श्रेणी: Tamil Nadu

  • भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज: पीएम मोदी ने रामनवमी पर किया पंबन ब्रिज का उद्घाटन

    भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज: पीएम मोदी ने रामनवमी पर किया पंबन ब्रिज का उद्घाटन

    KKN गुरुग्राम डेस्क | तमिलनाडु में स्थित ऐतिहासिक पंबन ब्रिज का नया अवतार अब आधुनिक तकनीक से सुसज्जित होकर देश के सामने प्रस्तुत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामनवमी के पावन अवसर पर भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज का उद्घाटन किया, जो रामेश्वरम द्वीप को भारत के मुख्य भूभाग से जोड़ता है

    यह नया ब्रिज 1914 में बने पुराने पंबन ब्रिज की जगह लेगा, जो एक कैंटिलीवर संरचना थी और अपनी ऐतिहासिकता के लिए प्रसिद्ध था।

    🛤️ पंबन ब्रिज क्या है?

    नया पंबन ब्रिज एक वर्टिकल लिफ्ट रेलवे पुल है, जिसे समुद्र के ऊपर पाल्क स्ट्रेट पर बनाया गया है। यह पुल मंडपम (mainland) और रामेश्वरम द्वीप के बीच रेल संपर्क को सक्षम बनाता है।

    ✅ मुख्य विशेषताएं:

    • लंबाई: लगभग 2.07 किलोमीटर

    • लिफ्टिंग स्पैन: पुल का एक मध्य भाग (63 मीटर) ऊपर उठाया जा सकता है

    • तकनीक: आधुनिक सेंसर और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम

    • उद्देश्य: रेलवे लाइन और समुद्री मार्ग दोनों का कुशल संचालन

    🔧 पुराने पुल की जगह नए ब्रिज की आवश्यकता क्यों पड़ी?

    1914 में बना पुराना पंबन ब्रिज भले ही ऐतिहासिक था, लेकिन समय के साथ उसकी संरचनात्मक क्षमता और तकनीकी सुविधाएं अब पुराने जमाने की हो चुकी थीं। इसके कारण:

    • समुद्री तूफानों में सुरक्षा जोखिम

    • जहाजों के गुजरने में बाधा

    • तेज़ ट्रेनों के लिए उपयुक्त नहीं

    • नियमित मरम्मत और मेंटेनेंस में मुश्किल

    इसलिए एक आधुनिक, सुरक्षित और टिकाऊ विकल्प की आवश्यकता थी, जिसे अब नया पंबन ब्रिज पूरा करता है।

    🏗️ निर्माण और तकनीकी विशेषताएं

    रेलवे विकास निगम लिमिटेड (RVNL) द्वारा इस ब्रिज का निर्माण 2019 में शुरू किया गया और 2025 में यह बनकर तैयार हुआ।

    ⚙️ तकनीकी विशेषताएं:

    • वर्टिकल लिफ्ट प्रणाली: जहाज के आने पर पुल के मध्य हिस्से को 17 मीटर तक ऊपर उठाया जा सकता है।

    • स्मार्ट सेंसर तकनीक: मौसम, समुद्री लहरों और संरचना की निगरानी के लिए सेंसर लगे हैं।

    • वायुप्रूफ और जंगरोधी स्टील का इस्तेमाल किया गया है।

    • ऑटोमेटेड कंट्रोल रूम से पुल का संचालन होता है।

    🌍 तमिलनाडु और रामेश्वरम के लिए क्यों है यह पुल खास?

    रामेश्वरम, हिन्दू धर्म के चार धामों में से एक है और हर वर्ष लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं। यह पुल:

    • तीर्थ यात्रा को सरल और तेज़ बनाएगा

    • स्थानीय व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देगा

    • सुरक्षा और आपदा प्रबंधन में सहायक सिद्ध होगा

    🌊 निर्माण में आई चुनौतियाँ

    समुद्र के ऊपर पुल बनाना आसान नहीं होता। इस परियोजना को पूरा करने में कई समस्याएं आईं:

    • चक्रवात और समुद्री लहरों ने निर्माण कार्य में बाधा डाली

    • कोरल रीफ संरक्षण के लिए विशेष अनुमति और सावधानी बरती गई

    • कोविड-19 महामारी ने श्रमिकों और सामग्री की आपूर्ति को प्रभावित किया

    • पुराने पुल की विरासत को सुरक्षित रखने के लिए खास प्रावधान

    फिर भी भारत ने समय पर इस परियोजना को पूरा करके इंजीनियरिंग कौशल का उदाहरण पेश किया।

    📊 पुराना बनाम नया पंबन ब्रिज: एक तुलना

    विशेषता पुराना पंबन ब्रिज नया वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज
    निर्माण वर्ष 1914 2019–2025
    प्रकार कैंटिलीवर ब्रिज वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज
    जहाज मार्ग मैनुअल स्पैन ओपनिंग ऑटोमेटेड वर्टिकल लिफ्टिंग
    तकनीक मैकेनिकल डिजिटल और सेंसर आधारित
    आयु 100+ वर्ष 120+ वर्षों की जीवन प्रत्याशा

    🎙️ प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन

    उद्घाटन समारोह में पीएम मोदी ने कहा:

    “यह पुल सिर्फ एक संरचना नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की पहचान है। यह रामनवमी के दिन श्रद्धा और विकास का सेतु बना है।”

    उन्होंने तमिलनाडु को भारत के विकास मॉडल का अहम स्तंभ बताते हुए कहा कि यह राज्य विक्सित भारत के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

    🔄 आर्थिक और सामरिक महत्व

    • पर्यटन और तीर्थ क्षेत्र को नया जीवन मिलेगा

    • दक्षिण भारत के समुद्री गलियारे से व्यापार को बल मिलेगा

    • आपातकालीन परिस्थितियों में वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा

    • भारतीय नौसेना और तटीय सुरक्षा को सामरिक सहयोग मिलेगा

    👥 स्थानीय समुदायों पर प्रभाव

    इस ब्रिज के निर्माण से:

    • 3000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला

    • होटल, टैक्सी, लोकल गाइड जैसे सेक्टरों में अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर बढ़े

