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  • भारत के 76वें गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबावो सुबियांतो ने की पीएम मोदी की नेतृत्व क्षमता की प्रशंसा

    भारत के 76वें गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबावो सुबियांतो ने की पीएम मोदी की नेतृत्व क्षमता की प्रशंसा

    KKN  गुरुग्राम डेस्क | भारत के 76वें गणतंत्र दिवस के मौके पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबावो सुबियांतो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता और उनके गरीबों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना की। सुबियांतो ने पीएम मोदी को गरीबों और वंचित समुदायों की सहायता करने के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया।

    ऐतिहासिक गणतंत्र दिवस और मजबूत कूटनीतिक संबंध

    इस साल का गणतंत्र दिवस भारत और इंडोनेशिया के संबंधों के लिए विशेष महत्व रखता है। 75 साल पहले, 1950 में, भारत के पहले गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के तत्कालीन राष्ट्रपति Sukarno मुख्य अतिथि थे। इस साल राष्ट्रपति प्रबावो सुबियांतो की मौजूदगी इन दोनों देशों के लंबे और मजबूत कूटनीतिक संबंधों की याद दिलाती है।

    नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक विशेष भोज के दौरान, राष्ट्रपति सुबियांतो ने अपने दौरे के अनुभव साझा करते हुए कहा, “मुझे भारत में आकर गर्व हो रहा है। मैं एक पेशेवर राजनेता नहीं हूं, न ही एक कुशल राजनयिक हूं। मैं वही कहता हूं जो मेरे दिल में है। यहां आकर मैंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और उनकी प्रतिबद्धताओं से बहुत कुछ सीखा है।”

    पीएम मोदी का नेतृत्व: प्रेरणा का स्रोत

    राष्ट्रपति प्रबावो सुबियांतो ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा की और कहा कि गरीबों और समाज के वंचित वर्गों की सहायता के लिए उनकी प्रतिबद्धता प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी का गरीबी उन्मूलन और समाज के कमजोर वर्गों की सहायता करने का प्रयास हम सभी के लिए प्रेरणा है।”

    इंडोनेशिया भी भारत की तरह गरीबी और असमानता जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा है। सुबियांतो का यह बयान न केवल भारत में किए जा रहे प्रयासों की सराहना है, बल्कि यह दर्शाता है कि दोनों देश समान सामाजिक और आर्थिक मुद्दों का समाधान करने की दिशा में काम कर रहे हैं।

    भारत और इंडोनेशिया के संबंधों में नई मजबूती

    भारत और इंडोनेशिया के बीच ऐतिहासिक और मजबूत द्विपक्षीय संबंध हैं। राष्ट्रपति सुबियांतो की यह यात्रा इन संबंधों को और मजबूत करने के प्रयासों का हिस्सा है। उन्होंने अपने भाषण में कहा, “मैं भारत के लोगों को आने वाले वर्षों में समृद्धि, शांति और महानता की शुभकामनाएं देता हूं। मुझे आशा है कि भारत और इंडोनेशिया निकट साझेदार और मित्र बने रहेंगे।”

    दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया के इन दो बड़े देशों के बीच रक्षा, व्यापार, और सांस्कृतिक सहयोग जैसे क्षेत्रों में बढ़ती साझेदारी क्षेत्रीय स्थिरता और आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। राष्ट्रपति सुबियांतो का यह दौरा इस साझेदारी को नए स्तर पर ले जाने का संकेत है।

    लोकतांत्रिक मूल्यों का उत्सव

    गणतंत्र दिवस न केवल भारत के लोकतांत्रिक आदर्शों का उत्सव है, बल्कि यह देश की प्रगति और विकास का प्रतीक भी है। इस अवसर पर राष्ट्रपति सुबियांतो की मौजूदगी ने दोनों देशों के लोकतांत्रिक मूल्यों और लंबे कूटनीतिक संबंधों को और मजबूत किया है। राष्ट्रपति भवन ने इस ऐतिहासिक संबंध को याद करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया, “राष्ट्रपति सुबियांतो की उपस्थिति भारत और इंडोनेशिया के लंबे और मजबूत लोकतांत्रिक संबंधों का प्रतीक है।”

    गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशियाई दल की भागीदारी

    इस साल गणतंत्र दिवस परेड में इंडोनेशिया के मार्चिंग दल और बैंड दल ने भी हिस्सा लिया। यह दोनों देशों के बीच रक्षा और सांस्कृतिक सहयोग को दर्शाता है। भारत और इंडोनेशिया के बीच हिंद महासागर के क्षेत्र में स्थिरता और शांति बनाए रखने के लिए साझा हित हैं। परेड में इंडोनेशिया की भागीदारी इन संबंधों को और मजबूती प्रदान करती है।

    भविष्य की ओर: भारत-इंडोनेशिया साझेदारी

    राष्ट्रपति प्रबावो सुबियांतो की यह यात्रा भारत और इंडोनेशिया के संबंधों में एक नए युग की शुरुआत का संकेत देती है। दोनों देश व्यापार, रक्षा, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सतत विकास जैसे कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व और उनकी समाज कल्याण की प्रतिबद्धता, सुबियांतो और उनके प्रशासन के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है।

    आने वाले वर्षों में भारत और इंडोनेशिया के बीच संबंध और भी गहरे होने की संभावना है। दोनों देश अपने-अपने क्षेत्रीय और वैश्विक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए एक दूसरे का सहयोग कर रहे हैं। यह यात्रा इन साझेदारियों को और मजबूती देने का प्रतीक है।

    भारत के 76वें गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबावो सुबियांतो ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने का संदेश दिया। पीएम मोदी का गरीबों और वंचितों की सहायता के प्रति समर्पण सुबियांतो के लिए प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है।

    इंडोनेशियाई दल की परेड में भागीदारी और दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग से यह स्पष्ट है कि भारत और इंडोनेशिया आने वाले समय में एक मजबूत साझेदारी के साथ आगे बढ़ेंगे। दोनों देशों के साझा लोकतांत्रिक आदर्श और विकास की दिशा में प्रयास उन्हें एक मजबूत और उज्जवल भविष्य की ओर ले जा रहे हैं।

  • वायनाड में क्या है जो अमेठी में नहीं, दक्षिण भारत की राजनीति में कितना बदलाव होगा

    वायनाड में क्या है जो अमेठी में नहीं, दक्षिण भारत की राजनीति में कितना बदलाव होगा

    लोकसभा चुनाव 2024 में पहली बार दक्षिण भारत की राजनीति… राष्ट्रीय पटल पर चर्चा में है। आलम ये है कि उत्तर भारत के लोग भी इस बार दक्षिण भारत की राजनीति में दिलचस्पी लेने लगे है। ऐसा नहीं है कि इससे पहले दक्षिण भारत को लेकर कोई चर्चा नहीं हुआ या किसी ने कोई समीक्षा नहीं की। ऐसा बिल्कुल नहीं है। पर, जो बात इस बार दक्षिण भारत को प्रमुखता दे रही है… वह है बीजेपी की दक्षिण को लेकर सक्रियता। दरअसल, बीजेपी ने अपने आधार वोट को लेकर दक्षिण में जिस तेजी के साथ अपनी सक्रियता बढ़ाई है… इसकी वजह से दक्षिण भारत की राजनीति… अचानक से राष्ट्रीय पटल पर आ गई है।

    यह समझना जरुरी हो जाता है… कि दक्षिण भारत की राजनीति में ऐसा क्या है… जिसको लेकर राष्ट्रीय राजनीति में हलचल है। इस वीडियों में आज दक्षिण भारत के बनते- बिगड़ते समीकरण और सम्भावनाओं को समझने की कोशिश करेंगे। दक्षिण भारत की राजनीति में बीजेपी के लिए कितना स्पेस मुमकिन हो सकता है। कॉग्रेस… बामपंथ और दक्षिण के क्षेत्रीय दलों की वहां… वर्तमान की राजनीति में दिशा और दशा की पड़ताल के साथ… यह वीडियों दिलचस्प होने वाला है। आप अंत तक हमारे साथ बने रहिए।

