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  • RBSE 10th Result 2025: राजस्थान बोर्ड 10वीं का रिजल्ट यहां देखें

    RBSE 10th Result 2025: राजस्थान बोर्ड 10वीं का रिजल्ट यहां देखें

    KKN गुरुग्राम डेस्क | राजस्थान बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (RBSE) द्वारा 10वीं कक्षा की परीक्षा हर साल आयोजित की जाती है, जिसमें लाखों छात्र शामिल होते हैं। इस साल भी राजस्थान में लाखों छात्र 10वीं बोर्ड परीक्षा में शामिल हुए हैं। यह परीक्षा 6 मार्च 2025 से 4 अप्रैल 2025 तक आयोजित की गई थी। अब, परीक्षा समाप्त होने के बाद, छात्र अपने परिणाम का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस लेख में हम आपको RBSE 10वीं रिजल्ट 2025 के बारे में पूरी जानकारी देंगे, जैसे कि रिजल्ट कब जारी होगा, इसे कैसे चेक करें, और स्क्रुटिनी प्रक्रिया आदि।

    RBSE 10वीं रिजल्ट 2025 की तारीख

    राजस्थान बोर्ड 10वीं का रिजल्ट मई 2025 के महीने में घोषित होने की संभावना है। हालांकि, रिजल्ट की तारीख का आधिकारिक ऐलान अभी नहीं हुआ है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स और पिछले सालों के रिकॉर्ड को देखते हुए यह माना जा रहा है कि रिजल्ट मई महीने में जारी किया जाएगा। रिजल्ट जारी करने से पहले परीक्षा की सभी कॉपियों का मूल्यांकन पूरा किया जाएगा, जिसके बाद इसे आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा।

    RBSE 10वीं रिजल्ट 2025 कैसे चेक करें?

    राजस्थान बोर्ड 10वीं का रिजल्ट चेक करने के लिए छात्रों को निम्नलिखित आसान स्टेप्स का पालन करना होगा:

    1. आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: सबसे पहले RBSE की आधिकारिक वेबसाइट www.rajeduboard.rajasthan.gov.in पर जाएं।

    2. रिजल्ट लिंक पर क्लिक करें: होम पेज पर 10वीं कक्षा रिजल्ट 2025 का लिंक ढूंढें और उस पर क्लिक करें।

    3. रोल नंबर दर्ज करें: अब एक पेज खुलेगा, जिसमें आपको अपना रोल नंबर दर्ज करना होगा। रोल नंबर आपके एडमिट कार्ड पर होगा।

    4. सबमिट करें: रोल नंबर डालने के बाद सबमिट बटन पर क्लिक करें।

    5. रिजल्ट देखें: अब आपका रिजल्ट स्क्रीन पर दिखने लगेगा। आप इसे डाउनलोड कर सकते हैं और अपने पास सुरक्षित रख सकते हैं।

    रिजल्ट में छात्रों का नाम, रोल नंबर, प्राप्त अंक, प्रतिशत, और अन्य जानकारी होगी।

    RBSE 10वीं पासिंग मार्क्स

    RBSE 10वीं की परीक्षा में पास होने के लिए छात्रों को निम्नलिखित न्यूनतम अंक प्राप्त करने होंगे:

    • प्रत्येक विषय में 33% अंक: छात्र को हर विषय में कम से कम 33% अंक प्राप्त करने होंगे। यदि किसी छात्र को एक या दो विषयों में 33% से कम अंक प्राप्त होते हैं, तो उसे कंपार्टमेंट परीक्षा देनी होगी।

    • कंपार्टमेंट परीक्षा: यदि कोई छात्र एक या दो विषयों में फेल होता है, तो वह कंपार्टमेंट परीक्षा में बैठ सकता है। कंपार्टमेंट परीक्षा की जानकारी रिजल्ट के बाद दी जाएगी।

    RBSE 10वीं रिजल्ट स्क्रुटिनी प्रक्रिया

    कई छात्र रिजल्ट से संतुष्ट नहीं होते हैं और ऐसे छात्रों के लिए स्क्रुटिनी की प्रक्रिया होती है। इसमें छात्र की कॉपी फिर से चेक की जाती है, और अगर अंक में कोई सुधार होता है, तो नए अंक के साथ रिजल्ट जारी किया जाता है।

    • स्क्रुटिनी के लिए आवेदन: रिजल्ट जारी होने के बाद स्क्रुटिनी के लिए आवेदन की तारीख घोषित की जाएगी। छात्रों को अंतिम तारीख से पहले आवेदन करना होगा। आवेदन के लिए एक मामूली शुल्क भी लिया जाएगा, जिसे छात्रों को भुगतान करना होगा।

    • समय सीमा: स्क्रुटिनी के लिए आवेदन करने के लिए छात्रों को समय पर आवेदन करना होगा, क्योंकि इसके बाद आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे।

    RBSE 10वीं रिजल्ट में दी जाने वाली जानकारी

    RBSE 10वीं रिजल्ट में निम्नलिखित जानकारी दी जाएगी:

    • विद्यार्थी का नाम

    • रोल नंबर

    • कक्षा का नाम

    • प्रत्येक विषय का नाम

    • प्रत्येक विषय में प्राप्त अंक

    • कुल अंक

    • प्रतिशत

    • वर्ग

    • जन्म तिथि

    • परीक्षा का नाम

    • स्कूल का नाम

    इस जानकारी को सही तरीके से चेक करना बहुत जरूरी है। यदि रिजल्ट में कोई गलती पाई जाती है, तो छात्रों को तुरंत अपने स्कूल या बोर्ड कार्यालय से संपर्क करना चाहिए।

    RBSE 10वीं रिजल्ट 2025 के लिए महत्वपूर्ण टिप्स

    1. रोल नंबर संभालकर रखें: रिजल्ट चेक करने के लिए आपका रोल नंबर जरूरी होगा, इसलिए इसे संभालकर रखें। यह एडमिट कार्ड पर दिया गया होता है।

    2. आधिकारिक वेबसाइट का इस्तेमाल करें: रिजल्ट चेक करने के लिए केवल आधिकारिक RBSE वेबसाइट का उपयोग करें, ताकि आपको सही और सही जानकारी मिले।

    3. स्क्रुटिनी के लिए आवेदन करें: अगर आपको अपने अंक सही नहीं लगते, तो स्क्रुटिनी का आवेदन करें। यह प्रक्रिया रिजल्ट जारी होने के बाद शुरू होगी।

