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  • राम गोपाल वर्मा की फिल्म, ‘कोरोनावायरस’ का ट्रेलर रिलीज

    राम गोपाल वर्मा की फिल्म, ‘कोरोनावायरस’ का ट्रेलर रिलीज

    कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया में हाहाकार हुआ है। भारत में भी इसके संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। पूरे देश में लॉकडाउन जारी है। इस बीच डायरेक्टर राम गोपाल वर्मा ने कोरोना वायरस पर एक फिल्म बना डाली है। फिल्म का नाम है कोरोनावायरस और इसका ट्रेलर भी जारी कर दिया गया है। इसके ट्रेलर को ट्विटर पर शेयर कर राम गोपाल वर्मा ने बताया कि, यह फिल्म लॉकडाउन के दौरान शूट की गई है।

    यह फिल्म तेलुगू भाषा में बनाई गई है। 4 मिनट के ट्रेलर में एक परिवार को दिखाया गया है। इसमे परिवार की एक लड़की अचानक बीमार पड़ जाती है। इससे पूरे परिवार में डर का माहौल बन जाता है। बेटा अपने पिता से कहता है कि, उसकी बहन पूरी रात खास रही थी। इस पर पिता बोलता है कि, यह सिर्फ एक साधारण खांसी है, लेकिन दवा लेने के बावजूद भी लड़की की खांसी नहीं रुकती है। यहीं से कहानी आगे बढ़ती है और घर के सभी लोग तनाव में नजर आते हैं।

    डायरेक्टर राम गोपाल वर्मा ने ट्विटर पर फिल्म का ट्रेलर शेयर करते हुए लिखा, ‘यह रहा कोरोना वायरस फिल्म का ट्रेलर। इसकी कहानी लॉकडाउन पर आधारित है और फिल्म भी लॉकडाउन के दौरान ही शूट हुई है। मैं यह साबित करना चाहता था कि, कोई हमारे काम को नहीं रोक सकता है चाहे वह भगवान हो या फिर कोरोना।’

  • लॉकडाउन 4 देश में 31 मई तक जारी रहेगा , गृह मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइंस

    लॉकडाउन 4 देश में 31 मई तक जारी रहेगा , गृह मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइंस

    कोरोना वायरस से निपटने के लिए लागू लॉकडाउन की अवधि 31 मई तक बढ़ा दी गई है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने रविवार (17 मई) शाम को यह जानकारी मीडिया को दी। एनडीएमए ने कहा कि कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाया गया है।

    राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की तरफ भारत सरकार/राज्य सरकार और राज्य अथॉरिटीज को लॉकडाउन बढ़ाने का निर्देश देते हुए कहा गया है कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन को बढ़ाने की जरूरत है।

    वहीं, गृह मंत्रालय ने भारत सरकार के मंत्रालयों/विभागों, राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों और राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों के अंतर्गत प्रशासन के लिए कोरोना वायरस के नियंत्रण के लिए उपायों पर दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत मंगलवार (12 मई) को राष्ट्र के नाम संबोधन में ही स्पष्ट कर दिया था कि देश में 18 तारीख से पूर्णबंदी का चौथा चरण शुरू हो जाएगा और यह पूरी तरह नए रंग रूप वाला होगा। हालांकि उन्होंने इस बारे में कुछ नहीं कहा था कि इस चरण में किसी चीज में और कितनी छूट दी जाएगी।

    कोरोना महामारी के खिलाफ चलाए जा रहे राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत देश भर में गत 25 मार्च से पूर्णबंदी लागू है और इसके तीन चरण पूरे हो चुके हैं। पहला चरण 25 मार्च से 14 अप्रैल, दूसरा 15 अप्रैल से 3 मई और तीसरा चरण 4 मई से 17 मई तक था।

  • देशभर में 17 मई तक बढ़ाया गया लॉकडाउन, लेकिन कुछ शर्तों के साथ मिलेगी छूट

    देशभर में 17 मई तक बढ़ाया गया लॉकडाउन, लेकिन कुछ शर्तों के साथ मिलेगी छूट

    केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन को 2 सप्ताह के लिए बढ़ा दिया है। देश में 40 दिनों का लॉकडाउन 3 मई को पूरा हो रहा है। इस बीच केंद्रीय गृहमंत्रालय ने लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा कर दी है। हालांकि, इस बार ग्रीन और ऑरेन्ज जोन में पहले से अधिक छूट दी जाएगी। लेकिन सोशल डिस्टेंशिंग के नियम पहले की तरह जारी रहेंगे।

    गृहमंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि लॉकडाउन से कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में देश को काफी लाभ हुआ है। लॉकडाउन को 4 मई से अगले 2 सप्ताह तक बढ़ाने की घोषणा की जाती है। रेड, ग्रीन और ऑरेन्ज जोन के लिए अलग-अलग गाइडलाइंस तैयार की गई है। ग्रीन और ऑरेन्ज जोन में काफी छूट भी दी गई है।

    देशभर में कोरोना का कहर अभी जारी है और बीते 24 घंटे में कोरोना के 1755 नए पॉजिटिव मामले सामने आए हैं और 77 मौतें हुई हैं। कोरोना वायरस के कारण देशभर में 1152 लोगों की मौत हो चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में कोविड-19 से अब भी 35,365 लोग संक्रमित हैं जबकि 9065 लोग स्वस्थ हो चुके है।

  • लॉकडाउन की वजह से लाल टमाटर का खेतो में लगा अंबार

    लॉकडाउन की वजह से लाल टमाटर का खेतो में लगा अंबार

    नहीं मिल रहा है खरीददार

    KKN न्यूज ब्यूरो। बिहार के मुजफ्फरपुर जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर मीनापुर के सहजपुर गांव से सटे अपने खेत में टमाटर की लाली को निहारते हुए किसान ज्वाला प्रसाद कहतें है “सब बर्बाद हो गया…”। खेत में चारो ओर लाल-लाल टमाटर का अंबार लगा है। पर, लॉकडाउन की वजह से कोई खरीदार नहीं है। गांव के लोगो ने बताया कि अकेले टमाटर से यहां के किसानो को लाखो रुपये का नुकसान हो गया है। पूछने पर ज्वाला प्रसाद कहतें है कि बैंक से 4 लाख रुपये कर्ज लेकर तीन एकड़ जमीन पर टमाटर की खेती किये थे। इस वर्ष फसल अच्छा था और मार्च के दूसरे सप्ताह से पैदावार निकला भी शुरू हो गया। इस वर्ष करीब 8 से 10 लाख रुपये आमदनी की उम्मीद में पूरा परिवार खुश था।

    लॉकडाउन  ने बिगाड़ा खेल

    चीन से निकला कोरोना भारत में पहुंच गया और सरकार ने 22 मार्च को जनताकर्फ्यू और फिर लॉकडाउन की घोषणा कर दी। बाहर के व्यापारी का आना बंद हो गया। नजीता, 400 रुपये प्रति कैरेट बिकने बाला टमाटर 40 रुपये प्रति कैरेट बेचना पड़ रहा है। इसका भी खरीददार नहीं मिल रहा है। इसमें प्रति कैरेट 12 रुपये का मजदूरी खर्च काट दें, तो किसानो का पूंजी निकलना मुश्किल हो गया है। बतातें चलें कि एक कैरेट में 23 किलो टमाटर रखा जाता है। यानी सिर्फ तीन एकड़ में किसानो को करीब 7 लाख रुपये का नुकसान होना तय माना जा रहा है।

    सब्जी उत्पादक जोन में आर्थिक तंगी

    मीनापुर का यह इलाका जिले में सब्जी उत्पादक जोन के रूप में जाना जाता है। यहां करीब 50 एकड़ जमीन पर टमाटर खेती होती है और मीनापुर का टमाटर मुजफ्पुरपुर सहित पूरे उत्तर बिहार में जाता है। इसके अतिरिक्त राजधानी पटना और पड़ोसी देश नेपाल में भी मीनापुर से टमाटर की सप्लाई होती रही है। किंतु, लॉकडाउन की वजह से टमाटर उत्पादक किसान मुश्किल में फंस गयें हैं। क्योंकि, टमाटर से यहां की सैकड़ो किसान परिवार की उम्मिदें जुड़ी होती है। बहरहाल, कमोवेश सभी किसानो का यहीं हाल है। किसान नीरज कुमार और राजनरायण प्रसाद सहित कई लोगो ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से टमाटर के अतिरिक्त, भिंडी, बैगन और करैला की खरीददार नहीं मिल रहा है। जाहिर है किसान दोहरी चिंता में है। इधर, तैयार फसल बिक नहीं रहा है और उधर, समय पर बैंक का कर्जा नहीं चुकाया तो आगे की फसल के लिए कर्ज मिलना मुश्किल हो जायेगा।

  • क्या होगा लॉकडाउन का 3 मई के बाद?