  • PM गतिशक्‍ति के सात इंजन के साथ जानिए अमृत काल के बजट की मुख्य बातें    

    PM गतिशक्‍ति के सात इंजन के साथ जानिए अमृत काल के बजट की मुख्य बातें    

    रेलवे के लिए बजट में 1.37 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान है। को-ऑपरेटिव् सोसायटी, कारपोरेट टैक्स, राज्य कर्मियों के लिए बजट में कई प्रावधान। इनकम टैक्स के स्लैब में नहीं हुआ बदलाव। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट को संभावनाओं से भरा हुआ बताया।

    रत्न और आभूषण पर कस्टम ड्यूटी घटी

    KKN न्यूज ब्यूरो। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इलेक्ट्रोनिक्स पर लगने वाले टैक्स में छूट दी जाएगी। रत्न और आभूषण पर कस्टम ड्यूटी घटाकर 5 फीसदी कर दी गई है। गहनों पर कस्टम ड्यूटी 400 रुपये प्रति किलो रहेगी। स्टील के स्क्रैप पर कस्टम ड्यूटी एक और साल के लिए बढ़ाई जा रही है। इसके अलावा खेती से जुड़े सामान को सस्ता कर दिया जाएगा।

    इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव नहीं

    इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव नहीं किया गया है। बजट भाषण में निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स स्लैब पर कोई बात नहीं की है। इसका अर्थ इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। आपको बता दें मिडिल क्लास इसमें बदलाव और स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को बढ़ाने की मांग कर रहा था।

    नल से पानी पहुंचाने के लिए 60,000 करोड़ रुपये

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार स्थिर और भरोसेमंद कर व्यवस्था के लिये प्रतिबद्ध है। 2022-23 में 3.8 करोड़ घरों में नल से पानी पहुंचाने के लिए 60,000 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं।

    30 फीसदी टैक्स सरकार ने लगाया

    डिजिटल करंसी से इनकम पर 30 फीसदी टैक्स सरकार ने लगाया है। इसके अलावा वर्चुअल करंसी के ट्रांसफर पर 1 फीसदी टीडीएस लगाया जाएगा। यदि वर्चुअल एसेट को गिफ्ट के तौर पर दिया जाता है तो टैक्स वह शख्स देगा जिसको वह वर्चुअल असेट  गिफ्ट के तौर पर मिली है। रुपये की डिजिटल करेंसी को इसी वित्त वर्ष में चालू किया जाएगा।

    कॉर्पोरेट टैक्स घटा

    सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स को 18 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी करने की घोषणा की है। दिव्यागों को कर में राहत दी गई है। सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स को घटा दिया है। मंत्रालयों द्वारा खरीद के लिये पूर्ण रूप से कागजरहित ई-बिल व्यवस्था शुरू की जाएगी। सुरक्षा और क्षमता बढ़ाने को लेकर 2,000 किलोमीटर रेल नेटवर्क को स्वदेशी प्रौद्योगिकी- कवच के अंतर्गत लाया जाएगा।

    राज्यों को बगैर ब्याज कर्ज

    निर्मला सीतारमण ने कहा कि राज्यों की मदद के लिए 1 लाख करोड़ रुपये देने का काम किया जाएगा। इसमें राज्यों को 50 साल के लिए बगैर ब्याज कर्ज भी दिया जाएगा। डिजिटल करेंसी को इसी वित्त वर्ष चालू किया जाएगा। फिलहाल ग्रीन बॉन्ड के जरिए पैसे जुटाए जाएंगे। सार्वजनिक निवेश के साथ निजी निवेश को प्रेरित करने की योजना है। सार्वजनिक निवेश के साथ निजी निवेश को प्रेरित करने की योजना है।

    रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि AI तकनकी, ड्रोन तकनीक और सेमी कंडक्टर्स में अपार संभावनाएं हैं। इन्हें बढ़ावा देने का काम सरकार करेगी। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा दिया जाएगा। कुल खरीदी बजट में से 68% को घरेलू बाजार से खरीदी पर खर्च करने का काम सरकार करेगी। इससे रक्षा उपकरणों के आयात पर निर्भता कम होगी। पिछले वित्त वर्ष से यह 58 फीसदी से अधिक थीं।

    5जी की होगी लॉन्चिंग

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2022 पेश करते हुए कहा कि 5जी की लॉन्चिंग के लिए स्कीम लाने का काम किया जाएगा। सभी गांव तक इंटरनेट की पहुंच होनी चाहिए। लघु और मझोले क्षेत्र की आतिथ्य सेवाओं में सुधार की सम्भावनाएं। आकांक्षी 112 जिलों में से 95 प्रतिशत में स्वास्थ्य सुविधा और बुनियादी ढांचा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।

    बैटरी अदला-बदली नीति

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बड़े पैमाने पर ई-वाहन के चार्जिंग स्टेशन नहीं मिल पाते क्योंकि जगह की कमी होती है। इसलिए बैटरी अदला-बदली की नीति लाई जाएगी।

    खेती में ड्रोन का इस्‍तेमाल

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि तकनीक का इस्तेमाल खेती में भी किया जाएगा। किसान ड्रोन का इस्तेमाल होगा। इससे फसल मूल्यांकन, भूमि अभिलेख, कीटनाशकों का छिड़काव करने का काम किया जाएगा। सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं और धान की खरीद के लिये 2.37 लाख करोड़ रुपये भुगतान करेगी। रेलवे छोटे किसानों और एमएसएमई के लिये नये उत्पाद विकसित करेगा। राज्यों सरकारों को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे अपने सिलेबस मे फॉर्मिंग कोर्स को जोड़ने का काम करें। गंगा कॉरिडोर के आसपास नेचुरल फॉर्मिंग को बढ़ावा दिया जाएगा। तिलहन उत्पादन बढ़ाने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिये योजना लायी जाएगी।

    पीएम गति शक्ति टर्मिनल

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अगले तीन साल में 100 पीएम गति शक्ति टर्मिनल गठित किये जाएंगे। डिजिटल अवसंरचना को बढ़ावा देने के लिए ‘देश स्टैक ई-पोर्टल’ शुरू किया जाएगा। 2022-23 को ‘‘अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष” घोषित किया गया है। ई-पासपोर्ट 2022-23 जारी किए जाएंगे। इससे नागरिकों के लिए सुविधाएं बढ़ेंगी। वित्त मंत्री ने कहा कि पीएम गतिशक्‍ति के 7 इंजन काम करेंगे।

    नॉर्थ इस्ट का विकास

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2022 पेश करते हुए कहा कि इस बार ऐलान किया गया है कि नॉर्थ इस्ट के विकास के लिए योजना लॉन्च होगी। इससे वहां के लोगों के जीवन स्तर में सुधर होगा। 2022-23 में पीएम आवास योजना के तहत 80 लाख मकान बनाने का लक्ष्‍य रखा गया है. इनके लिए 48 हजार करोड़ का फंड दिया जाएगा।

    डिजिटल विश्वविद्यालय

    निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोरोना काल में पढ़ाई का काफी नुकसान उठाना पड़ा है। एक क्लास एक टीवी चैनल को 12 से बढ़ाकर 200 टीवी चैनल करने का फैसला किया गया है। यही नहीं डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना होगी। वहीं मानसिक समस्याओं के लिए नेशनल टेलीमेंटल हेल्थ प्रोग्राम भी शुरू करने का काम किया जाएगा।

    अमृत काल के ब्लू प्रिंट

    वित्त मंत्री ने बजट 2022 पेश करते हुए सदन को बताया कि 2022-23 के बीच नेशनल हाईवे की लंबाई को 25,000 कि.मी. तक बढ़ाया जाएगा। केंद्रीय बजट अमृत काल के अगले 25 वर्षों का ब्लू प्रिंट है। उन्होंने कहा कि राज्यों सरकारों को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे अपने सिलेबस मे फॉर्मिंग कोर्स को जोड़ें।

    युवाओं को मिलेगी नौकरी

    वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि बजट से किसान, युवाओं को फायदा होगा। आत्मनिर्भर भारत से 16 लाख युवाओं को नौकरियां देने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले तीन सालों में 400 नई वंदेभारत ट्रेनें तैयार करने का काम सरकार की ओर से किया जाएगा। गांव को ऑप्टिकल फाइवर और ब्रॉडबैंड से जोड़ने का है प्रस्ताव।

    जल्द आएगा एलआईसी का आईपीओ

    वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि इस बजट से भारत को अगले 25 साल की बुनियाद मिल पाएगी। अगले वित्त वर्ष में आर्थिक ग्रोथ 9.2% रहने की उम्मीद है। मौजूदा वर्ष में भारत की आर्थिक ग्रोथ 9.2% रहने का अनुमान है। यह बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है। वित्त मंत्री सीतारमण ने सदन को बताया कि एयर इंडिया का विनिवेश पूरा हो गया है। एलआईसी का आईपीओ अब जल्द ही आएगा।

    अर्थव्यवस्था में गिरावट अनुमान से कम

    कोविड संकट के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2020-21 में 6.6 फीसदी की गिरावट आयी। मई, 2021 के अनुमानों में कहा गया था कि 2020-21 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में 7.3 फीसदी की गिरावट आयी है। एनएसओ ने सोमवार को जारी संशोधित आंकड़ों में कहा कि  2020-21 और 2019-20 के लिए स्थिर कीमतों पर जीडीपी क्रमशः 135.58 लाख करोड़ और 145.16 लाख करोड़ रुपये है, जो 2020-21 के दौरान 6.6 फीसदी की गिरावट को दर्शाता है। जबकि, 2019-20 में ये 3.7 प्रतिशत बढ़ी थी।

    अगले वित्त वर्ष यानी 2022-23 में 8.0 से 8.5 फीसदी की बढ़ोतरी

    भारतीय अर्थव्यवस्था अगले वित्त वर्ष यानी 2022-23 में 8.0 से 8.5 फीसदी की दर से बढ़ेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोमवार को संसद में पेश 2021-22 की आर्थिक समीक्षा में यह अनुमान लगाया गया है। 2022-23 का वृद्धि अनुमान इस धारणा पर आधारित हैं कि आगे कोई महामारी संबंधी आर्थिक व्यवधान नहीं आयेगा। मानसून सामान्य रहेगा और कच्चे तेल की कीमतें 70-75 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में रहेंगी। समीक्षा में कहा गया कि तेज टीकाकरण व आपूर्ति संबंधी सुधारों के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था भविष्य की चुनौतियों से निबटने के लिए अच्छी तरह तैयार है। आर्थिक समीक्षा आम बजट से एक दिन पहले पेश की गयी थीं।

  • मूडीज ने बताया कब सुधरेगी भारतीय अर्थव्यवस्था, GDP वृद्धि दर में आएगी वास्तविक गिरावट

    मूडीज ने बताया कब सुधरेगी भारतीय अर्थव्यवस्था, GDP वृद्धि दर में आएगी वास्तविक गिरावट

    मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस (रेटिंग एजेंसी) का अनुमान है कि वर्ष 2020-2021 में भारत की अर्थव्यवस्था में गिरावट देखने को मिल सकती है। ऐसा चार दशक में पहली बार होगा जब कोविड 19 वायरस महामारी की रोकथाम के लिये जारी ‘लॉकडाउन (बंद) की वजह से खपत कम होने और कारोबारी गतिविधियां रूकने से चुनौतियों का सामना कर रही घरेलू अर्थव्यवस्था में गिरावट आयेगी। वहीं आज आरबीआई ने भी जीडीपी ग्रोथ निगेटिव होने की आशंका जतायी है।

    जीडीपी के वृद्धि दर में वास्तविक गिरावट देखने को मिलेगी

    एजेंसी के अनुसार कोरोना वायरस महामारी से पहले भी भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर धीमी पड़ गई थी और यह 6 वर्ष की सबसे निचली दर पर पहुंच गई थी। सरकार द्वारा दिये आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज में उठाए गये कदम उम्मीदों के अनुरूप नहीं हैं, अर्थव्यवस्था की समस्या इससे बहुत ज्यादा व्यापक हैं। एजेंसी ने अपने रिपोर्ट में कहा, ” अब हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2020-2021 में भारत की अर्थव्यवस्था के जीडीपी के वृद्धि दर में वास्तविक गिरावट आयेगी।

    आने वाले कुछ साल में सुधर सकती है देश की अर्थव्यवस्था

    हालांकि एजेंसी ने 2021-2022 में देश की अर्थव्यवस्था में सुधार होने की उम्मीद जतायी है। रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना लॉकडाउन का गहरा असर सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्र पर पड़ेगा। आपको बता दे कि देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लगा है, तब से अभी तक छूट के साथ इसकी अवधी 4 बार बढ़ायी जा चुकी है। 4था लॉकडाउन 31 मई तक लागू है।

    लॉकडाउन से खास तौर पर  देश के असंगठित क्षेत्र के समक्ष संकट खड़ा हाे गया है। इस क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद में आधे से अधिक योगदान है। आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज के बारे में एजेंसी ने कहा, ”सरकार का सीधे तौर पर राजकोषीय प्रोत्साहन जीडीपी का एक से दो प्रतिशत के दायरे में रह सकता है। सरकर की ज्यादातर योजनाएं ऋण गारंटी या प्रभावित क्षेत्रों की नकदी चिंता को दूर करने से जुड़ी है, प्रत्यक्ष रूप से वित्तीय खर्च की मात्रा हमारी उम्मीदों से कहीं कम है और इसे वृद्धि को खास गति मिलने की संभावना भी कम है।

  • कोरोना संकट के बीच अमेरिका देगा भारत को वेंटिलेटर की सहायता

    कोरोना संकट के बीच अमेरिका देगा भारत को वेंटिलेटर की सहायता

    कोरोना महामारी के इस संकट के बीच अमेरिका और भारत की बीच दोस्ती की झलक देखने को मिल रही है। भारत ने जहां कोरोना संकट से जूझ रहे अमेरिका को हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की दवा देकर मदद की, वहीं कोरोना से लड़ने के लिए अमेरिका ने भारत को करीब 200 वेंटिलेटर देने का ऐलान किया है। माना जा रहा है, कि 3 सप्ताह के भीतर अमेरिका से 200 वेंटिलेटर भारत आ जाएंगे।

    सरकारी अधिकारी का कहना है कि, ऐसे संकेत दिए गए हैं कि, वेंटिलेटर इस महीने के अंत या फिर जून पहले सप्ताह तक भारत में आ जाएगी। 1 वेंटिलेटर की कीमत लगभग 10 लाख रुपये आंकी गई है। इसमें ट्रांसपोर्टेशन का खर्च शामिल नहीं है। कुल मिलाकर 200 वेंटिलेटर पर 2.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी करीब 20 करोड़ की लागत आएगी। हालांकि, ट्रांसपोर्टेशन का खर्च अलग से लगेगा।

