टैग: Congress

  • बिहार विधानसभा चुनाव 2025: कांग्रेस की रणनीति और आरजेडी के साथ गठबंधन पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर

    बिहार विधानसभा चुनाव 2025: कांग्रेस की रणनीति और आरजेडी के साथ गठबंधन पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर

    बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। राज्य में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए कांग्रेस पार्टी रणनीति बना रही है। Live Cities से खास बातचीत में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने पार्टी की तैयारियों, चुनौतियों और भविष्य की योजना को लेकर अपनी राय साझा की।

    बिहार कांग्रेस में बदलाव की अटकलें, क्या है सच्चाई?

    हाल ही में कांग्रेस में बदलाव की अटकलें लगाई जा रही थीं। इस पर तारिक अनवर ने कहा कि बिहार कांग्रेस में किसी बड़े फेरबदल की कोई योजना नहीं है। पार्टी का मुख्य फोकस आगामी चुनावों में प्रदर्शन सुधारने पर है।

    उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संगठन को मजबूत करने और पुनर्गठन की जरूरत पर जोर दिया था। हालांकि, यह केवल बिहार के संदर्भ में नहीं, बल्कि पूरे देश में पार्टी को मजबूत करने की एक रणनीति का हिस्सा था।

    क्या कांग्रेस बिहार में अकेले चुनाव लड़ेगी या आरजेडी के साथ गठबंधन बरकरार रहेगा?

    बिहार चुनावों से पहले सबसे बड़ा सवाल यह है कि कांग्रेस इस बार अकेले चुनाव लड़ेगी या फिर आरजेडी के साथ गठबंधन जारी रहेगा? इस पर तारिक अनवर ने स्पष्ट किया कि फिलहाल कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ने की स्थिति में नहीं है

    “अगर हमें अकेले चुनाव लड़ना होता, तो इसकी तैयारी पिछले चुनाव के बाद से ही शुरू करनी चाहिए थी। अब केवल छह महीने का समय बचा है, ऐसे में अकेले चुनाव लड़ना मुश्किल होगा,” उन्होंने कहा।

    उन्होंने यह भी बताया कि किसी भी पार्टी को अकेले चुनाव लड़ने के लिए मजबूत संगठन और कार्यकर्ताओं का नेटवर्क चाहिए, जिसे विकसित करने में समय लगता है।

    सीट शेयरिंग पर बातचीत अभी तक नहीं हुई

    2020 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को महागठबंधन के तहत 70 सीटें मिली थीं, लेकिन पार्टी केवल 19 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई थी। इसके बाद कांग्रेस के प्रदर्शन पर कई सवाल उठे थे।

    इस बार कांग्रेस की कोशिश है कि उसे कम से कम उतनी ही सीटें मिलें, जितनी 2020 में मिली थीं। हालांकि, गठबंधन को लेकर अभी तक कोई औपचारिक चर्चा नहीं हुई है

    “सीटों के बंटवारे पर बातचीत जल्द शुरू होगी। इस बार हमारा प्रयास रहेगा कि हम उन्हीं सीटों पर चुनाव लड़ें जहां हमारी संगठनात्मक स्थिति मजबूत है और जीत की संभावना अधिक है,” तारिक अनवर ने कहा।

    क्या कांग्रेस आरजेडी के इशारे पर चलती है?

    कई बार कांग्रेस पर आरोप लगते रहे हैं कि बिहार में वह आरजेडी के इशारे पर चलती है और स्वतंत्र रूप से फैसले नहीं लेती। इस पर तारिक अनवर ने सफाई देते हुए कहा कि यह धारणा सही नहीं है।

    “हां, हमारे प्रदेश अध्यक्ष के लालू प्रसाद यादव से अच्छे संबंध हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि कांग्रेस उनके इशारे पर काम करती है,” उन्होंने कहा।

    उन्होंने बताया कि गठबंधन में कई महत्वपूर्ण फैसले सामूहिक रूप से लिए जाते हैं, ताकि महागठबंधन को अधिक से अधिक फायदा हो।

    बिहार कांग्रेस में युवा नेतृत्व की कमी क्यों?

    कांग्रेस की एक बड़ी चुनौती यह भी है कि पार्टी में युवा नेतृत्व की कमी है। कई अन्य दलों के मुकाबले, कांग्रेस बिहार में कद्दावर युवा नेताओं को आगे नहीं बढ़ा पाई

    तारिक अनवर ने इसका कारण बताते हुए कहा कि कांग्रेस पिछले 30 सालों से बिहार में सत्ता से बाहर रही है। विपक्ष में रहने के कारण पार्टी के संगठन पर असर पड़ा और युवा नेतृत्व उभरने का मौका नहीं मिला

    “पार्टी सत्ता में होती है तो संगठन भी मजबूत होता है। लेकिन बिहार में कांग्रेस के लिए यह चुनौती बनी हुई है,” उन्होंने कहा।

    हालांकि, उन्होंने यह भी भरोसा जताया कि कांग्रेस बिहार में अभी भी मजबूत आधार रखती है और अगर सही रणनीति अपनाई गई तो पार्टी अपनी स्थिति और मजबूत कर सकती है।

    क्या बिहार में कांग्रेस फिर से मजबूत हो सकती है?

