KKN गुरुग्राम डेस्क | भारत के 76वें गणतंत्र दिवस के मौके पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबावो सुबियांतो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता और उनके गरीबों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना की। सुबियांतो ने पीएम मोदी को गरीबों और वंचित समुदायों की सहायता करने के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया।
ऐतिहासिक गणतंत्र दिवस और मजबूत कूटनीतिक संबंध
इस साल का गणतंत्र दिवस भारत और इंडोनेशिया के संबंधों के लिए विशेष महत्व रखता है। 75 साल पहले, 1950 में, भारत के पहले गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के तत्कालीन राष्ट्रपति Sukarno मुख्य अतिथि थे। इस साल राष्ट्रपति प्रबावो सुबियांतो की मौजूदगी इन दोनों देशों के लंबे और मजबूत कूटनीतिक संबंधों की याद दिलाती है।
नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक विशेष भोज के दौरान, राष्ट्रपति सुबियांतो ने अपने दौरे के अनुभव साझा करते हुए कहा, “मुझे भारत में आकर गर्व हो रहा है। मैं एक पेशेवर राजनेता नहीं हूं, न ही एक कुशल राजनयिक हूं। मैं वही कहता हूं जो मेरे दिल में है। यहां आकर मैंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और उनकी प्रतिबद्धताओं से बहुत कुछ सीखा है।”
पीएम मोदी का नेतृत्व: प्रेरणा का स्रोत
राष्ट्रपति प्रबावो सुबियांतो ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा की और कहा कि गरीबों और समाज के वंचित वर्गों की सहायता के लिए उनकी प्रतिबद्धता प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी का गरीबी उन्मूलन और समाज के कमजोर वर्गों की सहायता करने का प्रयास हम सभी के लिए प्रेरणा है।”
इंडोनेशिया भी भारत की तरह गरीबी और असमानता जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा है। सुबियांतो का यह बयान न केवल भारत में किए जा रहे प्रयासों की सराहना है, बल्कि यह दर्शाता है कि दोनों देश समान सामाजिक और आर्थिक मुद्दों का समाधान करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
भारत और इंडोनेशिया के संबंधों में नई मजबूती
भारत और इंडोनेशिया के बीच ऐतिहासिक और मजबूत द्विपक्षीय संबंध हैं। राष्ट्रपति सुबियांतो की यह यात्रा इन संबंधों को और मजबूत करने के प्रयासों का हिस्सा है। उन्होंने अपने भाषण में कहा, “मैं भारत के लोगों को आने वाले वर्षों में समृद्धि, शांति और महानता की शुभकामनाएं देता हूं। मुझे आशा है कि भारत और इंडोनेशिया निकट साझेदार और मित्र बने रहेंगे।”
दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया के इन दो बड़े देशों के बीच रक्षा, व्यापार, और सांस्कृतिक सहयोग जैसे क्षेत्रों में बढ़ती साझेदारी क्षेत्रीय स्थिरता और आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। राष्ट्रपति सुबियांतो का यह दौरा इस साझेदारी को नए स्तर पर ले जाने का संकेत है।
लोकतांत्रिक मूल्यों का उत्सव
गणतंत्र दिवस न केवल भारत के लोकतांत्रिक आदर्शों का उत्सव है, बल्कि यह देश की प्रगति और विकास का प्रतीक भी है। इस अवसर पर राष्ट्रपति सुबियांतो की मौजूदगी ने दोनों देशों के लोकतांत्रिक मूल्यों और लंबे कूटनीतिक संबंधों को और मजबूत किया है। राष्ट्रपति भवन ने इस ऐतिहासिक संबंध को याद करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया, “राष्ट्रपति सुबियांतो की उपस्थिति भारत और इंडोनेशिया के लंबे और मजबूत लोकतांत्रिक संबंधों का प्रतीक है।”
गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशियाई दल की भागीदारी
इस साल गणतंत्र दिवस परेड में इंडोनेशिया के मार्चिंग दल और बैंड दल ने भी हिस्सा लिया। यह दोनों देशों के बीच रक्षा और सांस्कृतिक सहयोग को दर्शाता है। भारत और इंडोनेशिया के बीच हिंद महासागर के क्षेत्र में स्थिरता और शांति बनाए रखने के लिए साझा हित हैं। परेड में इंडोनेशिया की भागीदारी इन संबंधों को और मजबूती प्रदान करती है।
भविष्य की ओर: भारत-इंडोनेशिया साझेदारी
राष्ट्रपति प्रबावो सुबियांतो की यह यात्रा भारत और इंडोनेशिया के संबंधों में एक नए युग की शुरुआत का संकेत देती है। दोनों देश व्यापार, रक्षा, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सतत विकास जैसे कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व और उनकी समाज कल्याण की प्रतिबद्धता, सुबियांतो और उनके प्रशासन के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है।
आने वाले वर्षों में भारत और इंडोनेशिया के बीच संबंध और भी गहरे होने की संभावना है। दोनों देश अपने-अपने क्षेत्रीय और वैश्विक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए एक दूसरे का सहयोग कर रहे हैं। यह यात्रा इन साझेदारियों को और मजबूती देने का प्रतीक है।
भारत के 76वें गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबावो सुबियांतो ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने का संदेश दिया। पीएम मोदी का गरीबों और वंचितों की सहायता के प्रति समर्पण सुबियांतो के लिए प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है।
इंडोनेशियाई दल की परेड में भागीदारी और दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग से यह स्पष्ट है कि भारत और इंडोनेशिया आने वाले समय में एक मजबूत साझेदारी के साथ आगे बढ़ेंगे। दोनों देशों के साझा लोकतांत्रिक आदर्श और विकास की दिशा में प्रयास उन्हें एक मजबूत और उज्जवल भविष्य की ओर ले जा रहे हैं।