दुनिया का सबसे बड़ा एड्रेनल ट्यूमर रोबोटिक सर्जरी से सफदरजंग अस्पताल में निकाला गया

दुनिया का सबसे बड़ा एड्रेनल ट्यूमर रोबोटिक सर्जरी से सफदरजंग अस्पताल में निकाला गया

KKN गुरुग्राम डेस्क | दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में डॉक्टर्स की टीम ने दुनिया के सबसे बड़े एड्रेनल ट्यूमर को रोबोटिक सर्जरी के जरिए सफलतापूर्वक निकालने में सफलता प्राप्त की है। यह ट्यूमर फुटबॉल के आकार का था और शरीर के महत्वपूर्ण अंगों जैसे इंफीरियर वेना कावा, लीवर और दायें किडनी पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा था। इस सर्जरी को न्यूनतम इनवेसिव तकनीक से किया गया, जिससे मरीज की सेहत पर कम प्रभाव पड़ा और रिकवरी भी तेज हुई।

एड्रेनल ट्यूमर क्या है?

एड्रेनल ट्यूमर वो अबनॉर्मल वृद्धि होती है जो एड्रेनल ग्रंथियों में होती है, जो किडनी के ऊपर स्थित होती हैं। यह ट्यूमर हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकते हैं, जिससे उच्च रक्तचाप, थकान और वजन बढ़ने जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। कई बार ये ट्यूमर बड़े आकार में विकसित हो जाते हैं, जिनकी सर्जरी करना बेहद जटिल हो सकता है।

रोबोटिक सर्जरी से हुई सफलता

इस केस में, 36 वर्षीय महिला को दुनिया के सबसे बड़े एड्रेनल ट्यूमर का सामना करना पड़ा। यह ट्यूमर 18.2 x 13.5 सेमी आकार का था और इसके कारण महिला के शरीर के महत्वपूर्ण अंगों जैसे इंफीरियर वेना कावा (जो शरीर के मुख्य रक्त वाहिका है), लीवर और दायें किडनी पर गहरा असर पड़ रहा था। ट्यूमर इन अंगों से जटिल रूप से चिपका हुआ था, जिससे इसे निकालना और भी चुनौतीपूर्ण हो गया था।

सफदरजंग अस्पताल के उरोलॉजी और रीनल ट्रांसप्लांट विभाग के प्रमुख डॉ. पवन वासुदेवा की अगुवाई में यह सर्जरी की गई। डॉ. वासुदेवा के साथ डॉ. नीरज कुमार और डॉ. अविषेक मंडल की टीम भी शामिल थी। एनेस्थीसिया टीम में डॉ. सुशील, डॉ. भव्या और डॉ. मेघा ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। यह सर्जरी ‘दा विंची’ रोबोटिक सिस्टम की मदद से की गई, जो सर्जरी को और अधिक सटीक और सुरक्षित बनाता है।

रोबोटिक सर्जरी के फायदे

रोबोटिक सर्जरी के कई लाभ हैं, खासकर जटिल मामलों में। इस तकनीक के तहत सर्जन को 3डी विजन और रोबोटिक हाथों की सहायता मिलती है, जिससे वह बेहद सटीकता से सर्जरी कर सकते हैं। इस सर्जरी में छोटे चीरे लगाए जाते हैं, जिससे न केवल रक्तस्राव कम होता है, बल्कि संक्रमण का खतरा भी घटता है। ऑपरेशन के बाद मरीज को कम दर्द और जल्दी रिकवरी होती है। इसके अलावा, मरीज को जल्दी काम पर वापस जाने का अवसर मिलता है।

इस मामले में, रोबोटिक सर्जरी के तहत तीन घंटे से ज्यादा समय में ट्यूमर को पूरी तरह से हटाया गया। इस दौरान किसी भी प्रकार की जटिलता का सामना नहीं करना पड़ा। सर्जरी के बाद महिला की रिकवरी बहुत जल्दी हुई, और मात्र तीन दिन में उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अगर यह सर्जरी पारंपरिक तरीके से की जाती, तो लगभग 20 सेंटीमीटर तक चीरा लगाना पड़ता और ठीक होने में कई हफ्ते लग सकते थे।

क्यों था यह सर्जरी जटिल?

