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  • बिहार में बीजेपी के प्रर्याय थे सुशील कुमार मोदी

    बिहार में बीजेपी के प्रर्याय थे सुशील कुमार मोदी

    पांच दशक के युग का अंत

    KKN न्यूज ब्यूरो। वह वर्ष 1997 का साल था। सुशील कुमार मोदी, मीनापुर आये थे। पहली बार उनसे मिल कर बातचीत करने का अवसर मिला। इसके बाद समीप के राघोपुर गांव में उनके साथ बैठ कर खाना खाने का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ था। उनदिनों सुशील कुमार मोदी बिहार विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता के तौर पर बहुत मुखर हुआ करते थे। इसके बाद वो कई बार मीनापुर आये। उनमें अपने लोगों से कनेक्ट होने की क्षमता था और जब भी मीनापुर आये, पार्टी को कुछ न कुछ लाभ देकर ही गए।

    सुशील कुमार मोदी

    मीनापुर से था गहरा लगाव

    वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान एनडीए के लिए उन्होंने मीनापुर में रोडशो किया था। इससे पहले के करीब- करीब सभी चुनाव में वो मीनापुर आते रहे। यहां के लोगों से उनका गहरा लगाव था और लोगों को भी उनसे लगाव था। सुशील कुमार मोदी के चुनावी सभा के बाद तुर्की सहित मीनापुर के कई इलाको में लोगों का मिजाज बदलते हुए, मैंने स्वयं भी कई बार महसूस किया था।

    आर्थिक मामलो की थी समझ

    बिहार की राजनीति में इनको छोटे मोदी के नाम से जाना जाता था। राजनीति के बहुत अच्छे जानकार, कुशल प्रशासक और आर्थिक मामलों पर जबरदस्त पकड़ रखने की वजह से राजनीति में इनके धाख की तपीस को महसूस किया जाता था। जीएसटी पारित होने में उनकी सक्रिय भूमिका सदैव याद की जायेगी। बिहार में भाजपा के उत्थान और उसकी सफलताओं के पीछे उनका अमूल्य योगदान रहा है। आपातकाल का पुरज़ोर विरोध करते हुए, उन्होंने छात्र राजनीति से अपनी एक अलग पहचान बनाई थी। क़रीब पांच दशक से अलग-अलग भूमिका निभाने वाले सुशील कुमार मोदी की कमी, वास्तव में अपूर्ण्रीय क्षति है।

    कैंसर ने ले ली जान

    दरअसल, वो कैंसर से जूझ रहे थे और दिल्ली के एम्स अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। लोकसभा चुनाव के एलान के बाद स्वयं सुशील मोदी ने अपनी बीमारी की जानकारी सार्वजनिक की थी। इसके बाद लोग सन्न रह गए थे। हालांकि, तब किसी ने ये नहीं सोचा था कि इतनी जल्दी वो दुनिया को अलविदा कह देंगे।

    राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री शोक में

    सुशील कुमार मोदी के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव समेत कई नेताओं ने गहरा शोक जताया है। स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है, ”पार्टी में अपने मूल्यवान सहयोगी और दशकों से मेरे मित्र रहे सुशील मोदी जी के असामयिक निधन से अत्यंत दुख हुआ है।

    छात्र राजनीति की उपज

    सुशील मोदी को जेपी आंदोलन की उपज कह सकते है। उन्होंने वर्ष 1971 में छात्र राजनीति की शुरुआत में कदम रखा था1 उनदिनो विश्वविद्यालय छात्र संघ की 5 सदस्यीय कैबिनेट के सदस्य निर्वाचित हुए थे। इसके बाद वर्ष 1973 में वो छात्र संघ के महामंत्री निर्वाचित हुए। उन दिनों लालू प्रसाद पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष हुआ करते थे। जबकि, रविशंकर प्रसाद संयुक्त सचिव हुआ करते थे। बाद के दिनों में केएन गोविंदाचार्य के प्रभाव में आकर सुशील कुमार मोदी ने बीजेपी ज्वाइन कर ली।

    1990 में बने विधायक

    जेपी आंदोलन में आने के बाद उन्होंने पोस्ट ग्रैजुएशन की पढ़ाई बीच में छोर दी। आपातकाल के दौरान उनको करीब 19 महीना जेल में रहना पड़ा था। इसके बाद वर्ष 1977 से 1986 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में कई पदों पर रहे1 पहली बार वर्ष 1990 में पटना केन्द्रीय विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीत कर सुशील कुमार मोदी विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2004 में उन्होंने भागलपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीता था। दिसंबर 2020 में पार्टी ने उनको राज्यसभा भेज दिया1 इसी साल फ़रवरी में सुशील मोदी का कार्यकाल ख़त्म हुआ था। अपने विदाई भाषण में उन्होंने मौक़ा देने के लिए पार्टी की तारीफ़ की थी।

  • क्या होगा लॉकडाउन का 3 मई के बाद?

    क्या होगा लॉकडाउन का 3 मई के बाद?

    सोमवार को देश के सभी राज्यों के मु्ख्यमंत्रियों से बातचीत के बाद अब केंद्र सरकार लॉकडाउन की अगली कार्ययोजना पर काम शुरू कर चुकी है। मुख्यमंत्रियों से मिले फीडबैक के आधार पर प्लान बनाने का काम शुरू हो गया है। इसके अलावा सभी राज्य सरकारें भी लॉकडाउन पर पूरा ऐक्शन प्लान बनाने में जुटी हुई हैं।

    तत्कालिक परिस्थिति को देखते हुये, केंद्र सरकार 3 मई के बाद भी लॉकडाउन की कई पाबंदियों को बरकरार रख सकती है। हालांकि लॉकडाउन का स्वरूप कंप्लीट लॉकडाउन से अलग हो सकता है और सरकार वैसे इलाकों को थोड़ी छू़ट दे सकती है, जो इलाके कोरोना से मुक्त होकर ग्रीन जोन बन चुके हैं। वही दूसरी ओर कोरोना से बुरी तरह से प्रभावित क्षेत्रों मे पाबंदियों को बरकरार रखा जा सकता हैं।

    सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी से बातचीत के दौरान कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पीएम से लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की है। हालांकि कुछ राज्य ऐसे भी हैं, जिन्होंने पूर्ण लॉकडाउन के बजाय कुछ रियायतों के साथ लॉकडाउन लागू करने पर जोर दिया है।

  • PM नरेन्‍द्र मोदी का ऐलान- भारत में 3 मई तक जारी रहेगा लॉकडाउन, और सख्त होंगे नियम

    PM नरेन्‍द्र मोदी का ऐलान- भारत में 3 मई तक जारी रहेगा लॉकडाउन, और सख्त होंगे नियम

    कोरोनावायरस के खिलाफ जारी जंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया है। लॉकडाउन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर राष्ट्र को संबोधित किया।

    पीएम मोदी ने कहा,

    ”साथियों, सारे सुझावों को ध्यान में रखते हुए ये तय किया गया है कि भारत में लॉकडाउन को अब 3 मई तक और बढ़ाना होगा। यानि 3 मई तक हम सभी को लॉकडाउन में ही रहना होगा, इस दौरान हमें अनुशासन का उसी तरह पालन करना है, जैसे हम करते आ रहे हैं, मेरी सभी देशवासियों से ये प्रार्थना है कि अब कोरोना को हमें किसी भी कीमत पर नए क्षेत्रों में नहीं फैलने देना है। स्थानीय स्तर पर अब अगर एक भी मरीज बढ़ता है तो यह हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए.”