    4. नियमित रूप से वेबसाइट चेक करें: रिजल्ट से जुड़ी ताजा जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर ध्यान दें और सभी अपडेट्स पर नजर रखें।

    RBSE 10वीं रिजल्ट के लिए पिछले वर्षों का आंकड़ा

    पिछले कुछ वर्षों में RBSE 10वीं रिजल्ट का पास प्रतिशत लगातार बढ़ रहा है। 2024 में 10वीं की परीक्षा में करीब 80-85% छात्रों ने सफलता प्राप्त की थी। बोर्ड हर साल बेहतर शिक्षा और मूल्यांकन प्रक्रिया पर ध्यान दे रहा है, जिससे छात्रों के परिणाम बेहतर होते जा रहे हैं।

    2025 में भी RBSE 10वीं रिजल्ट में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है। बोर्ड ने मूल्यांकन और रिजल्ट घोषित करने की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं।

    रिजल्ट के बाद के कदम

    रिजल्ट जारी होने के बाद छात्रों के पास कई विकल्प होंगे:

    1. अगर आप पास होते हैं: यदि आप परीक्षा में पास हो जाते हैं, तो आप अगले साल 11वीं कक्षा में प्रवेश ले सकते हैं और विज्ञान, वाणिज्य, या कला में से कोई भी स्ट्रीम चुन सकते हैं।

    2. अगर आप फेल होते हैं: यदि आप एक या दो विषयों में फेल हो जाते हैं, तो आपको कंपार्टमेंट परीक्षा देनी होगी। इसकी तारीख और प्रक्रिया रिजल्ट के बाद जारी की जाएगी।

    3. स्क्रुटिनी के लिए आवेदन: अगर आप अपने अंक से संतुष्ट नहीं हैं, तो आप स्क्रुटिनी के लिए आवेदन कर सकते हैं।

    RBSE 10वीं रिजल्ट 2025 छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। रिजल्ट की घोषणा के बाद छात्रों के पास भविष्य के लिए नए अवसर होंगे। जो छात्र पास होंगे, वे अगले साल के लिए अपनी शिक्षा में और बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं, वहीं जिन छात्रों को संदेह होगा, वे स्क्रुटिनी का विकल्प ले सकते हैं। रिजल्ट के सही समय पर घोषित होने के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर नियमित रूप से अपडेट्स चेक करें और आवश्यक कदम उठाएं।

  • कॉग्रेस के तीनो मुख्यमंत्री ने ली पद की शपथ, सियासतदानो का लगा जमावड़ा

    कॉग्रेस के तीनो मुख्यमंत्री ने ली पद की शपथ, सियासतदानो का लगा जमावड़ा

    KKN न्यूज ब्यूरो। राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कॉग्रेसी मुख्यमंत्री ने अपने पद और गोपनियता की शपथ ले ली। इस मौके पर सियासतदानो का जमावड़ा भी लगा, जो 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में राजनीति के बदले आयामो का संकेत दे रहा था।

    https://www.youtube.com/watch?v=-ywofHF-MFw


    राजस्थान में अशोक गहलोत ने ली शपथ


    राजस्थान में अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री और सचिन पायलट ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस मौके पर विपक्षी दलों के कई नेता मौजूद रहे। हालांकि, बसपा सुप्रीमो मायावती और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव शामिल नहीं हुए। जबकि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इस समारोह में शामिल नहीं हुईं। दूसरी ओर कॉग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित कॉग्रेस के अधिकांश बड़े नेता इस शपथग्रहण समारोह में शामिल हुए।


    मध्यप्रदेश में कमलनाथ ने ली शपथ


    मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे आदि शामिल होंगे। इसी प्रकार पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, जदयू शरद गुट के शरद यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूख अब्दुल्ला, टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू, सीपीआई, सीपीएम, डीएमके के स्टालिन, आम आदमी पार्टी, सहित विपक्ष के कई शीर्ष नेता मौजूद थे। समारोह में कई उद्योगपति व साधु-संत सहित पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हुए।


    छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल ने ली शपथ


    इसी प्रकार छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेला ने मुख्यमंत्री पद व गोपनियता की शपथ ली। कॉग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित इस मौके पर बड़ी संख्या में सियासतदान जमा हुए। समझा जाता है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले इस समारोह की आर लेकर कॉग्रेसी खेमा में जबरदस्त उत्साह का संचार करने की कारगर रनणीति के तहत आम लोगो को भी संदेश देने की पुरजोर कोशिश की गई है।

  • सिंधिया और पायलट को कमान नहीं दे कर राहुल ने दिए बड़े संकेत

    सिंधिया और पायलट को कमान नहीं दे कर राहुल ने दिए बड़े संकेत

    KKN न्यूज ब्यूरो। कॉग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने बिग्रेड के दो युवा नेता सचिन पायलट और ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश का कमान क्यों नहीं दिया? यह एक यक्ष प्रश्न हैँ। पर, इसके बड़े मायने भी है। हालांकि, भविष्य में इसका असर क्या होगा? इस बात को लेकर फिलहाल मंथन शुरू हो गया है।


    युवा नेताओं को नहीं मिला कमान


    राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में परचम लहराने में कॉग्रेस ब्रिग्रेड के दो युवा नेता सचिन पायलट और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जबरदस्त काम किया था और कॉग्रेस को इसका लाभ भी मिला। किंतु, कांग्रेस अध्यक्ष ने 72 वर्षिय कमलनाथ और 67 वर्षिय अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बना कर बड़ा दाव खेला है। इसमे कोई दो राय नहीं कि यह दोनो दिग्गज नेता है और आज भी लोकप्रिय है।


    पुराने नेतृत्व से उब चुकीं है जनता


    भाजपा का हिन्दी पट्टी में हारने का एक बड़ा कारण यह भी रहा है कि जनता पुराने नेताओं को एक दशक से ज़्यादा समय से सत्ता में देख रही थी। बदलाव की हवा ने भाजपा को सत्ता विहीन कर दिया। इस हिसाब से गहलोत और कमलनाथ दोनों कुछ अलग नहीं हैं। कॉग्रेस के 47 वर्षिय ज्योतिरादित्य सिंधिया और 41 वर्षिय सचिन पायलट के रूप में राहुल गांधी के पास सक्षम और सम्पन्न नेतृत्व मौजूद था। इन दोनों नेताओं ने चुनाव अभियान के दौरान किसी भी वरिष्ठ नेता के बराबर मेहनत की और उसका नतीजा सबके सामने है।


