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  • बिहार में कांटी से आरजेडी के विधायक Israil Mansuri ने रामराज के बारे में क्या कहा…

    बिहार में कांटी से आरजेडी के विधायक Israil Mansuri ने रामराज के बारे में क्या कहा…

    बिहार के कांटी से आरजेडी विधायक Israil Mansuri ने कहा कि आजादी के बाद आज तक बिहार में आईटी कानून नहीं था। आईटी मंत्री रहतें हुए उन्होंने पहली बार आईटी कानून बनाए। इस दौरान मंत्री रहते हुए उनको ब्यूरोक्रेशी का असली चेहरा देखने को मिला। पॉलिटिकल वेनडेटा के शिकार हुए। हत्या का आरोप लगा। रामकथा में जाने को विवादित बना दिया गया। बावजूद इसके इलाके की विकास के लिए और लोकसभा चुनाव को लेकर क्या कहा? देखिए, इस रिपोर्ट में…

  • बिहार के वैशाली में परिणाम चौकाने वाला होगा क्या…

    बिहार के वैशाली में परिणाम चौकाने वाला होगा क्या…

    एनडीए के कोर वोट में आरजेडी की सेंधमारी

    KKN न्यूज ब्यूरो। बिहार के वैशाली को गणतंत्र की जननी कहा जाता है। बौद्ध और जैन धर्म के कई प्रचीन अवशेष आज भी यहां मौजूद है। इसी वैशाली में भगवान महावीर का जन्म हुआ था। भगवान बुद्ध ने इसी धरती से ज्ञान का संदेश दिया था। सम्राट अशोक की यह कर्मभूमि रह चुका है। नगरवधू आम्रपाली के किस्से यहां बिखरे पड़े है। आजाद भारत में वैशाली की अपनी अलग पहचान बनी। आरंभिक दिनों में कॉग्रेस के साथ खड़ी रहने वाली वैशाली, हालिया कुछ दशकों में समाजवादियों का गढ़ बन चुकी थी। किंतु, 2014 की मोदी लहर में वैशाली से समाजवाद का किला ढ़ह गया। वैशाली लोकसभा सीट पर एनडीए के घटक एलजेपी का कब्जा हो गया। हालांकि, इस बार स्थानीय सांसद के प्रति वैशाली में एन्टी इनकन्वेंसी फैक्टर से इनकार नहीं किया जा सकता है। दूसरी ओर आरजेडी ने एनडीए के कोर वोट में सेंधमारी करके, खेला कर दिया है। जाहिर है वैशाली में लोकसभा का चुनाव दिलचस्प मोड़ पर आ गया है।

    ईमान के जीत की उम्मीद पालना बेइमानी होगा

    लोकसभा चुनाव का आगाज होते ही… आम से खास तक… और महलों की अट्टालिकाओं से चाय- पान की दुकान तक… लोगों की उत्सुकता… ये है कि इस बार वैशाली का विजेता कौन होगा? दरअसल, हम इन्हीं सवालों में उलझ कर, बुनियादी समस्याओं को खो देते है। भ्रष्ट्राचार, महंगाई और बेरोजगारी… जैसे भारी- भरकम शब्द… आज अपना अर्थ खो रहा है। अर्थ खोने से… मेरा मतलब ये है कि अब महंगाई को लेकर न कोई आंदोलन होता है और नाही कही आक्रोश देखने को मिलता है। ऐसा लगता है… जैसे लोगों ने महंगाई को अत्मसात कर लिया है। इसी प्रकार भ्रष्ट्राचार को लेकर भी… हम लोग सलेक्टिव हो गए है।  हमी में से कई लोग… इन्हीं भ्रष्ट्राचारियों के बचाव में खड़ा हो जाता है। पूरी मुस्तैदी और मजबूती से खड़ा हो जाता है। कहतें हैं कि हमारा वाला ठीक है…। फसाया गया है…। उसका वाला… भ्रष्ट्राचारी है। हमारे इसी सलेक्टिव एप्रोच की वजह से भ्रष्ट्राचरियों का मनोबल बढ़ता है। यदि, इसको रोका नहीं गया… तो इमान की जीत होगी… इसका उम्मीद पालना. भी बेइमानी होगा…।

    अशोक स्तंभ

    क्या इस चुनाव के बाद भ्रष्ट्राचार में कमी आयेगी

    वैशाली की गलियों में राष्ट्रीय मुद्दा को लेकर चर्चा है। पर, गणतंत्र की जननी कहलाने वाले वैशाली के लोगों में… क्या, यह साहस… शेष नहीं बची है… कि वह अपने उम्मीदवार से यह पूछे… कि आपके जितने के बाद… सरकारी कार्यालय में… बिना चढ़ावा दिए… मेरा आवासीय या जाति प्रमाण- पत्र बनेगा क्या…? क्या सरकारी बाबू… समय पर… दाखिल- खारिज करेंगे…? क्या थानेदार… आम लोगों की सुनेगें… ? सवाल ये… कि क्या आप एक ऐसा प्रतिनिधि चुनने पर विचार कर रहें हैं… जो सिस्टम और आपके बीच में सक्रिय बिचौलिए को समाप्त कर सके? यह तमाम छोटे- छोटे सवाल है…। पर, इसके मायने बड़े है। कहतें हैं कि सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार की बात… करके चुनाव जितने वाले, चुनाव जितने के बाद क्या करतें है? यह बात अब किसी से छिपा नहीं है। पहले इन्हीं छोटी- छोटी समस्याओं पर अपने उम्मीदवारों से सवाल पूछ कर देखिए…। आपको बात समझते… देर नहीं लगेगा।

