भवन के बावजूद पेड़ के नीचे पढने को मजबूर स्कूली बच्चे/ राजकीय प्राथमिक विधालय बहवल बाजार का किसी भी समय गिर सकता है छत
संतोष कुमार गुप्ता
मीनापुर। गरमी का मौसम आ चुका है। इस मौसम मे बच्चो को विशेष सावधानी की ताकिद दी जाती है। वावजूद मानिकपुर पंचायत के राजकीय प्राथमिक विधालय बहवल बाजार के बच्चे स्कूल भवन होते हुए भी पेड़ के नीचे पढने को मजबूर है।
क्योकि स्कूल भवन पुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है। स्कूल का छत कभी भी गिर सकता है। डीइओ के आदेश के बाद स्कूल भवन मे पठन पाठन पर रोक लगा दी गयी है। किंतु शिक्षक वहां बैठकर काम जरूर निबटाते है। स्कूल भवन क्षतिग्रस्त होने से बच्चे को खुले आसमान के नीचे पढना पड़ता है। बच्चो का सिर किताबो पर झुका रहता है,किंतु निगाहे आसमान पर रहता है। पता नही कब बारिश आ जाये। चिल्लचिलाती धूप हो या कड़ाके की ठंड बच्चो को पेड़ के नीचे पढने को विवश होना पड़ता है। विधालय के प्रभारी एचएम अशरफी प्रसाद बताते है की पांच साल से विधालय का भवन क्षतिग्रस्त है। कई बार विभाग को लिख चुके है। विभाग ने क्षतिग्रस्त भवन मे वर्ग संचालन पर रोक लगा दी है। उस समय से दूसरे के जमीन मे आम व लीची के पेड़ के नीचे बच्चो का पठन पाठन हो रहा है। मौसम खराब हो जाने पर बच्चो को छुट्टी दे दी जाती है। विधालय मे नामांकित 298 बच्चो को दस शिक्षक पढाते है। स्थानिय पंसस सुबोध कुमार बताते है कि मौसम की मेहरबानी पर यहां के बच्चो की पढाई होती है। शिक्षा विभाग के लापरवाही से बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। अगर शीघ्र विधालय भवन की मरम्मती नही हुई तो उन्हे आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
देश की सीमा से लेकर विदेशो मे भी है गांव की धमक/ बीडीओ-सीओ से लेकर दर्जनो है बैंक अधिकारी/ कर्नल से लेकर चार्टेड अकाउंटेड की कोई कमी नही/ गांधी को महात्मा बनाने वाले राजकुमार शुक्ल का ससुराल इसी गांव मे
मीनापुर। मुजफ्फरपुर जिले के मीनापुर प्रखण्ड मुख्यालय से 12 किलोमीटर सुदूर ग्रामीण इलाका है भटौलिया गांव। किंतु यह गांव देश दुनिया के लिए बानगी है। पहले तो यह गांव की माली हालत ठीक नही थी।
लेकिन अब भटौलिया गांव की पहचान दूसरी है। यह गांव देश की सीमा से लेकर विदेशो मे भी अपनी पहचान बनायी है। शिक्षा का क्षेत्र हो या पुलिस की पहरेदारी का इस गांव का अपना महत्व है। गांव के करीब तीन सौ जवान सेना मे है। सौ से अधिक लोग कर्नल से लेकर सिपाही पद को सुशोभित कर रहे है। जयदीप राणा सउदी अरब मे चार्टेड एकांउटेँट है। इनकी पत्नि सोनिया राणा बहरीन मे उच्चाधिकारी है। सुबोध कुमार राणा दक्षिण अफ्रिका के कांगो मे संयुक्त राष्ट्र संघ का शांतिदूत है। गांव के कई लोग रेजिमेँट का कमांडेट है। राणा गणेश प्रसाद ज्वाइंट कमिश्नर है। रामप्रसाद राणा कस्टम एसपी का पद सुशोभित कर रहे है। सच्चिदानंद राणा कॉलेज मे प्रिसिंपल है। इस साल भी कई लोग बैंक अधिकारी के पद पर गये है। यह चंद बानगी है भटौलिया गांव की। कई लोग गांव मे नवरात्रा देखने विदेश से यहा पहुंच रहे है। भटौलिया गांव के रोम रोम मे देवी श्लोक गूंज रहे है.लोगो का कहना है की मनोकमनापूर्ण देवी मां दुर्गा का यह प्रताप है। गांव की शान है ये लोग
भटौलिया गांव मे सरकारी अफसरो की कमी नही है। जिस क्षेत्र मे जायें,वहां पर इनकी धमक है। आकंड़ो मे इस गांव की अलग पहचान है।
डॉक्टर(एमबीबीएस)-04, इंजिनियर-27. बैंक मैनेजर-01. ज्वाइन कमिश्नर-01. कस्टम एसपी-1. प्रोफेसर-5, प्रिसिंपल-01, टीचर-08, चार्टेड अकाउंटेड–8, आर्मी-300, पुलिस-150, आरपीएफ-15, सीओ-1, बीडीओ-1, दरोगा-5 नीलहा आंदोलन का नींव भटौलिया मे
गांधी को महात्मा बनाने वाले राजकुमार शुक्ल की शादी भटौलिया गांव मे ही हुई थी। उनकी पत्नी केवला देवी ने चम्पारण सत्याग्रह से लेकर निलहा आंदोलन को आगे बढाने मे काफी सहयोग किया था। केवला का नाम अब भी गांव मे केवली फुआ के नाम से प्रसिद्ध है। राजकुमार शुक्ल ने इसी गांव मे निलहा आंदोलन का पृष्ठभूमि तैयार किया था। दरअसल केवला के भाई रामपत राणा की जमींदारी राजकुमार शुक्ल के गांव सतवरिया मे चलती थी। राजकुमार शुक्ल व उनकी पत्नी केवला कई बार महात्मा गांधी व डॉ राजेंद्र प्रसाद के साथ मिटिंग कर चम्पारण सत्याग्रह आंदोलन को आगे बढाया। जब राजकुमार शुक्ल पर वारंट हुआ तो वह इसी गांव मे भूमिगत हुए थे। राजकुमार शुक्ल की पुत्री की शादी भटौलिया मे ही हुई थी.
आजादी की लडाई मे गांव का अविस्मरणिय योगदान
आजादी की लडाई मे भटौलिया गांव का अविस्मरणिय योगदान है. गांव के रामाज्ञा जसौदी का नाम आज भी शान से लिया जाता है। वह सुभाष चंद्र बोस के आजाद हिंद फौज के सदस्य थे। 1962 मे भारत चीन के युद्ध मे अनिरूद्ध राणा मारे गये थे। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन मे बिजली राणा ने भाग लिया था।
दुसरा कामरुप कामख्या है भटौलिया का मां दुर्गा
उम्र के अंतिम पड़ाव मे चल रहे मुख्य यजमान रामसरेख राणा बताते है की भटौलिया मे 17 वर्षो से धुमधाम से पूजा होती है। उनके पूर्वज राजस्थान के मेवाड़ जिले के गढ़ गंगवार गांव से आकर बसे है। यहां सभी भाव राणा के वशंज है। गांव के लोगो की कुल देवता ट्रीपल सुंदरी है। भाव राणा ने ही भटौलिया गांव मे कामरुप कामख्या से ज्योतिर्लिँग लाकर स्थापना की थी। आज भी नवरात्रा समाप्ति के बाद भी सवा महिने तक देवी का पाठ किया जाता है। देश मे कामरुप कामख्या के बाद भटौलिया मे ही सवा महिने तक पाठ होता है। पूजा समिति के अध्यक्ष प्रभुनाथ राणा,धनरंजन राणा प्रेमसागर राणा,विशुनदेव राणा,अशोक राणा,सुनिल राणा,उमाशंकर राणा,विधा राणा,चंद्र कुमार राणा बताते है की भटौलिया की जमीन कभी परसौनी स्टेट की संपति थी। किँतु कालांतर मे स्टेट ने ताम्रपत्र पर सात सौ एकड़ जमीन दान मे दे दिया गया।
मुरादे पुरी करती है भटौलिया की कामरूप कामख्या
वासंतिक नवरात्रा मे देवी श्लोक से भटौलिया का कोना कोना गूंज उठा है। इस बार भटौलिया गांव मे देवलोक व दानवलोक का युद्ध आकर्षण का केंद्र होगा। ज्वालामुखी के लावा से निकल रहा दानव व कैलाश पर्वत से शिव के सिर से निकल रहा गंगा और महिषासुर का संहार कर रही मां दुर्गा का विहंगम दृश्य कौतूहल का केंद्र है। कोलकत्ता आसनसोल के मूर्तिकार राखोहरी सुत्रधर बेजोड़ कलाकृति को अंतिम रूप दे रहे है। मनोकामना पूर्ण होने पर मंदिर परिसर मे अष्टयाम कराने वालो की कतारे लगी है। रामधुन से इलाका का कोना कोना गूंज उठा है। आचार्य अरूण मिश्र के वैदिक मंत्रोच्चारण से क्षेत्र का कोना कोना गूंज उठा है।
दानवीरो की है लंबी कतारे
मनोकामना पूर्ण होने पर बंगलोर से एक युवती पहुंच रही है। वह माता का भव्य श्रंगार करायेगी। छपड़ा के श्री शर्मा कैंसर से पीड़ित थे.जब वह ठीक हो गये है तो महाश्रंगार करायेंगे। विधा महाराज की ओर से अष्टयाम किया जा रहा है। गांव के लड़का आर्थिक विपन्नता से गुजर रहा था.जब आर्थिक स्थिति मे सुधार हुआ तो 21 हजार रूपया गहबर मे चंदा दिया है। शहर के मणिभूषण शर्मा को एयरफोर्स मे नौकरी मिली तो 21 हजार नगद चढाया है। धर्मपुर गांव के देवेंद्र साह ने पिछले साल सरकारी नौकरी के लिए मन्नते मांगी थी। उनका नौकरी रेलवे मे लग गया तो उन्होने मंदिर मे तेरह हजार रूपया का आर्थिक सहायता की है। कई ऐसे लोगो ने भी मंदिर मे सहयोग किया है जिनका सूना गोद भर गया है। जिनकी आंख की रौशनी लौट गयी है। कई अस्पतालो से लौटने के बाद उनका पुत्र स्वस्थ्य हो गया है। ऐसे लोगो की संख्या सैकड़ो मे है । पुरा गांव सात्विक आहार लेकर भक्ति भावना की मिसाल पेश की है।
15 रूपये की सहयोग राशि पर पांच लोग जायेंगे वैष्णो देवी
भटौलिया गांव मे इस बार 15 रूपये की सहयोग राशि जमा करने वाले भाग्यशाली साबित हो सकते है। श्रद्धालु 15 रूपये की सहयोग राशि जमाकर अपना नाम दर्ज करा सकते है। अंतिम दिन पांच भाग्यशाली विजेताओ का नाम लॉटरी से निकाला जायेगा। सभी पांच लोगो को पूजा समिति अपने खर्च से वैष्णो देवी दर्शन के लिए परिभ्रमण पर भेजेगी
साथ ही मेले मे नवमी के रोज आयोजित चिकित्सा शिविर मे नामचीन डॉक्टर शिरकत करेंगे।
बंदूक की राजनीति करने वाला पड़ा अलग-थलग, युवाओं को पढ़ाया शांति का पाठ
मीनापुर। पूरी दुनिया में भारत की विशिष्ट पहचान है। विकास का दंभ भरने वाले अमेरिका में महज 13 वर्ष की उम्र में ही बच्चों को परिवार से अलग कर दिया जाता है। लेकिन, भारत में मातृ-पितृ देवो भव की संस्कृति रही है। यहां विवाह महज एक रिश्ता नहीं, बल्कि संस्था भी है।
ये बातें राष्ट्रीय युवा योजना के राष्ट्रीय निदेशक डॉ. एसएन सुब्बाराव ने गुरुवार को कहीं। वह मीनापुर के यदु भगत किसान महाविद्यालय में युवा एकता एवं सद्भावना शिविर को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने करना है हमें नव भारत का निर्माण का नारा बुलंद कर युवाओं को प्रेरित करना चाहिए। कहा कि लोगों को अपास में बैठकर समस्याओं का समाधान करने की प्रवृत्ति विकसित करनी चाहिए। कहा कि हर नागरिक को कम से कम एक घंटा देश हित में काम करना चाहिए। विवेकानन्द को देश का सबसे बड़ा आदर्श पुरुष बतातें हुए सभी को उनसे प्रेरणा लेने की अपील की। उन्होंने युवाओं को शांति का पाठ पढ़ाया। पाकिस्तान का उदाहरण देते हुए बताया कि बंदूक की राजनीति करने वाला आज अलग-थलग पड़ने लगा है।
मुखिया संघ की अध्यक्ष नीलम कुमारी की अध्यक्षता में सभा का संचालन वरीय शिक्षक डॉ. श्यामबाबू प्रसाद ने किया। मौके पर पूर्व विधायक जनकधारी प्रसाद कुशवाहा, पूर्व प्राचार्य जयनारायण प्रसाद, प्रमुख राधिका देवी, धर्मेन्द्र भाई, शितल जैन, नरेन्द्र भाई, प्रज्ञा कुमारी, मालती सिंह, सोनू सरकार, डॉ. रामेश्वर प्रसाद, अशोक भारत, तेजनारायण प्रसाद, सदयकांत आलोक, सदरुल खान, रमेश गुप्ता, इश्वर गुप्ता, विश्वनाथ प्रसाद, संतोष गुप्ता आदि थे। मौके पर सुब्बाराव रचित ‘भारत की संतान’ नामक नुक्कड़ नाटक का मंचन हुआ। नेशनल यूथ प्रोग्राम के तहत पेश इस नाटक में देश के अलग-अलग राज्यों की झांकी दिखाई गई। महिलाओं को मिले आरक्षण का लाभ : वर्षा
प्रशिक्षु आईएएस सह प्रभारी बीडीओ वर्षा ने कहा कि आज हम अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रहे हैं। महिला सशक्तीकरण की बात कर रहे हैं। लेकिन, आज के दौर में महिलाओं को मिलने वाला आरक्षण का लाभ उनके पति उठा ले रहे हैं। जब तक महिलाएं खुद को कमजोर समझती रहेंगी, तबतक समाज का विकास संभव नहीं है। युवा पीढ़ी से मेल-जोल बढ़ाने की अपील