    तारिक अनवर का मानना है कि अगर कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता मिलकर काम करें, तो पार्टी को बिहार में फिर से मजबूत किया जा सकता है

    “हम सभी को मिलकर संगठन को मजबूत करने की जरूरत है। अगर हम मेहनत करेंगे, तो कांग्रेस बिहार में और ताकतवर होगी,” उन्होंने कहा।

    हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि कांग्रेस के सामने चुनौतियां कम नहीं हैं, लेकिन अगर पार्टी ने सही रणनीति अपनाई तो आने वाले समय में बेहतर प्रदर्शन कर सकती है।

    बिहार कांग्रेस के लिए आगे की राह क्या है?

    बिहार विधानसभा चुनाव 2025 कांग्रेस के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। पार्टी को तय करना होगा कि क्या वह अकेले चुनाव लड़ेगी या महागठबंधन में रहेगी

    इसके अलावा, कांग्रेस को संगठन को मजबूत करने, सीट शेयरिंग पर समझौता करने और युवा नेतृत्व को बढ़ावा देने जैसी कई चुनौतियों का सामना करना होगा।

    अब सबकी नजरें कांग्रेस के अगले कदम पर टिकी हैं। क्या पार्टी बिहार में अपनी पुरानी साख वापस ला पाएगी या फिर महागठबंधन के तहत आरजेडी की छाया में ही रहेगी? यह आने वाले महीनों में साफ हो जाएगा।

  • अमेरिकी कंपनियों को चीन से वापस लाने के लिए पेश किया विधेयक

    अमेरिकी कंपनियों को चीन से वापस लाने के लिए पेश किया विधेयक

    अमेरिकी कंपनियों को अपने मैन्युफैक्चरिंग यूनिट चीन से अपने देश अमेरिका में वापस लाने मे मदद के लिए एक प्रभावशाली सांसद ने कांग्रेस में एक विधेयक पेश किया है। माना जा रहा है कि, कोरोना वायरस की इस महामारी के कारण आने वाले समय में बड़ी संख्या में अमेरिकी कंपनियां चीन से बाहर निकलेंगी।

    अमेरिकी सांसद मार्क ग्रीन द्वारा पेश किए गए विधेयक ”द ब्रिंग अमेरिकन कंपनी होम एक्ट” में इन कंपनियों को वापस लाने का पूरा खर्च तथा चीन आयात पर लगने वाले शुल्क को कवर करने के लिए कहा गया है।

    ग्रीन ने कहा, ”हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए अमेरिका में निवेश आकर्षित करना आवश्यक है। मगर, अमेरिकी कंपनियों के लिए अपने देश आने में, लागत एक सबसे बड़ी बाधा है। कई कंपनियों के लिए ये काफी खर्चीला और जोखिम भरा है, खासतौर से वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के दौर में।”

    उन्होंने कहा, ”चीन ने यह साफ कर दिया है कि, वह भरोसेमंद साझेदार नहीं है। अमेरिका को फिर से विकसित करने तथा चीन पर निर्भरता कम करने के लिए, आइए हम अवसर के द्वार खोलें तथा अपने देश में ही निवेश को प्रोत्साहित करें। मेरा विधेयक विकास के लिए है और ऐसा करना ही उचित है।”

    उन्होंने कहा कि, कोरोना महामारी की प्रतिक्रिया में चीन लापरवाह रहा है और बाकी दुनिया को  इसकी गंभीरता के बारे में बताने में विफल रहा, जिससे हजारों अमेरिकियों की मृत्यु हो गई।

  • कोरोना: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी

    कोरोना: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी

    KKN न्यूज़ डेस्क। जहां भारत मे कोरोना वायरस से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित किया है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी को एक चिट्ठी लिखी है। उन्होने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।

     

    पत्र में सोनिया गांधी ने पीएम मोदी के 21 दिन के लॉकडाउन के फैसले का समर्थन किया है। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि, केंद्र को छ: महीनों के लिए सभी ईएमआई को टालने पर विचार करना चाहिए, इस अवधि के लिए बैंकों द्वारा लिया जाने वाला ब्याज भी माफ करना चाहिए। उन्होंने आपूर्ति श्रृंखला को आसान बनाने तथा डॉक्टरों की रक्षा करने के लिए कदम उठाने की मांग की।

    प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर सोनिया गांधी ने यह भी कहा, कि उनकी पार्टी कोरोना वायरस के इस संकट से निपटने के लिए पूरी तरह से सरकार के साथ खड़ी है।उन्होंने कहा, कोरोना वायरस की इस महामारी ने लाखों लोगों का जीवन खतरे में डाल दिया है तथा पूरे देश में खासकर समाज के सबसे कमजोर वर्ग के लोगों की आजीविका एवं रोजमर्रा के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। कोरोना महामारी को रोकने व हराने के संघर्ष में पूरा देश एकजुट होकर एक साथ खड़ा है।

