दुनिया में कुछ ऐसे भी कानून है जो कि सुनने में बहुत ही अजीब लगता है। पर है ये सच। आप के लिए प्रस्तुत है 100 ऐसे ही विचित्र कानूनो का बेहतरीन संकलन। जिसे पढ़ कर आप चौक जायेंगे।
1. ओकलाहोमा में अगर आपने किसी कुत्ते को चिढ़ाने की कोशिश की, तो आपको हिरासत में ले लिया जाएगा।
2. ऊटाह में सड़क किनारे पेपर बैग में वायलिन कैरी करना गैरकानूनी है।
3. सन फ्रांसिस्को में सड़क किनारे घोड़े के खाद का 6 फीट ऊंचा ढेर लगाना गैरकानूनी है।
4. टेक्सास के देवोन में अर्धनग्न होकर फर्नीचर बनाना कानून के खिलाफ है।
5. मोन्टाना के बोजमैन में सूर्यास्त के बाद घर के आंगन में यौन गतिविधियों पर प्रतिबंध है।
6. कैलिफोर्निया में ड्राइवर रहित वाहन को 60 मील/ घंटे के अधिक रफ्तार से चलाना गैरकानूनी है।
7. फ्लेरिडा में सार्वजनिक रूप से पुरुषों के बिना फीते के गाउन पहनने पर प्रतिबंध है।
8. दक्षिण कैरोलीना में रविवार के दिन अदालत भवन के बाहर महिलाओं को मारना गैर कानूनी नहीं है।
9. टेनेसी में अगर आप कार ड्राइव करते वक्त सो गए, तो फिर आप कानून तोड़ने के भागीदारी होंगे।
10. न्यूयॉर्क में छत से कूदने पर मौत की सजा का प्रावधान है।
11. पेनसिल्वेनिया के दानविले में आग लगने के एक घंटे पहले फायर नोजल चेक होना जरूरी है।
12. विस्कॉन्सिन के कॉनर्सविले में यौन क्रिया के दौरान जब महिला ऑरगेज्म के करीब हो, तब पुरुष द्वारा बंदूक फायर करना गैरकानूनी है।
13. पेन्सिलवेनिया में डॉलर को धागे से बांध कर दूसरों को झांसा देना कानून के खिलाफ है।
14. न्यूयॉर्क के रेस्टोरेंट में सैंडविच को ‘कॉर्न्ड बीफ सैंडविच’ बोलना गैरकानूनी है, अगर वह सफेद व मेयोनाइज ब्रेड से बना हो।
15. सन फ्रांसिस्को में कार वॉशिंग के दौरान कार को अंडरवेयर से साफ करना गैरकानूनी है।
16. फ्रांस में ‘ईटी’ एक्सट्रा टेरस्ट्रियल डॉल बेचना गैरकानूनी है। यहां उन डॉल्स को बेचने की इजाजत नहीं, जिनके ह्यूमन फेस नहीं होते हैं।
17. लुसियाना में कुदरती दांतों से किसी को काटने पर सामान्य बेईज्जती कहा गया है। लेकिन अगर नकली दांत से किसी को काटा गया हो तो घोर बेईज्जती कहते हैं।
18. वाशिंगटन में किसी भी परिस्थिति में वर्जिन के साथ सेक्स करना गैरकानूनी है। इसमें सुहागरात भी शामिल है।
19. स्विटजरलैंड में रात 10 बजे के बाद पुरुषों द्वारा खड़े होकर रिलैक्स करने को गैरकानूनी कहा गया है।
20. फ्लोरिडा में गुरुवार के दिन 6 बजे के बाद सार्वजनिक जगहों पर हवा छोड़ना गैरकानूनी है।
21. मैसाच्यूट्स रात में बगैर नहाए बिस्तर पर जाना गैरकानूनी है। वही, रविवार के दिन नहाना गैरकानूनी है।
22. सऊदी अरब के जिद्दा में 1979 में होटल के स्वीमिंग पूल में नहाने पर पाबंदी लगा दी गई थी।
23. सैमोओ में खुद के जन्मदिन का तारीख भूलना जुर्म है।
24. अलाबामा में जेल प्रहरियों का अपनी बीबियों से बातचीत करना गैरकानूनी है।
25. इंगलैंड के लंदन में सिटी कैब में पागल कुत्तों या लाशों को ले जाना गैरकानूनी है।
26. इंगलैंड में संसद के सदन के भीतर मरना गैरकानूनी है।
27. इंगलैंड में क्वीन स्टैंप को उल्टा चिपकाना राजद्रोह की श्रेणी में आता है।
28. लॉस एंजिल्स में अगर वेटर कस्टमर से कहता है कि ‘मैं एक एक्टर हूं’, तो ये गैरकानूनी है।