    हम धैर्य बनाकर अगर रखेंगे, नियमों का पालन करेंगे तो कोरोना जैसी महामारी को भी परास्त कर पाएंगे, इसी विश्वास के साथ अंत में, मैं आज 7 बातों में आपका साथ मांग रहा :
    • पहली बात
      अपने घर के बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें, विशेषकर ऐसे व्यक्ति जिन्हें पुरानी बीमारी हो, उनकी हमें केयर करनी है, उन्हें कोरोना से बहुत बचाकर रखना है।
    • दूसरी बात-
      लॉकडाउन और Social Distancing की लक्ष्मण रेखा का पूरी तरह पालन करें, घर में बने फेसकवर या मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें।
    • तीसरी बात-
      अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए, आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें, गर्म पानी, काढ़ा का निरंतर सेवन करें।
    • चौथी बात-
      कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने में मदद करने के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल App जरूर डाउनलोड करें। दूसरों को भी इस App को डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करें
    • पांचवी बात-
      जितना हो सके उतने गरीब परिवार की देखरेख करें, उनके भोजन की आवश्यकता पूरी करें।
    • छठी बात-
      आप अपने व्यवसाय, अपने उद्योग में अपने साथ काम करे लोगों के प्रति संवेदना रखें, किसी को नौकरी से न निकालें।
    • सातवीं बात-
      देश के कोरोना योद्धाओं, हमारे डॉक्टर, नर्सेस, सफाई कर्मी, पुलिसकर्मी का पूरा सम्मान करें।

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  • लॉकडाउन को हटाना अभी उचित नहीं : पीएम

    लॉकडाउन को हटाना अभी उचित नहीं : पीएम

    राजनीतिक दलों के नेताओं ने दी सुझाव

    कोरोना के बारे मे बोलते पीएम मोदी
    पीएम मोदी

    KKN न्यूज ब्यूरो। भारत के लोगो को 14 अप्रैल के बाद भी घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को इस आशय के संकेत दे दिये है। पीएम मोदी ने कहा है कि भारत में कोरोना पॉजिटिव केस की संख्या 5 हजार के पार चली गई है। ऐसे में 14 अप्रैल को देश में जारी लॉकाउन को हटाना संभव नहीं है।

    वीडियो कॉन्फ्रेंस करके नेताओं ने दिए सुझाव

    पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विभिन्न दल के नेताओं से इस संबंध में बातचीत करने के बाद संकेत दिएं है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यस में राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने संपूर्ण लॉकडाउन पर चर्चा की। आपको बता दें कि कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन की समय सीमा बढ़ाने की प्रधानमंत्री से अपील की है। इससे पहले पीएम अलग-अलग क्षेत्र के लोगों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात कर चुके हैं। इनमें मेडिकल, मीडिया, समाजसेवा, बिजनेस समेत अन्य तबकों के कई लोग शामिल रहे हैं। अब एक बात स्पष्ट लगने लगा है कि देश में लॉकडाउन की समय सीमा बढ़ने वाली है। हालांकि इसका स्वरूप यही रहेगा या फिर इसमें कोई तब्दीली की जाएगी? इसका खुलासा होना अभी बाकी है।

  • Corona से जंग में PM Modi की अपील…देखे अनकट वीड‍ियो

    Corona से जंग में PM Modi की अपील…देखे अनकट वीड‍ियो

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी शुक्रवार सुबह 9 बजे देशवासियों को वीडियो संदेश में कहा कि रविवार को रात नौ बजे 9 मिनट तक घर की लाइट बंद कर दीप जलाने की अपील की। अपने वीडियो संदेश में पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के बाद लॉकडाउन के आज नौ दिन पूरे हुए हैं। इस दौरान आप सभी ने अनुशासन और सेवा भाव का परिचय दिया है, वह अभूतपूर्व है। शासन-प्रशासन और जनता जनार्दन ने मिलकर स्थिति को संभालना का भरपूर प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि आपने जिस तरह से 22 मार्च को कोरोना के खिलाफ लड़ने वाले हर व्यक्ति को धन्यवाद किया। पीएम मोदी ने कहा कि ये लॉकडाउन का समय जरूर है, हम अपने अपने घरों  में जरूर हैं, लेकिन हम में से कोई अकेला नहीं है। 130 करोड़ देशवासियों की सामूहिक शक्ति हर व्यक्ति के साथ है, हर व्यक्ति का संबल है। हमारे यहां माना जाता है कि जनता जनार्दन, ईश्वर का ही रूप होते हैं। इसलिए जब देश इतनी बड़ी लड़ाई लड़ रहा हो, तो ऐसी लड़ाई में बार-बार जनता रूपी महाशक्ति का साक्षात्कार करते रहना चाहिए। देशवासियों के लिए जारी वीडियो संदेश में पीएम मोदी ने कहा ‘इस रविवार यानी 5 अप्रैल को हम सबको मिलकर कोरोना के संकट के अंधकार को चुनौती देनी है। उसे प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है। इस पांच अप्रैल को हमें 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है। 130 करोड़ लोगों के महासंकल्प को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। 5 अप्रैल को रात नौ बजे आप सबके नौ मिनट चाहता हूं। पांच अप्रैल को रविवार को रात नौ बजे, घर की सभी लाइटें बंद करके, घर के दरवाजे या बालकनी में खड़े रहकर नौ मिनट तक मोमबत्ती, दीया या टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं। उन्होंने आगे कहा कि और उस समय यदि घर की सभी लाइटें बंद करेंगे तो चारो तरफ जब हर व्यक्ति एक-एक दीया जलाएगा तब प्रकाश की उस महाशक्ति का ऐहसास होगा, जिसमें एक ही मकसद से हम सब लड़ रहे हैं, ये उजागर होगा। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे यहां माना जाता है कि जनता जनार्दन ईश्वर का ही रूप होते हैं। इसलिए जब देश इतनी बड़ी लड़ाई लड़ रहा हो तो ऐसी लड़ाई में बार-बार जनता रूपी महाशक्ति का साक्षात्कार करते रहना चाहिए। ये साक्षात्कार, हमें मनोबल देता है, लक्ष्य देता है, उसकी प्राप्ति के लिए ऊर्जा देता है, हमारा मार्ग और स्पष्ट करता है। कोरोना महामारी से फैले अंधकार के बीच, हमें निरंतर प्रकाश की ओर जाना है। पीएम मोदी ने कहा कि इस कोरोना संकट से जो अंधकार और अनिश्चितता पैदा हुई है, उसे समाप्त करके हमें उजाले और निश्चितता की तरफ बढ़ना है। इस अंधकारमय कोरोना संकट को पराजित करने के लिए हमें प्रकाश के तेज को चारो दिशाओं में फैलाना है। इसलिए इस रविवार 5 अप्रैल को हम सबको मिलकर कोरोना के संकट के अंधकार को चुनौती देनी है उसे प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है। इस 5 अप्रैल को हमें 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है।

    https://www.facebook.com/KKNLive/videos/748821498980657/

     

  • PM मोदी आज रात 8 बजे देश को फिर करेंगे संबोधित

    PM मोदी आज रात 8 बजे देश को फिर करेंगे संबोधित

    KKN न्यूज़ डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर रात 8 बजे देश को संबोधित करेंगे। उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। पीएम मोदी ने लिखा कि “वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण बातें देशवासियों के साथ साझा करूंगा। आज, 24 मार्च रात 8 बजे देश को संबोधित करूंगा। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले 19 मार्च को भी देश को संबोधित किया था। इस दौरान पीएम मोदी ने कोरोना के प्रति सावधानी बरतने तथा इसके खिलाफ लड़ाई में जनता की भागीदारी की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि 22 मार्च को देशवासी जनता कर्फ्यू का पालन करें। देशभर में उनकी अपील का व्यापक असर भी नजर आया था।

     