    क्या होगा लॉकडाउन का 3 मई के बाद?

    सोमवार को देश के सभी राज्यों के मु्ख्यमंत्रियों से बातचीत के बाद अब केंद्र सरकार लॉकडाउन की अगली कार्ययोजना पर काम शुरू कर चुकी है। मुख्यमंत्रियों से मिले फीडबैक के आधार पर प्लान बनाने का काम शुरू हो गया है। इसके अलावा सभी राज्य सरकारें भी लॉकडाउन पर पूरा ऐक्शन प्लान बनाने में जुटी हुई हैं।

    तत्कालिक परिस्थिति को देखते हुये, केंद्र सरकार 3 मई के बाद भी लॉकडाउन की कई पाबंदियों को बरकरार रख सकती है। हालांकि लॉकडाउन का स्वरूप कंप्लीट लॉकडाउन से अलग हो सकता है और सरकार वैसे इलाकों को थोड़ी छू़ट दे सकती है, जो इलाके कोरोना से मुक्त होकर ग्रीन जोन बन चुके हैं। वही दूसरी ओर कोरोना से बुरी तरह से प्रभावित क्षेत्रों मे पाबंदियों को बरकरार रखा जा सकता हैं।

    सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी से बातचीत के दौरान कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पीएम से लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की है। हालांकि कुछ राज्य ऐसे भी हैं, जिन्होंने पूर्ण लॉकडाउन के बजाय कुछ रियायतों के साथ लॉकडाउन लागू करने पर जोर दिया है।

  • डब्लूएचओ की विश्वसनियता, सवालो के घेरे में

    डब्लूएचओ की विश्वसनियता, सवालो के घेरे में

    भारत के लोग अन्तराष्ट्रीय संगठन, एजेंसी या अन्तराष्ट्रीय मीडिया की रिपोर्ट पर आंख मूंद कर भरोसा करते है। बचपन से हमे यहीं बताया जाता है कि अन्तराष्ट्रीय एजेंसिया कभी गलत हो ही नही सकती। नतीजा, इनके हवाले को कोड करना, आज एक फैशन के जैसा हो गया। हममें से बहुत कम लोग है, जो जानते है कि अधिकतर अन्तराष्ट्रीय एजेंसिया, एक सुनियोजित एजेंडा के तहत काम करती है और एशिया में अपनी दबदबा बढ़ा रहे भारत को न सिर्फ नजरअंदाज करती है। बल्कि, इसको कमजोर करने की अनेक- अनेक साजिश भी रचती रहती है। खैर, इस पर हम दूसरे एपीसोड में विस्तार से बात करेंगे। फिलहाल, कोरोना वायरस को लेकर डब्लूएचओ की भूमिका पर उठ रहे सवालो की पड़ताल करना यहा जरुरी हो गया। अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा था कि दुनिया में कोरोना महामारी का प्रकोप इस संगठन की लापरवाही के कारण इतना फैल गई। ट्रंप ने संगठन पर चीन के साथ सांठगांठ का भी आरोप लगाया था। बतादें कि इस महामारी को लेकर डब्ल्यूएचओ की भूमिका संदेह के दायरे में है। कहा तो यह भी जा रहा है कि चीन की साख को बचाने के चक्कर में डब्लूएचओ ने पूरी दुनिया को इस महामारी की आग में झोंक दिया। देखिए, इस रिपोर्ट में…

  • बिहार से बाहर लॉकडाउन में फंसे मजदूर, सरकार से कैसे लें मदद

    बिहार से बाहर लॉकडाउन में फंसे मजदूर, सरकार से कैसे लें मदद

    बिहार की सरकार बाहर फंसे मजदूरो को दे रही है एक हजार रुपये

    KKN लाइव न्यूज। बिहार सरकार ने लॉकडाउन के दौरान दूसरे प्रदेशो में फंसे प्रवासी मजदूरो की मदद कर रही है। सरकार ने ऐसे मजदूरो की पहचान करके उनके खाते में तत्काल एक हजार रुपये की मदद देने की घोषणा कर दी है। प्रवासी बिहारी मजदूर बिहार सरकार से कैसे एक हजार रुपये प्राप्त करें? इसको लेकर मजदूरो में कन्फ्यूजन हैं और जानकारी के अभाव में अधिकांश मजदूर सरकार के इस योजना का लाभ नहीं ले पा रहा है। आइए सहायता राशि प्राप्त करने की पूरी विधि जानते हैं।

