KKN गुरुग्राम डेस्क | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और 24 परगना जिलों में हाल ही में हुई हिंसा पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि “लातों के भूत बातों से नहीं मानेंगे, दंगाई डंडे से ही मानेंगे।” इस बयान के साथ ही योगी आदित्यनाथ ने बंगाल सरकार पर कटाक्ष किया और राज्य में अराजकता फैलने का आरोप लगाया।
मुर्शिदाबाद हिंसा: क्या हुआ था?
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और 24 परगना जिलों में हाल ही में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में सड़कों पर जलते हुए वाहन, लूटे गए शॉपिंग मॉल और फार्मेसियों में तोड़फोड़ के दृश्य सामने आए। मुर्शिदाबाद के कई इलाके पूरी तरह से बंद थे, लोग अपने घरों में कैद हो गए थे, और सैकड़ों लोग मालदा जिले की तरफ पलायन कर गए थे।
स्थानीय प्रशासन का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन हिंसा की तस्वीरें और स्थानीय लोगों के बयान कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं।
सीएम योगी ने पश्चिम बंगाल सरकार पर साधा निशाना
सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “बंगाल में आजकल अराजकता फैली हुई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मौन हैं, और दंगाइयों को शांतिदूत कह रही हैं। लातों के भूत बातों से नहीं मानेंगे, इन्हें केवल डंडे की भाषा समझ में आती है।”
योगी ने आगे कहा, “जो लोग बांग्लादेश के समर्थन में हैं, अगर उन्हें बांग्लादेश पसंद है तो उन्हें वहीं जाना चाहिए। भारत की धरती पर बोझ क्यों बने हुए हैं?”
मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा पर जोर दिया
योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि उन्हें पश्चिम बंगाल के न्यायालय का धन्यवाद करना चाहिए, जिसने केंद्रीय बलों को तैनात करने का आदेश दिया, ताकि अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बलों की तैनाती से ही स्थिति कुछ हद तक नियंत्रण में आई है।
“वहां के हिंदू समुदाय को लगातार निशाना बनाया जा रहा था, लेकिन अब केंद्रीय बलों की तैनाती से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। मैंने देखा है कि पूरे मामले में कांग्रेस, सपा, और टीएमसी चुप हैं। वे इस हिंसा पर बयान तक देने से बच रहे हैं,” योगी ने कहा।
विरोधी पार्टियों पर हमला: कांग्रेस और सपा क्यों हैं चुप?
सीएम योगी ने विपक्षी पार्टियों, खासकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा), पर निशाना साधते हुए कहा कि ये पार्टियां हमेशा धर्मनिरपेक्षता का ढिंढोरा पीटती हैं, लेकिन जब हिंदू समुदाय पर हमला होता है, तो ये चुप रहती हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर क्यों इन दलों ने मुर्शिदाबाद और 24 परगना में हो रही हिंसा की कड़ी निंदा नहीं की।
“जब हिंदू समुदाय पर हमला हो रहा था, तो इन दलों की खामोशी समझ से बाहर है। क्या ये धर्मनिरपेक्षता के नाम पर दंगाइयों का समर्थन कर रहे हैं?” योगी ने कहा।
बंगाल में प्रशासनिक विफलता: क्या है असल समस्या?
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले एक हफ्ते से मुर्शिदाबाद जल रहा है, लेकिन राज्य सरकार मौन है और कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार दंगाइयों को खुली छूट दे रही है, जो प्रदेश की कानून-व्यवस्था की स्थिति को खराब कर रहे हैं।
“बंगाल जल रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री चुप हैं। ऐसी अराजकता को काबू करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। केंद्र को इस पर हस्तक्षेप करना चाहिए,” योगी ने कहा।
सीएम योगी ने हरदोई में विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया
सीएम योगी आदित्यनाथ मंगलवार को हरदोई में थे, जहां उन्होंने 729 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं में सड़कें, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र और सिंचाई परियोजनाएं शामिल हैं, जो प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने का कार्य करेंगी।
हालांकि, इस कार्यक्रम में उनकी बयानबाजी पर ज्यादा ध्यान दिया गया, खासकर मुर्शिदाबाद हिंसा पर उनकी टिप्पणियों ने राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है।
क्या बंगाल में प्रशासनिक ढांचा कमजोर है?
पश्चिम बंगाल में बार-बार होने वाली हिंसा और राजनीतिक अराजकता सवालों के घेरे में आ चुकी है। यह पहली बार नहीं है जब राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ी हो। पिछले कुछ वर्षों में ऐसी घटनाओं ने यह स्पष्ट किया है कि राज्य प्रशासन इन हालातों से निपटने में विफल हो रहा है। मुर्शिदाबाद की ताजा घटना इस बात का उदाहरण है कि राज्य सरकार दंगाइयों को बढ़ावा दे रही है और सही समय पर कार्रवाई नहीं कर रही है।
राजनीतिक बयानबाजी और बंगाल में आगामी चुनावों का प्रभाव
सीएम योगी आदित्यनाथ का यह बयान आगामी 2026 विधानसभा चुनावों के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भाजपा, जो बंगाल में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है, ने इस घटना को “बंगाल में प्रशासनिक विफलता” के तौर पर प्रस्तुत किया है।
पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी टीएमसी और भाजपा के बीच तीखी राजनीति चल रही है, और योगी आदित्यनाथ के बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा इस तरह की घटनाओं का चुनावी मुद्दा बना सकती है।
मुर्शिदाबाद हिंसा और उसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान ने फिर से राजनीतिक, सामाजिक और सुरक्षा मुद्दों को उजागर किया है। चाहे वह दंगों की रोकथाम हो, राजनीतिक दलों की खामोशी, या केंद्रीय बलों का हस्तक्षेप – ये सभी मुद्दे महत्वपूर्ण हैं।
अब यह देखना होगा कि पश्चिम बंगाल सरकार इस हिंसा पर काबू पाने के लिए कौन सी ठोस कदम उठाती है और क्या राज्य में स्थिति जल्द सामान्य हो पाएगी। वहीं, भाजपा अपनी राजनीति को और तेज करती नजर आ सकती है, खासकर आने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए।