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  • कोरोना वायरस या Covid-19 क्या है

    कोरोना वायरस या Covid-19 क्या है

    वैसे तो कोरोना वायरस (Covid-19) किसी परिचय का मोहताज नहीं है। छोटा बच्चा, युवा हो या बूढ़ा कोई भी वर्ग इसके कहर से अछूता नहीं बचा है। यही कारण है की कोरोना वायरस (Covid-19) के बारे में विस्तार से जान लेना और भी जरूरी हो जाता है।

    कोरोना वायरस (Covid-19) क्या है? कोरोना वायरस की शुरुआत कब, कहाँ और कैसे हुई? कोरोना वायरस के अबतक के डिफरेंट वैरिएंट्स। कोरोना के लक्षण। कोविड-19 के जांच के तरीके। कोरोना वायरस से बचाव का तरीका तथा कुछ सावधानियाँ। कोरोना वायरस (कोविड-19) के दो सालों का सफर।

    कोरोना वायरस (Covid-19)क्या है?

    कोविड-19 कोई नया वायरस नहीं है, यह कोरोना फैमिली का ही एक नया मेम्बर है। आज से ठीक कुछ साल पहले इसी परिवार के दो अन्य वायरस MERS-CoV (Middle East Respiratory Syndrome Corona Virus) और SARS-CoV (Severe Acute Respiratory Syndrome Corona Virus) को पहचाना गया था। इन दोनों वायरसो की मारक क्षमता तो ज्यादा थी मगर इनका फैलाव कम था। इसके बावजूद WHO ने बहुत जल्द ही इन वायरसो पर नियंत्रण पा लिया था। पर एक बार फिर इसी परिवार से एक नये वायरस के रूप में कोविड-19 उभड़ आया है, जिसके फैलने की रफ्तार काफी तेज है। कोविड-19 को SARS-CoV-2 के रूप में देखा जा रहा है।

    इस वायरस के बारे में सोचते ही मन में सबसे पहला सवाल यही उठता है की इसका नाम कोरोना वायरस (Covid-19) ही क्यूँ पड़ा? चूंकि वायरस शेप और साइज़ मे एक दूसरे से अलग होते हैं। इसी प्रकार क्राउन जैसा स्ट्रक्चर होने के कारण इस वायरस का नाम कोरोना रखा गया। कोरोना एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ होता है क्राउन जैसा।

    कोविड-19 एक तेजी से फैलने वाला खतरनाक वायरस है। जिसके कारण कोरोना जैसी संक्रामक बीमारी होती है। यह एक ऐसी महामारी है जो एक से दूसरे तथा दूसरे से तीसरे मे फैलती ही जाती है। इस महामारी का प्रसार, संक्रमित लोगों के सीधा संपर्क मे आने या हवा के माध्यम से भी हो सकता है। Covid-19 transmission routes

    कोरोना वायरस (Covid-19) की शुरुआत कब, कहाँ और कैसे हुई?

    कोरोना वायरस (Covid-19) की शुरुआत कोरोना फैमिली के SARS वायरस से हुई थी। सार्स वायरस का कहर 2002-2004 तक झेलना पड़ा था। इसके बाद इसी फैमिली के MERS वायरस ने  2012, 2015 तथा 2018 में अपना विकराल रूप दिखाया था, और एक बार फिर दिसंबर 2019 मे कोरोना वायरस (कोविड-19) की पुष्टि चीन के वुहान शहर के सी-फूड मार्केट से हुई। ऐसा कहा जा रहा था कि अक्टूबर 2019 से ही यह वायरस चीन मे फैलना शुरू हो चुका था और 2020 आते-आते यह वायरस पूरे विश्व में फैल गया।

    WHO ने 2019 में  इस वायरस को नोबल कोरोना वायरस कहा और 11 फरवरी 2020 को इसका नामकरण कोविड-19 कर दिया गया। 11 मार्च 2020 को WHO ने Covid-19 को वैश्विक महामारी (Global Pandemic) घोषित कर दिया।

    चाइना के बाहर कोविड का पहला मामला।

    चाइना के बाहर थाईलैंड में, सबसे पहले कोविड का मामला 13 जनवरी 2020 को सामने आया था। वहीं इंडिया में पहला केस, 30 जनवरी 2020 को केरल के थ्रीसूर जिले मे देखा गया था। दूसरा केस केरल के अलपुजहा में तथा तीसरा केस भी केरल के ही कासरगोड जिले मे देखा गया। 11 जून 2020 आते-आते यह वायरस विश्व के लगभग 216 देशों मे फैल चुका था।

    ऐसा कहा जा रहा था कि कोरोना वायरस के फैलने में चमगादड़ वाहक (resorvoir) का काम कर रहा है।

    कोरोना वायरस के अबतक के डिफरेंट वैरिएंट्स

    • अल्फा कोरोना वैरिएन्ट – United Kingdom, Sept-2020
    • बीटा कोरोना वैरिएन्ट – South Africa, May-2020
    • गामा कोरोना वैरिएन्ट – Brazil, Nov-2020

    अल्फा, बीटा तथा गामा कोरोना वायरस को 2020 के शुरुआती दौर के कुछ समय बाद देखा गया था। इनके फैलने की रफ्तार काफी तेज थी।

    • डेल्टा कोरोना वैरिएन्ट – India, Oct-2020
    • लेम्डा कोरोना वैरिएन्ट
    • म्यू कोरोना वैरिएन्ट

    2020 के अक्टूबर के मे डेल्टा वैरिएन्ट को देखा गया था और इसी के आस-पास लेम्डा और म्यू वैरिएन्ट भी सामने आया था।

    • ओमीक्रॉन वैरिएन्ट – इस वैरिएन्ट को बहुत सारे देशों मे 2021 के नवम्बर महीने मे देखा गया था। यह डेल्टा वैरिएन्ट के मुकाबले कम घातक है पर इसके फैलने और म्यूटेट करने की क्षमता काफी तेज है। यह वायरस हमारे इम्यून सिस्टम को बुरी तरह से प्रभावित करता है। ओमीक्रोन वायरस से एक बार संक्रमित होने के बाद दोबारा भी संक्रमण का खतरा रहता है पर इसकी रिकवरी रेट ज्यादा है।
    • नियोकोव वैरिएन्ट – यह भी कोरोना फैमिली का ही एक न्यू वैरिएन्ट है। मगर निओकोव वायरस का फैलाव सिर्फ जंतुओं मे देखा गया है। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है की यह वैरिएन्ट आगे चलकर म्यूटेट होकर खतरनाक रूप लेगा या नहीं।

