एक ऐसा व्यक्तित्व जो सादगी और निष्ठा का प्रतीक था। Dr. Manmohan Singh का जीवन अभावों से शुरू हुआ, लेकिन उन्होंने भारत को आर्थिक संकट से बाहर निकाला। उनके जीवन की अनसुनी कहानियां, दोस्त मोहम्मद अली से उनकी गहरी दोस्ती, चुनाव में हार के बाद पार्टी को बची राशि लौटाने का ईमानदार कदम और उनकी शिक्षा के दौरान की रोमांचक बातें—यह सब उनकी महानता को परिभाषित करता है। उनकी खामोशी ने कई बार शोर मचाया, और आज उनकी यादें हमें उनकी विरासत को समझने के लिए प्रेरित करती हैं।
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साल 2024: यादें, हलचल और नए साल की ओर बढ़ते कदम
साल 2024: राजनीतिक घटनाओं से लेकर सामाजिक हलचल तक, एक ऐसा साल जिसने दुनिया को कई मोड़ों पर सोचने को मजबूर किया। भारत के लोकसभा चुनाव से लेकर वैश्विक तख्तापलट तक, और धार्मिक-राजनीतिक चर्चाओं से लेकर नए साल की उम्मीदों तक, 2024 का हर पल एक नई कहानी कहता है। आइए, बीते साल की यादों को साथ लेकर 2025 का स्वागत करें।
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गिद्धों के विलुप्त होने की चौंकाने वाली हकीकत – क्या मानव जीवन खतरे में है?
या आप जानते हैं कि गिद्ध क्यों विलुप्त हो गए? और इसका मानव जीवन पर क्या घातक प्रभाव पड़ा है? डाइक्लोफिनाक दवा के उपयोग से गिद्धों की किडनी फेल होने लगी, जिससे उनकी प्रजाति लगभग खत्म हो गई। इसके नतीजे में पर्यावरण में घातक बैक्टीरिया की बाढ़ आ गई और मानव मृत्यु दर में 4% की बढ़ोतरी हुई। यह रिपोर्ट आपको चौंका देगी। जानिए कैसे गिद्धों का संरक्षण जरूरी है और क्या वे वापस लौट सकते हैं। पूरी जानकारी के लिए वीडियो देखें, लाइक और शेयर करें।
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1947 का बंटवारा: घोड़ागाड़ी से ट्रॉम्बोन तक की कड़वी हकीकत
भारत और पाकिस्तान के 1947 के बंटवारे में केवल जमीन ही नहीं, बल्कि घोड़ागाड़ी, बैंड-बाजा, लाइट बल्ब और कर्मचारियों का भी बंटवारा हुआ। जानिए, कैसे सिक्के उछालकर फैसले लिए गए और ट्रॉम्बोन जैसे वाद्ययंत्र तक को आधा-आधा बांटा गया। यह कहानी विभाजन के दर्द और हास्यास्पद पहलुओं को सामने लाती है।
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पर्ल हार्बर से मिडिल ईस्ट तक: इतिहास की पुनरावृत्ति या महाविनाश का संकेत?