पूर्व दस्यु सरगना वीर बहादुर सिंह कुशवाहा ने इस दौरान आपबीती सुनाई। कहा कि उनकी 100 बीघा जमीन पर उनके चाचा ने कब्जा कर लिया। उनकी छोटी बहन को बदमाशों ने घर से उठाकर बेच दिया। इन घटनाओं से मर्माहत होकर उन्होंने चंबल की राह पकड़ी। उनपर मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 15 सौ केस दर्ज हुए। बंगलादेश की आजादी पर बनी डॉक्यूमेंट्री ने उनके जीवन पर अमीट छाप छोड़ी। इसके बाद उन्होंने सरदार माधव सिंह के नेतृत्व में चंबल के 654 डाकुओं के साथ आत्म समर्पण करने का निर्णय लिया व मुरैना में चल रहे सुब्बाराव के आश्रम से संपर्क किया। सुब्बाराव ने उनकी इसमें काफी मदद की। उन्होंने युवा पीढ़ी से बंदूक की राजनीति से दूर रहने व मेल-जोल बढ़ाने की अपील की है। पुष्प वर्षा कर किया गया स्वागत
मीनापुर पहुंचने पर स्कूली छात्र-छात्राओं ने पुष्प वर्षा कर सुब्बाराव का स्वागत किया। मौके पर छात्र नारा लगा रहे थे कि जोड़ो-जोड़ो भारत जोड़ो, हम सुधरेंगे जग सुधरेगा। कस्तुरबा की छात्राओं के स्वागत गान पेश करने के बाद सुब्बाराव ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके बाद सभी ने विवेकानन्द के चित्र पर पुष्प अर्पित किए।
ब्रिटेन। कहतें हैं कि शादी इंसान की जिंदगी का सबसे अहम हिस्सा होती है और इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण दिन होता है हनीमून या सुहागरात का। क्योंकि यह जीवन का सबसे ज्यादा खुशनुमा और यादगार पल होता है। लेकिन ब्रिटेन के एक नवविवाहित जोड़े के साथ जो घटना हुई वह किसी ट्रेजिडी से कम नहीं है।
नया जोड़ा हनीमून मनाने के लिए एक होटल के 18वें मंजिल पर ठहरा हुआ था। लेकिन, सुहागरात से कुछ देर पहले ही दुल्हन 17वीं और 18वीं मंजिल के बीच लिफ्ट में फंस गई। इस दौरान वह एक घंटे के लिए फंसी रही और इसी बीच दुल्हा हनीमून का मूड बनाये अपने दुल्हन का इंतजार करता रहा। जब दूल्हे को एहसास हुआ कि उसकी दुल्हन लिफ्ट में फंस गई है तो दुल्हा जोर-जोर से रोने लगा और अपनी दुल्हन को बचाने की लोगो से गुहार करने लगा। इसके बाद होटल का सिक्यूरिटी स्टाफ और टेक्निकल टीम ने काफी मशक्कत के बाद दुल्हन को लिफ्ट से बाहर निकला।
अफगानिस्तान की एनआरआइडीपी ने किया घोसौत का दौरा घूम घूम कर देखा महिलाओ की खेती और किसानी जैविक खेती से लेकर हनी रिसोर्स सेंटर से हुआ प्रभावित टीम ने कहा मिशाल है यहां की आधी आबादी जीविका के कार्यो से हुआ गदगद
संतोष कुमार गुप्ता
मीनापुर। नही हुआ है अभी सवेरा पूरब की लाली पहचान, चीड़ियो के जागने से पहले खाट छोड़ देता है किसान। आतंक के सांये से निकलकर जब मीनापुर की धरती पर अफगानी टीम का कदम पड़ा तो यहां की हरित क्रांति को देख विदेशी टीम भौंचक रह गयी। जब टीम सुबह आठ बजे मीनापुर के घोसौत गांव पहुंची तो खेतो में महिलाएं हंसिया खुरपी के साथ उतर चुकी थी। विदेशी मेहमानो का कदम जैसे ही पड़ा तो लोक पारम्पारिक तरीके से इनकी आरती उतारी और फिर तिलक लगाये। रूरल इंटरप्राइज डेवलपमेंट प्रोग्राम अफगानिस्तान व एमआरडीडी की टीम ने जीविका के महिलाओ द्वारा किये जा रहे कार्यो को देखने शनिवार की सुबह घोसौत पहुंची। वहां पर पूजा जीविका मधु उत्पादन समूह व गंगा जीविका कृषि उत्पादन समूह से जुड़े महिला किसानो के कार्यो को देखा। सबसे पहले महिलाओ द्वारा बनाये गये कीचेन गार्डेन को देखा। यहां 20×20 फीट जमीन पर जैविक खेती कर एक खेत मे तेरह प्रकार की फसल उगायी जाती है। टीम ने देखा की एक छोटा सा प्लॉट मे कैसे फूलगोभी, बंधगोभी, धनिया, लहसुन, प्याज, मूली, पालक, गाजर, लाल साग आदि उगाये गये है।
महिला किसान सुनैना देवी, सुनिता देवी, किरण देवी, वीणा देवी, मधु देवी व पम्मी देवी ने बताया कि इसके कई फायदे है। इसमे रासायनिक खाद का बिल्कुल उपयोग नही किया गया है। इसमे वर्मी कम्पोस्ट का इस्तेमाल हुआ है। इसमे प्रचुर मात्रा मे पोषक तत्व है। जिस से गांव के लोग बीमार नही पड़ते है। बाजार मे यहां की सब्जी की ज्यादा मांग है। दुसरी ओर आलू, मटर, मक्का, सरसो व बाजरा की मिक्स क्रॉप खेती ने भी सबको प्रभावित किया। महिलाओ ने बताया कि यहां सालो भर सब्जी की खेती होती है। टीम ने वर्मी कम्पोस्ट शेड पर जाकर देखा की महिलाए कैसे केचुआ व अन्य समाग्री से वर्मी कम्पोस्ट(जैविक खाद) तैयार करती है। इसके अलावा मिट्टी के पोषण के लिए जीवामृत व धन जीवामृत के अलावा महिलाओ द्वारा बनाये गये कीटनाशी निमास्त्र, आग्नेयास्त्र व ब्रम्हास्त्र के बारे मे भी जानकारी हासिल की।
टीम ने हनी रिसोर्स सेंटर पहुंचकर जाना की कैसे महिलाये मधुपालन करती है। यहां की 52 महिलाओ ने दस दस बक्शा के साथ मधुमक्खी का कारोबार शुरू किया था। किंतु, आज बक्शे की संख्या 520 से बढकर 25 सौ हो चुकी है। बीस हजार की पूंजी से कारोबार शुरू करने वाले महिलाओ ने अपना पूंजी चार लाख कर लिया है। जीविका के क्षेत्रिय समन्वयक कौशल किशोर प्रसाद ने टीम को बताया कि यहां की महिलाए लीची की खेती मे भी पारंगत है। यहां की लीची हवाई जहाज से देश के विभिन्न महानगरो मे भेजी जाती है। बाद मे टीम ने खुशी संकुल स्तरीय संघ के साथ बैठक कर महिलओ की खुशहाली को जाना। साथ ही कहां कि घोसौत मॉडल को अफगानिस्तान की जमीन पर भी उतारा जायेगा।
टीम लीडर मसूद समर, हुमांयू, मो सईद, सुभा सारा व जरीना शामिल थी। साथ मे पटना के एसपीएम विश्वविजय, डीपीएम संतोष कुमार सोनू, लाइवलीहुड प्रबंधक किरण कुमारी, जॉब मैनेजर अभिषेक श्रीवास्तव, लेखापाल मुकेश कुमार, ऋषिकांत ओझा, क्षेत्रिय समन्वयक कौशल किशोर प्रसाद, जेबा कैसर, राजभान कुमार, केदार कुमार गुप्ता, धर्मेंद्र कुमार, सीएलएफ अध्यक्ष सुनिता देवी व कोषाध्यक्ष किरण देवी मौजूद थी।
कौशलेन्द्र झा
सुबह- सुबह, टीवी खोलते ही जहर उगलते नेताजी के दर्शन हो गये। थोड़ी देर बाद अखबारो मिला तो यहां भी नेताओं के बीच आरोप प्रत्यारोप का भरमार मिला और जब सोशल मीडिया पर गये तो यहां भी एक दुसरे को नीचा दिखाने की अंध दौड़ की पढ़ने को मिला।
ज्ञान के स्वांग का आलम ये कि इतिहास के हवाले से तोड़ मरोड़ कर कुर्तक देते लोग…। आखिर साबित क्या करना चाहतें हैं? क्या ऐसे लोगो को इतिहास का ज्ञान नही है या जानबूझ कर नफरत फैलाने के लिए तथ्थों से छेड़छाड़ की जा रही है? कही, ऐसा तो नही कि सुनी सुनाई बातें या समाजिक प्रचलन को ही इतिहास समझा जा रहा है?
