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  • लॉकडाउन को हटाना अभी उचित नहीं : पीएम

    लॉकडाउन को हटाना अभी उचित नहीं : पीएम

    राजनीतिक दलों के नेताओं ने दी सुझाव

    कोरोना के बारे मे बोलते पीएम मोदी
    पीएम मोदी

    KKN न्यूज ब्यूरो। भारत के लोगो को 14 अप्रैल के बाद भी घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को इस आशय के संकेत दे दिये है। पीएम मोदी ने कहा है कि भारत में कोरोना पॉजिटिव केस की संख्या 5 हजार के पार चली गई है। ऐसे में 14 अप्रैल को देश में जारी लॉकाउन को हटाना संभव नहीं है।

    वीडियो कॉन्फ्रेंस करके नेताओं ने दिए सुझाव

    पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विभिन्न दल के नेताओं से इस संबंध में बातचीत करने के बाद संकेत दिएं है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यस में राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने संपूर्ण लॉकडाउन पर चर्चा की। आपको बता दें कि कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन की समय सीमा बढ़ाने की प्रधानमंत्री से अपील की है। इससे पहले पीएम अलग-अलग क्षेत्र के लोगों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात कर चुके हैं। इनमें मेडिकल, मीडिया, समाजसेवा, बिजनेस समेत अन्य तबकों के कई लोग शामिल रहे हैं। अब एक बात स्पष्ट लगने लगा है कि देश में लॉकडाउन की समय सीमा बढ़ने वाली है। हालांकि इसका स्वरूप यही रहेगा या फिर इसमें कोई तब्दीली की जाएगी? इसका खुलासा होना अभी बाकी है।

  • झारखंड में मिला कोरोना का तीसरा मरीज

    झारखंड में मिला कोरोना का तीसरा मरीज

    झारखंड में कोरोना वायरस का एक और मरीज टेस्‍ट में संक्रमित पाया गया है। इसी के साथ झारखंड में अब कोरोना वायरस से संक्रमित  मरीजों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है। नई मरीज एक महिला है, जो बोकारो जिले के चंद्रपुरा प्रखंड की रहने वाली है।

    महिला की तबलीग़ी जमात से जुड़ी होने की आशंका जताई जा रही  है। महिला कुछ दिनों पहले ही बांग्लादेश से लौटी थी और बांग्लादेश में कुछ  दिनों पहले तबलीग़ी जमात का सम्मेलन भी हुआ था।

    आपको बता दें कि, चंद्रपुरा प्रखंड के तीन लोग बांग्लादेश के ढाका में हुए तबलीग़ी जमात में शामिल होकर 15 मार्च को चंद्रपुरा अपने-अपने घर लौटे थे। तीनों लोगों की स्क्रीनिंग कराई गई तथा उन्हें क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया। पिछले दिनों तीनों लोगों का सैंपल जांच के लिए भेजा गया, जिसमें एक व्यक्ति में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है।

    आपको बता दें की, अबतक झारखंड में दो लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई थी। रविवार को तीसरा मरीज मिलने के बाद राज्य में हड़़कंप मचा है।

  • अमेरिका ने भारत से की मदद की अपील

    अमेरिका ने भारत से की मदद की अपील

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद मांगी है, अभी तक अमेरिका में  कोरोना संक्रमण के 3 लाख से अधिक मामले और 8 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। अब तक पूरी दुनिया को कोरोना का कोई इलाज नहीं मिल पाया है।

    पिछले महीने भारत ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात पर रोक लगा दी थी। विदेश व्यापार महानिदेशालय ने 25 मार्च को इस दवा के निर्यात पर रोक लगा दी थी। हालांकि, डीजीएफटी ने कहा था कि, मानवता के आधार पर मामले-दर-मामले में इसके निर्यात की अनुमति दी जा सकती है।

    अमेरिका के राष्ट्रपति ने अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, की भारत बड़ी मात्रा में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन बनाते हैं। मैंने शनिवार सुबह प्रधानमंत्री मोदी से बात कर, अमेरिका के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के ऑर्डर की आपूर्ति करने का निवेदन किया।

     

    कुछ शुरुआती परिणामों के आधार पर अमेरिका कोरोना के इलाज के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का उपयोग करने पर जोर दे रहा है। हालांकि, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन दशकों से मलेरिया के उपचार के काम आती है। पिछले शनिवार को अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन से तुरंत मंजूरी के बाद, कुछ अन्य दवा के संयोजन के साथ मलेरिया की दवा का उपयोग करके न्यूयॉर्क में लगभग 1,500 कोरोना संक्रमितों का उपचार किया जा रहा है।

    ट्रंप के अनुसार दवा के सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि यदि यह सफल हो जाता है, तो यह “स्वर्ग से मिले किसी तोहफे के समान होगा”। अगले कई हफ्तों में, अमेरिका के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस के कारण एक लाख से दो लाख मौतों का अनुमान लगाया है।

    पूरी दुनिया के वैज्ञानिक दिन रात इस वायरस की वैक्सीन ढूंढने में लगे हुए हैं, ताकि लोगों की जान बचाई जा सके। इस महामारी के कारण दुनिया में अब तक 64 हजार से ज्यादा लोगों की जाने जा चुकी है।

  • मजदूरों पर केमिकल की बौछार के मामले में दो फायरमैन निलंबित

    मजदूरों पर केमिकल की बौछार के मामले में दो फायरमैन निलंबित

    पिछले कुछ दिनों पहले दिल्ली से अपने घर लौटे मजदूरों को सैनिटाइज करने के नाम पर उत्तरप्रदेश के बरेली में लोगों को बैठाकर दमकल कर्मियों ने केमिकल का छिड़काव कर दिया था। इस घटना पर विपक्ष पार्टी ने उत्तरप्रदेश की सरकार तथा शासन व्यवस्था पर निशाना साधा था।

    आपको बताते चलें की बरेली में सैनिटाइजेशन कर रही फायर ब्रिगेड की टीम ने बसों का इंतजार कर रहे मजदूरों, महिलाओं व बच्चों को बैठाकर उनके ऊपर केमिकल छिड़काव कर दिया था। इससे लोगों की त्वचा झुलस गई और आंखों में भी काफी तकलीफ हुई थी। इस घटना पर स्थानीय डीएम ने बताया था की, ये घटना कर्मचारियों के अतिसक्रियता के कारण हुआ है। उन्होने सम्बंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए थे।