29. इंडियाना में बार्बी डॉल को मेन्स के कपड़े पहनाना गैरकानूनी कृत्य है।
30. एरिज के सिडोना में हस्तरेखा देख कर झूठ बोलना गैरकानूनी है।
31. टेक्सास में खाली बंदूक दिखाकर किसी को धमकी देना गैरकानूनी है।
32. ऑस्ट्रेलिया में उस जानवर का नाम लेना गैरकानूनी कृत्य है, जब आप उसे खाना चाहते हैं।
33. फ्रांस के कान्स में जेरी लुईस का मास्क पहनना गैरकानूनी है।
34. न्यू जर्सी में अगर ट्रैफिक पुलिस के इस सवाल ‘क्या तुम्हें पता है, मैंने तुम्हें क्यों रोका?’ पर आपने कह दिया कि ‘अगर तुम्हें नहीं पता था, तो मैं तुम्हें नहीं बताऊंगा’ जवाब दिया, तो आप पर स्वत: 300 डॉलर यानी 18 हजार रुपए का जुर्माना हो जाएगा।
35. यॉर्क के प्राचीन शहर सीमा के अंदर किसी स्कॉट नगारिक को मारना गैरकानूनी है, अगर वह अपने साथ तीर-धनुष लेकर चल रहा हो।
36. लंदन में टैक्सी रोकना उस वक्त गैरकानूनी है, जब आप प्लेग बीमारी से ग्रसित हैं।
37. केंटुकी में मैदान को लाल रंग रंगना गैरकानूनी है।
38. पुर्तगाल में समुद्र में पिशाब करना गैरकानूनी कृत्य है।
39. दक्षिण कैरोलीना में कुंआरी लड़कियों के एडिबल पैंटीज खरीदने पर पाबंदी है।
40. इटली में मोटे लोगों के पॉलिस्टर कपड़ों से बना परिधान पहनने पर पाबंदी है।
41. मोन्टाना में फोनबुक को आधे हिस्से में फाड़ना गैरकानूनी है।
42. कैलिफोर्निया में अगर कोई स्मूदी (रसीले फलों का जूस), जिसमें गठीला पदार्थ हो बेचते पाया गया, तो वह व्यक्ति कानून तोड़ने की श्रेणी में आएगा।
43. मिशिगन में फायर हाईड्रेंट के साथ घड़ियाल को चेन से बांधना गैरकानूनी है।
44. अर्कन्सास में व्हाइट वेडिंग गाउन में दूसरी बार महिलाओं के शादी करने पर मनाही है।
45. ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया में रविवार को दिन के वक्त सुर्ख पिंक पैंट्स पहनने पर पाबंदी है।
46. कनेक्टिकट में नाइट वॉचमैन (चौकीदार) काम के दौरान डिकैफिनेटेड कॉफी नहीं पी सकते हैं।
47. केंटुकी में जेब में आइसक्रीम कोन्स ले जाना गैरकानूनी है।
48. मिनेसोटा में अगर आप बिल्ली के पीछे अपने पालतू कुत्ते को दौड़ाने के लिए उकसाते हैं, तो ये गैरकानूनी है।
49. लोआ में चुंबने लेने के पांच मिनट बाद आप कानून तोड़ने की श्रेणी में आते हैं।
50. अमेरिका के 24 राज्यों में एक कानून के तहत औरत अपने पति को तलाक दे सकती है, अगर वो नामर्द है।
51. इलियोनॉस में पालतू के मुंह में जली हुई सिगार देना गैरकानूनी है।
52. फ्लोरिडा के मियामी में जानवरों की नकल उतारना गैरकानूनी है।
53. ओहियो के ऑक्सफोर्ड में किसी मर्द की तस्वीर के सामने औरतों का कपड़े पहनना गैरकानूनी है।
54. बाल्टीमोर में शेर को सिनेमाहॉल ले जाना गैरकानूनी कृत्य है।
55. वाशिंगटन में अभिभावकों का खुद को धनी जताना गैरकानूनी है।
56. टेक्सास में अगर आप अपराध कबूल करना चाहते हैं, तो आपको कानूनी तौर पर 24 घंटे पहले पुलिस को सूचित करना होगा।
57. दक्षिण डकोटा में पनीर की फैक्ट्री में सोना गैरकानूनी कृत्य है।
58. मैरीलैंड में रोडियो पर रैंडी न्यूमैन्स के गीत ‘शॉर्ट पीपल’ पर प्रतिबंध जारी है।
59. मिसौरी में महिला ने अगर नाइट गाउन पहनी हो, तो दमकल कर्मी उसे बचा नहीं सकता, क्योंकि वहां ऐसा करना गैरकानूनी कृत्य है।
60. ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया शहर में आप अपने घर का ब्लब खुद नहीं बदल सकते है इसके लिए आपको किसी लाइसेंस शुदा इलेक्ट्रिसियन को बुलाना होगा।
61. फ्रांस में सुअर का नेपोलियन नामकरण करना गैरकानूनी है।
62. इंडोनेशिया में हस्तमैथुन करते पाए जाने पर सिर कलम करने का सजा का प्रावधान है।
63. सन सल्वाडोर में नशे में धुत होकर गाड़ी चलाने वाले शख्स को आग से झुलसाकर मारने का प्रावधान है।
64. बेहराइन में एक पुरुष ही कानूनी तौर पर किसी महिला के गुप्तांग की जांच कर सकता है।
65. रोड आइलैंड पर रविवार के दिन एक ही ग्राहक को टूथ पेस्ट व टूथ ब्रश बेचना गैरकानूनी है।
66. मिनियापोलिस के अलेक्जेंड्रिया में एक पुरुष का सार्डिन मछली की मौजूदगी में महिला के साथ यौन संबंध स्थापित करना गैरकानूनी है।
67. सिंगापुर में च्यूइंग गम चबाना गैरकानूनी है।
68. एरिजोना में ऊंट का शिकार करना गैरकानूनी है।
69. नॉर्थ कैरोलीना मरे लोगों के सामने कसम लेना गैरकानूनी कृत्य है।
70. फ्लोरिडा में पॉर्क्यूपाइन (कांटेदार जानवर) के साथ यौन क्रिया करना गैरकानूनी है।
71. बर्मा में इंटरनेट का इस्तेमाल करना कानून के खिलाफ है। अगर कोई ऐसा करते पकड़ा जाता है, तो उसे जेल हो सकती है।
72. लोआ में घोड़ों का फायर हाइड्रेंट चबाना या खाना गैरकानूनी कृत्य है।
73. वर्माउंट में महिला को नकली दांत लगाने से पहले पति से लिखित में सहमति लेना जरूरी है।
74. लॉस एंजिल्स में एक ही टब में दो बच्चों को स्नान कराना गैरकानूनी है।
75. ओकलाहोमा में अगर आपके बाथटब में गधा सोता पाया गया, तो ये कानून के खिलाफ है।
76. इजरायल में रविवार के दिन नाक झाड़ने पर आप पर मामला दर्ज हो सकता है।
77. स्वीडन में वेश्याओं की सेवाएं लेना गैरकानूनी है। जबकि यहां वेश्यावृत्ति वैध है।
78. थाईलैंड में बगैर अंडरवियर पहने घर से बाहर निकलना गैरकानूनी कृत्य है।
79. कैलिफोर्निया में छोटे तलाब में बच्चे को खेलता छोड़ना गैरकानूनी है।
80. ओकलाहोमा में ऑटोमोबाइल से छेड़छाड़ करना अवैध है।
81. जर्मनी के राजमार्ग पर गाड़ी रोकना गैरकानूनी है।
82. तुर्की में 80 साल के वयोवृद्ध के पायलट बनने पर प्रतिबंध है।
83. शिकागो में ऐसी जगह पर खाना गैरकानूनी है, जहां पर आग हो।
84. पेनसिल्वेनिया में बाहर खुले में फ्रिज के ऊपर नींद लेना गैरकानूनी कृत्य है।
85. नेवाडा के युरेका में मूंछों वाले मर्दों का महिलाओं को किस करना गैरकानूनी है।
86. ओहियो में मछली को शराब पिलाना गैरकानूनी कृत्य है।
87. फ्लोरिडा के मियामी में पुलिस थाने में स्केटिंग करना कानून के खिलाफ है।
88. फ्लोरिडा में रविवार के दिन अविवाहित महिलाओं का पैराशूट पर उड़ना गैरकानूनी है।
89. टेक्सास में होटल की दूसरी मंजिल से किसी भैंस पर गोली चलाना गैरकानूनी है।
90. कोलराडो के शहरी क्षेत्र में किसी पक्षी का शिकार करना गैरकानूनी है।
91. अलाबामा में आंखों पर पट्टी बांधकर गाड़ी चलाना अवैध है।
92. लोवा में पुरुषों का बीयर की तीन सिप लेना गैरकानूनी है, अगर वे अपनी पत्नी के साथ बिस्तर पर हों।
93. कैलिफोर्निया के शिको में अगर कोई शख्स शहरी सीमा के भीतर न्यूक्लियर डिवाइस विस्फोट करता है, तो उसे 500 डॉलर यानी 30 हजार रुपए का जुर्माना भरना होगा।
94. ऊटाह में चलती एम्बुलेंस में महिलाओं का पुरुषों को साथ सेक्स करना गैरकानूनी है।
