KKN गुरुग्राम डेस्क | रांची स्थित बिरसा एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी (BAU) के पशु चिकित्सा कॉलेज में एक पोल्ट्री फार्म में बर्ड फ्लू (H5N1) के फैलने के बाद राज्य स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बरतते हुए सभी जिलों के सिविल सर्जनों को आवश्यक एहतियाती कदम उठाने के लिए एक अलर्ट जारी किया है। यह अलर्ट बुधवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के मिशन निदेशक अबू इमरान द्वारा जारी किया गया था।
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इस अलर्ट के बाद से सभी जिलों में “रैपिड रिस्पांस टीम्स” का गठन किया गया है, ताकि बर्ड फ्लू के संक्रमण के फैलने पर त्वरित रूप से कारवाई की जा सके। इन टीमों को यह निर्देश दिया गया है कि अगर इंसानों में संक्रमण की पुष्टि होती है तो उच्च जोखिम वाले लोगों को दवाइयाँ और आवश्यक इलाज प्रदान किया जाए।
बर्ड फ्लू का फैलाव और मानवों में संक्रमण का खतरा
बर्ड फ्लू (H5N1) के वायरस का मुख्य स्रोत संक्रमित पक्षी होते हैं। इंसानों को यह वायरस तब फैल सकता है जब वे संक्रमित पक्षियों, मुर्गों या बटेरों से संपर्क करते हैं। रांची में BAU पोल्ट्री फार्म में 150 से ज्यादा मुर्गे और 12 बटेरों की मौत हो गई, जिसके बाद उनकी सैंपल्स को भोपाल स्थित ICAR-NISHAD लैब में भेजा गया। जहां पर H5N1 संक्रमण की पुष्टि हुई।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, फिलहाल 10 किलोमीटर के दायरे में पक्षियों और इंसानों पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। उच्च जोखिम वाले मरीजों को अलग करके 10 दिनों तक निगरानी में रखा जा रहा है। अगर किसी व्यक्ति में बर्ड फ्लू के लक्षण दिखते हैं, तो उनके क्लिनिकल सैंपल्स लेकर जांच की जाएगी।
बर्ड फ्लू के लक्षण और इंसान में संक्रमण की पहचान
बर्ड फ्लू के लक्षण आमतौर पर बुखार, खांसी, गले में खराश, सांस लेने में परेशानी, और शरीर में दर्द जैसे होते हैं। बर्ड फ्लू का संक्रमण इंसान में बहुत कम होता है, लेकिन जो लोग पक्षियों के पास रहते हैं या उनके संपर्क में आते हैं, उनके लिए खतरा बढ़ सकता है।
अगर किसी इंसान में बर्ड फ्लू के लक्षण होते हैं, तो उनके सैंपल्स को रांची स्थित राजेन्द्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट में टेस्ट के लिए भेजा जाएगा। यदि संक्रमण की पुष्टि होती है तो संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेशन में रखा जाएगा और इलाज की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग की एहतियाती कदम
स्वास्थ्य विभाग ने बर्ड फ्लू से बचाव के लिए कई एहतियाती कदम उठाए हैं, जिनमें शामिल हैं:
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रैपिड रिस्पांस टीम्स का गठन: राज्य के सभी जिलों में रैपिड रिस्पांस टीम्स बनाई गई हैं, जो तेजी से कार्रवाई करेंगी और आवश्यक उपचार उपलब्ध कराएंगी।
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वायरल संक्रमण के उपचार के लिए दवाइयाँ: सभी जिलों को एंटीवायरल दवाइयाँ (जैसे Tamiflu), PPE किट्स, मास्क और VTM किट्स तैयार रखने के लिए कहा गया है।
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क्वारंटाइन प्रक्रिया: संक्रमित लोगों को घर पर क्वारंटाइन किया जाएगा और उनकी स्थिति की लगातार निगरानी की जाएगी। ग्रामीण इलाकों में क्वारंटाइन के लिए विशेष दिशा-निर्देश दिए जाएंगे।
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पक्षियों और इंसानों की निगरानी: बर्ड फ्लू के संक्रमण के फैलने के खतरे को कम करने के लिए पक्षियों और इंसानों की लगातार निगरानी रखी जा रही है। इसके अलावा, किसी भी संदिग्ध मामले की पहचान होते ही स्वास्थ्य विभाग को तुरंत सूचित करने की सलाह दी गई है।
