श्रेणी: West Bengal

  • मुख्यमंत्री ने लिखा देवी गीत, राज्य मंत्री देंगे आवाज

    मुख्यमंत्री ने लिखा देवी गीत, राज्य मंत्री देंगे आवाज

    भारत में चुनाव नजदिक आतें ही वोटरो को लुभाने के लिए राजनेता तरह-तरह के करतब दिखाते है। कोई अचानक किसी दलित के घर पहुंच कर खाट पर सो जाता है। वहीं कोई दलित के साथ साग और रोटी खाकर खुद को उसका बड़ा हितैषी बता जाता है। चुनाव जीतने के लिए भड़़काउ जातीय भाषण ही नहीं, बल्कि, धार्मिक उन्माद का भी सहारा लिया जाता है। कोई टोपी लगा लेता है तो कोई भगवाधारी बन जाता है। इसी कड़ी में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने देवी दुर्गा की थीम पर आधारित गीत लिख कर हिन्दू वोटरो के दिल में पैठ बनाने की जुगत निकाल लिया है।

    पारंपरिक बंगाली गीत

    पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता के दुर्गा पूजा समिति के आयोजकों के एक कार्यक्रम में स्वयं इसका खुलाशा करते हुए कहा कि उन्होंने देवी को समर्पित एक थीम गीत लिखा है। ममता ने दुर्गा पूजा समितियों के आयोजकों के एक कार्यक्रम में बीते सोमवार को कहा कि इस थीम गीत का उद्देश्य ‘अगोमोनी’ है यानी देवी का आह्वान करने वाला पारंपरिक बंगाली गीत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह चाहती है कि समाज में पारंपरिक गीतों को फिर से वापस लाया जाए। न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार ममता बनर्जी ने यह गीत अपने ही कैबिनेट मंत्री अरूप विश्वास के कहने पर लिखा है।

    सांस्कृतिक राज्य मंत्री देंगे आवाज

    पश्चिम बंगाल की सांस्कृतिक राज्य मंत्री और लोकप्रिय सिंगर इंद्रनील सेन इस गीत को अपनी आवाज देंगे। कार्यक्रम के दौरान नेताजी इंडोर स्टेडियम में दर्शकों के सामने गीत गुनगुनाते हुये सेन ने कहा, ‘जय मा जय दुर्गा की पंक्तियों में एक अद्भूत भक्ति पक्ष का संचार है और उममीद है कि लोग इसे खूब पसंद करेंगे।

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  • पेंशन की लालच में मां की लाश को रख दिया फ्रीजर में

    पेंशन की लालच में मां की लाश को रख दिया फ्रीजर में

    पूजा श्रीवास्तव
    पश्चिम बंगाल। पश्चिम बंगाल से मानवता को शर्मसार करने की खबर आई है। राजधानी कोलकाता में एक शख्स ने पेंशन लेने के लिए अपनी मां की लाश को तीन साल तक फ्रीजर में सुरक्षित रखा। दरअसल उस महिला को हर महीने 50 हजार रुपये पेंशन मिलता था। इस बीच वर्ष 2015 में उनकी मौत हो गई। लेकिन, उसके बेटे ने उनका अंतिम संस्कार नहीं किया और मां की लाश को घर में ही छिपा दिया।

    बॉडी को गलने से बचाने के लिए उसपर केमिकल एम्बामिंग यानी लेप भी किया गया था। हर महीने आरोपी बेटा मां के अंगूठे के निशान लेता और पेंशन निकाल लेता। फिलहाल, पुलिस ने फ्रीजर से बॉडी बरामद कर ली है और आरोपी बेटे से पूछताछ की जा रही है। आरोपी का नाम सुब्रतो मजूमदार है। वह पेशे से लेदर टेक्नोलॉजिस्ट है। उसकी मां बीना मजूमदार फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया में ऑफिसर थीं। रिटायरमेंट के बाद सरकार से उन्हें 50 हजार की पेंशन मिलती थी। तीन साल पहले बीमारी से उनकी मौत हो गई। इसके बाद से हर महीने आरोपी अपनी मां के अंगूठे के निशान लेता और पेंशन निकाल लेता था।

  • नेताजी के भतीजी को आज भी उनके लौटने का है इंतजार

    नेताजी के भतीजी को आज भी उनके लौटने का है इंतजार

    कोलकाता। नेताजी सुभाषचंद्र बोस की भतीजी चित्रा बोस को आज भी उम्मीद है कि एक न एक रोज नेताजी घर लौट कर आयेंगे जरूर। चित्रा बोस अब 87 साल की हो चुकी हैं। लेकिन उनके जहन में बचपन की यादें आज भी ताजा हैं। कोई भी जब उसने नेताजी के बारे में पूछता है तो उन्हें अपने बचपन के दिन पहले की तरह सामने आ जाता है।

    चित्रा बोस के लिए नेताजी सिर्फ स्वतंत्रता संग्राम के महान नायक ही नहीं है बल्कि वह उनके बहुत ही प्यारे एक ऐसे चाचा थे जो उनके साथ खेलते थे। चित्रा बोस का जन्म 14 नंबर 1930 को हुआ था जो नेताजी के बड़े भाई शरतचंद्र बोस की सबसे छोटी संतान हैं। 90 के पड़ाव में पहुंच रहीं चित्रा बोस अपने आप को बहुत ही भाग्यशाली मानती हैं क्योंकि उनका जन्म नेताजी की भतीजी के रूप में हुआ है। इस सम्मान के लिए वह भगवान के प्रति कृतज्ञता प्रकट करती हैं।
    नेताजी के जन्म दिवस के मौके पर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि उनके पास अपने चाचा के बारे में बताने के लिए बहुत कुछ तो नहीं है लेकिन वह अपने जीवन में जितने लोगों को देखा है उनमें से नेताजी जैसा इंसान कहीं नहीं मिला। यही मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि है और इसके ईश्वर का आभार प्रकट करने के लिए मेरे पास कोई शब्द नहीं है। चित्रा बोस आजकल दक्षिण कोलकाता में बलीगंज इलाके में मौजूद अपने घर में रहती हैं।

  • तीन रात होटल में साथ क्या रहे, तलाक देने का निर्णय ही बदल गया

    तीन रात होटल में साथ क्या रहे, तलाक देने का निर्णय ही बदल गया

    कोर्ट के इस अनूठे निर्णय ने एक परिवार को उजड़ने से बचा लिया

    पूजा श्रीवास्तव
    पश्चिम बंगाल। यह वाकया बीरभूम जिले की है। यहां की गौतम दास और अहना एक दूसरे से बेहद प्यार करते थे। लंबे समय से एक दूसरे को जानने और समझने के बाद मार्च 2016 में दोनों ने शादी कर ली। कहतें हैं कि पहले प्यार किया, फिर शादी कर ली और इसके बाद शुरू हुआ तकरार। नौबत जब तलाक तक पहूंच गयी तो दंपति ने कोर्ट में अर्जी भी लगा दी। किंतु, जज ने तलाक देने से पहले सजा के तौर पर इस दंपति को तीन रात होटल के एक कमरे में अकेले साथ रहने के बाद दूबारा कोर्ट आकर नए सिरे से तलाक की अर्जी लगाने का आदेश दे दिया।

    16 जनवरी को सुनवाई के दौरान जज पार्थ सार्थी ने जब यह होटल के कमरे में दोनो को अकेले तीन रात रहने का आदेश दिया तो पति-पत्नी ने जज की सलाह को यह कहते हुई मानने से इनकार कर दिया कि उनके पास होटल में रहने के लिए पैसे नहीं हैं। फिर क्या था जज ने कहा कि इसका खर्च भी वही दे देंगे। इस बीच सरकारी वकील रणजीत गांगुली ने होटल में रहने का खर्चा दे दिया। जज ने पुलिस से कहा कि वो इस दौरान पति-पत्नी को सुरक्षा प्रदान करें। बाद में वकील रणजीत गांगुली ने इन दोनों के लिए बीरभूम में होटल बूक कर दिया और दोनो एक साथ इसी होटल में तीन रात रहने के बाद जब कोर्ट लौटे तो खुश थे और तलाक की अर्जी वापिस ले ली। अब फिर से दोनो पति पत्नी साथ रहने को राजी हो गए है। फिलहाल, पश्चिम बंगाल सहित पूरे देश में कोर्ट के इस निर्णय की जबरदस्त सराहना होने लगी है।