7 दिसंबर 1941 का पर्ल हार्बर हमला केवल इतिहास का एक हिस्सा नहीं है, यह सबक है कि दुस्साहस और युद्ध किस प्रकार विनाश को आमंत्रित करते हैं। क्या आज मिडिल ईस्ट में इतिहास खुद को दोहरा रहा है? इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष में ईरान की सक्रियता और अमेरिका की रणनीति से क्या एक और “पर्ल हार्बर” का खतरा मंडरा रहा है?इस वीडियो में जानिए: • पर्ल हार्बर का विस्तृत इतिहास। • जापान-अमेरिका की टकराव की पृष्ठभूमि। • कैसे पर्ल हार्बर बना द्वितीय विश्व युद्ध का टर्निंग पॉइंट। • और आज मिडिल ईस्ट में बदलते समीकरण।देखें, सोचें, और समझें कि दुनिया को तीसरे महायुद्ध से बचाने के लिए क्या किया जा सकता है।
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लद्दाख की अनकही दास्तां: हिमालय की गोद में छिपे राज़ और संघर्ष की रोचक दास्तान
सफेद बर्फ की चादर ओढ़े लद्दाख न केवल अपनी नैसर्गिक सुंदरता बल्कि इतिहास और संस्कृति के अद्वितीय मिश्रण के लिए प्रसिद्ध है। आर्टिकल 370 के हटने के बाद से यहाँ क्या बदला? तिब्बती संस्कृति के प्रभाव से लेकर, लद्दाख की अनोखी पहचान तक, और केंद्र शासित प्रदेश बनने की यात्रा पर आधारित यह रिपोर्ट बताएगी आपको लद्दाख के संघर्ष और साहस की कहानी। जानिए लद्दाख की ऐतिहासिक गहराइयों में छिपे रहस्यों को।
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भारत बनाम चीन: लोकतंत्र और साम्यवाद के बीच आर्थिक विकास की अनकही कहानी
आजादी के बाद भारत ने लोकतंत्र को अपनाया और चीन ने साम्यवाद का पथ चुना। लेकिन 80 के दशक तक दोनों देशों का आर्थिक विकास एक समान स्तर पर था। फिर ऐसा क्या हुआ कि चीन आर्थिक महाशक्ति बन गया और भारत पिछड़ गया? इस वीडियो में जानिए वो अनसुनी बातें और रहस्यमय फैसले जिन्होंने भारत और चीन के भविष्य को अलग-अलग राहों पर मोड़ दिया। क्या भारत अपनी खोई हुई रफ्तार वापस पा सकता है? देखिए, समझिए और जानिए इन अनकहे पहलुओं को।
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मौर्य वंश के पतन की असली वजह और बृहद्रथ के अंत की मार्मिक दास्तान…
मौर्य साम्राज्य के पतन की कहानी, सम्राट अशोक के धम्म नीति से शुरू होकर सम्राट बृहदरथ की हत्या तक पहुंचती है। इस एपिसोड में, हम चर्चा करेंगे कि कैसे मगध साम्राज्य आर्थिक संकट और कमजोर नेतृत्व के कारण गिरता गया। बृहदरथ की हत्या के बाद पुष्पमित्र शुंग का उदय हुआ और मौर्य वंश का अंत हो गया। जानिए, मौर्यवंश के पतन के मुख्य कारण क्या थे, और कैसे एक शक्तिशाली साम्राज्य ढह गया। पूरा वीडियो देखें और मौर्य साम्राज्य की इस गाथा को समझें।
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सम्राट अशोक के जीवन का टर्निंग पॉइंट: जीत से बदलाव तक की पूरी कहानी
सम्राट अशोक की कलिंग विजय के बाद उनका जीवन पूरी तरह से बदल गया। एक क्रूर युद्ध से शांतिपूर्ण धम्मविजय तक की यह यात्रा इतिहास का एक बड़ा मोड़ है। जानिए अशोक के युद्ध के बाद के पश्चाताप, उनके बौद्ध धर्म अपनाने और उनके जीवन के अनकहे पहलुओं के बारे में। क्या सच में उन्होंने अपने भाइयों की हत्या की थी? इस एपिसोड में, हम उनके जीवन की दिलचस्प घटनाओं पर प्रकाश डालते हैं, जिसे जानना आपको हैरान कर देगा।
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बिन्दुसार ने चाणक्य को क्यों निकाला : मौर्यवंश का दूसरा एपीसोड
KKN लाइव के इस विशेष सेगमेंट में, कौशलेन्द्र झा मौर्यवंश के दूसरे शासक बिन्दुसार की चर्चा कर रहे हैं। बिन्दुसार, चंद्रगुप्त मौर्य के पुत्र थे और उन्होंने 29 वर्षों तक मगध पर शासन किया। इस एपिसोड में बिन्दुसार के शासनकाल, उनके पिता चंद्रगुप्त और आचार्य चाणक्य के साथ उनके संबंधों पर विशेष ध्यान दिया गया है। यह वीडियो उन विवादों को भी उजागर करता है, जिनकी वजह से आचार्य चाणक्य ने मौर्य दरबार छोड़ दिया। मौर्य साम्राज्य के इस दिलचस्प हिस्से को जानने के लिए इस वीडियो को अंत तक देखें। अगले एपिसोड में सम्राट अशोक की कहानी पर चर्चा होगी।
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कैसे शुरू हुआ मौर्यवंश का इतिहास? चाणक्य ने क्यों बदल दी भारत की राजनीति?