    क्या विकास पर भारी पड़ेगा जातीय समीकरण

    सच तो ये है कि आप इस विषय पर… नहीं सोच रहें हैं। बल्कि, आप सोच रहें होंगे… कौन जाति… किसको वोट करेगा… ? फलां जाति वाले… यदि ऐसा किए… तो क्या होगा… ? मुसलमान का वोट… एकमुस्त किधर जायेगा… ? अगड़ी जाति का वोट किधर जायेगा… ? पिछड़ी जाति का वोट किधर जायेगा… ? पिछड़ों में अति पिछड़ा कितना प्रतिशत… किसके साथ जायेगा….और दलित वोट का एक हिस्सा इधर… तो दूसरा हिस्सा किधर जायेगा… ? जीत- हार के इसी गुणा- गणित में जबतक हम उलझे रहेंगे… तबतक मीनापुर में बूढ़ी गंडक नदी पर चांदपरना हो… या हरशेर पुल… बनाने की बात को कोई गंभीरता से नहीं लेगा। घोसौत में अस्पताल के समुचित संचालन को… कोई गंभीरता से नहीं लेगा। मोतीपुर में चीनी मिल के चालू करने की बात… बेइमानी हो जायेगी। सभी प्रखंडों में किसानों के लिए मल्टी पर्पस कोल्डस्टोरेज हो या खाद- बीज की समय पर उपलब्धता…। हमारे रहनुमाओं के लिए.. ऐसे तमाम विषय… कोई मायने नहीं रखेगा। उन्हें पता है कि समीकरण ठीक हो गया… तो जीत पक्की है।

    स्पीड ब्रेकर

    स्पीड ब्रेकर भी बढ़ा रही है राहगीरों की मुश्किलें

    जाहिर है, राजनीति करने वालों का पूरा फोकस… समीकरण बनाने पर होता है। उनको करने दीजिए…। आप तो पूछ ही सकतें हैं… सड़क तो पक्की बन गया…। पर, इस पर इतने स्पीड ब्रेकर है… कि दूरी तय करने में… पहले से अधिक समय लग रहा है। पेट्रोल की खपत भी बढ़ गई है। हम इसकी शिकायत लेकर कहा जायें… ? हमारी सुनने वाला कौन है… ?  शराब बंदी कानून लागू है। बावजूद इसके… नशेड़ियों की हरकत सरेआम जारी है। हाट- बाजार से बाइक चोरी की घटना में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। सड़क लुटेरा और अपराधियों की गतिविधि थमने का नाम नहीं ले रहा है। छोटी- छोटी घटनाओं को पुलिस हल्के में लेती है। ऐसे में आम आदमी… कहा जाये… किससे न्याय की गुहार लगाये… ? इस तरह के और भी कई सवाल है, जो इसी लोकसभा चुनाव में मौजू बन सकता है…।

    छोटी- छोटी समस्याओं का समाधान होगा क्या

    आम आवाम इन्हीं छोटी- छोटी समस्याओं से परेसान है। सवाल उठता है कि क्या हमारे उम्मीदवार… इन सवालों के प्रति गंभीर हैं… ? चलिए, इन बातो को छोर देते है। विकास की बात करते है। पांच साल में वैशाली लोकसभा क्षेत्र का क्या विकास हुआ… ? पताही में हवाईअड्डा बना? एसकेएमसीएच को एम्स का दर्जा मिला? इस इलाके से मजूदरों के पलायन में कमी आयी… ? नलजल लगा… बेशक लगा… पर, कितने गांव है… जिसमें 24 घंटा.. या कम से कम 12 घंटा ही पानी की सप्लाई हो रही है? एक अदद बिजली के बिल में गड़बरी हो जाये… तो महीनों कार्यालय का चक्कर काटना पड़ता है। ऐसे और भी तमाम सवाल… वोट मांगने आये, नेताओं से तो पूछ ही सकते है…। कहतें है कि बड़े- बड़े भ्रष्ट्राचारियों पर लम्बे भाशण देने वालों से पूछिए कि गांव और कस्वों के इन छोटे भ्रष्ट्राचारियों से कब मुक्ति मिलेगी… ? ऐसे और भी कई सवाल है…। जिसका उत्तर जाने बिना… यदि आप मतदान करेंगे… तो आप अपना और अपने बच्चों के भविष्य के लिए खुद ही जीम्मेदार कहलायेंगे…।

    शांति स्तूप

     विश्व को लोकतंत्र देने वाले वैशाली का क्या होगा

    ताज्जुब की बात ये है कि यह सभी कुछ गणतंत्र की जननी कहलाने वाले… वैशाली में हो रहा है। कहतें हैं कि बिहार के वैशाली का इतिहास काफी पुराना है। जैन और बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए यह एक पवित्र स्थान रहा है। जैन धर्म के अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर का इसी धरती पर जन्म हुआ था। भगवान बुद्ध ने अपने ज्ञान से इस धरती को सींचा है…। इसको सम्राट अशोक की कर्मस्थली भी कहा जाता है। सबसे बड़ी बात ये… कि वैशाली को विश्व में लोकतंत्र की प्रथम प्रयोगशाला के रूप में जाना जाता है। कहते है कि लिच्छवी राजवंश ने सबसे पहले यहां गणतंत्र की शुरुआत की थी। आजाद भारत में भी वैशाली का अपना महत्व रहा है। वैशाली लोकसभा में कुल छह विधानसभा आता है। इसमें मीनापुर, कांटी, बरुराज, पारू, साहेबगंज और वैशाली विधानसभा… शामिल है। यहां छठे चरण में 25 मई को मतदान होना है।

    मोदी लहर में वैशाली से ढ़हा आरजेडी का किला

    कहतें हैं कि एक समय वैशाली को राजद का मजबूत गढ़ कहा जाता था। राजद के वरिष्ठ नेता डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह यहां से लगातार पांच बार सांसद निर्वाचित हुए। वर्ष 2014 के मोदी लहर में वैशाली से राजद का किला ढ़ह गया। वर्ष 2014 की मोदी लहर में एलजेपी की टीकट से रामाकिशोर सिंह उर्फ रमा सिंह निर्वाचित हुए। जबकि, वर्ष 2019 में एलजेपी टीकट पर वीणा देवी ने रघुवंश बाबू को मात दे दी। इस बार यानी वर्ष 2024 में एक बार फिर से एलजेपी की टीकट पर वीणा देवी उम्मीदवार है। वेशक मोदी लहर का लाभ… 2019 में वीणा देवी को मिला था। पर, इस बार हालात थोड़े अलग दिखाई दे रहा है। इलाके में सक्रियता और विकास कार्यो में शिथिलिता को लेकर इस बार उन्हें लोगों के जबरदस्त असंतोष का सामना करना पड़ रहा है।

     आरजेडी की रणनीति से सकते में एनडीए

    आरजेडी से मुन्ना शुक्ला मैदान में है। मुन्ना शुक्ला 2000 में वैशाली जिले के लालगंज विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक रह चुके हैं। इसके बाद वर्ष 2005 के फरबरी में एलजेपी और नवंबर में जेडीयू की टीकट से चुनाव जीत कर विधायक रह चुके है। हालांकि, बृज बिहारी हत्याकांड में मुन्ना शुक्ला को जेल जाना पड़ा था। इसके बाद उनकी पत्नी अन्नू शुक्ला को जेडीयू का टिकट मिला और वो चुनाव जीत गई। मुन्ना शुक्ला इससे पहले दो बार वैशाली से लोकसभा चुनाव में अपना किस्मत आजमा चुके है। पहली बार वर्ष 2004 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में दो लाख 56 हजार वोट मिला था…। जबकि, दूसरी बार वर्ष 2009 में जदयू के टिकट पर चुनाव लड़े और करीब दो लाख 63 हजार वोट बटोरने में कामयाब रहे। बहरहाल 2024 के लोकसभा चुनाव में आरजेडी की टीकट से मुन्ना शुक्ला के चुनावी मैदान में आने के बाद… वैशाली लोकसभा में मुकाबला दिलचस्प हो गया है। मुन्ना शुक्ला भूमिहार समाज से आते है। भूमिहारो को एनडीए का कोर वोट माना जाता है। यदि, वैशाली में मुन्ना शुकला की वजह से भूमिहार आरजेडी के साथ हो गया, तो एनडीए के लिए मुश्किल बढ़ सकता है। अब देखना है कि उंट… किस करबट बैठता है।

  • Ground Zero : BJP बनाम RJD यानि महागठबंधन और एनडीए के बीच हीं Bihar में मुकाबला होगा

    Ground Zero : BJP बनाम RJD यानि महागठबंधन और एनडीए के बीच हीं Bihar में मुकाबला होगा

    इस विशेष ग्राउंड रिपोर्ट में, साहिला रामपुर गाँव के लोगों के विचारों को समझने का प्रयास किया गया है, जो मुजफ्फरपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में आता है। गाँव के निवासियों के अनुसार, चुनावी लड़ाई न केवल आरजेडी और भाजपा के बीच है, बल्कि यह ट्रेडिशनल आरजेडी बनाम जेडी(यू) की नजरिया बदलती हुई राजनीति का भी परिचय देता है।

    इसके अलावा, एक चिंताजनक मुद्दा सामने आता है बिहार में शराब पर प्रतिबंध के प्रभाव के बारे में। कुछ गाँव वासियों के अनुसार, प्रतिबंध के कारण, महिलाएं स्थानीय शराब बनाने में लगी हैं, जिससे उनकी कारावास में चली जाती है। यह चौंकाने वाला ट्रेंड राज्य की सख्त शराब नीतियों के अनभवी परिणामों पर प्रकाश डालता है, और इसके सामाजिक प्रभाव पर चर्चा को जगाता है।

    इसके अलावा, नीतीश कुमार द्वारा प्रमुखित “7 निश्चय” योजना गाँव वासियों से तीखी आलोचना पाती है, जिन्हें यह “पूरी तरह से विनाशकारी” माना जाता है। नाटकीय खातों और खुले विचारों के साथ, यह ग्राउंड रिपोर्ट साहिला रामपुर की आवाज़ों को सुनाने के लिए एक मंच के रूप में काम करता है, जो बिहार की राजनीतिक और सामाजिक प्रशासनिक परिस्थितियों की मूल वास्तविकताओं के लिए मौजूदा संदर्भ की प्रदान करता है।

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  • नीतीश की भाजपा से दूरी कब और क्यों

    नीतीश की भाजपा से दूरी कब और क्यों

    KKN न्यूज ब्यूरो। बिहार की राजनीति में एक बड़ा बदलाव आ गया है। भाजपा और जदयू का गठबंधन टूट गया है और नीतीश कुमार अब महागठबंधन के साथ मिल कर सरकार बनाने की तैयारी में है। दरअसल, 26 साल में ये दूसरी बार है जब नीतीश कुमार भाजपा से अलग हो रहे हैं। समता पार्टी का गठन करने के बाद से नीतीश कुमार भाजपा के साथ आ गए थे। वर्ष 2000 में पहली बार भाजपा की मदद से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने थे।

    सात दिन के मुख्यमंत्री

    2000 में विधानसभा चुनाव हुए। तब नीतीश कुमार की पार्टी का नाम समता पार्टी था। वर्ष 2000 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में समता पार्टी ने भाजपा और कुछ अन्य छोटे दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। दूसरी ओर से राजद, कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी मैदान में थी। एनडीए गठबंधन को चुनाव में 151 सीटें मिलीं। भाजपा ने 67 सीटें जीती थीं। नीतीश कुमार की पार्टी के 34 उम्मीदवार चुनाव जीते थे। उनदिनो केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी। एनडीए गठबंधन ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री चुन लिया। नीतीश ने सीएम पद की शपथ भी ले ली। हालांकि, बहुमत का आंकड़ा 163 था। राजद की अगुआई वाली यूपीए के पास 159 विधायक थे। बहुमत का आंकड़ा नहीं होने के कारण नीतीश को सात दिन के अंदर ही इस्तीफा देना पड़ा और यूपीए गठबंधन की सरकार बनी।

    विलय के बाद बना एनडीए

    वर्ष 2003 में समता पार्टी, लोक शक्ति, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और जनता दल (शरद यादव ग्रुप) का जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नाम से विलय हो गया। जदयू और भाजपा ने मिलकर एनडीए गठबंधन में चुनाव लड़ा। फरवरी 2005 में हुए विधानसभा चुनाव में किसी भी गठबंधन या दल को बहुमत नहीं मिला था। राम विलास पासवान की लोजपा को 29 सीटें मिलीं। पासवान जिसके साथ जाते उसकी सरकार बनती। लेकिन, पासवान दलित या मुस्लिम मुख्यमंत्री बनाने की मांग पर अड़ गए। दोनों ही गठबंधन उनकी शर्त मानने को तैयार नहीं हुए। क्योंकि, एक तरफ तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी नेता थीं, तो दूसरी तरफ नीतीश कुमार गठबंधन के नेता थे। छह महीने राज्य में राष्ट्रपति शासन रहा।

    जदयू का बढ़ा जनाधार

    बिहार में नए सिरे से चुनाव हुआ और एनडीए को बहुमत मिल गया। नवम्बर 2005 में नीतीश कुमार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने और पांच साल तक मुख्यमंत्री बने रहे। उस समय जदूय को 88 और भाजपा को 55 सीटें मिली थी। एनडीए गठबंधन ने 2010 में भी साथ में मिलकर चुनाव लड़ा। तब जदयू को 115, भाजपा को 91 सीटें मिली थी। लालू प्रसाद यादव की राजद 22 सीटों पर सिमटकर रह गई थी। तब तीसरी बार नीतीश कुमार को बिहार की सत्ता मिली।

