पहलगाम ऑपरेशन को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को दी ब्रीफिंग

KKN गुरुग्राम डेस्क | जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में चल रहे आतंकवाद विरोधी अभियान के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर स्थिति की विस्तृत जानकारी दी। यह उच्चस्तरीय बैठक देश की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार की गंभीरता को दर्शाती है।

सेना प्रमुख से मुलाकात के बाद पीएम मोदी से चर्चा

प्रधानमंत्री से मिलने से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे से भी लम्बी बैठक की। इस बैठक में पहलगाम और आस-पास के क्षेत्रों में सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशनों की समीक्षा की गई।

बताया जा रहा है कि पहलगाम क्षेत्र में आतंकियों की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए सेना और अन्य सुरक्षाबलों द्वारा एक व्यापक तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। राजनाथ सिंह ने इस पूरे अभियान की रणनीति और अब तक की प्रगति की समीक्षा करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी को जानकारी दी।

पहलगाम: रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्र

पहलगाम सिर्फ एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल नहीं है, बल्कि इसका सामरिक महत्व भी काफी अधिक है। यह क्षेत्र अमरनाथ यात्रा का महत्वपूर्ण मार्ग है और इसकी भौगोलिक स्थिति आतंकवादियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनती रही है।

हाल के दिनों में मिली खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों ने पहलगाम और उसके आस-पास के क्षेत्रों में घुसपैठ की कोशिशें तेज कर दी हैं। ऐसे में सुरक्षाबलों के लिए चुनौती दोगुनी हो गई है — एक ओर आतंकियों को खत्म करना और दूसरी ओर आम नागरिकों व यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना।

खुफिया एजेंसियों की सतर्कता

रक्षा मंत्रालय को खुफिया ब्यूरो (IB) और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) से भी ताजा इनपुट मिले हैं। उपग्रह निगरानी और स्थानीय मुखबिर नेटवर्क के जरिये सुरक्षाबलों को संभावित खतरे के बारे में लगातार जानकारी दी जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, घुसपैठ के नए रास्ते और हथियारों की तस्करी की गतिविधियों के संकेत मिले हैं। इसके चलते सुरक्षाबलों ने रणनीतिक स्थानों पर अतिरिक्त चौकसी बढ़ा दी है और संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा रही है।

सरकार की प्राथमिकता: नागरिकों की सुरक्षा

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातचीत का एक महत्वपूर्ण पहलू स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना भी रहा। पर्यटन सीजन और अमरनाथ यात्रा से पहले इस क्षेत्र में किसी भी तरह की अव्यवस्था को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।

सुरक्षाबलों को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी अभियान के दौरान नागरिक हानि को न्यूनतम रखा जाए और यदि जरूरत हो तो आपातकालीन निकासी की भी व्यवस्था तुरंत की जाए।

पीएम मोदी का स्पष्ट संदेश

बैठक के बाद मिली जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने सुरक्षाबलों को निर्देश दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर सख्ती से अमल किया जाए। उन्होंने कहा कि भारत की संप्रभुता और एकता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और आवश्यक होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

यह प्रधानमंत्री मोदी के उस रुख का हिस्सा है, जिसमें वे जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से लगातार स्थायित्व और विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं।

मुख्य कीवर्ड: पीएम मोदी का बयान, भारत की संप्रभुता, आतंकवाद के खिलाफ भारत

आने वाले दिनों की संभावनाएं

यद्यपि सरकार ने ऑपरेशन की विस्तृत रणनीति का खुलासा नहीं किया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में पहलगाम और आसपास के क्षेत्रों में सेना की उपस्थिति और बढ़ाई जा सकती है।

संभावित कदम:

  • राष्ट्रीय राइफल्स की अतिरिक्त टुकड़ियों की तैनाती

  • ड्रोन और सैटेलाइट के जरिए उच्चस्तरीय निगरानी

  • जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के साथ संयुक्त अभियान

  • रात में विशेष कमांडो ऑपरेशन

यह स्पष्ट है कि सरकार इस मुद्दे को अत्यंत गंभीरता से ले रही है और कोई भी चूक नहीं होने देना चाहती।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई यह महत्वपूर्ण बैठक जम्मू-कश्मीर में बढ़ते आतंकी खतरे के मद्देनजर हुई है। पहलगाम जैसे संवेदनशील क्षेत्र में चल रहे ऑपरेशनों को लेकर सरकार पूरी तरह सतर्क है और सेना समेत तमाम एजेंसियां 24×7 अलर्ट मोड में काम कर रही हैं।

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