    सोनिया ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया की, इस विकत परिस्थिति में किसानों के ऋण और बकाया राशि की वसूली को छः महीनों के लिए रोक दिया जाना चाहिए एवं उदार हृदय से किसानों की कर्जमुक्ति के बारे में निर्णय लिया जाना चाहिए। उन्होंने छोटे एवं मध्यम व्यवसायियों की परेशानियों का उल्लेख करते हुए कहा, केंद्र सरकार को हर क्षेत्र के लिए विशेष राहत पैकेजों की घोषणा करनी चाहिए तथा उन्हें आवश्यक टैक्स ब्रेक, ब्याज माफी एवं देनदारियों पर छूट अनिवार्य होना चाहिए।

    ये भी पढ़ें

    किसान चाची के हौसले की उड़ान अभी जारी है
    बिहार में शराबबंदी का नजीर बना सुरसंड
    भगवान महावीर का कैवल्य ज्ञान दर्शन क्या है
    पद्मश्री किसान चाची का एक सपना, पूरा होना अभी बाकी है
    बेलसंड: जन सरोकार के भंवर में है सियासत
  • दोस्त हो या दुश्मन, आम हो या खास यहां सभी खुश है

    दोस्त हो या दुश्मन, आम हो या खास यहां सभी खुश है

    KKN न्‍यूज ब्यूरो। एहसास, इंसान की अहमियत को बढ़ा देता है। एहसास, काबिलियत को बढ़ा देता है और यदि एहसास खुशी की हो, तो फिंजा में इसके होने का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। दिल्ली की फिंजा में इनदिनो इस खुशी को महसूस किया जा सकता है। मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनकी पार्टी खुश है। क्योंकि, जबरदस्त तरीके से सत्ता में वापस लौट कर उन्होंने इतिहास रच दिया। बीजेपी खुश है। क्योंकि, दिल्ली, कॉग्रेस मुक्त हो गई और कॉग्रेस खुश है कि बीजेपी सत्ता से दूर रह गई। यानी, दिल्ली में सभी खुश है।

    इधर, दिल्ली की जनता भी खुश है। बिजली, पानी और यात्रा किराया में राहत लेकर। एग्जिट पोल के सटीक होने से मीडिया खुश है। सीएए पर सरकार और कोर्ट को बैकफुट करके शाहीनबाग के लोग खुश है। खोमचा और फेरी वाला भी खुश है। बिक्री जो बढ़ गई है। विद्यालय नहीं जाने से बच्चे खुश है। स्कूल बंद होने से शाहीनबाग के शिक्षक खुश है। मुफ्त में बिरयानी खाकर आंदोलनकारी खुश है। हिन्दू और मुसलमानो के बीच बढ़ रही दूरी को देख कर पड़़ोसी पाकिस्तान खुश है। विपक्ष खुश है। क्योंकि, उसको बैठे बिठाये मुद्दा मिल गया। सरकार खुश है। क्योंकि, आमलोगो का ध्यान बेरोजगारी से हट गया। यानी, प्रदूषण के लिए बदनाम हो चुकी दिल्ली की फिंजा में इनदिनो खुशी को महसूस किया जा सकता है।

  • कॉग्रेस को तुष्टीकरण की नीति से हुआ बड़ा नुकसान : रामप्रवेस

    कॉग्रेस को तुष्टीकरण की नीति से हुआ बड़ा नुकसान : रामप्रवेस

    कॉग्रेस नेता और बिहार के मीनापुर प्रखंड के पूर्व बीससूत्री अध्यक्ष रामप्रवेस ठाकुर ने कहा कि तुष्टीकरण की नीति से कॉग्रेस को बहुत नुकसान हुआ है। KKN लाइव के “इनसे मिलिए” सेगमेंट में बोलते हुए श्री ठाकुर ने शराबबंदी, भ्रष्टाचार और विकास पर भी खुल कर अपनी बातें रखी। श्री ठाकुर ने सीएए, शाहीनबाग, धारा 370 सहित कई मुद्दो पर बीजेपी की तारीफ करते हुए क्या कहा? देखिए, पूरी रिपोर्ट…

    https://www.facebook.com/KKNLive/videos/239962750334795/

  • एक महीने तक नहीं बोलेगी कॉग्रेस, कई सवालो का नहीं है जवाब

    एक महीने तक नहीं बोलेगी कॉग्रेस, कई सवालो का नहीं है जवाब

    टीवी डिबेट्स में शामिल नहीं होंगे कांग्रेस के प्रवक्ता

    भारत में जनादेश 2019 ने कॉग्रेस की बोलती बंद कर दी है। कई ऐसे सवाल है, जिसका कॉग्रेस के पास कोई जवाब नहीं है। नतीजा, कॉग्रेस ने अगले एक महीने तक किसी भी टीवी डिबेट में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया है। कॉग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक ट्वीट करके इस आशय की जानकारी दी है।

