KKN गुरुग्राम डेस्क | महा कुंभ 2025 के दौरान मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर संगम क्षेत्र में भारी भगदड़ मच गई, जिससे कई श्रद्धालु घायल हो गए। यह घटना मंगलवार और बुधवार की मध्यरात्रि 1 बजे तब हुई, जब लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम में डुबकी लगाने के लिए उमड़ पड़े। स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने दूसरा अमृत स्नान रोक दिया और सुरक्षा बढ़ा दी।
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यह दुखद घटना दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले में भीड़ प्रबंधन की गंभीर खामियों को उजागर करती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तर प्रदेश सरकार को पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से प्रशासन के निर्देशों का पालन करने और भीड़ से बचने की अपील की है।
अमृत स्नान स्थगित, साधु-संतों की अपील
भगदड़ की स्थिति को देखते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (ABAP) ने प्रशासन से चर्चा के बाद अमृत स्नान स्थगित करने का निर्णय लिया। ABAP अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि सभी अखाड़े इस स्नान के लिए पूरी तरह तैयार थे, लेकिन जनहित को ध्यान में रखते हुए इस महत्वपूर्ण निर्णय पर सहमति बनी।
महंत रविंद्र पुरी ने कहा, “महा कुंभ का यह अवसर 144 वर्षों में एक बार आता है, लेकिन श्रद्धालुओं की सुरक्षा सबसे पहले है। इसलिए हमने अब तीसरे अमृत स्नान (3 फरवरी 2025) में भाग लेने का निर्णय लिया है।”
वहीं, धार्मिक गुरुओं और संतों ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे संगम नोज की बजाय अन्य घाटों पर स्नान करें। जगद्गुरु रामभद्राचार्य, आचार्य महामंडलेश्वर बालकानंद पुरी और प्रसिद्ध प्रवचनकर्ता देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि गंगा हर जगह समान रूप से पवित्र है और श्रद्धालुओं को अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।
सुरक्षा व्यवस्था कड़ी, प्रशासन हाई अलर्ट पर
भगदड़ की घटना के बाद प्रयागराज प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया है। प्रमुख कदमों में शामिल हैं:
- प्रवेश और निकास द्वारों पर भारी पुलिस बल तैनात कर भीड़ को नियंत्रित किया जा रहा है।
- पैरा मिलिट्री बलों की तैनाती, जो हाई-रिस्क इलाकों में निगरानी रख रहे हैं।
- “सुपर 20” टीम का गठन, जो घाटों पर भीड़ को व्यवस्थित करने का कार्य कर रही है।
- अस्थायी बैरिकेडिंग से श्रद्धालुओं की आवाजाही को नियंत्रित किया जा रहा है।
- CCTV कैमरों और ड्रोन सर्विलांस से मेला क्षेत्र पर निगरानी रखी जा रही है।
- मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक (DGP), प्रमुख सचिव-गृह और अन्य अधिकारियों की निगरानी में “वॉर रूम” स्थापित, जो रियल-टाइम में स्थिति को मॉनिटर कर रहा है।
प्रयागराज के जिलाधिकारी विजय किरण आनंद स्वयं मेला क्षेत्र में मौजूद रहकर हालात का जायजा ले रहे हैं और श्रद्धालुओं को निर्देशों का पालन करने की अपील कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालु संगम नोज के बजाय अन्य घाटों पर स्नान करें ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।
प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का आश्वासन, राहत कार्य तेज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कई बार चर्चा की और त्वरित राहत एवं बचाव कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने भी उत्तर प्रदेश सरकार को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सहायता देने का निर्देश दिया है। महा कुंभ सेक्टर-2 अस्पताल में विशेष मेडिकल टीम को तैनात किया गया है, जहां घायलों का इलाज जारी है।
अगला प्रमुख स्नान – बसंत पंचमी (3 फरवरी) पर होगा, जिसे लेकर प्रशासन भीड़ प्रबंधन को लेकर नई रणनीति तैयार कर रहा है।
राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया
महा कुंभ भगदड़ पर विपक्षी दलों ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना को प्रशासनिक विफलता करार दिया और बेहतर आपातकालीन सुविधाओं की मांग की, जिसमें गंभीर रूप से घायल श्रद्धालुओं को एयर एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था शामिल हो।
उन्होंने कहा, “सरकार को श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए आवास, चिकित्सा, भोजन, और जल व्यवस्था में सुधार करना चाहिए।”
इसी तरह, बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने भी इस हादसे पर शोक व्यक्त करते हुए आगे के स्नानों के लिए सुरक्षा इंतजाम बढ़ाने की मांग की।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने श्रद्धालुओं से धैर्य बनाए रखने, प्रशासन के निर्देशों का पालन करने और सुरक्षा को प्राथमिकता देने की अपील की।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कुंभ प्रबंधन की खामियों पर सवाल उठाए और VIP मूवमेंट को सीमित करने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि हजारों करोड़ खर्च होने के बावजूद कुप्रबंधन दुर्भाग्यपूर्ण है और सरकार को बेहतर भीड़ प्रबंधन उपाय अपनाने चाहिए।
धार्मिक गुरुओं की अपील: संयम और सुरक्षा प्राथमिकता
भगदड़ के बाद परमार्थ निकेतन प्रमुख चिदानंद सरस्वती महाराज ने शांति पूजन कर श्रद्धालुओं से सुरक्षा को प्राथमिकता देने की अपील की।
उन्होंने कहा, “इस समय सबसे बड़ी सेवा सुरक्षा सुनिश्चित करना है। हमने अपने अनुयायियों से कहा है कि वे किसी भी घाट पर स्नान कर सकते हैं, संगम नोज पर भीड़ बढ़ाना उचित नहीं है।”
प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने भी श्रद्धालुओं से संयम बनाए रखने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की।
भविष्य की योजनाएँ: भीड़ नियंत्रण के लिए प्रशासन की रणनीति
महा कुंभ भगदड़ के बाद प्रशासन ने नए सुरक्षा उपायों की घोषणा की है:
- भीड़ प्रबंधन के कड़े नियम, जिससे प्रवेश और निकास द्वारों को नियंत्रित किया जाएगा।
- अस्थायी घाटों का विस्तार, जिससे संगम क्षेत्र पर दबाव कम होगा।
- ड्रोन और निगरानी कैमरों का उपयोग भीड़ की स्थिति पर नजर रखने के लिए।
- इमरजेंसी मेडिकल सेंटर और हाई-स्पीड मेडिकल रेस्पॉन्स यूनिट्स की तैनाती।
- VIP मूवमेंट को सीमित करने के निर्देश, जिससे सामान्य श्रद्धालुओं को परेशानी न हो।
महा कुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं हालात पर नजर बनाए हुए हैं। 3 फरवरी को होने वाले अमृत स्नान के लिए प्रशासन अतिरिक्त सुरक्षा उपायों पर जोर दे रहा है, ताकि श्रद्धालु शांतिपूर्ण और सुरक्षित माहौल में धार्मिक अनुष्ठान पूरा कर सकें।
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