    युवाओं में पैठ बनाने से चूके राहुल


    अगर राहुल युवा नेताओं को आगे करके कमान सौंपते तो उससे पार्टी एक नए अंदाज़, सोच और बदलाव का संदेश भेजती। इससे कांग्रेस को नरेन्द्र मोदी की युवाओं के बीच लोकप्रियता को हिन्दी पट्टी मे विभाजित करने का मौका भी मिलता। समाजवादी पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश को मुख्यमंत्री 2012 में बनाया और आज वह उत्तर प्रदेश के सबसे लोकप्रिय युवा नेताओं में से एक हैं। वह 2017 का चुनाव भले ही हार गए हों लेकिन प्रदेश मे भाजपा को चुनौती देने वाले वह अब अकेले युवा नेता हैं।

  • मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सीएसडीएस का सर्वे अनुमान

    मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सीएसडीएस का सर्वे अनुमान

    भारत में लोकसभा चुनाव से पहले हो रहे पांच राज्यों का चुनाव देश के राजनीति का दशा और दिशा तय करने वाला संकेत माना जा रहा है। भाजपा और कॉग्रेस के नेताओं की जबरदस्त जोर आजमाइस भी इसी ओर सेंकेत देता है। एबीपी न्यूज के लिए सीएसडीएस का सर्वे अनुमान बहरहाल राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बन गया है।

    दो राज्य में भाजपा और एक में कॉग्रेस की बढ़त

    सीएसडीएस का सर्वे अनुमान को सच मान लिया जाये तो मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार फिर बन सकती है। जबकि, राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने का अनुमान लगाया जा रहा है। कहा यह भी जा रहा है कि इसका असर अगले लोकसभा चुनाव पर भी होगा। इन्हीं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकप्रियता का भी पता चलेगा।

    मध्य प्रदेश में पहली पसंद बने शिवराज

    मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के रूप में शिवराज सिंह चौहान नंबर एक पर बरकरार हैं। सर्वे में 37 प्रतिशत लोग शिवराज को तो 24 प्रतिशत लोग ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री के रूप में अपनी पसंद बता रहे हैं। जबकि, मात्र 10 फीसदी ने ही कमलनाथ को अपनी पसंद बताया। विधानसभा की कुल 230 सीटों पर 28 नवंबर को वोटिंग होगी और नतीजे 11 दिसंबर को घोषित होंगे। सर्वे के मुताबिक मध्य प्रदेश में भाजपा बहुमत का आंकड़ा छू सकती है।

    छत्तीसगढ़ : रमन सिंह की लोकप्रिय बरकरार

    छत्तीसगढ़ में सर्वे के मुताबिक राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री रमन सिंह 40 प्रतिशत लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं। हालांकि, 20 प्रतिशत लोगों ने अजीत जोगी को अपनी पसंद बताया। वहीं, 14 प्रतिशत लोगों ने भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री के रूप में अपनी पसंद बताया है। अजीत जोगी का गठबंधन कांग्रेस के लिए बड़ा खतरा बन कर उभरा है। उन्हें 15 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान हैं। इस वजह से भाजपा फिर पूर्ण बहुमत का आंकड़ा पार कर सकती है। हालांकि, अजीत जोगी के गठबंधन को महज 4 सीटें मिलता हुआ दिख रहा हैं।

    राजस्थान में कांग्रेस की बढ़त

    राजस्थान में हुए सर्वे के मुताबिक कांग्रेस के लिए खुशखबरी है। सीटों के लिहाज से कांग्रेस बहुमत का आंकड़ा पार कर सकती है। वोट शेयर में भाजपा और कांग्रेस के बीच 4 प्रतिशत का अंतर बताया गया है। लेकिन, लोकप्रियता के पैमाने पर मुख्यमंत्री के रूप में वसुंधरा राजे अभी भी 32 प्रतिशत के साथ नंबर एक पर बनी हुई हैं। उनके बाद कांग्रेस के अशोक गहलोत 26 प्रतिशत, तो कांग्रेस के ही सचिन पायलट 14 प्रतिशत लोगों की पसंद हैं।

  • … और कोर्ट में ही रो पड़ा आसाराम

    … और कोर्ट में ही रो पड़ा आसाराम

    नाबालिग से रेप के आरोप में आसाराम को उम्र कैद

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    जोधपुर। जोधपुर की एक अदालत ने आसाराम बापू को जैसे ही उम्र कैद के सजा एलान किया, आसाराम रो पड़ा। मामला एक नाबालिग से रेप का था। इस केस के दो और आरोपी शिल्पी उर्फ संचिता गुप्ता और शरदचंद्र उर्फ शरतचंद्र को अदालत ने 20-20 साल की सजा और जुर्माना सुनाई है।

    कोर्ट ने इससे पहले फैसला सुनाते हुए शिवा उर्फ सवाराम और प्रकाश द्विवेदी को बरी कर दिया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने माना है कि आसाराम ने ही नाबालिग से बलात्कार किया था। कोर्ट रूम में फैसले से पहले आसाराम का चेहरा उतरा हुआ था। घबाराहट में वह लगातार राम नाम और हरिओम का जाप कर रहा था।
    बतातें चलें कि आसाराम को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की एक किशोरी की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया था। पीड़िता आसाराम के मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा आश्रम में अध्ययन करती थी। पीड़िता का आरोप था कि आसाराम ने जोधपुर के पास मनाई इलाके में अपने आश्रम में बुलाकर उससे 15 अगस्त, 2013 को उसके साथ बर्बर रेप किया था।

  • सलमान खान को पांच साल की हुई सजा, गये जेल

    सलमान खान को पांच साल की हुई सजा, गये जेल

    राजस्थान। फिल्म स्टार सलमान खान को पांच साल की सजा और 10 हजार रुपये का जुर्माना हुआ है। जोधपुर कोर्ट ने उन्हें जोधपुर सेंट्रल जेल भेज दिया है। उन पर काला हिरण के शिकार करने का आरोप है।

