26 जनवरी 1950 को स्वतंत्र भारत ने अपना संविधान अंगीकार किया था और इसी के साथ भारत एक गणतांत्रिक राष्ट्र बन गया था। ठीक उसी रोज देश ने अपना पहला राष्ट्रपति घोषित किया। वह कोई और नहीं। बल्कि, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ही थे। वह चम्पारण आंदोलन का दौर था। गांधीजी की पहचान चंपारण के भितिहरबा से निकल कर देश और दुनिया में धमक दिखाने लगी थी। उन्हीं दिनो राजेन्द्र प्रसाद अपनी कुशल प्रबंधन की वजह से गांधीजी के करीब आ रहे थे। आगे चल कर उन्होंने संविधान बनाई और भारत के पहले राष्ट्रपति होने का गौरव भी उन्हीं को मिला। यह सभी कुछ हुआ कैसे? देखिए… इस कहानी में
भारतरत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की अनकही कहानी