कारण चाहे जो हो? नतीजा सामने है। खुद को श्रेष्ठ साबित करने की होड़ में समाज का अधिकांश तबका दुसरे को घृणा भरी नजरो से देखने लगा है। राजनीतिक लाभ के लिए बोया बीज, समाज को तनाव रुपी फल देने लगा है। अविश्वास, धोखा और छल जीवन का हिस्सा बनने लगा है। कहतें हैं कि जब- जब रगो में नफरत बसी हो और सोच में उन्माद…। जब, खुद ही न्याय की परिभाषा गढ़ी जाने लगे और समान पीड़ा के लिए सत्ता का दो पैमाना हो जाये, तो टूट का खतरा बढ़ जाता है। हालात यही रहा तो समाजिक नुकसान से हम खुद को दूर नही रख सकतें हैं।
कदाचित, इस घृणा से बचा जा सकता है। इसके लिए नफरत की सुनी सुनाई बातों की जगह तथ्यों की पड़ताल करनी होगी। बड़बोलेपन की प्रवृति को रोकना होगा। रहनुमाओं के बोल बदलने होंगे। सवाल उठना भी लाजमी है कि कौन करेगा इस काम को? वह…, जो समाज में जहर फैला रहें हैं या वह…, जो हर बात के लिए पुलिस और मीडिया को दोषी बता रहा है? साथियों मित्रों, जवाब तो हमें ही तलाशना है। दरअसल, यह सोशल मीडिया का जमाना है। यदि हम ठान लें कि जहर का जवाब भी प्रेम से देना है। तो, यकीन मानिये लोगो का विचार बदलने में देर नही लगेगा।
वाशिंगटन। गांव से लेकर शहर तक और भारत से लेकर अमेरिका तक, पति पत्नी के बीच विवाद का होना एक स्वभाविक प्रक्रिया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इससे अछूते नही रहे। बहरहाल, अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप व्हाइट हाउस लौट आई हैं। वह अपने पति राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से खफा होकर व्हाइट हाउस छोड़कर चली गई थीं। दरअसल, मेलानिया एक पोर्न अभिनेत्री के खुलाशे के बाद से ही अपने पति से नाराज चल रही थी। पोर्न स्टार ने डोनाल्ड ट्रंप से अपने कथित संबंधों का खुलासा करके ट्रंप दंपति के बीच दरार पैदा कर दिया था।
बतातें चलें कि मेलानिया फ्लोरिडा के पाम बीच शहर में करीब 28 घंटे बिताने के बाद व्हाइट हाउस लौट आईं। वहां वह मार-ए-लैगो रिसॉर्ट में रुकी थीं। चर्चा थी कि मेलानिया और ट्रंप के आपसी संबंध ठीक नहीं चल रहे हैं। इसकी वजह पिछले दिनों द वॉल स्ट्रीट जनरल में छपे पोर्न अभिनेत्री स्टेफनी क्लिफर्ड के एक साक्षात्कार को बताया गया। क्लिफर्ड ने ट्रंप के साथ संबंध होने दावा किया था। ट्रंप पर पहले भी इस तरह के आरोप लगते रहे हैं।
कौशलेन्द्र झा मीनापुर। मीनापुर में मानव श्रृंखला की लम्बाई और इसमें शामिल लोगो की संख्या को लेकर चर्चाएं शुरू हो गयी है। आपको बतातें चलें कि बीडीओ संजय कुमार सिन्हा ने सरकार को जो रिपोर्ट भेजी है, उसमें बताया गया है कि मीनापुर में 51. 5 किलोमीटर लम्बी मानव श्रृंखला में करीब 1 लाख 2 हजार 857 लोगो ने हिस्सा लिया।
सरकारी रिपोर्ट पर भड़के विधायक
सरकार को भेजी गयी इस रोपोर्ट से भड़के विधायक मुन्ना यादव ने बताया कि बमुश्किल दस किलोमीटर लम्बी लाइन को 51 किलोमीटर और दस हजार से भी कम लोगो को एक लाख से अधिक बता कर प्रशासन ने सरकार को गुमराह किया है। विधायक ने दावा किया है कि मानव श्रृंखला में आमलोगो के शामिल नही होने की कारणो की गहराई से पड़ताल होनी चाहिए। राजद किसान प्रकोष्ठ के नेता सच्चिदानंद कुशवाहा, छात्र नेता अमरेन्द्र कुमार और मुखिया संघ की अध्यक्ष नीलम कुमारी ने आज के मानव श्रृंखला को पूरी तरीके से विफल बताया है। राजद नेताओं ने वीडियो जारी करते हुए सिवाईपट्टी से खेमाइपट्टी तक इक्के दुक्के स्थानो को छोड़ शिवहर सड़क के खाली रह जाने का दावा किया है। उपप्रमुख रंजन कुमार सिंह की माने तो किरासन तेल और बालू की किल्लत से उपजे आक्रोश का असर मानव श्रृंखला के दौरान देखने को मिला है। सत्ता पक्ष ने बताया सफल
इस बीच सत्ता पक्ष के नेताओं ने मानव श्रृंखला को सफल होने का दावा किया है। पूर्व मंत्री व भाजपा नेता दिनेश प्रसाद, मछुआ आयोग के उपाध्यक्ष कुमार मणिभूषण निषाद, प्रमुख राधिका देवी, उपप्रमुख रंजन सिंह, जदयू के अध्यक्ष पंकज किशोर पप्पू, भाजपा किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष अजय कुमार, रामकुमार साह, पूर्व प्रमुख महावीर राम, मिथलेश यादव, वीणा देवी, मो. सदरूल खान, नीरज कुमार आदि ने मानव श्रृंखला को सफल बताया है।
दस रोज पहले ही करा लिया गया हस्ताक्षर
सूत्रो से खबर मिली है कि मीनापुर में मानव श्रृंखला को सफल बताने वाली रिपोर्ट दस रोज पहले ही बन कर तैयार हो चुकी थी। इसके लिए बीडीओ के निर्देश पर सरकारी कर्मियों ने पिछले दस रोज से गांव गांव घूम कर लोगो से हस्ताक्षर ले रहे थे और इसी हस्ताक्षर को आधार बता कर एक लाख से अधिक लोगो के मानव श्रृंखला में शामिल होने का रिपोर्ट सरकार को भेज दिया गया है।
नई दिल्ली। भारत के उच्चतम न्यायालय ने कहा कि कोई भी वयस्क महिला या पुरुष अपनी इच्छा से किसी भी व्यक्ति से प्रेम विवाह कर सकता है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने प्रेम विवाह करने वाले युवक-युवतियों पर खाप पंचायतों द्वारा किए जाने वाले अत्याचारों पर अंकुश लगा पाने में असफल रहने पर केंद्र सरकार को फटकार भी लगायी है।