    पीएम मोदी ने लॉकडाउन का पालन करने की अपील की थी 

    सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी से लॉक डाउन का पालन करने की अपील की थी। दोनों नेताओं ने कहा था कि लोग घरों में ही रहें और सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें। पीएम ने कहा था कि कोरोना वायरस से खुद और अपने परिवार की रक्षा करें। लॉकडाउन के समय सरकार की तरफ से जारी किए निर्देशों का गंभीरता से पालन करें। प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य सरकारों से भी अपील करते हुए कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था को बनाए रखा जाए।

    लोग कर रहे है लापरवाही

    23 मार्च को कई राज्यों और शहरों में लॉकडाउन घोषित किया गया था। बावजूद इसके अधिकतर जगहों पर लोग बेपरवाह दिखे। वाहनों की आवाजाही सामान्य दिखी और लोग मनमर्ज़ी से आते-जाते रहे। लॉकडाउन का कहीं कोई असर नहीं दिखा। इसे देखते हुए पीएम मोदी को भी अपील करनी पड़ी की कई लोग इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं और राज्य सरकारों को कानून का सख्ती से पालन करवाना चाहिए।

    अब भी लोगो मे है गंभीरता की कमी 

    अभी तक 30 राज्यों में लॉकडाउन घोषित किया गया है, तमाम राज्यों ने इसे लेकर सतर्कता बरतना शुरू कर दिया। दिल्ली और महाराष्ट्र सहित चार राज्यों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है, लेकिन आज भी 24 मार्च को यूपी, बंगाल, महाराष्ट्र जैसी जगहों पर लोग सब्जी मार्केट व दूसरी जगहों पर धड़ल्ले से समूह में खरीदारी करते दिखे।

    शायद मौजूदा हालात को देखकर ही पीएम मोदी को दोबारा देश को संबोधित करने के लिए सामने आना पड़ रहा है। पिछली बार उन्होंने जनता कर्फ्यू का मंत्र दिया था।

     

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  • भाषण रोक कर ट्रंप ने मोदी से मिलाया हाथ

    भाषण रोक कर ट्रंप ने मोदी से मिलाया हाथ

    मोटेरा में नमस्ते ट्रंप

    KKN न्यूज ब्यूरो। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत में काफी सारी विविधताएं हैं। फिर भी यहां के लोगों की एकता, विश्व में एक मिसाल है। गुजरात के अहमदाबाद स्थित मोटेरा स्टेडियम में बोलते हुए ट्रंप ने पीएम मोदी की जम कर तारीफ की। मोदी की तारीफ करते हुए ट्रंप अचानक रुके और पीएम मोदी से हाथ मिलाने लगे। पूरा स्टेडियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

    चायबाला कह कर ली चुटकी

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने भाषण के दौरान कहै कि हम इस शानदार स्वागत को हमेशा याद रखेंगे। उन्होंने कहा कि भारत हमारे दिलों में एक विशेष स्थान रखेगा। पीएम मोदी की ओर देख कर चुटकी लेते हुए कहा कि चाय वाले ने बेहतरीन शुरुआत की है। कहा कि पीम मोदी ने चाय बेचने वाले के रूप में काम किया और आज दुनिया में भारत की पहचान बन चुकें हैं। हर कोई उनसे प्यार करता है। मैं आपको यह बताऊंगा कि वह बहुत सख्त हैं और उनको साधना आसान नहीं है।

    विविधताओं का देश है भारत

    ट्रंप ने अपने भाषण के दौरान सरदार वल्लभ भाई पटेल की स्टेच्यू ऑफ यूनिटी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत में काफी सारी विविधताएं हैं। फिर भी यहां के लोगों की एकता विश्व में एक मिसाल है। इतना ही नहीं ट्रंप ने अपने भाषण के दौरान दीवाली, होली, भांगड़ा, सचिन तेंडुलकर, विराट कोहली और बॉलिवुड फिल्म शोले के साथ ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ का भी जिक्र किया। उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है।

    ट्रंप ने दी दोस्ती की मिशाल

    ट्रंप ने कहा कि भारत और अमेरिका की दोस्ती आज से पहले इतनी मजबूत कभी नहीं रही, जितनी अभी है। उन्होंने कहा कि हम भारत के लोगों को पसंद करते हैं और यहां के लोगों को प्यार करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत ज्ञान की धरती है। यहां की संस्कृति काफी महान है। पीएम मोदी एक टफ निगोशिएटर हैं। फिर भी उनके साथ बातचीत करके हम एक ट्रेड डील की ओर आगे बढ़ रहे हैं।

    कट्टर इस्लामिक आतंकवाद

    ट्रंप ने कट्टर इस्लामिक आतंकवाद को दुनिया के लिए खतरा बतातें हुए कहा कि अमेरिका और भारत साथ मिल कर इस समस्या का समाधान करेंगे। उन्होंने कई आतंकी सरगना का नाम लेते हुए कहा कि अमेरिका मानवता के दुश्मन को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। हालांकि, उन्होंने इस दौरान पाकिस्तान का नाम लेकर कहा कि हम सभी मिल कर इस क्षेत्र में शांति कायम करने का प्रयास करेंगे।

    विश्वास नई ऊंचाई बना इतिहास : मोदी

    गुजरात के अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भाषण के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आपने अभी जो भारत के बारे में कहा, महात्मा गांधी, सरदार पटेल, स्वामी विवेकानंद को श्रद्धापूर्वक याद किया, भारत के लोगों के सामर्थ्य, उपलब्धियां और संस्कृति के बारे में कहा, मेरे बारे में भी काफी कुछ कहा। मैं हर भारतवासी की तरफ से आपका आभार व्यक्त करता हूं। मोदी ने कहा कि दो व्यक्ति हों या दो देशों के संबंध, उसका सबसे बड़ा आधार होता है, विश्वास। पिछले कुछ वर्षों में भारत और अमेरिका के बीच विश्वास जिस नई ऊंचाई में पहुंचा है, वो ऐतिहासिक है। अमेरिका की अपनी यात्राओं में मैंने इस विश्वास को दिनों-दिन बढ़ते हुए देखा है।

    भारत बना रहा है वल्ड रिकॉर्ड

    पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत एक साथ सबसे ज्यादा सैटेलाइट भेजने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना रहा है। आज भारत सबसे तेज वित्तीय समावेशन करके भी वर्ल्ड रिकॉर्ड बना रहा है। आज जो देश भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, वो देश है अमेरिका। आज भारत की सेनाएं जिस देश के साथ सबसे ज्यादा युद्ध अभ्यास कर रही हैं- वो है अमेरिका। आज जिस देश के साथ भारत की सबसे व्यापक रीसर्च एंड डवलपमेंट पार्टनरशिप है- वो है अमेरिका।

    भारत माता का जयघोष

    इससे पहले पीएम मोदी ने नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता की जय के नारे के साथ की। ट्रंप को दोस्त कहकर संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वह अमेरिका की लंबी यात्रा करके आए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि आज मोटेरा स्टेडियम में एक नया इतिहास बन रहा है। आज हम इतिहास को दोहराते हुए भी देख रहे हैं। इस कार्यक्रम का जो नाम है ‘नमस्ते’ उसका मतलब भी बहुत गहरा है। ये दुनिया कि प्राचीनतम भाषाओं में से एक संस्कृत भाषा का शब्द है। इसका भाव है कि सिर्फ व्यक्ति को ही नहीं, उसके भीतर व्याप्त देवता को भी नमन।

    विश्व एक परिवार

    पीएम मोदी ने कहा कि एक स्वतंत्र लोगों की ज़मीन है, तो दूसरा पूरे विश्व को एक परिवार मानता है। एक को स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी पर गर्व है तो दूसरे को, दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा- सरदार पटेल की स्टेचू ऑफ यूनिटी का गौरव है। पीएम ने कहा कि प्रेसिडेंट ट्रंप की ये यात्रा, भारत और अमेरिका के संबंधों का नया अध्याय है। एक ऐसा अध्याय, जो अमेरिका और भारत के लोगों की प्रगति और समृद्धि का नया दस्तावेज बनेगा। उन्होंने कहा कि मेलानिया कहती हैं- बी बेस्ट! आपने अनुभव किया होगा कि आज के स्वागत समारोह में भी लोगों की यही भावना प्रकट हो रही है। अमेरिका की पहली लेडी मेलानिया ट्रंप, आपका यहां होना सम्मान की बात है। हेल्थी और हैप्पी अमेरिका के लिए आपने जो किया है, उसके अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। समाज में बच्चों के लिए आप जो कर रही हैं, वो प्रशंसनीय है।

     

     

     

     

  • मोदी ने जापान के शिंजो आबे के साथ बुलेट ट्रेन पर की वार्ता

    मोदी ने जापान के शिंजो आबे के साथ बुलेट ट्रेन पर की वार्ता

    जी20 समिट

    KKN न्यूज ब्यूरो। जापान के ओसाका में जी20 समिट के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई देशो के साथ द्विपक्षीय वार्ता की है। इसी कड़ी में पीएम मोदी ने जापान के पीएम शिंजो आबे के साथ वार्ता की। जिसमें मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना और जापान के सहयोग से वाराणसी में बन रहे कन्वेंशन सेंटर ‘रुद्राक्ष’ पर वार्ता की गई।

    2022 में लॉन्च होगा परियोजना

    जापान ने भारत को पहली बुलेट ट्रेन के लिए 79 हजार करोड़ रुपये का ऋण दिया है। जापान के साथ किए गए सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक का लॉन्च 2022 लॉन्च में होगा। इसी तरह, जापान ने भारत को वाराणसी और क्योटो के बीच समझौते के हिस्से के रूप में एक विश्व स्तरीय कन्वेंशन सेंटर के लिए लगभग 200 करोड़ रुपये दिए हैं। स्मरण रहें कि पीएम मोदी और शिंजो आबे ने 2015 में एक साथ वाराणसी का दौरा किया था।

  • आतंकवाद का पोषण कर रहे देश मानवता का दुश्मन : मोदी

    आतंकवाद का पोषण कर रहे देश मानवता का दुश्मन : मोदी

    एससीओ सम्मेलन में अलग-थलग पड़ा पाक

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किर्गिस्तान के बिश्केक में आंतकवाद के मुद्दे पर पाक को एक बार फिर अलग-थलग कर दिया। शंघाई कोऑपरेशन काउंसिल (एससीओ) की बैठक के दूसरे दिन आज पीएम मोदी ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को समर्थन और वित्त पोषण करने वाले देशों को जिम्मेदार ठहराना जरूरी हो गया है। भारत आतंकवाद से निपटने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आह्वान करता है।

    दुनिया के समक्ष आंतकवाद की चुनौती

    प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वर्तमान समय में लोगों के बीच संपर्क बेहद जरूरी है। आतंकवाद इस समय बड़ी समस्या बन चुकी है। आतंकवाद से निपटने के लिए एससीओ देशों को साथ आना होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आधुनिक समय में बेहतर कनेक्टिविटी बहुत जरूरी है। वर्तमान समय में लोगों के बीच संपर्क बेहद जरूरी है।

    पीएम मोदी का हुआ स्वागत

    इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एससीओ परिषद् के राष्ट्र प्रमुखों की बैठक से पहले किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सूरोनबे जीनबेकोव से शुक्रवार को मुलाकात की। जीनबेकोव एससीओ शिखर सम्मेलन 2019 के मौजूदा अध्यक्ष भी हैं। प्रधानमंत्री मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) परिषद् के राष्ट्र प्रमुखों की बैठक से पहले ‘अला अरचा प्रेजीडेंशियल पैलेस पहुंचे जहां किर्गिस्तान के राष्ट्रपति ने उनका स्वागत किया। एससीओ चीन के नेतृत्व वाला आठ सदस्यीय आर्थिक एवं सुरक्षा समूह है जिसमें भारत और पाकिस्तान को 2017 में शामिल किया गया था।

  • मोदी के मंत्री सारंगी के पास ना घर है और नाही मोबाइल

    मोदी के मंत्री सारंगी के पास ना घर है और नाही मोबाइल

    साइकिल से प्रचार करके जीते चुनाव

    ओडिशा की बालासोर लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर आए प्रताप चंद्र सारंगी लोकतंत्र का चेहरा बन गएं हैं। श्री सारंगी बेहद ही गरीब है। आलम ये है कि उनके पास अपना घर नहीं है। एक अदद मोबाइल नहीं है। साइकिल से घूम-घूम कर प्रचार किया और चुनाव जीत कर मोदी सरकार में राज्यमंत्री बनतें ही लाइम लाइट में आ गएं हैं। एकदम साधारण वेशभूषा और सामान्य जनजीवन वाले प्रताप सारंगी चुनाव जीतने के बाद से ही काफी चर्चा बटोर रहे हैं। प्रताप चंद्र सारंगी जो बालासोर से भारतीय जनता पार्टी के नवनिर्वाचित सांसद है। उन्हें ओडिशा का मोदी भी कहा जाता है। बताया जाता है कि मोदी जब भी ओडिशा आते हैं तो सारंगी से मुलाकात जरूर करते हैं।

    झोपड़ी के घर में रहतें हैं माननीय

    ओडिशा में मोदी के नाम से प्रख्यात प्रताप चंद सारंगी का अपने इलाके ओडिशा के बालासोर लोकसभा सीट पर जबरदस्त पकड़ है। प्रतापचन्द्र सारंगी आज भी झोपड़ी के बने एक बेहद ही छोटे से घर में रहते है। कहतें हैं कि 17वीं लोकसभा में प्रताप चंद सारंगी सबसे गरीब और आर्थिक रुप से कमजोर सांसद हैं। जिनके पास मोबाइल नहीं है। झोपडी में निवास है। ग्राम पंचायत के हैंडपंप पर स्नान करते हैं। गौर करने वाली बात ये है कि उन्होंने अरबपति उम्मीदवार रविंद्र कुमार जेना को 12 हजार 956 वोट से हारा कर चुनाव जीता हैं। इन्होंने पूरा प्रचार साइकिल से किया।

    गरीबी के कारण नहीं हुई विवाह

    सारंगी कई सालों से समाजसेवा में लगे हैं। गरीबी के कारण उन्होंने शादी नहीं की है। वो रामकृष्ण मठ में साधु बनना चाहते थे। इसके लिए वो कई बार मठ भी गए थे। लेकिन जब मठ वालों को पता लगा कि उनके पिता नहीं है और उनकी मां अकेली हैं, तो मठ वालों ने उन्हें मां की सेवा करने को कहा। पिछले साल उनकी मां का देहांत हो गया है।

  • शून्‍य’ से ‘शिखर’ तक का सफर…

    शून्‍य’ से ‘शिखर’ तक का सफर…

    चाय की दुकान से पीएमओ तक

    नरेन्द्र मोदी

    वह, साल 1950 का दिन था। गुजरात के वडनगर में बेहद ही साधारण परिवार में एक बच्चे ने जन्म लिया था। कालांतर में दुनिया ने उसे नरेन्द्र मोदी के नाम से पहचाना। एक चाय बेचने वाले कभी देश का पीएम भी बनेगा ये किसी ने सोचा नहीं था। मोदी ने राजनीति शास्त्र में एमए किया। बचपन से ही उनका संघ की तरफ खासा झुकाव रहा और गुजरात में आरएसएस का मजबूत आधार भी था। मोदी 1967 में 17 साल की उम्र में अहमदाबाद पहुंचे और उसी साल उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सदस्यता ली। इसके बाद 1974 में वे नव निर्माण आंदोलन में शामिल हुए। इस तरह सक्रिय राजनीति में आने से पहले मोदी कई वर्षों तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रह चुकें हैं।

