जालियावाला बाग कैसे बना आजादी का टर्निंग प्वाइंट

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वह 13 अप्रैल 1919 का दिन था। शाम के करीब साढ़े चार बजे थे। जनरल डायर अपनी फौजी टुकड़ी के साथ जालियावाला बाग पहुंचता है और पहुंचते ही भीड़ पर गोली चलाने का आदेश दे देता है। इसमें 379 (उनासी) लोग मारे गये और 3 हजार 360 लोग जख्मी हुए थे। हालांकि, यह सरकारी रिपोर्ट है। हकीकत में इससे बहुत अधिक लोगो की मौत हुई थी। इसको ब्रिटिश इंडिया के इतिहास का सबसे क्रूर नरसंहार कहा जाता है। इसके बाद भारत के राष्ट्रीय आंदोलन में नया मोड़ आ गया था। आज हमारे देश में कई ऐसे लोग है, जो अंग्रेजो के कसीदे पढ़ने में लगे है। उनको हमारा यह रिपोर्ट देखना चाहिए। KKN लाइव के खबरो की खबर और लीक से हट कर खबर के इस सेगमेंट में हम बतायेंगे उस रॉलेट एक्ट की पूरी हकीकत। देखिए, पूरी रिपोर्ट।

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