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  • मुजफ्फरपुर में यूट्यूबर सैफुल अंसारी के घर पर हमला: एक व्यक्ति हुआ घायल

    मुजफ्फरपुर में यूट्यूबर सैफुल अंसारी के घर पर हमला: एक व्यक्ति हुआ घायल

    KKN गुरुग्राम डेस्क | मुजफ्फरपुर जिले के एक प्रसिद्ध यूट्यूबर मनी मेराज की टीम के सदस्य सैफुल अंसारी के घर पर आज सुबह ताबड़तोड़ फायरिंग हुई। इस हमले में एक व्यक्ति घायल हो गया, जिसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बदमाशों ने करीब 20 राउंड गोलियां चलाईं, जिससे इलाके में खलबली मच गई। यह घटना इलाके में दहशत का माहौल बना दिया है और पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है।

    फायरिंग का घटनाक्रम
    आज सुबह के वक्त, जब सैफुल अंसारी अपने घर पर सो रहे थे, अचानक उनके घर पर गोलीबारी शुरू हो गई। हमलावरों ने सबसे पहले घर के बाहर लगे शटर पर 4-5 राउंड फायरिंग की। इसके बाद, सैफुल जिस कमरे में सो रहे थे, उसकी खिड़की पर 3-4 गोलियां चलाईं। फायरिंग की आवाज सुनकर सैफुल की नींद खुल गई और उन्हें बाहर से गाली देने की आवाजें आने लगीं। हमलावर उन्हें घर से बाहर बुला रहे थे। इसके बाद, दरवाजे पर भी 3-4 राउंड फायरिंग की गई।

    सैफुल के अनुसार, जब वह गोलीबारी की आवाज सुनकर बाहर आए, तो उन्होंने देखा कि हमलावर उन्हें गालियां देते हुए और धमकियां देते हुए घर से बाहर आने के लिए कह रहे थे। यह पूरी घटना बेहद डरावनी थी और अचानक हुई थी, जिससे सैफुल और उनके परिवार के लोग घबराए हुए थे।

    घायल व्यक्ति और अस्पताल में भर्ती
    इस घटना में एक व्यक्ति घायल हुआ है, जो गोली लगने के बाद गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है। अभी तक उस घायल व्यक्ति की पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन पुलिस ने पुष्टि की है कि उसे इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है। फिलहाल, उसकी हालत चिंताजनक बनी हुई है, लेकिन पुलिस इस मामले में सभी तथ्यों की जांच कर रही है।

    पुलिस की प्रतिक्रिया और जांच
    घटना के बाद, स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया। सूचना मिलते ही एसडीपीओ कुमार चंदन और उनकी पुलिस टीम मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस ने घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच करना शुरू कर दिया है, ताकि हमलावरों की पहचान की जा सके। इस बीच, पुलिस ने बताया कि हमलावर हमले के बाद मौके से फरार हो गए थे।

    पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और आसपास के क्षेत्रों से किसी भी प्रकार की मदद प्राप्त करने की कोशिश कर रही है। पुलिस को अभी तक हमलावरों के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई है, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही मामले का खुलासा होगा।

    सैफुल अंसारी का बयान
    सैफुल अंसारी ने इस घटना को लेकर बताया कि सोमवार की सुबह वह अपने घर पर सो रहे थे, और अचानक गोलीबारी शुरू हो गई। उन्होंने बताया कि अपराधियों ने पहले घर के शटर पर गोलीबारी की, फिर उनके कमरे की खिड़की पर गोलियां चलाईं। सैफुल ने बताया कि गोलीबारी की आवाज सुनकर वह जल्दी से जागे और देखा कि बाहर से गाली-गलौच की आवाजें आ रही थीं। अपराधी उन्हें धमकी दे रहे थे और उन्हें बाहर आने के लिए बुला रहे थे।

    सैफुल ने यह भी कहा कि उनका किसी से कोई विवाद नहीं था और वह इस हमले के कारणों को लेकर उलझन में हैं। उन्होंने बताया कि उनका किसी भी व्यक्ति के साथ कोई लड़ाई-झगड़ा नहीं था, इसलिए उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि हमलावरों ने उनका घर क्यों निशाना बनाया।

    घटना के बाद की स्थिति और क्षेत्रीय प्रतिक्रियाएं
    इस घटना के बाद, मुजफ्फरपुर के इलाके में दहशत का माहौल है। यह एक शांतिपूर्ण क्षेत्र था, और ऐसे हमले ने यहां के निवासियों को चौंका दिया है। स्थानीय लोग इस हमले से भयभीत हैं और उन्होंने अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

    इस घटना के बाद, पुलिस प्रशासन ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे मामले में किसी भी जानकारी के साथ पुलिस की मदद करें। इस हमले के पीछे क्या कारण हो सकते हैं, इसे लेकर विभिन्न प्रकार की अटकलें लगाई जा रही हैं, लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई ठोस जानकारी नहीं दी है।

    संभावित कारण और संदिग्ध
    फिलहाल, पुलिस द्वारा जांच की जा रही है कि इस हमले का उद्देश्य क्या हो सकता था। एक संभावना यह है कि यह हमला सैफुल अंसारी के यूट्यूब चैनल और उनके काम से जुड़ा हो सकता है। इस समय, जब सोशल मीडिया पर कंटेंट क्रिएटरों का प्रभाव बढ़ रहा है, ऐसे हमले कभी-कभी व्यक्तिगत प्रतिशोध या पेशेवर दुश्मनी के रूप में सामने आते हैं। हालांकि, सैफुल ने किसी भी प्रकार के विवाद की जानकारी नहीं दी है।

    दूसरी संभावना यह है कि यह हमला व्यक्तिगत कारणों से भी हो सकता है, जिसमें कोई पुरानी दुश्मनी या विवाद शामिल हो सकता है। सैफुल ने इस बात को साफ किया कि उनका किसी से कोई विवाद नहीं था, और उन्हें इस हमले के कारणों को लेकर कोई समझ नहीं आ रहा है।

    समाज में सुरक्षा की आवश्यकता
    इस घटना ने यह सवाल खड़ा किया है कि क्या सोशल मीडिया के प्रभाव में रहने वाले व्यक्तियों को पर्याप्त सुरक्षा मिल रही है। सैफुल अंसारी के जैसे यूट्यूबर, जो आम जनता के बीच लोकप्रिय हैं, उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए और बेहतर उपायों की आवश्यकता हो सकती है। यह घटना एक उदाहरण है कि कैसे व्यक्तिगत हमले सोशल मीडिया से जुड़ी हरकतों के परिणामस्वरूप हो सकते हैं।

    साथ ही, यह हमें यह भी याद दिलाती है कि हर व्यक्ति को अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त कदम उठाने चाहिए। सोशल मीडिया के प्रभाव में रहने वाले लोगों को अपनी व्यक्तिगत और पारिवारिक सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए।

    पुलिस और कानूनी कदम
    मुजफ्फरपुर पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच को तेज कर दिया है। पुलिस ने घटना के तुरंत बाद एफआईआर दर्ज की और जांच शुरू की। इस घटना को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं, जैसे कि हमलावरों का मकसद क्या था, और क्या यह हमला योजनाबद्ध था या अचानक हुआ। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या इस हमले में कोई पूर्व जानकारी या पूर्वग्रह शामिल था।