95. कोलंबिया में बिगफुट (बड़े पैर वाला मानव, जो शायद ही मिले) को मारना गैरकानूनी है।
96. लेबनान में अगर कोई पुरुष किसी नर जानवर के साथ यौन क्रियाएं करता पकड़ा जाए, तो उसे मौत की सजा हो सकती है। लेकिन अगर नर की जगह मादा जानवर हो, तो फिर किसी तरह के सजा का प्रावधान नहीं है।
97. मिनेसोटा में कपड़े धोने वक्त एक ही वाशिंग लाइन पर पुरुष और महिलाओं के अंत: वस्त्र रखना गैरकानूनी है।
98. टेक्सास में खुद की आंखों को बेचना गैरकानूनी है।
99. केंटुकी में छह फीट से ज्यादा लंबे हथियार को छुपा कर ले जाना गैरकानूनी है।
100. मोन्टाना में फोनबुक को आधे हिस्से में फाड़ना गैरकानूनी है।
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सुनने में भले अजीब लगे, पर है ये कानून
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भारत को एनएसजी की सदस्यता मिलने की उम्मीदें बढ़ी
चीन के पुरजोर बिरोध के बावजूद भारत को एनएसजी की सदस्यता मिलने की उम्मीदें बढ़ी है। इस मुद्दे पर जर्मनी ने भारत को अपना समर्थन दिया है। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक एनएसजी परामर्श समूह की बैठक चल रही है। हालांकि, चीन अब भी समर्थन को तैयार नहीं है। वहीं पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान भी अपने पुराने रुख से हटने को तैयार नही है। दरअसल, परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) 48 देशों का एक समूह है। इसका लक्ष्य परमाणु सामग्री, तकनीक एवं उपकरणों का निर्यात व नियंत्रित करना है। परमाणु हथियार बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री की आपूर्ति से लेकर नियंत्रण तक इसी के दायरे में आता है।
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पाकिस्तान में सिर ढ़कने के लिए गुफा खोदते है लोग
पाकिस्तान। खुद को परमाणु संपन्न राष्ट्र कहने वाले पाकिस्तान की बड़ी आबादी आज भी सिर ढ़कने के लिए गुफाओं में रहने को विवश है। पेशावर के निकट तोरखम
मेन हाईवे के पास शगाई किला के आसपास वाले इलाके में 3000 से 4500 लोग गुफाओं में रहते हैं।
जानकारो की माने तो शगाई क्षेत्र के कट्टा कुश्ता और अली मस्जिद इलाके में आज भी बड़ी संख्या में पाकिस्तान के गरीब लोग सिर ढ़कने के लिए गुफाओं में रह रहे हैं। हालांकि, यहां रहने वाले अफ्रीदी की माने तो मैदानों पर बने घरों से ज्यादा गुफाओं में जिंदगी आराम दायक है। अफ्रीदी के अनुसार गुफाओं में रहना एक पुराना तरीका है। लेकिन कुछ लोग इसलिए भी गुफाओं में रहना पसंद करते हैं, क्योंकि उनके पास रहने के लिए अपना मकान नही है। जनसंख्या ज्यादा होने और जगह की कमी होने के कारण यहां रहने वालें लोग अपनी आवश्यकतानुसार गुफा खोद लेते हैं। -
आतंकी हमला में रूस के दस लोगो की मौत
रूस। सेंट पीटर्सबर्ग शहर की मेट्रो में सोमवार को हुए आतंकी हमले में 10 लोगों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए है। हमले में आईएस या चेचेन विद्रोहियों का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है।
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ये है हकीकत कर्बला के जंग की
कौशलेन्द्र झा