    • स्थानीय व्यापार में 30% तक की वृद्धि की उम्मीद है

    नया पंबन वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज न केवल भारत के इंजीनियरिंग कौशल का प्रतीक है, बल्कि यह विरासत और आधुनिकता के बीच का सेतु भी है।

    रामनवमी के शुभ दिन इसका उद्घाटन यह दर्शाता है कि भारत अपने धार्मिक, सामाजिक और तकनीकी मूल्यों को एक साथ लेकर चल रहा है।

  • Rain Alert: अगले 2 दिनों में भारी बारिश का अलर्ट, कई राज्यों में बिगड़ सकते हैं हालात

    Rain Alert: अगले 2 दिनों में भारी बारिश का अलर्ट, कई राज्यों में बिगड़ सकते हैं हालात

    KKN गुरुग्राम डेस्क |  भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने देश के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। अगले 48 घंटे देश के कई राज्यों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं, क्योंकि मौसम विभाग ने भारी बारिश, तेज़ हवाओं और बाढ़ की स्थिति बनने की संभावना जताई है। मौसम विभाग का कहना है कि यह बारिश बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) में बने कम दबाव के क्षेत्र (Low Pressure Area) के कारण हो रही है, जो धीरे-धीरे तेज़ होकर कई राज्यों में भारी बारिश का कारण बनेगा।

    IMD ने किन राज्यों के लिए जारी किया है अलर्ट?

    भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने निम्नलिखित राज्यों में भारी बारिश (Heavy Rainfall) की चेतावनी दी है:

    1. तमिलनाडु (Tamil Nadu Rain Alert)

    तमिलनाडु के कई जिलों में अगले 48 घंटे में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। खासकर चेन्नई, कांचीपुरम और कडलूर जिलों में तेज़ हवाओं और बारिश के कारण जलभराव की स्थिति बन सकती है।

    2. केरल (Kerala Rain Update)

    केरल में तिरुवनंतपुरम, कोल्लम और अलप्पुझा जैसे इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। पश्चिमी घाट क्षेत्र में भूस्खलन (Landslide Alert) का खतरा बढ़ गया है, इसलिए स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने के लिए कहा गया है।

    3. महाराष्ट्र (Maharashtra Weather Update)

    महाराष्ट्र में खासकर मुंबई, ठाणे और पालघर में भारी बारिश के आसार हैं। मानसून की तरह हो रही यह बारिश कई इलाकों में जलभराव और ट्रैफिक जाम की समस्या पैदा कर सकती है।

    4. गुजरात (Gujarat Rain Alert)

    गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ इलाके में तेज़ बारिश और समुद्री तूफान की स्थिति बन सकती है। IMD ने मत्स्य पालकों (Fishermen Advisory) को समुद्र में न जाने की सलाह दी है, क्योंकि लहरें ऊँची उठ सकती हैं।

    5. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Rain Alert)

    भोपाल, इंदौर और ग्वालियर में भी अगले दो दिन तक मूसलाधार बारिश हो सकती है। प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वालों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

    6. अन्य प्रभावित राज्य

    तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान में भी हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिलेगी।

    भारी बारिश से होने वाले खतरे और संभावित प्रभाव

    भारी बारिश के कारण बाढ़, भूस्खलन और जलभराव जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। आइए जानते हैं कि इस मौसम से किन चीजों पर असर पड़ सकता है:

    1. बाढ़ का खतरा (Flood Risk Alert)

    • मुंबई, चेन्नई और केरल के कई इलाकों में अत्यधिक बारिश से बाढ़ की स्थिति बन सकती है।
    • कमज़ोर ड्रेनेज सिस्टम वाले शहरी इलाकों में जलभराव की समस्या बढ़ सकती है।

    2. भूस्खलन का खतरा (Landslide Warning)

    • हिमालयी राज्यों और पश्चिमी घाट (Western Ghats) के इलाकों में भारी बारिश से लैंडस्लाइड की संभावना है।
    • केरल और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी इलाकों में यात्रा करने से बचें।

    3. यातायात पर असर (Traffic Disruptions)

    • भारी बारिश के कारण सड़कें जलमग्न हो सकती हैं, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या हो सकती है।
    • रेलवे और हवाई यात्रा पर भी असर पड़ सकता है, जिससे कई ट्रेन और फ्लाइट्स लेट हो सकती हैं।

    4. खेती पर असर (Agriculture Impact)

    • मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में अत्यधिक बारिश से फसलों को नुकसान हो सकता है।
    • किसान भाईयों को सलाह दी गई है कि खड़ी फसल की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएँ।

    5. तेज़ हवाएँ और समुद्री खतरा (Strong Winds and Sea Conditions)

    • तमिलनाडु और गुजरात के तटीय इलाकों में तेज़ हवाओं के साथ बारिश होने की संभावना है।
    • मछुआरों को समुद्र में जाने से बचने के लिए कहा गया है, क्योंकि समुद्र में ऊँची लहरें उठ सकती हैं।

    भारी बारिश से बचाव के लिए जरूरी उपाय (Precautionary Measures)

    IMD ने सरकार और नागरिकों के लिए कुछ जरूरी सुझाव दिए हैं, जिससे नुकसान को कम किया जा सकता है।

    1. मौसम अपडेट पर नज़र रखें (Stay Updated with Weather Reports)

    • IMD और लोकल प्रशासन द्वारा जारी किए गए Weather Alerts को नियमित रूप से चेक करें।
    • रेड अलर्ट या ऑरेंज अलर्ट होने पर सतर्क रहें।

    2. अनावश्यक यात्रा से बचें (Avoid Unnecessary Travel)

    • यदि संभव हो, तो बारिश के दौरान बाहर जाने से बचें।
    • यदि यात्रा करनी पड़े तो छोटे रास्तों की बजाय मुख्य मार्गों (Highways) का इस्तेमाल करें।

    3. बाढ़ प्रभावित इलाकों से दूर रहें (Avoid Flooded Areas)

    • जिन क्षेत्रों में जलभराव की समस्या रहती है, वहाँ जाने से बचें।
    • यदि किसी इलाके में बाढ़ की स्थिति बनती है, तो जल्दी से ऊँचाई वाले स्थान पर शरण लें।

    4. घर और सामान की सुरक्षा (Protect Your Home and Valuables)

    • घर की ड्रेनेज सिस्टम और नालियों को साफ रखें ताकि पानी इकट्ठा न हो।
    • जरूरी दस्तावेज़ और कीमती सामान को पानी से सुरक्षित स्थान पर रखें।

    5. बिजली और गैस की सावधानी (Electrical and Gas Safety)

    • बारिश के दौरान खुले इलेक्ट्रिक तारों को छूने से बचें।
    • यदि जलभराव अधिक हो तो बिजली और गैस के कनेक्शन बंद कर दें।

    6. मछुआरों के लिए अलर्ट (Fishermen Advisory)

    • IMD ने समुद्र में मछली पकड़ने पर रोक लगाने की सलाह दी है, क्योंकि लहरें ऊँची उठ सकती हैं।

    भारी बारिश के पीछे का कारण (What is Causing Heavy Rainfall?)

    मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) में बना लो-प्रेशर एरिया इस भारी बारिश की मुख्य वजह है।

    • यह सिस्टम धीरे-धीरे मजबूत होकर पश्चिमी तट की ओर बढ़ रहा है।
    • इससे हवा में नमी बढ़ रही है, जिससे मूसलाधार बारिश हो रही है।
    • यह मौसमी बदलाव कई राज्यों में बेमौसम बारिश का कारण बन रहा है।

    IMD के अनुसार, अगले 48 घंटे भारत के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। भारी बारिश, बाढ़, भूस्खलन और यातायात प्रभावित हो सकता है। ऐसे में, सभी नागरिकों से अपील की जाती है कि वे सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस का पालन करें और सुरक्षित रहें।

    मौसम अपडेट के लिए IMD की वेबसाइट या लोकल न्यूज़ चैनल्स को फॉलो करें। सतर्कता और सुरक्षा से इस बारिश के मौसम में किसी भी अनहोनी से बचा जा सकता है। #RainAlert #WeatherUpdate #IMDWarning

  • एयर इंडिया का विमान दीवार से टकराया, यात्री सुरक्षित

    एयर इंडिया का विमान दीवार से टकराया, यात्री सुरक्षित

    KKN न्यूज ब्यूरो। तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली हवाई अड्डे पर शुक्रवार को एयर इंडिया का विमान दीवार से टकरा गया। यह विमान दुबई जा रहा था। घटना में किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। विमान में सवार सभी 136 यात्री सुरक्षित बताए जा रहें हैं।

    कारणो का पता लगना अभी बाकी है

    भाषा के अनुसार, अधिकारियों ने बताया कि विमान का एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) से संपर्क टूट गया। उन्होंने कहा कि अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है कि यह घटना तकनीकी खराबी की वजह से हुई या इसमें पायलट की गलती थी। बतातें चलें कि विमान ने रात के लगभग 1.20 बजे उड़ान भरी और उसे मुंबई की ओर मोड़ दिया गया, जहां विमान की सुरक्षित लैंडिंग की गई। विमान के पहिए को नुकसान पहुंचा है या नहीं, अभी इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है लेकिन परिसर की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई है।

    पांच फीट ऊंची दीवार से टकराया

    हवाईअड्डे पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने बताया कि के परिसर की दीवार लगभग पांच फीट ऊंची थी। इस घटना के बारे में सुनकर तमिलनाडु के पर्यटन मंत्री एन. नटराजन हवाईअड्डे पहुंचे और जायजा लिया। चेन्नई से तिरुचिरापल्ली 350 किलोमीटर दूर है। घटना के बाद अधिकारी जांच में जुटें हैं।

  • दक्षिण की राजनीति के मुख्य स्तंभ थे करुणानिधि

    दक्षिण की राजनीति के मुख्य स्तंभ थे करुणानिधि

    समस्त भारत में शोक की लहर

    तमिलनाड़ में द्रविड़ राजनीति के स्तंभकार एम. करुणानिधि ने निधन से दक्षिण भारत की राजनीति में एक शून्यता आ गई है। करुणानिधि तमिलनाडु की राजनीति के सबसे करिश्माई नेताओं में से एक थे। करुणानिधि पांच बार मुख्यमंत्री रहे। उनके परिवार में उनकी दो पत्नियां और छह बच्चे हैं। द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन उनके बेटे हैं। उनकी बेटी कनीमोरी राज्यसभा की सदस्य हैं।
    अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी भीड़
    चेन्नई के एक अस्पताल में पिछले 11 दिनों से जीवन के लिए संघर्ष कर रहे 94 वर्षीय करुणानिधि ने मंगलवार शाम 6:10 बजे में आखिरी सांस ली। उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश तमाम बड़े नेताओं ने शोक जताया है। निधन का समाचार मिलने के बाद तमिलनाडु में द्रमुक समर्थक सड़कों पर उतर आए। तमिलनाडु सरकार ने बुधवार की छुट्टी और पूरे सूबे में सात दिनों तक शोक की घोषणा की है। करुणानिधि के शव को कावेरी अस्पताल से गोपालपुरम आवास ले जाया गया है। बुधवार सुबह राजाजी हॉल में अंतिम दर्शन के लिए उनको रखा गया है।
    अलर्ट पर है पुलिस
    अंतिम दर्शन के लिए द्रमुक समर्थकों की बड़ी संख्या को देखते हुए पुलिस हाई अलर्ट पर है। बतातें चलें कि पिछले महीने ब्लड प्रेशर गिरने के बाद करुणानिधि को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इससे पहले उन्हें 18 जुलाई को भी अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन बाद में उन्हें छुट्टी दे दी गई थी। वह 29 जुलाई से ही आइसीयू में भर्ती थे। अस्पताल पहुंचने की खबर आते ही उनका हालचाल जानने वालों का तांता लगना शुरू हो गया था। राष्ट्रपति भी मिलने पहुंचे थे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अस्पताल जाकर उनका हालचाल जाना था। उनके अलावा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन, अभिनेता कमल हासन के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और कई जानी-मानी हस्तियां भी पहुंची थीं।