    मुजफ्फरपुर में सैफुल अंसारी के घर पर हुई गोलीबारी की घटना ने इलाके को हिलाकर रख दिया है। हालांकि हमलावरों की पहचान और हमले के कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाए हैं, पुलिस इस मामले की गहरी जांच कर रही है। इस घटना ने यह भी सवाल खड़ा किया है कि क्या सार्वजनिक जीवन में सक्रिय व्यक्तियों को अपनी सुरक्षा को लेकर और अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही हमलावरों को पकड़ा जाएगा और इस जघन्य अपराध का खुलासा होगा।

  • सैफ अली खान पर हमला करने वाला शहजाद भारत में दावकी नदी के जरिए घुसा, फर्जी आधार कार्ड से सिम कार्ड लिया

    सैफ अली खान पर हमला करने वाला शहजाद भारत में दावकी नदी के जरिए घुसा, फर्जी आधार कार्ड से सिम कार्ड लिया

     KKN गुरुग्राम डेस्क  | बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान पर हमला करने वाला शरीफुल इस्लाम शहजाद मोहम्मद रोहिल्ला अमीन फकीर, जिसे विजय दास के नाम से भी जाना जाता है, बांग्लादेशी नागरिक है। उसने भारत में अवैध रूप से मेघालय की दावकी नदी के जरिए प्रवेश किया। रिपोर्ट्स के अनुसार, उसने एक स्थानीय निवासी के आधार कार्ड का इस्तेमाल कर सिम कार्ड प्राप्त किया।

    अवैध तरीके से भारत में प्रवेश और पहचान पत्र की धोखाधड़ी

    शहजाद, जिसकी उम्र 30 साल बताई जा रही है, ने भारत-बांग्लादेश सीमा के पास स्थित दावकी नदी के जरिए भारत में अवैध प्रवेश किया। भारत में घुसने के बाद उसने अपना नाम बदलकर विजय दास रख लिया और कुछ सप्ताह तक पश्चिम बंगाल में रहा। इसके बाद वह मुंबई चला गया, जहां उसने रोजगार की तलाश शुरू की।

    द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, शहजाद ने एक सिम कार्ड प्राप्त किया, जो मूल रूप से पश्चिम बंगाल की खुकुमोनी जहांगीर शेख के नाम पर पंजीकृत था। उसने विजय दास के नाम पर आधार कार्ड बनवाने की भी कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो सका।

    शहजाद की पृष्ठभूमि

    शहजाद ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि:

    • उसने बांग्लादेश में 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की है।
    • उसके दो भाई हैं।
    • वह बेहतर रोजगार की तलाश में भारत आया।

    इस घटना ने सीमा सुरक्षा और भारत में पहचान पत्रों के दुरुपयोग को लेकर गंभीर चिंताएं खड़ी कर दी हैं।

    राजनीतिक प्रतिक्रिया

    यह मामला सामने आने के बाद राजनीतिक हलकों में भी हंगामा मच गया। अवैध घुसपैठ और राष्ट्रीय सुरक्षा पर बहस तेज हो गई है। शिवसेना (UBT) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने X (पहले ट्विटर) पर लिखा:
    “अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिया जिसने अभिनेता सैफ अली खान पर हमला किया, वह मेघालय के जरिए भारत में घुसा।”

    उनकी इस टिप्पणी ने सीमा सुरक्षा और पहचान पत्र की निगरानी व्यवस्था को सख्त करने की मांग को और मजबूती दी है।

    आधार कार्ड और सिम कार्ड के दुरुपयोग पर सवाल

    मेघालय के निवासी के आधार कार्ड का उपयोग कर सिम कार्ड प्राप्त करने की खबर ने भारत की पहचान प्रणाली की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि आधार को सुरक्षित बनाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं, लेकिन ऐसी घटनाएं यह दिखाती हैं कि फर्जी पहचान का उपयोग अभी भी संभव है।

    विशेषज्ञ इस मुद्दे पर कुछ सख्त कदम उठाने की सलाह दे रहे हैं:

    1. सत्यापन प्रक्रिया को मजबूत करना: आधार कार्ड जारी करने के लिए और कड़े नियम लागू करना।
    2. सिम कार्ड निगरानी: सिम कार्ड के पंजीकरण और सत्यापन प्रक्रिया में सुधार।
    3. फर्जी दस्तावेजों की जांच: फर्जी पहचान पत्र के उपयोग को रोकने के लिए एक केंद्रीकृत निगरानी तंत्र।

    रोजगार की तलाश में भारत आया, पर हमलावर बन गया

    शहजाद ने दावा किया कि उसका मुख्य उद्देश्य भारत में रोजगार पाना था। लेकिन, उसकी आपराधिक गतिविधियों ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा खड़ा कर दिया है।

    पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या उसके भारत आने के पीछे किसी संगठित गिरोह या साजिश का हाथ था।

    सीमा सुरक्षा पर सवाल

    यह घटना भारत की सीमा सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है। खासकर मेघालय जैसे इलाकों में, जो बांग्लादेश के साथ सीमा साझा करते हैं, अवैध घुसपैठ की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।
    स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कुछ उपाय किए जाने चाहिए:

    1. सीमा पर निगरानी बढ़ाना: भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा बलों और निगरानी उपकरणों की तैनाती।
    2. बायोमेट्रिक तकनीक का उपयोग: घुसपैठियों की पहचान के लिए उन्नत तकनीक का इस्तेमाल।
    3. सहयोग बढ़ाना: बांग्लादेश के साथ सूचना साझा करने और घुसपैठियों को रोकने के लिए बेहतर समन्वय।

    सैफ अली खान पर हमले का असर

    शहजाद द्वारा किए गए हमले ने न केवल सैफ अली खान जैसे प्रसिद्ध अभिनेता की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह भी दिखाया है कि अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने वाले लोग किस हद तक नुकसान पहुंचा सकते हैं।

    इस घटना ने जनता और प्रशासन दोनों को सतर्क किया है कि ऐसे मामलों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

    सैफ अली खान पर हमला करने वाले शरीफुल इस्लाम शहजाद की कहानी केवल एक अपराध की नहीं है, बल्कि यह सीमा सुरक्षाआधार कार्ड की सुरक्षा, और अवैध घुसपैठ जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों की ओर ध्यान खींचती है।

    भारत सरकार को इस घटना को एक चेतावनी के रूप में लेना चाहिए और सीमा सुरक्षा व पहचान पत्र प्रणाली में सुधार लाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।

  • मुजफ्फरपुर वेयरहाउस डकैती और हत्या: 24 घंटे बाद भी सुराग नहीं, जांच जारी

    मुजफ्फरपुर वेयरहाउस डकैती और हत्या: 24 घंटे बाद भी सुराग नहीं, जांच जारी

    KKN गुरुग्राम डेस्क | मुजफ्फरपुर जिले में रविवार रात एक ई-कॉमर्स वेयरहाउस पर हुई साहसिक डकैती और हत्या के बाद पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है। नौ हथियारबंद अपराधियों ने ₹4.95 लाख की लूट की और एक कर्मचारी की गोली मारकर हत्या कर दी। घटना के 24 घंटे बाद भी पुलिस के हाथ कोई बड़ा सुराग नहीं लगा है।