    जांच के बाद एसएसपी शैलेश पांडेय ने लीडिंग फायरमैन महेश और स्प्रे पाइप हाथ में पकड़ने वाले फायरमैन आसिम को निलंबित कर दिया। एसएसपी ने इसकी पुष्टि की।

    फायर सर्विस के डीजी आरके विश्वकर्मा ने बताया कि, सैनिटाइजेशन के दौरान फायरकर्मी ध्यान रखें कि किसी मानव या जानवरों के ऊपर इसका छिड़काव न हो। घरों व बिल्डिंगों के अंदर छिड़काव न करें, क्योंकि वहां ज्वलनशील वस्तुएं होती हैं। मीडिया को मौके पर बुलाने से बचें, उन्हें खुद ही फोटो उपलब्ध कराएं तथा अनावश्यक भीड़ एकत्र न करें।

  • बिहार में रोजाना 800 कोरोना संदिग्ध

    बिहार में रोजाना 800 कोरोना संदिग्ध

    प्रतिदेन हो रही है 600 की जांच

    KKN न्यूज ब्यूरो। बिहार में नॉवेल कोरोना संक्रमण का खतरा धीरे-धीरे महामारी का रूप लेने लगा है। प्रतिदिन करीब 800 संदिग्ध लोगो का सैम्पल जांच के लिए आ रहा है। हालांकि, इसमें से मात्र 600 सैम्पल की प्रतिदिन जांच की जा रही है। दो केंद्रों पर नियमित सैम्पल की जांच हो रही थीं। अब तीसरे केंद्र पर भी सैम्पल जांच की प्रक्रिया शुरू हो चुकीं है।

    जांच के लिए कसी कमर

    बिहार में कोरोना के संक्रमण की रोकथाम और जांच की गति तेज करने को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने व्यापक तैयारी की है। आरएमआरआई, पटना में रोज औसतन 350 सैम्पल और आईजीआईएमएस, पटना में दो शिफ्ट में औसतन 150-180 सैम्पल की जांच हो रही है। इसके अतिरिक्त दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ट्रायल रन के पूरा होने के बाद अब 60-70 सैम्पल की जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। भविष्य की आवश्यकता को देखते हुए केंद्र सरकार से और जांच किट, पीपीई किट, एन 95 मास्क उपलब्ध कराने की मांग की गई है।

    किट की कमी

    बिहार में कोरोना वायरस की जांच की गति तेज होते ही किट की किल्लत हो गई है। सूत्रों ने बताया कि शुरुआत में सभी जिलों को तीन हजार सैम्पल रखने के लिये और आरएमआरआई को 750 जांच किट उपलब्ध कराए गए थे। वहीं, 10 हजार जांच किट हाल ही में केंद्र सरकार ने फिर उपलब्ध कराए हैं। ऐसे में फिलहाल जांच किट की कमी नहीं है। किंतु जब पीएमसीएच और डीएमसीएच में भी पूरी तरह जांच प्रक्रिया शुरू हो जाएगी तो कमी अवश्य होगी।

    48 घंटे में दो बार होती है जांच

    राज्य स्वास्थ्य समिति के सूत्रों ने बताया कि कोरोना के एक सैम्पल की जांच में करीब 7 से 8 घंटे का समय लगता है। सैम्पल में जांच को लेकर आरएनए को डालने में 4 घंटे का समय लगता है, उसके बाद मशीन से उसकी जांच में 3 से 4 घंटा समय लगता है। एक मरीज का 48 घंटे के बाद पुन: सैम्पल लेकर जांच की जाती है। लगातार 2 रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उसे मुक्त घोषित किया जाता है।

    पीएमसीएच में जल्द शुरू होगी जांच

    आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जांच केंद्रों की क्षमता तत्काल प्रतिदिन 900 से अधिक करने की तैयारी है। डीएमसीएच की क्षमता को 60-70 से बढ़ाकर 150-180 जल्द ही हो जाएगी। वहीं, पीएमसीएच में भी जांच की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। यहां 150 से 180 सैम्पल की जांच रोज हो सकेगी।

  • रोजगार की चिंता और अपनो की याद

    रोजगार की चिंता और अपनो की याद

    आज कोरोना महामारी से पुरा विश्व जूझ रहा है। इंसान की मौतों की खबर सुनकर ऐसा लगता है मानों गृष्म ऋतु में मौत की बारिश हो रही है। इन सब के बीच हमारा मुल्क हिन्दुस्तान भी इस महामारी से जूझ रहा है। इस भयावह बीमारी से संक्रमित लोगों की संख्या में उछाल जारी है। मौत का आंकड़ा रूह कपा रही है । देश लॉकडाउन में है और क्वारेंटाइन सेन्टर की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है। कई लोगो के जेहन में रोजी-रोटी की चिंता भी है। सोशल डिस्टेश की समझ पर सवाल उठने लगा है। मौत से अधिक अपनों की याद से पीड़ा हो रही है ।

    हिन्दुस्तान के आत्मा पर चोट

    इस बीच हिन्दुस्तान में एक नया मुद्दा जोर पकड़ने लगा है । खुलासों से इस मुद्दे की गंभीरता बढती ही जा रही है । जीहां, मैं बात रहा हूँ दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकजी जमात की। जिसने आज पुरे हिन्दुस्तान की आत्मा को झकझोर कर रख दिया है। पुरा देश स्तब्ध है । इस मामले के उजागर होने के बाद, कोरोना जैसे भीषण त्रासदी में ऐसा लगता है मानों, नेताओं को संजीवनी बूटी हासिल हो गयी है। राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप का दौर चलेगा।

    जाहिल है या जिहादी

    बेशक, मरकजी जमात एवं उसके आका मौलाना साद के करतूतों को इस समय जायज नहीं ठहराया जा सकता है । जमाती मौलानाओं के कारनामे भी इन दिनों खुब सुर्खियाँ बटोर रही है। कोई इन्हें जाहिल, तो कोई जिहादी जैसे शब्दों के सहारे अपनी भरास निकाल रहा है। परंतु, इन सबके बीच हमें इस बात से भी नहीं इनकार करना चाहिए कि, यदि ये जाहिल और जिहादी आतंकवादी हैं तो हमारी हुकूमतें और तमाम सुरक्षा एजेंसियां इतने दिनों तक हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठी रही? आखिर देश की सुरक्षा जैसे गंभीर एवं संवेदनशील मुद्दे पर क्यों संवेदनहीनता दिखाई जा रही है ? ऐसी कौन सी मजबूरी है कि हमारी हुकूमत को सख्त कार्रवाई करने से रोक रही है?

    वोट बैंक की राजनीति

    इन तमाम सवालों के बीच हम फिर से उसी मुहाने पर खड़े हैं, जहां हमारे सरकार की नरम रवैये और गोल-मटोल निर्णय की वजह से भविष्य में राष्ट्र विरोधी ताकतों का मनोबल फिर से सिर चढ़कर बोलता रहेगा और इस प्रकार की घटनाएं देश में घटित होती रहेंगी। आज जरूरत है कि वोट बैंक की राजनीति से उपर उठकर राष्ट्रहित को राजनीतिक हित से उपर समझते हुए तमाम दोषियों के खिलाफ सरकार द्वारा ऐतिहासिक कदम उठाई जाए जो भावी हिन्दुस्तान के लिए नजीर बनकर पेश हो ।

    ऋषिकेश राज

    इस आर्टिकल को “KKN पब्लिक कॉरेस्पॉन्डेंट” इनिश्यटिव के तहत  ऋषिकेश राज (मुजफ्फरपुर) ने लिखा है।  

     

  • पांच अप्रैल, 9 बजे रात… फ्लैश इंडिया

    पांच अप्रैल, 9 बजे रात… फ्लैश इंडिया

    नौ मिनट तक लाइट बंद कर दरवाजे पर दीए जलाएं

    KKN न्यूज ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार सुबह 9 बजे देशवासियों को कहा कि रविवार को रात नौ बजे 9 मिनट तक घर की लाइट बंद कर दीप जलाने की अपील की। अपने वीडियो संदेश में पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी है और देश लॉकडाउन में है। ऐसे में खुद को अकेला नहीं समझे। इस दौरान आप सभी ने अनुशासन और सेवा भाव का परिचय दिया है, वह अभूतपूर्व है।

    लॉकडाउन का पालन करें

    शासन-प्रशासन और जनता जनार्दन ने मिलकर स्थिति को संभालना का भरपूर प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि आपने जिस तरह से 22 मार्च को कोरोना के खिलाफ लड़ने वाले हर व्यक्ति को धन्यवाद किया। पीएम मोदी ने कहा कि ये लॉकडाउन का समय जरूर है, हम अपने अपने घरों में जरूर हैं, लेकिन हम में से कोई अकेला नहीं है। 130 करोड़ देशवासियों की सामूहिक शक्ति हर व्यक्ति के साथ है, हर व्यक्ति का संबल है। हमारे यहां माना जाता है कि जनता जनार्दन, ईश्वर का ही रूप होते हैं। इसलिए जब देश इतनी बड़ी लड़ाई लड़ रहा हो, तो ऐसी लड़ाई में बार-बार जनता रूपी महाशक्ति का साक्षात्कार करते रहना चाहिए।

    संकट के अंधकार को चुनौती

    देशवासियों के लिए जारी वीडियो संदेश में पीएम मोदी ने कहा ‘इस रविवार यानी 5 अप्रैल को हम सबको मिलकर कोरोना के संकट के अंधकार को चुनौती देनी है। उन्होंने आगे कहा कि उस समय यदि घर की सभी लाइटें बंद करेंगे तो चारो तरफ जब हर व्यक्ति एक-एक दीया जलाएगा तब प्रकाश की उस महाशक्ति का ऐहसास होगा, जिसमें एक ही मकसद से हम सब लड़ रहे हैं, ये उजागर होगा। पीएम मोदी ने कहा कि इस कोरोना संकट से जो अंधकार और अनिश्चितता पैदा हुई है, उसे समाप्त करके हमें उजाले और निश्चितता की तरफ बढ़ना है।

  • चीन वेंटिलेटर के लिए भारत की मदद करने को तैयार

    चीन वेंटिलेटर के लिए भारत की मदद करने को तैयार

    चीन ने कहा कि, वो कोरोना वायरस के इस संकट में वेंटिलेटर की ज़रूरतों को पूरा करने में, भारत की मदद करने को तैयार है। हालांकि, चीन ने यह भी कहा कि, उसके यहां वेंटिलेटर बनानेवाली कंपनियों को आयातित पुर्ज़ों के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना वायरस के इस संकट से लड़ने के लिए, इस समय अमेरीका और भारत समेत कई देश वेंटिलेटर की ज़रूरतों को पूरा करने की कोशिश में लगे हुये हैं। चीन के वेंटिलेटर निर्माता कंपनियों ने कहा है, कि आयातित पुर्ज़ों के बिना वेंटिलेटर का उत्पादन मुश्किल है।

    वहीं, रिपोर्ट के अनुसार भारत, चीन समेत उन कई देशों की कंपनियों के संपर्क में हैं जो वेंटिलेटर और अन्य चिकित्सा उपकरणों की ज़रूरतें पूरी कर सकती हैं। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता, हुआ चुनयिंग ने बुधवार को मीडिया से कहा, “जैसा की हम जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय महामारी को मात दे रहे हैं। हम अपने अनुभव साझा करने और पूरी मदद देने के लिए तैयार हैं।”

    दरअसल, दुनियाभर में कोरोना के कारण वेंटिलेटर की मांगे बहुत बढ़ गयी है। लेकिन, एक वेंटिलेटर बनाने में लगभग 1000 से ज़्यादा पुर्ज़ें इस्तेमाल होते हैं, जो दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से आते हैं।

     

     

  • इंदौर में स्वास्थ्य कर्मियों पर पत्थर और डंडों से हमला, दो महिला डॉक्टर घायल

    इंदौर में स्वास्थ्य कर्मियों पर पत्थर और डंडों से हमला, दो महिला डॉक्टर घायल

    मध्यप्रदेश के इंदौर में स्वास्थ्यकर्मियों से मारपीट और पथराव का मामला एक बार फिर सामने आया है, स्वास्थ्य महकमे की टीम कोविड 19 स्क्रीनिंग के लिये पहुंची थी, इसी बात पर स्थानीय लोग भड़क गये और और स्वास्थ्यकर्मियों पर पथराव कर दिया।

    इस पर कई लोगों ने ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया दी :

     