    बिहार सरकार से ऐसे प्राप्त करें सहायता

    सबसे पहले aapda.bih.nic.in पर लॉगिन करें। चाहे तो आप ऐप भी डाउनलोड कर सकते हैं। यह योजना केवल उन्हीं लोगों के लिए है जो बिहार राज्य के निवासी हैं और बिहार राज्य से बाहर कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन में फसें हुए हैं। लाभार्थी के पास आधार कार्ड होना अनिवार्य है। लाभार्थी के नाम से बैंक खाता, जो बिहार राज्य में स्थित किसी बैंक के ब्रांच में होना अनिवार्य है। कयोंकि, इसके बिना आपको इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

    ऐसे करें अपना रजिस्टेशन

    सबसे पहले aapda.bih.nic.in पर लॉगिन करें। इसके बाद बैंक अकाउंट और आईएफसी कोड सहित मांगी गई सभी जानकारी लोड कर दें। लाभार्थी को अपना सेल्फी भी डालना होगा। इस फोटो का आधार के डेटाबेस से मिलान होगा। एक आधार संख्या पर एक हीं रजिस्ट्रशन होगा। इसके बाद सबमिट करते ही आपके मोबाइल पर एक ओपीटी आयेगा। इस ओपीटी को सबमिट करते ही आप लाभार्थी की सूची में शामिल हो चुके होते है। ध्यान रहे कि सरकार के द्वारा एक हजार रुपये की सहायता राशि सिर्फ आपके बैंक खाता में हीं भेजा जायेगा।

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  • PM नरेन्‍द्र मोदी का ऐलान- भारत में 3 मई तक जारी रहेगा लॉकडाउन, और सख्त होंगे नियम

    PM नरेन्‍द्र मोदी का ऐलान- भारत में 3 मई तक जारी रहेगा लॉकडाउन, और सख्त होंगे नियम

    कोरोनावायरस के खिलाफ जारी जंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया है। लॉकडाउन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर राष्ट्र को संबोधित किया।

    पीएम मोदी ने कहा,

    ”साथियों, सारे सुझावों को ध्यान में रखते हुए ये तय किया गया है कि भारत में लॉकडाउन को अब 3 मई तक और बढ़ाना होगा। यानि 3 मई तक हम सभी को लॉकडाउन में ही रहना होगा, इस दौरान हमें अनुशासन का उसी तरह पालन करना है, जैसे हम करते आ रहे हैं, मेरी सभी देशवासियों से ये प्रार्थना है कि अब कोरोना को हमें किसी भी कीमत पर नए क्षेत्रों में नहीं फैलने देना है। स्थानीय स्तर पर अब अगर एक भी मरीज बढ़ता है तो यह हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए.”

    हम धैर्य बनाकर अगर रखेंगे, नियमों का पालन करेंगे तो कोरोना जैसी महामारी को भी परास्त कर पाएंगे, इसी विश्वास के साथ अंत में, मैं आज 7 बातों में आपका साथ मांग रहा :
    • पहली बात
      अपने घर के बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें, विशेषकर ऐसे व्यक्ति जिन्हें पुरानी बीमारी हो, उनकी हमें केयर करनी है, उन्हें कोरोना से बहुत बचाकर रखना है।
    • दूसरी बात-
      लॉकडाउन और Social Distancing की लक्ष्मण रेखा का पूरी तरह पालन करें, घर में बने फेसकवर या मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें।
    • तीसरी बात-
      अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए, आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें, गर्म पानी, काढ़ा का निरंतर सेवन करें।
    • चौथी बात-
      कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने में मदद करने के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल App जरूर डाउनलोड करें। दूसरों को भी इस App को डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करें
    • पांचवी बात-
      जितना हो सके उतने गरीब परिवार की देखरेख करें, उनके भोजन की आवश्यकता पूरी करें।
    • छठी बात-
      आप अपने व्यवसाय, अपने उद्योग में अपने साथ काम करे लोगों के प्रति संवेदना रखें, किसी को नौकरी से न निकालें।
    • सातवीं बात-
      देश के कोरोना योद्धाओं, हमारे डॉक्टर, नर्सेस, सफाई कर्मी, पुलिसकर्मी का पूरा सम्मान करें।

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  • बिहार के गांव में लॉकडाउन का बना मजाक