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  • नहीं रहें तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि

    नहीं रहें तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि

    तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और द्रविड़ मुन्नेत्र कज़गम के प्रमुख करुणानिधि का निधन हो गया है। ग्यारह रोज तक चेन्नई के कावेरी अस्पताल में इलाज के बाद आज मंगलवार को उन्होंने अस्पताल में ही आखरी सांस ली। चिकित्सको के मुताबिक करुणानाधि के रक्तचाप में तेजी से गिरावट के बाद उन्हें उनके गोपालपुरम आवास से अस्पताल में भर्ती कराया गया था। करुणानिधि के निधन से देश की राजनीति को गहरा धक्का लगा है। सियासी गलियारों में मातम पसर गया है।

    रराजनीति में करुणानिधि का अमूल्य योगदान
    भारत की राजनीति में करुणानिधि और उनकी पार्टी का बहुमूल्य योगदान रहा है। करुणानिधि के निधन पर सभी पार्टी के नेताओं ने गहरा दुख जताया है। करुणनिधि के निधन की खबर फैलते ही उनके चाहने वालों और तमाम दलों के नेताओं की भीड़ उनके आवास पर जुटने लगी है। अस्पताल के बाहर हजारों की संख्या में गमगीन समर्थक अपने कद्दावर नेता की अंतिम झलक पाने के लिए टकटकी लगाए हुए हैं।
    चुनाव जीतने का बनाया रिकार्ड
    वह 94 वर्ष के थे। आज से 50 साल पहले उन्होंने 26 जुलाई को ही उन्होंने डीएमके की कमान अपने हाथ में ली थी। राजनीति में इतने लोकप्रिय हुए कि कभी भी चुनाव नहीं हारे। करुणानिधि के नाम अपनी सीट कभी नही हारने का रिकॉर्ड भी है। वह पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और 12 बार विधानसभा सदस्य रहे और संसदीय राजनीति में हमेशा चुनाव जीतने का रिकार्ड भी उन्हीं के नाम पर है।
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  • राजनीति क्षितिज का सितारा करुणानिधि की तबीयत बिगड़ी

    राजनीति क्षितिज का सितारा करुणानिधि की तबीयत बिगड़ी

    चुनाव में हमेशा जीत कर बनाया रिकार्ड

    तमिलनाडु के राजनीति क्षितिज का एक सितारा करुणानिधि बीमार हैं। उनकी हालत नाजुक बनी हुई है और चिकत्सको ने उनके जीवन के लिए अगला 24 घंटा बेहद ही अहम बताया है। डीएमके प्रमुख करुणानिधि तमिलनाडु में पांच बार मुख्यमंत्री रह चुकें है और राष्ट्रीय राजनीतिक पटल पर हमेशा कद्दावर मौजूदगी का अहसास दिलाने वाला एक दमदार राजनेता के रूप में जाने जातें हैं।

    समर्थको में बढ़ी बेचैनी
    करुणानिधि के बीमार होने की खबर जैसे ही बाहर आई, उनके समर्थक बेचैन हो गए। समर्थकों का अस्पताल के बाहर जमावड़ा लगना भी शुरू हो चुका है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी करुणानिधि का हालचाल जानने चेन्नई के कावेरी अस्पताल पहुंचे और उनके पुत्र एमके स्टालिन तथा उनके अन्य परिजनों से मुलाकात करके ढ़ाढ़स बंधाया। इससे पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एस थिरुनावुककरसर भी उनसे मिलने पहुंचे थे और दक्षिण के कई शीर्ष नेता पहले ही अस्पताल पहुंच कर उनके स्वास्थ्य लाभ लेने की कामना कर चुकें हैं। बतातें चलें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा भी अस्पताल पहुंच कर करुणानिधि से मिल चुकें हैं।
    अस्पताल ने जारी की बुलेटिन
    चेन्नई के कावेरी अस्पताल की ओर से जारी मेडिकल बुलेटिन में कहा गया है कि करुणानिधि की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। बतातें चलें कि करुणानिधि गत 29 जुलाई से ही अस्पताल के इंटेंसिव केयर यूनिट यानी आईसीयू में भर्ती हैं। चिकित्सको का कहना है कि करुणानिधि के शरीर में उनके उम्र के हिसाब से सभी ऑरगन्स को सही तरीके से काम नहीं कर रहा है। बहरहाल, उनको एक्टिव मेडिकल सपोर्ट दिया जा रहा है। चिकित्सको का कहना है कि इलाज के दौरान उनका रिस्पान्स ही उनके आगे के उपचार का रास्ता तय करेगा।
    यादगार राजनीतिक सफर
    कहतें कि 94 वर्षीय करुणानिधि ने इसी साल 3 जून को अपना 94वां जन्मदिन मनाया। आपको याद ही होगा कि आज से 50 साल पहले 26 जुलाई को ही उन्होंने डीएमके की कमान अपने हाथ में ली थी। राजनीति में इतने लोकप्रिय हुए कि कभी भी चुनाव नहीं हारा। करुणानिधि के नाम अपनी सीट कभी नही हारने का रिकॉर्ड भी है। वह पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और 12 बार विधानसभा सदस्य रहे और संसदीय राजनीति में हमेशा चुनाव जीतने का रिकार्ड भी उन्हीं के नाम पर रहा।

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  • तमिल की राजनीति में स्टार वार के आसार

    तमिल की राजनीति में स्टार वार के आसार

    तमिलनाडु। सवाल यह नही है कि तमिल की राजनीति में ब्रांड कमल चलेगा या ब्रांड रजनी? सवाल यह भी है कि क्या सियासत के गलियारे में ये सितारे अस्त हो जाएंगे? जाहिर है सवाल बड़ा है और जवाब फिलहाल पता नहीं है।