    सवालो का नहीं है जवाब

    लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कॉग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तेफा की पेशकश के बाद से ही कॉग्रेस पेशोपेश में है। खबर आई थी की तीन रोज पहले हुई सीडब्लूसी की बैठक में राहुल इस्तेफा देंगे। थोड़ी देर में ही सुरजेवाला ने ट्वीट किया कि पेशकश की खबर भ्रामक है। साढ़े तीन घंटे बाद मीडिया को बताया गया कि राहुल ने इस्तेफा की पेशकश की थी। किंतु, सीडब्लूसी ने इसे नामंजूर कर दिया है। अगले दिन फिर खबर आई कि राहुल इस्तेफा पर अर गएं है और उनको मनाने का दौर शुरू हो गया। जानकार मानतें हैं कि यही वह बड़ी वजह है, जिसका कॉग्रेस के पास फिलहाल कोई जवाब नहीं है। मीडिया जानना चाह रही है कि क्या राहुल गांधी सीडब्लूसी के निर्णय को नहीं मानेंगे? सवाल यह भी कि जब राहुल ने इस्तेफा देने का मन बना ही लिया है, तो फिर उन्हें कौन रोक रहा है? क्या मीडिया की लाइमलाईट में बने रहने का यह एक हथकंडा है? इसी के साथ कॉग्रेस के भविष्य को लेकर भी कई और सवाल उठने लगा है। जिसका फिलहाल कॉग्रेस के पास कोई जवाब नहीं है।

    दुबिधा में फंसी कॉग्रेस

    लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस में आत्ममंथन का दौर जारी है। एक ओर राहुल गांधी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना चाहते हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस ने अपने सभी प्रवक्ताओं को किसी भी टीवी डिबेट में शामिल नही होने का निर्देश दिया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अभी हार हुई है, ऐसे में टीवी डिबेट में जाकर तुरंत मोदी सरकार की खिलाफत करना जनता को पसंद नहीं आएगा और इसका पार्टी को नुकसान हो सकता है।

    मीडिया पर फोरा ठिकड़ा

    पार्टी सूत्रों के मुताबिक, यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि डिबेट में कुछ मीडिया मोदी सरकार का पक्ष अधिक लेते हैं। ऐसे में सिर्फ डिबेट में जाना और वहां गलत साबित किये जाने से कॉग्रेस को नुकसान हो रहा है। इसके साथ ही डिबेट में किसान, रोज़गार, गरीब और मोदी के वायदों पर बहस नहीं होने का कॉग्रेस ने आरोप लगाया है। दूसरी ओर जानकार मानतें हैं कि कॉग्रेस प्रवक्ताओं के पास राहुल के इस्तीफे के सवाल का कोई जवाब नहीं है और यहीं वह बड़ी वजह है, कि कॉग्रेस अगले एक महीने तक टीवी डिबेट में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया है।

  • कॉग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज दे सकतें हैं इस्तीफा

    कॉग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज दे सकतें हैं इस्तीफा

    लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कॉग्रेस में खलबली मच गई है। चुनाव परिणामो की समीक्षा के लिए पार्टी ने आज सीडब्लूसी की बैठक बुलाई है। चर्चा है कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी अपना इस्तीफा दे सकतें हैं। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक राहुल ने अपने इस्तेफे की पेशकश कर दी है।

    हालांकि, मानमनौव्वल का दौर भी शुरू हो गया है। सूत्र बतातें हैं कि सोनिया गांधी ने राहुल को इस्तीफा देने से मना किया है। कहा जा रहा है कि पार्टी संगठन में बड़ा फेरबदल करके राहुल को अध्यक्ष बने रहने के लिए राजी कर सकतें हैं। जानकार मानतें हैं कि राहुल गांधी जिन समर्थको से घिर गएं हैं, उनमें से अधिकांश वामपंथी विचारधारा के अधिक करीब है और इन्हीं कारणों से राहुल गांधी पिछले दिनो जेएनयू पहुंच कर छात्र नेता कन्हैया कुमार से मुलाकात की थी और उन्हें अपना समर्थन भी दिया था।

    जानकार यह भी बता रहें है कि लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने जो मुद्दे उठाए, वह उल्टा पड़  गया। पीएम मोदी को बार बार चोर कहना और सेना पर सवाल खड़ा करने को मतदाताओं ने पूरी तरीके से नकार दिया। राफेल के मोर्चे पर भी राहुल गांधी का स्टेंट कामयाब नहीं हुआ। पाकिस्तान और अलगवादियों के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर रखना कॉग्रेस को भारी पड़ गया। ऐसे में बड़ा सवाल ये कि क्या हार की जिम्मेदारी लेते हुए कॉग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी आज इस्तीफा देंगे?