    दरअसल, यह मामला वर्ष 1998 की है। हम साथ-साथ हैं फिल्म शूटिंग के दौरान उन पर काला हिरण का शिकार करने का आरोप लगा था। इस मामले में आरोपी सलमान खान को जोधपुर कोर्ट ने दोषी करार दिया है। उन्हें पांच साल की सजा सुनाई गई है। उनके साथ इस मामले में बाकी चार बॉलीवुड स्टार्स सैफ अली खान, नीलम, तब्बू और सोनाली बेन्द्रे भी आरोपी थे। इन्हें बरी कर दिया गया है। सलमान को जोधपुर सेंट्रल जेल में रखा गया है। शुक्रवार को उनके वकील जमानत के लिए सेशंस कोर्ट में अपील करेंगे। सलमान पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। बता दें कि इस मामले में सलमान पर चार केस दर्ज किए गए थे।
    यह है मामला
    वर्ष 1998 में हम साथ-साथ हैं की शूटिंग राजस्थान में चल रही थी। सलमान खान और उनके साथियों पर 2 चिंकारा और 3 काले हिरणों के शिकार का आरोप लगा था। सलमान पर आर्म्स एक्ट के तहत भी केस दर्ज हुआ था। सलमान के कमरे से उनकी पिस्टल और राइफल बरामद की गई थीं। जांच में पता चला कि बरामद हथियारों के लाइसेंस की मियाद खत्म हो चुकी थी। आरोप है कि जोधपुर के घोड़ा फार्म हाउस और भवाद गांव में 27-28 सितंबर 1998 की रात हिरणों का शिकार किया गया था। इसके बाद कांकाणी गांव में 1 अक्टूबर को 2 काले हिरणों के शिकार करने का आरोप भी लगा था।

  • राजस्थान में नबालिक से रेप करने पर होगी फांसी

    राजस्थान में नबालिक से रेप करने पर होगी फांसी

    राजस्थान। रेप की बढ़ती घटनाओं को देख कर राजस्थान सरकार ने कड़े कानून बनाएं हैं। अब नबालिक से रेप करने पर फांसी होना तय हो गया है। मध्य प्रदेश के बाद अब राजस्थान सरकार ने भी रेप के दोषियों को कड़ी सजा देने का रास्ता साफ कर दिया है।

    राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को 12 साल या उससे कम उम्र की लड़कियों से रेप के दोषियों को फांसी की सजा के प्रावधान वाला बिल पास कर दिया गया। एनसीआरबी द्वारा जारी किए आंकड़ों में रेप की घटनाओं को लेकर अव्वल रहने पर लगातार आलोचनाओं का सामना कर रही मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने सबसे पहले यह बिल पेश किया था।

  • सड़क दुर्घटना में बाल-बाल बचीं पीएम मोदी की पत्नी

    सड़क दुर्घटना में बाल-बाल बचीं पीएम मोदी की पत्नी

    पूजा श्रीवास्तव
    चित्तौड़गढ़। राजस्थान की चित्तौड़गढ़ में हुए एक सड़क दुर्घटना में पीएम मोदी की पत्नी जसोदाबेन बाल बाल बच गयी। हालांकि, उनके सिर पर चोट आई है।

    इस सड़क दुर्घटना में उनके एक रिश्तेदार की मौत हो जाने की खबर है। जबकि चार अन्य बुरी तरीके से जख्मी हो गए हैं। यह हादसा राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में बुधवार सुबह की है। बताया जा रहा है कि जसोदाबेन एक शादी समारोह में शामिल होने के बाद अपने रिश्तेदारों के साथ वापस गुजरात लौट रही थीं। इस दौरान कोटा-चित्तौड़गढ़ हाईवे पर उनकी गाड़ी एक ट्रक से टकरा गई। जसोदाबेन एक इनोवा कार से गुजरात वापस लौट रही थीं। दुर्घटना में इनोवा भी बूरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो गया है।

  • कलियुगी बेटे का करतुत, मां को पीटा

    पूजा श्रीवास्तव
    राजस्थान। राजस्थान के अलवर जिले से आई एक वीडियो इन दिनो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक युवक बूढ़ी औरत की बेरहमी के साथ पिटाई करते हुए देखा जा रहा है। तफ्तीश करने पर पता चला कि वह युकव पेशे से शिक्षक है और जिसकी वह पिटाई कर रहा है। वह बूढ़ी महिला, उसी की मां है।

    बहरहाल, इसी वर्ष 18 जनवरी को मां की मौत होने के बाद यह वीडियो वायरल हुआ है।
    आरोपी पुत्र जोगेंद्र सरकारी स्कूल में टीचर है। इस मामले में शाहजहांपुर पुलिस ने स्वयं प्रसंज्ञान लेते हुए आरोपी शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज किया है। बतातें चलें कि उसकी वृद्ध मां ब्रह्म कौर देवी पिछले छह वर्षो से लकवा रोग से पीड़ित थी। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होते ही राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ने स्वयं संज्ञान लेकर अलवर एसपी से रिपोर्ट तलब की है।

  • राजस्थान उपचुनाव में भाजपा को झटका

    राजस्थान उपचुनाव में भाजपा को झटका

    कांग्रेस ने तीनो सीट पर किया कब्जा

    राजस्थान। राजस्थान के तीन सीट पर हुए उपचुनाव का परिणाम आ गया है। चुनाव परिणामो से सत्तारूढ़ भाजपा को बड़ा झटका लगा है। कॉग्रेस ने तीनो सीट पर कब्जा करके अपने जबरदस्त प्रदर्शन के संकेत दे दिएं हैं।

    दरअसल, राजस्थान के अलवर और अजमेर में लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव हुआ था। वही, मांडलगढ़ विधानसभा के लिए भी उपचुनाव कराये गये थे। इस उपचुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को हरा दिया है। अलवर लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार करण सिंह यादव ने बीजेपी के डॉ. जसवंत यादव को 1 लाख 96 हजार 496 मतों से, अजमेर में कांग्रेस के रघु शर्मा ने बीजेपी प्रत्याशी रामस्वरूप लांबा को 84 हजार 162 मतों से और मांडलगढ़ में कांग्रेस उम्मीदवार विवेक धाकड़ ने 12 हजार 976 मतों से जीत हासिल की है।
    उपचुनाव में कांग्रेस के इस बेहतरीन प्रदर्शन पर पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि बीजेपी की देश में उल्टी गिनती शुरू हो गई है। बेरोजगारी, महंगाई से लोग नाराज हैं और अब लोगों ने सरकार को हटाने का संकल्प कर लिया है। वहीं, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि हम राजस्थान के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।
    बतातें चलें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद प्रो. सांवर लाल जाट के निधन के बाद अजमेर, बीजेपी सांसद चांद नाथ योगी के निधन के बाद अलवर और बीजेपी विधायक कीर्ति कुमारी के निधन के बाद मांडलगढ़ सीट खाली हुई थी। लोकसभा और विधानसभा की तीनों सीटों पर 29 जनवरी को मतदान हुआ और 1 फरवरी को मतगणना कराई गई।