    बहरहाल, रजनीकांत के करिश्मे और कमल हासन के स्टारडम को तौलने का काम जारी है। फिल्म के जानकार इनका राजनीतिक कद आंक रहे हैं और राजनीति के जानकार इनका फिल्मी कद आंकने में लगें हैं। जाहिर है कि तमिलनाडु की राजनीति इस वक्त एक्शन और ड्रामा की तरह आगे बढ़ रही है। इन दोनों सुपर ब्रांड्स के स्टाइल, करिश्मे, फैन फॉलोइंग, विचारधारा और राजनीतिक समझ का चटखारेदार आकलन हो रहा है और यह सिलसिला आगे भी जारी रहने के संकेत से इनकार नही किया जा सकता है।
    बतातें चलें कि रूपहले पर्दे पर गरीबों के हक हकूक की बात करने वाला रजनी सियासत में आते ही आध्यात्मिक हो गया। रजनीकांत इस वक्त भाजपा के भगवा ब्रिगेड के करीब नजर आने लगें हैं। दूसरी तरफ रूपहले पर्दे का एक नास्तिक किरदार कमल हासन को राजनीति में धर्म का घालमेल आज भी स्वीकार नहीं है। वह द्रविण विचारधारा को लेकर मैदान में जोर आजमाइस करना चाहतें हैं। जाहिर है कि उनकी राजनीति का रंग भगवा नहीं होगा। स्मरण रहे कि इससे पहले भी वह वाम नेताओं के प्रति अपनी श्रद्धा जाहिर कर चुके हैं। अब जबकि, तमिल फिल्मों के ये दोनों सुपर सितारे राजनीति के मैदान में दो विपरीत ध्रुवों पर खड़े हैं। तो, मुकाबला जोरदार होना तय माना जा रहा है।
    इस सुपर-डुपर मुकाबले में बाद में उतरने वाले कमल हासन ज्यादा तेजी से मोहरे चल रहे हैं। मुकाबले में वे तमिल अस्मिता को ले आए हैं। एक मैगजीन के अपने कॉलम के जरिये उन्होंने तमिल समुदाय को साधने की कोशिश की। उन्होंने कॉलम में एपीजे अब्दुल कलाम व राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का भी जिक्र किया। साथ ही तमिल अस्मिता का मुद्दा उठाते हुए संघर्ष की बात भी की। इस कलाकार ने इशारों में बता दिया कि वे तो तमिल हैं पर रजनीकांत तमिल नहीं, मराठी हैं। इसके पहले जल्लीकट्टू आंदोलन में भी वह तमिल अभिव्यक्ति के प्रवक्ता की तरह ही नजर आए थे। कुल मिलाकर कमल हासन खुलकर खेल रहे हैं।
    वहीं रजनीकांत अपने अगले कदम के लिए विधानसभा चुनाव का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन, अभी हाल में ही हुए सर्वे में रजनीकांत के बारे में कहीं बेहतर ओपिनियन उभर कर सामने आई है। सर्वे के मुताबिक अगर अभी चुनाव हों तो रजनीकांत को 234 विधानसभा सीटों में से 33 सीटो पर बढ़त मिल सकती है। सर्वे की माने तो रजनी को 16 फीसदी वोट पर जबरदस्त पकड़ है और वे किंगमेगर भी साबित हो सकते हैं। राजनीति में प्रवेश के साथ ही मामूली नजर आ रहे ये नतीजे किसी भी तरह से कम नहीं हैं। सर्वे के अनुसार 53 फीसद लोग यह भी मानते हैं कि रजनीकांत राजनीति में सफल होंगे। वहीं सर्वे में कमल हासन का कोई खास प्रभाव नहीं नजर आया है।
    हालांकि, जानकार यह भी कहने लगे है कि सर्वे तो सर्वे होता हैं। राजनीतिक धारा कब बदल जाये, कहना बेहद ही मुश्किल है। सर्वें में ये राय इसलिए भी उभरी है क्योंकि रजनीकांत की फैन फॉलोइंग बहुत बड़ी है, जो उन्हें टिकाऊ आधार देती है। फिलहाल तो कमल हासन लम्बी पारी खेलने को तैयार हैं और उनकी मंशा तमिल राजनीति और समाज के लिए एजेंडा तय करने की है। रजनीकांत हमेशा राजनीतिक विवादों से भी दूर रहे और सियासी मुद्दों पर द्वंद्व में फंसे रहे। एक बार सिर्फ उन्होंने डीएमके को समर्थन दिया। लेकिन, कमल हासन की राजनीतिक विचारधारा स्पष्ट है, वे योजनाबद्ध हैं और राज्य व समाज से जुड़े मुद्दों पर सक्रियता दिखाते हैं। अपने बेजोड़ करिश्में के बावजूद रजनीकांत के लिए ये तथ्य परेशान करने वाला है कि वे तमिल मूल के नहीं, बाहरी व्यक्ति हैं। भले ही एमजी रामचंद्रन और जयलिता को अपनाने वाले राज्य में ये बात बहुत मायने रखती न नजर आती हो पर उनकी गैरतमिल पहचान को तूफान खड़ा किया जा रहा है। खुद कमल हासन ने भी यही तार छेड़ा है। कमल हासन की पहचान भी एक बुद्धिजीवी और प्रभावशाली वक्ता की है। वहीं रजनीकांत का स्टाइल और जादू आज भी लोगो के सिर चढ़कर बोलता है। अपने दिवानों के बूते ही रजनीकांत अकेले दम पर चुनाव लड़ सकते हैं। ऐसे में यह देखना रोचक होगा कि रजनीकांत का करिश्मा भारी पड़ता है या कमल हासन की राजनीतिक समझ?

  • रजनीकांत ने की नई पारी की शुरूआत

    रजनीकांत ने की नई पारी की शुरूआत

    तमिलनाडु में करेंगे राजनीति

    तमिलनाडु। मशहूर एक्टर रजनीकांत ने अपने नई पारी की शुरूआत करने की घोषणा कर दी है। दरअसल, फिल्म में अपने दमदार भूमिका को लेकर रूपहले पर्दे पर धाख जमाने के बाद रजनीकांत ने अब राजनीति में आने की घोषणा कर दी है। कहतें हैं कि दक्षिण भारत के मशहूर एक्टर रजनीकांत ने राजनीति में एंट्री का ऐलान कर तमिलनाडु की राजनीति को गरमा दिया है। रजनी तमिल और हिन्दी में कई फिल्में कर एक्शन हीरो के तौर पर जाने जाते हैं। दक्षिण भारत में उनकी जो शोहरत है, उसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि उन्हें वहां भगवान की तरह पूजा जाता है और लाखों की संख्या में उनके फैन्स हैं। रजनीकांत भले ही तमिलनाडु के आगामी विधानसभा चुनाव में उतरने का संकेत दिया हो, लेकिन उनका पिछला बैकग्राउंड बड़ा दिलचस्प है।

    अधिकतर तमिल फिल्मों में अपने एक्शन से धूम मचने वाले रजनीकांत की पारिवारिक पृष्ठभूमि महाराष्ट्र की है। रजनीकांत का पूरा नाम है शिवाजी राव गायकवाड़। उनका जन्म 12 दिसंबर 1950 को बेंगलुरु में एक मराठा परिवार में हुआ। उनकी माता एक हाउस वाइफ थीं, जबकि पिता पुलिस कांस्टेबल थे। माता-पिता ने रजनीकांत का नाम मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी के नाम पर रखा गया था। वह अपने घर में मराठी और बाहर कन्नड़ भाषा बोलते थे। वह चारों भाई बहनों में सबसे छोटे हैं। उनसे बड़े दो भाई हैं सत्यनारायण राव और नागेश्वर राव, जबकि बहन का नाम है अस्वथ बालुभाई।

    स्कूल के दौरान ही कला में थी गहरी रूचि

    रजनीकांत के पिता 1956 में नौकरी से रिटायरमेंट के बाद बेंगलुरू के हनुमंत नगर में एक मकान बना लिया। जिस वक्त रजनीकांत महज 9 साल के थे उस समय उनकी मां इस दुनिया से चल बसी। छह साल की आयु मे रजनीकांत का गविपुरम गवर्नमेंट कन्नड़ मॉडल प्राइमरी स्कूल में दाखिला करवा दिया गया, यहीं से उन्होंने प्राथमिक शिक्षा हासिल की। बचपन में उनकी क्रिकेट, फुटबॉल और बास्केटबॉल में गहरी रुचि थी। उनके बड़े भाई ने उन्हें रामकृष्ण मिशन की तरफ से चलाए जा रहे रामकृष्ण मठ में दाखिला करवा दिया। मठ में उन्हें वेद और पौराणिक ग्रंथ पढ़ाए जानें लगे। इस दौरान रजनीकांत पौराणिक ग्रंथों की पढ़ाई के साथ ही मठ में नाटकों में भी हिस्सा लेने लगे।
    मठ में नाटकों के प्रति रजनीकांत की रूचि और बढ़ने लगी। उन्हें एक बार महाभारत के मंचन के दौरान उन्हें एकलव्य के मित्र की भूमिका दी गई। इस भूमिका में उनके काम को काफी सराहा गया। उसके बाद रजनीकांत आचार्य पाठशाला पब्लिक स्कूल में दाखिल हुए। इस स्कूल में पढ़ाई के दौरान उन्होंने एक्टिंग में काफी समय दिया। एक बार उन्हें कुरुक्षेत्र नाटक के मंचन में दुर्योधन की भूमिका दी गई। स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद रजनीकांत ने बेंगलुरु और मद्रास में कुली और कारपेंटर समेत कई तरह की नौकरियां की। बाद में उनका बेंगलुरू ट्रांसपोर्ट सर्विस में बस कंडक्टर के तौर पर चयन हुआ।
    उसी दौरान मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट ने एक्टिंग कोर्स की शुरुआत हुई। हालांकि, रजनीकांत की अभिनय में रुचि के बावजूद उनका परिवार इस बात को लेकर उतना उत्सुक नहीं था। इस दौरान उनके दोस्त राज बहादुर ने उनका उत्साह बढ़ाया और वित्तीय मदद की। इंस्टीट्यूट में कोर्स करते वक्त वह स्टेज शो करने लगे। इसी दौरान तमिल फिल्म डायरेक्टर के. बालाचंदर की नज़र उन पर गई। डायरेक्टर बालचंद्र ने उनसे तमिल सीखने के लिए कहा, जिसे वह फौरन मान गए। उसके बाद बालचंद्र ने उन्हें अपनी कई फिल्मों में मौका दिया। रजनीकांत ने करीब 150 से ज्यादा फिल्में की हैं, जिनमें बॉलीवुड, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम और बेंगाली फिल्में शामिल हैं।

  • इस युवती के हौसले को सलाम…

    इस युवती के हौसले को सलाम…

    दोनों हाथ खोने के बाद भी मंजिल नही छोड़ी

    तमिलनाडू। तमिलनाडू के कुमबाकोनम मालविका अय्यर एक इंटरनेशनल मोटिवेशनल स्पीकर है। डिसेबल्ड के हक के लिए लड़ने वाली एक्टिविस्ट भी है और सोशल वर्क में पीएचडी करने के बाद अब फैशन मॉडल के तौर पर भी अपनी पहचान चुकी है। लेकिन, जो बात आज मैं बताने जा रहा हूं, वह बात बहुत कम लोग जानते है। दरअसल, वह एक ऐसे हादसे से गुजर चुकी है, जसमें उसमें उसने अपने दोनो हाथ गवां दिए और जिस हादसे से उबर पाना अमूमन बेहद मुश्किल होता है। लेकिन मालविका ने उस हादसे को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और सफलता की उंची मुकाम पर पहुंच कर उसने एक समाज के समक्ष एक नजीर पेश कर दी।
    मालविका का जन्म तमिलनाडू के कुमबाकोनम में हुआ लेकिन उनकी परवरिश राजस्थान के बीकानेर में हुई। महज 13 साल की उम्र में वह एक भयानक हादसे का शिकार हुई थी। दरअसल उसे उसके घर के पास ही एक ग्रेनेड पड़ा मिला था। बताया जाता है कि नजदीक के ही एक एमुनेशन डिपो में आग लगने के चलते इलाके में उसके शेल बिखर गए थे। वह ग्रेनेड मालविका के हाथों में ही फट गया। जिसके चलते उनके दोनों हाथों के अलावा दोनों टांगों में कई फ्रैक्चर्स और नर्वस सिस्टम डैमेज हो गया। इलाज के लिए उसे चेन्नई के एक हॉस्पिटल में दो साल रहना पड़ा था। इस हादसे में वह अपने दोनों हाथ खो चूकी थीं।