यह सर्जरी इसलिये जटिल थी क्योंकि ट्यूमर इतना बड़ा था और यह शरीर के तीन महत्वपूर्ण अंगों के पास था। यदि ट्यूमर को ठीक से हटाया नहीं जाता तो ये अंग गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो सकते थे। लेकिन रोबोटिक सर्जरी के जरिए यह संभव हो सका। रोबोटिक सर्जरी में छोटे चीरे लगाए जाते हैं, जिससे सर्जरी के बाद दर्द कम होता है और रिकवरी जल्दी होती है।

रोबोटिक सर्जरी का भविष्य

रोबोटिक सर्जरी का भविष्य भारत सहित पूरी दुनिया में उज्जवल है। भारत में कई अस्पतालों ने इस तकनीक को अपनाया है और यह बड़े और जटिल मामलों के इलाज में एक क्रांतिकारी बदलाव लाता है। सफदरजंग अस्पताल जैसे प्रमुख चिकित्सा संस्थान इस तकनीक के साथ अपने मरीजों के इलाज में नई दिशा प्रदान कर रहे हैं।

इस सर्जरी में इस्तेमाल किया गया ‘दा विंची’ रोबोटिक सिस्टम सर्जनों को अधिक सटीकता और नियंत्रित तरीके से सर्जरी करने की क्षमता प्रदान करता है। यह तकनीक विशेष रूप से जटिल मामलों में महत्वपूर्ण साबित हो रही है, जहां पारंपरिक सर्जरी के दौरान जोखिम अधिक होते हैं।

भारत में रोबोटिक सर्जरी की बढ़ती लोकप्रियता

भारत में रोबोटिक सर्जरी की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। प्रमुख चिकित्सा संस्थान जैसे सफदरजंग अस्पताल ने इस तकनीक को अपनाया है और यह मरीजों के इलाज में नए मानक स्थापित कर रहे हैं। रोबोटिक सर्जरी न केवल सटीकता और सुरक्षा में सुधार करती है, बल्कि मरीजों के लिए ऑपरेशन के बाद का समय भी कम करती है।

भारत में रोबोटिक सर्जरी के क्षेत्र में तेजी से सुधार हो रहा है, जिससे देश में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में वृद्धि हो रही है। यह तकनीक भारत में इलाज के मानकों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना रही है।

सफल सर्जरी और महिला का स्वास्थ्य

इस सर्जरी की सफलता ने यह सिद्ध कर दिया है कि रोबोटिक सर्जरी न केवल जटिल समस्याओं का समाधान करती है, बल्कि यह मरीजों के लिए सुरक्षित और प्रभावी उपचार प्रदान करती है। 36 वर्षीय महिला अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं और ऑपरेशन के बाद वह अपनी सामान्य जिंदगी की ओर लौट चुकी हैं।

यह सर्जरी न केवल इस महिला के लिए जीवनदायिनी साबित हुई है, बल्कि यह पूरी दुनिया में चिकित्सा जगत को एक नई दिशा देने वाली है। इसका उदाहरण यह है कि कैसे नई तकनीकें, जैसे रोबोटिक सर्जरी, जटिल मेडिकल समस्याओं के समाधान के लिए नई उम्मीदें पैदा करती हैं।

सफदरजंग अस्पताल में हुई इस सफलता ने रोबोटिक सर्जरी के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इस सर्जरी के जरिए यह दिखाया गया है कि अत्याधुनिक तकनीक और विशेषज्ञ चिकित्सकों के संयोजन से जटिलतम सर्जरी भी सुरक्षित और प्रभावी हो सकती है।

यह घटना इस बात का प्रमाण है कि रोबोटिक सर्जरी भविष्य की चिकित्सा पद्धतियों में महत्वपूर्ण स्थान रखेगी। जैसे-जैसे इस तकनीक का विस्तार होगा, वैसे-वैसे चिकित्सा की दुनिया में और भी कई परिवर्तन आएंगे, जो दुनिया भर के मरीजों के लिए राहत का कारण बनेंगे।

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