    घटना का विवरण

    डकैती और हत्या का मामला

    मुजफ्फरपुर स्थित ई-कॉमर्स वेयरहाउस पर रविवार रात 19 कर्मचारी ड्यूटी पर थे। अपराधी तीन मोटरसाइकिलों पर आए और मास्क पहनकर अंदर घुस गए। उन्होंने कर्मचारियों को बंदी बनाते हुए ₹4.95 लाख नकद लूट लिया।

    डकैती के दौरान, वेयरहाउस का अलार्म बज गया। इससे अपराधी गुस्से में आ गए और कैश काउंटर पर बैठे कर्मचारी प्रभात कुमार मिश्रा (45) को गोली मार दी। मिश्रा, जो मीनापुर थाना क्षेत्र के सिलौत गांव के निवासी थे, को तुरंत बैरिया के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।

    अपराधियों का भागना और सबूत छोड़ना

    अपराधी घटना के बाद भागने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उनकी एक मोटरसाइकिल स्टार्ट नहीं हो पाई। सीसीटीवी फुटेज में उन्हें बाइक को पुश-स्टार्ट करने की कोशिश करते हुए देखा गया। जब बाइक स्टार्ट नहीं हुई, तो उन्होंने उसे वहीं छोड़ दिया और बाकी दो बाइकों पर फरार हो गए।

    पुलिस ने घटनास्थल से छोड़ी गई मोटरसाइकिल को बरामद कर लिया है और उसकी जांच कर रही है। इसके अलावा, सीसीटीवी फुटेज से अपराधियों की गतिविधियों का पता लगाया जा रहा है, लेकिन मास्क पहने होने के कारण उनकी पहचान करना मुश्किल हो रहा है।

    पुलिस की जांच: अब तक की प्रगति

    पहचान में चुनौतियां

    मुजफ्फरपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) सुशील कुमार ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज और मोटरसाइकिल के रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर जांच जारी है।
    उन्होंने कहा, “अपराधियों के बारे में अभी तक कोई ठोस जानकारी हाथ नहीं लगी है। हालांकि, हमारी टीमें पूरी तरह से सक्रिय हैं।”

    सबूत और रणनीतियां

    • छोड़ी गई मोटरसाइकिल का रजिस्ट्रेशन: बरामद मोटरसाइकिल के मालिक का पता लगाने के लिए दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
    • सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच: पुलिस अपराधियों के हावभाव और घटनास्थल के आसपास की गतिविधियों की जांच कर रही है।
    • फॉरेंसिक जांच: घटनास्थल से जुटाए गए फिंगरप्रिंट और अन्य सबूतों का विश्लेषण किया जा रहा है।

    कर्मचारियों का बयान

    डकैती के समय कर्मचारियों की स्थिति

    वेयरहाउस के कर्मचारी राजीव ने घटना की भयावहता को साझा करते हुए कहा, “अपराधियों ने हमें पिस्तौल की बट से मारा और कैश रूम में बंद कर दिया। वे ₹4.95 लाख कैश बैग में भरकर ले गए। जैसे ही अलार्म बजा, उन्होंने गुस्से में प्रभात जी को गोली मार दी।”
    राजीव ने बताया कि अपराधी हथियार लहराते हुए वहां से भाग निकले।

    समुदाय में दहशत और आक्रोश

    मुजफ्फरपुर में इस घटना ने स्थानीय समुदाय को झकझोर दिया है। बढ़ते अपराधों और कर्मचारियों की सुरक्षा पर सवाल उठाए जा रहे हैं। लोगों ने मांग की है कि अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और सुरक्षा प्रोटोकॉल को सख्त किया जाए।

    जांच में मुख्य चुनौतियां

    1. मास्क पहने अपराधी:
      अपराधियों ने मास्क पहनकर अपनी पहचान छिपा ली, जिससे पुलिस के लिए उनकी पहचान करना मुश्किल हो गया है।
    2. सीमित गवाह:
      घटनास्थल पर मौजूद कर्मचारियों को कैश रूम में बंद कर दिया गया था, जिससे वे अपराधियों की अधिक जानकारी नहीं दे पाए।
    3. तत्काल सुराग की कमी:
      छोड़ी गई मोटरसाइकिल के बावजूद, पुलिस को अभी तक अपराधियों के ठिकाने के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है।

    पुलिस और प्रशासन के प्रयास

    सुरक्षा बढ़ाने के कदम

    घटना के बाद से पुलिस ने मुजफ्फरपुर और आसपास के क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी है।

    जनता से अपील

    पुलिस ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि या जानकारी को तुरंत साझा करें।

    फॉरेंसिक सहयोग

    फॉरेंसिक टीम द्वारा जुटाए गए सबूतों का गहन विश्लेषण किया जा रहा है, जिससे जांच में प्रगति की उम्मीद है।

    वेयरहाउस सुरक्षा: सीखे जाने वाले सबक

    यह घटना व्यवसायों और वेयरहाउस ऑपरेटरों के लिए सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की आवश्यकता को उजागर करती है। कुछ आवश्यक कदम इस प्रकार हैं:

    1. उन्नत सीसीटीवी सिस्टम:
      उच्च गुणवत्ता वाले कैमरे और 24/7 निगरानी सुनिश्चित की जाए।
    2. सुरक्षा कर्मियों की तैनाती:
      प्रशिक्षित और सशस्त्र सुरक्षा गार्ड अपराधियों को रोकने में मदद कर सकते हैं।
    3. कर्मचारियों की आपातकालीन प्रशिक्षण:
      डकैती जैसे खतरनाक हालात से निपटने के लिए कर्मचारियों को नियमित रूप से प्रशिक्षण दिया जाए।
    4. सीमित पहुंच:
      कैश रूम और संवेदनशील क्षेत्रों तक केवल अधिकृत व्यक्तियों को पहुंचने की अनुमति दी जाए।
    5. सक्रिय अलार्म सिस्टम:
      अलार्म सिस्टम को पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों से जोड़ा जाए।

    पीड़ित की याद में: प्रभात कुमार मिश्रा

    45 वर्षीय प्रभात कुमार मिश्रा, जो इस घटना में अपनी जान गंवा बैठे, को उनके सहयोगी एक मेहनती और समर्पित कर्मचारी के रूप में याद कर रहे हैं। उनकी मृत्यु ने उनके परिवार और समुदाय को गहरे सदमे में डाल दिया है।

    उनकी इस दुखद मृत्यु ने न केवल कर्मचारियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि व्यवसायों को सुरक्षा उपायों में सुधार करने की ओर भी प्रेरित किया है।

    मुजफ्फरपुर वेयरहाउस डकैती और हत्या की यह घटना अपराधियों के बढ़ते हौसले और सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर करती है। पुलिस की टीम पूरी सक्रियता से जांच कर रही है, लेकिन स्थानीय समुदाय जल्द से जल्द न्याय की मांग कर रहा है।