    उस भयानक हादसे के बाद मालविका ने दोबारा जिंदगी शुरू करने की ठानी और चैन्नई के एसएसएलसी एग्जामिनेशन में बतैार प्राइवेट कैंडिडेट हिस्सा लिया। दोनों हाथ खो चुकी मालविका ने लिखने के लिए एक असिस्टेंट की मदद ली। इसी बीच उसके हौसले की चर्चा फैल चुकी थी और उन्हें तात्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम से मिलने राष्ट्रपति भवन में आमंत्रित किया गया।
    इसके बाद मालविका ने दिल्ली जाकर सेंट स्टीफन कॉलेज से इकोनॉमिक्स ऑनर्स की डिग्री ली। इतना ही नहीं, उन्होंने आगे पढाई जारी रखते हुए दिल्ली स्कूल से सोशल वर्क में मास्टर्स और मद्रास स्कूल से एम. फिल की पढ़ाई पूरी की। अपने बेहतरीन काम की बदौलत उन्हें इंटरनेशनल लेवल पर भी कई अवॉर्ड्स मिले।

  • तमिल अखबार के दफ्तर पर आयकर का छापा

    तमिल अखबार के दफ्तर पर आयकर का छापा

    शशिकला को एक और झटका

    तामिलनाडू। आयकर विभाग के अधिकारियों ने आज सुबह तकरीबन छह बजे जया टीवी और डॉ नमाधु एमजीआर तमिल अखबार के दफ्तरों पर छापा मारा। आयकर विभाग के करीब 10 अधिकारी टीवी चैनल के दफ्तर में अपना आई-कार्ड दिखाते हुए दाखिल हुए। जया टीवी के 21 ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। ये सभी ठिकाने वीके शशिकला और उनके भतीजे टीटीवी दिनाकरन के हैं।

    मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक जया टीवी को जे जयललिता ने शुरू किया था, लेकिन अब इसका नियंत्रण अन्‍नाद्रमुक नेता वीके शशिकला के परिवार के पास है। शशिकला भ्रष्‍टाचार के मामले में जेल में हैं। उनके भांजे विवेक जयरमन के पास फिलहाल चैनल की कमान है। यह चैनल मुख्‍यमंत्री ई पलानीस्‍वामी और उपमुख्‍यमंत्री ओ पनीरसेल्‍वम धड़ों के आपस में विलय होने के बाद सत्‍तारूढ़ अन्‍नाद्रमुक के सरकार के कामकाज का आलोचक माना जाता है।
    आयकर विभाग के अधिकारियों ने शहर में विवेक के घर और शशिकला के परिवार के नियंत्रण वाले जैज सिनेमा पर भी छापा मारा है। यह छापेमारी ऐसे वक्‍त हुई है जब अन्‍नाद्रमुक के चुनाव चिन्‍ह का केस चुनाव आयोग के पास लंबित है।
    किसी समय में शशिकला के करीबी पलानीस्‍वामी ने जब विरोधी खेमे ओ पनीरसेल्‍वम के साथ हाथ मिला लिया और उनको उपमुख्‍यमंत्री बनाया गया तब से ही चैनल और सत्‍तारूढ़ दल के बीच खटास बढ़ती चली गई। खबरों के मुताबिक, पलानीस्‍वामी के नेतृत्‍व में अन्‍नाद्रमुक ने पिछले दिनों जया टीवी और पार्टी के अखबार माने जाने वाले नमाधु एमजीआर पर पार्टी के नियंत्रण संबंधी प्रस्‍ताव पारित किया था। जया टीवी मैनेजमेंट ने उस वक्‍त इसको स्‍वतंत्र मीडिया पर हमला करार दिया था।

  • चेन्नई में भीख मांग रहा है रूसी नागरिक

    चेन्नई में भीख मांग रहा है रूसी नागरिक

    विदेश मंत्री ने लिया संज्ञान

    चेन्नई। चेन्नई में एक मंदिर के बाहर रूसी नागरिक भीख मांग रहा है। रूस का यह नागरिक अपने एटीएम का पिन लॉक हो जाने के बाद कांचीपुरम में एक मंदिर के बाहर भीख मांगने पर मजबूर हो गया था। स्वराज ने ट्वीट किया, इवनगेलीन, आपका देश रूस हमारा मित्र है। चेन्नई में मेरे अधिकारी आपकी हर संभव मदद करेंगे।
    पुलिस ने बताया कि तमिलनाडु घूमने आए 24 वर्षीय रूसी युवक के एटीएम कार्ड का पिन लॉक हो गया जिसकी वजह से वह पैसे नहीं निकाल पाया और उसे भीख मांगने को मजबूर होना पड़ा। जानकारी के मुताबिक, इवेन्जलिन नामक युवक कुछ दिनों से कांचीपुरम के श्री सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर के बाहर भीख मांग रहा था। स्थानीय लोग एक विदेशी को सड़क पर बैठ भीख मांगता देख हैरान थे। लोगों ने पुलिस को इस बारे में जानकारी दी, जिसके बाद युवक को थाने ले जाया गया। पुलिस ने युवक के पास मौजूद दस्तावेज की जांच की, जो सही पाए गए।

