KKN गुरुग्राम डेस्क | चैत्र नवरात्रि और राम नवमी के अवसर पर, सोना और चांदी खरीदने की योजना बना रहे हैं तो पहले बाजार में ताजे दामों की जांच कर लेना जरूरी है। 5 अप्रैल 2025 को सोने के दाम में ₹980 प्रति 10 ग्राम और चांदी के दाम में ₹5000 प्रति किलो की गिरावट आई है। नई कीमतों के अनुसार, सोने के दाम ₹90,000 और चांदी के दाम ₹94,000 के करीब पहुंच गए हैं।
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आइए जानते हैं, आज यानी 5 अप्रैल 2025 को सोने और चांदी के दाम किस तरह से ट्रेंड कर रहे हैं और इनके खरीदने का सही समय क्या है।
आज के सोने और चांदी के ताजा दाम (5 अप्रैल 2025)
सोने और चांदी के दाम में इस बदलाव के साथ, विभिन्न शहरों में उनके रेट्स अलग-अलग हो सकते हैं। यहां हम आपको प्रमुख शहरों में सोने और चांदी के दाम बताने जा रहे हैं:
सोने के दाम (5 अप्रैल 2025)
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22 कैरेट सोना (10 ग्राम):
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दिल्ली, जयपुर, लखनऊ, मुंबई में ₹83,250।
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हैदराबाद, कोलकाता, केरल, मुंबई में ₹83,100।
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24 कैरेट सोना (10 ग्राम):
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दिल्ली, जयपुर, लखनऊ, चंडीगढ़ में ₹90,810।
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हैदराबाद, केरल, बैंगलोर, मुंबई में ₹90,660।
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भोपाल, इंदौर में ₹90,710।
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18 कैरेट सोना (10 ग्राम):
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दिल्ली, भोपाल, इंदौर में ₹68,120।
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कोलकाता, मुंबई में ₹67,990।
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चेन्नई में ₹68,450।
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चांदी के दाम (5 अप्रैल 2025)
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1 किलो चांदी:
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जयपुर, कोलकाता, अहमदाबाद, लखनऊ, मुंबई, दिल्ली में ₹94,000।
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भोपाल, इंदौर में ₹98,900।
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चेन्नई, मदुरै, हैदराबाद, केरल में ₹1,07,900।
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इन दामों में छोटे-मोटे बदलाव हो सकते हैं, जो शहरों और बाजार की स्थितियों के आधार पर होते हैं।
सोने और चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव के कारण
सोने और चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव के कई कारण होते हैं। कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
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वैश्विक आर्थिक स्थिति:
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जब आर्थिक संकट या अस्थिरता होती है, तो लोग सोने को सुरक्षित निवेश के रूप में देखते हैं, जिससे सोने की कीमतें बढ़ जाती हैं। इसके विपरीत, जब अर्थव्यवस्था मजबूत होती है तो कीमतों में गिरावट भी हो सकती है।
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मुद्रा के उतार-चढ़ाव:
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भारतीय रुपये का अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर होना सोने और चांदी के दामों को प्रभावित करता है। कमजोर रुपये के कारण आयातित वस्तुओं की कीमतें बढ़ जाती हैं, जिससे सोने और चांदी के दाम भी बढ़ सकते हैं।
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त्योहारों और शादियों का असर:
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भारत में त्योहारी मौसम, खासकर दीवाली, नवरात्रि, और अक्षय तृतीया जैसे अवसरों पर सोने की मांग काफी बढ़ जाती है। इस बढ़ी हुई मांग के कारण कीमतों में भी वृद्धि हो सकती है।
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राजनीतिक अस्थिरता:
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जब किसी देश में राजनीतिक अस्थिरता या युद्ध जैसी स्थितियां होती हैं, तो निवेशक सुरक्षित निवेश के रूप में सोने को चुनते हैं, जिससे सोने की कीमतों में वृद्धि होती है।
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आपूर्ति और मांग:
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सोने और चांदी की आपूर्ति और मांग भी कीमतों को प्रभावित करती है। यदि आपूर्ति कम होती है और मांग अधिक होती है, तो कीमतों में वृद्धि होती है।
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सोने की शुद्धता कैसे चेक करें?