  • स्टेशन पर भूत के मिथक को तोड़ने की हुई कोशिश

    50 सालों से यहां रात में कोई नहीं रुका था

    पश्चिम बंगाल। कहतें हैं कि इस दुनिया में शौक भी कई तरह का होता है। अब किसी को भूत से मिलने का शौक हो जाए तो इसे क्या कहेंगे? दरअसल, पुरूलिया जिले के एक रेलवे स्टेशन में भूतो के रहने की कई कहानियां प्रचलित हैं। लेकिन इस मिथक को तोड़ने के लिए तर्कवादियों ने एक रात इस स्टेशन में बिताई है।

    तर्कवादियों की टीम में शामिल एक सदस्य ने बताया कि उन्हें गुरुवार रात कुछ ऐसे स्थानीय लोग मिले जो उन्हें डराकर स्टेशन से बाहर जाने के लिए कह रहे थे। बेगुनकोडोर स्टेशन अयोध्या हिल्स के पास स्थित है। पुरूलिया शहर से करीब 50 किलोमीटर दूर है। 1967 में इसके स्टेशन मास्टर की रात में पटरियों पर सफेद साड़ी पहनी कथित महिला को देखने के बाद मृत्यु हो गई थी। इसके बाद से इस स्टेशन पर भूतिया स्टेशन का ठप्पा लग गया।
    इस घटना की वजह से यात्रियों ने स्टेशन का इस्तेमाल करना बंद कर दिया और यह रेलवे के रिकॉर्ड में भूतिया स्टेशन के तौर पर दर्ज हो गया। इसके बाद इसकी गिनती रेलवे के दस भूतिया स्टेशन में होने लगी जो उसके रिकॉर्ड में दर्ज हैं।
    ममता बनर्जी के रेल मंत्री रहते वर्ष 2009 में 42 साल बाद इस स्टेशन को फिर से खोला गया। इसके बाद ट्रेनें यहां रुकने लगीं लेकिन यात्री भूत के डर से शाम पांच बजे तक ही स्टेशन का इस्तेमाल करते थे। टीम की अगुवाई करने वाले नयान मुखर्जी ने बताया कि वे पुरूलिया जिले के बेगुनकोडोर स्टेशन पर गुरुवार रात 11 बजे से अगले दिन तड़के तक रहे लेकिन उन्हें कोई ऐसी गतिविधि देखने को नहीं मिली।

  • दुनिया का सबसे बड़ा रसगुल्ला

    दुनिया का सबसे बड़ा रसगुल्ला

    कोलकाता। नादिया जिले में दो स्वयं सहायता समूहों ने एक साथ मिलकर विशाल रसगुल्ला बनाया है, जिसे उन्होंने दुनिया का सबसे बड़ा रसगुल्ला बताया जा रहा है। इस विशाल रसगुल्ले का वजन रस के साथ नौ किलोग्राम और बिना रस के छह किलोग्राम है। पांच पेशेवर हलवाइयों, सहायकों ने मिलकर इसे बनाया है। कहतें है कि पिछले दिनो ओडिशा से रसगुल्ले की जंग जीतने के बाद बंगाल के कारिगरो ने रसगुल्ला को लेकर अब कई नए प्रयोग शुरू कर दियें हैं।
    फुलिया स्थित स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों ने कहा कि इस रसगुल्ले के जरिए उन्होंने महान हलवाई हरदन मंडल को श्रद्धांजलि अर्पित की है। मंडल को देश के इस हिस्से में रसगुल्ले के वास्तविक आविष्कारक के रूप जाना जाता है। इस समारोह का आयोजन करने वाले स्वयं सहायता समूह ‘जूनियर वन हंड्रेड’ के सदस्य अभिनब बसाक ने कह कि नौ किलोग्राम के इस रसगुल्ले को बनाने में 150 किलोग्राम चीनी, साढ़े पांच किलोग्राम कॉटेज चीज और 400 ग्राम आटे की आवश्यकता पड़ी थी। यह एक अद्भुत क्षण था।