  • बिहार की रैली में कॉग्रेस अध्यक्ष ने किया सत्ता में वापसी का शंखनाद

    बिहार की रैली में कॉग्रेस अध्यक्ष ने किया सत्ता में वापसी का शंखनाद

    बिहार की राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान से रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सत्ता में वापसी के लिए शंखनाद कर दिया है। पटना की रैली में राहुल गांधी के साथ मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के मुख्यमंत्री भी आए हैं। कांग्रेस की इस रैली को आगामी लोकसभा चुनावों की दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है। बिहार में पार्टी के जनाधार की वापसी का फैसला जहां इस रैली से होगा, वहीं महागठबंधन के सहयोगियों संग सीटों की साझेदारी में भी कांग्रेस की हिस्सेदारी इस शक्ति प्रदर्शन से तय होगी।


    बिहार में भी बनेगी गठबंधन की सरकार


    रैली को संबोधित करते हुए कॉग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, लोकसभा के बाद विधानसभा में भी गठबंधन की सरकार बनाएंगे। राहुल गांधी ने कहा 27 प्रतिशत चीनी बिहारी किसान देता था, जो आज घट कर महज 2 फीसदी रह गया है। कहा कि दिल्ली में कांग्रेस की सरकार आएगी तो पटना को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया जाएगा। राहुल गांधी ने कहा कि नोट अच्छे नहीं लगे तो 500 और एक हजार रुपये के नोट बंद कर दिए गये। महिलाओं के बचत के पैसे बैंक में जमा करवाए और जनता के पैसे निकाले। नोटबन्दी दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला है। कहा कि मोदी ने वादा करके आम लोगो को 15 लाख नहीं दिए। बिहार और देश के किसानों को को क्या मिला किसी से छिपा नहीं है। कहा कि मोदी सरकार ने दिन के मात्र 17 रुपये देकर किसानो का अपमान किया है। उद्योगपति के लिए सरकार ने हजारों करोड़ माफ किए। किंतु, किसानों का कर्ज माफ करने को राजी नहीं है। राहुल ने कहा कि कॉग्रेस शासित तीन राज्य में कांग्रेस ने किसानों का कर्ज माफ कर दिया है। बिहार कि इस ऐतिहासिक रैली के लिए राहुल गांधी ने कांग्रेस और महागठबंधन के प्रति आभार व्यक्त करते किया है।


    बीजेपी पर धोखा देने का आरोप


    राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर जनता को धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि 2 करोड़ रोजगार और 15 लाख रुपये खाते का नारा देकर बीजेपी ने जनता को धोखा दिया है। अगले चुनाव के लिए कांग्रेस ने किसान, नौजवान, न्यूनतम आमदनी का एजेंडा तय किया है। बिहार से जीत कर जाएंगे। जनता समझदार है।


    जुमला से नहीं चलता है देश


    मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि बिहार देश का निर्माण करेगा और नौजवान अब ठेके पर काम करना नहीं चाहता है। बीजेपी ने मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया के नारे देकर लोगो को धोखा दिया है। उन्होंने कहा कि किसान आत्महत्या कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजनीति कलाकारी से नहीं चलेगी। कहा कि गंगा की सफाई के नाम पर देश के बैंक को साफ कर दिया गया।


    खतरे में संवैधानिक संस्था


    छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि संवैधानिक संस्था खतरे में है। राहुल का मतलब, किसानों का सम्मान है, गरीबों की चिंता है। किसानों का 6 हजार करोड़ कर्ज माफ किया। 2500 रुपये क्विंटल धान खरीद रहे हैं। 80 लाख मीट्रिक टन खरीदी है। किसानों की जमीन वापस कर दी। गठबंधन करके बीजेपी सरकार को भगाना है। उन्होंने कहा कि हमने छत्तीसगढ़ में बीजेपी की जीत की मशीन को खराब कर दिया है।


    इन लोगो ने किया संबोधित


    रैली को सीपीआई के सचिव सत्यनारायण, शरद यादव, राजद नेता तेजस्वी यादव, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, कॉग्रेस नेता सदानंद सिंह, प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, तारिक अनवर आदि नेताओं ने संबोधित किया।

  • तारिक अनवर ने लोकसभा की सदस्यता और पार्टी से दिया इस्तीफा

    तारिक अनवर ने लोकसभा की सदस्यता और पार्टी से दिया इस्तीफा

    राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी के पक्ष में दिए गए बयान से आहम होकर पार्टी के सांसद तारिक अनवर ने आज पार्टी और लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। शुक्रवार को उन्होंने अपने आवास पर आयोजित पत्रकार वार्ता में यह घोषणा की। राफेल डील पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी के पक्ष में दिए गए बयान को उन्होने इस्तीफा देने का कारण बताया है।

    शरद पवार ने दिए थे यह बयान

    इससे पहले राफेल सौदे पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी के प्रमुख शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बचाव किया था। उन्होंने कहा था, इस सौदे पर मोदी के इरादों को लेकर जनता के मन में कोई संदेह नहीं है। पूर्व रक्षा मंत्री शरद पवार ने एक मराठी चैनल को दिए साक्षात्कार मे कहा था कि मुझे निजी तौर पर लगता है कि लोगों के दिमाग में प्रधानमंत्री की नीयत को लेकर कोई शक नहीं है।

    विपक्ष की यह है मांग

    विपक्ष राफेल की तकनीकी जानकारी साझा करने की सरकार से मांग कर रहा है। हालांकि उन्होंने कहा कि सरकार को राफेल सौदे की कीमत बताने में गुरेज नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अब वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सरकार का पक्ष साफ-साफ रखा है। इससे लोगों का भ्रम दूर हो जायेगा। बयान को लेकर बखेड़ा होने के बाद शरद पवार ने बाद में कहा था कि उनके इस बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है।

  • पाक सेना प्रमुख को गले लगा कर फंसे कॉग्रेस नेता

    पाक सेना प्रमुख को गले लगा कर फंसे कॉग्रेस नेता

    भारत के पंजाब प्रांत के कांग्रेसी नेता, पूर्व क्रिकेटर और पंजाब कैबिनेट के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर भारत की राजनीति में बबाल खड़ा हो गया है। दरअसन, पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस नेता और कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू शामिल होने के लिए पाकिस्तान गए हुये है। इसी समारोह में सिद्धू और पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा ने एक दूसरे को गले लगाया। यह वाकया शपथग्रहण समारोह शुरू होने से ठीक पहले राष्ट्रपति भवन में हुआ, जब एक दूसरे को गले मिलाते नजर आए। इसके बाद सिद्दू की भारत में काफी आलोचना हो रही है। भारतीय जनता पार्टी ने सिद्धू के पाकिस्तान जाने को लेकर कांग्रेस से जवाब मांगा है।

    भाजपा ने पूछे सवाल

    भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से सवाल किया की नवजोत सिंह सिद्धू किसकी इजाजत से इमरान के शपथग्रहण में शामिल होने के लिए पाकिस्तान गए? क्या राहुल गांधी ने उन्हें इसकी इजाजत दी थी। संबित ने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह से पहले सिद्धू का जनरल बाजवा से गले मिलना कोई साधारण बात नहीं है, यह एक जघन्य अपराधा है। इतना ही नहीं पीओके के राष्ट्रपति को सिद्दू के बगल में क्यों बैठाया गया? यदि, बिठाया भी गया तो सिद्धू ने उनके बगल में बैठने से मना क्यों नहीं किया?

    मसूद खान के बगल में बैठने पर आपत्ति

    स्मरण रहें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान कांग्रेस नेता और पंजाब कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को पाकिस्तान के नियंत्रण वाले कश्मीर यानी पीओके के प्रसिडेंट मसूद खान के बगल में बिठाया गया था। शपथग्रहण समारोह के दौरान नवजोत सिद्धू को अन्य विदेशी पदाधिकारियों के साथ बैठाने की जगह उन्हें पाकिस्तान सरकार ने राष्ट्रपति भवन के एइवान-ए-सद्र के हॉल में मसूद खान के ठीक बगल में बिठाया जिसको लेकर अब विवाद पैदा हो गया है।

    खबरो की खबर को पढ़ने के लिए KKN Live के पेज को फॉलो कर लें और शेयर व लाइक जरुर करें। आपके सुझाव का भी इंतजार रहेगा।

  • भारतीय सेना पर अपत्तिजनक बयान देना कॉग्रेसी नेता को महंगा पड़ा

    कठघरे में गुलाम नबी आजाद व सैफुद्दीन सोज

    नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद मुश्किलों से घिर गए हैं। दिल्ली के पटियाला कोर्ट में उनके खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज की गई है। नेता द्वय ने भारतीय सेना पर आपत्तिजनक बयान दिया था।

    दोनों नेताओं के खिलाफ दिल्ली के अधिवक्ता शशि भूषण ने शिकायत दर्ज कराई है। याचिकाकर्ता ने आजद के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि ऐसे बयानों से देश की जनता भारतीय सेना को कातिल की तरह देख सकती है। उन्होंने आजाद पर आरोप लगाया कि उनके बयान में देश युद्ध छिड़ सकता है। अधिवक्ता की शिकायत पर मजिस्ट्रेट कोर्ट में आगामी 30 जून को सुनवाई होगी।
    स्मरण रहे कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि भारतीय सेना जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवादियों से ज्यादा नागरिकों को मार रही है। इसके तत्कालबाद, लश्कर-ए-तैयबा ने आजाद के बयान का समर्थन किया था। कांग्रेस के नेता सैफुद्दीन सोज ने कहा था कि पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का बयान सही था कि कश्मीरी नागरिक आजादी पसंद करेंगे। अब दोनो ही नेता अपने खुद के बयान में घिरते नजर आ रहें हैं।

  • पूर्व केंद्रीय मंत्री और कॉग्रेस के कद्दावर नेता एलपी शाही नही रहे

    पूर्व केंद्रीय मंत्री और कॉग्रेस के कद्दावर नेता एलपी शाही नही रहे

    बिहार। बिहार के राजनीति के पुरोधा और वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री 98 साल के एलपी शाही का निधन हो गया है। शनिवार को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में उन्होंने आखरी सांस ली है।

    उन्हें सीने में दर्द की शिकायत के बाद गुरुवार को एम्स में भर्ती कराया गया था। उनका पार्थिव शरीर शनिवार शाम को पटना पहुंच गया है। दिग्गज कांग्रेस नेता 1980 में जनता पार्टी के जय नारायण प्रसाद को हराकर बिहार से विधायक बने थे। वह 1984 में मुजफ्फरपुर से सांसद बने और बाद में उन्होंने शिक्षा एवं संस्कृति मंत्री के रूप में काम किया।
    कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ललितेश्वर प्रसाद शाही के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी कमी पार्टी के सभी नेताओं को खलेगी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी शाही के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा, शाही के निधन के साथ समाज ने एक महान नेता और सामाजिक कार्यकतार् खो दिया है। यह राजनीति और समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने शोक जताते हुए कहा कि शाही जी जुझारू सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता एवम कर्मठ राज्य नेता थे।