322 ईसा पूर्व का काल जब मगध का राजा धनानंद भोग-विलास में लिप्त था और भारत की सीमाओं पर सिकंदर की सेना दस्तक दे रही थी। इसी समय चाणक्य और चंद्रगुप्त मौर्य का उदय हुआ। इस वीडियो में जानिए, कैसे चाणक्य ने चंद्रगुप्त को तैयार किया, कैसे नंदवंश का अंत हुआ और मौर्य साम्राज्य ने पूरे उत्तर भारत में अपनी धाक जमाई। साथ ही जानिए, कैसे चंद्रगुप्त ने अफगानिस्तान तक भारत की सीमाओं का विस्तार किया।
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क्या सांप और नाग एक ही हैं? जानिए नागवंश का असली इतिहास
नाग और सांप में फर्क जानने का समय आ गया है! हममें से अधिकांश लोग विषैले सांप को नाग समझने की भूल करते हैं, लेकिन नागवंश का इतिहास सांपों से बहुत अलग और समृद्ध है। नागवंशी राजाओं का भारत पर शासन और उनकी अनूठी पहचान इस वीडियो में उजागर की गई है। जानिए नाग, नागवंश और उनके अद्भुत इतिहास के बारे में जो आज भी हमारे समाज में जीवित है। पूरा वीडियो देखें और सांप और नाग के बीच का सच जानें।
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क्या आप जानते हैं? नंदवंश के शासक नाई समाज से थे…
नंदवंश के शासकों ने प्राचीन भारत के इतिहास में अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाया। इस एपिसोड में हम आपको बताएंगे कि कैसे महापद्मानंद ने नंदवंश की नींव रखी और इसे एक साम्राज्य में बदल दिया। क्या आप जानते हैं कि नंदवंश के शासक नाई समाज से थे? सिकंदर की सेना भी धनानंद के विशाल साम्राज्य से डर गई थी। जानिए कैसे नंदवंश के शासन ने भारत के विभिन्न हिस्सों पर अपना प्रभाव छोड़ा और कैसे मौर्यवंश का उदय हुआ। इतिहास के इस रोमांचक सफर में हमारे साथ जुड़ें!
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क्या प्रधानमंत्री मोदी का यूक्रेन दौरा भारत के लिए सही कदम है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यूक्रेन दौरा क्यों हुआ, और इससे भारत और दुनिया को क्या हासिल हो सकता है? क्या इस दौरे से युद्ध रुक जाएगा या शांति की दिशा में कोई ठोस पहल होगी? इन सवालों के जवाब जानने के लिए देखें ‘खबरों की खबर‘ का यह एपिसोड। यूक्रेन की राजनीति और भारत के साथ उसके रिश्तों को समझिए, और जानिए कि क्यों भारत को हमेशा सावधान रहना चाहिए। अगर वीडियो पसंद आए, तो लाइक, शेयर और चैनल को सब्सक्राइव जरूर करें।
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चोल राजवंश की अनसुनी दास्तान: दक्षिण भारत के स्वर्णिम युग का चौंकाने वाला इतिहास
इतिहास के पन्नों से आज हम आपको चोल राजवंश के अद्वितीय स्वर्णिम कालखंड की जानकारी देने जा रहे हैं, जिसने 9वीं से 13वीं शताब्दी तक दक्षिण भारत पर शासन किया। चोल राजवंश ने शासन, कला, संस्कृति, और वास्तुकला में ऐसे उदाहरण प्रस्तुत किए जो आज भी स्तब्ध कर देते हैं। चोल साम्राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था, जल प्रबंधन, और सांस्कृतिक योगदान के बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। तमिलनाडु के गौरवशाली इतिहास से जुड़ी यह अनमोल जानकारी आपकी सोच को बदल देगी। हमारे इस एपिसोड को जरूर देखें और इतिहास के इस महान कालखंड का अध्ययन करें।
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आजादी की वो आखिरी रात: विभाजन का दर्द और नए युग की शुरुआत