सोने की शुद्धता जानना जरूरी है, खासकर जब आप निवेश या गहनों के रूप में सोना खरीद रहे हों। ISO (भारतीय मानक संगठन) द्वारा सोने की शुद्धता को प्रमाणित किया जाता है। इस शुद्धता को पहचानने के लिए हॉलमार्क का प्रयोग किया जाता है। भारत में सोने की शुद्धता की पहचान के लिए हॉलमार्किंग अनिवार्य है।
सोने के शुद्धता के प्रकार:
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24 कैरेट सोना:
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यह सबसे शुद्ध सोना होता है, जिसमें शुद्धता 99.9% होती है। हालांकि, 24 कैरेट सोना बहुत मुलायम होता है, इसलिए इसे गहनों में नहीं बनाया जा सकता। यह मुख्य रूप से सिक्कों और बार्स के रूप में पाया जाता है।
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22 कैरेट सोना:
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22 कैरेट सोने में 91.6% शुद्धता होती है। इसमें 8.4% अन्य धातु (जैसे तांबा या चांदी) मिलाकर गहनों का निर्माण किया जाता है। यह भारत में सबसे आम रूप से इस्तेमाल होने वाला सोना है, खासकर गहनों के लिए।
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18 कैरेट सोना:
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18 कैरेट सोने में 75% शुद्धता होती है। इसका इस्तेमाल सस्ती कीमत पर गहनों के लिए किया जाता है।
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सोने की शुद्धता कैसे जांचें?
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सोने पर हॉलमार्क का चिन्ह होता है, जो उसकी शुद्धता का प्रमाण होता है:
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24 कैरेट सोने पर 999 का निशान होता है।
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22 कैरेट सोने पर 916 का निशान होता है।
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18 कैरेट सोने पर 750 का निशान होता है।
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साथ ही, आप गहनों की जाँच के लिए परीक्षण किट का भी उपयोग कर सकते हैं, जो शुद्धता की पुष्टि करती हैं।
क्या यह सही समय है सोने और चांदी में निवेश करने का?
आजकल सोने और चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव हो रहा है, और त्योहारी सीजन करीब है, ऐसे में यदि आप सोने या चांदी में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो आपको कुछ बातें ध्यान में रखनी चाहिए:
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कीमतों का उतार-चढ़ाव:
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जैसा कि हम देख सकते हैं, कीमतों में बदलाव होते रहते हैं। यदि आप खरीदारी करने जा रहे हैं, तो बाजार की स्थिति का ध्यान रखते हुए सही समय पर खरीदारी करना बेहतर होगा।
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दीर्घकालिक निवेश:
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सोना और चांदी लंबे समय तक सुरक्षित निवेश माने जाते हैं, इसलिए यदि आप इन धातुओं में निवेश कर रहे हैं, तो ये निवेश दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य से फायदेमंद हो सकते हैं।
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त्योहारों का प्रभाव:
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त्योहारी मौसम के दौरान मांग बढ़ जाती है, जिसके चलते सोने की कीमतें और चढ़ सकती हैं। अगर आप नवरात्रि या राम नवमी के लिए सोने का खरीदारी करने का सोच रहे हैं, तो अभी खरीदारी करना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।
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इस समय, जब सोने और चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है, तो बाजार की स्थितियों का विश्लेषण करना महत्वपूर्ण है। यदि आप सोने या चांदी में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो मौजूदा रेट्स और शुद्धता मानकों की जानकारी होना आवश्यक है। बाजार की स्थितियों को ध्यान में रखते हुए, नवरात्रि और राम नवमी जैसे त्योहारों के दौरान खरीदारी करना फायदेमंद हो सकता है।
ध्यान रखें कि सोना और चांदी हमेशा सुरक्षित निवेश विकल्प रहे हैं, और इनकी खरीदारी आपके धार्मिक या वित्तीय उद्देश्य के अनुसार की जा सकती है।