अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एच-1बी वीज़ा कार्यक्रम का समर्थन, कुशल श्रमिकों की आवश्यकता पर जोर

US President Donald Trump’s Remarks on Kashmir and India-Pakistan Tensions: A New Perspective on Regional Security

KKN गुरुग्राम डेस्क |  अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में व्हाइट हाउस में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एच-1बी वीज़ा कार्यक्रम का समर्थन किया। उन्होंने देश में कुशल पेशेवरों को आकर्षित करने की आवश्यकता पर बल दिया। इस दौरान ओरैकल के सीटीओ लैरी एलिसन, सॉफ्टबैंक के सीईओ मासायोशी सोन और ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन जैसे प्रमुख व्यवसायिक नेताओं ने भी भाग लिया। ट्रंप ने टेक्नोलॉजी सहित विभिन्न उद्योगों में विशेषज्ञता की बढ़ती मांग पर जोर दिया।

एच-1बी वीज़ा कार्यक्रम पर संतुलित दृष्टिकोण

राष्ट्रपति ट्रंप ने एच-1बी वीज़ा प्रणाली को लेकर चल रही बहस को स्वीकार किया। यह वीज़ा अमेरिकी कंपनियों को टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में कुशल विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने की अनुमति देता है। आलोचकों का मानना है कि यह कार्यक्रम अमेरिकी श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसरों को कम करता है। इसके विपरीत, ट्रंप का कहना है कि कुशल पेशेवरों को आकर्षित करना आर्थिक प्रगति और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा, “मुझे दोनों पक्षों की दलीलें पसंद हैं, लेकिन मैं चाहता हूं कि हमारे देश में बहुत योग्य लोग आएं, भले ही इसका मतलब यह हो कि वे उन लोगों को प्रशिक्षित करें जिनके पास समान योग्यता नहीं है। और मैं केवल इंजीनियरों की बात नहीं कर रहा हूं, बल्कि हर स्तर के लोगों की बात कर रहा हूं।”

टेक्नोलॉजी क्षेत्र में एच-1बी वीज़ा की आवश्यकता

ट्रंप ने टेक्नोलॉजी उद्योग में एच-1बी वीज़ा की भूमिका को विशेष रूप से रेखांकित किया। लैरी एलिसन और मासायोशी सोन जैसे व्यवसायिक नेताओं ने लंबे समय से ऐसी नीतियों की वकालत की है जो वैश्विक प्रतिभा को भर्ती करना आसान बनाती हैं। कृत्रिम बुद्धिमत्ता और सॉफ्टवेयर विकास जैसे क्षेत्रों में तेजी से प्रगति के साथ, कुशल पेशेवरों की मांग बढ़ रही है।

ट्रंप ने कहा, “हमें अपने देश में सर्वश्रेष्ठ लोग चाहिए। लैरी और मासा जैसे नेताओं को ऐसे इंजीनियरों की जरूरत है जो विश्वस्तरीय हों। एच-1बी कार्यक्रम इस जरूरत को पूरा करता है।”

एच-1बी वीज़ा पर सार्वजनिक मतभेद

एच-1बी कार्यक्रम ट्रंप के समर्थन आधार में विवादास्पद मुद्दा बना हुआ है। एलन मस्क जैसे समर्थकों का मानना है कि यह कार्यक्रम अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है और नवाचार को बढ़ावा देता है। वहीं, आलोचक इसे अमेरिकी श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसरों को कम करने वाला मानते हैं।

यह मुद्दा व्यापक राष्ट्रीय बहस को दर्शाता है। कुछ लोग सख्त नीतियों की वकालत करते हैं ताकि स्थानीय रोजगार सुरक्षित रहे, जबकि अन्य वैश्विक प्रतिभा को आकर्षित करने की आवश्यकता पर बल देते हैं।

ट्रंप का संतुलित दृष्टिकोण

राष्ट्रपति ट्रंप का दृष्टिकोण इस बात पर आधारित है कि कुशल श्रमिकों की भर्ती और स्थानीय श्रमिकों के हितों के बीच संतुलन बनाया जाए। उन्होंने यह सुनिश्चित करने की बात कही कि अमेरिका शीर्ष प्रतिभा को आकर्षित करता रहे और व्यवसायों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाए रखे।

“हम गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं,” उन्होंने कहा। “हम व्यवसायों का विस्तार और नवाचार को बढ़ावा देना चाहते हैं, जबकि अपनी आप्रवास प्रणाली में निष्पक्षता बनाए रखना चाहते हैं।”

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