    बिहार के गांव में लॉकडाउन का बना मजाक

    हाट-बाजार में जुट रही है भीड़

    हाट-बाजार

    KKN न्यूज ब्यूरो। बिहार सरकार के सख्ती के बाद भी ग्रामीण इलाका में लॉकडाउन का ठीक से पालन नहीं हो रहा है। गांव के हाट-बाजार पर जुटी भीड़ कई बार सोशल डिस्टेंशिंग की धज्जियां उड़ा रही है। अनजाने में ही सही, पर हमारा ग्रामीण समाज खुद के लिए बड़ी मुसीबत को न्यौता देने लगा है। इस बीच सरकारी योजनाओं को लेकर रह-रह कर फैल रही अफवाह के बीच गांव में कई बार लॉकडाउन बेमानी हो जाता है। ऐसे में समय रहते ग्रामीण इलाको में कड़ाई नहीं हुई तो बिहार के गांवों में हालात विस्फोटक रूप ले सकता है।

    गैस एजेंसी में जुटी हजारो की भीड़

    बात 5 अप्रैल की है। मुजफ्फरपुर जिला के मीनापुर गैस एजेंसी में अचानक उमड़ी भीड़ ने लॉकडाउन की धज्जियां उड़ा कर रख दिया। किसी ने अफवाह फैला दिया था कि उज्जवला का लाभ लेने के लिए रजिस्टेशन कराना होगा। नतीजा, भीड़ उमड़ पड़ी और एजेंसी में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। बाद में पुलिस को बुलानी पड़ गई। भीड़ में शामिल पुरैनिया की पार्वती देवी और तालीमपुर की रुपा देवी सहित कई अन्य महिलाओं ने बताया कि आज रजिस्टेशन नहीं हुआ तो योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इधर, मीनापुर संजय इंण्डेन के प्रबंधक रोहित कुमार ने बताया कि सभी को सरकारी घोषणा के मुताबिक लाभ मिलना है। स्मरण रहें कि मीनापुर में उज्जवला के करीब 20 हजार उपभोक्ता है। कारण जो हो, पर सच यही है कि एक अफवाह ने पल भर में लॉकडाउन की धज्जियां उड़ा कर रख दिया।

    हाट-बजार में सोशल डिस्टेंशिंग नहीं

    ग्रामीण हाट बाजारो में सोशल डिस्टेंशिंग का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। लॉकडाउन के बाद भी लोगो की भीड़ कोरोना वायरस का वाहक बनने को उताबली हो रही है। लिहाजा, एक चिंगारी, यदि दावानल का रुप ले ले तो किसी को आश्चर्य नहीं होगा। मीनापुर का नेउरा बाजार, मुस्तफागंज बाजार, मझौलिया बाजार, बलुआ बजार, टेंगरारी बाजार और तुर्की बाजार सहित कई अन्य बाजारो से अक्सर खतरे को दावत देने वाली तस्वीरे आ रही है। गांव के चाय-पान की दुकान पर भी बेवजह बैठे लोग अनजाने में ही कोरोना वायरस के वाहक बनने को बेताब हो रहें है। गाहे-बेगाहे पुलिस की सख्ती भी दिखाई पड़ती है। थाना अध्यक्ष राज कुमार ने बताया कि गांव के भीतर कई बार पुलिस ने कड़ाई की है। फिर भी लोग खतरे की गंभीरता को समझने को तैयार नही है।

    जितने लोग उतनी कहानी

    लॉकडाउन को तोड़ने का गांव में सभी के पास अपनी-अपनी दास्तान है। सब्जी उत्पादक किसानो को बाजार पहुंच कर अपना उत्पाद बेचने की विवशता है। मजदूर कहता है कि कमायेंगे नहीं तो खायेंगे कैसे? बहुत सारे लोगो को जरुरी का समान खरीदने के लिए बाजार जाने की विवशता है। कई लोगो को दवा की खरीद करना है। ऐसे भी लोग है, जो जरुरतमंदो की मदद करने के लिए बाहर जाना चाहतें हैं। चाय की दुकान पर बैठे लोगो ने बताया कि दिन भर घर में ही थे। मन बहलाने हेतु थोड़ी देर के लिए चलें आये है। यानी, जितने लोग उतनी बहाना। शायद इन्हें यह नहीं मालुम है कि इनकी एक गलती से पल भर में पूरा का पूरा लॉकडाउन फेल हो सकता है। अमेरिका और इटली ने यही गलती की और आज वहां लाश उठाने वाला नहीं मिल रहा है।

  • लॉकडाउन को हटाना अभी उचित नहीं : पीएम

    लॉकडाउन को हटाना अभी उचित नहीं : पीएम

    राजनीतिक दलों के नेताओं ने दी सुझाव

    कोरोना के बारे मे बोलते पीएम मोदी
    पीएम मोदी

    KKN न्यूज ब्यूरो। भारत के लोगो को 14 अप्रैल के बाद भी घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को इस आशय के संकेत दे दिये है। पीएम मोदी ने कहा है कि भारत में कोरोना पॉजिटिव केस की संख्या 5 हजार के पार चली गई है। ऐसे में 14 अप्रैल को देश में जारी लॉकाउन को हटाना संभव नहीं है।

    वीडियो कॉन्फ्रेंस करके नेताओं ने दिए सुझाव

    पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विभिन्न दल के नेताओं से इस संबंध में बातचीत करने के बाद संकेत दिएं है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यस में राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने संपूर्ण लॉकडाउन पर चर्चा की। आपको बता दें कि कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन की समय सीमा बढ़ाने की प्रधानमंत्री से अपील की है। इससे पहले पीएम अलग-अलग क्षेत्र के लोगों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात कर चुके हैं। इनमें मेडिकल, मीडिया, समाजसेवा, बिजनेस समेत अन्य तबकों के कई लोग शामिल रहे हैं। अब एक बात स्पष्ट लगने लगा है कि देश में लॉकडाउन की समय सीमा बढ़ने वाली है। हालांकि इसका स्वरूप यही रहेगा या फिर इसमें कोई तब्दीली की जाएगी? इसका खुलासा होना अभी बाकी है।

  • लॉकडाउन से वातावरण हुआ स्वच्छ

    लॉकडाउन से वातावरण हुआ स्वच्छ

    कुदरत ने खुद को किया रीफ्रेश

    KKN न्यूज ब्यूरो। लॉकडाउन के बीच आर्थिक नुकसान जरूर हो रहा है। इस बीच एक सुकून भरी खबर भी है। गाड़ियों की आवाजाही पर रोक लगने और ज्यादातर कारखानें बंद होने के बाद दुनिया समेत देश के कई शहरों की हवा की क्वालिटी में जबरदस्त सुधार देखने को मिला है। जिन शहरों की एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी AQI खतरे के निशान से ऊपर होते थे। वहां आसमान गहरा नीला दिखने लगा है।

    प्रदूषण कम हुआ

    दुनिया भर में लॉकडाउन की स्थिति में रहने वाले 300 करोड़ से अधिक लोगों के साथ, वैश्विक अर्थव्यवस्था के कई महत्वपूर्ण क्षेत्र ठप हो गए हैं। परिवहन, जो वैश्विक कार्बन उत्सर्जन का लगभग एक चौथाई हिस्सा बनाता था, उसमें गिरावट आई है। सड़कों पर वाहन नहीं चल रहे हैं और नाही आसमां में हवाई जहाज। बिजली उत्पादन और औद्योगिक इकाइयों जैसे अन्य क्षेत्रों में भी बड़ी गिरावट आई है।

    वायु गुणवत्ता बेहतर

    इससे वातावरण में डस्ट पार्टिकल न के बराबर हैं और कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन भी सामान्य से बहुत अधिक नीचे आ गया है। इस तरह की हवा मनुष्यों के लिए बेहद लाभदायक है। इसके अलावा रुक-रुक कर हुई बारिश ने भी धूल के कण और कार्बन पार्टिकल को आसमान से जमीन पर नीचे बैठाने का काम किया। इससे भारत, चीन, अमेरिका, इटली, स्पेन और यूके के कई प्रमुख शहरों में जहरीली गैस का उत्सर्जन थमने से वायु गुणवत्ता बेहतर हुई है।

  • लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूर, पैदल ही निकल पड़े

    लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूर, पैदल ही निकल पड़े

    प्रवासी मजदूरों पर टूटा दुखो का पहाड़

    KKN न्यूज ब्यूरो। बिहार के ओम कुमार की गोद में सात महीने की एक बेटी है। साथ में बीमार पत्नी कौशल्या और बड़ी बेटी राधिका सहित दो और छोटे बच्चे है। वह हरियाणा से अपने घर के लिए पैदल ही निकल पड़ा है। ओम के साथ आधा दर्जन परिवार और है। लॉकडाउन के बाद ये सभी मजदूर पैदल ही अपने घर के निकल पड़ें है। यदि, इन लोगो को रास्ते में कोई मदद नहीं मिला तो घर पहुंचने के लिए करीब एक सप्ताह पैदल चलना होगा। ऐसे सैकड़ो परिवार है, जो अपने घर जाने के लिए हाइवे पर पैदल चल रहें है।

    इनका रोजगार छिन गया

    भारत में लॉकडाउन की घोषणा होते ही हजारों प्रतिष्ठानों ने अपने-अपने कर्मचारियों को घर जाने का फरमान सुना दिया है। ऐसा ही आदेश गुरुग्राम में नौकरी करने वाले राज कुमार को मिला। उसके मालिक ने कहा, ‘घर जाओ और वहीं रहो।’ लेकिन, राजकुमार का घर तो हजार कि.मी. से भी दूर बिहार के छपरा में हैं। उसके पास सिर्फ एक हजार रुपये हैं और इसका कोई अता-पता नहीं कि अगली सैलरी कब आएगी। ऐसे में गुरुग्राम में ही पड़े रहने का कोई मतलब नहीं है। मुश्किल यह कि जाने का कोई साधन नहीं। राजकुमार ने अपनी पत्नी, तीन महीने की बच्ची और 58 वर्ष की मां के साथ बुधवार को अहले सुबह पैदल ही निकल पड़ा। उनकी तरह कई और परिवार सड़क पर पैदल चलते हुए अपना सफर तय करने में लगे है। इधर, पैदल मार्च पर निकले लोगों का कई झुंड यूपी तक पहुंच चुका है। उन्होंने दिनभर में दिल्ली को पार करते हुए 50 किमी की दूरी तय कर ली थी। कुछ स्थानीय लोगों ने उन्हें खाने का पैकेट दिए। इस बीच मजदूरो का झुंड बढ़ता गया और कारवां बनता गया।

    हाईवे पर पैदल यात्रियों का झुंड

    दिल्ली-एनसीआर से अचानक निकलने वालों की ऐसी कई झुंड सड़कों पर है। जो लोग गांव लौट रहे हैं, उनमें ज्यादातर फैक्ट्री और दिहाड़ी मजदूर हैं। फैक्ट्रियां और काम-धंधे बंद होने के कारण वो अचानक बेरोजगार हो गए हैं। उनका गांव की ओर पलायन सरकार के लिए भी चिंता का सबब है। क्योंकि, लॉकडाउन का मकसद ही खतरे में आ गया है जो लोगों की आवाजाही रोकना है। उधर, मोहन सिंह दस दिन पहले ही मानेसर आए थे। उनके पास पैसा नहीं है और पूरा परिवार तीन दिन से भरपेट खाना नहीं मिला है। मोहन बदायूं के हैं और उनके परिवार के सभी दस सदस्य 266 कि.मी. की पैदल यात्रा पर हैं।

  • कोरोना संकट, 21 रोज के लिए पूरा भारत लॉकडाउन

    कोरोना संकट, 21 रोज के लिए पूरा भारत लॉकडाउन

    पीएम मोदी ने किया बड़ा ऐलान

    KKN न्यूज ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 21 रोज के लिए पूरे भारत में लॉकडाउन की घोषणा कर दी है। मंगलवार की रात 12 बजे से पीएम का यह आदेश लागू हो जायेगा। यानी 14 अप्रैल तक पूरा देश लॉकडाउन रहेगा। भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए पीएम मोदी ने कठोर कदम उठाने का निर्णय लिया है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में बार-बार जोर देकर लोगों से अपील की कि वे अपने घरों से किसी भी कीमत पर नहीं निकलें और अगले 21 दिनों के लिए खुद को घरों में कैद कर लें।

    एकमात्र विकल्प है सोशल डिस्टेंसिंग

    पीएम मोदी ने कहा कि अगर आप 21 दिन घरों से बाहर निकले तो देश 21 साल पीछे चला जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में अगले 21 दिनों तक लक्ष्मण रेखा खींचना होगा। पीएम मोदी ने कहा कि तमाम तैयारियां और प्रयासों के बावजूद चुनौती बढ़ती जा रही है। सभी देशों के दो महीने के अध्ययन से निष्कर्ष निकल रहा है कि इस वैश्विक महामारी से प्रभावी मुकाबले के लिए एकमात्र विकल्प है सोशल डिस्टेंसिंग यानी एक दूसरे से दूर रहना। अपने घर में ही बंद रहना। कोरोना से बचने का इसके अलावा कोई रास्ता नहीं है। कोरोना को फैलने से रोकना है तो उसके संक्रमण के साइकल को तोड़ना होगा।

    नुकसान का अंदाजा लगाना मुश्किल हो जायेगा

    पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोग इस गलतफहमी में हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग केवल मरीजों के लिए जरूरी है। यह सोचना सही नहीं है। सोशल डिस्टेंसिंग हर नागरिक और सदस्य के लिए है। प्रधानमंत्री के लिए भी है। कुछ लोगों की लापरवाही कुछ लोगों की गलत सोच आपको आपके बच्चों को आपके दोस्तों को आगे चलकर पूरे देश को बहुत बड़ी मुश्किल में झोंक देगी। अगर ऐसी लापरवाही जारी रही तो भारत को इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों से देश के अनेक भागों में लॉकडाउन कर दिया गया है। राज्य सरकार के इन प्रयासों को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए। कहा कि इस लॉकडाउन की आर्थिक कीमत देश को चुकानी होगी। लेकिन एक एक भारतीय के जीवन को बचाना मेरी, भारत सरकार की हर राज्य सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है।

    तेजी से फैल रहा है कोरोना

    पीएम मोदी ने कहा कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक एक संक्रमित व्यक्ति हफ्तेभर में सैकड़ों लोगों को संक्रमित करता है। यह आग की तरह फैलता है। एक और आंकड़ा महत्वपूर्ण है। दुनिया में कोरोना से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या एक लाख पहुंचने में 67 दिन लगे इसके बाद 11 दिन में 2 लाख हो गए। यह और भी भयावह है कि 2 लाख से 3 लाख होने में सिर्फ चार दिन लगे। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कोरोना वायरस कितनी तेजी से फैलता है। जब यह फैलना शुरू करता है तो इसे रोकना बहुत मुश्किल होता है। यही वजह है कि चीन, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान जैसे अनेक देशों में जब कोरोना ने फैलना शुरू किया तो हालाता बेकाबू हो गए। इटली हो या अमेरिका इन देशों की स्वास्थ्य सेवा उनके हॉस्पिटल पूरी दुनिया में बेहतरीन है। इसके बावजूद ये देश कोरोना के फैलाव को रोक नहीं पाए।

    कोरोना के चेन को तोड़ना होगा

    पीएम मोदी ने कहा कि हमें इसके चेन को तोड़ना है। कहा कि भारत आज उस स्टेज पर है जहां आज हमारे एक्शन तय करेंगे कि हम इस आपदा को कितना कम कर सकते हैं। यह समय हमारे संकल्प को बार बार मजबूत करने का है। यह समय संयम बरतने का है। आपको याद रखना है जान है तो जहान है। यह धैर्य और अनुशासन की घड़ी है। जब तक देश में लॉकडाउन की स्थिति है। हमें अपना संकल्प निभाना है अपना वचन निभाना है। मेरी आपसे हाथ जोड़ प्रार्थना है कि आप घरों में रहकर उनके लिए मंगलकामना करिए जो खुद को खतरे में डालकर काम कर रहे हैं। डॉक्टर, नर्स पैथोलॉजी। उनके बारे में सोजिए जो इस महामारी से बचाने के लिए दिनरात अस्पताल में काम कर रहे हैं। अस्पताल प्रशासन के लिए एंबुलेंस चलाने वाले चालक, वार्ड बॉय, सफाई कर्मचारी दूसरों की सेवा कर रहे हैं। उनके लिए मंगलकामना करिए जो आपके इलाके को सैनिटाइज करने में जुटे हैं। आपको सही जानकारी देने के लिए 24 घंटे काम कर रहे मीडिया के बारे में भी सोचिए। जो संक्रमण का खतरा उठाकर निकलते हैं। आप पुलिस के बारे में सोचिए जो आपको बचाने के लिए दिन रात ड्यूटी कर रहे हैं। कई बार कुछ लोगों की गुस्ताखी और गुस्से का भी शिकार हो जाते हैं। कोरोना वैश्विक महामारी के बीच केंद्र और राज्य सरकारें तेजी से काम कर रही हैं। रोजमर्रा के जीवन में लोगों को दिक्कत ना हो इसके लिए काम कर रही है। लोगों को दिक्कत ना हो इसके लिए सभी उपाय किए जा रहे हैं। निश्चित तौर पर संकट की यह घड़ी गरीबों के लिए भी बहुत मुश्किल लेकर आई है। सरकार और सिविल सोसायटी के लिए इनकी मदद में जुटे हैं। अनेकों लोग साथ आ रहे हैं।