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच नजदीकी साझेदारी की बात कही और साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी को अपना ‘अच्छा मित्र’ भी बताया। डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को यह ट्वीट किया कि, ‘मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि, अमेरिका भारत में वेंटिलेटर्स दान करेगा। हालांकि, व्हाइट हाउस ने अभी इस बात की जानकारी नहीं दी है कि, कितने वेंटिलेटर दान किए जाएंगे।’ साथ ही उन्होंने कहा कि, हम इस कोरोना संकट के दौरान भारत और पीएम नरेंद्र मोदी के साथ खड़े हैं। हम वैक्सीन तैयार करने पर भी सहयोग कर रहे हैं और हम मिलकर अदृश्य दुश्मन को हरा देंगे।

    डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘हम भारत में काफी सारे वेंटिलेटर्स भेज रहे हैं। मैंने पीएम मोदी से बात की है। हमारे पास वेंटिलेटरों की अच्छी आपूर्ति है।’ बता दे कि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के अनुरोध पर पिछले महीने भारत ने अमेरिका में कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की करीब पांच करोड़ गोलियां भेजी थीं। इससे पहले भी ट्रंप ने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की। उन्होंने फरवरी में अपनी नई दिल्ली, अहमदाबाद तथा आगरा की यात्रा का जिक्र करते हुए कहा, ‘भारत एक महान देश है और आप जानते हैं कि, प्रधानमंत्री मोदी मेरे बहुत अच्छे मित्र हैं। ‘

  • राहत पैकेज की दूसरी किस्त का ऐलान आज शाम 4 बजे, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी प्रेस कॉन्फ्रेंस

    राहत पैकेज की दूसरी किस्त का ऐलान आज शाम 4 बजे, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी प्रेस कॉन्फ्रेंस

    कोरोना संकट के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज शाम 4 बजे एक बार फिर से प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी। बुधवार को मोदी सरकार के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का लेखा-जोखा देने के क्रम में आज इसकी दूसरी किस्त का ऐलान करने के लिए निर्मला सीतारमण आज फिर से प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी। बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि, अगले कुछ दिनों तक उनकी टीम प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को सामने रखने तथा आर्थिक पैकेज की अधिक जानकारी साझा करने के लिए मीडिया के सामने आयेंगी।

    ऐसा माना जा रहा है कि, वित्त मंत्री आज कोरोना संकट से प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए कुछ बड़ा ऐलान कर सकती हैं। कृषि क्षेत्र, किसानों से जुड़ी गतिविधियों और उत्पादों के सप्लाइ चेन के विषय में भी कुछ घोषणाएं हो सकती हैं। आपको बता दें कि, कोरोना संकट के दौर में आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का एलान किया था।

    भारतीय अर्थव्यवस्था को कोरोना वायरस के इस संकट से निजात दिलाने के लिए आर्थिक पैकेज की इस घोषणा पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को पहले चरण में सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योगों (MSME) को मजबूती प्रदान करने के लिये लगभग 6 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया। साथ ही, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि, कोरोना वायरस के चलते अर्थव्यवस्था की मंदी को दूर करने तथा अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने और इस संकट को एक अवसर के रूप में बदलने के लिए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज में से 3 लाख करोड़ का कोलेट्रल फ्री ऋण MSME को दिया जायेगा। इसके साथ ही, MSME के परिभाषा को बदलते  हुये मध्यम उद्यम के कारोबार की सीमा को बढ़ाकर 100 करोड़ रुपए कर दिया गया है।

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने MSME की परिभाषा में बदलाव, ढ़ांचा गत और आवास क्षेत्र की परियोजनाओं को पूरा करने लिए ठेकेदारों और डेवलपर को बिना हर्जाने के छह माह का अतिरिक्त समय देने का ऐलान किया है। टीडीएस और टीसीएस कटौती की दर में चौथाई कमी करने के साथ आयकर रिटर्न जमा करने का समय भी नवंबर तक बढ़ाने का ऐलान किया गया है। साथ ही, वित्त मंत्री ने ईपीएफओ अंशदान में सहूलियत की भी घोषणा की है। इन उपायों के माध्यम से नकदी का प्रवाह बढ़ने और कारोबार में आसानी की उम्मीद है। बता दे कि, पहले चरण का पैकेज मुख्यत: छोटी तथा मझोली इकाइयों पर केंद्रित है। इसमें MSME क्षेत्र के लिए बिना गारंटी के 3 लाख करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराने और गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) और आवास वित्त कंपनियों (HFC) को और अधिक नकदी उपलब्ध कराने के उपाय जैसी कई घोषणायें शामिल हैं।

  • पाकिस्तान के वजट का 6 गुना है भारत का राहत पैकेज

    पाकिस्तान के वजट का 6 गुना है भारत का राहत पैकेज

    कोरोना महामारी से जूझ रहे भारतीय अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा की। आपको बता दे कि, यह रकम पाकिस्तान द्वारा साल 2019 में पेश किए गए उसके कुल बजट का 6 गुना है। पाकिस्तान सरकार ने साल 2019 में 7022 बिलियन पाकिस्तानी रुपये का बजट पेश किया था, जो रकम भारतीय रुपये में करीब 3.30 लाख करोड़ है। आपको बता दें कि, पाकिस्तान का 1 रुपया भारत के 47 पैसे के बराबर है। इसी मुताबिक, भारत का राहत पैकेज पाकिस्तान के बजट से 6 गुना अधिक है।

    कोरोना महामारी के इस संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने पांचवें संबोधन में  इस महामारी के विरुद्ध जंग जारी रखने के साथ ही आत्मनिर्भर भारत की मजबूत बुनियाद भी रखी। साथ ही पीएम मोदी ने इस आर्थिक हालात से निपटने के लिए देश के GDP का लगभग 10 प्रतिशत यानी 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज के साथ आत्मनिर्भर भारत बनाने का संकल्प लिया। आपको बता दे कि,  भारतीय अर्थव्यवस्था करीब 200 लाख करोड़ रुपये की है। भारत ने साल 2020-21 के लिए बजट में करीब 30 लाख करोड़ रुपये का निर्धारण किया है।

    देश GDP के मुकाबले पैकेज
    जापान 21.10%
    अमेरिका 13%
    स्वीडन 12%
    जर्मनी 10.70%
    भारत 10.00%
    फ्रांस 9.30%
    स्पेन 7.30%
    इटली 5.70%
    ब्रिटेन 5.00%
    चीन 3.80%

    प्रधानमंत्री मोदी का इस बार का संबोधन पिछले संबोधनों से अलग रहा। उन्होंने कहा कि, यह आपदा कुछ संकेत के साथ कुछ संदेश भी लाई है, जो आत्मनिर्भर भारत का रास्ता प्रशस्त करेगा, जिसमें स्वदेशी पर जोर होगा और लोकल के लिए हमें वोकल होना पड़ेगा। उन्होंने कोरोना संक्रमण फैलाव से डरने के बजाय इस जंग को मजबूती से लड़ने के साथ देश को पूरी ताकत से खड़ा करने का ऐलान किया है।

  • Arogya Setu App पर उठ रहे सवाल, सरकार ने कहा निजता को कोई खतरा नहीं

    Arogya Setu App पर उठ रहे सवाल, सरकार ने कहा निजता को कोई खतरा नहीं

    पिछले कुछ दिनों से भारत में कोरोना मोबाइल ट्रैकिंग ऐप (Arogya Setu App) को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है, कि इस ऐप से लोगों की निजता को खतरा है। हालांकि इन सभी सवालों का जवाब देते हुए सरकार ने कहा है, कि Arogya Setu App पूरी तरह से सुरक्षित है और इससे किसी की भी निजता को कोई खतरा नही है।

    सरकार ने Arogya Setu App की शुरुआत कोरोना वायरस को ट्रैक करने के लिए  की है। आपको बता दे कि, इस ऐप की मदद से घर बैठे पता लगाया जा सकता है, कि कोरोना के मरीज कहां-कहां हैं और साथ ही यह भी पता लगाया जा सकता है कि, कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित है या नहीं। आपको बता दे कि, सवाल उठाने वाले लोगों मे कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी शामिल है, जिन्होने आरोप लगाया है, की इस ऐप के इस्तेमाल से लोगों की निजता खतरे में पड़ सकती है।

    लोगों ने उठाया ये सवाल

    लोगों ने आरोग्य सेतु ऐप पर सवाल उठाया है, कि इस ऐप से कौन, कब और  कहां जा रहा है इन सब की जानकारी हासिल की जा सकती है। हालांकि सरकार ने इस सवालों के जवाब में कहा कि, लोकेशन फीचर को काफी सुरक्षित तरीके से बनाया गया है। सरकार ने कहा की उपयोगकर्ता की लोकेशन सुरक्षित और कोड के जरिए एक सर्वर में सेव हो जाती है। साथ ही यूजर के लोकेशन का इस्तेमाल केवल तीन स्थितियों में ही होता है। पहला जब कोई यूजर इस ऐप पर रजिस्ट्रेशन कर रहा हो, दूसरा जब वह ऐप में कोरोना की जानकारी भर रहा हो या फिर तब जब यूजर के जानकारी देने के बाद ऐप खुद यूजर की लोकेशन को ऑटोमेटिक ट्रैक कर रहा हो।

    इसके साथ ही कुछ लोगों ने सवाल किए थे कि यूजर के मोबाइल की होम स्क्रीन में कोविड-19 से जुड़े आंकड़े दिखाई देते हैं, जिससे खतरा बढ़ता है। इस पर जवाब देते हुए सरकार ने कहा कि, ऐप में कोरोना मरीजों की जानकारी हासिल करने के लिए 500 मीटर, 1 किमी, 2 किमी, 5 किमी और 10 किमी की दूरी तय की गई है। इससे परे कोई यूजर जानकारी लेना चाहता है, तो यह उपलब्ध नहीं होती। इससे ज्यादा कोशिश करने पर HTTP हेडर उसे वापस 1 किलोमीटर पर ही ले आता है। एपीआई कॉल वेब एप्लीकेशन फायर वॉल के जरिए होती है इसीलिए यह पूरी तरह से सुरक्षित है।

  • ये सारी छूटें मिलेंगी लॉकडाउन 3.0 में

    ये सारी छूटें मिलेंगी लॉकडाउन 3.0 में

    केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये लागू लॉकडाउन को और दो हफ्तों के लिये बढ़ाने का को फैसला लिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा कहा गया कि, कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न इस परिस्थिति की व्यापक समीक्षा करने के बाद यह फैसला लिया गया है। साथ ही एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, कि मंत्रालय ने 4 मई से 2 हफ्तों की अवधि के लिये लॉकडाउन बढ़ाने का आदेश आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत जारी किया है। आपको बता दे कि लॉकडाउन का पहला चरण 25 मार्च से 14 अप्रैल तक था, जिसे बाद में बढ़ा कर 3 मई तक कर दिया गया था, जो लॉकडाउन का दूसरा चरण था। अब इसे 2 हफ्ते और बढ़ा दिया गया है। हालांकि इस बार काफी रियायतों के साथ इसे बढ़ाया गया है।

    गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार रेड जोन में कई तरह के प्रतिबंध होंगे। रेड जोन वाले इलाकों मे साईकल रिक्शा, ऑटो रिक्शा, टैक्सी और कैब सेवा नहीं उपलब्ध होगी, साथ ही एक जिले से दूसरे जिले के बीच बस सेवा भी बंद रहेगी। रेड जोन वाले इलाकों में सैलून और नाई की दुकाने भी नहीं खुलेंगी। पूरे देश में रेल, एयर, मेट्रो सेवा और एक राज्य से दूसरे में आवागमन बंद रहेगा साथ ही स्कूल, कॉलेज और एजुकेशनल इंस्टिट्यूट भी नहीं चलेंगे.

    लेकिन ग्रीन जोन में सभी बड़ी आर्थिक गतिविधियों की छूट दे दी गयी है। आदेश की मानें तो, ग्रीन जोन वाले इलाकों मे में बसे चलाई जाएंगी, लेकिन बसों की क्षमता 50% से ज्यादा नहीं होने दी जाएगी। इसका मतलब है कि, यदि किसी बस में 40 सीटें हैं, तो उसमें 20 से ज्यादा यात्री नहीं बैठेंगे। ग्रीन जोन वाले इलाकों मे नाई की दुकानें, सैलून समेत अन्य जरूरी सेवाओं और वस्तुएं मुहैया कराने वाले संस्थान भी 4 मई से खुल जाएंगे। लेकिन, सिनेमा हॉल, मॉल, जिम, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स आदि बंद रखा जाएगा।

    अगर ऑरेंज जोन की बात करें, तो यहां बसों के परिचालन की छूट नहीं होगी, लेकिन कैब की अनुमति दी जाएगी। जहां कैब में ड्राइवर के साथ केवल एक यात्री ही बैठ सकेगा। इसके साथ ही ऑरेंज जोन में इंडस्ट्रियल ऐक्टिविटीज शुरू होगी और कॉम्प्लेक्स भी खोल दिये जाएंगे।

     

  • क्या होगा लॉकडाउन का 3 मई के बाद?

    क्या होगा लॉकडाउन का 3 मई के बाद?

    सोमवार को देश के सभी राज्यों के मु्ख्यमंत्रियों से बातचीत के बाद अब केंद्र सरकार लॉकडाउन की अगली कार्ययोजना पर काम शुरू कर चुकी है। मुख्यमंत्रियों से मिले फीडबैक के आधार पर प्लान बनाने का काम शुरू हो गया है। इसके अलावा सभी राज्य सरकारें भी लॉकडाउन पर पूरा ऐक्शन प्लान बनाने में जुटी हुई हैं।

    तत्कालिक परिस्थिति को देखते हुये, केंद्र सरकार 3 मई के बाद भी लॉकडाउन की कई पाबंदियों को बरकरार रख सकती है। हालांकि लॉकडाउन का स्वरूप कंप्लीट लॉकडाउन से अलग हो सकता है और सरकार वैसे इलाकों को थोड़ी छू़ट दे सकती है, जो इलाके कोरोना से मुक्त होकर ग्रीन जोन बन चुके हैं। वही दूसरी ओर कोरोना से बुरी तरह से प्रभावित क्षेत्रों मे पाबंदियों को बरकरार रखा जा सकता हैं।

    सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी से बातचीत के दौरान कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पीएम से लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की है। हालांकि कुछ राज्य ऐसे भी हैं, जिन्होंने पूर्ण लॉकडाउन के बजाय कुछ रियायतों के साथ लॉकडाउन लागू करने पर जोर दिया है।

  • स्वस्थ्यकर्मियों पर हमला करनेवालों के खिलाफ सरकार ने बनाए सख्त नियम

    स्वस्थ्यकर्मियों पर हमला करनेवालों के खिलाफ सरकार ने बनाए सख्त नियम

    एक तरफ भारत कोरोना के संक्रामण को रोकने का यथासंभाव प्रयास कर रहा है। वही दूसरी तरफ कोरोना वायरस के इस संकट के बीच स्वास्थ्यकर्मियों पर लगातार हमले हो रहे है। इन्ही हमलो को ध्यान मे रखते हुए मोदी सरकार ने इसके विरुद्ध कड़ा फैसला लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व में बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में एक अध्यादेश पास किया गया, जिसके बाद अब स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा। इसमें 3 महीने से लेकर 7 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है।

    सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन मे कैबिनेट बैठक में लिए गए इस फैसले की जानकारी देते हुये कहा कि, देश में कोरोना महामारी से लड़ रहे डॉक्टरों और आरोग्य कर्मचारियों पर हमले को किसी भी परिस्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

    उन्होंने कहा कि, स्वाथ्यकर्मियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आज मंत्रीमंडल की बैठक हुई, जिसमें देश में महामारी बीमारी कानून में बदलाव कर देश में नया अध्यादेश लागू करने का सरकार ने फ़ैसला किया है। साथ ही उन्होने कहा कि, मेडिकलकर्मियों पर हमला करने वालों को जमानत नहीं मिलेगी, इस तरह के मामलों की जांच वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से स्तर पर होगी और जांच 30 दिनों में पूरी करनी होगी। इसका फ़ैसला एक साल के अंदर में आएगा, जिसमे 3 महीने से लेकर 5 साल तक की सजा हो सकती है।

    इसके अलावा उन्होने कहा की मामला यदि गंभीर हो, तो 6 महीने से लेकर 7 साल तक की सजा का प्रावधान है और उसके साथ ही गंभीर मामलों में 50 हजार से 2 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा। अध्यादेश के अनुसार, अगर स्वाथ्यकर्मियों की गाड़ियों, क्लिनीक और सामान की तोड़फोड़ हुई तो सामान की असल कीमत का दोगुना हमलावर से वसूल किया जाएगा।

  • केंद्र सरकार का फैसला, काटे जाएंगे सरकारी कर्मचारियों के एक दिन का वेतन

    केंद्र सरकार का फैसला, काटे जाएंगे सरकारी कर्मचारियों के एक दिन का वेतन

    कोरोना वायरस पूरी दुनिया पर अपना कहर बरसा रहा है। भारत में भी कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, इसे रोकने के लिये देश में लॉकडाउन को भी 3 मई तक बढ़ा दिया गया है। हालांकि ऐसे क्षेत्र जहां कोरोना के मामले न के बराबर है, वहां आज से कुछ जरूरी चीजों की छूट भी दी गई है। लॉकडाउन से उत्पन्न आर्थिक तनाव के कारण मोदी सरकार ने मंत्रियों को अपनी सैलरी के कुछ हिस्से को डोनेट करने के लिए कहा था। उसके बाद अब सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों की एक दिन की सैलरी को काटने का फैसला किया है। सरकार ने सभी सांसदों के वेतन में एक साल के लिए 30 फीसदी की कटौती के बाद अब केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों से एक दिन की सैलरी डोनेट करने के लिए कहा गया है।

    केंद्र सरकार ने अपील की है, की कर्मचारी अपनी एक दिन की सैलरी पीएम केयर्स फंड में ट्रांसफर करें। आपको बता दें कि कर्मचारियों की सैलरी से काटी गई राशि को प्रधानमंत्री सिटीजन असिस्टेंस एंड रिलीफ इन इमरजेंसी सिचुएशन फंड में डाला जाएगा. साथ ही सरकार ने राजस्व विभाग को भेजे गए सर्रकुलर में कहा है, कि विभाग के अफसरों और कर्मचारियों से यह अपील है कि, वे मार्च 2021 तक हर महीने अपने एक दिन की सैलरी को पीएम केयर्स फंड मे जमा कर अपना योगदान दें। कर्मचारियों की वेतन में कटौती अप्रैल 2020 की सैलरी में से की जाएगी, जिसका भुगतान मई में होना है। कोरोना महामारी के इस संकट के बीच केंद्र सरकार को आर्थिक मदद की जरूरत है। हालांकि सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि अगर किसी भी अफसर या कर्मचारी को इससे आपत्ति होगी, तो वह राजस्व विभाग के ड्रॉइंग एंड डिस्बर्सिंग ऑफिसर को इस बारे में सूचित कर सकते हैं। उन्हें 20 अप्रैल 2020 तक इसे लिखित रूप में अपने इंप्लॉयी कोड के साथ सूचित करना होगा। वहीं, दूसरे विभागों के कर्मचारी, जो एक्टिव तौर पर कोरोना के खिलाफ लड़ाई में शामिल नही है। उन्हें भी अपनी एक दिन की सैलरी का योगदान फंड में करना पड़ सकता है।

    बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से ठप हैं। जिसके कारण सरकार को इस तरह के फैसले लेने पर रहे है।

  • कोरोना से ठीक हो रहे लोगों की रफ्तार मे आयी तेजी

    कोरोना से ठीक हो रहे लोगों की रफ्तार मे आयी तेजी

    भारत में कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। हर रोज नए मामले सामने आ रहे हैं, जो सरकार की चिंता बढ़ा रहे हैं। लेकिन, बढ़ते हुए आंकड़ों के बीच एक राहत की बात ये है, की देश में इस समय कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की रफ्तार बढ़ी है और  साथ ही इस महामारी से मरने वालों की रफ्तार में कमी आयी है।

    स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में देश में ढाई सौ से ज़्यादा लोग कोरोना वायरस से ठीक हो गए हैं और उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है। ये अबतक का सबसे अधिक आंकड़ा है, इससे पहले एक दिन में सबसे अधिक मरीजों के ठीक होने की संख्या 180 के आस-पास थी।

    ठीक होने वाले लोगो की रफ्तार प्रतिशत मे

    बुधवार- 11.41%

    गुरुवार- 12.02%

    शुक्रवार- 13.06%

    इनके साथ ही देश में अब कोरोना वायरस के मामले सामने आने की रफ्तार भी कम हो गयी है। पहले देश में कोरोना वायरस के आंकड़े हर तीन दिन में दोगुने हो रहे थे, लेकिन पिछले कुछ दिनों से ये रफ्तार कम हुई है। अब 5 से 6 दिन में कोरोना वायरस के मामले दोगुने हो रहे हैं।

    भारत में कोरोना वायरस के कारण 400 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। लेकिन, पिछले दिनों में देश में हो रही मौतों की रफ्तार धीमी पड़ी है। देश में सामने आ रहे कोरोना वायरस के कुल मामलों में से मौत का आंकड़ा 3.3% है।

    पिछले हफ्ते तक स्पेन में ये रफ्तार 9.73 फीसदी, इटली में 12.72 फीसदी और यूके में 12 फीसदी थी। पूरी दुनिया में कोरोना के कारण मौत की रफ्तार सबसे साउथ कोरिया में है।

  • प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन से क्‍या बातें नि‍कल कर सामने आयी

    प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन से क्‍या बातें नि‍कल कर सामने आयी

    प्रधानमंत्री मोदी ने आज एक बार फिर देश को संबोधित किया है। 21 दिनों से चल रहे लॉकडाउन का आज आखिरी दिन था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है, साथ ही प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने का ऐलान किया है।

    पीएम मोदी ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का भारत को बहुत बड़ा लाभ मिला है। अगर सिर्फ आर्थिक दृष्टि से देखें तो बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। लेकिन, लोगों की जान की कीमत बाकी सब चीजों से बहुत ज़्यादा है। विश्वभर में हेल्थ एक्सपर्ट और सरकारों को और ज्यादा सतर्क कर दिया गया है। भारत में भी अब लड़ाई कैसे आगे बढ़ें और हम विजयी कैसे हो, हमारे यहां हो रहे नुकसान और लोगों की दिक्कतें कैसे कम हो। उन्होने कहा इसे लेकर सभी राज्यों के सरकारों और नागरिकों की मानें तो लॉकडाउन को बढ़ाने का सुझाव दिया गया है। इसी को ध्यान मे रखकर लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला लिया गया  है।

    पीएम मोदी ने देशवासियों को कहा कि अब कोरोना को हमें किसी भी कीमत पर नए क्षेत्रों में फैलने नहीं देना है। स्थानीय स्तर पर अब एक भी मरीज बढ़ता है, तो ये हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए। हमें हॉटस्पॉट को लेकर बहुत ज्यादा सतर्कता बरतनी होगी, जिन स्थानों के हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका है, उस पर भी हमें कड़ी नजर रखनी होगी। साथ ही उन्होने कहा नए हॉटस्पॉट का बनना, हमारे परिश्रम और तपस्या को और चुनौती देगा। पीएम मोदी ने कहा अगले एक सप्ताह में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कठोरता और ज्यादा बढ़ाई जाएगी। हर एक क्षेत्र को परखा जाएगा की वहाँ लॉकडाउन का पालन किया जा रहा है या नही और जो क्षेत्र इस अग्निपरीक्षा में सफल होंगे, जो हॉटस्पॉट में नहीं होंगे और जिनके हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका भी कम होगी, वहां पर 20 अप्रैल से कुछ जरूरी गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है ।

     

     

  • PM नरेन्‍द्र मोदी का ऐलान- भारत में 3 मई तक जारी रहेगा लॉकडाउन, और सख्त होंगे नियम

    PM नरेन्‍द्र मोदी का ऐलान- भारत में 3 मई तक जारी रहेगा लॉकडाउन, और सख्त होंगे नियम

    कोरोनावायरस के खिलाफ जारी जंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया है। लॉकडाउन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर राष्ट्र को संबोधित किया।

    पीएम मोदी ने कहा,

    ”साथियों, सारे सुझावों को ध्यान में रखते हुए ये तय किया गया है कि भारत में लॉकडाउन को अब 3 मई तक और बढ़ाना होगा। यानि 3 मई तक हम सभी को लॉकडाउन में ही रहना होगा, इस दौरान हमें अनुशासन का उसी तरह पालन करना है, जैसे हम करते आ रहे हैं, मेरी सभी देशवासियों से ये प्रार्थना है कि अब कोरोना को हमें किसी भी कीमत पर नए क्षेत्रों में नहीं फैलने देना है। स्थानीय स्तर पर अब अगर एक भी मरीज बढ़ता है तो यह हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए.”

    हम धैर्य बनाकर अगर रखेंगे, नियमों का पालन करेंगे तो कोरोना जैसी महामारी को भी परास्त कर पाएंगे, इसी विश्वास के साथ अंत में, मैं आज 7 बातों में आपका साथ मांग रहा :
    • पहली बात
      अपने घर के बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें, विशेषकर ऐसे व्यक्ति जिन्हें पुरानी बीमारी हो, उनकी हमें केयर करनी है, उन्हें कोरोना से बहुत बचाकर रखना है।
    • दूसरी बात-
      लॉकडाउन और Social Distancing की लक्ष्मण रेखा का पूरी तरह पालन करें, घर में बने फेसकवर या मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें।
    • तीसरी बात-
      अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए, आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें, गर्म पानी, काढ़ा का निरंतर सेवन करें।
    • चौथी बात-
      कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने में मदद करने के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल App जरूर डाउनलोड करें। दूसरों को भी इस App को डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करें
    • पांचवी बात-
      जितना हो सके उतने गरीब परिवार की देखरेख करें, उनके भोजन की आवश्यकता पूरी करें।
    • छठी बात-
      आप अपने व्यवसाय, अपने उद्योग में अपने साथ काम करे लोगों के प्रति संवेदना रखें, किसी को नौकरी से न निकालें।
    • सातवीं बात-
      देश के कोरोना योद्धाओं, हमारे डॉक्टर, नर्सेस, सफाई कर्मी, पुलिसकर्मी का पूरा सम्मान करें।

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  • दवा मिलने पर ट्रंप ने कहा, भारत की मदद को अमेरिका याद रखेगा

    दवा मिलने पर ट्रंप ने कहा, भारत की मदद को अमेरिका याद रखेगा

    कोरोना वायरस के संकट से जूझ रहे अमेरिका को भारत ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात को मंजूरी दे दी है। भारत से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात की मंजूरी मिलने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सुर बदल से गए और उन्होंने जमकर भारत और पीएम मोदी की तारीफ की। ट्रंप ने भारत की ओर से कोरोना के इलाज में उपयोग किए  जा रहे मलेरिया की दवाई हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात की मंजूरी दिए जाने के बाद कहा कि, अमेरिका इस मदद को कभी नहीं भुला पाएगा। उन्होंने भारत, भारत के लोगों और पीएम मोदी को इसके लिए धन्यवाद दिया।

    डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि,

    “मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करना चाहता हूं जिन्होंने हमारे अनुरोध को मंजूरी दी, हम इस मदद को हमेशा याद रखेंगे”

    उन्होंने आगे कहा कि, चुनौतीपूर्ण समय में दोस्तों के बीच करीबी सहयोग की जरूरत होती है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद देते  हुए कहा कि, आपके मजबूत नेतृत्व से न सिर्फ भारत को, बल्कि इस चुनौती से लड़ रही मानवता को मदद मिलेगी।

    दवा का निर्यात नहीं करने पर जवाबी कार्रवाई मे अमेरिका भी बंंद कर सकता था मेडि‍कल सामान का निर्यात  
    इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मीडिया को संबोधित कर कहा था कि अगर भारत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा सप्लाई करता है तो ठीक, वरना हम जवाबी कार्रवाई करेंगे। हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा मलेरिया के लिए होता है, जिसका भारत प्रमुख निर्यातक रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इस संबंध में मैंने रविवार की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की और उन्होंने कहा की वो  हमारी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के सप्लाई  के अनुरोध पर गंभीरता से सोचेंगे।

    भारत ने दिया था जवाब 
    कोरोना संकट से घिरे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा की आपूर्ति करने के अनुरोध पर भारत ने कहा था कि, एक जिम्मेदार देश होने के नाते हमसे जितना हो सकेगा, हम मदद करेंगे। भारत ने अमेरिका को स्पष्ट तौर पर बताया कि, हम अपने देश की जनता को कोरोना वायरस से सुरक्षित करने के बाद ही दूसरे देशों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन दवा की आपूर्ति करेंगे। इसी कारण विदेश व्यापार महानिदेशालय ने 25 मार्च को इस दवा के निर्यात पर रोक लगा दी थी।

  • अमेरिका ने भारत से की मदद की अपील

    अमेरिका ने भारत से की मदद की अपील

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद मांगी है, अभी तक अमेरिका में  कोरोना संक्रमण के 3 लाख से अधिक मामले और 8 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। अब तक पूरी दुनिया को कोरोना का कोई इलाज नहीं मिल पाया है।

    पिछले महीने भारत ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात पर रोक लगा दी थी। विदेश व्यापार महानिदेशालय ने 25 मार्च को इस दवा के निर्यात पर रोक लगा दी थी। हालांकि, डीजीएफटी ने कहा था कि, मानवता के आधार पर मामले-दर-मामले में इसके निर्यात की अनुमति दी जा सकती है।

    अमेरिका के राष्ट्रपति ने अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, की भारत बड़ी मात्रा में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन बनाते हैं। मैंने शनिवार सुबह प्रधानमंत्री मोदी से बात कर, अमेरिका के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के ऑर्डर की आपूर्ति करने का निवेदन किया।

     

    कुछ शुरुआती परिणामों के आधार पर अमेरिका कोरोना के इलाज के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का उपयोग करने पर जोर दे रहा है। हालांकि, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन दशकों से मलेरिया के उपचार के काम आती है। पिछले शनिवार को अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन से तुरंत मंजूरी के बाद, कुछ अन्य दवा के संयोजन के साथ मलेरिया की दवा का उपयोग करके न्यूयॉर्क में लगभग 1,500 कोरोना संक्रमितों का उपचार किया जा रहा है।