घटना 570 ई. की है। जब अरब की सरजमीं पर दरिंदगी अपनी चरम सीमा पर थी। तब ईश्वर ने एक संदेशवाहक पैगम्बर को धरती पर भेजा। जिसने अरब की जमीन को दरिंदगी से निजात दिलाई और निराकार अल्लाह का मनुष्य से परिचय देने के बाद मनुष्यों तक ईश्वर का संदेश पहुंचाया। जो, अल्लाह का दीन है। इसे इस्लाम का नाम दिया गया। दीन, केवल मुसलमानों के लिए नहीं आया। बल्कि, वह सभी मानव के लिए था। क्योंकि, बुनियादी रूप से दीन का इस्लाम में अच्छे कामों का मार्ग दर्शन किया गया है और बुरे कामों से बचने और रोकने के तरीके बताए गए हैं। जब दीने इस्लाम को मोहम्मद साहब ने फैलाना शुरू किया, तब अरब के लगभग सभी कबीलों ने मोहम्मद की बात मानकर अल्लाह का दीन कबूल कर लिया।
मोहम्मद के साथ मिले कबीलों की तादाद देखकर उस समय मोहम्मद के दुश्मन भी मोहम्मद साहब के साथ आ मिले। इनमें कुछ दिखावे में और कुछ डर से। लेकिन वे मोहम्मद से दुश्मनी अपने दिलों में रखे रहे। मोहम्मद के आठ जून, 632 ई. को देहांत के बाद ये दुश्मन धीरे-धीरे हावी होने लगे। पहले दुश्मनों ने मोहम्मद की बेटी फातिमा जहरा के घर पर हमला किया, जिससे घर का दरवाजा टूटकर फातिमा जहरा पर गिरा और 28 अगस्त, 632 ई. को वह इस दुनिया से चली गईं। फिर कई सलों बाद मौका मिलते ही दुश्मनों ने मस्जिद में नमाज पढ़ते समय मोहम्मद के दामाद हजरत अली के सिर पर तलवार मार कर उन्हें शहीद कर दिया। उसके बाद दुश्मनों ने मोहम्मद के बड़े नाती इमाम हसन को जहर देकर शहीद किया।
दुश्मन, मोहम्मद के पूरे परिवार को खत्म करना चाहते थे। इसलिए उसके बाद मोहम्मद के छोटे नाती इमाम हुसैन पर दुश्मन दबाव बनाने लगे कि वह उस समय के जबरन बने खलीफा यजीद जो नाम मात्र का मुसलमान था का हर हुक्म माने और यजीद को खलीफा कबूल करें। यजीद जो कहे उसे इस्लाम में शामिल करें और जो वह इस्लाम से हटाने को कहे वह इस्लाम से हटा दें। यानी मोहम्मद के बनाए हुए दीने इस्लाम को बदल दें। इमाम हुसैन पर दबाव इसलिए था, क्योंकि वह मोहम्मद के चहेते नाती थे।
इमाम हुसैन के बारे में मोहम्मद ने कहा था कि हुसैन-ओ-मिन्नी वा अना मिनल हुसैन यानी हुसैन मुझसे हैं और मैं हुसैन से यानी जिसने हुसैन को दुख दिया उसने मुझे दुख दिया। उस समय का बना हुआ खलीफा यजीद चाहता था कि हुसैन उसके साथ हो जाएं, वह जानता था अगर हुसैन उसके साथ आ गए तो सारा इस्लाम उसकी मुट्ठी में होगा। लाख दबाव के बाद भी हुसैन ने उसकी किसी भी बात को मानने से इनकार कर दिया। तो यजीद ने हुसैन को कत्ल करने की योजना बनाई।
चार मई, 680 ई. में इमाम हुसैन मदीने में अपना घर छोड़कर मक्का शहर पहुंचे। यहां उनका हज करने का इरादा था लेकिन उन्हें पता चला कि दुश्मन हाजियों के भेष में आकर उनका कत्ल कर सकते हैं। हुसैन ये नहीं चाहते थे कि काबा जैसे पवित्र स्थान पर खून बहे। लिहाजा, हुसैन ने हज का इरादा बदल दिया और शहर कूफे की ओर चल दिए। रास्ते में दुश्मनों की फौज ने उन्हें घेर कर कर्बला ले आई। जब दुश्मनों की फौज ने हुसैन को घेरा था, उस समय दुश्मन की फौज बहुत प्यासी थी। इमाम ने दुश्मन की फौज को पानी पिलवाया। यह देखकर दुश्मन फौज के सरदार हजरत हुर्र अपने परिवार के साथ हुसैन से आ मिले। इमाम हुसैन ने कर्बला में जिस जमीन पर अपने तम्बू लगाए, उस जमीन को पहले हुसैन ने खरीदा। फिर, उस स्थान पर अपने खेमे लगाए। यजीद अपने सरदारों के द्वारा लगातार इमाम हुसैन पर दबाव बनाता गया कि हुसैन उसकी बात मान लें।