शीर्ष अदालत ने अंतर-जातीय विवाह करने वाले प्रेमी-युगलों के खिलाफ खाप पंचायतों या ऐसे किसी संगठनों द्वारा किये गये अत्याचार या दुर्व्यवहार को पूरी तरह गैर-कानूनी बताया। खाप पंचायतों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी देते हुए न्यायालय ने कहा कि यदि केंद्र सरकार खाप पंचायतों को प्रतिबंधित करने की दिशा में कदम नहीं उठाती तो अदालत इसमें दखल देगी।
बिहार। एकल परिवार को लेकर बिहार एक बार फिर से सुर्खियों में है। मामला रोहतास जिले के काराकाट प्रखंड अन्तर्गत सोनवर्षा गांव की है। यहां श्यामदेव सिंह का एक परिवार रहता है। दरअसल, इस परिवार में कुल 96 सदस्य है। श्यामदेव सिंह सोनवर्षा पंचायत के मुखिया भी रह चुकें हैं। वर्तमान में यह परिवार समाज और एकल परिवार की हिमायती नई पीढ़ी के लिए एक सीख है।
परिवार के अधिकतर सदस्य गांव में ही रहते हैं। खेती-बाड़ी परिवार का मुख्य पेशा है। हालांकि, घर के कुछ लोग सरकारी टीचर और अन्य नौकरी में हैं। लेकिन, घर में किसी भी तरह के यदि कार्य होने पर सपरिवार एक साथ बैठकर निर्णय लिया जाता है। लेकिन, अंतिम निर्णय श्यामदेव सिंह का ही होता है। चार भाईयों में श्यामदेव सबसे बड़े हैं। शाम ढलते ही पंचायत के पूर्व मुखिया श्यामदेव सिंह को अपने परिजनों की चिंता सताने लगती है।
परिवार का फलां आदमी कहा है, क्या कर रहा है, कब आएगा? घर के सदस्यों की जानकारी दालान में बैठकर लेने लगते हैं। जब तक परिवार के सभी सदस्य आ नहीं जाते या उनके बारे में सही बात मालूम नहीं कर लेते, तब तक उन्हें सुकून नहीं मिलता। इसके बाद ही वे सोते हैं। पूर्व मुखिया के परिवार का भोजन एक ही चूल्हे पर पकता है। परिवार के अधिकतर सदस्य एक साथ बैठकर खाना खाते हैं। उसी समय सुबह के काम के बारे में भी चर्चा हो जाती है। घर की महिलाओं की जिम्मेवारी होती है, खाना बनाने से लेकर परोसने तक।
मुजफ्फरपुर। बिहार में पिछले दो सप्ताह से जारी ठंड अब कहर बनने लगा है। कड़ाके की ठंड से उत्तर बिहार में पिछले दो दिनों में 21 लोगों की मौत हो गई है। इसमें मुजफ्फरपुर में 10 लोग, सीतामढ़ी व शिवहर में 5 और पूर्वी चंपारण व सीतामढ़ी में 6 लोगों की ठंड से मौत हो गई है।
बतातें चलें कि उत्तर बिहार के लोग दिन में भी आधी रात जैसी ठंड महसूस कर रहे हैं। मौसम के बिगड़े मिजाज से दिन और रात की स्थिति एक समान होने लगी है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान का अंतर उत्तर बिहार में इतना घट गया है कि पूरा उत्तर बिहार कड़ाके की ठंड के चपेट में है। मुजफ्फरपुर सहित उत्तर बिहार के लोग दिन में भी आधी रात जैसी ठंड महसूस कर रहे हैं। तापमान का अंतर 2.8 रह गया है। तापामन के अंतर में आ रही कमी के कारण ठंड में अत्यधिक वृद्धि हो रही है। डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा ने गुरुवार को अधिकतम तामपमान 10.9 डिग्री व न्यूनतम तापमान 8.1 रिकार्ड किया है। मौसम विभाग के नोडल पदाधिकारी ए सत्तार के अनुसार कई सालों के बाद दोनों तापमान के अंतर में इतनी कमी आई है। जिसके कारण ठंड में तेजी से वृद्धि हो गई है।
रेप जेसी घटनाओं को रोकने के लिए एक बच्ची ने जबरदस्त काम किया है। दरअसल, 19 साल की सीनू कुमारी ने एक ऐसा मॉडल तैयार किया है जो रेप और जबरदस्ती जैसी घटनाओं से महिलाओं और बच्चियों को बचाने में मददगार साबित हो सकती है। सात साल की बच्ची से दुष्कर्म और उसके बाद उसकी हत्या के बाद बीएससी स्टूडेंट सीनू को झकझोर कर रख दिया था। जिसके बाद उन्होंने ठान लिया की वह महिलाओं और बच्चियों के लिए कुछ ऐसा करेंगी जिसके बाद भविष्य में रेप और जबरदस्ती की घटनाओ से बचा जा सके। इसी जज्बे के साथ सीनू ने रेप प्रूफ पैंटी तैयार की।
बतातें चलें कि यह कोई आम पैंटी नहीं है। बल्कि इलेक्ट्रॉनिक तकनीक से लैस पैंटी है। इसमें स्मार्टलॉक लगा हुआ है, जो पासवर्ड से खुलता है। लोकेशन की सही जानकारी बताने के लिए इसमें जीपीआरएस सिस्टम है और घटनास्थल की बातचीत रिकॉर्ड करने के लिए रिकॉर्डर भी लगा हुआ है।
केंद्रीय बाल एवं महिला विकास मंत्री मेनका गांधी तक बात पहुंची, तो उन्होंने सीनू के इस मॉडल को सराहा और उन्हें भविष्य में ऐसे अविष्कारों के लिए शुभकामनाएं दीं है। सीनू बीएससी थर्ड ईयर की स्टूडेंट हैं और इस तरह के कई मॉडल बनाती रहती हैं। कहतें हैं कि इस पैंटी में एक बटन लगा हुआ है, जिसे दबाने पर 100 या 1090 नंबर पर ऑटोमैटिकली कॉल चला जाएगा और जीपीआरएस सिस्टम की मदद से पुलिस घटनास्थल पर पहुंच जाएगी।
मुजफ्फरपुर। मुजफ्फरपुर सहित पूरे राज्य में ठंड का कहर जारी है। सर्द हवाओं ने ठिठुरन को और बढ़ा दी है। शहर से लेकर गांव तक लोग कंपकपा रहे है। सुबह और शाम घनी कोहरे से आवागमन बूरी तरीके से बाधित होने लगा है। लगातार गिरते पारा ने सभी को अपने घरों में कैद कर दिया है। ऐसे में जिनके पास संसाधन नही है, वैसे विवश, गरीब और बेसहारा लोगों के लिए ठंड जानलेवा साबित होने लगा है। ऐसे लोगो के लिए बस अलाव का ही सहारा है।
संजय कुमार सिंह
मुजफ्फरपुर। फकुली ओपी क्षेत्र के ढोढ़ी रतन गांव में शुक्रवार को पांच उल्लू को मृत अवस्था में देखा गया। बताया जाता है कि उल्लुओं की मौत ठंड के कारण हो रही है। उल्लुओं का यह झुंड गांव के पुराने मंदिर में रहा करता था। उनमें से पांच उल्लू की मौत हो गई।
शुक्रवार की सुबह पास के एक खेत में अलग- अलग उल्लू का मृत अवस्था में देख कर गांव में यह खबर फैल गई और लोग वहां सैकड़ों की संख्या में जुट गए। मौत की सूचना पर उपमुखिया मंजू देवी व गांव के चितरंज कुमार एवं भरत भगत समेत सैकड़ो ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। लोगों ने इस घटना की सूचना वन विभाग को दिया है तथा और बचे उल्लू की मौत नही हो, इसके लिए उसकी सुरक्षा की गुहार लगाई है। गांव के लोगो ने आशंका जताया है कि उल्लू की मौत अत्यधिक ठंड की वजह से हुई है।
मुजफ्फरपुर। मीनापुर पुलिस सर्किल के इंसपेक्टर डॉ. रमेश दत्त पांडेय दस हजार रुपये घूस लेते हुए गुरुवार को रंगेहाथो निगरानी के हथ्थे चढ़ गये। इंसपेक्टर के साथ निगरानी की टीम ने चौकीदार अजय पासवान को भी गिरफ्तार कर लिया है। वही, इंसपेक्टर कार्यालय का मुंशी फिरोज खान टीम को चकमा देकर भागने में सफल हो गया। बतातें चलें कि चौकीदार अजय पुलिस इंसपेक्टर के लिए दलाली का काम करता था।
मीनापुर की “झांसी की रानी” पर नाज है समाज को/ 2012 से दोनो बहने 350 महिलाओ की कोख को कर चुकी है आबाद/ नेउरा की दो बेटिया भ्रूण हत्या के खिलाफ समाज को कर रही है जागरूक/ पटना मे मिल चुका है झांसी की रानी विरता पुरूस्कार
संतोष कुमार गुप्ता
मीनापुर। “मासूम सी कली है खिलने ना पा रही है, पैदा नही हुइ है दुनिया से जा रही है” । यह गीत मीनापुर के गलियो मे सुनाई दे तो जरूर यह आवाज सादिया परवीन और आफरीन खातून की है। नेउरा बाजार से सटे खानेजादपुर गांव के मो तस्लीम की दोनो बेटिया गांव ही नही देश के कोने कोने मे “सेव गर्ल” के लिए नजीर बन गयी है। दोनो बहनो के भ्रूण हत्या के खिलाफ अभियान से मुजफ्फरपुर जिले का
लिंगानुपात सुधर कर 1059 हो गया है। सादिया और आफरीन कोख मे पल रहे बच्चो को नया जीवन दे रही है। गरीबी से जूझ रहे मो तस्लीम की दोनो बेटियो ने इस अभियान से समाज को नयी दिशा दी है। वर्ष-2012 से पहले पिता तस्लीम की कुछ कहानियो ने दोनो बेटियो को झकझोर कर रख दिया था। पिता ने बताया था कि अब भी उनके समाज मे कैसे बेटियो को नीच दृष्टी से देखा जाता है। कई घरो के बारे मे उन्होने बताया कि वहां बेटी को दुनिया मे आने से पहले ही कोख मे मार दिया जाता था। बेटियो को अच्छी शिक्षा नही दिया जाता था। वर्ष 2012 मे दोनो बहने अपने मौसी के घर जमालाबाद गयी थी। समीप के घर मे ही एक महिला तीन से चार माह की गर्भवती थी। उसको कई बेटी पहले से था। आब्र्सन कराने की चुपके से तैयारी चल रही थी। जब दोनो बहनो को पता चला तो वह उसके यहां धमक गयी। उसने उस महिला को काफी समझाया। उसने महिला को यह कविता “औलाद खुदा की दी हुई अमानत है,जिसको जी ला देकर रौशन नही किया तो इसकी जिम्मेदार आप खुद है” सुनाकर हैरान कर दिया। इसके बाद उस महिला ने बच्चे को सुरक्षित जन्म दिया। गांव से निकल कर शहर के पिछड़ा वर्ग के लिए बने कन्या उच्च विधालय मे दोनो दी गयी। उस पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाया गया। इसके बाद से दोनो बहनो ने मुड़ कर पीछे नही देखा। बेटी बचाओ-बेटी पढाओ के नारे के साथ साथ दोनो बहने भ्रूण हत्या के खिलाफ अभियान मे उतर गयी । दोनो बहनो की इस अभियान मे उसके अब्बुजान बखूबी साथ निभा रहे है। दोनो का कहना है कि जब बेटी बचेगी तब ही वह पढेगी। शुरूआती दौर मे उसने नेउरा,जमालाबाद,दाउदछपड़ा,रामसहाय छपड़ा सहित दर्जनो गांवो मे महिलाओ के बीच अभियान चलाया। इसके लिए दो दर्जन गीत व बीस कविता को खुद तैयार किया। सदाबहार नगमो की धुन पर महिलाओ को बखूबी समझाया। इसके लिए दोनो बहनो ने कुरान शरीफ,मनु स्मृति व अग्नी पुराण का अध्ययन भी किया है। वह महिलाओ को बताती है कि किसी भी ग्रंथ मे बेटियो को मारने का हक नही दिया गया है। दोनो ने हरियाणा मे अभियान चलाकर गुजर्रो को भी जागरूक किया। वहां अब भी लिंगानुपात बिगड़ा हुआ है। वावजूद वहां नारी को देवी समझा जाता है। सादिया ने इस अभियान को शुरू करने के लिए सिलाई बुनाई का काम घर पर शुरू कर दी। वह अन्य महिलाओ को भी ट्रेनिंग देकर स्वरोजगार से जोड़ने लगी। अभियान व घर चलाने के लिए उसको सिलाई से पैसे आने लगे। वह पढाई भी जारी रखा था। टीइटी करने के बाद सादिया परवीन प्राथमिक विधालय रामसहाय छपड़ा मे टीचर बन गयी है। छोटी बहन आफरीन खातून मैट्रीक टॉपर करने के बाद बीए पार्ट टू मे पढ रही है। वावजूद दोनो बहनो का अभियान जारी है। दोनो बहनो को मानव डेवलपमेंट फाउंडेशन से भी जोड़ दिया गया है। पिछले साल महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र मे मिसाल पेश करने वाली दोनो बहनो को सुशील मोदी व मंगल पांडे ने पटना के एसके मेमोरियल हॉल मे सम्मानित किया था। पिछले महिने दोनो को विधापति भवन पटना मे झांसी की रानी वीरता पुरूस्कार से सम्मानित किया गया। दोनो बहने कहते है कि अल्ट्रासाउंड का बेजा इस्तेमाल बंद हो। इस पर सख्त कानून बने। बेटा बेटी मे भेदभाव नही हो। दोनो बहनो ने अब तक गर्भ मे पल रहे करीब 350 भ्रूण को जमीन पर लाने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।
ग्रामीण इलाको मे लगातार मिल रही बिजली ने किया कमाल
प्रदेश जाने के बजाय गांव मे ही खोल लिया अपना प्रतिष्ठान
बिजली आधारित कामो को गांव मे बढ रहा क्रेज
संतोष कुमार गुप्ता
मीनापुर। कुछ वर्षो पूर्व तक ग्रामीण इलाको के लोग लालटेन व ढिबरी युग मे जीने को विवश थे। किंतु गांवो के लिए यह कहानी पुरानी बाते हो गयी है। अब शहर के राहो पर अपना गांव चल चुका है। अब गांवो को 18 से 20 घंटे बिजली मिलने लगा है। नतिजतन बिजली की बेहतर स्थिति को देखते हुए गांव मे भी लघु व कुटिर उधोग खुलने लगे है। सबसे बड़ी बात यह है कि 40 प्रतिशत घरो मे केरोसिन का दिया जलना बंद हो गया है। बिजली की उपलब्धता बेहतर रहने से लोगो ने घरो मे इन्वर्टर लगा लिया है। गरीब परिवारो ने सोलर व बिजली से चार्ज होने
वाले इमरजेंसी लाइट खरीद लिया है। दो सौ से पांच सौ रूपये के बीच यह लाइट आता है। एक दिन चार्ज होने के बाद यह लाइट दो दिनो तक जलता है। यह लाइट कई वर्षो तक जलता है.छेगन नेउरा के हिमांशु गुप्ता,गंजबजार के सुधा देवी,रीता देवी बताती है कि डिबिया मे केरोसिन डालने का झंझट खत्म। बिजली कटे तो झट से बटन दबाये रोशनी आ जायेगी। प्रियदर्शी इलेक्ट्रोनिक्स के प्रोपराइटर रजनिशकांत प्रियदर्शी व रविकांत समदर्शी बताते है कि इलेक्ट्रोनिक्स इमरजेंसी लाइट की मांग दिन प्रतिदिन बढती जा रही है। बिजली बेहतर रहने से गांवो मे टीवी,फ्रिज,डिश एंटिना,वाशिंग मशीन,गिजर,हीटर,कूलर व एसी लगाने वालो की तादाद मे वृद्धी हुई है। हरका गांव के बढई मुन्ना कुमार बताते है कि बिजली बेहतर रहने से अब हाथ के यंत्र के बजाये इलेक्ट्रोनिक्स मशीन से चिराई फराई का काम होता है। आनलाइन कामो का बढा डिमांड
मुस्तफागंज बाजार पर वसुधा केंद्र पर आनलाइन पैक्स का मेम्बर बनाया जा रहा है। पैक्स मेम्बर बनने वालो की काफी भीड़ है। केंद्र को संचालन करने वाली रागिनीगंधा,रश्मिगंधा,प्रतिक कुमार व गुड्डु यादव बताते है कि बिजली बेहतर रहने से आनलाइन कामो की संख्या मे वृद्धी हुई है। अन्य कामो मे भी कस्टमर आ रहे है। टेंगरारी मे धनराज उच्च विधालय टेंगरारी के सामने नीराला कम्प्युटर क्लासेज चल रहा है। छात्र सत्यम कुमार,अजीत कुमार,संचालक अरूण कुमार बताते है कि बिजली बेहतर रहने के कारण अब गांव मे कम्प्युटर शिक्षा ग्रहण करना आसान हो गया है। पहले कम्प्युटर सीखने शहर जाना पड़ता था। टेंगरारी के सुधीर डिसुजा बताते है कि गांव मे भी तेजी से इलेक्ट्रोनिक्स का दुकान तेजी से खुलने लगा है। मीनापुर के एक दर्जन स्थानो पर वाटर प्लांट खुल गया है। अब घर घर मे आरओ का पानी पहुंचना शुरू हो गया है। अब कुंआ और तलाब से पानी पीने का जमाना गया। गांवो मे फिल्म आॉडियो रिकॉर्डिंग सेंटर भी खुल रहा है। कृषि रोड मैप मे भी किसानो की बल्ले बल्ले
जदयू किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज कुमार व्यस्तता के वावजूद खुद बिजली से खेतो मे पटवन करते है। उन्होने कहां कि बिजली रहने से किसानो को काफी फायदा है। अब राज्य सरकार की ओर से राष्ट्रपति द्वारा लांच किये गये कृषि रोड मैप मे भी किसानो के लिए बहुत कुछ है। उसमे एक ही बिजली कनेक्शन पर किसान दो एचपी के मोटर से कही भी पटवन कर सकते है। इसके लिए अलग अलग खाता और खेसरा नम्बर पर अलग अलग कनेक्शन लेने की जरूरत नही है। सिवाइपट्टी थाना क्षेत्र के सोढना माधोपुर गांव के राजदेव प्रसाद पांच से एकड़ जमीन मे बिजली से पटवन करते है। हजारो रूपये डीजल मे खर्च हो जाता था। अब उनका आटा चक्की भी बिजली से ही चलता है।
हरियाणा। अब इसे आप चमत्कार कह लें या और कुछ…। पर, ये सच है। घटना, हरियाणा के यमुनानगर का है। मामला ये है की एक बच्ची की डिलीवरी के तुरंत बाद डॉक्टरों ने उस बच्ची को मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद हिंदु धर्म के प्रथा अनुसार मृत्यु के बाद कई सारी प्रक्रिया अपनाई जाने लगी। जब डॉक्टरों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया तब अपने दिल पर पत्थर रखकर पिता अंतिम संस्कार के लिए ले गया जिसके बाद उससे रहा नहीं गया तो वो अपनी बच्ची को आखिरी बार चेहरा देखने के लिए उसके चेहरे पर से पॉलीथिन को हटाया और उसे हटाते ही उस पिता को जो दिखा, उसे देखकर उसके होश उड़ गए और उसकी आंखें फटी की फटी रह गई|
दरअसल, जिस जिस बच्ची को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था उस बच्ची की आंखें खुली थी और वह हाथ हिला रही है। ऐसा देखने के बाद उस बच्ची के पिता की ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। जिसके बाद वह बच्ची को दिखाने के लिए दोबारा डॉक्टर के पास ले गया। तब उसे देखने के बाद डॉक्टर ने उसको पूरी तरह से स्वस्थ बताया यह जानकर उसके माता पिता का तो ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा और वहाँ मौजूद सभी लोगो का यही मानना है कि इस बच्ची को भगवान ने दूसरा जन्म दिया है।
फ्रांस के कान फिल्म महोत्सव मे हो चुका है प्रदर्शित/मीनापुर के रघई गांव के घनश्याम सर्राफ ने फिल्म मे निभायी है इंडियन रनर की भूमिका/ढाई घंटे मे दौड़ा 42 किलोमीटर
संतोष कुमार गुप्ता
