KKN गुरुग्राम डेस्क | सोमवार को दिल्ली में 41 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया, जो इस सीजन का सबसे गर्म दिन साबित हुआ। मौसम विभाग ने लू की चेतावनी (येलो अलर्ट) जारी की है, जो अगले दो दिनों तक जारी रह सकती है।
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यह स्थिति अप्रैल में साल 2022 के बाद पहली बार देखी गई है, जब राजधानी में इतनी तेज गर्मी और लू का प्रकोप एक साथ देखने को मिला हो।
क्या है लू और क्यों होता है इसका असर?
जब किसी स्थान का अधिकतम तापमान 40 डिग्री या उससे अधिक हो और सामान्य से 4.5 डिग्री ज्यादा हो, तो उसे लू कहा जाता है। दिल्ली के रिज, नजफगढ़, पालम जैसे इलाकों में सोमवार को ऐसी स्थिति देखने को मिली।
दिल्ली के प्रमुख इलाकों का तापमान
इलाका | अधिकतम तापमान | स्थिति |
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रिज | 41.2°C | लू की स्थिति |
नजफगढ़ | 41.0°C | लू का प्रभाव |
पालम | 40.8°C | गर्म हवा |
सफदरजंग | 40.5°C | सबसे गर्म दिन |
अयानगर | 40.3°C | लू का अलर्ट |
तेज हवाएं और साफ आसमान बना वजह
मौसम विभाग के अनुसार, तापमान बढ़ने के प्रमुख कारण हैं:
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उत्तर-पश्चिमी हवाएं, 40 किमी/घंटा की रफ्तार से चल रही हैं
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आसमान पूरी तरह साफ, जिससे सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ रही हैं
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वेस्टर्न डिस्टर्बेंस में देरी, जो अप्रैल में कुछ राहत लाते हैं
आगे का पूर्वानुमान: थोड़ी राहत 11 अप्रैल से
दिनांक | अनुमानित तापमान | अलर्ट स्थिति | टिप्पणी |
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8 अप्रैल | 41°C | येलो अलर्ट | लू की स्थिति बरकरार |
9 अप्रैल | 42°C | येलो अलर्ट | बेहद गर्म दिन |
10 अप्रैल | 41°C | येलो अलर्ट | कोई राहत नहीं |
11–13 अप्रैल | 38–39°C | कोई अलर्ट नहीं | थोड़ी राहत की उम्मीद |
हेल्थ एडवाइजरी: इन बातों का रखें ध्यान
✅ क्या करें:
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हर घंटे पानी पिएं
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सूती, हल्के रंग के कपड़े पहनें
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छाता या टोपी का प्रयोग करें
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दोपहर 12 बजे से 4 बजे के बीच बाहर न निकलें
❌ क्या न करें:
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धूप में भारी शारीरिक मेहनत से बचें
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अधिक कैफीन या शराब से परहेज करें
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बंद कमरों में अधिक समय न बिताएं
स्कूलों और खेल गतिविधियों पर विचार
दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) इस बात पर विचार कर रही है कि स्कूल टाइमिंग बदली जाए या नहीं। कुछ स्कूलों ने पहले ही बच्चों को टोपी और पानी की बोतल लाने की सलाह दी है।
राजधानी के लोगों की राय
रवि मेहरा (डिलीवरी बॉय): “दोपहर में काम करना नामुमकिन हो गया है। अब सुबह और शाम को काम कर रहा हूं।”
अनिता शर्मा (गृहिणी): “अब तो एसी ऑन करना जरूरी हो गया है, जो पहले मई में होता था। इस बार गर्मी जल्दी आ गई है।”
क्या यह जलवायु परिवर्तन का संकेत है?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह गर्मी शहरीकरण, कम हरियाली और जलवायु परिवर्तन का संकेत है। आने वाले वर्षों में अप्रैल और मई में ऐसी गर्मी सामान्य हो सकती है।
दिल्ली में गर्मी का असली मुकाबला अभी बाकी है। फिलहाल, सभी नागरिकों को सलाह दी जाती है कि सावधानी बरतें, सुरक्षित रहें, और गर्मी से निपटने के लिए जरूरी उपाय अपनाएं।
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