड़ाकों के हमले क्या संकेत दे रहे हैं? खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में बढ़ती अशांति ने पाकिस्तान को घेरा। जानिए, क्या पाकिस्तान एक और विभाजन के कगार पर खड़ा है। इस रोचक विश्लेषण में, तालिबान और पाकिस्तान के बदलते रिश्तों और टीटीपी की भूमिका का खुलासा। पूरा वीडियो देखें!

  • Dr. Manmohan Singh: खामोशी में छिपी क्रांति की अनकही दास्तान

    Dr. Manmohan Singh: खामोशी में छिपी क्रांति की अनकही दास्तान

    एक ऐसा व्यक्तित्व जो सादगी और निष्ठा का प्रतीक था। Dr. Manmohan Singh का जीवन अभावों से शुरू हुआ, लेकिन उन्होंने भारत को आर्थिक संकट से बाहर निकाला। उनके जीवन की अनसुनी कहानियां, दोस्त मोहम्मद अली से उनकी गहरी दोस्ती, चुनाव में हार के बाद पार्टी को बची राशि लौटाने का ईमानदार कदम और उनकी शिक्षा के दौरान की रोमांचक बातें—यह सब उनकी महानता को परिभाषित करता है। उनकी खामोशी ने कई बार शोर मचाया, और आज उनकी यादें हमें उनकी विरासत को समझने के लिए प्रेरित करती हैं।

  • साल 2024: यादें, हलचल और नए साल की ओर बढ़ते कदम

    साल 2024: यादें, हलचल और नए साल की ओर बढ़ते कदम

    साल 2024: राजनीतिक घटनाओं से लेकर सामाजिक हलचल तक, एक ऐसा साल जिसने दुनिया को कई मोड़ों पर सोचने को मजबूर किया। भारत के लोकसभा चुनाव से लेकर वैश्विक तख्तापलट तक, और धार्मिक-राजनीतिक चर्चाओं से लेकर नए साल की उम्मीदों तक, 2024 का हर पल एक नई कहानी कहता है। आइए, बीते साल की यादों को साथ लेकर 2025 का स्वागत करें।

  • गिद्धों के विलुप्त होने की चौंकाने वाली हकीकत – क्या मानव जीवन खतरे में है?

    गिद्धों के विलुप्त होने की चौंकाने वाली हकीकत – क्या मानव जीवन खतरे में है?

    या आप जानते हैं कि गिद्ध क्यों विलुप्त हो गए? और इसका मानव जीवन पर क्या घातक प्रभाव पड़ा है? डाइक्लोफिनाक दवा के उपयोग से गिद्धों की किडनी फेल होने लगी, जिससे उनकी प्रजाति लगभग खत्म हो गई। इसके नतीजे में पर्यावरण में घातक बैक्टीरिया की बाढ़ आ गई और मानव मृत्यु दर में 4% की बढ़ोतरी हुई। यह रिपोर्ट आपको चौंका देगी। जानिए कैसे गिद्धों का संरक्षण जरूरी है और क्या वे वापस लौट सकते हैं। पूरी जानकारी के लिए वीडियो देखें, लाइक और शेयर करें।

  • 1947 का बंटवारा: घोड़ागाड़ी से ट्रॉम्बोन तक की कड़वी हकीकत

    1947 का बंटवारा: घोड़ागाड़ी से ट्रॉम्बोन तक की कड़वी हकीकत

    भारत और पाकिस्तान के 1947 के बंटवारे में केवल जमीन ही नहीं, बल्कि घोड़ागाड़ी, बैंड-बाजा, लाइट बल्ब और कर्मचारियों का भी बंटवारा हुआ। जानिए, कैसे सिक्के उछालकर फैसले लिए गए और ट्रॉम्बोन जैसे वाद्ययंत्र तक को आधा-आधा बांटा गया। यह कहानी विभाजन के दर्द और हास्यास्पद पहलुओं को सामने लाती है।

  • पर्ल हार्बर से मिडिल ईस्ट तक: इतिहास की पुनरावृत्ति या महाविनाश का संकेत?