जब इमाम हुसैन ने यजीद की शर्तें नहीं मानी, तो दुश्मनों ने अंत में नहर पर फौज का पहरा लगा दिया और हुसैन के खेमों में पानी जाने पर रोक लगा दी गई। तीन दिन गुजर जाने के बाद जब इमाम के परिवार के बच्चे प्यास से तड़पने लगे तो हुसैन ने यजीदी फौज से पानी मांगा। किंतु, दुश्मन ने पानी देने से इंकार कर दिया। दुश्मनों ने सोचा हुसैन प्यास से टूट जाएंगे और हमारी सारी शर्तें मान लेंगे। जब हुसैन तीन दिन की प्यास के बाद भी यजीद की बात नहीं माने तो दुश्मनों ने हुसैन के खेमों पर हमले शुरू कर दिए। इसके बाद हुसैन ने दुश्मनों से एक रात का समय मांगा और उस पूरी रात इमाम हुसैन और उनके परिवार ने अल्लाह की इबादत की और दुआ मांगते रहे कि मेरा परिवार, मेरे मित्र चाहे शहीद हो जाए, लेकिन अल्लाह का दीने इस्लाम, जो नाना मोहम्मद लेकर आए थे, वह बचा रहे।
10 अक्टूबर, 680 ई. को सुबह नमाज के समय से ही जंग छिड़ गई। जंग कहना ठीक न होगा। क्योंकि एक ओर 40 हजार की फौज थी, दूसरी तरफ चंद परिवार और उनमें कुछ मर्द। इमाम हुसैन के साथ केवल 75 या 80 मर्द थे। जिसमें 6 महीने से लेकर 13 साल तक के बच्चे भी शामिल थे। इस्लाम की बुनियाद बचाने में कर्बला में 72 लोग शहीद हो गए। जिनमें दुश्मनों ने छह महीने के बच्चे अली असगर के गले पर तीन नोक वाला तीर मार कर उसकी हत्या कर दी। 13 साल के बच्चे हजरत कासिम को जिन्दा रहते घोड़ों की टापों से रौंद डलवाया और सात साल आठ महीने के बच्चे औन-मोहम्मद के सिर पर तलवार से वार कर उसे शहीद कर दिया। इमाम हुसैन की शहादत के बाद दुश्मनों ने इमाम के खेमे भी जला दिए और परिवार की औरत और बीमार मर्दों व बच्चों को बंधक बना लिया।
दरअसल, जो लोग अजादारी (मोहर्रम) मनाते हैं, वह इमाम हुसैन की कुर्बानियों को ही याद करते हैं। कर्बला के बहत्तर शहीद और उनकी संक्षिप्त जीवनी 1. हज़रत अब्दुल्लाह – जनाबे मुस्लिम के बेटे और जनाबे अबू तालिब (अ) के पोते। 2. हज़रत मोहम्मद – जनाबे मुस्लिम के बेटे और जनाबे अबू तालिब (अ) के पोते। 3. हज़रत जाफ़र – हज़रत अक़ील के बेटे और जनाबे अबू तालिब (अ) के पोते। 4. हज़रत अब्दुर्रहमान – हज़रत अक़ील के बेटे और जनाबे अबू तालिब (अ) के पोते। 5. हज़रत मोहम्मद – हज़रत अक़ील के पोते और जनाबे अबू तालिब (अ) के पर पोते। 6. हज़रत मोहम्मद – अब्दुल्ला के बेटे, जाफ़र के पोते और जनाबे अबू तालिब (अ) के पर पोते। 7. हज़रत औन – अब्दुल्ला के बेटे जाफ़र के पोते और जनाबे अबू तालिब (अ) के पर पोते। 8. जनाबे क़ासिम – हज़रत इमाम हुसैन (अ) के बेटे, हज़रत इमाम अली (अ) के पोते और जनाबे अबू तालिब (अ) के पर पोते। 9. हज़रत अबू बक्र – हज़रत इमामे हसन (अ) के बेटे, हज़रत इमामे अली (अ) के पोते और जनाबे अबू तालिब (अ) के पर पोते। 10. हज़रत मोहम्मद – हज़रत इमामे अली (अ) बेटे और जनाबे अबु तालिब (अ) के पोते। 11. हज़रत अब्दुल्ला – हज़रत इमामे अली (अ) बेटे और जनाबे अबु तालिब (अ) के पोते। 12. हज़रत उसमान – हज़रत इमामे अली (अ) बेटे और जनाबे अबु तालिब (अ) के पोते। 13. हज़रत जाफ़र – हज़रत इमामे अली (अ) बेटे और जनाबे अबु तालिब (अ) के पोते। 14. हज़रत अब्बास – हज़रत इमामे अली (अ) बेटे और जनाबे अबु तालिब (अ) के पोते। 