मीनापुर । मुजफ्फरपुर जिले के मीनापुर थाना के रघई गांव के देवेंद्र साह के पुत्र घनश्याम सर्राफ का जलवा वालीवुड की फिल्म जीत लो मैराथन मे दिखेगा। रघई गांव के देवेंद्र साह आर्थिक तंगी से जुझते हुए फेरी कर किसी तरह परिवार चलाते है। वह घुम घुम कर गुड़िया(क्रिस्टल) बेचते है तथा अब इलेक्ट्रोनिक्स तराजू भी बनाते है। किंतु उनका पुत्र घनश्याम सर्राफ ने उनकी प्रतिष्ठा अंतराष्ट्रीय स्तर पर बढायी है। घनश्याम की दर्दनाक कहानी है। वह मीनापुर के रामकृष्ण उच्च विधालय से मैट्रीक पास किया। उसके बाद इंटर उतीर्ण हुआ। लेकिन आर्थिक कारणो से उसका नामाकंन स्नातक मे नही हो सका. बचपन से ही उसका हिंदी फिल्मो मे खूब अभिरूची था। वर्ष 2011 मे वह मायानगरी मुम्बई पहुंच गया। क्योकि उसके जान पहचान के रामहरि सोना वाले ने उसको फिल्मो मे काम दिलाने का भरोसा दिलाया था। वहां पहुचने के बाद उन्होने घनश्याम का शोषण करना शुरू कर दिया. वह इस से कैमरा चलवाने लगे। घनश्याम मुसिबत मे फंस गया। हालांकि वह पेट चलाने के लिए वहां मजदूरी करने लगा. पान का दुकान भी चलाया। किराना दुकान मे भी नौकरी की। वावजूद वह वालीवुड मे अपने लिए अवसर का तलाश करता रहा। वर्ष -2014 मे वह भटकते भटकते फिल्म निर्माता आर्यण के घर पहुंचा। शुरूआती दौर मे उन्होने घनश्याम को काम के लिए हरी झंडी दे दी। आडिशन मे घनश्याम ने सफलता पूर्वक अपने काम को अंजाम दिया। 15 जून 2015 से फिल्म का शुटिंग शुरू हो चुका है। फिल्म मे घनश्याम सर्राफ को इंडियन रनर की भूमिका दी गयी है। घनश्याम ने इंडियन रनर का कीरदार शानदार तरीके से निभाया है। उसने ढाई घंटे मे 42 किलोमीटर का दौर लगाकर टॉप टेन रनर की सुची मे भी अपना नाम दर्ज कराया है। 19 मई 2017 को फिल्म जीत लो मैराथन को फ्रांस मे कान फिल्म महोत्सव मे प्रदर्शित किया गया। इस फिल्म की वर्ल्ड प्रीमियर व स्क्रिनिंग भी होगी। कान फिल्म महोत्सव मे वालीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन, नवाजुद्दीन
सिद्दीकी, सलमान खान, जैकी श्राफ, संजय भंसाली, एकता कपूर, कैटरिना, डेविड धवन व सुभाष घई सहित कई सितारे भी पहुंचे थे। इस फिल्म की शुटिंग मुबंई, गोवा, हांगकांग व सिलौंग मे भी किया गया है। फरवरी 2018 मे यह फिल्म देश के सभी सीनेमा घरो मे रिलिज होगी। घनश्याम की माने तो यह फिल्म विदेशो मे भी धमाल मचायेगी। घनश्याम की मां मंजू देवी हाउसवाइफ है। दो अन्य दुसरे प्रदेशो मे काम करते है।
मुंबई। खूबसूरत हसीना सिर्फ कोमल ही नही होती। वह शातिर भी हो सकती है। जीहां, मासूमियत से लवरेज ऐसी ही एक हसीना, कई लोगो के तबाही का करण बन गई। बहरहाल, पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके सलाखो के पीछे डाल दिया है।
घटना, मुंबई के मलाड पुलिस थाने का है। खुद को एक राजनीतिक दल से जुड़ी बताने वाली एक महिला नेत्री का ऐसा फ्रॉड सामने आया है कि आप दांतो तले अंगूली दवा लेंगे। दरअसल, वह कथित महिला नेत्री खुद को करोड़पति और रसूख वाली बता कर जरूरत मंद महिलाओं को काम देने के लिए बुलाती और अपनी मीठी बातों में फंसाकर पैसा डबल करने के नाम पर उनके गाढ़ी कमाई का रुपये व ज्वैलरी हड़प जाती थी। जब महिलाएं पैसे मांगती थीं तो उन्हें झूठे आरोपों में फंसा कर जेल भिजवा देती थी। फिलवक्त, लक्ष्मी देवेंद्रन नाम की एक पीड़ित महिला की शिकायत पर मलाड पुलिस ने कथित रसूकदार उक्त महिला नेत्री को हिरासत में ले लिया है।
पुलिस हिरासत में आई 33 वर्षीया हसीना का नाम पेट्रीशिया डिसूजा है। वह दक्षिण मुंबई रहने वाली बताई जा रही है। इससे पहले लक्ष्मी देवेंद्रन ने पुलिस को बताया कि जनवरी 2017 में पेट्रीशिया डिसूजा के घर पर काम कर रही थी। आरोपी महिला नेत्री ने लक्ष्मी को नौकरी पर रखने से पहले उसकी पूरी जानकारी हासिल की।
बतातें चलें कि लक्ष्मी के हसबैंड की डेथ हो चुकी है और उसके दो लड़के हैं। लक्ष्मी ने पेट्रीशिया को बताया कि वह अपने लड़कों को हॉस्टल में पढ़ना चाहती हैं। इसके लिए उसने कुछ पैसे जमा कर रखे हैं। पेट्रीशिया ने एक दिन लक्ष्मी को बुलाया और कहा कि इनकम टैक्स में उसे कुछ पैसे दिखाने है। उसने लक्ष्मी से उसके पैसे मांगे और इसके बदले में ज्यादा पैसे देने और बच्चों का हॉस्टल में एडमिशन करवाने का वादा किया। लक्ष्मी का आरोप है कि इसके बाद न तो उनके पैसे ही वापस मिले और न ही उनके बच्चों का हॉस्टल में एडमिशन हुआ। यही नहीं उसकी दो महीने की सैलरी भी नहीं दी गई। लक्ष्मी ने जब पैसे मांगे तो उसे चोरी के झूठे मामले में फंसाने का डर दिखाया। इसके बाद लक्ष्मी ने मलाड पुलिस स्टेशन में कथित महिला नेत्री के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया।
जांच में सामने आया है कि पेट्रीशिया डिसूजा ने केवल लक्ष्मी से ही धोखाधड़ी नहीं की है। इससे पहले उसने कई महिलाओं से इसी तरह पैसे ऐंठे हैं। पेट्रीशिया के गिरफ्तार होने के बाद वे महिलाएं भी सामने आ रही है जो धोखाधड़ी की शिकार हो चुकी हैं। उसके यहां काम करने वाली दूसरी नौकरानी सुरेखा ने पुलिस को बताया कि पेट्रीशिया ने उसके पैसे डबल करने के नाम पर उससे गहने और पैसे लिए। लेकिन बाद में उसे वापस नही किया। पुलिस ने पेट्रीशिया डिसूजा के खिलाफ आईपीसी को धारा 406, 420 के तहत मामला दर्ज कर उसे बोरीवाली कोर्ट में पेश किया है।