भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज: पीएम मोदी ने रामनवमी पर किया पंबन ब्रिज का उद्घाटन

Pamban Bridge: India’s First Vertical Lift Sea Bridge Inaugurated by PM Modi on Rama Navami

KKN गुरुग्राम डेस्क | तमिलनाडु में स्थित ऐतिहासिक पंबन ब्रिज का नया अवतार अब आधुनिक तकनीक से सुसज्जित होकर देश के सामने प्रस्तुत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामनवमी के पावन अवसर पर भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज का उद्घाटन किया, जो रामेश्वरम द्वीप को भारत के मुख्य भूभाग से जोड़ता है

यह नया ब्रिज 1914 में बने पुराने पंबन ब्रिज की जगह लेगा, जो एक कैंटिलीवर संरचना थी और अपनी ऐतिहासिकता के लिए प्रसिद्ध था।

🛤️ पंबन ब्रिज क्या है?

नया पंबन ब्रिज एक वर्टिकल लिफ्ट रेलवे पुल है, जिसे समुद्र के ऊपर पाल्क स्ट्रेट पर बनाया गया है। यह पुल मंडपम (mainland) और रामेश्वरम द्वीप के बीच रेल संपर्क को सक्षम बनाता है।

✅ मुख्य विशेषताएं:

  • लंबाई: लगभग 2.07 किलोमीटर

  • लिफ्टिंग स्पैन: पुल का एक मध्य भाग (63 मीटर) ऊपर उठाया जा सकता है

  • तकनीक: आधुनिक सेंसर और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम

  • उद्देश्य: रेलवे लाइन और समुद्री मार्ग दोनों का कुशल संचालन

🔧 पुराने पुल की जगह नए ब्रिज की आवश्यकता क्यों पड़ी?

1914 में बना पुराना पंबन ब्रिज भले ही ऐतिहासिक था, लेकिन समय के साथ उसकी संरचनात्मक क्षमता और तकनीकी सुविधाएं अब पुराने जमाने की हो चुकी थीं। इसके कारण:

  • समुद्री तूफानों में सुरक्षा जोखिम

  • जहाजों के गुजरने में बाधा

  • तेज़ ट्रेनों के लिए उपयुक्त नहीं

  • नियमित मरम्मत और मेंटेनेंस में मुश्किल

इसलिए एक आधुनिक, सुरक्षित और टिकाऊ विकल्प की आवश्यकता थी, जिसे अब नया पंबन ब्रिज पूरा करता है।

🏗️ निर्माण और तकनीकी विशेषताएं

रेलवे विकास निगम लिमिटेड (RVNL) द्वारा इस ब्रिज का निर्माण 2019 में शुरू किया गया और 2025 में यह बनकर तैयार हुआ।

⚙️ तकनीकी विशेषताएं:

  • वर्टिकल लिफ्ट प्रणाली: जहाज के आने पर पुल के मध्य हिस्से को 17 मीटर तक ऊपर उठाया जा सकता है।

  • स्मार्ट सेंसर तकनीक: मौसम, समुद्री लहरों और संरचना की निगरानी के लिए सेंसर लगे हैं।

  • वायुप्रूफ और जंगरोधी स्टील का इस्तेमाल किया गया है।

  • ऑटोमेटेड कंट्रोल रूम से पुल का संचालन होता है।

🌍 तमिलनाडु और रामेश्वरम के लिए क्यों है यह पुल खास?

रामेश्वरम, हिन्दू धर्म के चार धामों में से एक है और हर वर्ष लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं। यह पुल:

  • तीर्थ यात्रा को सरल और तेज़ बनाएगा

  • स्थानीय व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देगा

  • सुरक्षा और आपदा प्रबंधन में सहायक सिद्ध होगा

🌊 निर्माण में आई चुनौतियाँ

समुद्र के ऊपर पुल बनाना आसान नहीं होता। इस परियोजना को पूरा करने में कई समस्याएं आईं:

  • चक्रवात और समुद्री लहरों ने निर्माण कार्य में बाधा डाली

  • कोरल रीफ संरक्षण के लिए विशेष अनुमति और सावधानी बरती गई

  • कोविड-19 महामारी ने श्रमिकों और सामग्री की आपूर्ति को प्रभावित किया

  • पुराने पुल की विरासत को सुरक्षित रखने के लिए खास प्रावधान

फिर भी भारत ने समय पर इस परियोजना को पूरा करके इंजीनियरिंग कौशल का उदाहरण पेश किया।

📊 पुराना बनाम नया पंबन ब्रिज: एक तुलना

विशेषता पुराना पंबन ब्रिज नया वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज
निर्माण वर्ष 1914 2019–2025
प्रकार कैंटिलीवर ब्रिज वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज
जहाज मार्ग मैनुअल स्पैन ओपनिंग ऑटोमेटेड वर्टिकल लिफ्टिंग
तकनीक मैकेनिकल डिजिटल और सेंसर आधारित
आयु 100+ वर्ष 120+ वर्षों की जीवन प्रत्याशा

🎙️ प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन

उद्घाटन समारोह में पीएम मोदी ने कहा:

“यह पुल सिर्फ एक संरचना नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की पहचान है। यह रामनवमी के दिन श्रद्धा और विकास का सेतु बना है।”

उन्होंने तमिलनाडु को भारत के विकास मॉडल का अहम स्तंभ बताते हुए कहा कि यह राज्य विक्सित भारत के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

🔄 आर्थिक और सामरिक महत्व

  • पर्यटन और तीर्थ क्षेत्र को नया जीवन मिलेगा

  • दक्षिण भारत के समुद्री गलियारे से व्यापार को बल मिलेगा

  • आपातकालीन परिस्थितियों में वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा

  • भारतीय नौसेना और तटीय सुरक्षा को सामरिक सहयोग मिलेगा

👥 स्थानीय समुदायों पर प्रभाव

इस ब्रिज के निर्माण से:

  • 3000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला

  • होटल, टैक्सी, लोकल गाइड जैसे सेक्टरों में अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर बढ़े

  • स्थानीय व्यापार में 30% तक की वृद्धि की उम्मीद है

नया पंबन वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज न केवल भारत के इंजीनियरिंग कौशल का प्रतीक है, बल्कि यह विरासत और आधुनिकता के बीच का सेतु भी है।

रामनवमी के शुभ दिन इसका उद्घाटन यह दर्शाता है कि भारत अपने धार्मिक, सामाजिक और तकनीकी मूल्यों को एक साथ लेकर चल रहा है।

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