    भाजपा को पहली बार दिखाया ठेंगा

    वर्ष 2013 में नीतीश कुमार ने भाजपा से 17 साल पुराने संबंध को तोड़ कर साथ साथ छोड़ दिया था। तब भाजपा ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की घोषणा की थी। नीतीश कुमार भाजपा के इस फैसले से सहमत नहीं थे। लिहाजा, उन्होंने एनडीए से अलग होने का फैसला ले लिया। भाजपा के सभी मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया गया। दूसरी ओर राजद ने नीतीश कुमार को समर्थन का एलान कर दिया। नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद पर बने रहे।

    मांझी को बनाया मुख्यमंत्री

    वर्ष 2014 का लोकसभा चुनाव नीतीश कुमार की पार्टी ने अकेले लड़ा। उसे महज दो सीटों पर जीत मिली। एनडीए केंद्र की सत्ता में आई। नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने। लोकसभा चुनाव में हार के बाद नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने महादलित परिवार से आने वाले जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बना दिया। हालांकि, फरवरी 2015 में नीतीश कुमार ने फिर से बिहार की कमान अपने हाथ में ले ली और मुख्यमंत्री बने। इस बार उनकी सहयोगी राजद और कांग्रेस थी।

    भाजपा को दी पटखनी

    वर्ष 2015 विधानसभा चुनाव से पहले जदयू, राजद, कांग्रेस समेत अन्य छोटे दल एक साथ आ गए। सभी ने मिलकर महागठबंधन बनाया। तब लालू प्रसाद की राजद को 80 और नीतीश कुमार की जदयू को 71 सीटें मिली। भाजपा के 53 विधायक चुने गए। राजद, कांग्रेस और जदयू ने मिलकर सरकार बनाई और नीतीश कुमार फिर से पांचवी बार मुख्यमंत्री बन गए। लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम बने और दूसरे पुत्र तेजप्रताप यादव स्वास्थ्य मंत्री बनाए गए। किंतु, 2017 में तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो नीतीश कुमार असहज हो गये और इस्तीफा दे दिया। हालांकि, चंद घंटों बाद भाजपा के साथ मिलकर फिर से सरकार बना ली।

    कम सीट को बताया साजिश

    वर्ष 2020 में भाजपा और जदयू ने मिलकर एनडीए गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़ा। तब जदयू ने 115 और भाजपा ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा था। भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 74 सीटें हासिल की। ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद जदयू सिर्फ 43 सीटें जीत पाई थी। नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री बन गये। भाजपा से दो उप मुख्यमंत्री बनाए गए। विधानसभा चुनाव में कम सीट मिलने को नीतीश कुमार भाजापा की साजिश मान कर चुप बैठे रहे। किंतु, आरसीपी प्रकरण के बाद भाजपा पर पार्टी को तोड़ने का आरोप लगाते हुए उन्होंने एनडीए छोड़ने का ऐलान कर दिया है।

    बहुमत का आसान अंकगणित

    अभी बिहार विधानसभा में सीटों की कुल संख्या 243 है। यहां बहुमत साबित करने के लिए किसी भी पार्टी को 122 सीटों की जरूरत होती है। वर्तमान आंकड़ों को देखें तो बिहार में सबसे बड़ी पार्टी राजद है। उसके पास विधानसभा में 79 सदस्य हैं। वहीं, भाजपा के 77, जदयू के 45, कांग्रेस के 19, वाम दलों के 16, एआईएमआईएम का 01, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के 04 विधायक और एक निर्दलीय विधायक हैं। अब एक बार फिर से जदयू एनडीए से अलग हो गई है और महागठबंधन के साथ मिल कर सरकार बनाने की कबायत अंतिम चरण में है।

    यादगार राजनीतिक सफर

    वर्ष 1985 में नीतीश कुमार ने पहली बार नालंदा की हरनौत सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था। चार साल बाद 1989 में जनता दल के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़े। इसके बाद 1990 की बात है। तब नीतीश कुमार ने जनता दल में अपने वरिष्ठ नेता लालू प्रसाद यादव को मुख्यमंत्री बनवाने में खूब मदद की। नीतीश कुमार हमेशा लालू प्रसाद को बड़े भाई कहकर बुलाते थे। वर्ष 1991 में मध्यावधि चुनाव में नीतीश बाढ़ इलाके से चुनाव जीता। वर्ष 1994 में नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद से बगावत कर दी और जॉर्ज फर्नांडीज के साथ मिलकर समता पार्टी का गठन किया। उनका बेदाग राजनीतिक सफर यादगार बन चुका है।

  • महागठबंधन की सरकार बनीं तो सलाखों में होगा दलाल : मुन्ना यादव

    महागठबंधन की सरकार बनीं तो सलाखों में होगा दलाल : मुन्ना यादव

    पांच वर्षो के कार्यकाल में समाज को एकजुट रखने का भरपुर प्रयास  किया और समानभाव से सभी पंचायतो का विकास किया। यें बातें कहीं है  राजद विधायक मुन्ना यादव ने। केकेएन लाइव के ‘’इनसे मिलिए’’ सेगमेंट में बोलते हुए विधायक मुन्ना यादव ने कहा कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी तो छह महीने के भीतर सभी दलालो को सलाखो के पीछे भेज दिया जायेगा। गृह क्षेत्र मीनापुर विधानसभा के विकास का मुद्दा हो या विधि-व्यवस्था का मुद्दा। भविष्य के सपने हो या धमकी देने का आरोप। विधायक ने खुल कर अपनी बातें कहीं। देखिए, पूरी बातचीत…

  • बिहार में महागठबंधन की सरकार बनना तय

    बिहार में महागठबंधन की सरकार बनना तय

    बिहार में तेजश्वी यादव की अगुवाई में महागठबंधन की सरकार बनना तय है। यें बातें कही है राजद के युवा नेता विक्रांत यादव ने। राजद युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव विक्रांत यादव KKN लाइव के ‘’इनसे मिलिए’’ सेगमेंट में ऑनलाइन जुड़े थे। उन्होंने कहा कि इस वर्ष होने वाली बिहार विधानसभा चुनाव में बेरोजगारी और विधि व्यवस्था का मुद्दा पुरजोर तरिके से उठेगा। भ्रष्ट्राचार और घोटाले की बातें होगी। इसी प्रकार महागठबंधन के घटक दल और लोकल स्तर के राजनीति को लेकर विक्रांत यादव ने और क्या कहा? देखिए, इस रिपोर्ट में…