  • बेटी ने कराई मां का विवाह

    बेटी ने कराई मां का विवाह

    पिता की मौत के बाद सदमें में थी महिला

    पूजा श्रीवास्तव
    राजस्थान। जयपुर की एक बेटी ने अपनी विधवा मां की दोबारा शादी कराकर समाज के सामने एक मिसाल पेश कर दी है। बतातें चलें कि गीता अग्रवाल के पति मुकेश गुप्ता की मौत मई 2016 में हार्ट अटैक से हो गई थी। जयपुर के एक स्कूल में पढ़ाने वाली गीता पति की मौत का सदमा सहन नहीं कर सकी। इस बीच गीता की बेटी संहिता अपने काम के सिलसिले में गुड़गांव आ गई। बेटी के जाने बाद गीता बिल्कुल अकेली हो गई और हमेशा गुमसुम रहने लगी। संहिता ने बताया कि मां को अकेला छोड़ने का उसे हमेशा अफसोस होता था। बतातें चलें कि संहिता की एक बड़ी बहन भी है जो अपने परिवार में व्यस्त रहती है।

    संहिता बताती हैं कि मुझे वह दिन आज भी याद है कि पिता की मृत्यु के छह महीने बाद मैंने काम पर लौटने का फैसला किया और मैंने घर के बाहर सीढ़ियों पर मां को उदास बैठे हुए देखा था। तभी मैंने फैसला किया कि मां को पिता की यादों से दूर रखने के लिए व्यस्त रखना होगा। मुझे याद है कि मां नींद में पापा का नाम लेकर चिल्लाती थीं और अचानक ही नींद से उठकर मुझसे पूछती थीं कि पापा कहां हैं?
    बीते साल अगस्त में संहिता ने तय किया कि मां का दिल बहलाने के लिए एक पार्टनर की जरूरत है। संहिता कहती हैं, हर आदमी को एक साथी की जरूरत होती है। संहिता की माने तो उसने अपनी मां से अनुमति लिए बिना ही 53 वर्षीय मां का एक प्रोफाइल बनाया और मैट्रिमोनियल साइट पर डाल दिय। इसमें संहिता ने खुद का फोन नंबर दिया था। साइट पर प्रोफाइल बनने से संहिता के पास लोगों के फोन आने लगे। सितंबर में संहिता जब अपनी मां के पास जयपुर गई तो उसने इस बारे में अपनी मां को बताया। गीता ने जब यह बात सुनी तो वह घबरा गईं और कहने लगी कि उसका परिवार और समाज इस बारे में क्या सोचेगा।
    गीता कहती है कि रूढ़ीवादी परिवार और समाज में विधवा विवाह एक अपमानजनक बात है और वह भी इस उम्र में तो कतई संभव नहीं है। संहिता बताती हैं कि अच्छी बात ये रही कि परिवार का कोई भी सदस्य विरोध में सामने नहीं आया। इसके बाद अक्टूबर में बांसवाड़ा से 55 वर्षीय केजी गुप्ता ने संहिता से संपर्क किया और शादी की इच्छा जताई। राजस्व इंस्पेक्टर के पद पर तैनात केजी गुप्ता की पत्नी का निधन कैंसर के चलते 2010 में हो गया था। गुप्ता ने बताया कि अकेलापन दूर करने के लिए पहले तो उन्होंने खुद को बैडमिंटन में व्यस्त रखने की कोशिश की थी। लेकिन अब स्वास्थ्य की भी समस्याएं पैदा होने लगी और एक साथी ने उन्हें फिर से शादी करने की सलाह दी। बतातें चलें कि श्री गुप्ता के दो बेटे भी हैं। फिलहाल, दोनो पति पत्नी के रूप में खुश है।

  • माननीय के हेलीपैड तैयार करने में जुटी नाबालिग बच्चियां

    माननीय के हेलीपैड तैयार करने में जुटी नाबालिग बच्चियां

    खुलाशे के बाद अधिकारियों के हाथ-पांव फूले

    राजस्थान। प्रसाशन के अधिकारियों में बच्चों के प्रति कितनी संजीदगी है। इसका खुलाशा राजस्थान के झालावाड़ में हुआ। जब इस हरकत को मीडिया ने अपने कैमरे में कैद किया तो अधिकारियों में हड़कंप मच गया और आनन फानन में इस काम को बंद कराया गया। दरअसल, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के झालावाड़ आगमन से पहले प्रशासन के द्वारा हेलीपैड बनाने में गांव के नबालिग बच्चियों को काम पर लगाया गया था।

    बतातें चलें कि मुख्यमंत्री अपने हर दौरे पर बालिकाओं के विकास की बात करती है। उन्हीं के लिए हेलीपैड बनाने में नबालिग को काम पर लगाने से कई सवाल खड़े हो गएं हैं। बतातें चलें कि दुबलिया उर्फ पिड़ावा गांव के पूर्व सरपंच भगवान सिंह के निधन के मौके पर मुख्यमंत्री वहां पंहुची थी, जिसके लिए यह हैलीपेड तैयार किया गया था।

  • ऑपरेशन थिएटर में लड़ने लगे डॉक्टर

    ऑपरेशन थिएटर में लड़ने लगे डॉक्टर

    ऑपरेशन टेबुल पर बेसुध पड़ी थी गर्भवती

    राजस्थान। जोधपुर के एक हॉस्पिटल से हैरान कर देने वाला खबर आया है। खबरो के मुताबिक डॉक्टर एक ऐसे मरीज को छोड़कर लड़ रहे थे जिसके बच्चे की पेट में ही मौत हो गई थी और वो ऑपरेशन थिएटर में बेसुध पड़ी थी। बहरहाल, इन दोनों सीनियर डॉक्टर्स को नौकरी से निकाल दिया गया है। बताया जा रहा है कि महिला को क्रिटिकल हालत में हॉस्पिटल लाया गया था और उसे तुरंत ऑपरेशन थिएटर में शिफ्ट कर दिया गया। इसके तुरंत बाद जल्द ही उसके बच्चे की पेट में ही मौत हो गई। महिला की ऑपरेशन के लिए थिएटर में ही दो डॉक्टर्स किसी बात पर आपस में ही उलझ गए और एक दूसरे पर चिल्लाने लगे। इतना ही नही बल्कि, दोनो ने एक दूसरे को चेतावनी देना भी शुरू कर दिए। एनआई की एक खबर के मुताबिक राजस्थान हाईकोर्ट ने बुधवार को दो बजे तक इस पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी है।

