Bihar के Vaishali को गणतंत्र की जननी कहा जाता है। बौद्ध और जैन धर्म के कई प्रचीन अवशेष आज भी यहां मौजूद है। इसी वैशाली (Vaishali) में भगवान महावीर का जन्म हुआ था। भगवान बुद्ध ने इसी धरती से ज्ञान का संदेश दिया था। सम्राट अशोक की यह कर्मभूमि रह चुका है। नगरवधू आम्रपाली के किस्से यहां बिखरे पड़े है। आजाद भारत में Vaishali की अपनी अलग पहचान बनी। आरंभिक दिनों में कॉग्रेस के साथ खड़ी रहने वाली वैशाली, हालिया कुछ दशकों में समाजवादियों का गढ़ बन चुकी थी। किंतु, 2014 की मोदी लहर (Modi Wave) में वैशाली से समाजवाद का किला ढ़ह गया। वैशाली लोकसभा सीट पर NDA के घटक LJP का कब्जा हो गया। हालांकि, इस बार स्थानीय सांसद के प्रति वैशाली में एन्टी इनकन्वेंसी फैक्टर से इनकार नहीं किया जा सकता है। दूसरी ओर RJD ने NDA के कोर वोट में सेंधमारी करके, खेला कर दिया है। जाहिर है वैशाली में लोकसभा का चुनाव दिलचस्प मोड़ पर आ गया है। देखिए, पूरी रिपोर्ट…
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भगवान महावीर का कैवल्य ज्ञान दर्शन क्या है
एक कालजयी महामानव, जो जन्म से ही अनेक प्रकार की संपन्नताओ से परिपूर्ण था। निराशा भरी नश्तरो की चुभन से बहुत दूर, सफलताएं जिसका भाग्य बनने को उतावली हो रही थीं। वैभव, जिसके चंवर डुलाता था और सुविधाएं, जिसके पांव पखार रही थीं। बावजूद इसके, वह अपना सर्वश्व न्यौछावर करके, स्वेच्छा से सुखो का त्याग करके, वैराग्य धारण करके, वनविहारी हो जाए तो निस्संदेह यह घटना अलौकिक भी है और असाधारण भी। कहतें हैं ऐसे ही लोग इतिहास रचते है और महावीर बन जातें हैं। जीहां, हम बात कर रहें हैं भगवान महावीर की। हम आपको बतायेंगे, राजकुमार वर्द्धमान के भगवान महावीर बनने की पूरी कहानी। देखिए, इस रिपोर्ट में…
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वैशाली: कैसे बना गणतंत्र की जननी, देखिए पूरी रिपोर्ट