  • तेज तेजस्वी में हुआ एका, कहा जिसे दिक्कत हो वह छोड़ दे पार्टी

    तेज तेजस्वी में हुआ एका, कहा जिसे दिक्कत हो वह छोड़ दे पार्टी

    बिहार के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार के दो युवराज तेज प्रताप यादव और तेजश्वी यादव के बीच अनबन की अटकलो पर आज पूर्णविराम लग गया। तेज प्रताप यादव ने कहा कि तेजश्वी के लीडरशीप पर कोई विवाद नहीं है और जिसे इसको लेकर दिक्कत है, वह पार्टी छोड़ दे।

    तेज प्रताप के बयान से तेजश्वी को मिला राहत

    लोकसभा चुनाव 2019 में राजद को मिली हार के बाद राजद नेता तेजस्वी यादव को आज बड़ा राहत मिला। उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव खुल कर अपने भाई के बचाव में खड़े हो गएं हैं। आरजेडी नेता तेज प्रताप यादव ने पार्टी नेतृत्व को लेकर बयान दिया और कहा कि अगर किसी को तेजस्वी की लीडरशिप से दिक्कत है तो वह पार्टी छोड़ सकते हैं। चाहे वह महागठबंधन हो या राष्ट्रीय जनता दल। दोनों में यह नियम समान रूप से लागू है। कहा कि मैं हमेशा तेजस्वी के साथ खड़ा रहा हॅू और आगे भी साथ रहेंगे।

    ईवीएम पर उठाये सवाल

    आरजेडी नेता तेज प्रताप यादव ने एक सवाल के जवाब में ईवीएम को लेकर कई सवाल उठाए। कहा कि ईवीएम में हेरफेर हुई है। कहा कि इस पर कई वीडियो वायरल हुए। पर, चुनाव आयोग ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। ईवीएम बनाने वाली जापान की एक कंपनी ने भी सवाल खड़े किये है। स्मरण रहें कि तेजप्रताय यादव ने लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी से बागी तेवर अपनाए रखा। उनके मनचाहा कैंडिडेट को टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने पार्टी से बगावत कर ली थी। हालांकि, हालिया बयान देकर उन्होंने अपने छोटे भाई के लीडरशीप में भरोसा जता कर राजनीति का मास्टस्टॉक खेल दिया है।

  • बिहार में महागठबंधन के सीटो का हुआ ऐलान

    बिहार में महागठबंधन के सीटो का हुआ ऐलान

    बिहार में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर महागठबंधन में सीट बटवारे की शुक्रवार को घोषणा कर दी गई। इसी के साथ महागठबंधन ने पहले चरण के उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर दी है। आरजेडी ने अपने कोटे की सीटों में से एक सीट माले को देने की घोषणा की है। शरद यादव और उनके एक और उम्मीदवार राजद के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे और लोकसभा चुनाव के बाद उनके दल का राजद में विलय हो जायेगा।


    किसके खाते में कितनी सीट


    लोकसभा चुनाव के लिए बिहार से आरजेडी ने 20 सीटो पर चुनाव लड़ेगी। हालांकी आरजेडी ने अपने कोटे का एक सीट माले को देने की घोषणा कर दी है। इसी प्रकार कांग्रेस 09 सीटो पर चुनाव लड़ेगी। जबकि, रालोसपा को 05, हम को 03 और बीआईपी को 03 सीटे मिली है।


    पहले चरण के उम्मीदवार


    महागठबंधन ने पहले चरण में बिहार के लोकसभा उम्मीदवारो के नामो की भी घोषणा कर दी है। गया से हम के टिकट पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी महागठबंधन के उम्मीदवार होंगे। वहीं, नवादा सीट पर राजद उम्मीदवार विभा देवी, जमुई से आरएलएसपी के उम्मीदवार भूदेव चौधरी और औरंगाबाद सीट से हम उम्मीदवार उपेंद्र प्रसाद उम्मीदवार होंगे।


    विधानसभा उप चुनाव


    बिहार विधान सभा के उप चुनाव के लिए भी महागठबंधन ने अपने उम्मीदवारो की घोषणा कर दी है। डिहरी से राजद के मो. फिरोज हुसैन और नवादा से धीरेंद्र कुमार सिंह हम पार्टी के प्रत्याशी होंगे।

  • बिहार में मजबूती से उभरेगा महागठबंधन : मुन्ना यादव

    बिहार में मजबूती से उभरेगा महागठबंधन : मुन्ना यादव

    KKN लाइव लेकर आया है…इनसे मिलिए सेगमेंट..प्रत्येक बुधवार शाम 5 बजे…आज के हमारे मेहमान है, बिहार विधानसभा के सदस्य और राजद विधायक राजीव कुमार उर्फ मुन्ना यादव। देखिए, Exclusive इंटरव्यू…। KKN लाइव पर…

  • सीएम नेतृत्व छोड़े तो राजद समर्थन देने पर करेगा पुर्नविचार : तेजश्वी

    सीएम नेतृत्व छोड़े तो राजद समर्थन देने पर करेगा पुर्नविचार : तेजश्वी

    पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए से नाता तोड़ कर नेतृत्व करने की जिद छोड़ें तो राजद फिर से जदयू को समर्थन देने पर विचार कर सकता है। ये बातें कही है नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने।