    दरअसल, बुधवार को इंदौर के टाटपट्टी बाखल इलाके में कोरोना वायरस से संदिग्ध एक बुजुर्ग महिला का मेडिकल चेकअप करने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों की टीम, जिसमें डॉक्टर, नर्स और आशा कार्यकर्ता शामिल थे, लाने आई थी, जिसका वहां के लोगों ने विरोध किया और लोगों ने पथराव कर दिया। उन्होंने लाठी-डंडों से उनका पीछा किया और फिर किसी तरह स्वास्थ्यकर्मियों की टीम जान बचाते भागी। बता दें कि यह घटना ऐसे वक्त में हुई है जहां पूरा देश डॉक्टरों के लिए तालियां बजा रहा है और उनके योगदान को सराह रहा है, मगर वहीं कुछ लोग इन्हें गालियां भी दे रहे हैं और पत्थर भी मार रहे हैं।

    यह पहला मामला नहीं है, जिसमें कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में अगली कतार में खड़े स्वास्थ्य कर्मियों के साथ बदसलूकी की घटना हुई है। इससे पहले दिल्ली के मरकज में तबलीगी जमाती के लोगों ने भी स्वास्थ्य कर्मियों पर थूका। दक्षिण-पूर्वी दिल्ली में रेलवे के पृथक केंद्रों में रखे गए तबलीगी जमात के कार्यक्रम से जुड़े करीब 160 लोगों ने उनकी जांच कर रहे डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया और यहां तक कि उनपर थूक फेका गया।

  • तबलीगी जमात ने भारत को संकट में धकेला

    तबलीगी जमात ने भारत को संकट में धकेला

    धार्मिक आयोजन से मचा हाहाकार

    KKN न्यूज ब्यूरो। दिल्ली का निजामुद्दीन मरकज और तबलीगी जमात इन दिनो सुर्खियों में है। जमात के एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल कई लोगों में खतरनाक कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि होने के बाद देश में हड़कंप का माहौल है। माना जा रहा है कि तबलीगी जमात के इस धार्मिक आयोजन में करीब दो हजार से अधिक लोग शामिल हुए थे, जो न सिर्फ देश के अलग-अलग राज्य के थे, बल्कि पाकिस्तान, बांग्लादेश समेत विदेशों के भी थे।

    पुलिस को करनी पड़ी मशक्कत

    मरकज से लोगों को निकालने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। करीब 36 घंटे के ऑपरेशन के बाद 2,361 लोगों को वहां से निकाला गया। मरकज का मामला सामने आने के बाद देश में मरीजें की संख्या में अचानक इजाफा हो गया है। इस बीच मरकज़ से निकाले गए 2,361 लोगों में से 617 अस्पताल में भर्ती हैं और बाकियों को क्वारंटाइन रखा गया है। अब तक निजामुद्दीन मरकज से निकाले गए लोगों में कोरोना वायरस पॉजिटिव लोगों की संख्या 93 हो गई है।

    तबलीग के समर्थन में पीएफआई

    मरकज में आए तेलंगाना के छह लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। बता दें कि दक्षिण दिल्ली के निजामुद्दीन पश्चिम इलाके में एक से 15 मार्च के बीच तबलीग-ए-जमात के इज्तिमे में दो हजार से ज्यादा लोगों ने शिरकत की थी। इनमें पाकिस्तान, इंडोनेशिया , श्रीलंका, अफगानिस्तान, मलेशिया, सऊदी अरब, इंग्लैंड, चीन और मलेशिया के लोग भी शामिल थे। अब मरकज अपनी बचाव में उतर आया है। तबलीग के समर्थन में पीएफआई ने खुलकर मोर्चा खोल दिया है।

    यूपी से 157 लोग शामिल

    दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात में शामिल हुए यूपी के 157 लोग शामिल हुए थे, जिनमें से 95 फीसदी लोगों की पहचान हो गई है। प्रशासन अब इन्हें क्वारंटाइन कर दिया है।

    हरियाणा के 125 लोग

    हरियाणा के लगभग 125 लोग दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात की एक धार्मिक सभा में शामिल हुए थे और उन सभी को अब क्वारंटाइन कर दिया गया है।

    पंजाब से 9 लोग

    पंजाब सरकार ने उन नौ लोगों की पहचान की है जो इस बैठक में शामिल हुए थे। ये सभी अभी दिल्ली में हैं। पंजाब से इस बैठक में भाग लेने वालों में लुधियाना के चार, संगरूर के दो और बरनाला, गुरदासपुर और पठानकोट के एक-एक व्यक्ति शामिल थे।

    मध्य प्रदेश के 107

    दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए मध्यप्रदेश के सभी 107 लोगों की पहचान कर ली गई है और इन लोगों को पृथक रखा गया है। इन पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

    कर्नाटक से 300 लोग शामिल

    कर्नाटक के 300 लोग निजामुद्दीन में तबलीगी जमात में शामिल हुए थे। जिनमें से 40 लोगों की पहचान कर उन्हें पृथक कर दिया गया है। इनमें से 12 को कोविड-19 नहीं होने की पुष्टि हो चुकी है। धार्मिक समारोह में शामिल हुए 62 मलेशियाई और इंडोनेशियाई नागरिकों के कर्नाटक आने की जानकारी दी गई है। इनमें से 12 की पहचान कर उन्हें पृथक कर दिया गया है।

    पुडुचेरी के दो लोग

    दिल्ली के तबलीगी जमात में इलाके में शामिल हुए पुडुचेरी के दो निवासी बुधवार को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए। परिवार एवं कल्याण विभाग के निदेशक मोहन कुमार ने बताया कि दिल्ली से लौटे ये दो लोग यहां सरकारी अस्पताल में भर्ती थे। सूत्र ने बताया कि दोनों यहीं नजदीक के अरियांकुप्पम गांव के निवासी हैं।

    बिहार में 30 की पहचान

    तबलीगी जमात में शामिल होने वाले लोगों में बिहार के भी 30 लोगों की पहचान कर ली गई है। तबलीगी जमात में शामिल होने वालों में पटना से 17 और बक्सर से 13 लोगों की पहचान कर ली गई है और लोगों की पहचान करने की कार्रवाई की जा रही है। कहा जा रहा है कि बिहार से 86 लोग दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात में शामिल होने के बाद वापस लौटे हैं।

    उत्तराखंड के 26 थे

    दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात में उत्तराखंड से 26 लोग शामिल हुए थे। इस धार्मिक आयोजन में सरकार की ओर से अधिकारिक पुष्टी 26 लोगों के शामिल होने की हुई है। सूत्रों के अनुसार सबसे अधिक लोग हरिद्वार जिले के हैं। इसके अलावा उत्तरकाशी व देहरादून और शेष अन्य जिलों से हैं।

