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  • बिहार के गांवों में बड़ी संख्या में लौट रहें है लोग

    बिहार के गांवों में बड़ी संख्या में लौट रहें है लोग

    गांव में बढ़ा संक्रमण का खतरा

    बिहार के प्रवासी मजदूर

    KKN न्यूज ब्यूरो। बिहार के गांवो में प्रवासी मजदूरो के आने का सिलसिला, थमने का नाम नहीं ले रहा है। लॉकडाउन के बीच ही जैसे-तैसे महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, बंगाल, राजस्थान और यूपी आदि राज्यो से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर बिहार के गांवो में लौट रहें है। लिहाजा, शहर के साथ ही अब ग्रामीण क्षेत्रो में संक्रमण फैलने का खतरा मंडराने लगा है। हांलाकि, इसमें कोई दो राय नहीं है कि सोशल डिस्टेंश को मेंटेन करके कोरोना को हराया जा सकता है।

    बड़ी तैयारी में है सरकार

    इस बीच सरकार ने खतरे को भांप लिया है और दूसरे राज्य से आ रहे लोगो का पूरा डेटा तैयार करने का प्रशासन को आदेश दिया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम भी घूम- घूम कर बाहर से आये लोगो का डेटा इखट्ठा कर रही है। तैयारी के नाम पर सरकार ने सरकारी स्कूलो में आइसोलेशन वार्ड बनाने का आदेश जारी किया है। पुलिस के लोग लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराने में लगे रहे। लगातार सोशल डिस्टेंश मेंटेन करने को कहा जा रहा है। यानी सरकार बड़ी तैयारी में जुट गई है।

    हेल्पलेश हो चुका है सिस्टम

    बिहार

    यह सच है खुद को अलग करके कोरोना को हराया जा सकता है। पर, यह भी सच है कि प्रशासन के पास इससे निपटने के लिए अभी तक कोई ठोस रणनीति नहीं है। बजार में सैनेटाइजर और मास्क की जबरदस्त किल्लत है। अस्पताल में प्रयाप्त आइसोलेशन वार्ड नहीं है। वेंटिलेटर का घोर अभाव है। जिला मुख्यालय में कोरोना वासरस के जांच की सुविधा नही है। हेल्प लाइन नंबर तो है। पर, वह हेल्पलेश हो चुका है। ऐसे में अचानक स्थिति बेकाबू हो गई, तो क्या होगा? यह बड़ा सवाल है।

  • Covid-19 : PM Modi ने Corona को लेकर क‍िया ये Tweet

    Covid-19 : PM Modi ने Corona को लेकर क‍िया ये Tweet

    कोरोना पर आज रात 8 बजे फिर देश को संबोधित करेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, देखे वीडिओ।

  • इस सप्‍ताह के कुछ बड़े मुद्दे । 24 March 2020

    इस सप्‍ताह के कुछ बड़े मुद्दे । 24 March 2020

    इस सेगमेंट में हम हाल के हुए कुछ बड़ी घटनाओं के बारे में बात करेंगे और उस पर साहित्यिक अंदाज़ में अपनी बात भी रखेंगे उम्मीद है की आपको यह सेगमेंट पसंद आएगा तो बिना वक्त को गंवाये सबसे पहले हम बात करते हैं…

  • PM मोदी आज रात 8 बजे देश को फिर करेंगे संबोधित

    PM मोदी आज रात 8 बजे देश को फिर करेंगे संबोधित

    KKN न्यूज़ डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर रात 8 बजे देश को संबोधित करेंगे। उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। पीएम मोदी ने लिखा कि “वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण बातें देशवासियों के साथ साझा करूंगा। आज, 24 मार्च रात 8 बजे देश को संबोधित करूंगा। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले 19 मार्च को भी देश को संबोधित किया था। इस दौरान पीएम मोदी ने कोरोना के प्रति सावधानी बरतने तथा इसके खिलाफ लड़ाई में जनता की भागीदारी की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि 22 मार्च को देशवासी जनता कर्फ्यू का पालन करें। देशभर में उनकी अपील का व्यापक असर भी नजर आया था।

     

    पीएम मोदी ने लॉकडाउन का पालन करने की अपील की थी 

    सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी से लॉक डाउन का पालन करने की अपील की थी। दोनों नेताओं ने कहा था कि लोग घरों में ही रहें और सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें। पीएम ने कहा था कि कोरोना वायरस से खुद और अपने परिवार की रक्षा करें। लॉकडाउन के समय सरकार की तरफ से जारी किए निर्देशों का गंभीरता से पालन करें। प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य सरकारों से भी अपील करते हुए कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था को बनाए रखा जाए।

    लोग कर रहे है लापरवाही

    23 मार्च को कई राज्यों और शहरों में लॉकडाउन घोषित किया गया था। बावजूद इसके अधिकतर जगहों पर लोग बेपरवाह दिखे। वाहनों की आवाजाही सामान्य दिखी और लोग मनमर्ज़ी से आते-जाते रहे। लॉकडाउन का कहीं कोई असर नहीं दिखा। इसे देखते हुए पीएम मोदी को भी अपील करनी पड़ी की कई लोग इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं और राज्य सरकारों को कानून का सख्ती से पालन करवाना चाहिए।

    अब भी लोगो मे है गंभीरता की कमी 

    अभी तक 30 राज्यों में लॉकडाउन घोषित किया गया है, तमाम राज्यों ने इसे लेकर सतर्कता बरतना शुरू कर दिया। दिल्ली और महाराष्ट्र सहित चार राज्यों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है, लेकिन आज भी 24 मार्च को यूपी, बंगाल, महाराष्ट्र जैसी जगहों पर लोग सब्जी मार्केट व दूसरी जगहों पर धड़ल्ले से समूह में खरीदारी करते दिखे।

    शायद मौजूदा हालात को देखकर ही पीएम मोदी को दोबारा देश को संबोधित करने के लिए सामने आना पड़ रहा है। पिछली बार उन्होंने जनता कर्फ्यू का मंत्र दिया था।

     

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  • कोरोना लॉकडाउन को समझें आसान भाषा में