  • किसानों ने दी मानव मल खाने की धमकी

    किसानों ने दी मानव मल खाने की धमकी

    ​किसानो ने बदला आंदोलन का तरीका

    सोशल मीडिया मे सरकार की किड़किड़ी

    संतोष कुमार गुप्ता

    नई दिल्ली। भारत को कृषि प्रधान देश कहा गया है। यहां के खेतो से निकले अनाज से ही देश के लोगो का भोजन चलता है। किंतु देश की राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर पिछले 38 दिनों से विरोध-प्रदर्शन कर रहे तमिलनाडु के किसानों का सब्र शायद अब जवाब दे चुका है। वे अब अपने पीड़ा की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए दिल दहलाने वाली कोशिशें कर चुके हैं। वह अपनी पीड़ा से इस तरह व्यथित है कि कुछ भी कर गुजरने को तैयार है। इसी कड़ी में आंदोलनकारी किसानो ने शनिवार को मानव मूत्र (पेशाब) पीकर अपना विरोध जताया। इसी के साथ इन किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी अब भी नहीं सुनी गई, तो वे रविवार को मानव मल खाने की हद पार कर विरोध प्रदर्शन करेंगे। तमिलनाडु के ये किसान जंतर मंतर पर सूख राहत राशि देने और कर्जमाफी को की मांग को लेकर धरने बैठे हैं। सूखे के कारण उनकी फसल खत्म हो गई है। इन किसानों की मांग है कि सरकार उनके लिए सूखा राहत पैकेज जारी करे।

    किसान जंतर-मंतर में प्लास्टिक की बोतलों में मूत्र के साथ सामने आए। इससे पहले, नेशनल साउथ इंडियन रिवर लिंकिंग फॉर्मर्स एसोसिएशन के राज्य अध्यक्ष पी अय्याकनकु ने कहा, ‘तमिलनाडु में पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा और प्रधानमंत्री मोदी हमारी प्यास की अनदेखी कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि मोदी सरकार हमें इंसान ही नहीं समझती है।’सोशल मीडिया मे भी सरकार की खूब आलोचना हो रही है।

  • महिला टीचर ने बेच दिया शरीर का गहना

    महिला टीचर ने बेच दिया शरीर का गहना

    छात्रो के लिए बनाया हाईटेक क्लास

    ​संतोष कुमार गुप्ता

    यह खबर उन लोगो के लिए प्रेरणा है जो सरकारी या निजी स्कूल मे टीचर है। उनका शिक्षा से बेहद लगाव है। सरकारी स्कूलो की बदहाली की खबरे लगातार आ रही है। कहीं पर डेंस्क, बेंच, किताब का अभाव है। कही पर क्लासरूम नही है। कई स्कूलो मे शौचालय व चापाकल तक नही है। अधिकांश विधालयो के विकास कोष मे राशि उपलब्ध होने के बाद भी वहां बदहाली का आलम रहता है। वहां के पैसे खर्च करने के अभाव मे सरेंडर कर जाते है। किंतु हमे अन्नपूर्णा मोहन से प्रेरणा लेने की जरूरत है। आपने छोटे शहरों और गांवों के सरकारी स्कूलों में जरुरी सुविधाओं के अभाव, बच्चों के लिए मूलभूत सुविधाओं की कमी कई बार सुना होगा। क्लासरूम के रखरखाव और बच्चों को मिलने वाली सुविधाएं सरकारी फेर में फंस जाती है। इस तरह से कक्षाओं का बुरा हाल बना रहता है। इसमें सुधार के लिए प्रयास भी किए जाते हैं, लेकिन वह या तो धरातल पर पहुंच नहीं पाते या फिर पहुंचने के बाद उन्हें पूरा नहीं किया जा पाता है। इन्हीं सब चीजों को ध्यान में रखकर तमिलनाडु की एक महिला टीचर ने अपनी ज्वैलरी बेचकर क्लास को बच्चों के पढ़ने के लायक बनाया। क्लास थर्ड के बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाने वालीं अन्नापूर्णा मोहन का मानना है कि क्या सिर्फ शहरी स्टूडेंट्स को ही सभी हाई टेक सुविधाएं मिलनी चाहिए? उन्होंने बच्चों के लिए बनाए अपने क्लास को एकदम इंटरनेशनल लुक दिया है। क्लास में स्मार्ट बोर्ड, अंग्रेजी किताबें, आरामदायक फर्नीचर मौजूद है।

    अन्नापूर्णा ने न्यूज मिनट वेबसाइट से बातचीत में कहा कि सिर्फ उच्च सुविधाओं को ही ध्यान में नहीं रखा गया बल्कि हमने बच्चों के अंग्रेजी बोलने की व्यवस्था की है ताकि पंचायत का स्कूल न होने के चलते किसी चीज की कमी हो। मैंने अंग्रेजी पढ़ने के लिए क्लास में अच्छा वातावरण तैयार करने की कोशिश की है। मैं बच्चों से शुरू से लेकर क्लास खत्म होने तक अंग्रेजी में बोलती हूं। पहले इनमें से कुछ बच्चे मेरी बातों को नहीं समझ पाते थे लेकिन समय के साथ बच्चे मेरे बातों पर प्रतिक्रिया देने लगे।

    उन्होंने इसको लेकर फेसबुक पर कुछ वीडियो भी पोस्ट किए हैं। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि वह बच्चों को किस तरह से पढ़ाती हैं। एक वीडियो में तीसरी क्लास में पढ़ने वाली एक स्टूडेंट ने एक शब्द के उच्चारण को किस तरह से बोला जा सकता है, इसे शेयर किया है। इसके अलावा एक अन्य वीडियो में बच्चों को क्लास रूम में लगे बोर्ड के पास खड़े हुए और शब्दों को पढ़ते और समझते हुए दिखाया गया है। महिला द्वारा किए गए इस प्रयास को लोग द्वारा सराहा जा रहा है। सरकारी स्कूलों में अध्यापन के तरीके को बदलने की आशा के साथ अन्नापूर्णा ने इस प्रयास की शुरुआत की।

  • तामिलनाडू में मिला दर्जनो बच्चे का शव

    तामिलनाडू में मिला दर्जनो बच्चे का शव

    शरीर से गायब है किडनी व लीवर

    तामिलनाडू। तमिलनाडू पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर एक कनटेनर से दर्जनो बच्चो की लाश बरामद किया है। बच्चो का शव बरामद होते ही पुरे इलाके में सनसनी फैल गई। मिली जानकारी के मुताबिक इन सभी बच्चो के शरीर से किडनी व लीवर निकाला जा चुका है। तमिलनाडू पुलिस ने बताया इन सभी बच्चो को अलग अलग देशो से किडनैप करके उनके शरीर का अंग निकाला गया है। अभी तक पुलिस को इस गिरोह के संबंध में विशेष कुछ ज्ञात नही हुआ है।