    गुरुवार को राजद के 22वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह का उद्घाटन करने के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए तेजश्वी ने कहा कि कहा कि लालू प्रसाद ने बहुत त्याग किया, अब नीतीश कुमार भी त्याग करें, राजनीति से रिटायरमेंट ले लें। हालांकि अपने संबाोधन में तेजश्वी ने यह भी दावा किया कि भाजपा चुनाव के ठीक पहले जदयू का साथ छोड़ देगी।
    कहा कि लोकसभा व बिहार विधानसभा का चुनाव साथ में हो सकता है, इसलिए कार्यकर्ता सचेत हो जाएं। घर-घर संपर्क करें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पूरी शक्ति लगाए हुए हैं, ताकि ऐसा माहौल बन जाए कि लोग कहने लगे कि महागठबंधन के लोग उन्हें यानी नीतीश कुमार को बुला रहे हैं। तेजश्वी ने कहा कि सावधान रहें, हमें उनकी कोई जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर चुटकी लेते हुए कहा कि वे क्या-क्या बंदी कराएंगे और कब पलटी मार जाएंगे, यह कोई नही जानता। कहा कि नई शराब नीति आ रही है। गुजरात के शराब माफिया ही नहीं चाहते है कि बिहार में फिर से शराब शुरू हो। क्योंकि यह शराब माफियाओं के लिए एक बड़ा बाजार बन चुका है।
    तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार यदि एक-दो साल के लिए मुख्यमंत्री बनने का ऑफर देंगे तो वह उसे ठुकरा देंगे। कहा कि मुझे किसी व्यक्ति की कृपा से नहीं, जनता के आशीर्वाद से मुख्यमंत्री बनना है। साल 2020 में नहीं तो 2035 में मुख्यमंत्री बनेंगे। तेजश्वी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री रिटायरमेंट लें या न लें जनता उन्हें रिटायर कर देगी। अगला चुनाव आंबेडकर-गांधीवादी बनाम मनुवादी-गोलवलकर के लोगों के बीच होगा। उन्होंने भाजपा व आरएसएस से कार्यकर्ताओं को सावधान रहने को कहा। कहा कि नेतृत्व को लेकर भ्रम में न रहें। पार्टी में अनुशासन पर जोर देते हुए कहा कि बड़े भाई ने मुझे हमेशा आशीर्वाद दिया है।
    इससे पहले पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव ने तेजस्वी को मुकुट पहनाकर सम्मानित किया और कहा कि दोनों भाई एकजुट हैं। असामाजिक तत्वों को जड़ से मिटा देंगे। विपक्ष पर उन्हें बदनाम करने का आरोप लगाया और कार्यकर्ताओं से सत्य का साथ नहीं छोड़ने की अपील की। पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि 2019 का इंतजार नहीं करना है। एनडीए सरकार को इसी वर्ष गिरा देना है। पूर्व सांसद जगदानंद सिंह ने पार्टी की संघर्ष यात्रा की जानकारी दी। शिवानंद तिवारी, डॉ. कांति सिंह, जयप्रकाश नारायण यादव, राजेंद्र राम, शिवचंद्र पासवान, राजेंद्र पासवान ने भी विचार रखे।
    मौके पर पार्टी के पूर्व एवं वर्तमान सांसद, विधायक, विधान पार्षद, पार्टी पदाधिकारी व अन्य प्रमुख नेता उपस्थित थे। समारोह की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामचंद्र पूर्वे ने की और संचालन प्रदेश महासचिव आलोक मेहता ने किया। समारोह में सुनील कुमार पुष्पम, रामप्रताप नीरज, विनोद कुमार कुशवाहा आदि ने राजद की सदस्यता ग्रहण की है।

  • मीनापुर में राजद चला गांव की ओर

    मीनापुर में राजद चला गांव की ओर

    मुजफ्फरपुर। नीतीश- मोदी का भंडाफोर, राजद चला गांव की ओर…। मीनापुर में राजद ने अपने इस महाअभियान का आगाज कर दिया है। चौदह रोज तक चलने वाली इस महाअभियान के प्रथम रोज सोमवार को राजद ने पैगम्बरपुर और चतुरसी पंचायत के गांवों में बैठक की और लोगो से संपर्क साधा।

    महाअभियान के दौरान लोगो को संबोधित करते विधायक मुन्ना यादव ने कहा कि नीतीश और मोदी की जोड़ी ने मिल कर राज्य के लोगो को ठगा है। बेरोजगार चरम पर है और महंगाई की मार से किसान हाहाकार कर रहें हैं। विधायक ने कहा कि सूबे में अपराधियों का राज है, महिलाओं पर अत्याचार बढ गयें हैं। दलित और अल्पसंख्यक डरे हुए है और नीतिश की सरकार मूक दर्शक बन कर बैठी हुई है।
    विधायक ने बिहार सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार नोटबंदी, शराबबंदी, दहेजबंदी और बालूबंदी के अतिरिक्त और कुछ भी करने को तैयार नही है। कहा कि गरीबो को मिलने वाला राशन हो या पेंशन, सरकार ने इसमें जबरदस्त कटौती करके अपना गरीब बिरोधी चेहरा लोगो के सामने ला दिया है। किसानो को उचित मूल्य पर खाद और बीज नही मिल रहा है। गेंहू के क्रय केन्द्र से लेकर प्रखंड मुख्यालय तक बिचौलिए हावी है।
    इससे पहले पैगम्बरपुर में छोटेलाल यादव और चतुरसी में मो. रसीद की अध्यक्षता में महाअभियान को राजद नेता उमाशंकर सहनी, सच्चिदानन्द कुशवाहा, राजगीर राम, जवाहर राम, बिक्रांत यादव, सोनफी राय, मोइम अंसारी, पवन यादव, कमल बैठा, शंभू साह, लक्ष्मण चौधरी, मो. अलमुद्दीन आदि दो दर्जन से अधिक लोगो ने संबोधित किया है।

  • राजद विधायक के बगावती तेबर

    राजद विधायक के बगावती तेबर

    मुजफ्फरपुर। मुजफ्फरपुर के गायघाट से राजद के टिकट पर विधायक बने महेश्वर यादव ने एक बार फिर से अपने ही पार्टी के खिलाफ मुखर हो कर बगावत के स्वर को बुलंद किया है। विधायक श्री यादव ने सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की न सिर्फ तारीफ की बल्कि यहां तक कह दिया कि राजद रसातल में जा रही है।

    राजद विधायक महेश्वर यादव ने कहा कि बिहार में जो कुछ भी विकास हुआ है, वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की देन है। कहा कि उन्हीं के कारण बिहार में विकास नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव जेल में हैं और पार्टी रसातल में जा रही है। श्री यादव ने कहा कि पार्टी पर एक परिवार के लोगों का कब्जा हो गया है। वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी हो रही है। कहा कि पार्टी में वरिष्ठ नेताओं को मान-सम्मान नहीं मिल रहा है। साथ ही राजद अपने उद्देश्यों से भटक गई है।