  • संगी बहन को बनाया पत्नी और…

    संगी बहन को बनाया पत्नी और…

    तीन साल का एक बेटा भी है

    राजस्थान। राजस्थान से रिश्तो को तार तार करने वाली एक खबर आई है। एक कलयुगी बहन ने अपने संगे भाई के साथ जो रिश्ता बनाया, वह सभी को हैरान करने वाला है। दरअसल संगी बहन ने अपने पति को छोड़ कर अपने ही भाई की पत्नी बन गई। बहन के प्यार में अंधा हो चुका भाई ने भी अपनी पत्नी को त्याग दिया और बहन को से जिस्मानी रिश्ता कायम करके रिश्ते की पवित्रता को शर्मसार कर दिया है।
    खबरो के मुताबिक दोनों नाम बदलकर पिछले पांच वर्षो से राजस्थान के सीकर में पति पत्नी बन कर रह रहा था। लेकिन यह रिश्ता दुनिया की नजरो में छिप नही सका। पत्नी बनी बहन ने पिछली रात अपने कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस जांच में मामले की परतें खुलीं तो हर कोई दंग रह गया। जांच में पता चला कि दोनों का 3 वर्ष का एक बेटा भी है। पुलिस ने अनुसार जयपुर के एक गांव का रहने वाला सुनील उर्फ पप्पू और उसकी सगी बहन उषा किराए के मकान में पति-पत्नी की तरह रहते थे। सुनील घर बेचकर यहां आया था और कारपेंटर का काम कर रहा था।

  • हाजीरी के लिए अंगूठा लगाने जा रहे है, तो आंखे बंद कर ले

    हाजीरी के लिए अंगूठा लगाने जा रहे है, तो आंखे बंद कर ले

    ​बायोमेट्रिक मशीन पर अश्लील विज्ञापन, हाजिरी लगाने वालोंमे को उठानी पड़ रही शर्मिंदगी

    राजस्थान का कोटा एक बार फिर से सुर्खियो मे

    संतोष कुमार गुप्ता

    कोटा। देश मे राजस्थान के कोटा का नाम बहुत ही सम्मान से लिया जाता है।किंतु यहां अजब गजब कारगुजारियो से कोटा एक बार फिर से सुर्खियो मे है।  राजस्थान सरकार की महिला कर्मचारियों की जमकर फजीहत हो रही है। महिला सुरक्षा का दम भरने वाला सरकारी सिस्टम ही उनका मानसिक उत्पीडऩ कर रहा है। हालत इस कदर खराब हैं कि महिला कर्मचारियों को हाजिरी लगाने के अश्लील तस्वीरें देखने के लिए मजबूर किया जा रहा है।  राजस्थान के मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने इस साल की शुरुआत में बायोमेट्रिक हाजिरी अनिवार्य कर दी थी, लेकिन मशीन लगाने वाली निजी कंपनी ने इन्हें कमाई का जरिया बना डाला। जैसे ही कोई कर्मचारी बायोमेट्रिक मशीन की स्क्रीन पर थम्ब इम्प्रेशन लगाने जाता है, स्क्रीन पर विज्ञापन दिखाई देने लगते हैं। शुरुआत में तो सब कुछ ठीक था, लेकिन अब मशीन की स्क्रीन अश्लील विज्ञापनों ने घेर ली है।

    कोटा के एमबीएस अस्पताल में लगी बायोमेट्रिक मशीन पर महिला ही नहीं पुरुष कर्मचारियों से लेकर चिकित्सकों तक को शर्मसार होना पड़ता है। वह जैसे ही बायोमेट्रिक मशीन पर उपस्थिति दर्ज करवाने के लिए थम्ब इम्प्रेशन लगाते हैं, उस पर अश्लील विज्ञापन आना शुरू हो जाता है। सबसे ज्यादा बुरी हालत महिला कर्मचारियों और चिकित्सकों की होती है। उन्हें पुरुष कर्मचारियों की मौजूदगी में ही यह विज्ञापन देखने पड़ते हैं, इसके बाद ही वह अपनी हाजिरी लगा पाती हैं। मेडिकल कॉलेज में 150 से ज्यादा फैकल्टी है, जिनमें 30 फीसदी महिलाएं है।

    एमबीएस हॉस्पीटल ही नहीं मेडिकल कॉलेज, प्रशासनिक खण्ड, सुल्तानपुर सीएचसी, दीगोद पीएचसी, जेके लोन हॉस्पीटल, और नए अस्पताल तक में लगी करीब 22 मशीनों का यही हाल है। एमबीएस हॉस्पीटल के प्रभारी अधिकारी डॉ. नवीन सक्सेना ने बताया कि यह मशीनें निजी कंपनी ने लगाई हैं। इन पर अश्लील तस्वीरें दिखाने की शिकायत मिल चुकी है। जिसकी जानकारी एमसीआई और सरकार को दे दी गई है। साथ ही मशीन स्थापित करने वाली फर्म को भी इसे ठीक करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

  • शीशा तोड़ कार में घुसा घोड़ा

    शीशा तोड़ कार में घुसा घोड़ा

    गर्मी से बौखलाया हुआ था घोड़ा

    राजस्थान। राजस्थान की राजधानी जयपुर के हसनपुरा इलाके में एक घोड़ा सड़क पर कोहराम मचाता हुआ एक कार में जा घुसा। जयपुर की जबरदस्त गर्मी से बौखलाया घोड़ा कार की शीशा को तोड़ते हुए कार के एसी का मजा लेने के लिए अंदर तक चला आया। बाद में वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और घोड़े को कार से बाहर निकाला गया।
    इस हादसे में कार चला रहे इवेंट कंपनी के मैनेजर पंकज जोशी जख्मी हो गये और घोड़े को तो चोट आई ही हैं। वन विभाग के पशु अधिकारी के अनुसार ज्यादा गर्मी की वजह से घोड़ा भागा होगा और आंख पर कपड़ा बंधे होने की वजह से घबराहट में वह कार पर कूद गया होगा। बहरहाल, घोड़े के इस हरकत से कार को भारी क्षति पहुंची है। इस घटना को जिसने भी देखा, वह सभी अचम्भे में हैं। घटना इसी वर्ष 5 जून की है।

