KKN गुरुग्राम डेस्क | 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद से देशभर में गुस्सा फैला हुआ है।
जहां एक ओर देशवासी इस नापाक हमले की निंदा कर रहे हैं और पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ आवाजें सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठा रही हैं।
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इन्हीं में से एक हैं मशहूर भोजपुरी लोक गायिका नेहा सिंह राठौर, जिन्होंने हमले के बाद सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका वीडियो अब पाकिस्तान में भी वायरल हो रहा है, जिससे विवाद और भी बढ़ गया है।
नेहा सिंह राठौर का वीडियो हुआ वायरल
नेहा सिंह राठौर द्वारा साझा किए गए वीडियो को पाकिस्तानी एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल PTI Promotion द्वारा भी शेयर किया गया है।
इस पोस्ट के कैप्शन में लिखा गया:
“इस भारतीय लड़की ने पहलगाम हमले की सच्चाई बताई और कहा कि मोदी सरकार इसका उपयोग बिहार चुनावों में वोट बटोरने के लिए करेगी।”
इस तरह नेहा सिंह का बयान अब सीमाओं के पार भी चर्चित हो चुका है, जिससे देश के भीतर सियासी बहस और तेज हो गई है।
नेहा सिंह राठौर ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
नेहा सिंह राठौर ने अपने वायरल वीडियो में सरकार पर कई गंभीर सवाल उठाए:
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आतंकी हमले को न रोक पाने पर सवाल:
नेहा ने कहा कि जो सरकार एक फोन कॉल पर अंतरराष्ट्रीय युद्ध रोकवाने का दावा करती है, वह अपने देश में आतंकवादी हमले क्यों नहीं रोक पा रही है? -
राजनीति में इस्तेमाल का आरोप:
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस आतंकी हमले का इस्तेमाल आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में भावनात्मक माहौल बनाने और वोट बटोरने के लिए करेगी। -
वास्तविक मुद्दों से भटकने का आरोप:
नेहा ने यह भी कहा कि बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर चर्चा नहीं होती, बल्कि धर्म और भावनात्मक मुद्दों के जरिए राजनीति की जाती है।
उनके शब्दों में:
“जब देश के नागरिक आतंकवादी हमलों में मारे जा रहे हैं तो सवाल सरकार से ही पूछा जाएगा, जिन्ना और नेहरू से नहीं।”
‘अंधभक्तों’ पर भी साधा निशाना
नेहा सिंह राठौर ने अपने वीडियो में तथाकथित ‘अंधभक्तों’ (सरकारी नीतियों के बिना शर्त समर्थकों) पर भी तीखा प्रहार किया।
उन्होंने कहा:
“देश की राजनीति अब हिंदू-मुस्लिम के मुद्दे पर चल रही है। बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को उठाने वाला देशद्रोही कहलाता है।”
नेहा ने आरोप लगाया कि आने वाले दिनों में बिहार चुनाव के दौरान रोते हुए वीडियो और भावनात्मक रील्स शेयर कर जनता को गुमराह किया जाएगा।
बिहार चुनाव 2025 और राजनीति का माहौल
नेहा सिंह राठौर के बयान ऐसे समय आए हैं जब बिहार में चुनावी तैयारियां जोरों पर हैं।
पिछले चुनावों में भी देखा गया है कि राष्ट्रवाद और सुरक्षा से जुड़े मुद्दे चुनावी विमर्श को प्रभावित करते रहे हैं।
उनका आरोप है कि सरकार इस आतंकी हमले का भी उपयोग वोटरों की सहानुभूति हासिल करने के लिए कर सकती है।
इससे पहले भी विपक्ष कई बार सरकार पर ऐसे संवेदनशील मुद्दों को चुनावी फायदे के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाता रहा है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया: समर्थन और विरोध दोनों
नेहा सिंह राठौर के इस वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है:
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समर्थन:
कई लोग नेहा की हिम्मत की तारीफ कर रहे हैं कि उन्होंने सरकार से कठिन सवाल पूछने की हिम्मत दिखाई। -
विरोध:
वहीं कुछ लोग उनकी आलोचना कर रहे हैं और कह रहे हैं कि इस समय इस तरह के बयान देना देशविरोधी ताकतों को बढ़ावा देना है। -
चिंता:
कई यूजर्स ने चिंता जताई कि पाकिस्तान जैसे दुश्मन देश इस तरह के बयानों का इस्तेमाल भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनाम करने के लिए कर सकते हैं।
पाकिस्तानी प्लेटफॉर्म पर वीडियो का वायरल होना: क्यों है चिंता का विषय?
नेहा सिंह का वीडियो पाकिस्तानी प्लेटफॉर्म पर वायरल होना कुछ बड़ी चिंताओं को जन्म देता है:
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भारत विरोधी प्रोपेगेंडा:
पाकिस्तान अक्सर भारतीय आलोचनाओं को अपने प्रोपेगेंडा के लिए इस्तेमाल करता रहा है। -
राष्ट्रीय छवि पर प्रभाव:
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए ऐसे वीडियो का इस्तेमाल किया जा सकता है। -
आंतरिक आलोचना का दुरुपयोग:
भारत में आंतरिक लोकतांत्रिक बहस को विदेशी शक्तियां अपने फायदे के लिए कैसे मोड़ सकती हैं, यह एक चिंताजनक पहलू है।
आतंकवाद और चुनावी राजनीति: एक संवेदनशील समीकरण
भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में आतंकवादी हमले और चुनावी राजनीति का तालमेल हमेशा संवेदनशील मुद्दा रहा है।
जहां सरकारें राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देती हैं, वहीं विपक्ष समय-समय पर उन पर सुरक्षा चूक और राजनीतिक फायदे उठाने के आरोप लगाता है।
नेहा सिंह राठौर का बयान इस पुराने बहस को फिर से हवा दे रहा है कि क्या आतंकवाद को राजनीतिक रणनीति के रूप में इस्तेमाल किया जाता है?
नेहा सिंह राठौर: हमेशा सरकार की आलोचक रही हैं
यह पहली बार नहीं है जब नेहा सिंह राठौर ने सरकार के खिलाफ आवाज उठाई है:
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उन्होंने पहले भी कोविड-19 के दौरान बदइंतजामी पर व्यंग्यात्मक गीत गाए थे।
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कृषि कानूनों, महिला अधिकारों और जातीय भेदभाव जैसे मुद्दों पर भी वह मुखर रही हैं।
उनकी बेबाक शैली ने उन्हें एक स्वतंत्र आवाज बनाया है, जो राजनीतिक नफरत और प्रशंसा दोनों का केंद्र बनती रही है।
नेहा सिंह राठौर का बयान और पाकिस्तान में उसका वायरल होना एक बार फिर भारत में लोकतंत्र बनाम राष्ट्रीय जिम्मेदारी की बहस को जन्म दे रहा है।
जहां सवाल पूछना और आलोचना करना लोकतंत्र का हिस्सा है, वहीं राष्ट्रीय संकट के समय जिम्मेदारीपूर्ण आचरण भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
बिहार चुनाव 2025 के नजदीक आते ही यह देखना दिलचस्प होगा कि इस तरह के बयान किस तरह से जनता के बीच असर डालते हैं और राजनीतिक परिदृश्य को कैसे प्रभावित करते हैं।