  • कर्नाटक में फंसी भाजपा, जेडीएस को कांग्रेस का समर्थन

    कर्नाटक। कर्नाटक में अपने दम पर सरकार बनने का भाजपा का सपना टूटता हुआ नजर आ रहा है। दरअसल, भाजपा 106 और 107 के बीच लटकती हुई नजर आ रही है।

    इस बीच कॉग्रेस ने बड़ा दाव खेल दिया है। कॉग्रेस ने जेडीएस को सरकार बनाने पर समर्थन देने की घोषणा कर दी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने दावा किया है कि जेडीएस ने कांग्रेस के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। अनुमान है कि कर्नाटक चुनाव के सभी सीटों का परिणाम शाम चार बजे के बाद जारी हो सकता है। खबर लिखे जाने तक रुझानों में भाजपा 106 सीटों पर आगे, कांग्रेस, 76 सीटों पर आगे और जेडीएस 38 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं 2 सीटों पर अन्य उम्मीदवार आगे हैं।

  • आतंकी हमले में कांग्रेस नेता की मौत

    KKN Live का न्यूज एप आप प्लेस्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं।

    जम्मू कश्मीर। कश्मीर के रजपुरा इलाके में आतंकियों ने कांग्रेस नेता गुलाम नबी पटेल की गोली मारकर हत्या कर दी। घटना बुधवार दोपहर की है।

    बताया जा रहा है कि घटना के वक्त गुलाम नबी अपनी कार से पुलवामा से यादेर जा रहे थे। रास्ते में आतंकियों ने उनकी कार पर हमला कर दिया और ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगे। इस हमले में उन्हें कई गोलियां लगी थीं। अस्पताल ले जाते वक्त उन्होंने दम तोड़ दिया। हमले में गुलाम नबी पटेल के दो सुरक्षाकर्मी भी बुरी तरह जख्मी हुए हैं। दोनों का अस्पताल में उपचार चल रहा है।

  • पीएम मोदी का कांग्रेस पर बड़ा हमला

    पीएम मोदी का कांग्रेस पर बड़ा हमला

    पूजा श्रीवास्तव
    नई दिल्ली। पीएम मोदी ने कॉग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कॉग्रेस को न्यू इंडिया वाला भारत नहीं बल्कि, घोटाला वाला भारत चाहिए…। लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक के बाद एक कांग्रेस पर कई तीखे हमले किए। पीएम मोदी ने कहा 50 साल तक सत्ता में रहने के बाद कांग्रेस जनता से कट गई है। कांग्रेस भाजपा की बुराई करते करते भारत की बुराई करने में लगी हुई है। बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर पीएम मोदी राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दे रहे थे।

    पीएम ने पूछा कॉग्रेस से सवाल
    पीएम मोदी ने सवाल किया कि कांग्रेस को न्यू इंडिया चाहिए या आपात काल वाला भारत? क्या कांग्रेस को सेना के जीप घोटाले वाला भारत चाहिए? कांग्रेस पर हमला बोलेते हुए कहा कि आपको इमरजेंसी वाला भारत चाहिए, लेकिन हमें गांधी वाला भारत चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मुक्त भारत मोदी का नहीं, गांधी का विचार है। आपको बोफोर्स घोटाला वाला भारत चाहिए।
    क्रेडिट पॉलिटिक्स
    पीएम मोदी ने कहा की हमारे हर फैसले में देश हित सर्वेपरि होता है लेकिन कांग्रेस हर काम का क्रेडिट लेना चाहती है। कांग्रेस ने कालेधन पर एसआईटी नहीं बनाई। बेनामी कानून को 28 सालों तक लटका कर रखा। जीएसटी पर मध्यरात्रि सेशन का विरोध किया। पीएम ने कहा कि अब इन सब का क्रेडिट कांग्रेस के खाते में जाता है। पीएम ने कहा कि यदि मैं अंग्रेजी में 9 लिखूंगा तो विपक्ष को यह 6 दिखने लगता है। कांग्रेस पर तंज कसते हुए पीएम ने कहा कि कॉग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को भारत की नही बल्कि, एक परिवार को बचाने की चिंता है।

  • कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को पीछे बैठाने पर राजनीति शुरू

    कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को पीछे बैठाने पर राजनीति शुरू

    नई दिल्ली। कॉग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को देश के 69वें गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान छठी पंक्ति में बैठाये जाने पर राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त दी है। पार्टी ने आरोप लगाया कि इससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार की ओछी राजनीति जगजाहिर हो गयी है।

    कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय पर्व पर अहंकारी शासकों ने सारी परम्पराओं को दरकिनार कर दिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मोदी सरकार की ओछी राजनीति जग ज़ाहिर! सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय पर्व पर अंहकारी शासकों ने सारी परंपराओं को दरकिनार करके पहले चौथी पंक्ति और फिर छठी पंक्ति में जान बूझकर बिठाया गया।
    राहुल ने कल एक खुले पत्र में देशवासियों से कहा था कि संविधान में की गयी न्‍याय, स्‍वतंत्रता, समानता एवं बंधुत्‍व की प्रतिबद्धताओं की रक्षा करने की पहले से कहीं अधिक आवश्‍यकता है। उन्‍होंने लिखा है कि हमारे युवा देश के इतिहास में इन मूल्‍यवान प्रतिबद्धताओं की पहले से कहीं अधिक रक्षा किये जाने की आवश्‍यकता है।

  • राहुल को मिला कॉग्रेस का कमान

    राहुल को मिला कॉग्रेस का कमान

    नई दिल्ली। राहुल को कॉग्रेस का कमान मिल गया है। वे निर्विरोध कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिए गए हैं। कॉग्रेस नेता एम. रामचंद्रन ने राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद पर निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा कर दी है।
    इसी के साथ कॉग्रेस अध्यक्ष बनने वाले राहुल गांधी, नेहरू-गांधी परिवार के छठे व्यक्ति बन गये हैं। इसके साथ ही पार्टी में पीढ़ीगत बदलाव का आगाज हो गया है। यह बदलाव देश की सबसे पुरानी पार्टी में नये युग के आगाज का हुआ है।
    इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए राहुल गांधी के नाम की घोषणा होते ही दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय के बाहर सेलिब्रेशन शुरु हो गया है। समर्थक कांग्रेस का झंडा हाथों में लिए काफी खुश थे और एक दूसरे को गुलाल लगा कर तथा मिठाई खिला कर अपनी खुशी का इजहार भी करने लगे है।

  • चित्रकूट उपचुनाव में कांग्रेस की जीत

    चित्रकूट उपचुनाव में कांग्रेस की जीत

    मध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश के सतना जिला अन्तर्गत चित्रकूट विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने अपनी सीट बरकरार रखी है। कांग्रेस उम्मीदवार नीलांशु चतुर्वेदी ने बीजेपी उम्मीदवार शंकरदयाल त्रिपाठी को 14,133 मतों से हराया। इस उपचुनाव में 9 निर्दलीय सहित 12 उम्मीदवार मैदान में थे।
    कांग्रेस उम्मीदवार को 66,810 मत हासिल हुए। वही, बीजेपी प्रत्याशी त्रिपाठी को 52,677 मतो से ही संतोष करना पड़ा। मतदान के दौरान 2,455 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना। कांग्रेस विधायक प्रेम सिंह के निधन के कारण इस सीट पर नौ नवंबर को उपचुनाव कराया गया था, जिसमें 65 फीसदी मतदान हुआ था।

  • मतों का ध्रुवीकरण रोकने की जुगत में है कांग्रेस

    मतों का ध्रुवीकरण रोकने की जुगत में है कांग्रेस

    गुजरात। गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस फूंक-फूंककर कदम रख रही है। पार्टी ऐसा कोई मौका नहीं देना चाहती जिसे भाजपा बड़ा मुद्दा बनाकर उसके खिलाफ मतों का ध्रुवीकरण करा सके। खासकार अल्पसंख्यकों को लेकर पूरी एहतियात बरती जा रही है। यही वजह है कि राहुल गांधी ने नवसृजन यात्रा के दौरान अभी तक अल्पसंख्यकों से जुड़े मुद्दों का जिक्र तक नहीं किया है।
    कॉग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। पिछले लोकसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी पर अपनी छवि बदलने का दबाव भी है। गुजरात में 34 सीट पर मुसलिम मतदाताओं की संख्या करीब 15 फीसदी है। पिछले चुनाव में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के चलते इनमें से 21 सीटें भाजपा ने जीती थी। कांग्रेस को सिर्फ 12 सीटें मिली थीं और एक सीट एनसीपी के खाते में गई थी। ऐसे में कांग्रेस इस बार अपनी रणनीति बदल रही है। पार्टी में यह राय जोर पकड़ रही है कि मौजूदा दो विधायकों के अलावा कोई अल्पसंख्यक उम्मीदवार नहीं उतारा जाए। जानकार मानते हैं कि गुजरात के अल्पसंख्यक भी मतों के ध्रुवीकरण को रोकने की कोशिश को समझ रहे हैं। यही वजह है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की नवसृजन यात्रा और रैलियों में बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े लोग शामिल होने लगे हैं।

  • बिहार कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बने कौकब कादरी

    बिहार। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अशोक चौधरी को बिहार प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया है और प्रदेश उपाध्यक्ष रह चुकें कौकब कादरी को तत्काल प्रभाव से प्रदेश का कार्यकारी अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। कांग्रेस के महासचिव जर्नादन द्विवेदी ने इस खबर की पुष्टि की है।
    बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद से कांग्रेस में चल रहे घमासान की गाज आखिरकार अशोक चौधरी पर गिर ही गई। बिहार कांग्रेस में बगावत के बाद से ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी पर तलवार लटक रही थी।