  • 40 सालो से भटकती आत्मा को लेने अस्पताल पहुंचे परिजन

    40 सालो से भटकती आत्मा को लेने अस्पताल पहुंचे परिजन

    ​युवती के शरीर में प्रवेश कर आत्मा ने की बात

    पंडित के साथ पहुंचे परिजनो ने घंटो की पूजा

    आत्मा को मनाने के लिए परिजनो ने गाये गीत

    संतोष कुमार गुप्ता

    जयपुर। अंधविश्वास अब भी ग्रामीण इलाको के लोगो को जकड़ कर रखा है। डिजिटल क्रांति के दौर में जहां हम चांद पर पहुंच रहे है।वही अंधविश्वास हमारे आधुनिक दौर का सबसे बड़ा रोड़ा बनका जा रहा है। भारत जहां एक ओर डिजिटल इंडिया की तरफ कदम बढ़ा रहा है, वहीं आज भी ग्रामीण अंचल में रहने वाले लोगों के जेहन में अंधविश्वास जैसी पुरानी रीती-रिवाजों का बोलबाला है। राजस्थान के बूंदी के नैनवा अस्पताल में ऐसा ही नजारा एक बार फिर देखने को मिला, जहां अस्पताल से अपनों की आत्मा को लेने परिजन पहुंच गए। जानकारी के मुताबिक अस्पताल में आत्मा को मनाने का कई घंटो तक चला आयोजन लोगों के लिए कोतूहल का विषय बना रहा। परिजनों का कहना है की हमें लंबे समय से आत्मा परेशान कर रही हैं। जिससे आज पंडितजी के कहने पर जहां पर मौत हुई थी, वहीं से आत्मा को गांव ले जाने के लिए आए हैं।
    युवती के शरीर में प्रवेशकर आत्मा ने की बात
    परिजनों के अनुसार नैनवां टोडापोल पुराने चिकित्सालय में 40 वर्षो से एक आत्मा भटक रही है। परिजन उसको अपने साथ ले जाने के लिए आए हैं। सबने मिलकर चिकित्सालय परिसर में ही नीम के पेड़ के नीचे टोने-टोटके किए। पूजा की सामग्री रखकर महिलाओं ने पिता की आत्मा को मनाने के लिए गीत गाए। लोगों के अनुसार कुछ समय बाद एक युवती के शरीर में आत्मा ने प्रवेश कर परिजनों से बात की।
    आत्मा ने बताया वह अब तक अस्पताल में ही है
    दूगारी निवासी परिवार के मुखिया राधेश्याम गुर्जर ने बताया कि 40 वर्ष पूर्व उनके बड़े भाई घनश्याम गुर्जर की मौत हो गई थी। एक वर्ष पूर्व उनकी बहन लीला बाई के शरीर में प्रवेश कर आत्मा ने बताया कि वह 40 वर्षो से नैनवां के पुराने चिकित्सालय में भटक रही है। इस पर परिजन आत्मा को मनाने पहुंचे है। वर्तमान में पुराना चिकित्सालय ब्लॉक सीएसएचओ कार्यालय है।

     

    अस्पताल में पहले भी किया जा चुका है टोटका
    एक ओर आत्मा को लेने के लिए टोना टोटका किया जा रहा था,वहीं ब्लॉक सीएमएचओ के कर्मचारी यह नजारा देख कर चुप्पी साधे हुए थे। पुराने चिकित्सालय के पड़ोस में रहने वाली रामकन्या ने बताया कि यहा कई बार ऐसा नजारा देखने को मिलता है। एक आत्मा यहा सर्प के रूप में देखी गई थी। जिसको कुछ वर्षो बाद जजावर गांव के लोग लेने आए थे और उसे मनाकर अपने साथ ले गए।

  • चार गांवो को श्राप, नही बना सकते पक्की छत

    चार गांवो को श्राप, नही बना सकते पक्की छत

    ​महिलाओ को पांवो मे घूंघरू या पायल पहनने पर भी मनाही

    कलक्टर हो या जज वो भी नही बना सकते छत वाला घर

    छत बनाने पर गांवो को हो चुका है व्यापक नुकसान

    संतोष कुमार गुप्ता

    बूंदी। वर्तमान दौर मे अब हर व्यक्ति चाहता है कि उसके सिर पर छत हो। आलीशान मकान हो। सपनो का महल हो। आज के बदलते दौर में हर कोई अपने लिए शानदार मकान का सपना देख रहा है लेकिन आज हम आपको ऐसी खबर बताने जा रहे हैं जिस पर शायद आपको विश्वास नहीं होगा। राजस्थान के बूंदी जिले में चार गांव ऐसे हैं जहां किसी भी घर के उपर पक्की छत नहीं है। फिर चाहे वो घर कलेक्टर साहब का हो, जज साहब का या फिर किसी भी बड़े से बड़े अधिकारी का।
    राजस्थान के बूंदी जिले के साथेली, बथवाड़ा, अंथड़ा और लीलेड़ा व्यवसान गांवों में ऐसी ही एक मान्यता है। यहां के लोगों का मानना है कि लोक देवता भैरुजी के प्रति हमारी गहरी आस्था है। हमें बचपन से ही भगवान भैरुजी के चमत्कारों के बारे में बताया गया है, इसलिए इन चार गांवों का कोई भी निवासी इन मान्यताओं को तोड़ना नहीं चाहता और अपने घर पर पक्की छत नहीं डलवाता।
    आपको बता दें कि इन गांवों में रहने वाले लोग अपने घरों की दीवारें तो पक्की बना लेते हैं पर छत पर पटि्टयां नहीं डाली जाती। छत पर पट्टियां डालना या फिर पक्की छत डालना ये लोग एक अभिषाप मानते हैं। इनके अनुसार यदि किसी ने भूलवश अथवा नजरअंदाज करते हुए अपने घर पर पटि्टयां डाल दी तो उसके परिवार के साथ कोई न कोई अनहोनी होनी तय मानी जाती है। ऐसे कुछ मामले गांव में देखने को मिले हैं।

    इतना ही नहीं इन गांवों की महिलाएं पांवों में पायजेब या घुंघरु भी पहनती क्योंकि इसे भी यहां अभिशाप ही माना जाता है। यहां की महिलाएं कहती है कि इस अभिषाप या मान्यता के चलते पांवों में घुंघरु या पायल पहनने पर मनाही है।

    आपको बता दें कि उक्त गांवों में दो आईएएस, दो आयकर अधिकारी, एक जज सहित दर्जनों शिक्षकों के भी घर हैं। इन पढ़ें लिखें लोगों के घरों पर भी पक्की छतें नहीं हैं। इन लोगों ने मान्यता के चलते घरों पर पक्की छत डालने के बजाय शहर की ओर पलायन करना ही उचित समझा।