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अलग आइसोलेशन वार्ड: संभावित बर्ड फ्लू मरीजों के लिए जिलों में अलग से आइसोलेशन वार्ड्स और बेड्स का इंतजाम किया जा रहा है, ताकि इन मरीजों को अलग से उपचार मिल सके और संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
बर्ड फ्लू के प्रकोप से बचाव के उपाय
सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बर्ड फ्लू के फैलाव को रोकने के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए हैं:
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मरे हुए पक्षियों से संपर्क न करें: अगर आप मरे हुए पक्षियों को पाते हैं, तो उनसे सीधे संपर्क करने से बचें। अगर किसी भी तरह के संपर्क में आते हैं, तो दस्ताने और मास्क पहनें।
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हाथ धोने की आदत डालें: बर्ड फ्लू के संक्रमण को रोकने के लिए अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोना चाहिए, खासकर जब आप पक्षियों के पास से गुजरते हैं या उनका इलाज करते हैं।
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सतर्क रहें: अगर आप किसी पोल्ट्री फार्म में काम करते हैं या पक्षियों के संपर्क में आते हैं, तो सतर्क रहें और अपने स्वास्थ्य की निगरानी रखें। किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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पक्षी मांस को अच्छे से पकाएं: पक्षियों का मांस और अंडे को पूरी तरह से पकाकर ही खाएं। कच्चा या आधा पका हुआ मांस बर्ड फ्लू के वायरस को फैला सकता है, इसलिए हमेशा अच्छी तरह से पकाकर ही उसका सेवन करें।
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संदिग्ध मामलों की रिपोर्ट करें: अगर आप किसी संदिग्ध या मृत पक्षी को पाते हैं, तो तुरंत स्थानीय अधिकारियों को सूचित करें, ताकि उचित कदम उठाए जा सकें और वायरस का फैलाव रोका जा सके।
बर्ड फ्लू के फैलाव को रोकने में जन जागरूकता का महत्व
बर्ड फ्लू के प्रसार को रोकने में जन जागरूकता बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके लिए सरकार द्वारा जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, जिनके माध्यम से लोगों को इस वायरस से बचाव के उपाय बताए जा रहे हैं। मीडिया, सोशल मीडिया और सामुदायिक कार्यक्रमों के द्वारा इन जागरूकता अभियानों को और अधिक प्रभावी बनाने की कोशिश की जा रही है।
इसके अलावा, लोगों को यह भी बताया जा रहा है कि अगर वे किसी संक्रमित पक्षी के संपर्क में आएं, तो उन्हें तुरंत उचित सुरक्षात्मक कदम उठाने चाहिए और अगर बर्ड फ्लू के लक्षण महसूस हों तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
रांची में बर्ड फ्लू का प्रकोप चिंताजनक है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की तत्परता और सक्रिय कदमों ने इस वायरस के फैलाव को रोकने के लिए एक ठोस रणनीति बनाई है। रैपिड रिस्पांस टीम्स, निगरानी, आइसोलेशन, और दवाइयों का इंतजाम इन कदमों में शामिल हैं, जिससे बर्ड फ्लू का फैलाव नियंत्रित किया जा सकता है।
जनता से अपील की जा रही है कि वे इस वायरस से बचने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाएं और किसी भी संदिग्ध स्थिति में तुरंत स्थानीय अधिकारियों से संपर्क करें। इसके साथ ही, इस बीमारी के बारे में अधिक जानकारी और जागरूकता फैलाना आवश्यक है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके और लोगों को सुरक्षित रखा जा सके।