    ट्रंप के अनुसार दवा के सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि यदि यह सफल हो जाता है, तो यह “स्वर्ग से मिले किसी तोहफे के समान होगा”। अगले कई हफ्तों में, अमेरिका के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस के कारण एक लाख से दो लाख मौतों का अनुमान लगाया है।

    पूरी दुनिया के वैज्ञानिक दिन रात इस वायरस की वैक्सीन ढूंढने में लगे हुए हैं, ताकि लोगों की जान बचाई जा सके। इस महामारी के कारण दुनिया में अब तक 64 हजार से ज्यादा लोगों की जाने जा चुकी है।

  • Corona से जंग में PM Modi की अपील…देखे अनकट वीड‍ियो

    Corona से जंग में PM Modi की अपील…देखे अनकट वीड‍ियो

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी शुक्रवार सुबह 9 बजे देशवासियों को वीडियो संदेश में कहा कि रविवार को रात नौ बजे 9 मिनट तक घर की लाइट बंद कर दीप जलाने की अपील की। अपने वीडियो संदेश में पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के बाद लॉकडाउन के आज नौ दिन पूरे हुए हैं। इस दौरान आप सभी ने अनुशासन और सेवा भाव का परिचय दिया है, वह अभूतपूर्व है। शासन-प्रशासन और जनता जनार्दन ने मिलकर स्थिति को संभालना का भरपूर प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि आपने जिस तरह से 22 मार्च को कोरोना के खिलाफ लड़ने वाले हर व्यक्ति को धन्यवाद किया। पीएम मोदी ने कहा कि ये लॉकडाउन का समय जरूर है, हम अपने अपने घरों  में जरूर हैं, लेकिन हम में से कोई अकेला नहीं है। 130 करोड़ देशवासियों की सामूहिक शक्ति हर व्यक्ति के साथ है, हर व्यक्ति का संबल है। हमारे यहां माना जाता है कि जनता जनार्दन, ईश्वर का ही रूप होते हैं। इसलिए जब देश इतनी बड़ी लड़ाई लड़ रहा हो, तो ऐसी लड़ाई में बार-बार जनता रूपी महाशक्ति का साक्षात्कार करते रहना चाहिए। देशवासियों के लिए जारी वीडियो संदेश में पीएम मोदी ने कहा ‘इस रविवार यानी 5 अप्रैल को हम सबको मिलकर कोरोना के संकट के अंधकार को चुनौती देनी है। उसे प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है। इस पांच अप्रैल को हमें 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है। 130 करोड़ लोगों के महासंकल्प को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। 5 अप्रैल को रात नौ बजे आप सबके नौ मिनट चाहता हूं। पांच अप्रैल को रविवार को रात नौ बजे, घर की सभी लाइटें बंद करके, घर के दरवाजे या बालकनी में खड़े रहकर नौ मिनट तक मोमबत्ती, दीया या टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं। उन्होंने आगे कहा कि और उस समय यदि घर की सभी लाइटें बंद करेंगे तो चारो तरफ जब हर व्यक्ति एक-एक दीया जलाएगा तब प्रकाश की उस महाशक्ति का ऐहसास होगा, जिसमें एक ही मकसद से हम सब लड़ रहे हैं, ये उजागर होगा। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे यहां माना जाता है कि जनता जनार्दन ईश्वर का ही रूप होते हैं। इसलिए जब देश इतनी बड़ी लड़ाई लड़ रहा हो तो ऐसी लड़ाई में बार-बार जनता रूपी महाशक्ति का साक्षात्कार करते रहना चाहिए। ये साक्षात्कार, हमें मनोबल देता है, लक्ष्य देता है, उसकी प्राप्ति के लिए ऊर्जा देता है, हमारा मार्ग और स्पष्ट करता है। कोरोना महामारी से फैले अंधकार के बीच, हमें निरंतर प्रकाश की ओर जाना है। पीएम मोदी ने कहा कि इस कोरोना संकट से जो अंधकार और अनिश्चितता पैदा हुई है, उसे समाप्त करके हमें उजाले और निश्चितता की तरफ बढ़ना है। इस अंधकारमय कोरोना संकट को पराजित करने के लिए हमें प्रकाश के तेज को चारो दिशाओं में फैलाना है। इसलिए इस रविवार 5 अप्रैल को हम सबको मिलकर कोरोना के संकट के अंधकार को चुनौती देनी है उसे प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है। इस 5 अप्रैल को हमें 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है।

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  • चीन वेंटिलेटर के लिए भारत की मदद करने को तैयार

    चीन वेंटिलेटर के लिए भारत की मदद करने को तैयार

    चीन ने कहा कि, वो कोरोना वायरस के इस संकट में वेंटिलेटर की ज़रूरतों को पूरा करने में, भारत की मदद करने को तैयार है। हालांकि, चीन ने यह भी कहा कि, उसके यहां वेंटिलेटर बनानेवाली कंपनियों को आयातित पुर्ज़ों के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना वायरस के इस संकट से लड़ने के लिए, इस समय अमेरीका और भारत समेत कई देश वेंटिलेटर की ज़रूरतों को पूरा करने की कोशिश में लगे हुये हैं। चीन के वेंटिलेटर निर्माता कंपनियों ने कहा है, कि आयातित पुर्ज़ों के बिना वेंटिलेटर का उत्पादन मुश्किल है।

    वहीं, रिपोर्ट के अनुसार भारत, चीन समेत उन कई देशों की कंपनियों के संपर्क में हैं जो वेंटिलेटर और अन्य चिकित्सा उपकरणों की ज़रूरतें पूरी कर सकती हैं। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता, हुआ चुनयिंग ने बुधवार को मीडिया से कहा, “जैसा की हम जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय महामारी को मात दे रहे हैं। हम अपने अनुभव साझा करने और पूरी मदद देने के लिए तैयार हैं।”

    दरअसल, दुनियाभर में कोरोना के कारण वेंटिलेटर की मांगे बहुत बढ़ गयी है। लेकिन, एक वेंटिलेटर बनाने में लगभग 1000 से ज़्यादा पुर्ज़ें इस्तेमाल होते हैं, जो दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से आते हैं।

     

     

  • मन की बात: लॉकडाउन और कोरोना पर मन की बात कर रहे हैं पीएम मोदी

    मन की बात: लॉकडाउन और कोरोना पर मन की बात कर रहे हैं पीएम मोदी

    KKN न्यूज़ डेस्क। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन लागू होने के बाद, आज पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार सुबह 11 बजे अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। इस बार कार्यक्रम में  पीएम मोदी कोरोना वायरस की वजह से देश में उपजी परिस्थितियों को लेकर अपनी बात रख रहे हैं।

    भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 1000 पार कर चुकी है, इनमें से 25 की मौत हो चुकी है। हालांकि 86 लोग ठीक भी हो चुके हैं।

    ‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने देश की जनता से माफी मांगी, उन्होने कहा की मुझे बहुत कठोर कदम उठाने पड़े, जिससे लोगों को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। प्रधानमंत्री मोदी ने एक कोरोना संक्रमित श्री रामगंपा तेजा से बात की, जो अब ठीक हो चुके हैं। श्रीरामगंपा तेजा ने कोरोना के प्रति अपना अनुभव साझा किया। पीएम मोदी ने उन्हें, अपने अनुभव को रिकॉर्ड कर साेशल मीडिया पर साझा करने की सलाह दी। इसके बाद पीएम ने डॉक्टरों से बात की और उन्हें धन्यवाद दिया।