15. हज़रत अली अकबर – हज़रत इमामे हुसैन (अ) और हज़रत इमामे अली (अ) के पोते। 16. हज़रत अब्दुल्लाह – हज़रत इमामे हुसैन (अ) और हज़रत इमामे अली (अ) के पोते। 17. हज़रत अली असग़र – हज़रत इमामे हुसैन (अ) और हज़रत इमामे अली (अ) के पोते। 18. हज़रत इमामे हुसैन (अ) – हज़रत इमामे अली (अ) बेटे और जनाबे अबु तालिब (अ) के पोते। कर्बला में शहीद होने वाले दूसरे शोहदा 1. जनाबे मुस्लिम बिन औसजा – रसूल अकरम (स) के सहाबी थे। 2. जनाबे अब्दुल्लाह बिन ओमैर कल्बी – हज़रत अली (अ) के सहाबी थे। 3. जनाबे वहब – इन्होंने इस्लाम क़बूल किया था, करबला में इमाम हुसैन (अ) की नुसरत में शहीद हुए। 4. जनाबे बोरैर इब्ने खोज़ैर हमदानी – हज़रत अली (अ) के सहाबी थे। 5. मन्जह इब्ने सहम – इमाम हुसैन (अ) की कनीज़ हुसैनिया से पैदा हुए थे। 6. उमर बिन ख़ालिद – कूफ़ा के रहने वाले और सच्चे मोहिब्बे अहलेबैत (अ) थे। 7. यज़ीद बिन ज़ेयाद अबू शाताए किन्दी – कूफ़ा के रहने वाले थे। 8. मजमा इब्ने अब्दुल्ला मज़जही – अली (अ) के सहाबी थे, यह जंगे सिफ़्फीन में भी शरीक थे। 9. जनादा बिन हारिसे सलमानी – कूफ़ा के मशहूर शिया थे, यह हज़रते मुस्लिम के साथ जेहाद में भी शरीक थे। 10. जन्दब बिन हजर किन्दी – कूफ़ा के प्रसिद्ध शिया व हज़रत अली (अ) के सहाबी थे। 11. ओमय्या बिन साद ताई – हज़रत अली (अ) के सहाबी थे। 12. जब्ला बिन अली शैबानी – कूफ़ा के बाशिन्दे और हज़रत अली (अ) के सहाबी थे, करबला में हमल-ए-ऊला (यज़ीदियों की तरफ़ से होने वाला पहला आक्रमण) में शहीद हुए। 13. जनादा बिन क़ाब बिन हारिस अंसारी ख़ज़रजी – मक्का से अपने कुन्बे के साथ करबला आए और हमल-ए-ऊला (यज़ीदियों की तरफ़ से होने वाला पहला आक्रमण) में शहीद हुए। 14. हारिस बिन इमरउल क़ैस किन्दी – करबला में उमरे साद की फ़ौज के साथ आए थे लेकिन इमाम हुसैन (अ) के साथ शामिल होकर शहीद हुए। 15. हारिस बिन नैहान – हज़रते हमज़ा के ग़ुलाम नैहान के बेटे और हज़रते अली (अ) के सहाबी थे। 16. हब्शा बिन क़ैस नहमी – आलिमे दीन थे, हमल-ए-ऊला (यज़ीदियों की तरफ़ से होने वाला पहला आक्रमण) में शहीद हुए। 17. हल्लास बिन अम्रे अज़्दी – हज़रत अली (अ) के सहाबी थे। 18. ज़ाहिर बिन अम्रे सल्मी किन्दी – रसूल अकरम (स) के सहाबी और हदीस के रावी थे। 19. स्वार बिन अबी ओमेर नहमी – हदीस के रावी थे, हमल-ए-ऊला (यज़ीदियों की तरफ़ से होने वाला पहला आक्रमण) में शहीद हुए। 20. शबीब बिन अब्दुल्लाह – हारिस बिन सोरैय के ग़ुलाम थे, रसूल अकरम (स) और हज़रत अली (अ) के सहाबी थे। 21. शबीब बिन अब्दुल्लाह नहशली – हज़रत अली (अ) के सहाबी थे। 22. अब्दुर्रहमान बिन अब्दे रब अन्सारी ख़ज़रजी – रसूल अकरम (स) के सहाबी थे। 23. अब्दुर्रहमान बिन अब्दुल्लाह बिन कदन अरहबी – जनाबे मुस्लिम के साथ कूफ़ा पहुँचे किसी तरह बचकर करबला पहुँचे और हमल-ए-ऊला (यज़ीदियों की तरफ़ से होने वाला पहला आक्रमण) में शहीद हुए। 24. अम्मार बिन अबी सलामा दालानी – रसूल अकरम (स) और हज़रत अली (अ) के साथ भी शरीक थे। करबला में हमल-ए-ऊला (यज़ीदियों की तरफ़ से होने वाला पहला आक्रमण) में शहीद हुए। 25. क़ासित बिन ज़ोहैर तग़लबी – यह और इनके दो भाई हज़रत अल (अ) के सहाबी थे। 26. कुरदूस बिन ज़ोहैर बिन हारिस तग़लबी – क़ासित इब्ने ज़ोहैर के भाई और हज़रत अली (अ) के सहाबी थे। 