  • रसगुल्ले के बाद अब इन मिठाईयों पर बंगाल का दावा

    रसगुल्ले के बाद अब इन मिठाईयों पर बंगाल का दावा

    पश्चिम बंगाल। रसगुल्ले की जंग तो बंगाल ने ओड़िशा से जीत ली है। लिहाजा, अब मिहीदाना, लेंचा, मोआ, सीताभोग और सरभाजा सरपुरिया को लेकर नई बहस शुरू हो गयी है। बंगाल सरकार भौगोलिक पहचान टैग हासिल करना चाहती है। इन मिठाईयों पर अपना दावा ठोकने की तैयारी में है। जानकार बतातें हैं कि माओ, कृष्णनगर में दूध से तैयार होने वाली मिठाई है। इसी प्रकार सरभाजा छेने से तैयार होने वाली और सीताभोग खोवा से तैयार होने वाला मिठाई है। इसके अतिरिक्त शक्तिगढ़ का लेंचा पर भी बंगाल की सरकार अपना दावा कर सकती है।
    बतातें चलें कि बंगाली मिठाई प्रेमी होते हैं और बंगाल में मिठाईयों का बोलबाला है। इन मिठाईयों के निर्माता दावा ठोक रहे हैं कि इसपर बंगाल का टैग लग जाए तो इनकी नकल पर लगाम लग जायेगी। जीआई पंजीकरण मतलब ये होता है कि वो उत्पाद कहां का है इसका पता चल जाता है।
    गौरतलब है कि रसगुल्ले को लेकर बंगाल और ओड़िशा में काफी समय से बहस चल रही थी, लेकिन फैसला बंगाल के पक्ष में आया और रसगुल्ले पर बंगाल का हक हो गया। हालांकि, ओड़िशा अब तक इस फैसले को मानने को तैयार नहीं है।

  • रसगुल्ले पर बंगाल का हुआ कब्जा

    रसगुल्ले पर बंगाल का हुआ कब्जा

    लड़ाई में पिछड़ गया ओडिशा

    नई दिल्ली। रसुगुल्ला पर पश्चिम बंगाल का कब्जा हो गया है। ओडिशा इस लड़ाई में पिछड़ गया। दरअसल, लोकप्रिय मिठाई रसगुल्ले को लेकर पश्चिम बंगाल और ओडिशा के बीच चली आ रही रस्साकशी अब समाप्त हो गई है और यह तय हो गया है कि रसगुल्ला मूल रूप से पश्चिम बंगाल में बनना शुरू हुआ था।
    पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि उनके राज्य को रसगुल्ले के लिए भौगोलिक संकेत या जीआई का दर्जा दिया गया है। ममता ने टवीट किया कि हमारे लिए खुशखबरी है। हम इस बात को लेकर खुश एवं गौरवान्वित हैं कि पश्चिम बंगाल को रसगुल्ले के लिए जीआई का दर्जा दिया गया है। इस बात को लेकर पश्चिम बंगाल और पड़ोसी ओडिशा के बीच जून 2015 से कानूनी लड़ाई चल रही थी। दोनो राज्य खुद को रसगुल्ले का मूल होने का दावा कर रहा था। विश्व व्यापार संगठन के तहत जीआई एक ऐसा संकेत है जो किसी उत्पाद के किसी एक विशेष स्थान से उदभव के बारे में प्रमाणित करता है।