    भाजपा में हुए शामिल

    वर्ष 1980 के दशक में जब मोदी गुजरात की भाजपा ईकाई में शामिल हुए तो माना गया कि पार्टी को संघ के प्रभाव का सीधा फायदा होगा। इसके बाद मोदी को वर्ष 1988-89 में भारतीय जनता पार्टी की गुजरात ईकाई के महासचिव बना दिया गया। नरेंद्र मोदी ने लाल कृष्ण आडवाणी की 1990 की सोमनाथ-अयोध्या रथ यात्रा के आयोजन में अहम भूमिका निभाई। इसके बाद वो भारतीय जनता पार्टी की ओर से कई राज्यों के प्रभारी बनाए गए।

    देेेेश की राजनीति में धमक

    नरेन्द्र मोदी

    मोदी को 1995 में भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय सचिव और पांच राज्यों का पार्टी प्रभारी बनाया गया। इसके बाद 1998 में उन्हें संगठन का महासचिव बनाया गया। इस पद पर वो अक्‍टूबर 2001 तक रहे। लेकिन 2001 में केशुभाई पटेल को मुख्यमंत्री पद से हटाने के बाद मोदी को गुजरात की कमान सौंपी गई। उस समय गुजरात में भूकंप आया था और भूकंप में 20 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। मुख्यमंत्री बनतें ही मोदी ने बेहतर प्रशासनिक प्रबंधन की अपनी कौशल से देश को परिचय दिया।

    गोधरा ने दी सुर्खियां

    मोदी के सत्ता संभालने के लगभग पांच महीने बाद ही गोधरा कांड हो गया। इसमें कई हिंदू कारसेवक मारे गए। इसके ठीक बाद फरवरी 2002 में ही गुजरात में मुसलमानों के खिलाफ़ दंगे भड़क उठे। इन दंगों में सरकार के मुताबिक एक हजार से ज्यादा और ब्रिटिश उच्चायोग की एक स्वतंत्र समिति के अनुसार लगभग दो हजार लोग मारे गए। इनमें ज्यादातर मुसलमान थे। जब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गुजरात का दौर किया तो उन्होंनें मोदी को ‘राजधर्म निभाने’ की सलाह दे दी। उस वक्त इसको वाजपेयी की नाराजगी के संकेत के रूप में देखा गया था।

    दंगा नही रोकने का लगा आरोप

    मोदी पर आरोप लगे कि वे दंगों को रोक नहीं पाए और उन्होंने अपने कर्तव्य का निर्वाह नहीं किया। जब भारतीय जनता पार्टी में उन्हें पद से हटाने की बात उठी तो उन्हें तत्कालीन उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और उनके खेमे की ओर से समर्थन मिला और वे पद पर बने रहे। गुजरात में हुए दंगों की बात कई देशों में उठी और मोदी को अमरीका जाने का वीजा रोक दिया गया। ब्रिटेन ने भी दस साल तक उनसे अपने रिश्ते तोड़े लिए।

    राजनीति पर बढ़ी पकड़

    मोदी पर आरोप लगते रहे लेकिन राज्य की राजनीति पर उनकी पकड़ लगातार मजबूत होती गई। मोदी के खिलाफ दंगों से संबंधित कोई आरोप किसी कोर्ट में सिद्ध नहीं हुए। हालांकि, खुद मोदी ने भी कभी दंगों को लेकर न तो कोई अफसोस जताया है और न ही किसी तरह की माफी मांगी है। महत्वपूर्ण है कि दंगों के चंद महीनों के बाद ही जब दिसंबर 2002 के विधानसभा चुनावों में मोदी ने जीत दर्ज की तो उन्हें सबसे ज्यादा फायदा उन इलाकों में हुआ जो दंगों से सबसे ज्यादा प्रभावित थे।

    विकास को बनाया मुद्दा

    नरेन्द्र मोदी

    इसके बाद 2007 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने गुजरात में विकास को मुद्दा बनाया और फिर जीतकर लौटे। फिर 2012 में भी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा गुजरात विधानसभा चुनावों में विजयी हुए। इसकेब बाद बारी थीं, राष्ट्रीय राजनीति में पदार्पण की और वर्ष 2014 में बीजेपी ने मोदी के नेतृत्व में लोकसभा का चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ केन्द्र की सत्ता में आ गई और मोदी प्रधानमंत्री बन गए। पांच वर्षो तक सबका साथ सबका विकास के नारो के साथ सरकार चली। इस दौरान देश और दुनिया में भारत का मान बढ़ा और मोदी के नेतृत्व में भारत सशक्त राष्ट्र बन कर उभरा। अब बारी थी वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव की और मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने एक बार फिर से प्रचंड बहुमत प्राप्त कर लिया है। आज एक बार मोदी प्रधानमंत्री का शपथ लेने वालें हैं।

    घड़ियाल पकड़ लाये थे  मोदी

    क्या आप जानते हैं, गुजरात में अपना जादू बिखेरने वाले नरेंद्र मोदी का एक वक्त ऐसाा भी था जब उन्होंने चाय की दुकान भी लगाई थीं। मोदी के जीवन में इसी तरह के कई उतार-चढ़ाव आए। नरेंद्र मोदी बचपन में आम बच्चों से बिल्कुल अलग थे। एक बार वो घर के पास के शर्मिष्ठा तालाब से एक घड़ियाल का बच्चा पकड़कर घर लेकर आ गए। उनकी मां ने कहा बेटा इसे वापस छोड़ आओ, नरेंद्र इस पर राजी नहीं हुए। फिर मां ने समझाया कि अगर कोई तुम्हें मुझसे चुरा ले तो तुम पर और मेरे पर क्या बीतेगी, जरा सोचो। बात नरेंद्र को समझ में आ गई और वो उस घड़ियाल के बच्चे को तालाब में छोड़ आए।

    रंगमंच पर जलबा

    नरेंद्र मोदी को हम कई तरह के गेट अप में देखते हैं। दरअसल स्टाइल के मामले में मोदी बचपन से ही थोड़े अलग थे। कभी बाल बढ़ा लेते थे तो कभी सरदार के गेट अप में आ जाते थे। रंगमंच उन्हें खूब लुभाता था। नरेंद्र मोदी स्कूल के दिनों में नाटकों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे और अपने रोल पर काफी मेहनत भी करते थे। नरेंद्र मोदी वड़नगर के भगवताचार्य नारायणाचार्य स्कूल में पढ़ते थे। पढ़ाई में नरेंद्र एक औसत छात्र थे, लेकिन पढ़ाई के अलावा बाकी गतिविधियों में वो बढ़चढ़कर हिस्सा लेते थे। एक तरफ जहां वो नाटकों में हिस्सा लेते थे, वहीं उन्होंने एनसीसी भी ज्वाइन किया था। बोलने की कला में तो उनका कोई जवाब नहीं था, हर वाद विवाद प्रतियोगिता में मोदी हमेशा अव्वल आते थे।

    सन्यासी बनने की थीं इच्छा

    नरेन्द्र मोदी

    बचपन में नरेंद्र मोदी को साधु संतों को देखना बहुत अच्छा लगता था। मोदी खुद संन्यासी बनना चाहते थे। संन्यासी बनने के लिए नरेंद्र मोदी स्कूल की पढ़ाई के बाद घर से भाग गए थे और इस दौरान मोदी पश्चिम बंगाल के रामकृष्ण आश्रम सहित कई जगहों पर घूमते रहे और आखिर में हिमालय पहुंच गए और कई महीनों तक साधुओं के साथ घूमते रहे। आरएसएस नेताओं का ट्रेन और बस में रिजर्वेशन का जिम्मा उन्हीं के पास होता था। इतना ही नहीं गुजरात के हेडगेवार भवन में आने वाली हर चिट्ठी को खोलने का काम भी नरेंद्र मोदी को ही करना होता था।