    पर्ल हार्बर से मिडिल ईस्ट तक: इतिहास की पुनरावृत्ति या महाविनाश का संकेत?

    7 दिसंबर 1941 का पर्ल हार्बर हमला केवल इतिहास का एक हिस्सा नहीं है, यह सबक है कि दुस्साहस और युद्ध किस प्रकार विनाश को आमंत्रित करते हैं। क्या आज मिडिल ईस्ट में इतिहास खुद को दोहरा रहा है? इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष में ईरान की सक्रियता और अमेरिका की रणनीति से क्या एक और “पर्ल हार्बर” का खतरा मंडरा रहा है?इस वीडियो में जानिए: • पर्ल हार्बर का विस्तृत इतिहास। • जापान-अमेरिका की टकराव की पृष्ठभूमि। • कैसे पर्ल हार्बर बना द्वितीय विश्व युद्ध का टर्निंग पॉइंट। • और आज मिडिल ईस्ट में बदलते समीकरण।देखें, सोचें, और समझें कि दुनिया को तीसरे महायुद्ध से बचाने के लिए क्या किया जा सकता है।

  • लद्दाख की अनकही दास्तां: हिमालय की गोद में छिपे राज़ और संघर्ष  की रोचक दास्तान

    लद्दाख की अनकही दास्तां: हिमालय की गोद में छिपे राज़ और संघर्ष की रोचक दास्तान

    सफेद बर्फ की चादर ओढ़े लद्दाख न केवल अपनी नैसर्गिक सुंदरता बल्कि इतिहास और संस्कृति के अद्वितीय मिश्रण के लिए प्रसिद्ध है। आर्टिकल 370 के हटने के बाद से यहाँ क्या बदला? तिब्बती संस्कृति के प्रभाव से लेकर, लद्दाख की अनोखी पहचान तक, और केंद्र शासित प्रदेश बनने की यात्रा पर आधारित यह रिपोर्ट बताएगी आपको लद्दाख के संघर्ष और साहस की कहानी। जानिए लद्दाख की ऐतिहासिक गहराइयों में छिपे रहस्यों को।

  • भारत बनाम चीन: लोकतंत्र और साम्यवाद के बीच आर्थिक विकास की अनकही कहानी

    भारत बनाम चीन: लोकतंत्र और साम्यवाद के बीच आर्थिक विकास की अनकही कहानी

    आजादी के बाद भारत ने लोकतंत्र को अपनाया और चीन ने साम्यवाद का पथ चुना। लेकिन 80 के दशक तक दोनों देशों का आर्थिक विकास एक समान स्तर पर था। फिर ऐसा क्या हुआ कि चीन आर्थिक महाशक्ति बन गया और भारत पिछड़ गया? इस वीडियो में जानिए वो अनसुनी बातें और रहस्यमय फैसले जिन्होंने भारत और चीन के भविष्य को अलग-अलग राहों पर मोड़ दिया। क्या भारत अपनी खोई हुई रफ्तार वापस पा सकता है? देखिए, समझिए और जानिए इन अनकहे पहलुओं को।

  • मौर्य वंश के पतन की असली वजह और बृहद्रथ के अंत की मार्मिक दास्तान…

    मौर्य वंश के पतन की असली वजह और बृहद्रथ के अंत की मार्मिक दास्तान…

    मौर्य साम्राज्य के पतन की कहानी, सम्राट अशोक के धम्म नीति से शुरू होकर सम्राट बृहदरथ की हत्या तक पहुंचती है। इस एपिसोड में, हम चर्चा करेंगे कि कैसे मगध साम्राज्य आर्थिक संकट और कमजोर नेतृत्व के कारण गिरता गया। बृहदरथ की हत्या के बाद पुष्पमित्र शुंग का उदय हुआ और मौर्य वंश का अंत हो गया। जानिए, मौर्यवंश के पतन के मुख्य कारण क्या थे, और कैसे एक शक्तिशाली साम्राज्य ढह गया। पूरा वीडियो देखें और मौर्य साम्राज्य की इस गाथा को समझें।