  • उपचुनाव में राजद ने की प्रत्याशी की घोषणा

    उपचुनाव में राजद ने की प्रत्याशी की घोषणा

    बिहार। बिहार के अररिया लोकसभा व जहानाबाद विधानसभा उपचुनाव के लिए राजद ने अपने पत्ते खोल दिएं हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने उप चुनाव में अररिया लोकसभा क्षेत्र से सरफराज आलम एवं जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र से कृष्ण मोहन सुदय यादव को पार्टी प्रत्याशी बनाए जाने की घोषणा की। वही, भभुआ विधानसभा के कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी का ऐलान होना अभी बाकी है।

  • राजद महासचिव अशोक सिन्‍हा का इस्‍तीफा

    बिहार। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के जेल जाने के बाद पार्टी को पहला तगड़ा झटका लगा है। अशोक सिन्‍हा ने आरजेडी के महासचिव पद से इस्‍तीफा दे दिया है। अशोक सिन्‍हा लालू यादव के बेटे तेजस्‍वी यादव से नाराज चल रहे थे।

    इस्तीफा देने के तुरंत बाद अशोक सिन्‍हा ने कहा कि मौजूदा समय में आरजेडी अप्रासंगिक हो गई है। इसलिए बेहतर है कि समय बर्बाद करने की जगह पार्टी छोड़ दी जाए। कहा कि तेजस्वी यादव लालू जी की तरह पार्टी का नेतृत्व नहीं कर सकते।

  • राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की फिर हुई पेशी

    राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की फिर हुई पेशी

    24 जनवरी को आएगा फैसला

    रांची। कड़ाके की ठंड के बीच चारा घोटाले की तपीश अभी थमने का नाम ही नही ले रहा है। चारा घोटाले के एक अन्य मामले में बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में आज फिर पेश हुए। यह पेशी डोरंडा, चाईबासा और दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में हुई है। जानकारी के मुताबिक चारा घोटाले से संबंधित आरसी 68 ए-96 मामले में आज सुनवाई पूरी हो गई और 24 जनवरी को फैसला आएगा।

    बात यही खत्म नही होती है। इसके अलावा पटना सीबीआई कोर्ट में लालू प्रसाद सहित 9 आरोपितों की बुधवार को पेशी होनी है। इसके लिए भी प्रोडक्शन वारंट जारी कर दिया गया है।
    विशेष न्यायाधीश ने बिरसा मुंडा जेल, रांची के अधीक्षक को निर्देश दिया है कि 10 जनवरी को पटना सीबीआई कोर्ट में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, पूर्व सासंद जगदीश शर्मा, पूर्व सांसद आरके राणा, नौकरशाह बेक जुलियस, फूलचंद सिंह, आपूर्तिकर्ता त्रिपुरारी मोहन प्रसाद सहित 9 आरोपितों को पेश किया जाए। सभी 9 आरोपित बिरसा मुंडा जेल रांची में बंद हैं। हाल ही में रांची सीबीआई कोर्ट ने चारा घोटाला के देवघर कोषागार से फर्जी निकासी के मामले में सजा सुनाई है।
    पटना सीबीआई कोर्ट में जिस मामले में पेशी होगी वह दिसबंर 1993 से लेकर जनवरी 1995 तक का है। इस मामले में आरोपितों पर जानवरों को दी जाने वाली दवाई के नाम पर घोटाला करने का आरोप है। इसमें आपराधिक षडंयत्र कर भागलपुर और बांका कोषागार से फर्जी विपत्र के आधार पर 47 लाख रुपए की अवैध निकासी से जुड़ा है।

  • राजद नेता को सरेआम मारी गोली

    समस्तीपुर। बिहार में अपराधियों को मनोबल सातवे आसमान पर है। समस्तीपुर जिले के हसनपुर में शुक्रवार की सुबह बदमाशों ने रादज के एक स्थानीय नेता हरेराम यादव की गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। पुलिस घटनास्थल पर पहुंच कर मामले की जांच शुरू कर चुकी है। घटना के विरोध में राजद समर्थको ने सड़क पर जाम करके अपने आक्रोश का इजहार किया।
    बताया जा रहा है कि राजद नेता सुबह टहलने के लिए निकले थे। इस बीच चार लोग बाइक पर आए और गोली मार दी। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब किसी नेता की सरे आम हत्या की गई है। बल्कि इससे पहले भी कई बार सरे आम शूटआउट की घटना को अंजाम दिया जा चुका है। पुलिस ने इस मामले में एक शख्स को हिरासत में लिया है और पूछताछ की जा रही है। हालांकि अब तक कोई और सबूत हाथ नहीं लगा है।

  • लालू यादव बने राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष

    लालू यादव बने राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष

    लगातार दसर्वी बार अध्यक्ष बन रचा इतिहास

    बिहार। लालू प्रसाद एक बार फिर से राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिए गयें हैं। इसी के साथ श्री प्रसाद लगातार दसवीं बार राष्ट्रीय अध्यक्ष बन कर इतिहास रच दिया है। पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल सभागार में आयोजित राजद की राष्ट्रीय परिषद की बैठक एवं खुले अधिवेशन के प्रथम सत्र में राष्ट्रीय निवार्चन पदाधिकारी और राजद के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह ने लालू प्रसाद के निर्विरोध निवार्चन की अधिकारिक घोषणा कर उन्हें प्रमाणपत्र सौंप दिया है।
    अध्यक्ष के रूप में ताजपोशी के बाद तमाम नेताओं ने लालू प्रसाद को बधाई और शुभकामनाएं दी है। पूर्व मुख्यमंत्री और लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी ने सबसे पहले लालू के अध्यक्ष बनने पर उन्हें बधाई दी। युवा राजद की ओर से इस मौके पर लालू को चांदी का मुकुट और तलवार भेंट की गई। राजद के युवा तुर्क विधायक मुन्ना यादव सहित पार्टी के कई अन्य नेताओं ने भी श्री प्रसाद को बधाई दी है।
    बतातें चलें कि इस अधिवेशन में बिहार एवं झारखंड सहित 24 राज्यों के प्रतिनिधि शिरकत कर रहे हैं। बैठक में राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा पेश प्रस्तावों पर चर्चा होनी है। दूसरे सत्र में खुला अधिवेशन होगा, जिसकी अध्यक्षता स्वयं लालू प्रसाद करेंगे। राजद के इस अधिवेशन को लालू प्रसाद के अतिरिक्त पूर्व सीएम राबड़ी देवी और उनके दोनों बेटे तेजस्वी और तेजप्रताप यादव को संबोधित करना है।

