KKN गुरुग्राम डेस्क | कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है।
सरकार ने कई प्रमुख पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों को भारत में बैन कर दिया है।
इनमें पूर्व क्रिकेटर शोएब अख्तर, पत्रकार आरज़ू काज़मी, और टिप्पणीकार सैयद मुज़म्मिल शाह जैसे बड़े नाम शामिल हैं।
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यह प्रतिबंध भारतीय उपयोगकर्ताओं को इन चैनलों तक पहुँचने से रोकता है और भारत की बदलती डिजिटल रणनीति का संकेत देता है।
मुख्य बिंदु:
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भारत में शोएब अख्तर, आरज़ू काज़मी, सैयद मुज़म्मिल शाह के यूट्यूब चैनल ब्लॉक।
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पहलगाम आतंकी हमले के बाद बढ़ा डिजिटल मोर्चे पर तनाव।
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भारतीय यूजर्स अब इन पाकिस्तानी चैनलों को एक्सेस नहीं कर पाएंगे।
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भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर कदम उठाया।
किन चैनलों पर लगा बैन?
भारत सरकार द्वारा बैन किए गए प्रमुख पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों में शामिल हैं:
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शोएब अख्तर: पूर्व तेज गेंदबाज, जिनका यूट्यूब चैनल खेल और क्षेत्रीय मुद्दों पर केंद्रित था।
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आरज़ू काज़मी: पत्रकार, जो भारत-पाकिस्तान मुद्दों पर खुलकर टिप्पणी करती थीं।
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सैयद मुज़म्मिल शाह: जिनके वीडियो में भारत विरोधी भावनाएं अक्सर देखी जाती थीं।
इसके अलावा कई अन्य छोटे-बड़े पाकिस्तानी चैनलों पर भी बैन लगाया गया है।
भारत ने क्यों उठाया यह कदम?
भारत सरकार ने इन चैनलों पर बैन लगाने के पीछे कई कारण बताए हैं:
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राष्ट्रीय सुरक्षा: आशंका जताई गई कि ये चैनल भारत विरोधी प्रोपेगेंडा फैलाकर देश में अस्थिरता पैदा कर सकते हैं।
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गलत जानकारी: पाकिस्तानी चैनलों पर कश्मीर और अन्य संवेदनशील मुद्दों को लेकर भ्रामक और उकसाने वाली जानकारियां फैलाने का आरोप है।
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जनभावनाओं का सम्मान: पहलगाम जैसे आतंकी हमलों के बाद भारतीय जनता में गुस्सा रहता है, ऐसे में डिजिटल माध्यमों पर नियंत्रण जरूरी माना गया।
कानूनी आधार: किस कानून के तहत हुई कार्रवाई?
भारत सरकार ने आईटी एक्ट, 2000 की धारा 69A के तहत यह कार्रवाई की है।
इस धारा के तहत सरकार को यह अधिकार है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता, या सार्वजनिक व्यवस्था के नाम पर किसी भी ऑनलाइन सामग्री को ब्लॉक कर सकती है।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने खुफिया एजेंसियों के इनपुट के आधार पर इन चैनलों को बैन करने का आदेश दिया।
भारतीय उपयोगकर्ताओं पर असर
इस बैन के बाद:
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भारत में यूट्यूब पर इन चैनलों को सर्च करने पर या इनके लिंक खोलने पर “Content Unavailable” का संदेश दिख रहा है।
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भारतीय सब्सक्राइबर अब इन चैनलों की नई वीडियो या अपडेट्स नहीं देख सकेंगे।
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यूट्यूब इंडिया ने सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए इन चैनलों को जियो-रिस्टिक्शन के तहत ब्लॉक कर दिया है।
पाकिस्तान और प्रभावित यूट्यूबर्स की प्रतिक्रिया
हालांकि पाकिस्तान सरकार की ओर से अभी आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन प्रभावित यूट्यूबर्स ने सोशल मीडिया पर नाराजगी जताई है:
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शोएब अख्तर ने इस कदम को “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला” बताया।
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आरज़ू काज़मी ने कहा कि उनका उद्देश्य भारत-पाक के बीच संवाद को बढ़ावा देना था, जिसे गलत समझा गया।
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सैयद मुज़म्मिल शाह ने भारत पर “सेंसरशिप” का आरोप लगाया।
पाकिस्तानी मीडिया में भी इस फैसले की तीखी आलोचना हो रही है।
डिजिटल मोर्चे पर बढ़ती जंग
भारत द्वारा पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों पर बैन लगाना एक संकेत है कि अब संघर्ष केवल सीमा पर नहीं, बल्कि डिजिटल स्पेस में भी लड़ा जा रहा है।
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सूचना युद्ध: अब देश ऑनलाइन नैरेटिव्स और जनमत पर भी नियंत्रण के लिए लड़ रहे हैं।
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डिजिटल संप्रभुता: देश अपने डिजिटल सीमाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठा रहे हैं।
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वैकल्पिक नैरेटिव का मुकाबला: फेक न्यूज़ और विदेशी प्रोपेगेंडा को रोकने के लिए कड़ी निगरानी बढ़ाई जा रही है।
भारत की इससे पहले की कार्रवाइयां
यह पहली बार नहीं है जब भारत ने विदेशी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर सख्त कदम उठाए हैं:
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2020 में भारत ने चाइनीज ऐप्स जैसे टिकटॉक, वीचैट आदि को बैन किया था।
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कई पाकिस्तानी वेबसाइट्स और सोशल मीडिया पेज पहले भी प्रतिबंधित किए जा चुके हैं।
इसलिए यह ताजा कदम भारत की डिजिटल सुरक्षा नीति का हिस्सा माना जा रहा है।
भारतीय जनता की प्रतिक्रिया
भारत में इस कदम का समर्थन किया गया है:
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आम नागरिकों ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में उठाया गया सही कदम बताया।
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कुछ डिजिटल अधिकार कार्यकर्ताओं ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर चिंता जताई है।
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लेकिन कुल मिलाकर, पहलगाम हमले के बाद सरकार के कड़े रुख को जनता का समर्थन मिला है।
भविष्य की संभावनाएं
संभावित स्थिति | पाकिस्तान पर प्रभाव | भारत पर प्रभाव |
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और चैनलों पर बैन | पाकिस्तान का डिजिटल पहुंच सीमित होगी | राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत होगी |
पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई | भारतीय चैनलों को पाकिस्तान में बैन कर सकता है | डिजिटल तनाव बढ़ेगा |
अंतरराष्ट्रीय बहस | वैश्विक मंचों पर डिजिटल स्वतंत्रता पर बहस हो सकती है | भारत को अपनी नीति का बचाव करना पड़ सकता है |
भारत सरकार द्वारा शोएब अख्तर, आरज़ू काज़मी, और सैयद मुज़म्मिल शाह सहित कई पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों को बैन करना यह स्पष्ट करता है कि
राष्ट्रीय सुरक्षा और डिजिटल संप्रभुता अब सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में हैं।
डिजिटल प्लेटफॉर्म्स भी अब रणनीतिक युद्धभूमि बन चुके हैं, जहां नैरेटिव्स, सूचनाएं और विचारधाराएं टकराती हैं।
आने वाले समय में ऐसे कदम और भी देखने को मिल सकते हैं, जिससे भारत की डिजिटल सीमाओं की सुरक्षा और मजबूत होगी।