KKN गुरुग्राम डेस्क | मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले से एक बेहद दर्दनाक सड़क हादसे की खबर सामने आई है।
रविवार 27 अप्रैल 2025 की शाम को, एक तेज रफ्तार वैन सड़क से फिसल कर एक गहरे कुएं में गिर गई।
इस भीषण हादसे में अब तक 12 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कुछ अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
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हादसे के बाद इलाके में मातम का माहौल है और प्रशासनिक अमला राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है।
हादसे की पूरी घटना: कैसे हुआ ये भीषण हादसा?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार:
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एक वैन, जो तेज गति से चल रही थी, एक बाइक सवार को टक्कर मारने के बाद अनियंत्रित हो गई।
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टक्कर के तुरंत बाद वैन सड़क किनारे स्थित एक गहरे कुएं में गिर गई।
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वैन में सवार अधिकतर लोग एक धार्मिक यात्रा के लिए आंतरी माता मंदिर दर्शन के लिए जा रहे थे।
इस दुर्घटना ने कई परिवारों को उजाड़ दिया है और पूरा क्षेत्र शोक में डूब गया है।
वैन में कौन-कौन सवार थे?
प्राप्त जानकारी के अनुसार:
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वैन में कुल 15 से अधिक लोग सवार थे।
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अधिकतर यात्री एक ही गांव के रहने वाले थे और मंदिर दर्शन के लिए समूह में जा रहे थे।
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मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
पुलिस ने सभी घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
बचाव कार्य में भी गई एक और जान
जैसे ही वैन कुएं में गिरी, स्थानीय लोगों ने बचाव कार्य शुरू किया।
हालांकि, इस बचाव प्रयास में एक और दर्दनाक हादसा हो गया:
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एक स्थानीय युवक जो कुएं में उतर कर लोगों को बचाने गया था, जहरीली गैस के कारण दम घुटने से उसकी भी मौत हो गई।
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आशंका जताई जा रही है कि कुएं में गहरे स्तर पर जहरीली गैस का जमाव था, जो बचाव कार्य में बाधा बना।
यह हादसा बचाव कार्य की जोखिम भरी परिस्थितियों को भी उजागर करता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया शोक, मुआवजे की घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस भीषण सड़क दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने ट्वीट कर कहा:
“मंदसौर में हुए भीषण सड़क हादसे में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।”
सरकार ने मृतकों के परिजनों के लिए 2 लाख रुपए और घायलों के लिए 50 हजार रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।
मध्य प्रदेश सरकार की त्वरित कार्रवाई
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए तत्काल राहत कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
सरकार ने जिला प्रशासन को आदेश दिया है कि:
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सभी घायलों का समुचित इलाज सुनिश्चित किया जाए।
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मृतकों के परिजनों को हर संभव सहायता दी जाए।
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हादसे की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।
जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने मौके पर पहुंचकर राहत कार्यों की निगरानी की।
सड़क सुरक्षा पर फिर उठे सवाल
यह हादसा एक बार फिर से सड़क सुरक्षा और वाहन गति नियंत्रण के सवालों को उजागर करता है:
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तेज रफ्तार और अनियंत्रित वाहन चलाना जानलेवा साबित हो रहा है।
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सड़क किनारे खुले कुएं जैसे खतरनाक स्थानों पर कोई चेतावनी या सुरक्षा घेरा नहीं था।
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ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में सड़क सुरक्षा उपायों का घोर अभाव है।
सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों ने मांग की है कि इस तरह के हादसों से सबक लेते हुए सरकार को:
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स्पीड लिमिट का कड़ाई से पालन करवाना चाहिए।
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सड़क किनारे मौजूद खुले कुएं या अन्य खतरों को चिन्हित कर सुरक्षित करना चाहिए।
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जनता में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलानी चाहिए।
प्रत्यक्षदर्शियों का दर्दनाक बयान
हादसे के चश्मदीद गवाहों ने बताया:
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हादसे के बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई थी।
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कुछ लोग अपनी जान जोखिम में डालकर कुएं में उतरकर बचाव कार्य में लगे।
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बचाव अभियान में गहरे कुएं में जहरीली गैस के कारण कई बार ऑपरेशन रोकना पड़ा।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय पर बचाव कार्य शुरू नहीं होता, तो मृतकों की संख्या और बढ़ सकती थी।
प्रशासनिक जांच शुरू
प्रशासन ने हादसे के तुरंत बाद उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं।
जांच के तहत यह पता लगाने की कोशिश होगी:
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क्या वाहन की स्थिति ठीक थी?
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ड्राइवर की लापरवाही या शराब पीकर गाड़ी चलाने की पुष्टि हो रही है या नहीं?
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सड़क किनारे सुरक्षा उपायों की कमी कैसे हुई?
प्राथमिक जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
भविष्य में इस तरह के हादसों से बचने के उपाय
प्रस्तावित उपाय | उद्देश्य |
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सड़क किनारे सुरक्षा बैरिकेड्स | वाहन हादसों को रोकना |
वाहन फिटनेस जांच | खराब वाहनों को सड़कों से हटाना |
सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान | चालकों में जिम्मेदारी बढ़ाना |
ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क सुधार | सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करना |
मंदसौर सड़क हादसा हमें एक बार फिर याद दिलाता है कि
सड़क सुरक्षा कोई विकल्प नहीं, बल्कि अनिवार्यता है।
तेज रफ्तार, लापरवाही और बुनियादी सुरक्षा उपायों की अनदेखी से सैकड़ों जिंदगियां हर साल असमय खत्म हो रही हैं।
जरूरत है कि सरकार, प्रशासन और आम नागरिक — सब मिलकर सुरक्षित यात्रा को अपनी प्राथमिकता बनाएं।
ताकि भविष्य में ऐसी दिल दहला देने वाली घटनाओं से बचा जा सके।