  • महिला को बांध कर किया गैंगरेप, प्राइवेट पार्ट में डाली बोतल

    महिला को बांध कर किया गैंगरेप, प्राइवेट पार्ट में डाली बोतल

    हैवानियत की हद झेलने के बाद महिला की हालत नाजुक बनी

    पश्चिम बंगाल। बीरभूमि जिले में बहसी दरिंदो ने एक महिला के साथ हैवानियत की सभी हदे पार कर दी। तीन दरिंदों ने मिल कर पहले उक्त महिला के साथ बारी- बारी से गैंगरेप किया और इससे भी मन नही भरा तो दरिंदो ने महिला के प्राइवेट पार्ट में कांच की बोतल डाल दी। महिला चीखती रही और तीनो दरिंदो पर इसका कोई असर नही पड़ा। बहरहाल पुलिस ने इसमें से एक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है।
    पुलिस के द्वारा आरंभिक पूछताछ से खुलाशा हुआ है कि आरोपियों में से एक शख्स से महिला के निजी संबंध थे और महिला इस शख्स से छुटकारा पाना चाहती थी। महिला की इसी बात से उसका प्रेमी तारक भास्कर चिढ़ गया था और महिला से बदला लेना चाहता था। पुलिस ने बताया कि घटना का मुख्य आरोपी तारक ही था।
    घटना कोलकाता से करीब 195 किमी दूर की है। यहां महिला अपनी 13 साल की बेटी और 9 साल के बेटे के साथ रहती है। उसका पति किसी दूसरे राज्य में नौकरी करने गया है। वहीं आरोपी तारक दूसरे मुहल्ले में रहता है और शादीशुदा है। तारक के दो बच्चे भी हैं। लेकिन जब महिला ने उससे दोस्ती तोड़ने की बात कही तो वह अपने साथियों को साथ लेकर महिला को सबक सिखाने की ठानी ली।
    जानकारी के मुताबिक भास्कर महिला को एक खंडहर में ले गया था और अपने दो अन्य साथियों के साथ मिल कर पहले उसका रेप किया और उसके प्राइवेट पार्ट में कांच की बोतल डाल दिया।
    इस झकझोर देने वाली घटना के पांच घंटे बाद तक महिला दर्द से कराहती रही। बाद में स्थानीय लोगो की मदद से उसे अस्पताल ले जाया गया। महिला की हालत गंभीर है और उसको बेहतर ईलाज की जरूरत है। महिला ने पुलिस को बताया कि आरोपितो ने उसे पकड़कर दोनों हाथ बांध दिए थे। वह चिल्लाती लेकिन दरिदों ने उसका मुंह दबा रखा था।

  • पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में जारी है हिंसा

    पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में जारी है हिंसा

    दार्जिलिंग। दार्जिलिंग में जारी हिंसा थमने का नाम ही नही ले रही है। रुक रुक हो रही इस हिंसा में तीन लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। भीड़ ने ऐतिहासिक टॉय ट्रेन, तृणमूल कांग्रेस के दफ्तर और एक पुलिस की गाड़ी में आग लगा दी है। प्रशासन का कहना है कि पुलिस के साथ झड़प में केवल एक व्यक्ति की मौत हुई है लेकिन गोरखा जनमुक्ति मोर्चा का कहना है कि तीन लोगों की मौत हुई है। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ही वो संगठन है जो पश्चिम बंगाल से एक नए राज्य की मांग कर रहा है। इन प्रदर्शनों की वजह से सामान्य जन-जीवन पर काफी बुरा असर पड़ा है। इसके साथ ही पर्यटक भी अपने पसंदीदा जगह तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। पिछले एक महीने से स्कूल, ऑफिस और दुकानें सब बंद हैं।

  • छापेमारी में पुलिस को मिला 400 हथियार

    छापेमारी में पुलिस को मिला 400 हथियार

    गोरखालैंड हिंसा

    पश्चिम बंगाल। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग पहाडि़यों को मिलाकर अलग गोरखालैंड की मांग मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए राजनीतिक संकट का रूप लेने लगी है। गुरुवार को गोरखा जनमुक्ति मोर्चा प्रमुख बिमल गुरूंग से जुड़े कुछ परिसरों पर पुलिस के द्वारा की गई छोपमारी की है। पुलिस को करीब 400 हथियार का बड़ा जखिरा हाथ लगा है। इसके बाद प्रदर्शनकारी और पुलिस के बीच झड़प हो गई। दोनो ओर से एक-दूसरे पर पथराव किया। आंदोलनकारियों ने एक कार में आग लगा दी है। बतातें चलें कि गुरूंग का अलगाववादी आंदोलन बेहद हिंसक रहा है।