  • मीनापुर में राजद को लगा बड़ा झटका

    मीनापुर में राजद को लगा बड़ा झटका

    राजद के कई कद्दावर नेता जदयू में शामिल हुए

    मुजफ्फरपुर। मीनापुर में दिवाली से ठीक एक रोज पहले राजद को बड़ा झटका लगा है। राजद के एक दर्जन से अधिक नेता बुधवार को राजद छोड़ कर जदयू में शामिल हो गये। हांलाकि, राजद विधायक मुन्ना यादव ने इसे राजनीति की मामुली प्रक्रिया बतातें हुए कहा कि इससे राजद के सेहत पर कोई असर नही पड़ेगा। विधायक ने कहा मुश्किल के इस वक्त में मिथलेश यादव को राजद छोड़ना नही चाहिए था।
    बतातें चलें कि जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह की मौजूदगी में पटना में आयोजित मिलन समारोह के दौरान राजद नेता पूर्व जिला पार्षद मिथलेश यादव के नेतृत्व में जदयू की सदस्यता ग्रहण करने वालों में जिला पार्षद वीणा देवी, प्रमुख राधिका देवी, पूर्व मुखिया मो. सदरुल खान, पंसस गुड्डू कुमार, पंसस पति नंद राय, पंचायत अध्यक्ष नवल राय आदि जदयू में शामिल हो कर राजद को बड़ा झटका दे दिया हैं।
    मजबूत होगा जदयू: हरिओम
    जदयू के जिला अध्यक्ष हरिओम कुशवाहा ने राजद छोड़ कर जदयू में शामिल होने वाले नेताओं का स्वागत करते हुए कहा कि इससे मीनापुर में पार्टी का जनाधार बढ़ेगा। प्रखंड अध्यक्ष पंकज किशोर पप्पू सहित कई अन्य नेताओं ने भी जदयू में शामिल होने वाले नेताओं का पुरजोर स्वागत करते हुए इसे मुख्यमंत्री के समावेशी विकास नीति का सुखद परिणाम बताया है। नेताओं ने दावा किया है कि आज के मिलन समारोह के बाद जदयू का जनाधार मीनापुर में और बढ़ेगा।
    लालू पर लगाया परिवारवाद का आरोप
    जदयू की सदस्यता ग्रहण करने के बाद पूर्व जिला पार्षद मिथलेश यादव ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद पर परिवारवाद करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के आरोप में आकंट डूब चुके लालू परिवार के नेतृत्व में राजद का अब कोई भविष्य नही रहा। लिहाजा उन्होंने अपने सैकड़ो समर्थको के साथ राजद छोड़ कर जदयू की सदस्यता ग्रहण की है और पूरे दमखम के साथ मीनापुर में जदयू को मजबूत करेंगे।

  • राजद छोड़ मिथलेश ने थामा जदयू का दामन

    राजद छोड़ मिथलेश ने थामा जदयू का दामन

    पटना में आयोजित समारोह में लेंगे सदस्यता

    मुजफ्फरपुर। मीनापुर प्रखंड के कद्दावर नेता व पूर्व जिला पार्षद मिथिलेश यादव के नेतृत्व में एक दर्जन से अधिक लोगो ने राजद छोड़ जदयू में शामिल होने के लिए बुधवार को पटना कूच कर गयें हैं। पटना में जदयू सांसद व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी आरसीपी सिंह और प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह की मौजूदगी में आयोजित मिलन समारोह में राजद के ये सभी असंतुष्ट नेता जदयू की सदस्यता लेंगे। इससे मीनापुर की रजनीति पर क्या असर पड़ेगा? फिलहाल यह भविष्य के गर्भ में हैं।
    इससे पहले धरमपुर स्थित पेट्रोल पंप पर राजद के सभी असंतुष्ट नेताओं ने बैठक की है। बाद में मिथिलेश यादव ने बताया कि वह 100 से अधिक वाहनों के काफिले के साथ पटना के लिए निकल रहें हैं। उनके साथ जिला पार्षद वीणा देवी व प्रखंड प्रमुख राधिका देवी भी जदयू की सदस्या ग्रहण करेगी। इसके अतिरिक्त राजद में कोइली पंचायत अध्यक्ष नवल राय भी जदयू में शामिल हो जायेंगे।
    राजद विधायक ने कहा, पार्टी की सेहत पर कोई असर नहीं
    इधर, मिथिलेश यादव के राजद छोड़ने की खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए राजद विधायक मुन्ना यादव ने इसे अफसोसजनक बताया। कहा कि वर्तमान हालात में लालू परिवार मुश्किल दौर से गुजर रहा है। ऐसे में मिथिलेश का पार्टी छोड़ना दुखद है। हालांकि विधायक ने कहा कि मीनापुर में राजद की सेहत पर इसका कोई असर नही पड़ेगा। विधायक ने कहा कि प्रजातंत्र में सभी को अपने फैसले लेने के अधिकार है।

  • राजद महिला विधायक अपराधियों के निशाने पर

    राजद महिला विधायक अपराधियों के निशाने पर

    बेखौफ बदमाशो ने जान से मारने की दी धमकी

    समस्तीपुर। बिहार में अपराधी इस कदर बेखौफ हो गयें हैं कि उन्हें हमारे माननीय को भी धमकी देने में देर नही लगता है। इसी कड़ी में मोहिउद्दीननगर की राजद विधायक एज्या यादव को अपराधियों ने मोबाइल पर जान से मारने की धमकी दी है। उन्हें यह धमकी उस समय दी गयी जब वे दोपहर पटना स्थित आवास से निकल कर अपने क्षेत्र में जाने की तैयारी कर रही थीं। इसके बाद उन्होंने इसकी जानकारी समस्तीपुर के एसपी व मोहिउद्दीननगर थाना प्रभारी को दे दी है। विधायक के मोबाइल पर धमकी भरी कॉल करने वाले ने विधायक के लिए अपशब्द का भी इस्तेमाल किया है। स्वयं विधायक ने इस पूरे मामले से पुलिस अधिकारी को अवगत करा दिया है। फिलहाल पुलिस मोबाइल नम्बर के सहारे बदमाशो का पता लगाने के प्रयास में जुट गई है।