14 अगस्त 1947 की रात, जब भारत गुलामी की जंजीरों को तोड़ आजादी की दहलीज पर था, वह रात केवल जश्न की नहीं बल्कि बंटवारे के दर्द की भी थी। जानिए, उस ऐतिहासिक रात दिल्ली में क्या हो रहा था, संविधान सभा में कौन से महत्वपूर्ण फैसले लिए गए, और कैसे इस आजादी की कीमत लोगों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।
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Bihar के Lasadhi गांव का बलिदान: भारत छोड़ो आंदोलन की दूसरी कड़ी
9 अगस्त 1942 की सुबह, जब भारत छोड़ो आंदोलन की लहर पूरे देश में फैल गई थी, बिहार के लसाढ़ी गांव में अंग्रेजों ने जालियावाला कांड की पुनरावृत्ति की। इस वीडियो में जानिए कैसे अंग्रेजी हुकूमत ने क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं और लसाढ़ी गांव में 12 लोगों की जान ली। Lasadhi गांव के लोगों की बहादुरी और बलिदान की कहानी आपको चौंका देगी। इस दिलचस्प और ज्ञानवर्धक वीडियो को अंत तक देखें और जानें कैसे बिहार के क्रांतिवीरों ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
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कौन थे कनकलता बरुआ और गुरुजी – “भारत छोड़ो आंदोलन” की अनसुनी दास्तान
8 अगस्त 1942, मुंबई के गोवालिया टैंक मैदान में महात्मा गांधी के ‘भारत छोड़ो’ के नारे से ब्रितानी हुकूमत की चूलें हिल गईं। इस वीडियो में जानिए कैसे इस ऐतिहासिक आंदोलन ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को निर्णायक मोड़ पर पहुंचाया। आंदोलन के महत्वपूर्ण पहलुओं, नेताओँ और गुमनाम नायकों की कहानियाँ, और उनकी अनसुनी कहानियाँ सुनें। कमेंट करके अपनी राय जरूर दें।
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Manipur की दर्द भरी दास्तान: हिंसा, राजनीति और समाधान की राह
Manipur की दर्द भरी दास्तान में झाँकिए, जहां हिंसा, राजनीति और संघर्ष ने इस राज्य को घेर रखा है। इस वीडियो में हम मणिपुर की समस्या के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे – कैसे हिंसा ने जनजीवन को प्रभावित किया, राजनीतिक गतिरोध ने स्थिति को और बिगाड़ा और अब समाधान की कौन-सी राहें उपलब्ध हैं। जानिए मणिपुर के लोगों की पीड़ा और उनकी आशाओं के बारे में।
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क्या अतीत के पन्नों में छुपा है Manipur हिंसा की असली वजह
Manipur में बढ़ती हिंसा और आक्रोश के पीछे की कहानी को जानने के लिए देखिए हमारा विशेष वीडियो। जानिए कैसे संस्कृति से बिक्रिती और फिर आक्रोश से हिंसा तक का सफर तय हुआ। इस वीडियो में हम मैतेई और कुकी जनजाति के बीच की खटास, नशिले पदार्थों के खिलाफ सरकारी अभियान और मणिपुर के ऐतिहासिक संदर्भों का विस्तार से विश्लेषण करेंगे।
इस वीडियो में आप जानेंगे:
- Manipur की वर्तमान समस्या का इतिहास
- मैतेई और कुकी जनजातियों के बीच का संघर्ष
- नशा विरोधी अभियान और उसकी प्रतिक्रिया
- मणिपुर का राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य
वीडियो देखें और समझें: मणिपुर की जटिलताओं और समस्याओं को गहराई से समझने के लिए यह वीडियो अंत तक देखें। वीडियो अच्छा लगे तो लाइक करें और अधिक लोगों तक इस जानकारी को पहुँचाने के लिए शेयर करें। अपनी राय और सुझाव देने के लिए कमेंट करें। हमारे चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें।