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  • डोनाल्‍ड ट्रंप ने कहा, कोरोना की वैक्सीन तैयार हो न हो, अमेरिका फिर से खुलेगा

    डोनाल्‍ड ट्रंप ने कहा, कोरोना की वैक्सीन तैयार हो न हो, अमेरिका फिर से खुलेगा

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि, “कोरोना की वैक्सीन तैयार हो या न हो, अमेरिका फिर से खुलेगा।” इसके साथ ही उन्होंने ऐलान किया कि, साल के अंत तक कोरोना की वैक्सीन तैयार करना उनका उद्देश्य है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि, वैक्सीन के बिना भी अमेरिकियों को अपने जीवन में सामान्य रूप से वापस लौटना शुरू करना चाहिए। कई विशेषज्ञों को इस बात पर आशंका है, कि कोरोना की वैक्सीन को एक साल की अवधि के भीतर तैयार किया जा सकता है। राष्ट्रपति ट्रंप ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, “परियोजना 14 वैक्सीन कैंडिडेट पर रिसर्च और अप्रूवल के साथ शुरू होगी।

    वैक्सीन खोजने तथा वितरण में हो साझेदारी 

    राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक वैक्सीन को खोजने तथा इसे वितरित करने के लिए सरकारी तथा निजी क्षेत्रों के बीच साझेदारी की बात कही। साथ ही, ऑपरेशन का नेतृत्व करने के लिए सेना के एक जनरल तथा एक पूर्व हेल्थकेयर एग्जीक्यूटिव का नाम बताया। इस मिशन की अगुवाई मोनसैफ सलोई करेंगे, जबकि अमेरिकी सेना के लिए वितरण की देखरेख करने वाले जनरल गुस्ताव पर्ना चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर के रूप में काम करेंगे।

    राष्ट्रपति ट्रंप के बाद मोनसैफ सलोई ने कहा कि, उन्हें विश्वास है कि, 2020 तक कुछ हजार मिलियन वैक्सीन का वितरण कर दिया जाएगा। बता दें कि, पूरी दुनिया में कोरोना वायरस अभी तक करीब 46 लाख 60 हजार से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले चुका हैं। इनमें से करीब 3 लाख 10 हजार लोगों की मृत्यु हो चुकी है। बता दे कि, इस वायरस से सबसे ज्यादा अमेरिका प्रभावित हुआ है।

  • कोरोना संकट के बीच अमेरिका देगा भारत को वेंटिलेटर की सहायता

    कोरोना संकट के बीच अमेरिका देगा भारत को वेंटिलेटर की सहायता

    कोरोना महामारी के इस संकट के बीच अमेरिका और भारत की बीच दोस्ती की झलक देखने को मिल रही है। भारत ने जहां कोरोना संकट से जूझ रहे अमेरिका को हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की दवा देकर मदद की, वहीं कोरोना से लड़ने के लिए अमेरिका ने भारत को करीब 200 वेंटिलेटर देने का ऐलान किया है। माना जा रहा है, कि 3 सप्ताह के भीतर अमेरिका से 200 वेंटिलेटर भारत आ जाएंगे।

    सरकारी अधिकारी का कहना है कि, ऐसे संकेत दिए गए हैं कि, वेंटिलेटर इस महीने के अंत या फिर जून पहले सप्ताह तक भारत में आ जाएगी। 1 वेंटिलेटर की कीमत लगभग 10 लाख रुपये आंकी गई है। इसमें ट्रांसपोर्टेशन का खर्च शामिल नहीं है। कुल मिलाकर 200 वेंटिलेटर पर 2.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी करीब 20 करोड़ की लागत आएगी। हालांकि, ट्रांसपोर्टेशन का खर्च अलग से लगेगा।

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच नजदीकी साझेदारी की बात कही और साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी को अपना ‘अच्छा मित्र’ भी बताया। डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को यह ट्वीट किया कि, ‘मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि, अमेरिका भारत में वेंटिलेटर्स दान करेगा। हालांकि, व्हाइट हाउस ने अभी इस बात की जानकारी नहीं दी है कि, कितने वेंटिलेटर दान किए जाएंगे।’ साथ ही उन्होंने कहा कि, हम इस कोरोना संकट के दौरान भारत और पीएम नरेंद्र मोदी के साथ खड़े हैं। हम वैक्सीन तैयार करने पर भी सहयोग कर रहे हैं और हम मिलकर अदृश्य दुश्मन को हरा देंगे।

    डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘हम भारत में काफी सारे वेंटिलेटर्स भेज रहे हैं। मैंने पीएम मोदी से बात की है। हमारे पास वेंटिलेटरों की अच्छी आपूर्ति है।’ बता दे कि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के अनुरोध पर पिछले महीने भारत ने अमेरिका में कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की करीब पांच करोड़ गोलियां भेजी थीं। इससे पहले भी ट्रंप ने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की। उन्होंने फरवरी में अपनी नई दिल्ली, अहमदाबाद तथा आगरा की यात्रा का जिक्र करते हुए कहा, ‘भारत एक महान देश है और आप जानते हैं कि, प्रधानमंत्री मोदी मेरे बहुत अच्छे मित्र हैं। ‘

  • अमेरिका ने कहा, बीते 20 सालों में चीन से 5 महामारी फैली है, इसे अब रोकना होगा

    अमेरिका ने कहा, बीते 20 सालों में चीन से 5 महामारी फैली है, इसे अब रोकना होगा

    कोरोना वायरस के इस संकट के बीच अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन ने कहा कि, बीते 20 सालों में चीन से 5 महामारी फैली है और इसे किसी न किसी प्वाइंट पर तो रोकना ही होगा। साथ ही, उन्होंने दुनियाभर के करीब 2,50,000 लोगों की जान लेने वाली इस महामारी के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया है।

    ओ ब्रायन ने मंगलवार को व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, ‘दुनियाभर के लोग खड़े होंगे और चीनी सरकार से कहेंगे कि, हम चीन से निकल रही इन महामारियों को सहन नहीं करेंगे, फिर चाहे ये मीट मार्केट से निकल रही हो या फिर लैब से।’ उन्होंने कहा, ‘हमें पता है कि, कोरोना वायरस की यह महामारी चीन के वुहान शहर से निकली है और परिस्थितिजन्य साक्ष्य हैं, जो यह बताते हैं कि, यह वायरस किसी लैब या मीट मार्केट से निकला है।’

    एनएसए ने कहा, ‘बीते 20 सालों में चीन से 5 महामारी फैली है। सार्स, एवियन फ्लू, स्वाइन फ्लू और अब कोविड-19। जन स्वास्थ्य के ऐसे भयावह स्थिति के साथ दुनिया आखिर कैसे रह सकती है जिसकी शुरुआत चीन से हुई और फिर यह पूरी दुनिया में फैल गया। उन्होंने चीन से निकली पांचवी महामारी के बारे मे नहीं बताया।

    ओ ब्रायन ने कहा, ‘इसे कहीं न कहीं तो रोकना ही होगा। हमने चीन को सहायता के लिए स्वास्थ्य पेशेवरों को भेजने का प्रस्ताव दिया था, जो उन्होंने स्वीकार नहीं किया।’ आपको बता दें कि, कोरोना महामारी से अमेरिका सबसे अधिक तबाह हुआ है।

  • डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, पर्ल हार्बर और 9/11 हमले से भी बदतर है कोरोना का कहर

    डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, पर्ल हार्बर और 9/11 हमले से भी बदतर है कोरोना का कहर

    कोरोना वायरस ने वैसे तो पूरी दुनिया में अपना कहर बरसाया है, लेकिन इसने सबसे अधिक तबाही अमेरिका में मचायी है। इसी बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में कोरोना से लगातार हो रही मौतों के बीच, कोरोना वायरस की तुलना पर्ल हार्बर अटैक तथा 9/11 के हमले से की है। आपको बता दे की डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा, कोरोना वायरस का यह संकट पर्ल हार्बर तथा 9/11 के आतंकी हमले से भी खतरनाक है।

    राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि, कोरोना वायरस महामारी ने अमेरिका को द्वितीय विश्व युद्ध में पर्ल हार्बर हमले या 9/11 के हमले से भी ज़्यादा गहरी चोट पहुंचाई है। साथ ही उन्होने कहा कि, यह पर्ल हार्बर से भी बदतर है और ऐसा कभी नहीं होना चाहिए था।

    क्या है पर्ल हार्बर अटैक तथा 9/11 का हमला?

    आपको बता दें कि साल 1941 में जापान ने अमेरिकी के पर्ल हार्बर नौसैनिक अड्डे पर अचानक हवाई हमला किया था और इस हमले के बाद ही अमेरिका द्वितीय विश्व युद्ध शामिल हुआ था। साथ ही, 9/11 यानी 11 सितंबर 2001 को अमेरिका में आतंकी हमला हुआ था। जिस हमले में करीब 3000 लोगों की जानें गई थीं और सबसे अधिक लोग न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में मारे गए थे।

  • पाकिस्तान को आतंकियो पर करनी होगी कारवाई : व्हाइट हाउस

    पाकिस्तान को आतंकियो पर करनी होगी कारवाई : व्हाइट हाउस

    भारत और पाक के बीच तनाव कम करने का यही मौका

    KKN न्यूज ब्यूरो। अमेरिका ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत से बातचीत के लिए पाकिस्तान को आतंकियों पर कारवाई करनी होगी। व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने को अपनी प्राथमिकता सूची में रखते हैं। इसके साथ ही व्हाइट हाउस ने इंगित किया कि दोनों देशों के बीच वार्ता तभी सफल होगी जब पाकिस्तान अपने देश में आतंकवादियों और चरमपंथियों पर कार्रवाई करे।

    मध्यस्थता से इनकार

    ट्रम्प की आगामी भारत यात्रा के दौरान कश्मीर मुद्दे पर फिर मध्यस्थता की पेशकश किए जाने पर एक सवाल के जवाब में एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि मुझे लगता है कि आप राष्ट्रपति से जो सुनेंगे वह भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने के लिए काफी प्रेरित करने वाला होगा। दोनों देशों को अपने मतभेदों को हल करने के लिए एक-दूसरे के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने के वास्ते प्रेरित करने वाला होगा।

    24 फरबरी को भारत आयेंगे ट्रंप

    अमेरिका के राष्टपति डोनाल्ड ट्रम्प और अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया ट्रम्प का 24 फरबरी को भारत आ रहें हैं और यहां दो रोज तक रहेंगे। इस बीच 24 और 25 फरवरी को अहमदाबाद, आगरा तथा नयी दिल्ली जाने का कार्यक्रम है। उनके साथ 12 सदस्यीय अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल भी होगा। अधिकारी ने दावा किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी सफल बातचीत की नींव पाकिस्तान के रुख पर निर्भर करता है। पाकिस्तान को अपने क्षेत्र में आतंकवादियों और चरमपंथियों पर कार्रवाई करने से दोनो देशो के बीच के संबंधो में सुधार आ सकता है। अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया पर एक सवाल के जवाब में अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि अमेरिका भारत को प्रेरित करेगा कि वह इस शांति प्रक्रिया का समर्थन करे।

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