    आरएसएस के बने चहेते

    नरेंद्र मोदी का मैनेजमेंट और उनके काम करने के तरीके को देखने के बाद आरएसएस में उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देने का फैसला लिया गया। इसके लिए उन्हें राष्ट्रीय कार्यालय नागपुर में एक महीने के विशेष ट्रेनिंग कैंप में बुलाया गया। नरेंद्र मोदी को पतंगबाजी का भी शौक है। सियासत के मैदान की ही तरह वो पतंगबाजी के खेल में भी अच्छे-अच्छे पतंगबाजों की कन्नियां काट डालते हैं।

    रथ यात्रा

    90 के दशक में नरेंद्र मोदी ने आडवाणी की सोमनाथ से अयोध्या रथ यात्रा में बड़ी भूमिका निभाई थी। इसके बाद उन्हें उस वक्त के बीजेपी अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी की एकता यात्रा का संयोजक बनाया गया। ये यात्रा दक्षिण में तमिलनाडु से शुरू होकर श्रीनगर में तिरंगा लहराकर खत्म होनी थी।

    बेहतर बिकल्प देने की जिद

    उद्योग की बात हो या कृषि की, मोदी ने लोगों के सामने एक बेहतर विकल्‍प देने की हमेशा कोशिश की। नतीजा यह रहा कि कई सरकारी और गैर-सरकारी संस्‍थाओं ने उनके काम की तारीफ की। नरेंद्र मोदी काम करना जानते हैं और सबसे बड़ी बात यह कि उस काम की पूरी कीमत वसूल करना भी उन्‍हें बखूबी आता है। नागरिको को उसकी अस्मिता से जोड़ने की बात हो या फिर विकास को महिमामंडित करने की बात, वह हर कला में माहिर हैं।

    त्वरित निर्णय में महारथ

    वर्ष 2008 में मोदी ने टाटा को नैनो कार संयंत्र खोलने के लिए आमंत्रित किया। अब तक गुजरात बिजली, सड़क के मामले में काफी विकसित हो चुका था। देश के धनी और विकसित राज्यों में उसकी गिनती होने लगी थी। मोदी ने अधिक से अधिक निवेश को राज्य में आमंत्रित किया। प्रधानमंत्री बनने के बाद देश के लिए उनका यही अनुभव काम आया और कई लोकप्रिय योजना चला कर मोदी सबके चहेते बन गए।

  • मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे बिम्सटेक के राष्टाध्यक्ष

    मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे बिम्सटेक के राष्टाध्यक्ष

    भारत में जनादेश 2019 मिलने के बाद 30 मई को पीएम नरेन्द्र मोदी का शपथ ग्रहण समारोह होना है। इस समारोह में इस बार बिम्सटेक समूह के नेताओं को आमंत्रित किया जा रहा है। केन्द्र सरकार की पड़ोसी प्रथम नीति के तहत उन्हें आमंत्रण भेजा गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि शंघाई सहयोग संगठन के वर्तमान अध्यक्ष एवं किर्गिस्तान के राष्ट्रपति और मारीशस के प्रधानमंत्री भी शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित हैं। मॉरीशस के प्रधानमंत्री इस वर्ष प्रवासी भारतीय दिवस पर मुख्य अतिथि थे । उन्हें शपथ ग्रहण में आमंत्रित करके भारत मॉरीशस से अपने संबंधों की प्रगाढ़ता को दर्शाना चाहता है।

    बिम्सटेक में पाक और मालदीव नहीं

    बिम्सटेक में पाकिस्तान, मालदीव को छोड़कर सार्क के अन्य सभी देश शामिल हैं। भारत सरकार पाकिस्तान से आतंकवाद के मसले पर तनाव के बाद से सार्क के विकल्प के तौर पर बिम्सटेक को प्रोत्साहित कर रही है। आपको बतादें कि उरी की घटना के बाद 2016 में पाकिस्तान में आयोजित सार्क सम्मेलन रद्द होने के बाद से सार्क की बैठक दोबारा नहीं हो पाई। वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में तब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के तौर पर नवाज शरीफ शामिल हुए थे । बिम्सटेक में भारत के अलावा बांग्लादेश, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा नहीं ले पाएंगी। क्योंकि, हसीना का मंगलवार से तीन देशों का दौरा शुरू हो रहा है।

  • नए भारत की नई संकल्‍प के साथ विश्व गुरू बनने की यात्रा आरंभ

    नए भारत की नई संकल्‍प के साथ विश्व गुरू बनने की यात्रा आरंभ

    एनडीए ने नरेन्द्र मोदी को अपना नया नेता चुना

    भारत में लोकसभा चुनाव के सभी परिणाम आने के बाद शनिवार की शाम संसदीय दल ने नरेन्द्र दामोदर दास मोदी को अपना नया नेता चुन लिया है। इसी के साथ नए भारत की नई संकल्‍प के साथ भारत के विश्व गुरू बनने की यात्रा आरंभ हो गई। इससे पहले बीजेपी संसदीय दल ने श्री मोदी को सर्व सम्मति से अपना नेता चुना और इसके तत्काल बाद एनडीए की बैठक में श्री मोदी को नेता चुन लिया गया। इससे पहले आज सुबह राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द से मिल कर पीएम मोदी ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौप दिया है। इसी के साथ राष्ट्रपति ने 16वीं लोकसभा को भंग करते हुए 17वीं लोकसभा के गठन होने तक श्री मोदी को कार्यवाहक प्रधानमंत्री मनोनित कर दिया है।

    संसद के सेंट्रल हॉल में हुआ समारोह

    शाम संसद भवन के सेंट्रल हॉल में समारोह पूर्वक हुई बैठक के बाद श्री मोदी ने अपने भाषण में नए भारत की नई संकल्प को दोहराया। इस बैठक में उद्धव ठाकरे, रामविलास पासवान समेत एनडीए के सभी नेता और सांसद मौजूद थे। सबसे पहले बीजेपी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अमित शाह ने बीजेपी संसदीय दल के नेता के लिए नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्‍ताव रखा जिसका समर्थन राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी समेत सभी बीजेपी सांसदों ने समर्थन किया। इसके बाद एनडीए में शामिल दलों ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए अपना समर्थन दे दिया है। समर्थन करने वालों में अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल, जेडीयू के नेता नीतीश कुमार, एलजेपी के नेता रामविलास पासवान, एआईएडीएमके सहित एनडीए के सभी घटक दल के नेता शामिल थे। मंत्रिमंडल के गठन और पोर्टफोलियो को लेकर अमित शाह शनिवार और रविवार को एनडीए सहयोगियों के साथ विचार विमर्श करेंगे।

  • भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में पीएम ने दी जीत का मंत्र

    भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में पीएम ने दी जीत का मंत्र

    नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी की दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे रोज आज शनिवार को पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दिया। इस अधिवेशन में शीर्ष नेता, पदाधिकारी, निर्वाचित प्रतिनिधि और जिला स्तर के प्रमुख शामिल हैं। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कॉग्रेस पर जोरदार हमला करते हुए किसान सहित समाज के सभी वर्ग के कल्याण हेतु चल रही योजनाओं से कार्यकर्ताओं को विस्तार से अवगत कराया।