    आंध्र में मामलों की संख्या में इजाफा

    आंध्र प्रदेश में कोरोना वायरस के 43 नए मामले सामने आये है। जिससे राज्य में कुल मामलों की संख्या 87 हो गई है। माना जा रहा है कि इन मामलों में ज्यादातर तबलीगी जमात के एक कार्यक्रम से संबंधित है। पश्चिम गोदावरी जिले में इस वायरस के संक्रमण के 13 मामले दर्ज किये गए जबकि कडप्पा जिले में भी 15 मामले सामने आए हैं। हालांकि, अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आंध्र से कुल कितने लोग मरकज में गए थे।

    हिमाचल से 17 लोग

    हिमाचल राज्य के 17 लोग दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में तब्लीगी जमात की मंडली में शामिल हुए थे और वे दिल्ली में 14 दिनों की निगरानी में हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक उनमें कोविड-19 के कोई लक्षण नहीं हैं। बताया जा रहा है कि इस धार्मिक सभा में शामिल होने वालों में से अधिकांश जम्मू और कश्मीर से सटे चंबा जिले के थे।

    गुजरात के 76 लोग

    दिल्ली के निजामुद्दीन में हुए धार्मिक आयोजन में गुजरात के करीब 76 लोग शामिल हुए थे। उनकी पहचान करने तथा उनका पता लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकीं है। यह धार्मिक कार्यक्रम देश में कोरोना वायरस फैलाने का एक प्रमुख स्रोत बन गया है। अधिकारियों ने बताया कि अकेले सूरत से इस महीने की शुरुआत में तबलीगी जमात के मुख्यालय मरकज निजामुद्दीन में हुए आयोजन में 76 लोग शामिल हुए थे।

    छत्तीसगढ़ के 101 की पहचान

    दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के धार्मिक आयोजन में शामिल छत्तीसगढ़ के 101 लोगों की पहचान की गई है। दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज में तबलीगी जमात के धार्मिक आयोजन में राज्य के 101 लोगों के शामिल होने की जानकारी मिली है।

    तेलंगाना से 1200 लोग

    तेंलगाना से करीब 1200 लोग दिल्ली के मरकज में हुए कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इनमें से कुछ कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं और छह की मौत भी हो चुकी है। पिछले तीन दिनों में कोरोना से वही लोग संक्रमित पाए गए हैं, जो मरकज आए थे। यह जानकारी तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री एटला राजेंदर ने दी है।

    राजस्थान में 37 की पहचान

    दिल्ली के तबलीगी जमात कार्यक्रम में शामिल राजस्थान के 37 लोगों की पहचान कर ली गई है। इन्हें झूंझनू में क्वारंटाइन किया गया है। सरकार इनके सैंपल को जांच के लिए भेजेगी और इसके बाद कार्रवाई करेगी। यानी करीब- करीब पूरे देश में मरकज ने कोहराम मचा दिया है। ताज्जुब की बात तो ये कि उन्हें इसका कोई मलाल भी नहीं है।

  • झारखंड मे कोरोना का पहला मामला

    झारखंड मे कोरोना का पहला मामला

    झारखंड की राजधानी रांची में कोरोना का पहला मरीज मिला है। आपको बताते चले की जहां भारत के लगभग सभी राज्यों में कोरोना का मामला सामने आ चुका है। वहीं, झारखंड अभी तक कोरोना के संक्रमण से बचा हुआ था। राज्य में कोरोना के इस पहले मामले से सनसनी फैल गई। हर कोई कोरोना वायरस की महामारी को लेकर दहशत में आ गया। इस बीच रांची के हिंदपीढ़ी इलाके को सील कर, कर्फ्यू लगा दिया गया है। लोगों को इस इलाके से दूर रखा जा रहा है।

    रांची में मंगलवार को कोरोना वायरस से संक्रमित पायी गई मलेशिया की धर्म प्रचारक एक युवती है। जिसने 16 मार्च को नई दिल्ली से रांची आने वाली राजधानी एक्स्प्रेस के B-1 बोगी में सफर किया था। इसे ध्यान मे रखते हुए, रांची उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी ने रांची वासियों से अपील की है की जो भी व्यक्ति 16 मार्च 2020 को दिल्ली से राजधानी एक्सप्रेस के B-1 बोगी में सफर करके रांची पहुंचे हैं, वे लोग इसकी सूचना जिला प्रशासन को दें और आवश्यक रूप से अपनी जांच कराएं। इस बोगी में यात्रा करने वाले सभी यात्रियों को प्रशासन से संपर्क करने तथा अपनी जांच कराने का निर्देश दिया गया है।

    कोरोना संक्रमित मलेशियन महिला जिस घर मे रुकी थी, उस घर को सील कर दिया गया है। उस घर और पड़ोस के लोगों को क्वारंटाइन के लिए RIMS भेज दिया गया है। इस इलाके में डोर टू डोर कोरोना की स्क्रीनिंग की जा रही है, ताकि संक्रमित लोगों का पता चल पाए और उन्हें क्वारंटाइन किया जाए।

    जिन-जिन घरों में मलेशियन रुके थे, वैसे घरों को प्रशासन की टीम चिन्हित कर रही है, ताकि घरों मे रहने वाले लोगों का कोरोना की जांच किया जा सके।

  • सीवान में कोरोना के चार और नए मामले

    सीवान में कोरोना के चार और नए मामले

    बिहार में कोविड-19 पॉजिटिव की संख्या हुई 20

    KKN न्यूज ब्यूरो। बिहार के सीवान में कोविड-19 के चार पॉजिटिव रिपोर्ट आई है। इसके साथ ही राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या 20 हो गई है। इससे पहले आज ही सुबह गोपालगंज के एक मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। सीवान जिले से चार नए मामले सामने आने के साथ ही जिले में कोविड-19 के मरीजों की संख्या बढ़कर अब पांच हो गई है।

    इन जिलो से आई रिपोर्ट

    राज्य के 20 कोरोना संक्रमितों में से पटना और सीवान के पांच व मुंगेर के चार मरीज शामिल हैं। इसके अलावा नालंदा, लखीसराय, बेगूसराय, खगड़िया, सहरसा और गोपालगंजा के एक-एक मरीज शामिल हैं। सीवान से जिन चार लोगों की रिपोर्ट आज पॉजिटिव आई है, उनके सीधे संपर्क में आने वाले लोगों की प्रशासन ने तलाश शुरू कर दी है। सभी को सेल्फ आइसोलेट कर लेने के लिए कहा गया है। अब सभी के सैंपल लिए जाएंग और टेस्ट होगा।

    अच्छी खबर

    दूसरी तरफ एम्स में भर्ती कोरोना वायरस से संक्रमित महिला अनिता विनोद (45 वर्ष) पूरी तरह से स्वस्थ हो गई हैं। सोमवार को उनको अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। यह महिला पिछले शनिवार 21 मार्च को अपना जांच कराने एम्स पहुंची थी। रविवार 22 मार्च को रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उन्हें एम्स के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया था।

  • क्या बेडशीट का मास्क और रेनकोट बचाएगा डॉक्टरों को कोरोना से?

    क्या बेडशीट का मास्क और रेनकोट बचाएगा डॉक्टरों को कोरोना से?

    कोरोना का संक्रमण प्रतिदिन बढ़ रहा है। लॉकडाउन के दौरान भी संक्रमितों की संख्या मे लगातार इजाफा हो रहा है, सभी लोगों को घर मे रहने को कहा जा रहा है। परंतु, कुछ ऐसे भी लोग है जो दिन-रात इसी प्रयास में लगे हुये है की जितनी जल्दी हो हम इस संकट से पार पा लें। इस विकत परिस्थिति में एक अहम भूमिका हमारे देश के डॉक्टरों की है, जो कोरोना संक्रमित लोगों का इलाज कर रहे हैं। इसलिए सबसे पहले उनकी सुरक्षा जरूरी है, जो हमारी सुरक्षा के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। परंतु, क्या ऐसा हो रहा है?

    क्या डॉक्टर सुरक्षित हैं?

    बात करते है बंगाल के सिलीगुड़ी स्थित नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज की, जहां के डॉक्टरों की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं। तस्वीरों में डॉक्टर्स PPE (Personal Protective Equipments), लेबोरेटरी ग्लास और सर्जिकल N95 मास्क की जगह बेडशीट से बने मास्क, सनग्लास और रेनकोट इस्तेमाल कर रहे हैं। यहां के डॉक्टरों ने दावा किया है की उन्हें कोरोना वायरस के मरीजों को देखने के लिए Personal Protective Equipments नहीं मिले हैं। बल्कि उनसे बेडशीट के मास्क, सनग्लास और रेनकोट इस्तेमाल करने को कहा गया है।

    इस मामले में मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स MSVP (मेडिकल सुपरिंटेंडेंट कम वाइस प्रिंसिपल) से मिले, तब उन्होंने डॉक्टरों को बताया कि PPE की कोई आपूर्ति नहीं है और इसके लिए एक अनुरोध भेजा गया है। ऐसे में जब डॉक्टरों ने उन पर दबाव बनाया, तो उन्होंने डॉक्टरों को ड्यूटी पर न आने को कह दिया।

  • कोरोना: भारतीय क्रिकेटर रोहित शर्मा ने की कोरोना से जंग में आर्थिक मदद

    कोरोना: भारतीय क्रिकेटर रोहित शर्मा ने की कोरोना से जंग में आर्थिक मदद

    पूरे देश में कोरोना के खिलाफ जंग जारी है। हमारे देश के डॉक्टर्स, सुरक्षा कर्मी, मीडिया सभी दिन रात कम कर रहे है, ताकि हम अपने घर पर सुरक्षित रह सके। कुछ इस महामारी से लड़ने में शारीरिक मदद कर रहे हैं, तो कुछ आर्थिक। इसी बीच भारतीय क्रिकेट टीम के  बल्लेबाज रोहित शर्मा ने मंगलवार को कोरोना के खिलाफ इस जंग में 80 लाख रुपये की आर्थिक मदद की।

    रोहित शर्मा ने इसमें से पीएम केयर्स फंड को 45 लाख रुपये और महाराष्ट्र सीएम राहत कोष को 25 लाख रुपये दिए। इन्होने फीडिंग इंडिया और वेलफेयर ऑफ स्ट्रे डॉग्स दोनों को 5-5 लाख रुपये दिये। इस बात की जानकारी भारतीय बल्लेबाज रोहित शर्मा ने खुद अपने ट्विटर पर दी।

    उन्होंने लिखा, “हमें अपने देश को वापस अपने स्थान पर लाने की जरूरत है और हमे खुद पर भरोसा है, मैंने अपने हिस्से का दान किया। आप भी सहयोग करें”

  • अब एटीएम के जरिये भी कर सकते है रिलायंस जियो का रीचार्ज

    अब एटीएम के जरिये भी कर सकते है रिलायंस जियो का रीचार्ज

    कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन घोषित है। ऐसे में सिर्फ आवश्यक चीजों की दुकानें ही खोलने का आदेश दिया गया है। हालांकि टेलिकॉम सर्विसेस को जरूरी चीजों की श्रेणी में रखा गया है, लेकिन ऑफलाइन रिचार्ज की दुकानें भी बंद हैं। ऐसे में रिलायंस जियो ने एटीएम के जरिए जियो नंबर रिचार्ज करने की सुविधा का ऐलान किया है।

    ऑनलाइन रिचार्ज के इस दौर में अभी भी बड़ी संख्या में ऐसे यूजर्स हैं, जो दुकानों पर जाकर मोबाइल रिचार्ज करवाते हैं। ऐसे में रिलायंस जियो एटीएम के जरिए रिचार्ज करने की यह सुविधा लेकर आई है। हालांकि फिलहाल रिलयांस जियो का रिचार्ज कुछ ही बैंकों के एटीएम के जरिए कर सकेंगे। बैंकों के एटीएम की लिस्ट कुछ इस प्रकार है-

    स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईडीबीआई बैंक, सिटी बैंक, डीसीबी बैंक, एयूएफ बैंक और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक

    चलिये जानते है रीचार्ज करने के स्टेप्स के बारे में, जिसे फॉलो कर आप एटीएम से जियो का रीचार्ज कर सकते है।

    1. एटीएम में अपना कार्ड डालें, एटीएम की स्क्रीन पर आपको रिचार्ज का ऑप्शन दिखेगा, उसे सेलेक्ट करें।
    2. अब आपको अपना जियो का मोबाइल नंबर डालना है, जिसपे आप रीचार्ज करना चाहते है।
    3. अब अपना एटीएम पिन पिन डालें।
    4. अब आपको जितने रुपए का रिचार्ज करना है वह अमाउंट डालें। ध्यान रखें वहां आपको प्लान नहीं दिखाया जाएगा, एटीएम की स्क्रीन में आपको सिर्फ अमाउंट डालना होगा। इसलिए आप पहले से ही रीचार्ज प्लान की कीमत पता करके रखें।
    5. अमाउंट डालने के बाद रिचार्ज कंफर्म करने के लिए एंटर बटन दबाएं। इसके बाद आपका जियो नंबर रिचार्ज हो जाएगा और एसएमएस के द्वारा आपके फोन पर रीचार्ज की जानकारी मिल जाएगी।
  • निजामुद्दीन तबलीगी मरकज में मिला कोरोना संक्रमित

    निजामुद्दीन तबलीगी मरकज में मिला कोरोना संक्रमित

    धार्मिक समारोह में मौजूद एक हजार से अधिक संदिग्ध

    KKN न्यूज ब्यूरो। देश की राजधानी दिल्ली के तबलीगी मरकज में कई लोगों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। लॉकडाउन के बावजूद यहां एक धार्मिक समारोह में सैकड़ों लोगो की भीड़ जमा हो गई। दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि बिल्डिंग से 860 लोगों को दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में शिफ्ट किया गया है और 300 और लोगों को निकाला जा रहा है। सभी को दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में ले जाकर भर्ती कराया जा रहा है।

    इलाका सील, मुकदमा दर्ज

    मामले के खुलासे के बाद से ही पूरे इलाके को सील कर दिया गया है। बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात कि गए हैं। डीटीसी की बसों से लोगों को चेकअप के लिए अस्पतालों में ले जाया जा रहा है। अब तक 24 लोग संक्रमित पाए गए हैं। जबकि, मरकज में शामिल गई लोगों की संदिग्ध मौत भी हो चुकी है। दिल्ली स्वास्थ्य विभाग और विश्व स्वास्थय संगठन की टीम ने इलाके का दौरा किया है। पुलिस ने महामारी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

    निगरानी में इमारत

    मरकज इमरात की ड्रोन से निगरानी की जा रही है। मेडिकल टीम और पुलिस भी इमारत में मौजूद हैं। सभी लोगों पर नजर रखी जा रही है। पुरे इलाके को अलग-थलग कर दिया गया है। यहां से किसी को बाहर जाने की इजाजत नहीं है और नाही बाहर का कोई व्यक्ति इमारत के आसपास जा सकता है। इमारत में मौजूद लोगों को भी दूर-दूर कर दिया गया है।

    पूरा इलाका होगा सैनिटाइज

    दक्षिणी नगर निगम से एक टीम को पूरे इलाके को सैनिटाइज करने के लिए बुलाया गया है। प्रशासन की टीम भी मौके पर मौजूद है। लोगों को अस्पताल ले जाए जाने से पहले उनका नाम, पता, कॉन्टैक्ट नंबर और उनके यहां आने की तिथि आदि का ब्योरा लिया जा रहा है। इस बीच मरकज की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 24 मार्च को हजरत निजामुद्दीन थाने के एसएचओ ने 24 मार्च को नोटिस जारी करके मरकज परिसर को बंद करने को कहा था। उसी दिन 15 सौ लोग यहां से निकल गए। इसके बाद अलग-अलग राज्यों और विदेशी मेहमान सहित करीब एक हजार लोग वहां बच गए थे।

  • नोएडा में संक्रमण फैलाने वाली कंपनी ‘सीज फायर’ सील

    नोएडा में संक्रमण फैलाने वाली कंपनी ‘सीज फायर’ सील

    देशव्यापी लॉकडाउन का आज सातवां दिन है और दिल्ली-एनसीआर में इसका व्यापक असर भी देखने को मिल रहा है। कोरोना संक्रमित 25 और मरीज सोमवार को दिल्ली में सामने आए हैं। इनमें से 18 निजामुद्दीन स्थित मरकज में शामिल होने वाले हैं। स्वास्थ्य विभाग ने अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती मरीजों की रिपोर्ट आने के बाद इसकी पुष्टि की है। विभाग के अनुसार, अब तक दिल्ली में कोरोना संक्रमित 97 मरीज सामने आ चुके हैं। इनमें से 24 जमात से संबंधित हैं। इन्हें फिलहाल दिल्ली के 7 सरकारी अस्पतालों में भर्ती किया हुआ है। वहीं नोएडा में कुल संक्रमितों की संख्या 37 पहुंच गई है, जिसमें अधिक संक्रमित लोग सीजफायर कंपनी के हैं या फिर उनके संपर्क में आने वाले लोग हैं वहीं मुख्यमंत्री के फटकार के बाद सेक्टर 135 स्थित सीज फायर कंपनी को सील कर दिया गया। कंपनी की लापरवाही की वजह से जिले में 19 पॉजिटिव केस सामने आए है। सीएम ने सीज फायर पर कार्यवाही न करने पर अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई थी। कंपनी के कई कर्मचारियों ने मार्च में विदेश यात्रा की थी। यही नहीं कंपनी में कुछ संक्रमित विदेशी नागरिक भी आए थे।

    शिकायत पत्र के अनुसार कंपनी के दो कर्मचारी क्रमशः 2 और 7 मार्च को ब्रिटेन से कंपनी के दफ्तर पहुंचे थे। साथ ही इसी माह एक विदेशी ऑडिटर भी आया जिसके 16, 17 और 18 मार्च को नोएडा में रुकने की पुष्टि हुई है। सीज़फायर कंपनी ने इन तीनों के विदेश से आने और संक्रमित होने के बारे में प्रशासन को नहीं बताया। इस लापरवाही के कारण मामला बिगड़ गया, तीनों के जरिए संक्रमण कंपनी के दूसरे सदस्यों से होकर लोगों के घरों तक पहुंचा फिलहाल मामले में 15 लोग संक्रमित बताए जा रहे हैं। सूत्रों और रिपोर्ट्स के अनुसार कंपनी में लगभग 700 से अधिक सदस्य कार्यरत हैं।

    ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के सीईओ बनाए गए जिले के ऑफिसर इनचार्ज

    ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी(जीएनआईडीए) के सीईओ नरेंद्र भूषण को गौतमबुद्ध नगर के ऑफिसर इनचार्ज के रूप में नियुक्त किया गया है जो कोरोना महामारी से लड़ने के लिए आवश्यक कदम उठायेंगे।

    निजामुद्दीन इलाके से आज भी दर्जनों लोग जांच के लिए पहुंच रहे है अस्पताल

    दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके से आज भी लोगों का शहर के कई अस्पतालों में जांच के लिए जाना जारी है। बता दें कि निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात का कार्यक्रम हुआ था, जहां शामिल होने वाले कई लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए है।

  • नोएडा के डीएम को पद से हटाया गया

    नोएडा के डीएम को पद से हटाया गया

    कोरोना का कहर देश में दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। उत्तरप्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसी समस्या पर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को नोएडा पहुंचे और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की। कोरोना के सबसे ज्यादा मामले जिले में सामने आने को लेकर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी बीएन सिंह ने सफाई देनी चाही तो मुख्यमंत्री नाराज हो गए और कहा कि अपनी बकवास बंद करिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिली फटकार के बाद गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी बीएन सिंह ने तीन महीने की छुट्टी की अर्जी दे डाली। उन्होंने एक पत्र लिखकर कहा कि मैं नोएडा में काम नहीं करना चाहता।

    https://twitter.com/dmgbnagar/status/1244702457915006976

    उत्तरप्रदेश के नोएडा में बीएन सिंह की ओर से छुट्टी अर्जी देने पर राज्य सरकार ने नोएडा के डीएम बीएन सिंह को पद से हटा दिया। उनकी जगह सुहास एल वाई को नोएडा का नया डीएम बनाया गया है। बीएन सिंह को राजस्व विभाग में अटैच कर दिया गया है।

     

  • कोरोना: बरेली में मजदूरों पर सैनेटाइजर की बौछाड़

    कोरोना: बरेली में मजदूरों पर सैनेटाइजर की बौछाड़

    कोरोना वायरस से पूरी दुनिया परेशान है, पूरी दुनिया इससे बचने के लिए दिन-रात प्रयास कर रही है। भारत मे भी 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है। इसी बीच उत्तरप्रदेश के बरेली में मजदूरों को सैनेटाइजर से नहलाने की घटना सामने आयी है। कहा जा रहा है की मजदूरों पर सोडियम हाइड्रोक्साइड की बौछाड़ कर दी गयी। डॉक्टरों का कहना है, ऐसा करने पर मजदूरों की तबीयत बिगड़ सकती है। इस घटना को ”अमानवीय” करार देते हुए यूपी के पूर्व CM अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने योगी सरकार पर निशाना साधा है।

    वहीं इस घटना पर स्थानीय डीएम ने कहा कि, यह सब अधिकारियों की अति सक्रियता की वजह से हुआ है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, इस वीडियो की पड़ताल की गई, प्रभावित लोगों का सीएमओ के निर्देशन में उपचार किया जा रहा है। बरेली नगर निगम की टीम को बसों को सैनेटाइज़ करने के निर्देश थे, पर अति सक्रियता के चलते उन्होंने ऐसा कर दिया। सम्बंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

     

  • राजनीति की बेदी पर बली चढ़ाने की परंपरा

    राजनीति की बेदी पर बली चढ़ाने की परंपरा

    मौत पर भारी है सियासत का खेल

    KKN न्यूज ब्यूरो। हमारे देश की बिडंबना है कि हम आपदा की मुश्किल हालात में भी राजनीति करने से नहीं चूकते है। कोरोना वायरस मौत बन कर मंडरा रही है और सरकारो की नजर वोटबैंक पर है। सूबे की सरकारे प्रवासी कामगारो को लेकर जो खेल शुरू कर चुकीं है। आखिरकार, इसका अंजाम क्या होगा और नुकसान किसका होगा? सियासतदानो पर इसका कोई फर्क नहीं पड़़ने वाला है। क्योंकि, उन्हें तो राजनीति करनी है। सवाल उठता है कि इस राजनीति में जिनकी जान चली गई, उनका जिम्मेदार कौन होगा? शायद कोई नहीं। क्योंकि, यह राजनीति है और राजनीति की बेदी पर बली देने की पुरानी पंरपंरा रही है।

    ब्लड जांच में देरी क्यों

    दस रोज बीतने के बाद अब विदेश से आये लोगो का ब्लड लिया जा रहा है। ताकि, कोविड-19 की जांच हो सके। क्या सरकार और उनके कारिंदो को नहीं पता है कि इस बीच जो संपर्क में आये होंगे, उनका क्या होगा? कमोवेश यही हाल प्रवासी मजदूरो का है। लॉकडाउन को ठेंगा दिखा कर पैदल चलते हुए यह मजदूर हजारो की संख्या में बिहार के गांवो में प्रवेस कर रहें हैं। सवाल उठता है कि सरकार के उस घोषणा का क्या, जिसमें इनको कोरंटाइन करके आईसोलेशन वार्ड में रखने का दावा किया जा रहा है। सच ये कि मजदूर सीधे अपने घर पहुंच रहें है। अब गिनती शुरू होगी। काम पूरा होते-होते दो सप्ताह और लग जायेगा।

    राजनीति का बदरंग चेहरा

    अब राजनीति का बदरंग चेहरा देखिए। प्रवासी कामगारो के साथ कोरोना का वायरस आया तो बिहार के गांवो को सम्भाल पाना मुश्किल हो जायेगा। खैर, जब होगा, तब देखेंगे। फिलहाल तो हमारे सियासतदान यह साबित करने में लगे हैं कि इसके लिए जिम्मेदार कौन है? यूपी वाले दिल्ली पर और दिल्ली वाले यूपी पर आरोप लगा रहें है। इस सब के बीच प्रवासी कामगारो का बिहार और यूपी के गांवो में धड़़ल्ले से प्रवेस जारी है। सरकारे बता रही है कि वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सामाजिक दूरी ही एक मात्र उपाय है और वहीं सरकार मजदूरो की भारी भीड़़ जमा करके उनको अपने प्रदेश में जाने के लिए उसका भी रही है। दरअसल, यही राजनीति है। यदि इनमें कोई भी संक्रमित हुआ तो गांव का गांव उजड जायेगा। सरकारे मदद को आयेगी… राजनीति भी होगा… पर, नुकसान की भरपाई नहीं होगा और इसके लिए कोई जिम्मेदार भी नहीं होगा। क्योंकि, यह राजनीति है।