    यहां के लोगों के अनुसार ऐसा नहीं है कि गांन में सभी लोग लोग गरीब हैं। लेकिन लोकदेवता भैरुजी द्वारा की गई मनाई के चलते कोई भी ऐसा नहीं करना चाहता। इन लोगों ने बताया कि कुछ वर्षों पहले एक सरकारी स्कूल पर पटि्टयां (पक्की छत) डाली गई थी लेकिन अज्ञात कारणों के चलते वह भी गिर गईं।

  • यहां होता है दुल्हन का बंटबारा

    यहां होता है दुल्हन का बंटबारा

    जमीन बचाने की अनोखी परंपरा

    राजस्थान।  भारत में परंपरा के नाम पर कई ऐसे काम किये जाते हैं जिनको सुनकर आप स्तब्ध रह जायेंगे। दरअसल, यहां जमीन के बंटबारे को रोकने के लिए दुल्हन का बंटबारा होता है और सदियों से चली आ रहा यह परंपरा यहां एक प्रथा का रूप ले चुकी है।
    परंपरा के नाम पर होने वाला यह प्रथा राजस्थान के अलवर जिले के एक छोटे से गांव मनखेरा की है। कहतें हैं कि जमीन का बंटवारा न हो, इसके लिए कोई एक भाई शादी करता है और बाकी के सभी भाई उसी दुल्हन के साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाता है। ताज्जुब की बात ये कि यह सब कुछ परिवार वालों की रजामंदी से होता है। यहां तक की नव विवाहिता दुल्हन को भी होने वाले इस घिनौने कृत की पहले से जानकारी होती है। किंतु, परंपरा के नाम पर दुल्हन इसे राजी खुशी  कबूल कर लेती है।
    जानकार बतातें है कि मनखेरा गांव के लोग सदियों से जमीन के बंटबारा को रोकने के लिए दुल्हन का बंटबारा करते आयें हैं। क्योंकि, यहां एक महिला से होने वाला संतान पर सभी भाइयों का समान अधिकार होता है। लिहाजा पुस्तैनी जमीन का बंटबारा नही होता और पुरा परिवार मिल कर एक ही साथ रहता है।
    इस परंपरा के पीछे एक और बड़ा कारण इस समाज में महिला का अभाव भी माना जा रहा है। कहतें हैं कि गर्भ में ही मादा भ्रूण की पहचान करके उसे नष्ट कर देने से मनखेरा के सभी युवाओं को अलग अलग विवाह करने के लिए युवती नही मिल पाती है। लिहाजा, पुराने जमाने में एक ही दुल्हन को सभी भाइयों के बीच सांझा करने की परंपरा को विकसित किया गया। आलम ये है कि आज के आधुनिक युग में यदि कोई महिला घर के दूसरे पुरुष के साथ शारीरिक संबंध बनाने से मना कर दे, तो परिवार के सभी लोग मिल कर उस महिला को तब तक प्रताड़ित करतें हैं, जब तक कि वह इसके लिए तैयार नही हो जाये।

  • नाग की मौत पर नागिन का चढा तेवर

    नाग की मौत पर नागिन का चढा तेवर

    सातवीं बार  डंसा युवक को…

    संतोष कुमार गुप्ता

    अजमेर। आपने अब तक नागिन, नाचे नागिन गली गली और निगांहे जैसी फिल्मे देखी होगी। जिसमे नाग और नागिन की प्रेम कहानी इंसानो के लव स्टोरी को भी पीछे छोड़ देती है।आपने अब तक सुना होगा कि नाग को मारने वाले से नागिन बदला लेती है। ये कहानी आपने फिल्मों या टीवी सीरियलों में देखा होगा। लेकिन यह सुनकर शायद आपको अचरज हो कि रील लाइफ की यह कहानी एक युवक के साथ रीयल लाइफ में भी घटित हो रही है। लेकिन यहां कहानी में दिलचस्प बात यह है कि नाग को किसी और ने मारा जबकि नागिन गलतफहमी का शिकार बनकर किसी और से बदला लेने पर तुली हुई है। नागिन ने युवक को एक दो नहीं बल्कि सात बार निशाना बनाया और खुशकिस्मती से हर बार युवक की जान बच गई। युवक इस बात से परेशान है कि आखिर नाग को जब किसी ओर ने मारा तो नागिन उससे बदला लेने पर क्यों तुली है और नागिन का उसके साथ यह खेल कब खत्म होगा?
    जानकारी के अनुसार अजमेर के नरसिंहपुरा में रहने वाले मुकेश को बुधवार को फिर नागिन ने डस लिया। उसे परिजनों ने इलाज के लिए जवाहरलाल नेहरु अस्पताल में भर्ती कराया है। मुकेश इससे पहले भी छह बार नागिन के डसने के बाद इसी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हुआ था।

    मुकेश से नागिन के बदला लेने की कहानी लगभग चार साल पहले फॉय सागर रोड से शुरू हुई थी, जहां वह ठेला लगाकर कपड़ों पर प्रेस करने का काम करता है। एक दिन मुकेश के ठेले के पास कुछ लोगो ने एक सांप को मार कर फैक दिया। हिन्दू परम्पराओं में विश्वास करने वाले मुकेश ने उस सांप का अंतिम संस्कार अपने ठेले के पास ही कर दिया और फिर यहीं से शुरू हुई नागिन के बदले की कहानी।
    नागिन की गलतफहमी का शिकार अब मुकेश हो रहा है। मुकेश के परिवार वालो की माने तो शायद नागिन ने नाग का हत्यारा मुकेश को समझ लिया है और बदला लेने के लिए मुकेश को मौत के घाट उतारने पर तुली है। मुकेश के परिवार की माने तो नागिन इस बदले को किसी भी कीमत पर लेना चाहती है। बताया जा रहा है की मुकेश को इस नागिन ने पांच बार उसके ठेले के पास ही अपना शिकार बनाया, वही दो बार नागिन उसके घर तक पहुच गई और घर के अंदर ही उसे डस लिया

    हर बार नागिन का शिकार हुए मुकेश को समय पर चिकित्सा मिलने से उस की जान बचती रही है। लेकिन आखिर यह सिलसिला कब थमेगा। इसी सवाल का जवाब ढूंढने और मुकेश को नागिन से बचाने के लिए परिवार वालो ने तांत्रिक से लेकर झाड़-फूंक करने वालों तक के चक्कर काटे, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। फिलहाल मुकेश को आज एक बार फिर नागिन ने अपना शिकार बनाया है। मुकेश की जान इस बार भी बचाने की डॉक्टर कोशिश कर रहे हंै। अब मुकेश को भी लगने लगा है की यदि वो नागिन से बच भी गया तो एक दिन कहीं नागिन का खौफ ही उसकी जान ना ले ले।