    कोरोना लॉकडाउन को समझें आसान भाषा में

    कोरोना वायरस को देशभर में फैलने से रोकने के लिए अब कई राज्यों में लॉकडाउन का ऐलान किया गया है। रविवार 22 मार्च को देशभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद जनता कर्फ्यू लगा था, जो काफी हद तक सफल भी रहा। इसके बाद रविवार को दिल्ली, तेलंगाना, पंजाब समेत कई राज्यों के कई जिलों में 31 मार्च तक लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया है।देश में अब तक कोरोनावायरस के 400 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 8 लोगों की मौत हो चुकी है। रविवार 22 मार्च को 3 लोगों की मौत हुई। लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए ट्रेन, मेट्रो जैसी कई सेवाएं बंद कर दी गई हैं।

    लॉकडाउन को देखते हुए सवाल उठता है कि क्या पूरा राज्य बंद रहेगा? चलिये जानते है…

    जिन राज्यों ने लॉकडाउन का ऐलान किया है, उन्होंने साफ किया है कि जरूरी सुविधाओं और सेवाओं को रोका नहीं जाएगा, तो सवाल उठता है कि ये जरूरी सेवाएं क्या हैं? जो लॉकडाउन के दौरान भी खुली रहेगी।

    मुख्य रूप से सेवाएं जो राज्यों में लॉकडाउन की स्थिति में जारी रहेंगी वो इस प्रकार है :-

    • जनता को राशन से जुड़ी समस्याएं न हों, इसके लिए राशन की दुकानों को बंद नहीं किया जाएगा!
    • इनके साथ ही दूध-सब्जी जैसी बुनियादी जरूरतों की दुकाने भी खुली रहेंगी.
    • अस्पताल, क्लीनिक, नर्सिंग होम और फार्मेसी भी इस दौरान खुले रहेंगे, ताकि लोगों को स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का सामना न करना पड़े.
    • इनके अलावा पेट्रोल पंप, बैंक, एटीएम, टेलीकॉम सर्विस, एलपीजी सिलेंडर की सप्लाई आदि सेवाएँ भी जारी रहेगी. हालांकि राज्यों के अनुसार कुछ सेवाएँ जोड़ी भी जा सकती है।

    चलिये अब जानते है ऐसी सेवाओं के बारे मे जिनपर पाबंदी लगाए गए है :-

    जैसा की हम जानते हैं की रेलवे ने पहले से ही 31 मार्च तक सभी ट्रेनें बंद करने का फैसला किया है, इस दौरान सिर्फ मालगाड़ियाँ ही चलेंगी।दिल्ली, कोलकाता, लखनऊ समेत कुछ शहरों में मेट्रो ट्रेनों की सेवाएं भी रोक दी गई हैं। लॉकडाउन वाले राज्यों ने अपनी सार्वजनिक परिवहन पर भी रोक लगा दी है, साथ ही दूसरे राज्यों से आने वाली गाड़ियों को भी प्रवेश नहीं दिया जाएगा। दिल्ली में धारा 144 लागू की गई है, जिसके कारण एक जगह में 5 से ज्यादा लोग नहीं जमा हो सकते। इसके कारण राज्य में किसी तरह का प्रदर्शन, सामाजिक, धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित नहीं किए जा सकेंगे।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा भी कि जिनको जरूरी सामान और सेवाओं के लिए घर से बाहर निकलना पड़ेगा, उनसे किसी तरह का पहचान पत्र नहीं मांगा जाएगा।

    इसके बावजूद सभी राज्यों में प्रशासन ने साफ किया है कि बेहद जरूरी होने पर ही लोग घरों से बाहर निकलें, ताकि वायरस को फैलने से रोका जा सके। हालांकि, लॉकडाउन के दौरान गैर जरूरी कारण से बाहर निकलने वाले लोगों के खिलाफ प्रशासन कार्रवाई भी कर सकती है।

    हमारी भी आपसे यही अपील है की कृपया घर से बाहर जरूरत पर ही निकले, स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताए गए निर्देशों का पालन करे…

     

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  • बिहार में कोरोना ने दी दस्तक, मौत की पुष्टि से मचा हड़कंप

    बिहार में कोरोना ने दी दस्तक, मौत की पुष्टि से मचा हड़कंप

    प्रवासी मजदूर बने बाहक

    KKN न्यूज ब्यूरो। कोरोना की दस्तक से बिहार में हड़कंप मच गया है। अब तक कोरोना से बिहार में एक व्यक्ति कि मौत हो गई है। जबकि, दो अन्य लोगो की मौत अभी संदिग्ध है। जांच में अब तक तीन अन्य लोगो में कोरोना की पुष्टि होते ही राज्य की सरकार हरकत में आ गई है। विदेशो के अतिरिक्त महाराष्ट्र और दिल्ली से बड़ी संख्या में बिहार लौट रहे लोग प्रशासन के लिए चुनौती बन गये है। राज्य के कई बड़े अस्पतालो में कोरोना वायरस के जांच की सुविधा नहीं होने की वजह से डॉक्टर ऐसे लोगो को सेल्फ कोरंटाइन में रहने की सलाह देकर उसको घर भेज रहें हैं। इससे बिहार के गांवों में दहशत का आलम है।

    कोरोना से एक मौत की हुई पुष्टि

    जांबाज डॉक्टर

    बिहार में कोरोना वायरस से पहली मौत की पुष्टि होते ही हड़कंप मच गया है। पटना एम्स में भर्ती मुंगेर के चुरम्बा गांव निवासी युवक सैफ अली 38वर्ष ने शनिवार को दम तोड़ दिया। वह कतर से किडनी का इलाज कराकर 13 मार्च को लौटा था। बाद में कोरोना की जांच की गई, जिसमें पॉजीटिव पाया गया। पटना एम्स में ही भर्ती एक अन्य महिला की रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। यह महिला स्कॉटलैंड से पटना आई थी। बिहार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने भी इसकी पुष्टि कर दी है। इस वायरस से संक्रमित होकर सबसे कम उम्र में मौत का देश में यह पहला मामला है। अब स्वास्थ्य विभाग ने मुंगेर में मृतक के परिवार को आइसोलेट कर दिया है। मेडिकल टीम चुरम्बा गांव पहुंचकर उसके साथ ही अन्य लोगों की जांच कर रही है। बिहार के आरएमआरएई स्थित जांच केंद्र में रविवार दोपहर तक 170 सैंपल की जांच हुई है। इसमें तीन में कोरोना वायरस की पुष्टि हो गई है।

    संदिग्ध मौत, कही कोरोना तो नहीं

    बिहार के औरंगाबाद जिले के मनोज कुमार की इलाज के दौरान संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई है। हालांकि, पटना के एनएमसीएच में भर्ती मनोज के शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। अनुमान है कि मनोज की मौत कोरोना वायरस से हुई है। हालांकि, इसकी पुष्टि होना अभी बाकी है। इधर, मनोज की पत्नी भी एनएमसीएच में भर्ती हैं। दोनों हाल ही में उड़ीसा से लौटे थे। पटना के एनएमसीएच में शनिवार रात एक अन्य महिला की मौत हुई है। हालांकि अस्पताल प्रशासन का कहना है कि इसकी कोरोना जांच की प्रक्रिया अभी चल रही है। इस बीच मुजफ्फरपुर के कांटी थाना के कोठियां गांव में एक मधु कारोबारी की भागलपुर के नवगछिया में संदिग्ध मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि सर्दी, खांसी और तेज बुखार के बाद उल्टी होने से उसकी मौत हुई है। हालांकि, उसकी जांच नहीं की गई और इस बीच शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। इधर, परिजन कोरोना होने से इनकार कर रहें हैं। बताया जा रहा है कि मामला प्रकाश में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अब मृतक के साथ रहने वाले मीनापुर के दो अन्य मधु कारोबारी की तलाश में जुट गयें है।

    आपातकालीन बैठक

    बिहार में तीन मौत के बाद हड़कंप मचा हुआ है। राज्य सरकार ने आपातकालीन बैठक के बाद राज्य में आने वाले सभी प्फ्लाइट पर रोक लगाने की सिफारिश कर दी है। ट्रेन के परिचालन पर पहले ही रोक लगा हुआ है। एम्स, एनएमसीएच के अलावा अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी आपात बैठक चल रही है। माना जा रहा है कि सरकार कुछ इलाको को आइसोलेट कर सकती है। इधर, मरीज की मौत के बाद एम्स प्रशासन विशेष सतर्कता बरतने लगा है। जो संदिगध हैं, उन्हें अलग वार्ड में रखकर विशेष नजर रखी जा रही है। बिहार सरकार की नजर मुंबई और पुणे से बिहार लौट रहे पांच हजार लोगों पर है। विशेष सतर्कता बरतते हुए दानापुर स्टेशन पर ही दो स्कूलों में पंडाल लगाकर सरकार उनकी चिकित्सकीय जांच करवा रही है। इनमें से संदिग्ध पाए जाने पर उन्हें राजधानी में चार जगहों पर बने आइसोलेशन वार्ड में भेजने की तैयारी है।

  • CoronaVirus: बिहार में कोरोना से पहली मौत

    CoronaVirus: बिहार में कोरोना से पहली मौत

    बिहार में कोरोना ने दस्‍तक दे दी है। मिली जानकारी के अनुसार पटना के राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्‍टीच्‍यूट (RMRI) में दो मरीजों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है। इसमें एक की मौत भी हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार के मुताबिक जिस मरीज की मौत हुई है, वह पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान में किडनी का इलाज करा रहा था। वह मुंगेर जिला का रहने वाला था। प्रधान सचिव ने मृतक के कोरोना पॉजिटिव होने की भी पुष्टि की। हालांकि, इस मामले में स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री, स्‍वास्‍थ्‍य सचिव व आरएमआरआइ के निदेशक के बयान अलग-अलग हैं।

    देश में अभी तक कोरोना संक्रमण के 329 मामले मिले हैं, जिनमें से पांच की मौत हो चुकी है। यह वायरस दुनिया के 170 से अधिक देशों के 3,05,046 लोगों को संक्रमिज कर चुका है, जिनमें से 13,029 की मौत हो चुकी है।

  • जनता क‌र्फ्यू से टूट जायेगा संक्रमण का श्रृंखला

    जनता क‌र्फ्यू से टूट जायेगा संक्रमण का श्रृंखला

    राजीतिक विरोध की वेदी पर जीवन की बली

    KKN न्यूज ब्यूरो। भारत की राजनीति में विरोध की बिडम्बना अब जीवन पर भारी पड़ने वाला है। हमारे कई बड़े नेता जनता कर्फ्यू का सिर्फ इसलिए विरोध कर रहें कि इसकी घोषणा पीएम मोदी ने की है। कई लोग अनजाने में और बिना जाने समझे सोशल साइट पर इसका मजाक बना रहें है। दरअसल, ऐसे लोगो को मालुम होना चाहिए कि कोई भी वायरस निर्जिव वस्तु पर 12 से 14 घंटा तक ही जीवित रहता है और यदि इस अवधि में वायरस को इंसान का कैरियर नहीं मिले तो वह अपने आप मर जायेगा। अब आप सोचिए कि यदि 24 घंटे हम अपने घरो में रह जाये तो पूरा भारत अपने आप सैनेटाइज हो जायेगा और करीब 30 फीसदी वायरस मर जायेगा। यानी जिस काम के लिए दुनिया के कई बड़े देश करोड़ो रुपये खर्च कर रहें है, वह काम हम खुद को अपने घरो में कैद करके कर सकतें हैं।

    भारत के कंसेप्ट की दुनिया के डॉक्टरो ने की सराहना

    पीएम मोदी

    दुनिया के कई डाक्टर भारत के इस कंसेप्ट से हैरत में है। डॉक्टरो के मुताबिक कोरोना संक्रमित व्यक्ति जब खांसता या छींकता है तो उसके मुंह के लार की छीटें या तो पास खड़े व्यक्ति पर जा पड़ती है, या फिर आसपास की वस्तुओं की सतह पर चिपक जाती हैं। यहां तक के मेटल पर भी कोरोना संक्रमण का सर्वाइवल बन जाता है। ऐसे में संक्रमित वस्तुओं की सतह मात्र के छूने से वह संक्रमण व्यक्ति के हाथ में चला जाता है। संक्रमित व्यक्ति जब हाथ से अपना नाक, मुंह या फिर आंख को छूता है तो वह संक्रमित हो जाता है और फिर उसके संपर्क में आने वाला अगला व्यक्ति भी संक्रमित हो जाता है। यानी यह एक पूरा सर्किल बना लेता है। चिकित्सकों का मानना है कि यह वायरस किसी व्यक्ति को कैरियर यानी वाहक बनाए बिना केवल 12 से 14 घंटे तक ही जीवित रह सकता है। प्रधानमंत्री की अपील के पीछे मंशा बस यही है कि संक्रमण को 14 घंटे तक कैरियर न मिल पाए और सदि ऐसा हुआ तो अमूमन 30 फीसदी वायरस 24 घंटे के भीतर मर जायेगा और हमारी लड़ाई आसान हो जायेगी। ऐसे में इस अभियान का विरोध करके या मजाक उड़ा कर हम अपना ही नुकसान करेंगे।

    जनता कर्फ्यू एक कारगर तरीका

    प्रधानमंत्री ने देश की जनता से रविवार को जनता क‌र्फ्यू की अपील की है। इसका मूल मकसद कोरोना के वायरस के चक्र को तोड़ना है ताकि इसके फैलाव को शीघ्र रोका जा सके। इस अपील का वैज्ञानिक आधार हम आपको पहले ही बता चुकें है। दरअसल, यह कोरोना वायरस को फैलने से रोकने का एक कारगर तरीका है। लोग एक दूसरे से नहीं मिलेंगे तो कोरोना को नए कैरियर नहीं मिल पाएंगे। जानकारों का मानना है कि 14 घंटे के ब्रेक से संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सकता है। जाहिर तौर पर जनता क‌र्फ्यू से संक्रमण का खतरा कम होगा। इसलिए प्रधानमंत्री की अपील को गंभीरता से लें और एक सभ्य व अनुशासित नागरिक होने का परिचय दें।

    जानकारी ही बचाव है

    संक्रमण चक्र

    कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर हम कोरोना संक्रमण से खुद का बचाव कर सकतें है। बाद के दिनो में भी सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें। लिफ्ट का प्रयोग करने से बचें। कॉमन कोरिडोर के दरवाजों के हैंडल को छूने से बचें। किसी भी कॉमन वस्तु को छूने के तुरंत बाद साबुन-पानी से हाथ धोएं या फिर सैनिटाइजर से हाथों को साफ करें। बार-बार अपने हाथों को चेहरे पर न लगाएं। किसी व्यक्ति के खांसने या छींकने पर कुछ समय के लिए सांस रोक लें और तत्काल अपने शरीर को सैनिटाइज करें। कमरे का तापमान ज्यादा रखें। इसके अलावा घर को हवादार बनाए रखें। दूसरों के मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करें। अफवाह से बचें और खुद भी अफवाह नहीं फैलाएं। कोरोना वायरस को गंभीरता से लें और इसको लेकर मजाक नहीं बनाएं।

  • बहादुरी नहीं, समझदारी दिखाएं

    बहादुरी नहीं, समझदारी दिखाएं

    भीड़ में जाने से बचना बहुत जरुरी

    KKN न्यूज ब्यूरो। देखा जा रहा है कि शहर की तुलना में गांव के लोग, इन दिनो अधिक बहादुरी दिखाने में जुट गये हैं। हाथ साफ करने वालों को डरपोक समझा जाता है। हाट, बजार और चाय- नाश्ते की दुकान पर एक साथ बैठे कई लोग, कोरोना पर प्रवचन देते अक्सर मिल जायेंगे। ताज्जुब तो तब हुई, जब सैकड़ो लोगो को एक साथ बैठा कर नेताजी सोशल डिस्टेंश मेंटेन करने का प्रवचन देने लगे। यानी, लोग मानते है कि खतरा है। एक दुसरे को बचने का उपाय भी बता रहें है। पर, खुद को सुरक्षित मान कर, भीड़ में जाने से इन्हें कोई गुरेज नहीं है।

    अफवाह से बचें

    कोरोना

    चौक चौराहे की दुकान में लगी बेंच पर एक साथ बैठे कई लोग चाय की चुश्की के साथ ज्ञान और विज्ञान पर जोरदार प्रवचन देते अक्सर मिल जायेंगे। अपनी धारदार थ्योरी से पीएम और सीएम तक को पलभर में कटघरे तक पहुंचा रहें हैं। इश्वर, अल्लाह… मंदिर और मस्जिद… यहां तक की मीडिया भी इनके निशाने पर होता है। कोरोना के वाहक ये हो या नहीं हो… पर, अफवाह के इन वाहको पर रोक लगना बहुत जरुरी हो गया है। कुतर्क ऐसा कि हकीकत भी शर्मसार हो जाये। सवाल उठता है कि ऐसे लोगो को कौन समझाए?

    घर लौटने वालों की स्क्रिंनिंग जरुरी

    बात यहीं खत्म नहीं होती है। चीन, अमेरिका और इटली आदि देशो से घर लौटने वालों की एयरपोर्ट पर ही थर्मोस्क्रिनिंग हो रही है। अलबत्ता कुछ लोग इससे बच कर निकल भी रहें हैं। बावजूद इसके सभी कुछ ठीक रहने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग 14 रोज तक उनपर नजर रखती है। जरुरी नहीं कि कोरोना हो ही… पर, बताया जा रहा है कि ऐतिहात जरुरी है। ऐसे में बड़ा सवाल ये कि महाराष्ट्र और दिल्ली से बड़ी संख्या में बिहार लौट रहे लोगो के लिए स्थानीय प्रशासन कितना तैयार है? गौर करने वाली बात ये है कि इनमें से अधिकांश लोग गांव से जुड़ें हैं। जिनका सरकार के पास कोई डेटा उपलब्ध नहीं है।

    काम आ सकता है डेटा

    विदेश से लौट रहे लोगो का पूरा डेटा सरकार के पास उपलब्ध होता है। उसका नाम और पता मालुम होता है। लिहाजा, यदि कोई जांच में छूट गया, तो उसकी तलाश कर लेना मुश्किल नहीं है। किंतु, महाराष्ट्र से लौटने वाले ज्यादेतर मजदूर है और ग्रामीण इलाको से है। इनका कोई डेटा भी उपलब्ध नहीं है। ऐसे लोग रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड से एक बार बाहर निकल गए, तो मालुम करना मुश्किल हो जायेगा कि ये कहां गए? यदि इनमें से कोई एक भी कोरोना पॉजिटिव हुआ, तो गांव के हालात को सम्भाल पाना बेहद मुश्किल हो जायेगा।

    कोरंटाइन का हो सख्ती से पालन

    यदि बाहर से लौटने वाले खुद को अपने ही घर में 14 रोज के लिए कोरंटाइन करें। यानी, सभी से खुद को अलग रखे। तब भी खतरा कम नहीं होगा। क्योंकि, गांव की हकीकत ये है कि पक्का मकान वाले घरो में भी दो या तीन कमरे में कई लोगो के एक साथ रहतें है। पूरा परिवार एक ही शौचालय और चापाकल का इस्तेमाल करता है। जाहिर है कि गांव में किसी को उसके खुद के परिवार के संपर्क में आने से नहीं रोका जा सकता है। ऐसे में परिवार के दूसरे लोग गांव के अन्य लोगो के संपर्क में आयेंगे, तो क्या होगा? जाहिर है कि आपकी सभी तैयारी धरी की धरी रह जायेगी। स्थिति बेकाबू हुई, तो शहर की तुलना में गांव को सम्भाल पाना मुश्किल हो जायेगा।

    जागरुकता अभियान

    मो. सदरुल

    खतरा बड़ा है… तैयारी समझदारी के साथ करनी होगी। विधिक जागरुकता प्राधिकार के लोग गांववालों को इसके लिए तैयार करने में जुट गए हैं। प्रचार वाहनो को गांव में भेजा जाने लगा है। स्वास्थ्यकर्मी लोगो को सुरक्षा के उपाये बता रहें हैं। मीनापुर के समाजिक कार्यकर्ता मो. सदरुल खां जैसे दर्जनो लोग घर-घर जा कर लोगो को समझा रहें हैं। आईडीएफ के लोग भी खुद को खतरे में डाल कर लोगो को जागरुक करने के लिए गांव में निकल पड़े हैं।

    मिल कर लड़ना होगा

    पीएम ने आह्वान किया है कि रविवार को अपने घरो से नहीं निकलें। ऐसे में बहादुर बनने से अच्छा है, समझदार बनें। खुद के ज्ञान पर स्वांग भरने से बेहतर होगा कि एक्सपर्ट जो कहता है, उसका पालन करें। लापरवाही का अंजाम, चीन में देख चुकें हैं। इटली में देख रहें है। कोरोना के सामने सुपरपावर अमेरिका कुछ नहीं कर पा रहा है। यदि भारत में कोरोना ने विराट रुप धारण किया, तो क्या होगा? ऐसे में जरुरी हो गया है कि सभी मतभेद को भुला कर इसके खिलाफ एकजुट हो जाएं। सोशल डिस्टेंश और हाथो की सफाई जैसे मामुली सर्तकता के साथ हम मिल कर कोरोना को हरा सकतें हैं और उम्मीद है कि इस वक्त हमारी चट्टानी एकता… कोरोना पर भारी पड़ेगा।

  • कोरोना को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने लिए कठोर निर्णय

    कोरोना को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने लिए कठोर निर्णय

    दिल्ली की सरकार ने मॉल बंद करने का लिया निर्णय

    KKN न्यूज ब्यूरो। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस ने खतरे की घंटी बजा दी है। यहां अभी तक कोरोना पॉजिटिव 52 लोगो की पहचान होने के बाद सरकार सकते में है। नतीजा, राज्य सरकार ने कोरोना को लेकर चार शहरो में लगभग लॉक डाउन करने का निर्णय लिया है। हालांकि, इस दौरान आवश्यक वस्तुओं की दुकाने, दूध, सब्जी, राशन और दवा आदि की दुकाने खुली रहेगी। फिलहाल, जिन शहरो को लॉक डाउन किया जा रहा है, उनमें मुंबई, पुणे पिंपरी चिंचवाड़ और नागपुर शामिल है। भारत का यह पहला राज्य है, जहां लॉक डाउन की स्थिति बन गयी है। इधर, दिल्ली की सरकार ने सभी मॉल को बंद करने का आदेश दे दिया गया है। इंडिया गेट पहले से बंद है।

    सिंगर की लापरवाही से खतरा बढ़ा

    बॉलीवुड सिंगर कनिका कपूर कोरोना पॉजिटिव पाई गई है। वह दस रोज पहले लंदन से आई थीं और लखनउ के होटल ताज में आयोजित एक समारोह में शामिल हो गई। बताया जा रहा है कि इसके अतिरिक्त तीन और पार्टी में कनिका शामिल हुई थीं। उस समारोह में कई जानी मानी हस्तियों के शामिल होने की बात सामने आ रही है। इसमें 300 से अधिक लोगो के शामिल होने की बात सामने आ रही है। इधर, लखनउ में स्थिति बिगड़ने का खतरा उत्पन्न हो गया है। सरकार अब उन सभी लोगो की तलाश में जुट गई है। बड़ा सवाल ये कि कनिका कपूर और कितने लोगो से मिली और वह सभी लोग अभी कहां है? यानी, एक सेलिब्रेटी की लापरवाही कितनो पर भारी पड़ गई। व्यवस्था पर बेवजह दबाव बढ़ गया और अनजाने में कई लोग खतरे की जद में आ गए है। फिलहाल, कनिका के पूरे परिवार को कोरंटाइन कर दिया गया है।

  • बॉलीवुड ने पीएम मोदी के ‘जनता कर्फ्यू’ की अपील पर यूं किया रिएक्ट

    बॉलीवुड ने पीएम मोदी के ‘जनता कर्फ्यू’ की अपील पर यूं किया रिएक्ट

    पीएम नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च यानी रविवार के दिन देश के लोगों से ‘जनता कर्फ्यू (Janta Curfew)’ की अपील की है और कहा है कि इस दिन सभी लोग  घर में ही रहे। बॉलीवुड पीएम नरेंद्र मोदी की इस अपील पर जमकर रिएक्ट कर रहा है और इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने के लिए लोगों को भी प्रेरित कर रहा है शबाना आजमी और महेश भट्ट के बाद अब संजय दत्त (Sanjay Dutt) ने भी पीएम मोदी (PM Modi) की अपील का जवाब दिया है, संजय दत्त का ट्वीट खूब वायरल भी हो रहा है।

    संजय दत्त (Sanjay Dutt) ने पीएम मोदी (PM Modi) की ‘जनता कर्फ्यू (Janta Curfew)’ की अपील का स्वागत करते हुए ट्वीट किया है, ‘नरेंद्र मोदी जी शुक्रिया, इस आश्वस्त करने वाली स्पीच के लिए। आइए सब संकल्प लेते हैं 22 मार्च को जनता कर्फ्यू में हिस्सा लेने का, साथ ही हमारी सुरक्षा के लिए हर वक्त सजग लोगों के लिए 5 बजे पांच मिनट तक उत्साहवर्धन भी करना है। सुरक्षित रहने के लिए घर में ही रहें और सभी एहतियाती कदम उठाएं।

    इस पर शबाना आजमी (Shabana Azmi), महेश भट्ट (Mahesh Bhatt) और रितेश देशमुख ने भी ट्वीट कर अपनी राय पेश की है।

    शबाना आजमी (Shabana Azmi) ने एक ट्वीट का जवाब दिया था और ट्वीट करने वाले को फटकार लगाई थी क्योंकि इस ट्वीट में पीएम मोदी के 22 मार्च को शाम पांच बजे कोरोना से फाइट करने वालों के हौसले बढ़ाने के लिए अपनी बालकनी, दरवाजे या खिड़की पर खड़े होकर ताली या थाली बजाने की अपील की आलोचना की गई थी। शबाना आजमी ने कहा, ‘यह कोई बेवकूफी नहीं है. यह सभी भारतीयों को एक साथ लाने के लिए मास्टरस्ट्रोक है.’

     

  • पीएम मोदी ने की ‘जनता कर्फ्यू’ की अपील, देखे पूरा स्‍पीच

    पीएम मोदी ने की ‘जनता कर्फ्यू’ की अपील, देखे पूरा स्‍पीच

    कोरोना वायरस से लड़ने को लेकर हो रहे प्रयासों पर पीएम नरेंद्र मोदी ने आज देशवासियों को संबोधित किया। उन्होंने लोगों से सतर्कता बरतने की अपील करते हुए जनता कर्फ्यू की मांग की है। पीएम ने 22 मार्च को रविवार के दिन सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक जनता कर्फ्यू की अपील की है।

  • बिहार में कोरोना महामारी घोषित

    बिहार में कोरोना महामारी घोषित

    प्रशासन को मिले कई अधिकार

    KKN न्यूज ब्यूरो। बिहार सरकार ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया है। राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग की अनुशंसा पर बिहार में एपिडेमिक डिजीज, कोविड-19, नियमावली 2020 को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया। इस संबंध में राजकीय गजट के माध्यम से अधिसूचना जारी की गयी। इसके तहत बिहार में प्रशासन को असीमित अधिकार मिल गया है। इसके लागू होने से सरकार किसी भी संदिग्ध व्यक्ति में कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाने पर उसकी जांच करा सकती है और उसे बलपूर्वक आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करा सकती है।

    इलाज से इनकार करने पर होगी कारवाई

    संदिग्ध व्यक्ति जांच या इलाज से इंकार करेगा उसके खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा – 188 के तहत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। कार्रवाई करने का अधिकार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव एवं संबंधित जिला के जिलाधिकारी को सौंपा गया है। कोरोना वायरस को महामारी घोषित करने का उद्देश्य इसके संक्रमण के प्रसार को रोकना और महामारी कानून के पालन नहीं करने वाले पर व्यापक समाजहित में कार्रवाई करना है।

    बिहार में पहली बार महामारी घोषित

    बिहार में पहली बार कोई बीमारी महामारी घोषित की गयी है। दरअसल 128 वर्ष पुराने केंद्रीय कानून द ऐपिडिमिक डिजीज एक्ट, 1897 के तहत बिहार सरकार ने पहली बार कोविड -19 को महामारी के रूप में घोषित किया है। राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने कहा कि हमने इसके पूर्व बिहार में किसी खास बीमारी को महामारी घोषित होते हुए नहीं सुना है। बिहार सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण के विस्तार को रोकने के लिए यह निर्णय लिया है।

    अफवाह फैलाने पर होगी कार्रवाई

    बिहार में कोरोना वायरस को लेकर गलत नियत से मीडिया या सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाह फैलाने वाले किसी भी व्यक्ति, संस्थान या संगठन पर कार्रवाई की जा सकती है। इसलिए लोगों को सलाह दी गयी है कि वे ऐसे किसी कार्य में शामिल न हों अन्यथा उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

    निजी लैब को जांच का अधिकार नहीं

    इस कानून के तहत बिहार में स्थित किसी भी निजी लैब को कोरोना वायरस की जांच का अधिकार नहीं दिया गया है। किसी भी संक्रमित व्यक्ति के जांच सैंपल को सिविल सर्जन द्वारा अधिकृत नोडल अधिकारी द्वारा एकत्र किया जाएगा और इसकी जानकारी संबंधित जिले के सहायक जिला सिविल सर्जन को तत्काल देनी होगी। वहीं, 29 फरवरी, 2020 के बाद कोरोना प्रभावित देशों की यात्रा से लौटने वाले किसी भी व्यक्ति द्वारा जांच के लिए सीधे टॉल फ्री नंबर- 104 से जानकारी हासिल कर सकतें हैं।

    भीड़ के एकत्र होने पर रोक

    इस कानून के तहत जिलाधिकारी को अधिकार दिया गया है कि वे किसी भी गांव, प्रखंड, सिटी, वार्ड, कॉलोनी या किसी भी भौगोलिक क्षेत्र में कोरोना वायरस के मरीज की सूचना मिलने पर तत्काल कार्रवाई कर सकते है। वे उन क्षेत्रों में स्थित स्कूल, कार्यालय को बंद कर सकते है और भीड़ के एकत्र होने पर रोक लगा सकते हैं। वाहनों के परिचालन पर भी रोक लगा सकते हैं। सभी संदिग्ध मरीजों को अस्पताल में आइसोलेशन के लिए भर्ती किया जा सकता है।

  • सीतामढ़ी में छात्रो ने बांटे मास्क

    सीतामढ़ी में छात्रो ने बांटे मास्क

    KKN न्यूज ब्यूरो। बिहार के सीतामढ़ी जंक्शन पर छात्रो ने लोगो को कोरोना के प्रति जागरुक किया और इसको लेकर अफवाह से बचने की सलाह दी। छात्रो ने कहा कि कई बार सरकारें ऐसी आदेश निकाल देती है, जिससे पैनिक हो जाता है।
    इस मौके पर छात्र राजद के जिला अध्यक्ष मुकेश यादव और उपाध्यक्ष विष्णु कुमार ने लोगो के बीच मास्क और साबुन का वितरण करके लोगो से साफ सफाई पर विशेष ध्यान देने की अपील की। इस मौके पर मोरेहान खान, मो. शमशाद, ललन कुमार राय, मो. असलम, मो. जावेद भी मौजूद थे।

  • सरकार उठाएगी संक्रमित मरीजों के ईलाज का खर्च : मुख्यमंत्री

    सरकार उठाएगी संक्रमित मरीजों के ईलाज का खर्च : मुख्यमंत्री

    मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से दी जायेगी राशि

    KKN न्यूज ब्यूरो। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के ईलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार उठायेगी। मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से यह राशि दी जाएगी। इस रोग से यदि किसी की मृत्यु होती है तो उनके निकटतम परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से चार लाख की मदद भी दी जाएगी। मुख्यमंत्री सोमवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में कोरोना वायरस के लेकर राज्य सरकार द्वारा की गई तैयारी की जानकारी दे रहे थे।

    मिल कर करेंगे सामना

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर तरह से सजग है। मिलकर इस खतरे का सामना करेंगे। इससे डरने की नहीं बल्कि सचेत रहने की जरूरत है। कोरोना वायरस संक्रमण की जांच की व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया है। इसके उपचार के लिए अतिरिक्त वेंटिलेटर्स और आइसोलेशन वार्ड आदि की व्यवस्था की जा रही है। सभी जिला अस्पतालों और चिकित्सा महाविद्यालय अस्पतालों में इसके लिए अलग से वार्ड बनाया गया है। चिकित्सा महाविद्यालय अस्पतालों में वेंटलेटर की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। स्वास्थ्य विभाग को 100 अतिरिक्त वेंटलेटर्स स्थापित करने का निर्देश दिया गया है। पटना और गया एयरपोर्ट पर प्रभावित देशों से आ रहे यात्रियों की सघन मेडिकल जांच की जा रही है। इसके लिए एयरपोर्ट पर वरिष्ठ पदाधिकारियों की तैनाती की गई है।

    बिहार में एक भी मरीज नहीं

    मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में कोरोना वायरस से संक्रमित एक भी मरीज नहीं मिले हैं। लेकिन सीमावर्ती राज्य उत्तर प्रदेश और नेपाल में इस रोग के मरीज मिले हैं। साथ ही बिहार के कई जिलों में विदेशों से लोगों का आना-जाना लगातार होता रहता है, जिससे यहां भी संक्रमण का खतरा बना हुआ है। मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि कैसे 148 देश इस समस्या से जूझ रहे हैं। यह पूरे विश्व के लिए महामारी बन चुका है। कहा कि इसकी शुरुआत चीन के वुहान शहर से दिसंबर, 2019 में हुई थी।

    दो मीटर की दूरी बनाकर रखे

    मुख्यमंत्री ने कहा कि यह रोग सामन्य वायरल की तरह खांसने और छिंकने से फैलता है। संक्रमित व्यक्ति से कोई हाथ मिला ले अथवा उसके नजदीक में रहे तो उनमें भी संक्रमण होने का खतरा रहता है। यदि रोगी से निकले थूक की बूंदे किसी के हाथ में लग जाए और वह व्यक्ति अपने हाथ से मुंह, नाक अथवा आंख छू ले तो उसे भी संक्रमण हो सकता है। लिहाजा, बचाव के लिए आवश्यक है कि किसी भी व्यक्ति से दो मीटर की दूरी बनाके रखें। किसी भी भीड़ वाले स्थान जैसे शादी, पार्टी, बैठक, मॉल में जाने से बचें। आवश्यक नहीं हो तो यात्रा नहीं करें। सामाजिक और व्यक्तिगत दूरी ही इस रोग से बचाव का सबसे अच्छा उपाय है।

    स्वस्थ्य व्यक्ति को मास्क की जरूरत नहीं

    मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वस्थ्य व्यक्ति को मास्क लगाने की कोई आवश्यकता नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि मास्क उनके लिए है, जो संक्रमित हों या वैसे स्वास्थ्य कर्मी जो इस तरह के रोगी का उपचार कर रहे हैं। यदि मास्क का कोई उपयोग करता है तो उसके निस्तारण के प्रति भी सजग रहना पड़ेगा। सामान्यत: एक मास्क का प्रयोग छह से आठ घंटे के लिए किया जा सकता है। इसके इस्तेमाल के बाद उसे जला देना या जमीन में गड्ढा कर उसमें डाल देना चाहिए। तभी हम संक्रमण से बच सकेंगे।

  • भारत में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 84 हुई

    भारत में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 84 हुई

    दुनिया के 1,48,051 लोग जांच के दायरे में

    KKN न्यूज ब्यूरो। चीन से फैला कोरोना वायरस अब तक 145 देश के 1,48,051 लोग इस वक्त कोरोना की चपेट में है। भारत में भी कोरोना का कहर अब तेजी से पैर पसार रहा है। इस वक्त भारत के चार हजार लोग संदेह के दायरे में है और उनका जांच चल रहा है। जबकि, भारत में कोरना वायरस के 84 मरीजों की पुष्टि हो गई है। इसी के साथ दो लोगो की मौत होने से हड़कंप मच गया है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक मरने वालो में दिल्ली और कर्नाटक में हुई एक-एक व्यक्ति की मौत के मामले शामिल हैं।

    स्वास्थ्य मंत्रालय ने की पुष्टि

    भारत के केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोरोना वायरस की जांच में पॉजिटिव पाए गए 84 लोगों के संपर्क में आए 4,000 से ज्यादा लोगों को निगरानी में रखा गया है। साथ ही कोरोना वायरस की जांच में पॉजिटिव पाए गए सात लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। सऊदी अरब से हाल में लौटे कलबुर्गी के 76 वर्षीय एक व्यक्ति की गुरुवार को मौत हो गई थी। जबकि कोरोना वायरस से संक्रमित दिल्ली की 68 वर्षीय एक महिला की शुक्रवार की रात राम मनोहर लोहिया अस्पताल में मृत्यु हो गई है। महिला का पुत्र विदेश से आया था और वह कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था। गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अनिल मलिक ने कहा था कि भारत-नेपाल सीमा की केवल चार चौकियां संचालित रहेंगी और भूटान तथा नेपाल के नागरिकों के लिए देश में वीजा मुक्त प्रवेश जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि करतारपुर गलियारे को बंद करने का निर्णय विचाराधीन है।

    इन राज्यो में हुई कोरोना की पुष्टि

    दिल्ली में अब तक कोरोना वायरस के संक्रमण के सात मामले और उत्तर प्रदेश में 11 मामले सामने आए हैं। कर्नाटक में कोरोना वायरस के छह मरीज जबकि महाराष्ट्र में 14 और लद्दाख में तीन मरीज हैं। इसके अलावा राजस्थान, तेलंगाना, तमिलनाडु, जम्मू कश्मीर, आंध प्रदेश और पंजाब से एक-एक मामला सामने आया है। केरल में कोरोना वायरस के 19 मामले दर्ज किए गए हैं। इसमें से तीन मरीजों को पिछले महीने इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई थी। मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि 84 पुष्ट मामलों में 17 विदेशी नागरिक शामिल हैं। इनमें इटली के 16 पर्यटक और कनाडा का एक नागरिक है।

    डब्लूएचओ ने किया महामारी घोषित

    विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19 यानी कोरोना को एक महामारी घोषित किया है। उधर, सुपर पावर अमेरिका और स्पेन ने राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर दी है। इटली में कोरोना वायरस के संक्रमण से 250 लोगों की मौत हो गई है। इसी के साथ पिछले 24 घंटों में मृतकों की कुल संख्या 1,266 हो गई। साथ ही, देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 17,660 हो गई है। फ्रांस में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण 18 लोगों की मौत होने से कुल मृतक संख्या 79 पहुंच गई। इस बीच, लंदन से प्राप्त एक खबर के मुताबिक कोरोना वायरस से बढ़ते खतरे को देखते हुए लंदन मैराथन को चार अक्टूबर तक के लिए टाल दिया गया है।

    145 देशो में जन जीवन प्रभावित

    चीन में करीब तीन महीने पहले दस्तक देने के बाद अब वैश्विक महामारी का रूप धारण कर चुका कोरोना वायरस संक्रमण 5 हजार से अधिक लोगों की जान ले चुका है। करीब 145 देशो के 1,48,051 से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हैं। कोरोना वायरस के दिन-ब-दिन बढ़ते प्रकोप के कारण विश्वभर में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। स्कूल, कॉलेज, कार्यालय, स्टेडियम बंद हो रहे हैं और वित्तीय एवं आर्थिक गतिविधियों पर इसका बहुत बुरा असर पड़ने लगा है।

  • भारत में कोरोना का खतरा मंडराया

    भारत में कोरोना का खतरा मंडराया

    कोरोना से हुई पहली मौत की पुष्टि

    KKN न्यूज ब्यूरो। भारत में कोरोना वायरस से पहली मौत की पुष्टि होने के बाद सरकारे हाई अलर्ट मोड पर है। कई गाइडलाइन जारी किये गए है। लोगो को किसी भी प्रकार के पैनिक से बचने को कहा जा रहा है। बहरहाल, कोरोना से पहली मौत कर्नाटक के कलबुर्गी शहर में दो दिन पहले ही हो गया था। बताया गया कि संदिग्ध बुजुर्ग की उपचार के दौरान मौत हुई थी। अब उसके नमूने की जांच में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। बतातें चलें कि इस वक्त भारत में कोरोना से संक्रमित लोगो की संख्या 76 हो गई है। हालांकि इसमें से केरल के 3 लोग ठीक भी हुए हैं।

    गूगल का कर्मचारी पॉजिटिव मिला

    कोरोना वायरस का तांडव इन दिनो दुनिया में खौफ का कारण बना हुआ है। भारत भी अब कोरोना की चपेट में आने लगा है। यहां संक्रमित लोगों की संख्या लगाता बढ़ रही है। बहरहाल, गूगल की ओर से आए बयान में गूगल ने अपने बेंगलुरु दफ्तर के एक कर्मचारी को कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टी की है। पुष्टी के बाद से कर्मचारी को अलग रख दिया गया है।

    यात्रियों की संख्या में गिराबट

    कोरोना वायरस के खौफ के चलते इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यात्रियों की संख्या में 36 फीसदी की गिरावट आ गई है। आम दिनों में यहां रोजाना 25 हजार से अधिक यात्री पहुंचते थे। अब इनकी संख्या घटकर 16 हजार रह गई है। गुरुवार रात 12 बजे से 15 अप्रैल तक सभी देशों के टूरिस्ट वीजा निलंबित किए जाने के बाद से शुक्रवार से इनकी संख्या में और गिरावट दर्ज की जाएगी। गुरुवार को एयरपोर्ट परिसर के अंदर सभी कर्मचारी और 90 प्रतिशत यात्री मास्क पहने नजर आए।