    भाजपा के संकल्प


    इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह सहित गृह मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, वित्तमंत्री अरूण जेटली और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आदि सभी बड़े नेता रामलीला मैदान में मौजूद थे। इससे पहले अधिवेशन के पहले दिन शुक्रवार को पार्टी ने दो संकल्प भी लिए। पहला था कृषि और खेती से जुड़े मुद्दे पर और दूसरा था सोशल सेक्टर के डेवलपमेंट को लेकर। जिसमें आनेवाले चुनावों को देखते हुए किसानों की निराशा, ग्रामीण क्षेत्रों में आय का कम होते जाना, विभिन्न जातियों के गुस्से और नौकरी को लेकर पार्टी ने चिंता जाहिर करते हुए इस पर ध्यान केन्द्रित करने की कोशिश की।


    चुनावी रणनीति पर हुआ मंथन


    लोकसभा चुनावों के मद्देनजर भाजपा का यह राष्ट्रीय अधिवेशन राजनीति के गलियारे में अहम मानी जा रही है। इस अधिवेशन के सहारे पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व देश भर की सभी 545 लोकसभा सीटों पर तो नजर रखेगा ही। इसके साथ ही देश में किसी भी राज्य की तुलना में यूपी से आने वाली सबसे ज्यादा 80 सीटों पर भी फोकस करेगा। ऐसा संकेत मिल रहें हैं। बतातें चलें कि केन्द्रीय नेतृत्व ने उत्तर प्रदेश में 73 से ज्यादा सीटो पर जीत हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। ऐसे में इस राष्ट्रीय अधिवेशन में पार्टी का हाईकमान यूपी को विशेष तौर पर अपने राडार पर लेगा और सपा-बसपा के गठबंधन को भेदने की रणनीति को भी अंतिम रूप देने की योजना बनाई है।

  • तेल की बढ़ती कीमतों पर पीएम मोदी ने विशेषज्ञो से की बात

    तेल की बढ़ती कीमतों पर पीएम मोदी ने विशेषज्ञो से की बात

    अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेलो की लगातार बढ़ती कीमतों को गंभीरता से लेते हुए कुछ खास नीतिगत मुद्दों की का तरफ विशेषज्ञों का ध्यान आकर्षित किया है। पीएम ने कहा कि कच्चे तेल के उपभोक्ता देशों को कच्चे तेल के ऊंचे दाम की वजह से कई तरह की आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उनके समक्ष संसाधनों की गंभीर तंगी खड़ी हो रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तेल उत्पादकों और उपभोक्ता देशों के बीच भागीदारी के संबंध पर जोर दिया है। ताकि, वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में मदद मिल सके।

    मोदी की अपील

    मोदी ने तेल उत्पादक देशों से अपील की है कि वे अपने निवेश योग्य अधिशेष को विकासशील देशों के तेल क्षेत्र में वाणिज्यिक लाभ के लिए लगायें। प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक वक्तव्य में यह जानकारी दी गई है। मोदी ने सोमवार को राजधानी में तेल एवं गैस क्षेत्र की देशी-विदेशी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ बातचीत के दौरान ये सुझाव दिए।

    पीएमओ ने जारी किया बयान

    पीएमओ के बायान में कहा गया है कि बाजार में उत्पादन पर्याप्त मात्रा में हो रहा है, लेकिन तेल क्षेत्र में विपणन के विशेष तौर तरीकों से तेल के दाम चढ़ गए हैं। प्रधानमंत्री ने दूसरे बाजारों की तरह कच्चे तेल के बाजार में उत्पादकों और उपभोक्ताओं के बीच मजबूत भागीदारी स्थापित किए जाने पर जोर दिया है। इससे नरमी से उबर रही वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता आयेगी। उन्होंने कहा कि तेल उत्पादक देशों को अपने पास उपलबध निवेश योग्य बचतों को विकासशील देशों में तेल क्षेत्र में वाणिज्यिक लाभ के लिए लगाना चाहिये।

    बैठक में ये लोग थे मौजूद

    इस बैठक में सउदी अरब और यूएई के मंत्री तथा आरामको, एडीएनओसी, बीपी, रास्नेफ्ट, आईएचएस मार्किट, पायनीयर नेचुरल रिसोर्सिज कंपनी, एतसन इलेक्ट्रिक कंपनी, टेलूरियन मुबाडला इन्वेस्टमेंट कंपनी सहित तेल खेत्र की कई कंपनियों के सीईओ और विशेषज्ञ शामिल हुये। हालांकि, जानकार बतातें हैं कि इस बैठक के तत्काल बाद उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद नहीं हैं। किंतु, कालांतर में इसका असर देखने को मिल सकता है।

  • पीएम मोदी को मिली जान से मारने की धमकी, हाई अलर्ट

    पीएम मोदी को मिली जान से मारने की धमकी, हाई अलर्ट

    भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जान से मारने की धमकी आया है। यह धमकी असम के एक जेल से ई-मेल पर दिया गया है। इसके बाद सुरक्षा एजेंसिया हाई अलर्ट पर आ गई है और मामले की जांच भी शुरू हो गया है। बतातें चलें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जान से मारने की धमकी वाला यह पत्र दिल्ली के पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक को ई-मेल पर मिला है। पुलिस सूत्रों ने बताया है कि शुरुआती जांच में पता चला है कि पुलिस आयुक्त को यह ई-मेल असम के किसी जेल से भेजा गया है। अगले साल मोदी को जान से मारने वाले इस ई-मेल में मारने की एक खास तिथि भी लिखी गयी है।

    माओवादियों के निशाने पर है पीएम

    गौरतलब है कि इस साल जून में पुणे पुलिस ने दावा किया था कि संदिग्ध माओवादियों से एक पत्र मिला था, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तरह ही पीएम मोदी की तरह हत्या करने की साजिश रचने का एक मामला सामने आ चुका है। स्मरण रहें कि इस साल जनवरी में महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव जातीय हिंसा के मामले की जांच करते समय पुलिस ने इसका खुलासा किया था। सुरक्षा अधिकारियों का कहना था कि नक्सली नेताओं के बीच जिन दो पत्रों का आदान-प्रदान हुआ था, उनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और गृह मंत्री राजनाथ सिंह की हत्या की योजना से जुड़ा ब्योरा था। इसके बाद कई राज्यों में वामपंथी विचारकों के घरों पर छापेमारी और कट्टर नक्सलियों से संबंध होने के आरोप में पांच लोगों की गिरफ्तारी हुई थी।

  • मोदी से गले मिले या गले पड़ गये राहुल

    मोदी से गले मिले या गले पड़ गये राहुल

    … और अपना भाषण खत्म करने बाद कॉग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी सीधे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समीप पहुंच कर उन्हें गले से लगा लिया।

    मौका था लोकसभा में अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर चर्चा का। उस वक्‍त सब हैरान रह गए, जब कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने अपना भाषण समाप्‍त करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास पहुंच गए और पीएम के सीने से लिपट गए। बाद में पीएम मोदी ने राहुल की पीठ थपथपाई। पूरा सदन हैरत में था। किसी को इसकी उम्मीद नहीं थी। अब राजनीति के जानकार कहने लगे है कि राहुल गांधी ने पीएम मोदी से गले मिलाया या पीएम मोदी के गले पड़ गये?
    चौकाने वाला था राहुल के तेवर
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी के तेवर लगातार हमलावर रहे। उन्‍होंने सरकार को कई मुद्दों पर घेरा और सीधे तौर पर प्रधानमंत्री मोदी को निशाना बनाया। लेकिन इस बीच, कई ऐसे कई क्षण आए, जब सदन ठहाकों से गूंज पड़ा। अपने भाषण के दौरान लगातार पीएम मोदी के खिलाफ हमलावर तेवर अपनाने वाले राहुल गांधी अपना भाषण समाप्‍त करने के बाद अचानक उस तरफ बढ़े, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैठे थे। संसद के सदस्‍य देखते रह गए और फिर वह प्रधानमंत्री के गले जा लगे। इसके बाद जब वह लौटने लगे तो प्रधानमंत्री ने उन्‍हें बुलाया और हाथ मिलाकर उनकी पीठ भी थपथपाई।
    राहुल ने खुद के पप्पू कहने पर चुटकी ली
    इससे पहले कांग्रेस अध्‍यक्ष ने जोर देकर कहा कि उनके मन में प्रधानमंत्री, बीजेपी और आरएसएस के प्रति किसी तरह की दुर्भावना नहीं है। बल्कि वह इन सभी के आभारी हैं। कहा कि आपने मुझे हिन्‍दुस्‍तानी होने का मतलब समझाया। उस वक्‍त सदन ठहाकों से गूंज पड़ा, जब राहुल गांधी ने सदन में स्वयं कह दिया कि आप मुझे ‘पप्‍पू’ कहकर मेरा मजाक उड़ाते रहते है। बावजूद इसके मेरे मन में आपके लिए कोई दुर्भवाना नहीं है। इससे पहले प्रधानमंत्री की ओर मुखातिब होकर कांग्रेस अध्‍यक्ष ने कहा कि आपके लिए मैं भले ही पप्‍पू हूं, आपके दिल में मेरे लिए कोई नफरत नहीं है। राहुल ने कहा कि मैं आपसे बहुत प्‍यार करता हूं। इसके बाद ही वह अपनी सीट से प्रधामनंत्री के पास जा पहुंचे और उनके गले जा लगे।

  • भारत के योग से पुरा दुनिया प्रभावित: पीएम मोदी

    भारत के योग से पुरा दुनिया प्रभावित: पीएम मोदी

    देहरादून में 55 हजार लोगों के साथ पीएम ने किया योगासन

    उत्तराखंड। चौथे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 55 हजार लोगों के साथ योग किया।

    इस मौके पर सभी साधकों ने नमस्कार मुद्रा में शांति पाठ किया और कपालभाती, अनुलोम-विलोम और भ्रामरी प्राणायाम का भी अभ्यास किया। कार्यक्रम समापन के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी योग साधकों के पास पहुंचे और उनसे मिले। फिर हाथ हिलाकर सभी का अभिवादन किया। इसके बाद प्रधानमंत्री वापस अपने काफिले की ओर चल दिए। यहां से वह जीटीसी हेलीपैड से हेलीकॉप्टर के जरिए जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचेंगे। एयरपोर्ट से वे सीधे दिल्ली के लिए रवाना हो गये।
    इससे पहले पीएम मोदी ने कहा कि आज विश्व का हर देश, हर नागरिक योग को अपना मानने लगा है। हम हिंदुस्तानियों के लिए बड़ा संदेश है कि हम इस परंपरा के धनी है। अगर हम अपनी विरासत पर गर्व करना शुरू कर दें तो दुनिया गर्व करने में पीछे नहीं रहेगी। हिंदुस्तान ने खुद को योग से जोड़ा तो दुनिया भी योग से जुड़ गई। मैं विश्वास से कह सकता है कि अगर दुनिया में योग करने वाले लोगों के आंकड़े जमा किए जाए तो भारी संख्या देखने को मिलेगी। आज योग नई ऊर्जा दे रहा है। भारत में भी हिमालय से लेकर राजस्थान तक योग फैल गया है। उन्होंने कहा कि जब तोड़ने वाली ताकतें हावी होती हैं तो बिखराव आता है, समाज में दीवारें खड़ी होती हैं परिवार में कलह बढ़ता है और जीवन में तनाव बढ़ता चला जाता है। इस बिखराव के बीच योग जोड़ने का काम करता है। योग आज दुनिया की सबसे शक्तिशाली एकीकृत बल में से एक बन गया है। कहा कि योग के कारण दुनिया आज इलनेस से वेलनेस की तरफ बढ़ रही है। योग पारंपरिक होने के साथ ही मॉर्डर्न भी है। योग के पास परेशानियों का सटीक उपचार है। मैंने पढ़ा कि हर साल करोड़ों लोग दुनिया भर में हार्ट बीमारी के लड़ते हैं। योग इसके लिए लाभदायक है। बांटने की जगह योग जोड़ता है। बीमारी में आराम देता है। भाईचारे और खुशहाली का प्रतीक है। इसके बाद पीएम मोदी ने सभी से योग से जुड़ने का आह्वान किया और इस बड़े आयोजन के लिए उत्तराखंड का धन्यवाद कहकर अपना संबोधन समाप्त किया।

  • पीएम मोदी का नेपाल यात्रा शुरू

    पीएम मोदी का नेपाल यात्रा शुरू

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    जनकपुर। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव समाप्त होने के दूसरे रोज यानी शुक्रवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने दो दिवसीय नेपाल यात्रा पर जनकपुर पहुंच चुकें हैं।

    जनकपुर पहुंचने पर वहां पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया गया। उसके बाद पीएम मोदी ने अपने नेपाल के समकक्षीय प्रधानमंत्री के.पी. ओली के साथ वहां के जानकी मंदिर में पूजा अर्चना की और एक सभा को संबोधित किया। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने जनकपुर से अयोध्या तक बस सेवा को हरी झंडी दिखाकर शुरुआत की है।
    इस मौके पर मोदी ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक क्षण है। पीएम मोदी ने कहा कि आज जिस तरह से नेपात ने अपने प्यार दिखाया है यह नेपाल की जनता का भारत के लोगों के प्रति स्नेह को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि जनकपुर में आकर काफी खुशी महसूस कर रहा हूं। पीएम मोदी ने कहा कि मैं यहां पर राजा जनक और माता जानकी की पूजा करने आया हूं। मैं नेपाल के प्रधनमंत्री ओली को जनकपुर यात्रा के दौरान साथ देने के लिए उनका शुक्रिया करता हूं।
    पीएम मोदी ने कहा कि अयोध्या और जनकपुर का नाता अटूट है। उन्होने कहा कि भारत और नेपाल दोनों ही देश रामायण सर्किट बनाने की दिशा में काम करेंगे। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इससे दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों की बुनियाद और मजबूत होगी। इससे पहले नेपाल की ओर से पीएम मोदी को जनकपुर धाम मंदिर की पेंटिंग भेंट दी गई है।

  • पाक विदेश मंत्री ने पीएम मोदी पर कसे तंज

    पाक विदेश मंत्री ने पीएम मोदी पर कसे तंज

    आरएसएस को बताया आतंकी संगठन

    पाकिस्तान। आतंक का गढ़ बन चुकी पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए अपशब्द का इस्तेमाल करते हुए आरएसएस को आतंकी संगठन बता कर अपनी खींझ निकाली है। दरअसल, पिछले दिनो यूएनओ में भारत के विदेश मंत्री से मिली करारा जवाब के बाद से ही पाकिस्तानी नेतृत्व बौखलाया हुआ है।
    इस बीच पाक मीडिया ने भी यूएनओ के हवाले से अपने ही देश के विदेश नीति को विफल बतातें हुए पाक रहनुमाओं को कटघरे में खड़ा कर दिया है। अमेरिका से लगातार मिल रही झटका और हाल ही के दिनो में चीन के रूख में आए बदलाव को पाक मीडिया ने पीएम मोदी के विदेश नीति की सफलता बतातें हुए पाक रहनुमाओं को सीख लेने की नसीहत दे डाली है। एक साथ कई मोर्चो पर लगातार मुहकी खाने की खींझ से बौखलाए पाक के विदेश मंत्री का संयम खोना, उनके हताश मानसिकता को उजागर करने के लिए काफी है।