  • केरल की महिला ग्रीष्मा को प्रेमी शेरोन राज की हत्या के जुर्म में फांसी की सजा

    केरल की महिला ग्रीष्मा को प्रेमी शेरोन राज की हत्या के जुर्म में फांसी की सजा

    KKN गुरुग्राम डेस्क |   केरल की 24 वर्षीय महिला ग्रीष्मा को सोमवार को नेय्यत्तिनकारा सेशन कोर्ट ने अपने प्रेमी शेरोन राज की हत्या के जुर्म में मृत्युदंड की सजा सुनाई। 2022 में हुए इस निर्मम अपराध ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था और रिश्तों में विश्वास, धोखा और न्याय के मुद्दों पर बहस को जन्म दिया।

    मामले का विवरण: एक दुखद प्रेम कहानी का अंत

    यह मामला ग्रीष्मा, जो कि कन्याकुमारी की निवासी और अंग्रेजी की स्नातकोत्तर छात्रा थीं, और शेरोन राज, तिरुवनंतपुरम के पारसल्ला के रहने वाले एक अंतिम वर्ष के स्नातक छात्र, के बीच प्रेम संबंध से शुरू हुआ। दोनों की मुलाकात 2021 में हुई थी, लेकिन यह रिश्ता मार्च 2022 में तब जटिल हो गया जब ग्रीष्मा के परिवार ने उनकी शादी एक सेना अधिकारी से तय कर दी।

    हालांकि ग्रीष्मा ने इस रिश्ते को स्वीकार कर लिया, लेकिन उन्होंने शेरोन के साथ संबंध जारी रखा।

    शेरोन की हत्या: एक योजनाबद्ध अपराध

    जहर देने के असफल प्रयास

    जांच के दौरान यह सामने आया कि ग्रीष्मा ने शेरोन की हत्या की योजना पहले ही बना ली थी।

    1. ऑनलाइन सर्च:
      ग्रीष्मा ने इंटरनेट पर जहर और दर्दनाशक दवाओं के शरीर पर प्रभाव के बारे में जानकारी जुटाई।
    2. जहर देने के प्रयास:
      उन्होंने शेरोन के पानी और जूस में गोलियां मिलाकर उसे जहर देने की कोशिश की।
    3. जूस पीने की चुनौती:
      अपनी मंशा छुपाने के लिए, उन्होंने शेरोन को “जूस पीने की चुनौती” दी, लेकिन शेरोन को कोई नुकसान नहीं हुआ।

    घातक दिन: 14 अक्टूबर 2022

    जब सभी प्रयास असफल रहे, तो 14 अक्टूबर 2022 को ग्रीष्मा ने शेरोन को अपने घर बुलाया। उन्होंने उसे आयुर्वेदिक औषधीय पेय पिलाया, जिसमें जहरीला रसायन (हर्बिसाइड) मिलाया गया था। इस पेय के स्वाभाविक कड़वे स्वाद के कारण शेरोन को कोई संदेह नहीं हुआ।

    पेय पीने के बाद, शेरोन को गंभीर परेशानी होने लगी। वह लगातार उल्टी करने लगा और बाद में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।

    शेरोन की मृत्यु

    25 अक्टूबर 2022 को, तिरुवनंतपुरम के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के दौरान, 23 वर्षीय शेरोन की कई अंगों के फेल होने के कारण मृत्यु हो गई। मृत्यु से पहले उन्होंने एक दोस्त से कहा था कि ग्रीष्मा ने उनके साथ धोखा किया है और उन्हें जहर दिया गया है।

    पुलिस जांच और गिरफ्तारी

    शेरोन की मौत के बाद उनके परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। 31 अक्टूबर 2022 को ग्रीष्मा को गिरफ्तार कर लिया गया।

    मामले में आरोप और गिरफ्तारियां:

    • ग्रीष्मा: मुख्य आरोपी के रूप में गिरफ्तार।
    • मां और मामा: ग्रीष्मा की मां और मामा पर अपराध में सहायता और सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया गया।
      • ग्रीष्मा की मां को अदालत ने बरी कर दिया।
      • मामा निर्मलाकुमारन नायर को तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई।

    आरोपों की कानूनी धाराएं:

    • धारा 302 (हत्या): मृत्युदंड या आजीवन कारावास।
    • धारा 328 (जहर देकर नुकसान पहुंचाना): कठोर सजा।
    • धारा 364 (अपहरण और हत्या): 10 साल से अधिक की सजा।
    • धारा 201 (सबूत नष्ट करना): 7 साल तक की सजा।
    • धारा 34 (सामूहिक आपराधिक कृत्य):

    ग्रीष्मा का बयान और अपराध का उद्देश्य

    पुलिस पूछताछ के दौरान, ग्रीष्मा ने कबूल किया कि वह शेरोन के साथ अपना रिश्ता खत्म करना चाहती थीं।

    मृत्यु का उद्देश्य:

    1. ग्रीष्मा को डर था कि शेरोन उनके निजी पलों की तस्वीरें उनके होने वाले पति को दिखा सकते हैं।
    2. उन्होंने दावा किया कि यही डर उनके इस अपराध का कारण बना।

    हालांकि, ग्रीष्मा ने अदालत में लगातार अपनी निर्दोषता का दावा किया और कहा कि असली अपराधी अब तक पकड़े नहीं गए हैं।

    कोर्ट का फैसला: मृत्यु दंड

    नेय्यत्तिनकारा सेशन कोर्ट ने ग्रीष्मा को मृत्युदंड सुनाते हुए कहा कि यह अपराध “दुर्लभतम मामलों” में से एक है।

    कोर्ट के मुख्य बिंदु:

    1. पूर्व नियोजित अपराध:
      ग्रीष्मा ने कई महीनों तक इस अपराध की योजना बनाई थी।
    2. निर्दयता:
      उन्होंने जहर देकर अपने प्रेमी की हत्या की, जो उनके विश्वास पर निर्भर था।
    3. सामाजिक संदेश:
      कोर्ट ने कहा कि ऐसे अपराधों के लिए कड़ी सजा जरूरी है ताकि समाज में इसका उदाहरण बने।

    समाज और परिवार पर प्रभाव

    यह मामला रिश्तों में विश्वासघात और उसकी गंभीर परिणति का उदाहरण है।

    परिवार का दुख

    पीड़ित के परिवार ने कहा कि यह सजा उनके बेटे के लिए न्याय है। हालांकि, उन्होंने ग्रीष्मा के अपराध में शामिल अन्य लोगों की पहचान और कड़ी सजा की मांग की।

    समाज में संदेश:

    यह घटना इस बात का प्रमाण है कि जहरीले रिश्ते और छिपे हुए अपराध कितने घातक हो सकते हैं।

    क्या बदला जा सकता है?

    सुरक्षा उपाय:

    1. मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता:
      रिश्तों में समस्याओं को सुलझाने के लिए काउंसलिंग और समर्थन बढ़ाया जाए।
    2. पारिवारिक संवाद:
      परिवारों को बच्चों के साथ संवाद बढ़ाने और उनके रिश्तों की बेहतर समझ विकसित करने की जरूरत है।

    ग्रीष्मा को शेरोन राज की हत्या के लिए सजा-ए-मौत मिलना न्याय का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। इस फैसले से यह संदेश गया है कि ऐसे अपराधों के लिए कोई जगह नहीं है।

    हालांकि, यह घटना रिश्तों में विश्वास और पारदर्शिता की आवश्यकता को भी रेखांकित करती है। न्याय प्रणाली ने अपना काम किया है, लेकिन यह समाज की जिम्मेदारी है कि वह इस तरह की त्रासदियों को रोकने के लिए कदम उठाए।

  • बढ़ते अपराध और पुलिस की निष्क्रियता के खिलाफ विधायक ने खोला मोर्चा

    बढ़ते अपराध और पुलिस की निष्क्रियता के खिलाफ विधायक ने खोला मोर्चा

    KKN न्‍यूज ब्‍यूरो। बिहार के मुजफ्फरपुर जिला अन्तर्गत मीनापुर विधानसभा क्षेत्र में अपराध की घटनाओं में अचानक इजाफा होने से लोग दहशत में है। अनुसंधान का दावा करने वाली पुलिस के हाथ अपराधियों की गिरेंवां तक नहीं पहुंचने से अपराधियों का मनोबल सातवें आसमान पर पहुंच गया है। आलम ये है कि बेखौफ अपराधी अब नेताओं को भी तारगेट करने लगें हैं। नतीजा, स्थानीय विधायक ने विधि व्यवस्था का हवाला देकर पुलिस और प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान कर दिया है। इससे पुलिस के आलाधिकारी सकते में है।

    तीन चरणो में होगा आंदोलन

    पिछले दिनो राजद नेता दिनेश साह को अपराधियों के द्वारा गोली मार कर जख्मी कर देने के बाद विधायक मुन्ना यादव ने पुलिस के खिलाफ तीन चरणो में आंदोलन करने की घोषणा कर दी है। प्रथम चरण में विधायक श्री यादव ने रविवार को डीएसपी पूर्वी डॉ. गौरव पांडेय की मौजूदगी में मीनापुर थाना अध्यक्ष दिनेश कुमार, सिवाईपट्टी के थाना अध्यक्ष प्रमोद कुमार यादव व पानापुर ओपी अध्यक्ष रूपनाथ झा के साथ डीएसपी कार्यालय में बैठक करके पुलिस पर अनुसंधान में देरी करने का आरोप लगाते हुए दो सप्ताह के भीतर कारवाई करने की मांग कर दी है। विधायक ने डीएसपी पूर्वी को बताया कि बीते चार महीने में मीनापुर में एक दर्जन से अधिक अपराधीक वारदात होने के बावजूद पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है। कहा कि यदि पुलिस ने समय सीमा के भीतर घटना का अनुसंधान पूरा नहीं किया तो राजद के कार्यकर्ता सड़क पर उतर कर विधि व्यवस्था का कमान अपने हाथो में थामने के लिए विवश हो जायेंगे। इस बीच डीएसपी पूर्वी डॉ. गौरव पांडेय ने शीघ्र ही कारवाई का भरोसा देकर मातहत पुलिस अधिकारी को सख्त कदम उठाने के निर्देश दे दिएं हैं।

    दूसरा और तीसरा चरण

    विधायक मुन्ना यादव ने बताया कि यदि दो सप्ताह के भीतर राजद नेता दिनेश साह सहित अन्य सभी अपराधियों की पहचान और गिरफ्तारी नहीं हुई तो राजद के कार्यकर्ता सड़को पर उतर कर विधि व्यवस्था की कामन अपने हाथों में थाम लेंगे और राजद के कार्यकर्ता रात्रि गश्ती करके अपराधियों से मुकाबला करेंगे। विधायक ने बताया कि इससे भी बात नहीं बनी तो तीसरे चरण में वे विधानसभा के भीतर भूख हड़ताल करेंगे और अपराध की रोकथाम के लिए सरकार को विवश कर देंगे।

    अपराध की एक दर्जन घटनाओं से दहशत में हैं लोग

    बतातें चलें कि इसी 6 अक्टूबर को मॉनिंग वॉक पर निकले राजद नेता दिनेश साह को बासुदेव छपरा के समीप अपराधियों ने गोली मार कर जख्मी कर दिया था। इसी घटना के बाद विधायक मुन्ना यादव ने पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दिनेश को गोली मारने से पहले इसी महीने की 4 तारीख को कपड़ा कारोबारी विजय चौधरी को बदमाशो ने हरका के समीप गोली मार कर जख्मी कर दिया था। इससे पहले 1 अक्टूबर को हरशेर में जमीनी विवाद में गोली लगने से तीन लोग जख्मी हो गए थे। इसी प्रकार 25 सितम्बर को अपराधियों ने मुकसूदपुर पेट्रोल पंप के समीप गोली मार कर छपरा गांव के अजित बैठा की हत्या कर दी और गोली लगने से विजय पासवान जख्मी हो गया था। 24 सितम्बर को चकजमाल के वीभा देवी की हत्या हो गई। 19 सितम्बर को अलीनेउरा के कुंदन कुमार की हत्या। 17 सितम्बर को नेहालपुर का रजनीश बदमाशो की गोली से जख्मी हो गया। 10 सितम्बर को मुस्तफागंज में राजनन्दनी देवी की गोली मार कर हत्या कर दी गई। इससे पहले 4 सितम्बर को मानिकपुर के नवल राय को बदमाशो ने गोली मार कर जख्मी कर दिया। 3 सितम्बर को छपरा के सुधीर कुमार को बदमाशो ने गोली मार दी। इससे पहले 7 अगस्त को सुरजन पकड़ी के दिनेश ठाकुर की हत्या कर दी गई और 5 मई को बनघारा के टेंट व्यवसाई को बदमाशो ने गोली मार कर हत्या कर दी। इस घटना के बाद से इलाके में दहशत है और अनुसंधान के नाम पुलिस के अधिकारी कारवाई करने में देरी कर रहें है। लिहाजा, लोगो में पुलिस के खिलाफ आक्रोश पनपने लगा है।

  • पटना से अगवा डॉक्टर के बेटे का मिला शव, परिवार में मचा कोहराम

    पटना से अगवा डॉक्टर के बेटे का मिला शव, परिवार में मचा कोहराम

    बिहार में एक बार फिर से अपहरण का धंधा पनपने लगा है। राजधानी पटना में डॉक्टर के बेटे की अपहरण के बाद हत्या कर देने से परिवार में कोहराम मच गया है। बतातें चलें कि तीन रोज पहले डॉ. शशि भूषण के बेटे सत्यम को बदमाशो ने अगवा कर लिया गया था। रूपसपुर थाने में अपहर की एफआईआर दर्ज है। पुलिस सत्यम को तलाश रही थी। इस बीच शनिवार को रूपसपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के पीछे सत्यम की लाश मिलते ही इलाके में सनसनी फैल गयी। लाश सड़ी गली अवस्था में मिली। उससे बदबू भी आ रही थी।