    WHO ने कोरोना का वर्गीकरण दो भागों मे किया है।

    (1) VOC (Varient Of Concern) – अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा, ओमीक्रॉन को इस वर्ग मे रखा गया है, क्योंकि इस वर्ग के वायरसो के फैलने की रफ्तार काफी तेज है तथा इसकी मारक क्षमता भी ज्यादा है।

    (2) VOI (Varient Of Interest) – इटा, लोटा, कप्पा, लेम्डा, म्यू ।

    कोरोना वायरस के लक्षण

    अलग-अलग लोगों मे कोरोना के अलग-अलग लक्षण देखने को मिल रहे है। कोरोना से संक्रमित व्यक्ति मे आमतौर पर लक्षण 2-5 दिनों के भीतर दिखाई देने लगते है, पर कुछ केसों मे ये लक्षण दिखाई देने मे 14 दिन भी लग सकते हैं। साथ ही कुछ ऐसे भी लोग है जिसमे यह बीमारी होकर ठीक भी हो जाती है पर लक्षण दिखाई नहीं देते है। सर्दी, खांसी तथा बुखार कोरोना के कुछ सामान्य लक्षण है।

    कोरोना के शुरुआती लक्षण

    • बुखार
    • खांसी
    • थकान
    • स्वाद और गंध का न पता चलना
    • सांस से जुड़ी समस्या

    कोरोना (ओमीक्रॉन) के अभी के लक्षण

    • बहती नाक
    • गले मे खरास
    • सिरदर्द
    • थकान
    • मांशपेशियों मे जकड़न और दर्द
    • लंबे  समय तक खांसी
    • दस्त
    • त्वचा पर दाने पड़ना

    कोरोना के गंभीर लक्षण

    • सीने मे दर्द होना
    • सांस लेने मे दिक्कत महसूस होना
    • आक्सीजन लेवल का कम हो जाना
    • कमजोरी महसूस होना

    कोरोना वायरस का प्रभाव हर किसी पर पड़ा है पर वो लोग जो डायबिटीज, हृदय रोग, लो इम्यूनिटी जैसी बीमारी से जूझ रहे हैं उनपर इसका प्रभाव ज्यादा हुआ है।

    कोविड-19 के जांच के तरीके

    1. RTPCR Test – इस टेस्ट के माध्यम से कोरोना के सभी वैरिएंट्स की जांच की जाती है। इसका रिजल्ट 24 घंटे के बाद आता है।

    2. एंटीजेन टेस्ट – यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे रिपोर्ट के 100% सही आने की संभावना कम रहती है। कोरोना होने के बावजूद भी रिपोर्ट निगेटिव आ जाता है, पर रिपोर्ट पॉजिटिव होने पर इसे सही माना जाता है। इस टेस्ट मे इन्फेक्शन के छूट जाने का खतरा रहता है।

    3. एंटीबॉडी टेस्ट – यह टेस्ट इस बात का पता लगाता है की शरीर मे वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बना है या नहीं। कोरोना ठीक हो जाने के बाद भी शरीर मे एंटीबॉडी होने के कारण इसका टेस्ट पॉजिटिव ही आता है।

    4. जीनोम सीक्वेंसिंग – यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा वायरस के वैरिएन्ट का पता लगाया जाता है।

    कोरोना वायरस से बचाव का तरीका तथा कुछ सावधानियाँ

    • मास्क जरूर लगाएं
    •  सैनेटाइजर का इस्तेमाल करें  (70% एल्कोहल )
    • सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें
    • साबुन से बार-बार हाथ धोए
    • किसी के द्वारा मुंह पर खाँसने या छींकने से बचें
    • खांसी या छींक आने पर मुंह या नाक को रुमाल से ढकें
    • संतुलित आहार का सेवन करें
    • प्रतिदिन धूप सेंके
    • भीड़-भाड़ वाले स्थान पर जाने से बचें
    • इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए काढ़े का सेवन करें
    • वैक्सीन जरूर लगवाएं ।
    • कोरोना से संक्रमित हो जाने के बाद खुद को आईसोलेट करे ताकि यह संक्रमण दूसरे तक ना फैले

    सावधानियाँ – 

    कोरोना महामारी के इस दौर में फैल रहे अपवाहों से बचे। कोई भी दवा डॉक्टर के सलाह के बिना ना लें। विपरीत परिस्थिति मे भी धैर्य बनाए रखे। विटामिन-सी का सेवन जरूरत से ज्यादा ना करें (क्योंकि जरूरत से ज्यादा विटामिन-सी के सेवन से भी खट्टी ढकार तथा सीने  मे जलन जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है।)

    कोरोना वायरस (Covid-19) के दो सालों का सफर

    कोरोना वायरस (Covid-19) की शुरुआत दिसम्बर 2019 में चीन के वूहान से हो गई थी। भारत मे कोविड का पहला केस 30 जनवरी को केरल के थ्रीसूर मे देखने को मिला था। इसके बाद कोरोना का जो कहर शुरू हुआ वो आजतक चलता आ रहा है। शुरुआत मे कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए देश मे लॉकडाउन लगा दिया गया था।

    लॉकडाउन

    लॉकडाउन की शुरुआत 22 मार्च 2020 के जनता कर्फ्यू से हुई थी। इसके बाद 24 मार्च से 14 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाया गया था। इसके बाद इसे बढ़ाकर 3 मई, फिर 17 मई और आखिर मे इसे बढ़ाकर 31 मई तक कर दिया गया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 19 मार्च के सम्बोधन के दौरान 22 मार्च को पहले जनता कर्फ्यू का अह्वाहन किया गया था। यह कर्फ्यू सुबह 7 बजे से रात के 9 बजे तक लगाई गई थी, जिसमे शाम के 5 बजे थाली या ताली बजाकर कोरोना वीरों के प्रति सम्मान व्यक्त करना था। इसके बाद 5 अप्रैल 2020 को 9 बजकर 9 मिनट पर पीएम के आग्रह पर पूरे देश मे बिजली बुझाकर, दिया या मोमबत्ती जलाई गई थी। यह कार्य लोगों के हौसले को बढ़ाने तथा इस संकट मे देश की एकता को प्रकट करने के लिए था।

    यह लॉकडाउन कोरोना के चेन को तोड़ने के लिए लगाया गया था। इस दौरान कोरोना संक्रमण को देखते हए संक्रमित क्षेत्र को तीन जोन मे बाँटा गया था – 1. रेड जोन (हॉटस्पॉट), 2. ऑरेंज जोन(मिडीयम जोन) और 3. ग्रीन जोन (सेफ जोन)।

    क्वारंटाइन सेंटर

    बाहर से आए हुए मजदूर-श्रमिकों के लिए जगह-जगह कोरोना शिविर लगाए गए थे।जहां कोविड टेस्ट के बाद पॉजिटिव हुए मजदूरों के रहने से लेकर खाने-पीने का पूरा इंतजाम किया गया था। ताकि बाहर से आए लोगों के माध्यम से कोरोना का संक्रमण ना फैले। इस दौरान देश के बड़े-बड़े बिजनेशमैन, ऐक्टर सभी ने मिलकर उन मजदूरों को वापस घर पहुँचाया जो इस महामारी के चलते बाहर फंसे हुए थे। इस महामारी के चलते काफी सारे लोगों की जान गई। इस दौरान हमने अपने देश के बहुत सारे डॉक्टर तथा अन्य सेवाकर्मियों को खोया। देश की आर्थिक स्थिति मे भी गिरावट आई, और हम आज भी इस महामारी से जूझ रहे है।

    यह दौर सिर्फ हमारे देश के लिए ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए कठिन है। हम आशा करते हैं कि कुछ ही समय बाद सब कुछ पहले जैसा हो जाए और आनेवाले समय मे कोरोना काल को एक इतिहास के तौर पर जाना जाए।

     

  • शैक्षणिक संस्थानों को फिर से खोलने की योजना पर बढ़ी अभिभावकों की चिंता

    शैक्षणिक संस्थानों को फिर से खोलने की योजना पर बढ़ी अभिभावकों की चिंता

    देश भर के 2 लाख से अधिक अभिभावकों ने एक याचिका पर हस्ताक्षर किए हैं जिसमें कहा गया है कि, जब तक कोरोना महामारी की स्थिति में सुधार नहीं होता या इसकी वैक्सीन तैयार नहीं हो जाती, तब तक स्कूलों को फिर से नहीं खोला जाना चाहिए। सरकार ने घोषणा की थी कि, सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना महामारी का आंकलन तथा चर्चा करने के बाद जुलाई से स्कूलों, कॉलेजों, कोचिंग सेंटरों तथा अन्य शैक्षणिक संस्थानों को फिर से खोल दिया जाएगा। सरकार के इस आदेश के बाद यह याचिका आई है, जिसपर अभिभावकों ने हस्ताक्षर किए हैं

    याचिका में कहा गया है कि, जुलाई में स्कूलों को खोलना सरकार का सबसे खराब फैसला होगा। हमें इस वक्त पूरी ताकत से इस वायरस से लड़ना होगा और यह इस समय आग से खेलने की तरह है। वर्तमान शैक्षणिक सत्र ऑनलाइन शिक्षण के जरिये जारी रहना चाहिए। यदि स्कूल द्वारा दावा किया जाता है कि, वे ऑनलाउन शिक्षण के जरिये अच्छा काम कर रहे हैं, तो फिर इसे बाकी शैक्षणिक वर्ष के लिए जारी रखना चाहिए। इस याचिका पर करीब 2.13 लाख से ज्यादा अभिभावकों ने हस्ताक्षर किए हैं। केंद्र सरकार द्वारा कोरोना वायरस से निपटने के लिए किए गए प्रयासों के तहत देशभर में 16 मार्च से सभी शैक्षणिक संस्थान बंद हैं।

    केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को मीडिया से कहा है कि, स्कूलों तथा कॉलेजों सहित शिक्षण संस्थानों को राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों की सलाह से जुलाई में खोलने का फैसला लिया जाएगा और इस बीच ये संस्थान के स्तर पर अभिभावकों तथा अन्य संबंधित पक्षों के साथ इस विषय पर चर्चा करेंगे। फीडबैक के आधार पर इन संस्थाओं को जुलाई 2020 में खोलने का निर्णय लिया जाएगा। साथ ही, बोर्ड की लंबित परिक्षाएं तथा प्रवेश परिक्षाएं भी जुलाई में आयोजित की जाएंगी।

  • मेक्सिको में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 90 हजार के पार

    मेक्सिको में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 90 हजार के पार

    मेक्सिको में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना संक्रमण के 3,100 नये मामले सामने आने के साथ देश में संक्रमितों की कुल संख्या 90,664 पहुंच गयी है। राष्ट्रपति ह्यूगो लोपेज-गेटेल ने सोमवार को इसकी घोषणा की।

    लोपेज-गेटेल ने ट्विटर पर कहा कि, देश में अब तक कोरोना वायरस से 90,664 लोग संक्रमित हो चुके हैं, इनमें से पिछले 14 दिनों में 16,964 लोगों में संक्रमण के लक्षण पाये गये हैं। उन्होंने कहा कि, पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 3,152 मामले सामने आए है और इस वायरस से 151 और लोगों की मौत हो गई। गौरतलब है कि, मेक्सिको में इस महामारी से अप्रभावित क्षेत्रों में 18 मई से रियायतें दी गई थी और सोमवार से शुरू होने वाले सप्ताह में अन्य क्षेत्रों में रियायतें दिये जाने की योजना है।

    इधर, भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के रिकॉर्ड 8,392 नए मामले सामने आए हैं और एक दिन में 230 मरीजों की मौत हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सोमवार सुबह जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में अभी कोरोना संक्रमितों की संख्या 1,90,535 पहुंच चुकी है और कुल 5,394 लोग अपनी जान गवा चुके हैं। वहीं, अब तक 91,819 लोग ठीक होने के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं। महाराष्ट्र में अब तक राज्य में 67,655 संक्रमित मामले मिले हैं। इसमें से 36,040 मरीजों का उपचार जारी है, जबकि 29,329 लोग पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। वहीं, 2,286 लोगों की मौत हुई है।

  • बिहार के इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों की परीक्षा पर भी कोरोना का असर

    बिहार के इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों की परीक्षा पर भी कोरोना का असर

    कोरोना वायरस का असर बिहार के इंजीनियरिंग तथा पॉलिटेक्निक कॉलेजों की परीक्षाओं पर भी पड़ा है। यही कारण है कि, अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि, परीक्षा ऑनलाइन ली जाएगी या ऑफलाइन। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, परीक्षा के दोनों ही परिस्थितियों के लिए तैयार है। उम्मीद है कि, इस पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा। परीक्षा को लेकर विभाग निरंतर स्टेट बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजुकेशन से संपर्क बनाए हुए है और साथ ही बैठकों का दौर भी जारी है।

    परीक्षा को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTI) के अगले दिशा-निर्देश के आने का इंतजार किया जा रहा है। हालांकि, जून के पहले सप्ताह तक दिशा-निर्देश आने की संभावना है।

    परीक्षा ऑनलाइन माध्यम से हो या ऑफलाइन, लेकिन 50 फीसदी अंकों की ही होगी। वहीं 50 फीसदी अंक विद्यार्थियों के पिछले शैक्षणिक वर्ष के प्रदर्शन के आधार पर दिए जाएंगे

  • लुधियाना में RPF के 7 जवान कोरोना संक्रमित, 100 जवानों को किया गया क्वारंटाइन

    लुधियाना में RPF के 7 जवान कोरोना संक्रमित, 100 जवानों को किया गया क्वारंटाइन

    कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश और दुनिया के अधिकतर हिस्सों में लॉकडाउन और अलग-अलग तरह की पाबंदियां लागू हैं, लेकिन इसके बावजूद भी इसकी रफ्तार में कमी देखने को नहीं मिल रही है। भारत में कोरोना वायरस का कहर तेज गति से बढ़ता ही जा रहा है और कोरोना संक्रमितों की संख्या 1 लाख 45 हजार के करीब हो गई है। अब तक देश में कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या 145380 तक पहुंच चुकी है, जिनमें से 4167 लोगों की मृत्यु हो चुकी है और साथ ही 60490 लोग पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। वहीं, अगर विश्व स्तर की बात करें, तो दुनियाभर में कोरोना संक्रमितों की सख्या 55 लाख के आंकड़े को पार कर चुकी है।

    लुधियाना रेलवे स्टेशन पर तैनात RPF के 7 जवान कोरोना संक्रमित पाये गए है और लगभग 100 जवानों को क्वारंटाइन किया गया है। इस बात की जानकारी रेलवे सुरक्षा बल के डायरेक्टर जनरल ने दी है।

  • चीन में सामने आए कोरोना संक्रमण के 36 नए मामले, 29 में नहीं दिखे कोई लक्षण

    चीन में सामने आए कोरोना संक्रमण के 36 नए मामले, 29 में नहीं दिखे कोई लक्षण

    चीन में कोरोना वायरस संक्रमण के 36 नए मामले सामने आए हैं, इनमें 29 मामले ऐसे हैं, जिनमें संक्रमितों में संक्रमण के कोई लक्षण नहीं है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि, ज़्यादातर मामले वुहान में सामने आए हैं, जहां अभी तक 65 लाख लोगों की जांच की जा चुकी है।

    देश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (NHC) ने बताया कि, नए मामलों में से 7 लोग बाहर से आए हैं। 5 भीतरी मंगोलिया स्वायत्त क्षेत्र से और शंघाई तथा फूजियन से 1-1 लोग है।

    आयोग ने बताया कि, कोरोना संक्रमण से सोमवार को किसी की जान नहीं गई। वहीं, विदेश से आए 28 लोग सहित बिना लक्षण के संक्रमित  403 लोग देशभर में चिकित्सीय निगरानी में हैं। NHC ने बताया कि, सोमवार तक देश में कोरोना संक्रमण के 82,992 मामले थे और 4,634 लोगों की मृत्यु हो चुकी थी।

    वहीं, चीन में कोरोना संक्रमण से ग्रस्त हुए 9 मरीजों को उपचार के बाद पूरी तरह से स्वस्थ होने पर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने मंगलवार को नेशनल हेल्थ कमीशन की डेली रिपोर्ट के हवाले से कहा कि, ‘9 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, जबकि वर्तमान में 81 मरीजों का उपचार चल रहा है।’

  • दक्षिण कोरिया में सामने आए कोरोना संक्रमण के 16 नए मामले

    दक्षिण कोरिया में सामने आए कोरोना संक्रमण के 16 नए मामले

    दक्षिण कोरिया में बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस के 16 नए मामले सामने आए हैं। दक्षिणी कोरिया में बच्चे इस सप्ताह से स्कूलों में लौट रहे हैं, जिससे वायरस के फैलने का खतरा बढ़ गया है। कोरियाई रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने कहा कि, सोमवार को जारी किए गए नए आंकड़ों के साथ देश में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 11,206 हो गयी है, जिनमें 267 लोगों की मौत हो चुकी है।

    संक्रमण के नए मामलों में से 13 संक्रमित लोग घनी आबादी वाले सियोल महानगर क्षेत्र से आए हैं, जहां पहले से ही नाइट क्लब में जाने से संबंधित 200 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर किए गए उपायों से राहत मिलने के बाद संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी देखकर प्रशासन की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि इस सप्ताह से चरणबद्ध तरीके से स्कूल खोले जा रहे हैं।

    इधर, भारत में कोरोना संक्रमण की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है। दुनिया के सबसे अधिक कोरोना संक्रमितों वाले देशों की सूची में भारत दसवें स्थान पर पहुंच गया है। ईरान को पीछे करते हुए अब भारत में कुल कोरोना संक्रमित मामलों की संख्या 138,536 हो गई है। वहीं, ईरान में 135,701 कोरोना के मरीज हैं।

    देश में बीते 4 दिन से रोजाना 6000 से अधिक नए केस सामने आ रहे हैं, शनिवार को इसमें सबसे ज्यादा तेजी देखी गई और रिकॉर्ड 6767 नए कोरोना संक्रमित मामले दर्ज किए गए।

  • इजरायल में लगातार 4 दिनों तक कोरोना संक्रमण के कारण कोई मौत नहीं

    इजरायल में लगातार 4 दिनों तक कोरोना संक्रमण के कारण कोई मौत नहीं

    इजरायल में कोरोना वायरस महामारी के कारण पिछले 4 दिनों से कोई मौत दर्ज नहीं हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने रविवार को इस बात की जानकारी दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ के हवाले से कहा कि, ‘कोविड-19 संक्रमण के कारण 20 मई को दर्ज हुई आखिरी मौत के बाद से इजराइल में कोरोना महामारी के कारण मरने वालों की संख्या 279 पर बनी हुई है।’ मिनिस्ट्री ने कहा कि, संक्रमण के 5 नए मामले भी रिपोर्ट हुए हैं, जिसके बाद से संक्रमण का कुल आंकड़ा बढ़कर 16 हजार 717 हो गया है।

    वर्तमान में कुल 126 कोरोना संक्रमित मरीज अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें से 44 की हालत गंभीर बनी हुई है। एक दिन पूर्व यह आंकड़ा 47 था। उपचार के बाद पूरी तरह से ठीक हुए 63 नए मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, जिसके बाद से ठीक हुए लोगों का आंकड़ा बढ़कर 14 हजार 153 हो गया है। वहीं, 24 मार्च के बाद से सबसे कम, वर्तमान में कुल 2 हजार 285 लोग कोविड-19 से संक्रमित हैं।

    इजरायल के हेल्थ मिनिस्टर यूली एडेलस्टीन तथा कल्चर मिनिस्टर हिलि ट्रॉपर ने रविवार को अपनी सहमति जताते हुए कहा कि, जारी प्रतिबंधों में 14 जून से राहत देते हुए नाटक, फिल्में तथा शो, लोगों के लिए फिर से शुरू होंगे। साथ ही, इन कार्यक्रमों में कुल क्षमता के मुकाबले अधिकतम 75 फीसदी लोगों को आने की अनुमति दी जाएगी और इस दौरान लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए मास्क लगाना अनिवार्य होगा।

  • चीन में सामने आए कोरोना संक्रमण के 11 नए मामले

    चीन में सामने आए कोरोना संक्रमण के 11 नए मामले

    चीन में कोरोना संक्रमण के 11 और नए मामलों की पुष्टि की गयी है। इन नए मामलों के बाद देश में बाहर से आये कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या करीब 1724 हो गयी हैं। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने सोमवार को नियमित रिपोर्ट के दौरान इसकी जानकारी दी। आयोग के मुताबिक, ये नए मामले भीतरी मंगोलिया स्वायत्त क्षेत्र और सिचुआन प्रांत में दर्ज किये गए है। बाहरी मामलों में से 1678 मरीजों को पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी है तथा 46 मरीजों का इलाज किया जा रहा है और 1 की हालत गंभीर है। इस दौरान इस बीमारी के कारण किसी की  मौत की कोई रिपोर्ट नहीं है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के केंद्र चीन में अब तक लगभग 84,093 लोग संक्रमित हुए हैं और करीब 4638 लोगों की मृत्यु हुई है।

    इधर, भारत में कोरोना संक्रमण की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है। दुनिया के सबसे अधिक कोरोना संक्रमितों वाले देशों की सूची में भारत दसवें स्थान पर पहुंच गया है। ईरान को पीछे करते हुए अब भारत में कुल कोरोना संक्रमित मामलों की संख्या 138,536 हो गई है। वहीं, ईरान में 135,701 कोरोना मरीज हैं।

    देश में बीते 4 दिन से रोजाना 6000 से अधिक नए केस सामने आ रहे हैं, शनिवार को इसमें सबसे ज्यादा तेजी देखी गई और रिकॉर्ड 6767 नए कोरोना संक्रमित मामले दर्ज किए गए।

  • चीन में 28 ऐसे कोरोना संक्रमित मिले, जिनमें बीमारी के कोई लक्षण नहीं

    चीन में 28 ऐसे कोरोना संक्रमित मिले, जिनमें बीमारी के कोई लक्षण नहीं

    चीन में कोरोना वायरस संक्रमण के 28 ऐसे नए मामले सामने आए हैं, जिनमें संक्रमित लोगों में बीमारी के लक्षण नहीं दिख रहे हैं। इनमें से ज़्यादातर मामले वुहान में सामने आए हैं। इसके अलावा देश में कोरोना संक्रमण का कोई ऐसा नया मामला सामने नहीं आया, जिसमें बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे हों।

    स्वास्थ्य अधिकारियों ने शनिवार को इसकी पुष्टि की। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने बताया कि, अभी तक 370 ऐसे संक्रमित व्यक्तियों को क्वारंटाइन में रखा गया है, जिनमें बीमारी के लक्षण नहीं दिख रहे हैं। इन लोगों में 26 ऐसे लोग है, जो विदेश से आए हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि, शुक्रवार को कोरोना संक्रमण के ऐसे किसी मामले की पुष्टि नहीं हुई, जिसमें बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे हों।

    उन्होंने बताया कि, देश में बिना किसी लक्षण वाले संक्रमण के 28 नए मामले सामने आए हैं, जिनमें से अधिकतर मामले वुहान शहर के हैं। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि, प्रांत में कुल 295 संक्रमित व्यक्तियों को चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है, जिनमें संक्रमण के लक्षण नहीं दिख रहे हैं। स्थानीय स्वास्थ्य प्राधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए वुहान की 1 करोड़ 12 लाख की आबादी की जांच करा रहे हैं कि, इस संक्रमण का फैलाव दोबारा जोर न पकड़ सके।

  • इटली में 3 महीनों के बाद कोरोना वायरस के संक्रमण के मामलों में कमी

    इटली में 3 महीनों के बाद कोरोना वायरस के संक्रमण के मामलों में कमी

    इटली में कोरोना वायरस महामारी का ग्राफ 3 महीनों के बाद अब लगातार नीचे गिर रहा है। कोरोना वायरस का संक्रमण 21 फरवरी को देश के उत्तरी क्षेत्र में फैलना शुरू हुआ था। सिविल प्रोटेक्शन डिपार्टमेंट ने गुरुवार को कहा कि, देश भर में वर्तमान में कुल संक्रमित व्यक्तियों के आंकड़ों में 1 हजार 792 मामलों की कमी के साथ अब यह संख्या 60 हजार 960 हो गई है।

    समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने सिविल प्रोटेक्शन डिपार्टमेंट के हवाले से कहा कि, “इलाज के बाद स्वस्थ हुए लोगों की संख्या बुधवार की तुलना में 2 हजार 278 अधिक रही, जिसके बाद यह आंकड़ा बढ़कर 1 लाख 34 हजार 560 हो गया।” इटली में महामारी के कारण पिछले 24 घंटों में 156 अन्य मौतें हुईं, जिसके बाद से अब तक सामने आए कुल 2 लाख 28 हजार 06 संक्रमित मामलों में से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 32 हजार 486 हो गई है।

    कोरोना वायरस संक्रमण के कुल नए मामलों में से 640 मरीज इंटेंसिव केयर यूनिट में हैं, बुधवार को यह संख्या 676 थी। वहीं, लक्षणों के साथ कुल 9 हजार 269 लोग अस्पतालों में भर्ती हैं। एक दिन पहले की अपेक्षा यह आंकड़ा 355 से कम है। कोरोना संक्रमण की जांच में बाकी पॉजिटिव पाए गए लगभग 84 फीसदी (51 हजार 51) लोग बिना किसी लक्षण या केवल हल्के लक्षणों के साथ होम क्वारंटाइन मे है।

     

  • सोमवार से फ़्रांस मे खत्म हो जाएगा लॉकडाउन

    सोमवार से फ़्रांस मे खत्म हो जाएगा लॉकडाउन

    फ़्रांस में आज यानि रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण के चलते हुई अन्य 483 मौतों के साथ ही देश में अब तक महामारी के कारण मरने वालों का आंकड़ा 28 हजार के पार पहुंच चुका है। फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, कोविड-19 संक्रमण के चलते देश में रविवार को 483 लोगों की मौत हुयी, जिसके बाद से मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 28 हजार 108 हो चुकी है।

    समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने स्वास्थ्य मंत्रालय की नवीनतम रिपोर्ट के हवाले से कहा, अस्पतालों में अभी तक कुल 54 मौतें हो चुकी है, जबकि देश के मृत्यु दर का कुल एक तिहाई का प्रतिनिधित्व करने वाले रिटायरमेंट होम्स में यह संख्या 429 हैं।

    अस्पतालों में भर्ती कोविड-19 संक्रमण से ग्रस्त मरीजों की संख्या में कमी भी देखने को मिली है। यहां शनिवार को यह आंकड़ा 19 हजार 432 था, जबकि एक दिन बाद रविवार को यह संख्या 19 हजार 361 है। सातवें सप्ताह इसमें निरंतर गिरावट दर्ज की गई। वहीं, आईसीयू (इंटेंसिव केयर यूनिट) में भर्ती मरीजों की संख्या में भी 45 की गिरावट के साथ यह आंकड़ा 2 हजार 87 हो गया।

    फ्रांस में महामारी के प्रसार के बाद अब तक यहां कुल 14 लाख 2 हजार 411 लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं, जबकि उपचार के बाद पूर्ण रूप से ठीक होने पर 61 हजार 213 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। फ्रांस में कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम को देखते हुये लागू किये गये राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण पस्त हुई अर्थव्यवस्था को फिर से रफ्तार देने के लिए सोमवार को दो महीने बाद इसे सावधानी पूर्वक हटा रहा है।

  • डोनाल्‍ड ट्रंप ने कहा, कोरोना की वैक्सीन तैयार हो न हो, अमेरिका फिर से खुलेगा

    डोनाल्‍ड ट्रंप ने कहा, कोरोना की वैक्सीन तैयार हो न हो, अमेरिका फिर से खुलेगा

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि, “कोरोना की वैक्सीन तैयार हो या न हो, अमेरिका फिर से खुलेगा।” इसके साथ ही उन्होंने ऐलान किया कि, साल के अंत तक कोरोना की वैक्सीन तैयार करना उनका उद्देश्य है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि, वैक्सीन के बिना भी अमेरिकियों को अपने जीवन में सामान्य रूप से वापस लौटना शुरू करना चाहिए। कई विशेषज्ञों को इस बात पर आशंका है, कि कोरोना की वैक्सीन को एक साल की अवधि के भीतर तैयार किया जा सकता है। राष्ट्रपति ट्रंप ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, “परियोजना 14 वैक्सीन कैंडिडेट पर रिसर्च और अप्रूवल के साथ शुरू होगी।

    वैक्सीन खोजने तथा वितरण में हो साझेदारी 

    राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक वैक्सीन को खोजने तथा इसे वितरित करने के लिए सरकारी तथा निजी क्षेत्रों के बीच साझेदारी की बात कही। साथ ही, ऑपरेशन का नेतृत्व करने के लिए सेना के एक जनरल तथा एक पूर्व हेल्थकेयर एग्जीक्यूटिव का नाम बताया। इस मिशन की अगुवाई मोनसैफ सलोई करेंगे, जबकि अमेरिकी सेना के लिए वितरण की देखरेख करने वाले जनरल गुस्ताव पर्ना चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर के रूप में काम करेंगे।

    राष्ट्रपति ट्रंप के बाद मोनसैफ सलोई ने कहा कि, उन्हें विश्वास है कि, 2020 तक कुछ हजार मिलियन वैक्सीन का वितरण कर दिया जाएगा। बता दें कि, पूरी दुनिया में कोरोना वायरस अभी तक करीब 46 लाख 60 हजार से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले चुका हैं। इनमें से करीब 3 लाख 10 हजार लोगों की मृत्यु हो चुकी है। बता दे कि, इस वायरस से सबसे ज्यादा अमेरिका प्रभावित हुआ है।

  • कोरोना महामारी के इस दौर के बाद तकनीकी माध्यम द्वारा पढ़ाई पर होगा जोर

    कोरोना महामारी के इस दौर के बाद तकनीकी माध्यम द्वारा पढ़ाई पर होगा जोर

    कोरोना महामारी और लॉकडाउन का दौर समाप्त होने के बाद स्कूलों और कॉलेजों को स्थायी तकनीकी में निवेश करना होगा। पीयर्सन द्वारा किए गए एक अध्ययन के मुताबिक इसमें शिक्षकों का प्रशिक्षण डिजिटल माहौल में काम करने के कौशल पर केंद्रित होगा और उच्च शिक्षण संस्थानों में परीक्षा पारंपरिक तरीकों की बजाय ऑनलाइन माध्यम से कराई जाएगी। बता दे कि, लंदन की पीयर्सन शैक्षिक प्रकाशन और परीक्षण के क्षेत्र में स्कूलों और छात्रों को ग्लोबल स्तर पर सेवा देने वाली कंपनी है।

    कोरोना का दौर समाप्त होने के बाद शिक्षा के क्षेत्र में उभरने वाले आयामों पर किए गए अध्ययन में कहा गया कि, कोरोना महामारी के चलते डिजिटल माध्यम द्वारा अधिक मात्रा में लोग पढ़ाई कर रहे हैं। इन बदलावों के कारण कठिनाई तो हो रही है, लेकिन इनसे शिक्षा के क्षेत्र में नए विचारों के उदाहरण भी सामने आ रहे हैं। इससे यह संकेत मिलता है, कि शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल माध्यम का असर काफी समय तक रहने वाला है।

    अध्ययन में कहा गया कि, स्कूल और कालेजों में पढ़ाई करने के लिए डिजिटल माध्यम का उपयोग और अधिक किया जाएगा। शैक्षणिक टारगेट को पूरा करने के लिए व्हाट्सएप्प, जूम, आदि जैसे ऐप और ईमेल का प्रयोग बढ़ेगा। शिक्षण संस्थान ऐसी संरचना का विकास करेंगे जिसमें शिक्षक और छात्र शिक्षण परिसर से बाहर रहते हुए भी अपना पठन-पाठन कर सकेंगे। साथ ही, संस्थान ऐसे स्थायी तकनीकी संरचना में निवेश करेंगे, जिसके द्वारा गुणवत्तापूर्ण ऑनलाइन शिक्षा दी जा सकेगी।

    विभिन्न देशों द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में अपनाए जा रहे तरीकों के आधार पर किए गए अध्ययन के मुताबिक, उच्च शिक्षण संस्थान परीक्षा के पारंपरिक तरीकों की बजाय ऑनलाइन माध्यम से छात्रों का मूल्यांकन करेंगे।

  • WHO ने कहा, कोरोना के अंत का अनुमान लगाना है असंभव, शायद यह कभी न जाए

    WHO ने कहा, कोरोना के अंत का अनुमान लगाना है असंभव, शायद यह कभी न जाए

    कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में लगातार बढ़ रहा है और इस पर कब काबू पाया जा सकेगा, इसका अंदाजा किसी को नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को भी मालूम नहीं है कि, आखिर इसका खात्मा कब होगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आपात परिस्थिति संबंधी प्रमुख ने कहा है कि, यह अंदाजा लगाना असंभव है कि, इस कोरोना महामारी पर कब तक नियंत्रण पाया जा सकेगा।

    डॉ. माइकल रेयान ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘संभवत: यह वायरस कभी न जाए।’ उन्होंने कहा कि, कोविड-19 से संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि, वैक्सीन के अभाव में लोगों के भीतर इस वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होने में वर्षों लग सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘यह हमारे समुदायों में एक अन्य महामारी वायरस बन सकता है।

    उन्होंने कहा कि, पहले आई अन्य बीमारियां जैसे कि, HIV कभी खत्म नहीं हुई। बल्कि, उन बीमारियों का इलाज ढूंढा गया, ताकि लोग इस बीमारी के साथ जी सकें। रेयान ने बताया कि, ऐसी उम्मीद है कि, इसका एक प्रभावी वैक्सीन आएगा। लेकिन, तब भी इसे बड़ी मात्रा में तैयार करने और दुनियाभर के लोगों तक इस वैक्सीन को मुहैया कराने के लिए काफी काम करने की जरूरत होगी।

  • पाकिस्तान के वजट का 6 गुना है भारत का राहत पैकेज

    पाकिस्तान के वजट का 6 गुना है भारत का राहत पैकेज

    कोरोना महामारी से जूझ रहे भारतीय अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा की। आपको बता दे कि, यह रकम पाकिस्तान द्वारा साल 2019 में पेश किए गए उसके कुल बजट का 6 गुना है। पाकिस्तान सरकार ने साल 2019 में 7022 बिलियन पाकिस्तानी रुपये का बजट पेश किया था, जो रकम भारतीय रुपये में करीब 3.30 लाख करोड़ है। आपको बता दें कि, पाकिस्तान का 1 रुपया भारत के 47 पैसे के बराबर है। इसी मुताबिक, भारत का राहत पैकेज पाकिस्तान के बजट से 6 गुना अधिक है।

    कोरोना महामारी के इस संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने पांचवें संबोधन में  इस महामारी के विरुद्ध जंग जारी रखने के साथ ही आत्मनिर्भर भारत की मजबूत बुनियाद भी रखी। साथ ही पीएम मोदी ने इस आर्थिक हालात से निपटने के लिए देश के GDP का लगभग 10 प्रतिशत यानी 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज के साथ आत्मनिर्भर भारत बनाने का संकल्प लिया। आपको बता दे कि,  भारतीय अर्थव्यवस्था करीब 200 लाख करोड़ रुपये की है। भारत ने साल 2020-21 के लिए बजट में करीब 30 लाख करोड़ रुपये का निर्धारण किया है।

    देश GDP के मुकाबले पैकेज
    जापान 21.10%
    अमेरिका 13%
    स्वीडन 12%
    जर्मनी 10.70%
    भारत 10.00%
    फ्रांस 9.30%
    स्पेन 7.30%
    इटली 5.70%
    ब्रिटेन 5.00%
    चीन 3.80%

    प्रधानमंत्री मोदी का इस बार का संबोधन पिछले संबोधनों से अलग रहा। उन्होंने कहा कि, यह आपदा कुछ संकेत के साथ कुछ संदेश भी लाई है, जो आत्मनिर्भर भारत का रास्ता प्रशस्त करेगा, जिसमें स्वदेशी पर जोर होगा और लोकल के लिए हमें वोकल होना पड़ेगा। उन्होंने कोरोना संक्रमण फैलाव से डरने के बजाय इस जंग को मजबूती से लड़ने के साथ देश को पूरी ताकत से खड़ा करने का ऐलान किया है।

  • अमेरिका ने कहा, बीते 20 सालों में चीन से 5 महामारी फैली है, इसे अब रोकना होगा

    अमेरिका ने कहा, बीते 20 सालों में चीन से 5 महामारी फैली है, इसे अब रोकना होगा

    कोरोना वायरस के इस संकट के बीच अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन ने कहा कि, बीते 20 सालों में चीन से 5 महामारी फैली है और इसे किसी न किसी प्वाइंट पर तो रोकना ही होगा। साथ ही, उन्होंने दुनियाभर के करीब 2,50,000 लोगों की जान लेने वाली इस महामारी के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया है।

    ओ ब्रायन ने मंगलवार को व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, ‘दुनियाभर के लोग खड़े होंगे और चीनी सरकार से कहेंगे कि, हम चीन से निकल रही इन महामारियों को सहन नहीं करेंगे, फिर चाहे ये मीट मार्केट से निकल रही हो या फिर लैब से।’ उन्होंने कहा, ‘हमें पता है कि, कोरोना वायरस की यह महामारी चीन के वुहान शहर से निकली है और परिस्थितिजन्य साक्ष्य हैं, जो यह बताते हैं कि, यह वायरस किसी लैब या मीट मार्केट से निकला है।’

    एनएसए ने कहा, ‘बीते 20 सालों में चीन से 5 महामारी फैली है। सार्स, एवियन फ्लू, स्वाइन फ्लू और अब कोविड-19। जन स्वास्थ्य के ऐसे भयावह स्थिति के साथ दुनिया आखिर कैसे रह सकती है जिसकी शुरुआत चीन से हुई और फिर यह पूरी दुनिया में फैल गया। उन्होंने चीन से निकली पांचवी महामारी के बारे मे नहीं बताया।

    ओ ब्रायन ने कहा, ‘इसे कहीं न कहीं तो रोकना ही होगा। हमने चीन को सहायता के लिए स्वास्थ्य पेशेवरों को भेजने का प्रस्ताव दिया था, जो उन्होंने स्वीकार नहीं किया।’ आपको बता दें कि, कोरोना महामारी से अमेरिका सबसे अधिक तबाह हुआ है।

  • अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड करेगा कोचिंग स्टाफ के वेतन में कटौती

    अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड करेगा कोचिंग स्टाफ के वेतन में कटौती

    अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) ने घोषणा किया है, कि कोरोना महामारी के दौरान आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए, वह इस महीने अपने कोचिंग स्टाफ के वेतन में 25 प्रतिशत की कटौती करेगा। ACB के इस फैसले का प्रभाव मुख्य कोच लांस क्लूजनर, बल्लेबाजी कोच एचडी एकेरमैन और सहायक कोच नवरोज मंगल पर पड़ेगा, जिनके वेतन में कटौती की जाएगी।

    क्रिकइंफो की रिपोर्ट के मुताबिक, जून में अगर अफगानिस्तान का जिम्बाब्वे दौरा रद्द होता है, तो वेतन की कटौती में 50 प्रतिशत का इजाफा हो सकता है। ACB के मुख्य कार्यकारी अधिकारी लुतफुल्लाह स्टानिकजई ने कहा, “यह हमारी बचत तथा लागत की रणनीति का एक हिस्सा है, क्योंकि हम कोविड-19 संकट से प्रभावित हैं। हमने मई के लिए कोच के वेतन में 25 फीसदी की कटौती करने का फैसला किया है और अगर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की शुरुआत नहीं होती है, तो जून में यह 50 प्रतिशत हो सकता है।”

    अगर T-20 समय पर नही हुआ, तो प्रभाव नकारात्मक होगा

    स्टानिकजई ने कहा कि, उन्हें राजस्व का नुकसान हुआ है और अक्टूबर-नवंबर में ऑस्ट्रेलिया में होने वाले T-20 विश्व कप, यदि निश्चित कार्यक्रम के अनुसार नहीं होता है, तो इसका और नकारात्मक प्रभाव होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि, “हम इस बात से पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं कि, एशिया कप होगा और वहां से हमें राजस्व प्राप्त होंगे। यदि T-20 विश्व कप नहीं होता है, तो अगले साल और उससे आगे भी हम बुरी तरह से प्रभावित होंगे।” एशिया कप अफगानिस्तान का अगला आधिकारिक कार्यक्रम है। लेकिन, ACB और ज़िम्बाब्वे क्रिकेट, ज़िम्बाब्वे में ही पाँच T-20 मैच खेलने के लिए सहमत हुए हैं, जो कि फ्यूचर टूर्स प्रोग्राम (FTP) का हिस्सा नहीं है।

    रिपोर्ट के अनुसार, ACB ने अपने सभी केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों को 2020 की पहली तिमाही का भुगतान कर दिया है। लेकिन, यदि जिम्बाब्वे के खिलाफ पांच T-20 मैचों की सीरीज नहीं होती है, तो उनके वेतन के ढांचे की समीक्षा की जा सकती है। अभी ACB ने सीनियर टीम के 32 खिलाड़ियों और 55 घरेलू क्रिकेटरों को अनुबंध दे रखा है।

  • अमेरिका ने लगाया आरोप, कोरोना वैक्सीन की रिसर्च डेटा चुराने की कोशिश में लगा है चीन

    अमेरिका ने लगाया आरोप, कोरोना वैक्सीन की रिसर्च डेटा चुराने की कोशिश में लगा है चीन

    चीन के वुहान शहर से फैला कोरोना वायरस पूरी दुनिया में अपना कहर ढा रहा है और इसने सबसे ज्यादा तबाही अमेरिका में मचाया है। इसी बीच अमेरिका ने दावा किया है, कि चीनी हैकर्स कोरोना वैक्सीन से जुड़ी रिसर्च डेटा चुराने का प्रयास कर रहे हैं। द वॉल स्ट्रीट जर्नल और न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, अमेरिका की जांच एजेंसी फेडरल ब्‍यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन (FBI) तथा होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने यह आरोप लगाया है, कि चीनी हैकर्स और जासूस कोरोना वायरस की वैक्‍सीन से जुड़ी रिसर्च डेटा चुराने के प्रयास में लगे हुए हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, अब वे चीनी हैकिंग के विषय में एक चेतावनी जारी करने पर विचार कर रहे हैं।

    साइबर अटैक को लेकर अमेरिका सतर्क 

    एक रिपोर्ट में कहा गया है, कि हैकर्स कोरोना पर रिसर्च संबंधी डेटा चुराने का प्रयास कर रहे हैं। यही कारण है कि, ये हैकर्स कोरोना के इलाज और रिसर्च पर सूचना और इंटेलेक्चुअल प्रोपर्टी को भी अपना निशाना बना रहे हैं। पिछले सप्ताह ही एक संयुक्त संदेश में ब्रिटेन और अमेरिका ने संगठित अपराधियों द्वारा किए गए स्वास्थ्य पेशेवरों के खिलाफ साइबर अटैक में बढ़ोतरी को लेकर आगाह किया था।

    हालांकि, चीन के अधिकारियों ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि, हम कोरोना वायरस के इलाज और वैक्सीन की खोज में दुनिया का नेतृत्व कर रहे हैं। किसी भी सबूत के बिना अफवाहों और अपशब्दों के साथ चीन को निशाना बनाना गलत है।

    एक अन्य विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि, ‘अमेरिका ने चीन पर यह आरोप लगाया है कि, हमने उन्हें समय रहते महामारी के बारे में जानकारी नहीं दी। लेकिन, हमने बार-बार इस महामारी को लेकर अपनी स्थिति बताई है। हालांकि, जब से अमेरिका इन झूठों को दोहरा रहा है, हमें पूरी दुनिया को बार-बार तथ्यों द्वारा सच्चाई दिखाने प्रयास करना चाहिए।’

  • अमेरिकी मरीजों पर शुरू हुआ कोरोना वैक्सीन का पहला क्लिनिकल ट्रायल

    अमेरिकी मरीजों पर शुरू हुआ कोरोना वैक्सीन का पहला क्लिनिकल ट्रायल

    पूरी दुनिया कोरोना वायरस संकट से इस वक्त जूझ रही है। कई देश इसे रोकने के लिए वैक्सीन बनाने मे जुटे है, लेकिन अब तक कि‍सी तरह की वैक्सीन का पता नहीं चल पाया है। इस वायरस ने पूरे विश्व मे लगभग 35 लाख से अधिक लोगों को संक्रमित किया है और लगभग ढाई लाख  से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

    अमेरिकी फार्मास्युटिकल दिग्गज फाइजर इंक ने अपने वैक्सीन का ट्रायल पहले अमेरिकी रोगियों पर किया है और साथ ही रेजेनरॉन फार्मास्यूटिकल्स ने कहा कि, अगर यह वैक्सीन काम नही करता है, तो एक अन्य एंटीबॉडी उपचार उपलब्ध हो सकता है। उनका कहना है, कि अगली दवा जून में पहली बार मनुष्यों पर अध्ययन के लिए उपलब्ध होगी। साथ ही गिलियड साइंसेज इंक, वायरस उपचार के विनिर्माण के विस्तार पर काम कर रहा है, ताकि पूरी दुनिया भर में इसका उपयोग किया जा सके। इसके साथ हैब फाइजर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अल्बर्ट बोरला ने एक बयान में कहा, “चार महीने से भी कम समय में हम प्रीक्लिनिकल स्टडीज से मानवों पर परीक्षण कर सकेंगे।”