27. मसऊद बिन हज्जाज तैमी – उमरे साद की फ़ौज में शामिल होकर करबला पहुँचे लेकिन इमाम हुसैन (अ) की नुसरत में शहीद हुए। 28. मुस्लिम बिन कसीर सदफ़ी अज़्दी – जंगे जमल में हज़रत अली (अ॰स॰) के साथ थे, करबला में हमला-ए-ऊला (यज़ीदियों की तरफ़ से होने वाला पहला आक्रमण) में शहीद हुए। 29. मुस्कित बिन ज़ोहैर तग़लबी – करबला में हमला-ए-ऊला (यज़ीदियों की तरफ़ से होने वाला पहला आक्रमण) में शहीद हुए। 30. कनाना बिन अतीक़ तग़लबी – करबला में हमला-ए-ऊला (यज़ीदियों की तरफ़ से होने वाला पहला आक्रमण) में शहीद हुए। 31. नोमान बिन अम्रे अज़दी – हज़रत अली (अ) के सहाबी थे, हमला-ए-ऊला (यज़ीदियों की तरफ़ से होने वाला पहला आक्रमण) में शहीद हुए। 32. नईम बिन अजलान अंसारी – हमला-ए-ऊला (यज़ीदियों की तरफ़ से होने वाला पहला आक्रमण) में शहीद हुए। 33. अम्र बिन जनादा बिन काब ख़ज़रजी – करबला में बाप की शहादत के बाद माँ के हुक्म से शहीद हुए। 34. हबीब इब्ने मज़ाहिर असदी – हज़रत रसूल अकरम (स) के सहाबी, हज़रत अली (अ), हज़रत इमामे हसन (अ) के सहाबी थे, इमामे हुसैन (अ) के बचपन के दोस्त थे और करबला में शहीद हुए। 35. मोसय्यब बिन यज़ीद रेयाही – हज़रत हुर के भाई थे। 36. जनाबे हुर बिन यज़ीद रेयाही – यज़ीदी फ़ौज के सरदार थे, बाद में इमामे हुसैन (अ) की ख़िदमत में हाज़िर होकर शहादत का गौरव प्राप्त किया। 37. हुज़्र बिन हुर यज़ीद रेयाही – जनाबे हुर के बेटे थे। 38. अबू समामा सायदी – आशूर के दिन नमाज़े ज़ोहर के एहतेमाम में दुश्मनों के तीर से शहीद हुए। 39. सईद बिन अब्दुल्लाह हनफ़ी – ये भी नमाज़े ज़ोहर के समय इमाम हुसैन (अ) के सामने खड़े हुए और दुश्मनों के तीर से शहीद हुए। 40. ज़ोहैर बिन क़ैन बिजिल्ली – ये भी नमाज़ ज़ोहर में ज़ख़्मी होकर जंग में शहीद हुए। 41. उमर बिन करज़ाह बिन काब अंसारी – ये भी नमाज़े ज़ोहर में शहीद हुए। 42. नाफ़े बिन हेलाल हम्बली – नमाज़े ज़ोहर की हिफ़ाज़त में जंग की और बाद में शिम्र के हाथों शहीद हुए। 43. शौज़ब बिन अब्दुल्लाह – मुस्लिम इब्ने अक़ील का ख़त लेकर कर्बला पहुँचे और शहीद हुए। 44. आबिस बिन अबी शबीब शकरी – हज़रत इमाम अली (अ) के सहाबी थे, रोज़े आशूरा कर्बला में शहीद हुए। 45. हन्ज़ला बिन असअद शबामी – रोज़े आशूर ज़ोहर के बाद जंग की और शहीद हुए। 46. जौन ग़ुलामे अबूज़र ग़फ़्फ़ारी – हब्शी थे, हज़रत अबूज़र ग़फ़्फ़ारी के ग़ुलाम थे। 47. ग़ुलामे तुर्की – हज़रत इमामे हुसैन (अ) के ग़ुलाम थे, इमाम ने अपने बेटे हज़रत इमामे ज़ैनुल आबेदीन (अ) के नाम हिबा कर दिया था। 48. अनस बिन हारिस असदी – बहुत बूढ़े थे, बड़े एहतेमाम के साथ शहादत नोश फ़रमाई। 49. हज्जाज बिन मसरूक़ जाफ़ी – मक्के से इमाम हुसैन (अ) के साथ हुए और वहीं से मोअज़्ज़िन का फ़र्ज़ अंजाम दिया। 50. ज़ियाद बिन ओरैब हमदानी – इनके पिता हज़रत रसूल अकरम (स) के सहाबी थे। 51. अम्र बिन जुनदब हज़मी – हज़रत अली (अ) के सहाबी थे। 52. साद बिन हारिस – हज़रत अली (अ) ग़ुलाम थे। 53. यज़ीद बिन मग़फल – हज़रत अली (अ) के सहाबी थे। 54. सोवैद बिन अम्र ख़सअमी – बूढ़े थे, करबला में इमाम हुसैन (अ॰स॰) के तमाम सहाबियों में सबसे आख़िर में जंग में ज़ख्मी हुए थे। होश में आने पर इमाम हुसैन (अ) की शहादत की ख़बर सुन कर फिर जंग की और शहीद हुए।