    घर से कोचिंग के लिए निकला था

    दरअसल, सत्यम 27 तारीख को घर से कोचिंग के लिए निकला था। इसके बाद वह नहीं लौटा। शव को देखने से ऐसा लग रहा है की उसी दिन अपराधियों ने सत्यम की हत्या कर दिया होगा। इधर डॉक्टर के बेटे की हत्या की खबर मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। पुलिस ने आनन-फानन दो अपराधियों को गिरफ्तार किया है। एक का नाम नीरज और दूसरे का नाम रोहित है। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। बतातें चलें कि अपराधियों ने सत्यम को अगवा करने के बाद 50 लाख की फिरौती भी मांगी थी।

    यह है मामला

    पुलिस के मुताबिक शुरुआती दौर की जांच में ऐसा प्रतीत हो रहा कि सत्यम के दोस्तों ने ही उसे मौत के घाट उतार दिया है। सूत्र बतातें हैं कि हत्या के पीछे किसी लड़की का भी मामला सामने आ रहा है।

  • राजधानी में अपराधियों ने दिनदहाड़े गोलियों से भूना, मरने वाला भी एक शॉर्प शूटर था

    राजधानी में अपराधियों ने दिनदहाड़े गोलियों से भूना, मरने वाला भी एक शॉर्प शूटर था

    बिहार की राजधानी पटना, बीते दिनो एक बार फिर से गैंगवार का गवाह बन गया। निशाने पर था शॉर्प शूटर तबरेज आलम। बताया गया कि तबरेज आलम जेल में बंद बाहुबली पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के लिए काम करता था। अपराधियों ने शहाबुद्दीन के शॉर्प शूटर 38 वर्षिय तबरेज आलम को दिन के उजाले में राजधानी की सड़को पर गोलियों से भून दिया।

    ऐसे हुई घटना

    दिन शुक्रवार और समय दोपहर के करीब 3 बजे थे। कोतवाली थाने की बाउंड्री से सटे एक मस्जिद से नमाज अदा करके तबरेज आलम वापस अपनी गाड़ी में बैठने जा रहा था। गाड़ी का गेट खोलने को आगे बढ़ा ही था कि बाइक सवार अपराधियों ने दनादन गोलियां बरसा दीं। एक बाइक पर दो की संख्या में आये नकाबपोश शूटरों ने उस पर छह राउंड गोलियां बरसायीं। गोली लगते ही तबरेज गिर गया। घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे कोतवाली पुलिस ने तबरेज को अपनी गाड़ी में लादकर पीएमसीएच ले गये। जहां, डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

    पूरी तैयारी में आये थे अपराधी

    तबरेज को निशाने पर लेने से पहले अपराधियों ने पूरी तैयारी कर रखी थी। अपराधियों ने रेकी भी किया था। कोतवाली थाने से जैसे ही वह नमाज पढ़कर वह बाहर निकला, अपराधियों को उसकी खबर मिल गयी। कुछ संदिग्ध थाने से पहले चाय दुकान मोड़ पर भी खड़े थे। वहां भीड़ थी, लिहाजा शूटरों ने उसके आगे बढ़ने का इंतजार किया। जैसे ही वह गाड़ी का गेट खोलने आगे बढ़ा अपराधियों ने उस पर गोलियां दाग दीं। पास खड़े कुछ लोगों ने अपराधियों को खदेड़ने की कोशिश भी की लेकिन वे हथियार लहराते हुये भाग निकले।

    मास्क पहने हुए थे शूटर

    बाइक चलाने वाले अपराधियों ने हेलमेट पहन रखी थी जबकि पीछे बैठे शूटर ने काले रंग की टोपी पहनी थी। शूटर की कद-काठी पांच फुट से ऊपर की थी। घटनास्थल से थोड़ी दूरी पर स्थित एक चाय दुकान के पास ही एक संदिग्ध खड़ा था। बताया गया कि वह लाइनर की भूमिका में खड़ा था। बहरहाल, तबरेज की हत्या के आरोप में पुलिस ने चार लोगो पर एफआईआर दर्ज की है। नामजद हुए आरोपियों में अरवल के रुमी मल्लिक, सब्जीबाग के डब्लू मुखिया, पटना के अंजर खान और जहानाबाद के फारुख आलम शामिल हैं। यह एफआईआर मृतक की पत्नी के बयान पर दर्ज की गयी है।

    हिस्टीशीटर था तबरेज

    शॉर्पशूटर तबरेज मूल रूप से जहानाबाद जिले के शेख आलम चौक, वार्ड नंबर 13 का रहनेवाला था। पटना में वह फ्रेजर रोड स्थित ग्रैंड चंद्रा अपार्टमेंट में रहता था। उस पर पटना, सीवान और धनबाद में हत्या, रंगदारी, जान से मारने की कोशिश, आर्म्स एक्ट सहित आर्धा दर्जन से अधिक केस दर्ज है। इससे पहले सीवान में डेढ़ दशक पहले हुये एक एनकाउंटर में तबरेज बाल-बाल बचा था। पटना के आमलगंज का रहनेवाला उसका एक साथी सुल्तान मियां उस एनकाउंटर में मारा गया था। उस वक्त तबरेज शहाबुद्दीन के लिये दूसरे जिलों में जाकर भी आपराधिक वारदातों को अंजाम देता था।

  • खतरा: बिहार सहित कई राज्यों में मौजूद है एके-47 रायफल का जखिरा

    खतरा: बिहार सहित कई राज्यों में मौजूद है एके-47 रायफल का जखिरा

    बिहार सहित कई अन्य राज्यों के अपराधी व नक्सलियों के पास इस वक्त कम से कम 63 एके 47 रायफल मौजूद है। स्वयं हथियर तस्करो ने इसका खुलाशा किया है। बतातें चलें कि पुलिस ने बिहार के मुंगेर से इमरान और मध्यप्रदेश से रिटायर आर्मोरर पुरुषोत्तम को गिरफ्तार किया है। पुलिस के द्वारा की गई पूछताछ में यह चौकाने वाला खुलाशा सामने आया है। दोनो हथियार तस्कर ने पुलिस को बताया कि उसने अभी तक 63 एके 47 राइफलें खपाई हैं।

    वर्षो से चल रहा था खेल

    बताया जा रहा है कि यह खेल कई वर्षों से चल रहा था। दोनों ने न सिर्फ बिहार, बल्कि दूसरे राज्यों में भी इस अत्याधुनिक असलहे की सप्लाई की है। इस खुलासे के बाद पुलिस ने हथियार खरीदने वालों का पता लगाने में जुट गई है। बहरहाल, मुंगेर पुलिस जबलपुर पुलिस के इनपुट का इंतजार कर रही है। इस बीच पुलिस ने बुधवार को एक बार फिर इमरान के बरदह स्थित घर पर छापेमारी की।

    सेना के इस्तेमान का है हथियार

    बिहार के मुंगेर में पकड़ी गई तीन एके 47 कोई साधारण राइफल नहीं है। बल्कि, ये हथियार सेना द्वारा इस्तेमाल किए गए हैं। खराब होने पर सेना ने इसे आर्डिनेंस डिपो में भेजा था, जहां से इसकी चोरी की गई। जांच में पता चला है कि तस्कर पार्ट्स को जोड़कर एके 47 को चालू कर देते है और इसे बेच कर मोटी कमाई करते रहें है। पुरुषोत्तम इन हथियारों को इमरान के पास भेजता था और फिर ग्राहक खोजे जाते थे।

    साढ़े पांच लाख में बेची जाती थी रायफल

    बिहार पुलिस के अधिकारी बतातें हैं कि इमरान तक हथियार 4.5 लाख रुपए में पहुंचता था। इसके बाद हथियार किसे और कहां बेचना है, यह इमरान तय करता था। पूछताछ में वह पुलिस को पता चला है कि इमरान एक लाख रुपए का मुनाफा लेकर 5.5 लाख रुपये में हथियार बेच देता था। सूत्रों के मुताबिक यह हथियार नक्सली या संगठित आपराधिक गिरोह के द्वारा खरीद की जाती थी।

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  • भारत में समलैंगिकता अब अपराध नहीं : सुप्रीम कोर्ट

    भारत में समलैंगिकता अब अपराध नहीं : सुप्रीम कोर्ट

    भारत की सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने समलैंगिकता को अपराध मानने से इनकार करते हुए ऐतिहासिक निर्णय दिया है। पांच जजों की संविधान पीठ ने बीते गुरुवार को वयस्को के बीच आपसी सहमति से समलैंगिक संबंध बनाने की इजाजत दे दी। इसी के साथ भारत में समलैंगिक संबंधो को लेकर बहस शुरू हो गई है।

    आईपीसी की धारा 377 में हुआ संसोधन

    सुप्रीम कोर्ट ने आईपीसी की धारा 377 के उस प्रावधान को रद्द कर दिया है, जिसके तहत बालिगों के बीच सहमति से समलैंगिक संबंध को अपराध माना जाता था। इस मौके पर सभी जजों ने अलग-अलग फैसले सुनाए। हालांकि, सभी के फैसले एकमत से ही थे। कोर्ट में फैसला सुनाए जाते वक्त वहां मौजूद लोग भावुक हो गए और कुछ रोने भी लगे।

    कोर्ट ने क्या कहा

    कोर्ट ने कहा कि भारत में सभी को समान अधिकार सुनिश्चित करने की जरूरत है। कहा कि समाज को अपने पूर्वाग्रहों से मुक्त होना चाहिए। समलैंगिक (Homosexuality) समुदाय को अन्य नागरिकों की तरह समान मौलिक अधिकार हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आईपीसी की धारा 377 को मनमाना बताया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेक्शुअल ओरिएंटेशन यानी यौन रुझान बायलॉजिकल है और इस पर रोक वास्तव में संवैधानिक अधिकारों का हनन है। कोर्ट ने यह भी कहा कि सहमति से बालिगों के समलैंगिक संबंध हानिकारक नहीं है। कहा कि आईपीसी की धारा 377 संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत सही नहीं है।

    जानिए धारा 377 को

    इससे पहले भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के तहत किसी पुरुष, स्त्री या पशुओं से अप्राकृति शारीरिक संबंध बनाना अपराध माना जाता था। इस अपराध (Crime) के लिए उसे उम्रकैद या दस साल तक की कैद के साथ आर्थिक दंड भुगतना पड़ता था। सीधे शब्दों में कहें तो धारा-377 के तहत वयस्को के बीच आपसी सहमति से भी समलैंगिक संबंध बनाने की इजाजत नहीं थी। चाहें वह पति पत्नी ही क्यों नहीं हो। किंतु, अब सहमति के आधार पर बनाऐ गये ऐसे संबंध अपराध नहीं माने जायेंगे।

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  • सहमति से बने समलैंगिक यौन रिश्ते अपराध के दायरे में नहीं: सुप्रीम कोर्ट

    सहमति से बने समलैंगिक यौन रिश्ते अपराध के दायरे में नहीं: सुप्रीम कोर्ट

    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज समलैंगिक लोगो को बड़ी राहत देते हुए कहा कि आईपीसी की धारा 377 के तहत सहमति से समलैंगिक यौन रिश्ते अपराध के दायरे में नहीं आता है।

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समलैंगिक समुदाय के प्रति इसे लेकर सामाजिक कलंक और भेदभाव खत्म होने चाहिए। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने इस मामले की सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि कई सालों में भारतीय समाज में ऐसा माहौल बना दिया गया है जिसकी वजह से इस समुदाय के साथ बहुत अधिक भेदभाव होने लगा है।
    क्या समलैंगिक यौन रिश्ता अपराध है?
    संविधान पीठ के अन्य सदस्यो में न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ और न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा शामिल हैं। संविधान पीठ ने भारतीय दंड संहिता की धारा 377 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा ऐसे लोगों के साथ भेदभाव से उनके मानसिक स्वास्थ पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है।
    संविधान पीठ ने वकील से पूछे सवाल
    इस मामले में एक याचिकाकर्ता की वकील मेनका गुरूस्वामी से पीठ ने सवाल किया कि क्या कोई ऐसा कानून, नियम, विनियम, उपनियम या दिशा निर्देश है जो दूसरे लोगों को मिले अधिकारों का लाभ समलैंगिक लोगों को प्राप्त करने से वंचित करता है? इसके जवाब में उन्होंने कहा, ”ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। इस पर पीठ ने कहा कि इस समुदाय को इस तरह के लांछन का सामना करना पड़ता है क्योंकि सहमति से समलैंगिक यौन रिश्तों से अपराधिता जुड़ी है।
    धारा 377 को बताया मानवाधिकार का उल्लंघन
    संविधान पीठ ने एक बार धारा 377 के तहत अपराधिता खत्म होते ही सब कुछ हट जायेगा। पीठ ने आगे कहा कि सालों में हमने भारतीय समाज में ऐसा माहौल बना दिया जिसने सहमति से समलैंगिक रिश्तों में संलिप्त लोगों के साथ भेदभाव की जड़ें काफी गहरी हो गई है। इसने इनके मानसिक स्वास्थ पर भी असर डाला। संविधान पीठ आज तीसरे दिन 158 साल पुरानी भारतीय दंड संहिता की धारा 377 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।

  • मौजूदा दौर में अपराध का एक और नया चेहरा

    मौजूदा दौर में अपराध का एक और नया चेहरा

    अपराध का मतलब हत्या, डकैती, चोरी या बलात्कार ही नहीं होता हैं। बल्कि, व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह को आहत करने वाला सभी कृत्य, अपराध की श्रेणी में आता है। एक कालखंड के कृत्यों को खंडित करके, दूसरे कालखंड में इरादतन प्रस्तुत करना और मौजूदा कालखंड के मूल्यों की कसौटी पर, बीते कालखंड के तथ्यों को हूबहू परखना भी एक अपराध ही तो है।

    जींजों को समग्रता में नहीं समझने की विवेकशुन्यता भी इसी अपराध की श्रेणी में आता है। दुर्भावनाओं से ग्रसित होकर मूल्यहीन तथ्यों को प्रचारित करने से उत्पन्न होने वाला तनाव भी किसी जधन्य अपराध से कम नहीं हैं। दुर्भाग्य से हम में से कई लोग ऐसे कृत्यों को अंजाम देते हुए, खुद में अपराधबोध का अहसास भी महसूस नहीं करतें हैं। इससे अपराध का समाजीकरण हो जाता है और इसका सर्वाधिक लाभ, असमाजिक तत्व उठा लें जातें हैं।
    कुंठा से अपराधीकरण तक
    दरअसल, आधी-अधूरी जानकारी के आधार पर खुद के ज्ञानी होने का स्वांग भरने वालों की बेजा हरकत से उत्पन्न कुंठा ने अपराध का समाजीकरण कर दिया है। नतीजा, हालिया वर्षो में अपराध के आंकड़ें खतरनाक रूप से विराट रूप धारण करने लगा है। यदि हम बात आंकड़ों की करें तो, भारत में प्रति पन्द्रह सेकेंड में कहीं न कहीं अपराधिक कृत्य का घटित होना भी अब किसी को चौकाता नहीं है? हालात ये हो गए है कि उन इलाको में भी अपराध पनपने लगा है, जहां पहले समाजिक सौहार्द का वातावरण होता था। अपराध और असमाजिक कृत्यों का विरोध करने वाले वर्ग को आज एक गहरे साजिश की बुनियादी पर, हासिए पर धकेल दिया गया है। नतीजा, गांव और कस्वा भी, अब इन्हीं अपराधियों की चंगूल में कराहने लगा है, या यूं कहें कि घूटन महसूस करने लगा है। इसे हमारे कालखंड की बिडंबना कह लें कि आज तथ्यों को तोड़-मरोर कर जाबांजी दिखाने वालों की फेहरिश्त लम्बी होती जा रही है। अब इस नवोदित अपराध का खामियाजा, आमलोग तो भुगतन ही रहें हैं। कथित बुद्धिजीवी भी इससे खुद को अछूता नहीं रख पा रहें हैं। इससे उत्पन्न होने वाला तनाव ही कालांतर में अपराध का रूप धारण कर लेता है।
    सक्रिय है एक नया गैंग
    दरअसल, तथ्यों की बाजीगरी दिखाने वालों का एक पूरा गैंग इन दिनो तेजी से सक्रिय हो गया है। ऐसे लोगो का मकसद मूल समस्या से ध्यान बाटने का होता है। यह गैंग फर्जी आंकड़ो की आर लेकर समस्या का जातिकरण करने में लगा हुआ है। चंद मिसालो की कूबत पर, पूरा चेहरा दिखाने में लगा हुआ है। ताकि, अपराध का समाजीकरण किया जा सके। इनका मकसद विकासवाद को दरकिनार करके वर्ग संघर्ष का स्वांग भरना मात्र रह गया है। इससे बचने का एक मात्रा रास्ता है कि आप खुद से तथ्यों का अध्ययन करें और किसी के बहकावे में आने से बचे। खुदसर ही तथ्यों को समग्रता में समझने की कोशिश करें। खुद में उत्पन्न होने वाले कुंठा से निकाल कर चित्त को सकारात्मकता की ओर अग्रसर करने की कोशिश करें। दोस्त को दुश्मन समझने की अज्ञानता से बचने की कोशिश करें और समाज की समरशता को नष्ट करके, उसे कुंठा की अन्तहीन दल-दल में धसने से बचाने की भी कोशिश करें।
    यह अपराध नहीं तो और क्या है
    दरअसल, जो लोग समाज का अपराधीकरण करने पर तुले हैं, वह नही चाहते कि हमारा आज का युवा और अर्द्ध युवा पीढ़ी राजनीति का समीकरणवादी चेहरा देखें। वह नहीं चाहते हैं कि आप अपने रहनुमाओं को आकंट भ्रष्टाचार में डूबा हुआ देखें। वह नहीं चाहतें कि आप लालफीताशाही की निरंकुश होती प्रवृत्ति को देखें। दरअसल, वह आपको वास्तविक समस्या से इतर ले जाने के मकसद से ही सक्रिय हुआ है। लिहाजा, वह आपको, अपनो से खिलाफत कराने को ही खुद की जीत समझता है। चंद मिशालो की कूबत पर पूरा तानबाना बनाने को ही जीत समझता है। दरअसल, वह आपको मानसिक तौर पर कमजोर करके आपकी सोच को खुद का गुलाम बनाने की स्वांग को ही अपना जीत समझता है। यह एक अपराध नहीं, तो और क्या है…?

  • बालिग को प्रेम विवाह करना गुनाह नही

    बालिग को प्रेम विवाह करना गुनाह नही

    सुप्रीम कोर्ट का खाप के खिलाफ फैसला

    नई दिल्ली। भारत के उच्चतम न्यायालय ने कहा कि कोई भी वयस्क महिला या पुरुष अपनी इच्छा से किसी भी व्यक्ति से प्रेम विवाह कर सकता है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने प्रेम विवाह करने वाले युवक-युवतियों पर खाप पंचायतों द्वारा किए जाने वाले अत्याचारों पर अंकुश लगा पाने में असफल रहने पर केंद्र सरकार को फटकार भी लगायी है।

    शीर्ष अदालत ने अंतर-जातीय विवाह करने वाले प्रेमी-युगलों के खिलाफ खाप पंचायतों या ऐसे किसी संगठनों द्वारा किये गये अत्याचार या दुर्व्यवहार को पूरी तरह गैर-कानूनी बताया। खाप पंचायतों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी देते हुए न्यायालय ने कहा कि यदि केंद्र सरकार खाप पंचायतों को प्रतिबंधित करने की दिशा में कदम नहीं उठाती तो अदालत इसमें दखल देगी।

  • एक बार फिर कारबाइन की तरतराहट से थर्राया मुजफ्फरपुर

    बनारस बैंक चौक पर पेशकार की हुई हत्या

    मुजफ्फरपुर। सोमवार की सुबह कारबाइन की गरज से मुजफ्फरपुर शहर सहम गया। बाइक सवार दो अपराधियों ने बनारस बैंक चौक के समीप सुबह करीब सवा पांच बजे  पेशकार जावेद अहमद को कारबाइन से भून दिया। गोलियों से छलनी हुआ पेशकार की मौके पर ही मौत हो गई। वे समस्तीपुर के लिए ट्रेन पकड़ने स्टेशन जा रहे थे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए एसकेएमसीएच भेज दिया है।
    जानकारी के मुताबिक मृतक बनारस बैंक चौक का रहने वाला था। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। जांच के दौरान 9 एमएम का नौ खोखा बरामद हुआ है। मृतक के पुत्र अखिल अहमद ने अपने अब्बा की हत्या के कारणो पर अनभिज्ञता जाहिर की है। इस घटना को लेकर बनारस बैंक व इसके आसपास के इलाके में तनाव उत्पन्न हो गया है। लोगों में आक्रोश व्याप्त है। जावेद को चार बेटे व एक बेटी है। नगर पुलिस बनारस बैंक चौक पर लगे सीसीटीवी के सहारे अपराधियों की सुराग तलाशने में जुटी है।

  • बाइक सहित तस्कर गिरफ्तार

    बेतिया। बिहार के बेतिया के बलथर पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर 6 किलो चरस व बाइक सहित गिरफ्तार किया गया हैं।दुसरी ओर धनकुटवा गांव में पुलिस नें आग सें झुलसी  हुई एक महिला की लाश को संदेहास्पथ स्थिति में बरामद किया है। पुलिस अनुसंधान में जुटी गई हैं।